रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।

पुतिन ने दुनिया को दी न्यूक्लियर वॉर की वॉर्निंग, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की कितनी आशंका?
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रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध हो रहा है। दूसरी तरफ इजराइल भी कई मोर्टों पर जंग लड़ रहा है। इस बीच तीसरा और बड़ा मोर्चा ना खुल जाए इसकी आशंका जोरों पर हैं। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुलेआम रूस के खिलाफ यूक्रन की मदद कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका में ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद बाइडेन सरकार यूक्रेन की मदद से जुड़े नए-नए फैसले ले रही है। बाइडेन ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी मिसाइलों के यूज पर बाइडन से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद जेलेंस्की और फायर हो चुके हैं। यूक्रेन अब रूस पर ताबड़तोड़ अटैक कर रहा है। अमेरिकी लॉन्ग रेंज मिसाइलों से हमला करने के बाद अब यूक्रेन ने ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइल से रूस पर हमला किया है।यूक्रेन ने लंबी दूरी वाली अमेरिकी मिसाइलें दागने के एक दिन बाद रूसी इलाकों में सैन्य ठिकानों पर ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दागीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्ताह अपनी नीति में बदलाव करते हुए यूक्रेन को रूस में अंदर तक हमला करने के लिए अमेरिकी निर्मित हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। बाइडेन प्रशासन के इस फैसले के बाद रूस ने अपने न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अगर किसी परमाणु संपन्न देश के सहयोग से कोई देश रूस पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है। यही नहीं नए परमाणु सिद्धांतों के अनुसार, रूस पर अगर किसी सैन्य गठबंधन का देश हमला करता है तो रूस उसे पूरे ब्लॉक का हमला मानेगा। पुतिन के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के और भीषण होने की आशंका बढ़ गई है। *रूस की नई परमाणु नीति में क्या?* रूस की नई परमाणु नीति में कहा गया है कि कोई ऐसा देश जिसके पास खुद परमाणु हथियार न हों, लेकिन वो देश किसी परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ मिलकर हमला करता है, तो इसे रूस संयुक्त हमला मानेगा। यूक्रेन के पास तो परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन अमेरिका के पास हैं और इस युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन दोनों यूक्रेन के साथ हैं। साथ ही 32 देशों का सैन्य गठबंधन नेटो भी यूक्रेन को समर्थन दे रहा है। रूस की परमाणु नीति में ये भी कहा गया है कि अगर रूस को पता चला कि दूसरी तरफ़ से रूस पर मिसाइलों, ड्रोन और हवाई हमले हो रहे हैं तो वो परमाणु हथियारों से जवाब दे सकता है। यूक्रेन अब तक रूस पर कई बार हवाई हमले करते आया है जिसमें ड्रोन भी शामिल है, लेकिन अब उसने हमलों के लिए अमेरिकी मिसाइलों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कुछ और स्थितियों की बात रूस की परमाणु नीति में की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी ने नया सैन्य गठबंधन बनाया, पुराने गठबंधन को और बढ़ाया, रूस की सीमा के करीब कोई सैन्य बुनियादी ढांचे को लाया गया या रूस की सीमा के आस-पास कोई सैन्य गतिविधियां की, तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। *पहले भी परमाणु हमले को लेकर कर चुके हैं आगाह* रूस परमाणु हमले को लेकर पहले भी अमेरिका और बाक़ी देशों को आगाह कर चुका है। मार्च में रूस में चुनाव से पहले भी पुतिन ने कहा था कि रूस तो परमाणु हमले के लिए तैयार है। अगर अमेरिका ने अपनी सेना यूक्रेन में भेजी, तो मामला बहुत बढ़ सकता है। पुतिन की इन बातों को मीडिया और पश्चिम में रेटरिक कहा जाता है, यानी कि वे बस बोलने के लिए बोलते हैं। तो इस बात की कितनी आशंका है कि वे जो बोल रहे हैं वो वैसा कर भी सकते हैं। *क्या है पुतिन की मंशा?* कुछ विशेषज्ञों मानते हैं कि अगर रूस को बार-बार झटका लगता रहा या अपनी हार का डर हुआ, तो शायद टैक्टिकल हथियार का इस्तेमाल करे। कुछ जानकार इसे ऐसे देख रहे हैं कि पुतिन इस नई नीति से फिर से सबको चिंता में डालना चाहते हैं। उनका मानना है कि पुतिन इससे दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं। *कई बार तबाह हो सकती है दुनिया* रूस के पास दुनिया में परमाणु बमों का सबसे बड़ा भंडार है। रूस को ये परमाणु हथियार सोवियत संघ से विरासत में मिले हैं। दिलचस्प बात ये है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को भी हजारों परमाणु हथियार मिले थे, लेकिन वो सारे बाद में रूस के पास आ गए। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) के अनुसार पुतिन के नियंत्रण में वर्तमान में 5580 परमाणु हथियार हैं। एफएएस के अनुसार, इनमें से लगभग 1200 को लगभग हटा दिया गया है, लेकिन वे काफी हद तक बरकरार हैं। लगभग 4380 को ऑपरेशन फोर्सेज के लिए भंडार में रखा गया है। शस्त्रागार में रखे गए परमाणु हथियारों में से 1710 स्ट्रैटेजिक वारहेड्स हैं, जिसमें लगभग 870 जमीन से हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों, 640 पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैरिस्टिक मिसाइलों और संभवतः 200 भारी बमवर्षकों के ठिकानों पर हैं। इस मात्रा में परमाणु हथियारों का मतलब है कि रूस दुनिया को कई बार नष्ट कर सकता है।
'ट्रम्प और पुतिन की फ़ोन वार्ता है काल्पनिक ': रूस ने यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड - पुतिन की बातचीत की खबरों का किया खंडन

