नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए मानव पूंजी पर विशेष फोकस

नई दिल्ली/रांची:- देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन का केंद्रीय विषय “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” रहा, जिसके अंतर्गत देश के समग्र और सतत विकास हेतु मानव संसाधनों को सशक्त बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

सम्मेलन में विशेष रूप से पाँच प्रमुख क्षेत्रों प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा तथा खेल एवं सह-पाठ्य गतिविधियों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन क्षेत्रों को भारत के भविष्य की सशक्त नींव के रूप में रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय रूप से सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचारों और प्रभावी पहलों को साझा किया गया। ’’झारखंड सरकार द्वारा शून्य से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। राज्य में लागू मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक के माध्यम से माता-पिता एवं देखभालकर्ताओं को बच्चों की देखभाल, पोषण और प्रारंभिक सीख से जुड़ी सरल, एकरूप एवं व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बाल विकास से संबंधित सेवाएँ तथा जागरूकता सुनिश्चित कर रही हैं।’’

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी झारखंड सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य का टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों की आवश्यकताओं पर आधारित निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक छह माह में टीचर नीड्स असेसमेंट किया जाता है, जिसके आधार पर शिक्षकों को लक्षित एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2024 में आयोजित इसके प्रथम चरण में 1,10,094 पंजीकृत शिक्षकों में से 99.26 प्रतिशत की भागीदारी इस पहल की व्यापक स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को दर्शाती है।

मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत करते हुए नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है।

बोकारो में राष्ट्रीय महिला ताइक्वांडो का शंखनाद: 17 राज्यों की 500 बेटियां दिखा रही हैं दम; मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने किया उद्घाटन

बोकारो | 27 दिसंबर 2025: बोकारो स्टील सिटी स्थित जीजीपीएस विद्यालय के प्रांगण में आज सांस्कृतिक उत्सव और खेल भावना के बीच प्रथम दिशोम गुरु शिबू सोरेन मेमोरियल ट्रॉफी महिला राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप-2025 का शानदार आगाज़ हुआ। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री योगेंद्र प्रसाद, विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो और श्री उमाकांत रजक ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु:

राष्ट्रीय भागीदारी: देश के 17 राज्यों से लगभग 500 महिला खिलाड़ी इस चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा और आत्मरक्षा के कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं।

दिशोम गुरु को नमन: कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अतिथियों के प्रेरक संबोधन:

मंत्री योगेंद्र प्रसाद: "बोकारो शिक्षा के साथ अब खेल और संस्कृति का भी केंद्र बन रहा है। हमारी बेटियों ने साबित कर दिया है कि वे अभिशाप नहीं, बल्कि समाज के लिए वरदान हैं। यह प्रतियोगिता महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।"

विधायक मथुरा प्रसाद महतो: "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड खेलों का हब बन रहा है। मेधावी खिलाड़ियों को सीधे राजपत्रित पदों पर नियुक्ति देकर सरकार उनका मनोबल बढ़ा रही है। मार्च में बोकारो 'खो-खो' की राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए भी तैयार है।"

विधायक उमाकांत रजक: "धोनी और ईशान किशन जैसे सितारों ने झारखंड का मान बढ़ाया है। बोकारो अब एजुकेशनल हब के साथ-साथ स्पोर्ट्स हब के रूप में नई पहचान बना रहा है।"

उपायुक्त अजय नाथ झा: "ताइक्वांडो केवल एक खेल नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और साहस का प्रतीक है। बेटियों को अब डर त्याग कर सफलता की ऊँची उड़ान भरनी है।"

विशेष उपस्थिति:

ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष फिरोज अहमद और झारखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन के महासचिव संजय शर्मा ने खिलाड़ियों को अनुशासन और निरंतर अभ्यास का मंत्र दिया। इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी हेमलता बुन सहित विद्यालय प्रबंधन के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची में 'हाई अलर्ट': आईजी, उपायुक्त और एसएसपी ने जवानों को किया ब्रीफ; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

