पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर”, फारूक अब्दुल्ला ने अटैक में स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को दर्दनाक बताया साथ ही पाकिस्तान पर कड़े एक्शन की मांग की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं।

पाकिस्तान में बैठे हैं हैंडलर

न्यूज़ 18 से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात पर उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना में कोई भी हो सकता है, जब तक हम उनको पकड़ेंगे नहीं तब तक हम यह नहीं कह सकते हैंडलर कौन है। मैं कह सकता हूं कि इस हमले के पीछे वही होंगे, ये आज की बात नहीं है बल्कि उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ और मुंबई में अटैक किसने किया था? ये बात सभी लोग जानते हैं। हैंडलर तो वहीं (पाकिस्तान) बैठे हैं।

हम अमन से रह रहे ये उन्हें पसंद नहीं आया- फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, उनको (पाकिस्तान) लगा कि हम अमन से रह रहे हैं और यहां हजारों पर्यटक घूम रहे हैं। उनको यह पसंद नहीं आया और वह चाहते हैं कि जब हम 1947 में उनके साथ नहीं बने हैं तो वह जितना हमें बर्बाद कर सकेंगे, वो ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं। वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। मैंने कहा था, उसे रिहा मत करो; वह रास्तों को जानता है और उन्हें मैप भी कर चुका है। कौन जानता है, हो सकता है कि इसमें उसका हाथ भी हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, वे उसे सीमा पार ले गए।

आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी- फारूक अब्दुल्ला

अब पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहिए? इस सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं प्रधानमंत्री के हर फैसले के साथ हूं। वो जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं। वो जो सोचेंगे बेहतर है। हम चाहते हैं आतंकवाद बिल्कुल खत्म हो। अब जड़ से इसे उखाड़ा जाए। जो इसके पीछे जिम्मेवार हैं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी। जब भी आक्रमण हुआ है, उनकी (पाकिस्तान) तरफ से हुआ है। हमने शुरू नहीं किया। उसने शुरू किया। फिर हमने कार्रवाई की। हम इंसानियत के पक्षधर हैं। ये महात्मा गांधी का देश है।

पाक से बातचीत की सलाह पर अफसोस

पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं अफसोस करता हूं कि मैं इसकी बात करता था। खुद अफसोस करता हूं। जिस चीज को कहता था, आज उससे हार गया। उन्होंने (पाक) मुझे हरा दिया। वो मानते ही नहीं थे। वो टेबल पर आना ही नहीं चाहते हैं। क्या कश्मीर उनके साथ जा सकता है। कभी नहीं। जिनको पाकिस्तान जाना था, वो काफी पहले जा चुके हैं।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

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आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए…” फारूक अब्दुल्ला ने गाया माता का भजन

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जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को मां शेरा वाली को समर्पित एक भजन गाकर श्रद्धालुओं को चौंका दिया। उन्होंने कटरा के आश्रम में 'तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये' भजन गाया। अब्दुल्ला के भजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इससे पहले अप्रैल 2024 में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे। लाल चुनरी ओढ़े हुए फारूक अब्दुल्ला मातारानी के लिए भजन गाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने भजन गायक के सुर में सुर मिलाकर ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन गुनगुनाया।’फारूक अब्दुल्ला 87 साल के हैं और उन्होंने सुरीली आवाज मे जब भजन गुनगुनाया तो आश्रम में मौजूद लोग बहुत खुश हो गए।

रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध को दिया समर्थन

इस मौके पर अब्दुल्ला ने रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध में अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वहां रह रहे लोगों की हितों को नुकसान पहुंचे। ना ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए, जिससे उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शहर में अगर कोई नई परियोजना या निर्माण शुरू करना है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों से जुड़े विषयों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कटरा शहर में रोपवे बनाने वाले बोर्ड की कड़ी निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आवाज उठाई।

हो रहा रोपवे का विरोध?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नवंबर 2024 में गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। बोर्ड का कहना है कि इस रास्ते पर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। कई लोग इसमें सक्षम नहीं होते है और उन्हें पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ता है। श्रद्धालुओं की आसानी के लिए रोपवे बनाया जाएगा। इसमें 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके जरिए ताराकोट मार्ग को सांजी छत से जोड़ा जाएगा, जो मंदिर की ओर जाता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने वाले हजारों श्रमिकों की आजीविका बंद हो जाएगी।