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Vladimir Putin & Donald Trump

रूस ने सोमवार को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच निजी बातचीत की खबरों का खंडन किया। क्रेमलिन ने इस रिपोर्ट को "पूरी तरह से काल्पनिक" और "झूठी जानकारी" बताया। यह अब प्रकाशित की जा रही जानकारी की गुणवत्ता का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। यह पूरी तरह से झूठ है। यह पूरी तरह से काल्पनिक है। यह सिर्फ झूठी जानकारी है," राज्य के स्वामित्व वाली स्पुतनिक न्यूज ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा।

रविवार को, द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि ट्रम्प ने गुरुवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट से पुतिन के साथ एक निजी टेलीफोन पर बातचीत की। इसने बिना विवरण के यह भी दावा किया कि ट्रम्प ने यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा की गई "भूमि के मुद्दे को संक्षेप में उठाया"। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने पुतिन को यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई और संघर्ष को हल करने के लिए आगे की बातचीत में रुचि व्यक्त की।

यूक्रेन पर ट्रंप का रुख

चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो वे कभी युद्ध शुरू नहीं होने देते और उन्होंने युद्ध को जल्द खत्म करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कीव के लिए वाशिंगटन के बहु-अरब डॉलर के समर्थन पर भी सवाल उठाया है, जो यूक्रेन के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। ट्रंप और उनके अभियान ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के लिए जारी अमेरिकी सहायता बिडेन प्रशासन में रक्षा कंपनियों और विदेश नीति के पक्षधरों के "भ्रष्ट" युद्ध समर्थक गठजोड़ को वित्तपोषित करने में मदद करती है।

यूक्रेन में युद्ध लगभग तीन साल से चल रहा है। पिछले सप्ताहांत, युद्ध के मोर्चे पर दोनों पक्षों की ओर से अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले हुए। रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 145 ड्रोन दागे, जबकि मॉस्को ने राजधानी शहर को निशाना बनाकर 34 यूक्रेनी ड्रोन गिराने का दावा किया। हमलों में हालिया वृद्धि को नए अमेरिकी प्रशासन के तहत संभावित वार्ता से पहले दोनों देशों द्वारा बढ़त हासिल करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।

चुनाव जीतते ही एक्शन में आए ट्रंप, पुतिन को लगाया फोन, क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध?

