योग्यता, क्षमता और प्रस्तुति से बनेगा कॅरिअर, साई कॉलेज में आयोजित हुआ कॅरिअर गाईडेंस एवं पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम
अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरूवार को कॅरिअर गाईडेंस एवं पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश सेन ने कहा कि वाणिज्य की दुनिया में लगातार अपने को अद्यतन बनाये रखना है। अपने पाठ्यक्रम के साथ ही विशेष तथ्यों से अवगत होते रहना होगा और सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ना होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बिलासपुर के जेसीसी इंस्टीट्यूट के निदेशक जीत द्विवेदी ने विद्यार्थियों को साक्षात्कार के टिप्स दिये। उन्होंने खेल-खेल में अपने कॅरिअर के प्रति स्वयं को अद्यतन रखने की जानकरी दी। उन्होंने कहा कि आप अपने को हमेशा बेहतर प्रस्तुत करें जिससे आपकी क्षमता बढ़ेगी और अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि योग्यता, क्षमता और प्रस्तुति तीनों मिला कर व्यक्तित्व बनता है जिससे आप जॉब के लिये तैयार होते हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्नॉइट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रशिक्षक बृजेश भाटिया ने साफ्ट स्किल के लिए सभी विद्यार्थियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि साफ्ट स्किल बेहतर होगी तो व्यक्तित्व में निखार आयेगा। प्रत्येक विद्यार्थी को लगातार अपने पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि त्वरित बुद्धि के लिए तैयार रहना होगा। अपने दिमाग को तेज रखने का प्रशिक्षण लगातार देना होगा।
प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी को कॅरिअर, जॉब और उनकी तैयारियों को लेकर प्रेरित किया।कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य एवं प्रबंधन एवं कम्प्यूटर साईंस एंड आईटी के विद्यार्थी शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. डॉली शर्मा ने किया तथा विशेषज्ञों का आभार डॉ. जसप्रीत कौर ने किया। कार्यक्रम के दौरान सहायक प्राध्यापक शैली सिन्हा, साक्षी गोयल, शुभम गोयल तथा सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।












सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा कटका बाजार स्थित
पंडित प्रताप नारायण बालिका इंटर कॉलेज और
केश कुमारी बालिका इंटर कॉलेज में यातयात माह के तहत एम्बुलेंस को रास्ता दें अभियान चलाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता द्वारिकागंज चौकी प्रभारी दिवेश त्रिवेदी ने किया। इस मौके पर उपस्थित यातयाता निरीक्षक राम निरंजन ने बताया कि सड़क पर वाहन चलाते या चलते समय अपने आसपास के वातावरण के प्रति सचेत रहना चाहिए।
इस मौके पर कथा वाचक शनि मिश्र ने बताया कि गति सीमा का पालन करने, हेलमेट पहनने और वाहन चलाते समय ध्यान भटकने से बचने जैसे प्रमुख यातायात सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला। वहीं कटका क्लब के अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र और सड़क सुरक्षा नोडल अधिकारी रचना ने बताया कि एम्बुलेंस को रास्ता साफ़ करने के लिए तुरंत सड़क के किनारे गाड़ी रोक दें ।
जिससे आपातकालीन वाहन सुरक्षित और तेज़ी से निकल सके। विद्यालय के प्रधानाचार्य पल्लवी सिंह और कृष्ण मिश्र ने आए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर बृजेन्द्र मिश्र, राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित डॉ दीपा द्विवेदी, डॉ रीना, सुनीता सरोज, डॉ मुक्ता सिंह, सीमा यादव, रचना आदि लोग उपस्थित रहे।


सुलतानपुर,जहां नारी की पूजा होती है वहां सारे देवता वास करते हैं। जो पति पत्नी की सभी आवश्यकता पूर्ति करता है वही पति कहलाने का अधिकारी है। यह बातें मानस मराल डॉ कृष्णमणि चतुर्वेदी मैत्रेय ने कहीं । वह पांडेबाबा धाम में करनाईपुर फाउंडेशन द्वारा आयोजित राम कथा के तीसरे दिन कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि स्त्री की देखभाल कुमारी अवस्था में पिता द्वारा, युवा होने पर पति द्वारा तथा वृद्ध होने पर पुत्र के द्वारा की जाती है। आज समाज में बहुत सी पत्नियां संत्रास झेलने को विवश हैं। सबको चाहिए कि स्त्री की सुख सुविधा का ध्यान रखते हुए उन्हें उचित सम्मान दें । कथा व्यास ने बताया कि जो दूसरों को पीड़ित करता है वह निशाचर होता है । रावण ने अपनी राजाज्ञा में सर्वप्रथम चार प्रतिबंध लगाया । जिसके अनुसार ब्राह्मण भोजन, यज्ञ , होम ,और श्राद्ध बन्द कर दिया गया। इस तरह के भाव वाले ही राक्षस होते हैं। मैत्रेय ने रामचरितमानस पाठ भेद पर चर्चा करते हुए कहा कि साधु चरित सुभ चरित कपासू पाठ गलत है। शुद्ध पाठ है साधु सरिस सुभ चरित कपासू । यह पाठ डॉ माता प्रसाद गुप्त द्वारा सम्पादित प्रति व पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के काशीराज संस्करण की हस्तलिखित प्रति में उपलब्ध है। मुख्य यजमान शेर बहादुर वर्मा ने व्यासपीठ की आरती उतारी।
सुलतानपुर,साहित्यिक अनुसंधान का कार्य केवल मौजूदा ग्रंथों की समीक्षा करना नहीं है। बल्कि उसमें नवीन दृष्टिकोण एवं मौलिक संदर्भों को उजागर कर साहित्य को एक व्यापक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता विकसित करना भी है। यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहीं। वह शोध व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए आयोजित अनुसंधान प्रक्रिया और प्रविधि विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर रंजना पटेल ने कहा कि अनुसंधान में प्रयुक्त होने वाली रणनीति प्रकिया और तकनीक पहले से स्पष्ट होनी चाहिए।विश्लेषण के लिए साक्ष्य एकत्र करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, स्वागत डॉ विभा सिंह व आभार ज्ञापन डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर शोध व एम ए हिंदी के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।







1 hour and 9 min ago
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