कठुआ हमले पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले-ऐसा ना हो कि युद्ध हो जाए

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकियों ने सेना के गश्ती वाहन को निशाना बनाया जिसमें पांच सैनिक शहीद हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू के कठुआ में पांच जवानों के शहीद होने पर मंगवाल को बड़ा बयान दिया है।आतंकियों की इस हरकत पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कठुआ हमले पर कहा, सारी दुनिया में इसकी निंदा हो रही है। ये गलत है। दुनिया का कोई देश आतंकवाद को कबूल करने के लिए तैयार नहीं है। ये आतंकवाद उन्हें (पाकिस्तान) बर्बाद कर देगा। जब आतंकवाद बंद होगा तब बातचीत शुरू होगी। दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकती। उन्हें इस बारे में सख़्त कदम उठाने चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी वारदातों से कहीं ऐसा न हो कि भारत के लोगों का लावा इतना बढ़ जाए कि उन्हें लड़ाई पर करनी पड़ जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही बर्बाद हो चुका है ऐसे में उसे यह सोचना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि लड़ाई से दोनों ही मुल्कों में सिर्फ और सिर्फ तबाही ही मचेगी इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना बंद करना चाहिए. जो पाकिस्तान कर रहा है वह पूरी तरह से गलत है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कठुआ में सोमवार को भारतीय सेना की गाड़ी पर गोलीबारी और ग्रेनेड हमले की सख्त निंदा की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की शहादत और छह जवानों के घायल होने की खबर बेहद दुखद और निंदनीय है। जम्मू प्रांत में आतंकवाद का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। हमारी संवेदनाएं घायल जवानों और उनके परिवारों के साथ है। सरकार को आतंकवाद से निपटने और जनता की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर”, फारूक अब्दुल्ला ने अटैक में स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

#pahlagamterrorattackfarooqabdullah

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को दर्दनाक बताया साथ ही पाकिस्तान पर कड़े एक्शन की मांग की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं।

पाकिस्तान में बैठे हैं हैंडलर

न्यूज़ 18 से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात पर उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना में कोई भी हो सकता है, जब तक हम उनको पकड़ेंगे नहीं तब तक हम यह नहीं कह सकते हैंडलर कौन है। मैं कह सकता हूं कि इस हमले के पीछे वही होंगे, ये आज की बात नहीं है बल्कि उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ और मुंबई में अटैक किसने किया था? ये बात सभी लोग जानते हैं। हैंडलर तो वहीं (पाकिस्तान) बैठे हैं।

हम अमन से रह रहे ये उन्हें पसंद नहीं आया- फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, उनको (पाकिस्तान) लगा कि हम अमन से रह रहे हैं और यहां हजारों पर्यटक घूम रहे हैं। उनको यह पसंद नहीं आया और वह चाहते हैं कि जब हम 1947 में उनके साथ नहीं बने हैं तो वह जितना हमें बर्बाद कर सकेंगे, वो ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं। वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। मैंने कहा था, उसे रिहा मत करो; वह रास्तों को जानता है और उन्हें मैप भी कर चुका है। कौन जानता है, हो सकता है कि इसमें उसका हाथ भी हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, वे उसे सीमा पार ले गए।

आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी- फारूक अब्दुल्ला

अब पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहिए? इस सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं प्रधानमंत्री के हर फैसले के साथ हूं। वो जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं। वो जो सोचेंगे बेहतर है। हम चाहते हैं आतंकवाद बिल्कुल खत्म हो। अब जड़ से इसे उखाड़ा जाए। जो इसके पीछे जिम्मेवार हैं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी। जब भी आक्रमण हुआ है, उनकी (पाकिस्तान) तरफ से हुआ है। हमने शुरू नहीं किया। उसने शुरू किया। फिर हमने कार्रवाई की। हम इंसानियत के पक्षधर हैं। ये महात्मा गांधी का देश है।

