आदित्यपुर में भीषण सड़क हादसा: अनियंत्रित ट्रेलर ने तीन को रौंदा, शिक्षक और चाचा-भतीजे की मौत

आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां): टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर बुधवार रात एक अनियंत्रित ट्रेलर ने भारी तबाही मचाई। टूल रूम के समीप हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में तीन लोगों की जान चली गई।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक तेज रफ्तार ट्रेलर (NL 02 Q 7066) ने पहले एक स्कूटी को पीछे से टक्कर मारी। टक्कर मारने के बाद चालक चलती गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। बिना चालक के ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क की दूसरी तरफ चला गया और सामने से आ रही एक बुलेट को अपनी चपेट में ले लिया।

मृतकों की पहचान

इस हादसे ने दो परिवारों को कभी न भरने वाला जख्म दिया है:

नवीन पाल और अभिषेक पाल (चाचा-भतीजे): ये दोनों बुलेट (JH 05 BV 1386) पर सवार थे। वे बिष्टुपुर पार्वती घाट से एक परिजन की अंत्येष्टि में शामिल होकर घर लौट रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

राकेश राय (शिक्षक): स्कूटी (JH 05 DH 5095) सवार राकेश राय गदड़ा मध्य विद्यालय में शिक्षक थे। उनकी मौत इलाज के दौरान टीएमएच (TMH) अस्पताल में हुई।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

वाहन जब्त: पुलिस ने दुर्घटनाकारी ट्रेलर को जब्त कर लिया है।

छापेमारी: थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने बताया कि फरार चालक की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

जांच: पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि दुर्घटना के समय ट्रेलर की रफ्तार कितनी थी और चालक ने चलती गाड़ी क्यों छोड़ी।

हादसे के बाद टाटा-कांड्रा मार्ग पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। स्थानीय लोगों ने सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने की मांग की है।

घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. विनय श्रीवास्तव के द्वारासामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गाना मिश्र के पुरवा कटका बाजार के सौरभ मिश्र विनम्र को मानद कुलपति धरा धाम विश्व सद्भाव पीठ के प्रमुख,जगत धर्म चक्रवर्ती,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ.सौरभ पांडेय और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ.विनय श्रीवास्तव के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया है। यह आयोजन गोरखपुर स्थित केशव चैरिटेबल के द्वारा कौड़ीराम में आयोजित किया गया। आपको बताते चले सौरभ मिश्रा विनम्र कटका क्लब सामाजिक संस्था के अध्यक्ष है उनके द्वारा यातायात के प्रति जागरूक करना, जिसमें एम्बुलेंस को रास्ता दें जो प्रमुख अभियान में शामिल रहा। पर्यावरण के क्षेत्र में व पशु पक्षियों के प्रति निरंत सेवा करना एक अभियान है। संत डॉ सौरभ पांडेय कहते दुःख होता जब ऐसे युवाओं को जनपद के प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित न किया गया हो जो पूर्व में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी है। बताते हैं कि एंबुलेंस को रास्ता दें यह एक जनपद का अभियान नहीं होना चाहिए इसे सरकार को अमल में लाना चाहिए और शक्ति के साथ प्रत्येक प्रदेशों और जिले में इसे अभियान में घोषित करना चाहिए। सौरभ मिश्र विनम्र अपना सामाजिक गुरु शिक्षक साहित्यकार सर्वेशकांत वर्मा को बताते हैं। सौरभ की इस उपलब्धि पर संस्था में उत्साह का माहौल है बधाई देने में राजकुमार मिश्रा,क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापगढ़ अमरजीत मिश्रा,ऋषभदेव शुक्ला, कवित्री कांति सिंह,सुनीता श्रीवास्तव,डॉ अमित मिश्रा,नफीसा खातून, बृजेंद्र मिश्र, डॉ रविंद्र प्रकाश सिंह,शीतला प्रसाद पांडेय, आदि लोग शामिल हैं।
वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन: रांची से दिल्ली तक गूंजेगी 'धरती आबा' की गौरव गाथा

एनसीसी निदेशालय (बिहार एवं झारखंड) द्वारा आयोजित यह ऐतिहासिक साइक्लोथॉन केवल एक साइकिल यात्रा नहीं, बल्कि "शौर्य के कदम - क्रांति की ओर" थीम पर आधारित एक जनआंदोलन है। इसका उद्देश्य महान जनजातीय नायक वीर बिरसा मुंडा की विरासत को नमन करना और युवाओं में राष्ट्रीय एकता का संचार करना है।