रांची | 27 दिसंबर 2025: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के तीन दिवसीय (28-30 दिसंबर) झारखंड दौरे के मद्देनजर राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। दौरे की पूर्व संध्या पर आज जोनल आईजी श्री मनोज कौशिक, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री और वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने संयुक्त रूप से पुलिस पदाधिकारियों और दंडाधिकारियों की ब्रीफिंग की।

सुरक्षा का त्रि-स्तरीय घेरा और हाई अलर्ट

जिला प्रशासन ने पूरे शहर में हाई अलर्ट घोषित किया है। ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुस्तैदी: सड़क मार्ग के हर कट, चौराहे और संवेदनशील स्थानों पर वायरलेस सेट के साथ जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

नो फ्लाई जोन: सुरक्षा कारणों से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और निर्धारित रूटों के आसपास के क्षेत्रों को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है।

आम जनता की सुविधा प्राथमिकता

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि सुरक्षा के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रपति के दौरे के कारण आम नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो। यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशील रहने को कहा गया है।

प्रशासन की अपील: संदिग्धों पर रखें नजर

रांची जिला प्रशासन ने नागरिकों से सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को देने का अनुरोध किया गया है। जन शिकायतों के लिए प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर 9430328080 भी जारी किया है।

24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

ससुराल से लौटते वक्त बुझ गया घर का चिराग औरंगाबाद में दर्दनाक सड़क हादसा: बाइक सवार युवक की मौत,


औरंगाबाद।

जिले के बारुण थाना क्षेत्र में शनिवार को एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान बहुआरा गांव निवासी कपिल देव सिंह के 32 वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार के रूप में हुई है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए।

जानकारी के अनुसार प्रमोद एक दिन पहले शुक्रवार को अपनी पत्नी पूनम को ससुराल छोड़ने गया था। रात में वहीं रुकने के बाद शनिवार को वह अपने घर लौट रहा था। जैसे ही वह श्री सीमेंट फैक्ट्री के पास पहुंचा, पीछे से आ रहे तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रमोद की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद वाहन चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। शव को देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पत्नी, माता-पिता और परिजन शव से लिपटकर चीत्कार करने लगे। इस दर्दनाक मंजर को देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर करीब एक घंटे तक जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।

सूचना पर नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन आक्रोशित लोगों ने शव उठाने से मना कर दिया। काफी समझाने-बुझाने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया।

परिजनों ने बताया कि प्रमोद दो भाइयों में बड़ा था। करीब तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसका एक साल का बेटा है। वह मुंबई में रहकर एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था और करीब एक महीने पहले ही घर आया था। परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्री सीमेंट फैक्ट्री के आसपास सड़क के दोनों ओर भारी वाहनों की अवैध पार्किंग रहती है। फैक्ट्री से उड़ने वाली धूल के कारण सड़क पर हमेशा धुंध छाई रहती है, जिससे बाइक और छोटे वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। इसी वजह से यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

ग्रामीणों ने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही सड़क के दोनों ओर अवैध पार्किंग पर रोक लगाने और फैक्ट्री क्षेत्र में नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके।

प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026 की तैयारियो को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित


संजय द्विवेदी, प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया।ब्रीफिंग कार्यक्रम को सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय द्वारा संबोधित किया गया।उन्होंने सभी थाना प्रभारी/चौकी प्रभारियो को अवगत कराया कि आगामी स्नान पर्व निकट है ऐसे में सभी को मुख्य मार्गो स्नान घाटो एवं आपातकालीन योजनाओ की विधिवत जानकारी रखते हुए अपने-अपने थाना स्तर पर क्रमवार ड्यूटी निर्धारण करना होगा तथा ड्यूटी प्वाइंट पर जाकर पुलिस बल को ब्रीफ करना सुनिश्चित करे।