पाक से बातचीत की सलाह पर अफसोस

पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं अफसोस करता हूं कि मैं इसकी बात करता था। खुद अफसोस करता हूं। जिस चीज को कहता था, आज उससे हार गया। उन्होंने (पाक) मुझे हरा दिया। वो मानते ही नहीं थे। वो टेबल पर आना ही नहीं चाहते हैं। क्या कश्मीर उनके साथ जा सकता है। कभी नहीं। जिनको पाकिस्तान जाना था, वो काफी पहले जा चुके हैं।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

#farooqabdullahsecretlyagreedtoarticle370_removal

आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए…” फारूक अब्दुल्ला ने गाया माता का भजन

#farooqabdullahsurprisedeveryonesingingmatavaishnodevibhajan

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को मां शेरा वाली को समर्पित एक भजन गाकर श्रद्धालुओं को चौंका दिया। उन्होंने कटरा के आश्रम में 'तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये' भजन गाया। अब्दुल्ला के भजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इससे पहले अप्रैल 2024 में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे। लाल चुनरी ओढ़े हुए फारूक अब्दुल्ला मातारानी के लिए भजन गाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने भजन गायक के सुर में सुर मिलाकर ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन गुनगुनाया।’फारूक अब्दुल्ला 87 साल के हैं और उन्होंने सुरीली आवाज मे जब भजन गुनगुनाया तो आश्रम में मौजूद लोग बहुत खुश हो गए।

रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध को दिया समर्थन

इस मौके पर अब्दुल्ला ने रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध में अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वहां रह रहे लोगों की हितों को नुकसान पहुंचे। ना ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए, जिससे उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शहर में अगर कोई नई परियोजना या निर्माण शुरू करना है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों से जुड़े विषयों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कटरा शहर में रोपवे बनाने वाले बोर्ड की कड़ी निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आवाज उठाई।

हो रहा रोपवे का विरोध?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नवंबर 2024 में गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। बोर्ड का कहना है कि इस रास्ते पर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। कई लोग इसमें सक्षम नहीं होते है और उन्हें पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ता है। श्रद्धालुओं की आसानी के लिए रोपवे बनाया जाएगा। इसमें 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके जरिए ताराकोट मार्ग को सांजी छत से जोड़ा जाएगा, जो मंदिर की ओर जाता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने वाले हजारों श्रमिकों की आजीविका बंद हो जाएगी।

कठुआ हमले पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले-ऐसा ना हो कि युद्ध हो जाए

#farooq_abdullah_reaction_on_martyrdom_five_india_army_soldiers_in_kathua 

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकियों ने सेना के गश्ती वाहन को निशाना बनाया जिसमें पांच सैनिक शहीद हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू के कठुआ में पांच जवानों के शहीद होने पर मंगवाल को बड़ा बयान दिया है।आतंकियों की इस हरकत पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कठुआ हमले पर कहा, सारी दुनिया में इसकी निंदा हो रही है। ये गलत है। दुनिया का कोई देश आतंकवाद को कबूल करने के लिए तैयार नहीं है। ये आतंकवाद उन्हें (पाकिस्तान) बर्बाद कर देगा। जब आतंकवाद बंद होगा तब बातचीत शुरू होगी। दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकती। उन्हें इस बारे में सख़्त कदम उठाने चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी वारदातों से कहीं ऐसा न हो कि भारत के लोगों का लावा इतना बढ़ जाए कि उन्हें लड़ाई पर करनी पड़ जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही बर्बाद हो चुका है ऐसे में उसे यह सोचना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि लड़ाई से दोनों ही मुल्कों में सिर्फ और सिर्फ तबाही ही मचेगी इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना बंद करना चाहिए. जो पाकिस्तान कर रहा है वह पूरी तरह से गलत है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कठुआ में सोमवार को भारतीय सेना की गाड़ी पर गोलीबारी और ग्रेनेड हमले की सख्त निंदा की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की शहादत और छह जवानों के घायल होने की खबर बेहद दुखद और निंदनीय है। जम्मू प्रांत में आतंकवाद का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। हमारी संवेदनाएं घायल जवानों और उनके परिवारों के साथ है। सरकार को आतंकवाद से निपटने और जनता की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।