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपत ग्रहण से पहले ही एक्शन में दिख रहे हैं। पदभार संभालने से पहले ही वो काम पर लग गए हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने रविवार को रूस-युक्रेन युद्ध के बीच उन्‍होंने रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को फोन घुमाया। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को बात हुई जिसमें ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन में युद्ध को न बढ़ाने को कहा है। बता दें कि पीएम मोदी भी रूस-यूक्रेन संकट को हल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में वो रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों का दौरा कर चुके हैं। यही नहीं अपने दो विश्वासपात्रों विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को पीएम मोदी ने युद्ध रुकवाने की कोशिशें करने की विशेष जिम्‍मेदारी दी है।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक कॉल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर पुतिन को यूरोप में मजबूत अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध का हल तलाशने के लिए आगे भी चर्चा में रुचि जाहिर की। वॉशिंगटन पोस्ट ने मामले की जानकारी रखने वाले अज्ञात स्रोतों के हवाले से बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मुद्दे पर मॉस्को के साथ भविष्य की बातचीत में शामिल होने की इच्छा का संकेत दिया।

पुतिन से पहले जेलेंस्की से भी की बात

ट्रंप और पुतिन की बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी। इस बातचीत के दौरान एलन मस्क भी ट्रंप के साथ मौजूद थे। अमेरिका के एक्सियोस पोर्टल की न्यूज रिपोर्ट की मानें तो यूक्रेन के मुद्दे पर दो बड़ी घटनाएं हुईं, पहली यह कि एलन मस्क ने जेलेंस्की से बातचीत की है और दूसरी यह कि इस बातचीत के बाद जेलेंस्की संघर्ष को लेकर कुछ बातों पर समझाने के बाद राजी हुए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप, मस्क और जेलेंस्की के बीच फोन पर करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। जेलेंस्की की तरफ से बधाई मिलने के बाद ट्रंप ने उन्हें कहा कि वह यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे।

पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की

बता दें कि पिछले हफ्ते रूस के सोची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पुतिन ने कहा था, यह मत सोचिए कि ट्रम्प के साथ बातचीत करना गलत है। अगर दुनिया के कुछ नेता संपर्क बहाल करना चाहते हैं, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। हम ट्रंप से बात करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ संबंधों को बहाल करने की इच्छा के बारे में, यूक्रेनी संकट को खत्म करने में मदद करने के लिए, मेरी राय में, कम से कम ध्यान देने योग्य है। उन्होंने ट्रम्प को एक बहादुर आदमी भी बताया और कहा कि वह इस बात से प्रभावित हैं कि जुलाई में हत्या के प्रयास के बाद ट्रम्प ने खुद को कैसे संभाला।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।

कजान से आई डिनर टेबल की तस्वीरें, पुतिन-मोदी और जिनपिंग को साथ देख टिकी दुनिया की निगाहें

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रूस के कजान में ब्रिक्स का 16वीं समिट चल रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर कजान पहुंचे। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच मंगलवार रात मुलाकात हुई। वहीं, पुतिन ने ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए डिनर होस्ट किया। डिनर के दौरान पुतिन के साथ मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग म्यूजिकल कन्सर्ट का लुत्फ उठाते दिखे। इस दौरान बीच में पुतिन बैठे थे और दोनों तरफ कुर्सी पर पीएम मोदी और जिनपिंग थे।

बुधवार यानी 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर की गई अहम घोषणा के बाद ये पहली मुलाकात हो रही है। लेकिन द्विपक्षीय मुलाकात से पहले पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरें सामने आई है जो बहुत कुछ कहती है। 