इसके उपरान्त अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा द्वारा ब्रीफिंग के दौरान आपातकालीन योजनाओं पर विशेष बल देते हुए एक-एक योजना को विस्तार से समझाया गया।उन्होंने महाकुम्भ के अनुभव साझा करते हुए अधिक से अधिक रिहर्सल एवं अभ्यास करने पर जोर दिया ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।इसके पश्चात जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा ने सभी सेक्टर प्रभारियो को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने सर्किल के क्षेत्राधिकारियो एवं थाना प्रभारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर एकजुट होकर कार्य करे जिससे माघ मेला–2026 को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके।

उन्होंने निर्देशित किया कि 30.12.2025 तक सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली जाएँ। साथ ही पुलिस प्रशासन एवं अन्य विभागो के बीच आपसी परिचय एवं समन्वय प्रत्येक सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी का मोबाइल नम्बर अपने पास रखना पार्किंग एवं होल्डिंग एरिया का निरीक्षण करना तथा प्रत्येक मजिस्ट्रेट को पुलिस के साथ भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए।अंत में पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा पुलिस बल को सम्बोधित करते हुए निर्देशित किया गया कि सभी अपने-अपने थाना क्षेत्रो में आपातकालीन योजनाओं का नियमित अभ्यास करेगे तथा फुट पेट्रोलिंग एवं रात्रि गश्त को प्रभावी रूप से संचालित करेंगे। उन्होने सभी प्रमुख बिन्दुओं पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाने निरंतर चेकिंग अभियान चलाने एवं पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ हो सके।उन्होने राजपत्रित अधिकारियो को थाना स्तर पर पुलिस बल से अधिक से अधिक संवाद (इंटरैक्शन)करने साथ मेस में भोजन करने मेला ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारी/कर्मचारियो को मेला क्षेत्र न छोड़ने के निर्देश दिए।साथ ही 26.12.2025 को मुख्यमंत्री द्वारा मेला समीक्षा की वीडियो कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों से अवगत कराते हुए उनके कड़ाई से अनुपालन के आदेश दिए।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि माघ मेला–2026 का सफल सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण आयोजन हम सभी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्ण लगन निष्ठा एवं टीमवर्क के साथ निभाएँगे।इस ब्रीफिंग कार्यक्रम में अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनापार अभजीत कुमार सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द सहित माघ मेला से जुड़े अन्य राजपत्रित अधिकारी थाना प्रभारी पीएसी एनडी आर एफ.एसडीआरएफ एवं अन्य सम्बंधित विभागो के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026:श्रद्धालुओ की जल-सुरक्षा को लेकर नाविको के साथ पुलिस- प्रशासन की बैठक दिशा-निर्देश जारी

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार(आई पी एस)द्वारा माघ मेला–2026 में आने वाले लाखो श्रद्धालुओ/स्नानार्थियो की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नाविक संघ के पदाधिकारियो नाविको एवं गोताखोरो के साथ बैठक आयोजित की गई।बैठक के दौरान नाविक संचालको को आवश्यक सुरक्षा सम्बन्धी दिशा-निर्देश दिए गए।पुलिस आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि माघ मेला में देश के विभिन्न क्षेत्रो से आने वाले श्रद्धालुओ/स्नानार्थियो की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोई भी नाविक अपनी नाव में निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियो को न बैठाए क्योंकि क्षमता से अधिक व्यक्तियों को बैठाकर नौ-संचालन करने से दुर्घटना की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि नाव में सवार प्रत्येक व्यक्ति को‘लाइफ सेविंग जैकेट’ पहनाना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए जिससे किसी भी आपात स्थिति अथवा दुर्घटना की दशा में जनहानि को रोका जा सके।इसके साथ ही समस्त नाविकों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए-

निर्धारित दर से अधिक किराया किसी भी दशा में न वसूला जाए।

इस अवसर पर अपर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय नोडल अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द पुलिस उपाधीक्षकगण प्रभारी एस.डी.आर.एफ. कम्पनी कमांडर पी.ए.सी. (बाढ़)सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
पुलिस आयुक्त ने थाना अक्षयवट में पुलिस कर्मियो के साथ किया भोजन
अधिकारियो को नियमित थाना मेस में भोजन करने के निर्देश

