तहसील परिसर में 'शिकायत' सुनते हैं अधिकारी, खुद सिस्टम है बीमार!

रिपोर्टर ब्रह्म प्रकाश शर्मा
शौचालय खस्ताहाल, हैंडपंपों में पानी नहीं ,टोटी सूखा, फरियादीयो को हो रहीं परेशानी।
जानसठ। तहसील परिसर, जिसे न्याय और प्रशासन का केंद्र माना जाता है, वहाँ आने वाले फरियादियों और आम जनता को इस समय मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी से जूझना पड़ रहा है। जहाँ अधिकारी कुर्सियों पर बैठकर नागरिकों की शिकायतें सुनते हैं, वहीं परिसर के अंदर की व्यवस्थाएँ खुद बदहाली की कहानी कह रही हैं। शौचालयों की हालत खस्ता है और परिसर में लगे अधिकांश हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है, जिससे यहाँ का पूरा सिस्टम चरमरा गया है।
तहसील परिसर में स्थापित सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। लंबे समय से सफाई और रखरखाव न होने के कारण ये पूरी तरह से अनुपयोगी हो चुके हैं। गंदगी और दुर्गंध के कारण इनका इस्तेमाल करना असंभव है। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। अधिकारियों के सामने रोज़ाना सैकड़ों की संख्या में लोग विभिन्न कार्यों से आते हैं, लेकिन उन्हें शौच के लिए परिसर के बाहर या आस-पास का सहारा लेना पड़ता है।वहीं परिसर में पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए हैंडपंप भी अब महज शोपीस बनकर रह गए हैं। लगभग सभी हैंडपंप सूखे पड़े हैं या खराब हैं। इसका सीधा असर जनता के साथ-साथ कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए लोगों को अपनी बोतलें साथ लानी पड़ती हैं या परिसर से बाहर जाकर पानी खरीदना पड़ता है। चूँकि शौचालय में भी पानी की सुविधा नहीं है, इसलिए उनकी बदहाली और बढ़ गई है।स्थानीय निवासियों और फरियादियों ने इस स्थिति पर गहरा रोष व्यक्त किया है। एक फरियादी, रामपाल सिंह, ने बताया, "हम यहाँ अपनी ज़मीन-जायदाद, आय प्रमाण पत्र और अन्य ज़रूरी काम के लिए आते हैं। घंटों इंतज़ार करना पड़ता है, लेकिन यहाँ न पीने का पानी है, न ही शौचालय का उपयोग कर सकते हैं। यह शर्मनाक है कि जहाँ अधिकारी हमारी शिकायतें सुन रहे हैं, वहीं वे परिसर की इस बुनियादी समस्या को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
इस संबंध में जब तहसील प्रशासन के कुछ कर्मचारियों से अनौपचारिक बातचीत की गई, तो उन्होंने भी दबी ज़ुबान में सुविधाओं की कमी को स्वीकार किया। यह स्पष्ट है कि उच्चाधिकारियों को इस अव्यवस्था की जानकारी है, लेकिन मरम्मत और रखरखाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आम जनता और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उप-जिलाधिकारी से तत्काल इस मामले का संज्ञान लेने और परिसर की सुविधाओं को दुरुस्त कराने की मांग की है, ताकि तहसील का वातावरण प्रशासनिक गरिमा के अनुरूप हो सके।
14 min ago
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