ग्रिजली कॉलेज ऑफ एजुकेशन बना राज्य का पहला ऑटोनॉमस बी.एड. कॉलेज
शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए ग्रिजली कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कोडरमा को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा स्वायत्त (Autonomous) दर्जा प्रदान किया गया जिसकी अधिसूचना विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग द्वारा जारी कर दि
या गया है।
यह उपलब्धि न केवल कॉलेज के लिए बल्कि पूरे झारखंड राज्य एवं विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के लिए भी गौरव का विषय है, क्योंकि यह झारखंड राज्य का पहला स्टैन्डअलोन बी.एड. महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय का पहला स्वायत्त महाविद्यालय बना। स्वायत्त मिलने के पश्चात महाविद्यालय को विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे जिसमें महाविद्यालय स्वयं का नए पाठ्यक्रम (Curriculum) तैयार कर सकेगा, जो आधुनिक समय की जरूरतों और रोजगारोन्मुख शिक्षा से जुड़ा होगा साथ ही साथ तेजी से निर्णय लेने और कार्यान्वयन की स्वतंत्रता मिलने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी इसके साथ ही अनुसंधान (Research), नवाचार (Innovation) और कौशल विकास (Skill Development) के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे तथा विद्यार्थियों को रोजगार-उन्मुख और व्यावहारिक शिक्षा का लाभ के साथ नए कोर्स, आधुनिक शिक्षण पद्धति और मूल्यांकन प्रणाली से छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी और एक्सचेंज प्रोग्राम की संभावनाएँ बढ़ेंगी एवं परीक्षाओं और परिणामों की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होगी।
महाविद्यालय प्रबंधन ने इस उल्लेखनीय सफलता का श्रेय उप निदेशिका डॉ. संजीता कुमारी के उचित मार्गदर्शन एवं सतत प्रयास का प्रतिफल बताया साथ ही प्राचार्या डॉ. मृदुला भगत का निर्देशन एवं सभी सहायक प्राध्यापकों की कड़ी मेहनत एवं सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों, प्रशिक्षुओं, अभिभावकों तथा सहयोगी संस्थानों को दिया है, जिनके निरंतर सहयोग और प्रयास से संस्थान ने यह गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कार्यक्रम के उपरांत *महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ मृदुला भगत, डॉ. गौतम, श्री मनीष कुमार सिंह, श्री सौरभ शर्मा, श्री मनीष कुमार सिन्हा एवं श्री नीरज कुमार द्वारा शिक्षाशास्त्र के विभिन्न विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया गया।* *इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमैन श्री मनीष कपसीमे एवं सचिव श्री अविनाश कुमार सेठ ने संयुक्त संबोधन में कहा कि महाविद्यालय को स्वायत्त का दर्जा प्राप्त होना पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। हमारा उद्देश्य निरंतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षक-शिक्षा प्रदान करना एवं प्रशिक्षुओं को नैतिक व व्यावसायिक एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाना रहा है। संस्थान अब और भी उन्नत शैक्षणिक मॉडल के रूप में स्थापित होगा।* *महाविद्यालय की उप निदेशिका डॉ. संजीता कुमारी ने कहा कि स्वायत्त दर्जा प्राप्ति होना महाविद्यालय का शैक्षणिक नवाचार के प्रति समर्पण एवं उत्कृष्ट प्रयासों का परिणाम है। निकट भविष्य में महाविद्यालय नई नीतियों, नवाचारों और शोध गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण के क्षेत्र में नये मानक स्थापित करेगा।* *महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ मृदुला भगत ने बताया कि यह स्वायत्तता वर्षों से जारी शैक्षणिक उत्कृष्टता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण अनुशासन और नवाचार के प्रयासों का परिणाम है। स्वायत्त दर्जा प्राप्ति के उपरांत कॉलेज अब अपनी शैक्षणिक नीति, पाठ्यक्रम में नवाचार, परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को स्वतंत्र रूप से संचालित होगी जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार आएगा।* कार्यक्रम में महाविद्यालय की निदेशिका श्रीमती शुभा कपसीमे, श्रीमती सुनीता सेठ, मुख्य परिचालन अधिकारी श्री तनिष्क सेठ, ग्रिजली विद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता, श्रीमती प्राचार्या अंजना कुमारी, ग्रिजली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती नीरजा एवं महाविद्यालय के सभी सहायक प्राध्यापक डॉ मनीष कुमार पासवान, डॉ पूजा कुमारी, डॉ. गौतम, डॉ. पवन कुमार, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रविकांत तिवारी, श्री सौरभ शर्मा, श्री बीरेंद्र यादव, श्री स्वर्ण सिंह, श्री मनीष कुमार सिंह, श्रीमती खुशबू कुमारी सिन्हा, श्री मनीष कुमार सिन्हा, श्री संजीत कुमार, श्री अनिल दास, श्री सीताराम यादव एवं श्री चुन्नु कुमार सहित सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारी सूचित कुमार, दीपक कुमार पाण्डेय, आलम मुख्तार, सुधीर साव, विवेक कुमार एवं ओंकार कुमार आदि उक्त अवसर पर उपस्थित रहे।
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