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार(आई पी एस)द्वारा हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशो के क्रम में माघ मेला क्षेत्र स्थित थाना अक्षयवट का भ्रमण/निरीक्षण किया गया। भ्रमण के दौरान थाना परिसर कार्यालय एवं मेस का अवलोकन किया गया तथा थाना प्रभारी एवं कर्मचारियो से संवाद किया गया।इसके उपरान्त पुलिस आयुक्त द्वारा अपर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जिलाधिकारी कमिश्नरेट प्रयागराज पुलिस अधीक्षक माघ मेला नोडल अधिकारी माघ मेला तथा थाना अक्षयवट के अधिकारी/कर्मचारीगणो के साथ थाना मेस में बैठकर सामूहिक रूप से भोजन किया गया।

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी राजपत्रित अधिकारी नियमित रूप से अपने-अपने थाना मेस में पुलिस बल के साथ भोजन करेंगे जिससे आपसी संवाद समन्वय एवं टीम भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।पुलिस आयुक्त द्वारा थाना अक्षयवट के रख-रखाव एवं साफ-सफाई की प्रशंसा करते हुए पुलिस बल का मनोबल बनाए रखने एवं उनके साथ निरन्तर सम्पर्क बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया।
आज मनुष्य के पास सुविधाएं तो हैं पर सुख नहीं : स्वामी नारायणानन्द तीर्थ

मुंबई। कांदिवली (पूर्व) स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस में आध्यात्मिक उत्साह चरम पर रहा। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के दिव्य एवं प्रभावशाली प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर कर दिया। स्वामी जी ने कहा कि आज के सामाजिक परिवेश, बढ़ते तनाव, परिवारिक विघटन, मानसिक अवसाद तथा भौतिकता की अंधी दौड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मनुष्य के पास सुविधाएँ हैं, परंतु सुख नहीं; साधन हैं, पर साधना नहीं; उपलब्धियाँ हैं, पर आत्मशांति का अभाव है।" ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता मानवता के लिए संजीवनी है जो भटके मन को दिशा देती है और जीवन को संतुलन प्रदान करती है।

श्रीमद् केवल धार्म नहीं, ज उपयोगी मार्गदर
गीता विवेक, करुणा का श है — संघर्ष में देती है और
महार अपने इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं। आगे स्वामी जी बोले कि गीता व्यवहार का धर्म है, वाद-विवाद का नहीं। जिस दिन गीता का सार जीवन में उतर जाए, उसी दिन समस्त शास्त्र स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।”

और इसी भाव को श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब युवा दिशाहीनता, तनाव और प्रतिस्पर्धा में उलझा है— उस समय गीता की एक-एक पंक्ति दीपक बनकर मार्ग दिखाती है। यदि घर-घर में गीता का पाठ प्रारंभ हो जाए तो सामाजिक तनाव, वैचारिक विभाजन और मूल्यहीनता स्वतः कम होने लगे।
कार्यक्रम संयोजक मंडल ने बताया कि ज्ञानयज्ञ में प्रतिदिन अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं और परिसर में शांति, अनुशासन एवं भक्ति की अनूठी धारा प्रवाहित है।
इस भव्य आयोजन में एडवोकेट जे. डी. सिंह, श्री राम मणि मिश्र, ओम प्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र शुक्ल, प्रमोद दुबे, डॉ. दिनकर दुबे, संचित यादव, अनिल पांडेय, सूरज प्रताप सिंह देवड़ा सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

अंत में स्वामी जी ने सभी से आग्रह किया कि “नये वर्ष का संकल्प केवल लक्ष्यों का न हो, चरित्र और चित्त-शुद्धि का भी हो। गीता को पढ़ें, जीएँ और बच्चों को भी उससे जोड़ें। यही मानवता की पुनर्स्थापना का मार्ग है।
नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए मानव पूंजी पर विशेष फोकस