डिनर कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग को अपने साथ ही लेकर चलते नजर आए। डिनर कार्यक्रम की एक और तस्वीर आई, जिसमें पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच पुतिन एक दूसरे को जोड़ने वाले पुल की तरह नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर बताती है कि पुतिन किस तरह दोनों नेताओं के बीच दोस्ती कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, जो भारत के साथ-साथ चीन से भी अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज होने वाली मुलाकात महत्वपूर्ण हो जाती है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी।20 में लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दो बार बहुत ही संक्षिप्त मुलाकात हुई है। इसके पहले साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मलेन और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ था। ऐसे में रूस में पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी

शांति से हो हर समस्या का समाधान', कजान में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बोले पीएम मोदी

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस पहुंच गए हैं। कजान पहुंचने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का औपचारिक तौर पर स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा कि हमारे संबंध बहुत पुराने हैं। उन्होंने भारत और रूस को ब्रिक्स के मूल सदस्य देश बताया।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आपकी (पुतिन) मित्रता और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। कजान में भारत के नए कांसुलेट खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे। पिछले 3 महीनों में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है।

शांति से हो रूस-यूक्रेन के संघर्ष का समाधान- पीएम मोदी

मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर लगातार आपके संपर्क में रहा हूं। जैसा कि मैंने पहले कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्द स्थापना का पूरा समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

पुतिन ने क्या कहा

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मुझे याद है कि जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हम कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं। कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और उसके बाद रात्रिभोज करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं के साथ मिलकर हमें कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली है। हमारी परियोजनाएं लगातार विकसित हो रही हैं। आपने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। भारत की नीतियों से हमारे सहयोग को फायदा होगा। हमें आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुशी हुई।

पुतिन बोले-अब ब्रिक्स देश चलाएंगे दुनिया की अर्थव्यवस्था, दुनिया में एक ही करेंसी का वर्चस्व नहीं रहा

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को बड़ी बात कही। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था को पश्चिमी देश नहीं, बल्कि ब्रिक्स देश चलाएंगे। पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स समूह पश्चिम विरोधी नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य वैश्विक आर्थिक विकास को गति देना है। उन्होंने ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन करते हुए कहा कि इसका दरवाजा सभी देशों के लिए खुला है।पुतिन ने ये बयान अगले हफ्ते आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले कही है।

रूस में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था को पश्चिमी देश नहीं, बल्कि ब्रिक्स के देश चलाएंगे।अपने संबोधन में पुतिन ने डॉलर का नाम लिए बिना कहा कि रूस की पहल से अब दुनिया में एक ही करेंसी का वर्चस्व नहीं रहा। आज सभी देश अपनी करेंसी में व्यापार कर रहे हैं। पुतिन ने ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक को वैश्विक दक्षिण के लिए एकमात्र बैंक बताया जो विकास के लिए काम कर रहा है।

रूसी राष्ट्रपति कहा कि ब्रिक्स समूह के देशों की साझा जीडीपी 60 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जो कि जी-7 देशों की जीडीपी से ज्यादा है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों की भूमिका वैश्विक अर्थव्यवस्था में भविष्य में और बढ़ेगी। पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देश वास्तव में वैश्विक आर्थिक विकास के मुख्य चालक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वैश्विक जीडीपी में बढ़ोतरी खासतौर पर ब्रिक्स समूह की वजह से ही होगी।

पुतिन ने यह भी कहा कि 1992 में जी-7 देशों की हिस्सेदारी 45.5 फीसदी थी, जबकि ब्रिक्स देशों की देशों की हिस्सेदारी 16.7 फीसदी थी। लेकिन 2023 में ब्रिक्स की हिस्सेदारी बढ़कर 37.4 फीसदी हो गई है, जबकि जी-7 देशों की हिस्सेदारी 29.3 फीसदी रह गई है। पुतिन ने कहा कि इसमें बढ़ती हुई खाई दिखाई दे रही है और यह बढ़ती ही रहेगी, यह जरूरी भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ब्रिक्स का केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान ही नहीं है। बल्कि समूह की ओर से किए कामों से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने और सतत विकास सुनिश्चित करने के ठोस नतीजे मिलते हैं, जो वास्तव में देशों के आम नागरिकों की भलाई और जीवन में स्तर में सुधार करता है।