आयोजन के दो महत्वपूर्ण चरण

यह साइक्लोथॉन दो चरणों में संपन्न होगा, जो झारखंड की मिट्टी से शुरू होकर देश की राजधानी नई दिल्ली तक जाएगा।

प्रथम चरण: झारखंड की पावन धरा पर (18-20 दिसंबर 2025)

मार्ग: झारखंड के तीन विभिन्न मार्गों से होकर, जो वीर बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष से जुड़े हैं।

प्रतिभागी: एनसीसी अधिकारी, स्थायी प्रशिक्षक और 24 कैडेट्स (बालिका कैडेट्स सहित)।

समापन: मोरहाबादी मैदान, रांची में भव्य समारोह।

मुख्य अतिथि: झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा औपचारिक स्वागत।

द्वितीय चरण: रांची से नई दिल्ली (28 दिसंबर 2025 - 27 जनवरी 2026)

दूरी: लगभग 1300 किलोमीटर लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा।

राज्यों का सफर: झारखंड ,बिहार ,उत्तर प्रदेश , हरियाणा ,दिल्ली।

शुभारंभ: 28 दिसंबर को बिरसा मुंडा कारागार परिसर, रांची से माननीय राज्यपाल द्वारा हरी झंडी दिखाकर।

समापन: 27 जनवरी 2026 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की रैली के दौरान।

साइक्लोथॉन टीम की रूपरेखा (द्वितीय चरण)

इस कठिन यात्रा में झारखंड के 'युवा दूत' के रूप में एक समर्पित टीम शामिल होगी:

पदनाम संख्या

एनसीसी अधिकारी 02

स्थायी स्टाफ 02

एनसीसी कैडेट्स (बालक एवं बालिका) 16

यात्रा का महत्व: एक साइकिल यात्रा से परे

यह आयोजन शारीरिक सहनशक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

झारखंड का संदेश: प्रत्येक पैडल स्ट्रोक के साथ कैडेट्स नए झारखंड के आत्मविश्वासी और प्रगतिशील स्वरूप की कहानी देशभर में पहुँचाएंगे।

श्रद्धांजलि: यह सर्वोच्च राष्ट्रीय मंच पर 'धरती आबा' को समर्पित एक गरिमामय श्रद्धांजलि है।

युवा ऊर्जा: एनसीसी कैडेट्स की ऊर्जा हमारे गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य के बीच एक सेतु का कार्य करेगी।

रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।
आदित्यपुर में भीषण सड़क हादसा: अनियंत्रित ट्रेलर ने तीन को रौंदा, शिक्षक और चाचा-भतीजे की मौत

आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां): टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर बुधवार रात एक अनियंत्रित ट्रेलर ने भारी तबाही मचाई। टूल रूम के समीप हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में तीन लोगों की जान चली गई।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक तेज रफ्तार ट्रेलर (NL 02 Q 7066) ने पहले एक स्कूटी को पीछे से टक्कर मारी। टक्कर मारने के बाद चालक चलती गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। बिना चालक के ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क की दूसरी तरफ चला गया और सामने से आ रही एक बुलेट को अपनी चपेट में ले लिया।

मृतकों की पहचान

इस हादसे ने दो परिवारों को कभी न भरने वाला जख्म दिया है:

नवीन पाल और अभिषेक पाल (चाचा-भतीजे): ये दोनों बुलेट (JH 05 BV 1386) पर सवार थे। वे बिष्टुपुर पार्वती घाट से एक परिजन की अंत्येष्टि में शामिल होकर घर लौट रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

राकेश राय (शिक्षक): स्कूटी (JH 05 DH 5095) सवार राकेश राय गदड़ा मध्य विद्यालय में शिक्षक थे। उनकी मौत इलाज के दौरान टीएमएच (TMH) अस्पताल में हुई।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

वाहन जब्त: पुलिस ने दुर्घटनाकारी ट्रेलर को जब्त कर लिया है।

छापेमारी: थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने बताया कि फरार चालक की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

जांच: पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि दुर्घटना के समय ट्रेलर की रफ्तार कितनी थी और चालक ने चलती गाड़ी क्यों छोड़ी।

हादसे के बाद टाटा-कांड्रा मार्ग पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। स्थानीय लोगों ने सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने की मांग की है।

घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. विनय श्रीवास्तव के द्वारासामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गाना मिश्र के पुरवा कटका बाजार के सौरभ मिश्र विनम्र को मानद कुलपति धरा धाम विश्व सद्भाव पीठ के प्रमुख,जगत धर्म चक्रवर्ती,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ.सौरभ पांडेय और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ.विनय श्रीवास्तव के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया है। यह आयोजन गोरखपुर स्थित केशव चैरिटेबल के द्वारा कौड़ीराम में आयोजित किया गया। आपको बताते चले सौरभ मिश्रा विनम्र कटका क्लब सामाजिक संस्था के अध्यक्ष है उनके द्वारा यातायात के प्रति जागरूक करना, जिसमें एम्बुलेंस को रास्ता दें जो प्रमुख अभियान में शामिल रहा। पर्यावरण के क्षेत्र में व पशु पक्षियों के प्रति निरंत सेवा करना एक अभियान है। संत डॉ सौरभ पांडेय कहते दुःख होता जब ऐसे युवाओं को जनपद के प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित न किया गया हो जो पूर्व में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी है। बताते हैं कि एंबुलेंस को रास्ता दें यह एक जनपद का अभियान नहीं होना चाहिए इसे सरकार को अमल में लाना चाहिए और शक्ति के साथ प्रत्येक प्रदेशों और जिले में इसे अभियान में घोषित करना चाहिए। सौरभ मिश्र विनम्र अपना सामाजिक गुरु शिक्षक साहित्यकार सर्वेशकांत वर्मा को बताते हैं। सौरभ की इस उपलब्धि पर संस्था में उत्साह का माहौल है बधाई देने में राजकुमार मिश्रा,क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापगढ़ अमरजीत मिश्रा,ऋषभदेव शुक्ला, कवित्री कांति सिंह,सुनीता श्रीवास्तव,डॉ अमित मिश्रा,नफीसा खातून, बृजेंद्र मिश्र, डॉ रविंद्र प्रकाश सिंह,शीतला प्रसाद पांडेय, आदि लोग शामिल हैं।
वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन: रांची से दिल्ली तक गूंजेगी 'धरती आबा' की गौरव गाथा

एनसीसी निदेशालय (बिहार एवं झारखंड) द्वारा आयोजित यह ऐतिहासिक साइक्लोथॉन केवल एक साइकिल यात्रा नहीं, बल्कि "शौर्य के कदम - क्रांति की ओर" थीम पर आधारित एक जनआंदोलन है। इसका उद्देश्य महान जनजातीय नायक वीर बिरसा मुंडा की विरासत को नमन करना और युवाओं में राष्ट्रीय एकता का संचार करना है।

आयोजन के दो महत्वपूर्ण चरण

यह साइक्लोथॉन दो चरणों में संपन्न होगा, जो झारखंड की मिट्टी से शुरू होकर देश की राजधानी नई दिल्ली तक जाएगा।

प्रथम चरण: झारखंड की पावन धरा पर (18-20 दिसंबर 2025)

मार्ग: झारखंड के तीन विभिन्न मार्गों से होकर, जो वीर बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष से जुड़े हैं।

प्रतिभागी: एनसीसी अधिकारी, स्थायी प्रशिक्षक और 24 कैडेट्स (बालिका कैडेट्स सहित)।

समापन: मोरहाबादी मैदान, रांची में भव्य समारोह।

मुख्य अतिथि: झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा औपचारिक स्वागत।

द्वितीय चरण: रांची से नई दिल्ली (28 दिसंबर 2025 - 27 जनवरी 2026)

दूरी: लगभग 1300 किलोमीटर लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा।

राज्यों का सफर: झारखंड ,बिहार ,उत्तर प्रदेश , हरियाणा ,दिल्ली।

शुभारंभ: 28 दिसंबर को बिरसा मुंडा कारागार परिसर, रांची से माननीय राज्यपाल द्वारा हरी झंडी दिखाकर।

समापन: 27 जनवरी 2026 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की रैली के दौरान।

साइक्लोथॉन टीम की रूपरेखा (द्वितीय चरण)

इस कठिन यात्रा में झारखंड के 'युवा दूत' के रूप में एक समर्पित टीम शामिल होगी:

पदनाम संख्या

एनसीसी अधिकारी 02

स्थायी स्टाफ 02

एनसीसी कैडेट्स (बालक एवं बालिका) 16

यात्रा का महत्व: एक साइकिल यात्रा से परे

यह आयोजन शारीरिक सहनशक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

झारखंड का संदेश: प्रत्येक पैडल स्ट्रोक के साथ कैडेट्स नए झारखंड के आत्मविश्वासी और प्रगतिशील स्वरूप की कहानी देशभर में पहुँचाएंगे।

श्रद्धांजलि: यह सर्वोच्च राष्ट्रीय मंच पर 'धरती आबा' को समर्पित एक गरिमामय श्रद्धांजलि है।

युवा ऊर्जा: एनसीसी कैडेट्स की ऊर्जा हमारे गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य के बीच एक सेतु का कार्य करेगी।

रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।