नई दिल्ली/रांची:- देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन का केंद्रीय विषय “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” रहा, जिसके अंतर्गत देश के समग्र और सतत विकास हेतु मानव संसाधनों को सशक्त बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

सम्मेलन में विशेष रूप से पाँच प्रमुख क्षेत्रों प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा तथा खेल एवं सह-पाठ्य गतिविधियों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन क्षेत्रों को भारत के भविष्य की सशक्त नींव के रूप में रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय रूप से सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचारों और प्रभावी पहलों को साझा किया गया। ’’झारखंड सरकार द्वारा शून्य से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। राज्य में लागू मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक के माध्यम से माता-पिता एवं देखभालकर्ताओं को बच्चों की देखभाल, पोषण और प्रारंभिक सीख से जुड़ी सरल, एकरूप एवं व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बाल विकास से संबंधित सेवाएँ तथा जागरूकता सुनिश्चित कर रही हैं।’’

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी झारखंड सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य का टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों की आवश्यकताओं पर आधारित निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक छह माह में टीचर नीड्स असेसमेंट किया जाता है, जिसके आधार पर शिक्षकों को लक्षित एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2024 में आयोजित इसके प्रथम चरण में 1,10,094 पंजीकृत शिक्षकों में से 99.26 प्रतिशत की भागीदारी इस पहल की व्यापक स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को दर्शाती है।

मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत करते हुए नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है।

बोकारो में राष्ट्रीय महिला ताइक्वांडो का शंखनाद: 17 राज्यों की 500 बेटियां दिखा रही हैं दम; मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने किया उद्घाटन

बोकारो | 27 दिसंबर 2025: बोकारो स्टील सिटी स्थित जीजीपीएस विद्यालय के प्रांगण में आज सांस्कृतिक उत्सव और खेल भावना के बीच प्रथम दिशोम गुरु शिबू सोरेन मेमोरियल ट्रॉफी महिला राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप-2025 का शानदार आगाज़ हुआ। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री योगेंद्र प्रसाद, विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो और श्री उमाकांत रजक ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु:

राष्ट्रीय भागीदारी: देश के 17 राज्यों से लगभग 500 महिला खिलाड़ी इस चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा और आत्मरक्षा के कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं।

दिशोम गुरु को नमन: कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अतिथियों के प्रेरक संबोधन:

मंत्री योगेंद्र प्रसाद: "बोकारो शिक्षा के साथ अब खेल और संस्कृति का भी केंद्र बन रहा है। हमारी बेटियों ने साबित कर दिया है कि वे अभिशाप नहीं, बल्कि समाज के लिए वरदान हैं। यह प्रतियोगिता महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।"

विधायक मथुरा प्रसाद महतो: "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड खेलों का हब बन रहा है। मेधावी खिलाड़ियों को सीधे राजपत्रित पदों पर नियुक्ति देकर सरकार उनका मनोबल बढ़ा रही है। मार्च में बोकारो 'खो-खो' की राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए भी तैयार है।"

विधायक उमाकांत रजक: "धोनी और ईशान किशन जैसे सितारों ने झारखंड का मान बढ़ाया है। बोकारो अब एजुकेशनल हब के साथ-साथ स्पोर्ट्स हब के रूप में नई पहचान बना रहा है।"

उपायुक्त अजय नाथ झा: "ताइक्वांडो केवल एक खेल नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और साहस का प्रतीक है। बेटियों को अब डर त्याग कर सफलता की ऊँची उड़ान भरनी है।"

विशेष उपस्थिति:

ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष फिरोज अहमद और झारखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन के महासचिव संजय शर्मा ने खिलाड़ियों को अनुशासन और निरंतर अभ्यास का मंत्र दिया। इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी हेमलता बुन सहित विद्यालय प्रबंधन के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची में 'हाई अलर्ट': आईजी, उपायुक्त और एसएसपी ने जवानों को किया ब्रीफ; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

