मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड के कृषि एवं वनोपज क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु दिए महत्वपूर्ण निर्देश
रांची, 10 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा में सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धकोफेड) के निदेशक मंडल की चतुर्थ बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान कृषि एवं वनोपज क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को फसलों के उचित दाम और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
प्रमुख घोषणाएँ और निर्देश
1. किसानों के लिए डिजिटल क्रांति
स्पेशल मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile App): मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को किसानों के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित करने का निर्देश दिया।
उद्देश्य: किसान अपनी फसलों, कृषि सामग्रियों, विपणन स्थिति और बाजार संबंधी जानकारी को सीधे डिजिटल माध्यम से साझा कर सकेंगे।
लाभ: बेहतर मूल्य निर्धारण में सहायता मिलेगी और बाजार की वास्तविक स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त होगी।
स्थानीय कृषि पोर्टल (Local Portal): कृषि विभाग का एक लोकल पोर्टल विकसित करने का निर्देश दिया गया, जिससे उपभोक्ता सीधे किसानों से जुड़कर कृषि उत्पादों की खरीद कर सकें। यह पहल बिचौलियों की भूमिका को घटाएगी और पारदर्शिता लाएगी।
2. प्रशिक्षण और तकनीकी सुदृढ़ीकरण
'किसान पाठशाला' को बढ़ावा: किसानों को ज्ञान और तकनीक के माध्यम से समृद्ध बनाने के लिए “किसान पाठशाला” जैसी पहलों को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया।
वीडियो आधारित प्रशिक्षण: किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों, संरक्षण तकनीकों और नवाचारों से जोड़ने के लिए वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे, ताकि वे मूल्य संवर्धन की तकनीकों को अपना सकें।
3. वनोपज और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण
विशिष्ट वनोपज पर ध्यान: मुख्यमंत्री ने लाह, इमली, कोदो, कुटकी, चिरौंजी, महुआ, करंज, रेशम और तसर जैसे झारखंड के विशिष्ट वनोपजों के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन को सुदृढ़ करने पर बल दिया।
वैश्विक पहचान: झारखंड सरकार राज्य के वनोपज उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस और निर्णायक पहल करेगी।
समन्वित प्रयास: कृषि एवं वनोपज आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सभी विभागों को समन्वित रूप से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
4. जल संरक्षण एवं स्वामित्व
चेक डैमों की देखरेख: मुख्यमंत्री ने जलस्रोतों के संरक्षण और चेक डैमों की मरम्मत पर विशेष बल दिया।
सामुदायिक जिम्मेदारी: इन जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसानों के समूहों या जलसहिया समितियों को सौंपने का सुझाव दिया गया, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री का वक्तव्य
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा, "खेती-किसानी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए किसानों की समृद्धि ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता ही झारखंड के किसानों की सशक्तता की कुंजी है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–26 एवं 2026–27 के लिए विभिन्न योजनाओं, बजट एवं कार्ययोजनाओं पर विस्तृत विचार–विमर्श किया गया।
6 hours ago
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