रांची | 27 दिसंबर 2025: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के तीन दिवसीय (28-30 दिसंबर) झारखंड दौरे के मद्देनजर राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। दौरे की पूर्व संध्या पर आज जोनल आईजी श्री मनोज कौशिक, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री और वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने संयुक्त रूप से पुलिस पदाधिकारियों और दंडाधिकारियों की ब्रीफिंग की।

सुरक्षा का त्रि-स्तरीय घेरा और हाई अलर्ट

जिला प्रशासन ने पूरे शहर में हाई अलर्ट घोषित किया है। ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुस्तैदी: सड़क मार्ग के हर कट, चौराहे और संवेदनशील स्थानों पर वायरलेस सेट के साथ जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

नो फ्लाई जोन: सुरक्षा कारणों से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और निर्धारित रूटों के आसपास के क्षेत्रों को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है।

आम जनता की सुविधा प्राथमिकता

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि सुरक्षा के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रपति के दौरे के कारण आम नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो। यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशील रहने को कहा गया है।

प्रशासन की अपील: संदिग्धों पर रखें नजर

रांची जिला प्रशासन ने नागरिकों से सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को देने का अनुरोध किया गया है। जन शिकायतों के लिए प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर 9430328080 भी जारी किया है।

24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

ससुराल से लौटते वक्त बुझ गया घर का चिराग औरंगाबाद में दर्दनाक सड़क हादसा: बाइक सवार युवक की मौत,


औरंगाबाद।

जिले के बारुण थाना क्षेत्र में शनिवार को एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान बहुआरा गांव निवासी कपिल देव सिंह के 32 वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार के रूप में हुई है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए।

जानकारी के अनुसार प्रमोद एक दिन पहले शुक्रवार को अपनी पत्नी पूनम को ससुराल छोड़ने गया था। रात में वहीं रुकने के बाद शनिवार को वह अपने घर लौट रहा था। जैसे ही वह श्री सीमेंट फैक्ट्री के पास पहुंचा, पीछे से आ रहे तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रमोद की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद वाहन चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। शव को देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पत्नी, माता-पिता और परिजन शव से लिपटकर चीत्कार करने लगे। इस दर्दनाक मंजर को देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर करीब एक घंटे तक जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।

सूचना पर नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन आक्रोशित लोगों ने शव उठाने से मना कर दिया। काफी समझाने-बुझाने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया।

परिजनों ने बताया कि प्रमोद दो भाइयों में बड़ा था। करीब तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसका एक साल का बेटा है। वह मुंबई में रहकर एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था और करीब एक महीने पहले ही घर आया था। परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्री सीमेंट फैक्ट्री के आसपास सड़क के दोनों ओर भारी वाहनों की अवैध पार्किंग रहती है। फैक्ट्री से उड़ने वाली धूल के कारण सड़क पर हमेशा धुंध छाई रहती है, जिससे बाइक और छोटे वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। इसी वजह से यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

ग्रामीणों ने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही सड़क के दोनों ओर अवैध पार्किंग पर रोक लगाने और फैक्ट्री क्षेत्र में नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके।

प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026 की तैयारियो को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित


संजय द्विवेदी, प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया।ब्रीफिंग कार्यक्रम को सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय द्वारा संबोधित किया गया।उन्होंने सभी थाना प्रभारी/चौकी प्रभारियो को अवगत कराया कि आगामी स्नान पर्व निकट है ऐसे में सभी को मुख्य मार्गो स्नान घाटो एवं आपातकालीन योजनाओ की विधिवत जानकारी रखते हुए अपने-अपने थाना स्तर पर क्रमवार ड्यूटी निर्धारण करना होगा तथा ड्यूटी प्वाइंट पर जाकर पुलिस बल को ब्रीफ करना सुनिश्चित करे।

इसके उपरान्त अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा द्वारा ब्रीफिंग के दौरान आपातकालीन योजनाओं पर विशेष बल देते हुए एक-एक योजना को विस्तार से समझाया गया।उन्होंने महाकुम्भ के अनुभव साझा करते हुए अधिक से अधिक रिहर्सल एवं अभ्यास करने पर जोर दिया ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।इसके पश्चात जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा ने सभी सेक्टर प्रभारियो को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने सर्किल के क्षेत्राधिकारियो एवं थाना प्रभारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर एकजुट होकर कार्य करे जिससे माघ मेला–2026 को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके।

उन्होंने निर्देशित किया कि 30.12.2025 तक सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली जाएँ। साथ ही पुलिस प्रशासन एवं अन्य विभागो के बीच आपसी परिचय एवं समन्वय प्रत्येक सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी का मोबाइल नम्बर अपने पास रखना पार्किंग एवं होल्डिंग एरिया का निरीक्षण करना तथा प्रत्येक मजिस्ट्रेट को पुलिस के साथ भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए।अंत में पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा पुलिस बल को सम्बोधित करते हुए निर्देशित किया गया कि सभी अपने-अपने थाना क्षेत्रो में आपातकालीन योजनाओं का नियमित अभ्यास करेगे तथा फुट पेट्रोलिंग एवं रात्रि गश्त को प्रभावी रूप से संचालित करेंगे। उन्होने सभी प्रमुख बिन्दुओं पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाने निरंतर चेकिंग अभियान चलाने एवं पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ हो सके।उन्होने राजपत्रित अधिकारियो को थाना स्तर पर पुलिस बल से अधिक से अधिक संवाद (इंटरैक्शन)करने साथ मेस में भोजन करने मेला ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारी/कर्मचारियो को मेला क्षेत्र न छोड़ने के निर्देश दिए।साथ ही 26.12.2025 को मुख्यमंत्री द्वारा मेला समीक्षा की वीडियो कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों से अवगत कराते हुए उनके कड़ाई से अनुपालन के आदेश दिए।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि माघ मेला–2026 का सफल सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण आयोजन हम सभी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्ण लगन निष्ठा एवं टीमवर्क के साथ निभाएँगे।इस ब्रीफिंग कार्यक्रम में अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनापार अभजीत कुमार सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द सहित माघ मेला से जुड़े अन्य राजपत्रित अधिकारी थाना प्रभारी पीएसी एनडी आर एफ.एसडीआरएफ एवं अन्य सम्बंधित विभागो के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026:श्रद्धालुओ की जल-सुरक्षा को लेकर नाविको के साथ पुलिस- प्रशासन की बैठक दिशा-निर्देश जारी

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार(आई पी एस)द्वारा माघ मेला–2026 में आने वाले लाखो श्रद्धालुओ/स्नानार्थियो की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नाविक संघ के पदाधिकारियो नाविको एवं गोताखोरो के साथ बैठक आयोजित की गई।बैठक के दौरान नाविक संचालको को आवश्यक सुरक्षा सम्बन्धी दिशा-निर्देश दिए गए।पुलिस आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि माघ मेला में देश के विभिन्न क्षेत्रो से आने वाले श्रद्धालुओ/स्नानार्थियो की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोई भी नाविक अपनी नाव में निर्धारित क्षमता से अधिक व्यक्तियो को न बैठाए क्योंकि क्षमता से अधिक व्यक्तियों को बैठाकर नौ-संचालन करने से दुर्घटना की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि नाव में सवार प्रत्येक व्यक्ति को‘लाइफ सेविंग जैकेट’ पहनाना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए जिससे किसी भी आपात स्थिति अथवा दुर्घटना की दशा में जनहानि को रोका जा सके।इसके साथ ही समस्त नाविकों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए-

निर्धारित दर से अधिक किराया किसी भी दशा में न वसूला जाए।

इस अवसर पर अपर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय नोडल अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द पुलिस उपाधीक्षकगण प्रभारी एस.डी.आर.एफ. कम्पनी कमांडर पी.ए.सी. (बाढ़)सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
पुलिस आयुक्त ने थाना अक्षयवट में पुलिस कर्मियो के साथ किया भोजन
अधिकारियो को नियमित थाना मेस में भोजन करने के निर्देश

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार(आई पी एस)द्वारा हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशो के क्रम में माघ मेला क्षेत्र स्थित थाना अक्षयवट का भ्रमण/निरीक्षण किया गया। भ्रमण के दौरान थाना परिसर कार्यालय एवं मेस का अवलोकन किया गया तथा थाना प्रभारी एवं कर्मचारियो से संवाद किया गया।इसके उपरान्त पुलिस आयुक्त द्वारा अपर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जिलाधिकारी कमिश्नरेट प्रयागराज पुलिस अधीक्षक माघ मेला नोडल अधिकारी माघ मेला तथा थाना अक्षयवट के अधिकारी/कर्मचारीगणो के साथ थाना मेस में बैठकर सामूहिक रूप से भोजन किया गया।

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी राजपत्रित अधिकारी नियमित रूप से अपने-अपने थाना मेस में पुलिस बल के साथ भोजन करेंगे जिससे आपसी संवाद समन्वय एवं टीम भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।पुलिस आयुक्त द्वारा थाना अक्षयवट के रख-रखाव एवं साफ-सफाई की प्रशंसा करते हुए पुलिस बल का मनोबल बनाए रखने एवं उनके साथ निरन्तर सम्पर्क बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया।
आज मनुष्य के पास सुविधाएं तो हैं पर सुख नहीं : स्वामी नारायणानन्द तीर्थ

मुंबई। कांदिवली (पूर्व) स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस में आध्यात्मिक उत्साह चरम पर रहा। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के दिव्य एवं प्रभावशाली प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर कर दिया। स्वामी जी ने कहा कि आज के सामाजिक परिवेश, बढ़ते तनाव, परिवारिक विघटन, मानसिक अवसाद तथा भौतिकता की अंधी दौड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मनुष्य के पास सुविधाएँ हैं, परंतु सुख नहीं; साधन हैं, पर साधना नहीं; उपलब्धियाँ हैं, पर आत्मशांति का अभाव है।" ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता मानवता के लिए संजीवनी है जो भटके मन को दिशा देती है और जीवन को संतुलन प्रदान करती है।

श्रीमद् केवल धार्म नहीं, ज उपयोगी मार्गदर
गीता विवेक, करुणा का श है — संघर्ष में देती है और
महार अपने इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं। आगे स्वामी जी बोले कि गीता व्यवहार का धर्म है, वाद-विवाद का नहीं। जिस दिन गीता का सार जीवन में उतर जाए, उसी दिन समस्त शास्त्र स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।”

और इसी भाव को श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब युवा दिशाहीनता, तनाव और प्रतिस्पर्धा में उलझा है— उस समय गीता की एक-एक पंक्ति दीपक बनकर मार्ग दिखाती है। यदि घर-घर में गीता का पाठ प्रारंभ हो जाए तो सामाजिक तनाव, वैचारिक विभाजन और मूल्यहीनता स्वतः कम होने लगे।
कार्यक्रम संयोजक मंडल ने बताया कि ज्ञानयज्ञ में प्रतिदिन अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं और परिसर में शांति, अनुशासन एवं भक्ति की अनूठी धारा प्रवाहित है।
इस भव्य आयोजन में एडवोकेट जे. डी. सिंह, श्री राम मणि मिश्र, ओम प्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र शुक्ल, प्रमोद दुबे, डॉ. दिनकर दुबे, संचित यादव, अनिल पांडेय, सूरज प्रताप सिंह देवड़ा सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

अंत में स्वामी जी ने सभी से आग्रह किया कि “नये वर्ष का संकल्प केवल लक्ष्यों का न हो, चरित्र और चित्त-शुद्धि का भी हो। गीता को पढ़ें, जीएँ और बच्चों को भी उससे जोड़ें। यही मानवता की पुनर्स्थापना का मार्ग है।