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के संस्थान पश्चिमी देशों के संस्थानों के विकल्प के रूप में काम कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें पीछे छोड़ देंगे।पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों में शामिल होने के लिए कई देशों ने रुचि दिखाई है, जिसमें इथियोपिया, इजिप्ट, ईरान, और अर्जेंटीना सहित 30 देश शामिल हैं। सभी के लिए दरवाजे खुले हैं, हम किसी को मना नहीं कर रहे हैं। हम सबको लेकर आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं। जितने देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है।

फिर दिखा पुतिन का भारत प्रेम, पीएम मोदी की यूक्रेन युद्ध पर चिंता से लेकर भारतीय फिल्मों तक पर की बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर तक रूस का दौरा करेंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी और भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। पुतिन का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को लेकर फिक्रमंद रहते हैं।इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताने और समाधान निकालने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी का जताया आभार

रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन विवाद पर सवाल हुआ था। इस पर जवाब देते हुए रूसी प्रेसीडेंट ने कहा कि जब भी बातचीत होती है तो पीएम मोदी हर बार इस मुद्दे (यूक्रेन-रूस युद्ध) को उठाते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ संवाद व कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है। इसके लिए हम पीएम मोदी आभार भी व्यक्त करते हैं।

यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति की समयसीमा तय करना आसान नहीं-पुतिन

मॉस्को में विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन अमेरिका और पश्चिमी देश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी देशों का सैन्य गठबंधन नाटो यूक्रेन के लिए युद्ध लड़ रहा है, जो सही नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान कहा कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए समयसीमा तय करना आसान नहीं है। इसकी कोई समय सीमा तय करना मुश्किल और प्रतिकूल होगा। हालांकि उन्होंने रूस की जीत का दावा जरूर किया।

पुतिन ने की भारतीय फिल्मों की सराहना

इस दौरान पुतिन ने भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। साथ ही उन्होंने रूस में भारतीय फिल्मों के प्रसारण को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी जोर दिया। पुतिन ने कहा कि अगर हम ब्रिक्स देशों को देखें, तो मुझे लगता है कि हमारे यहां भारतीय फिल्में सबसे लोकप्रिय हैं। एक टीवी चैनल पर तो चौबीसों घंटे भारतीय फिल्में दिखाई जाती हैं। हमें भारतीय फिल्मों में बहुत रुचि है। हम इस साल मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बीआरसीआईएस देशों की फिल्में पेश करेंगे।

रूस में अगले हफ्ते होगा ब्रिक्स सम्मेलन

रूस के कजान में अगले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की 16वीं बैठक रूस के कजान में आयोजित की जाएगी। ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय 'वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है।ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है। मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।

पुतिन ने दुनिया को दी न्यूक्लियर वॉर की वॉर्निंग, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की कितनी आशंका?
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रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध हो रहा है। दूसरी तरफ इजराइल भी कई मोर्टों पर जंग लड़ रहा है। इस बीच तीसरा और बड़ा मोर्चा ना खुल जाए इसकी आशंका जोरों पर हैं। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुलेआम रूस के खिलाफ यूक्रन की मदद कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका में ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद बाइडेन सरकार यूक्रेन की मदद से जुड़े नए-नए फैसले ले रही है। बाइडेन ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी मिसाइलों के यूज पर बाइडन से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद जेलेंस्की और फायर हो चुके हैं। यूक्रेन अब रूस पर ताबड़तोड़ अटैक कर रहा है। अमेरिकी लॉन्ग रेंज मिसाइलों से हमला करने के बाद अब यूक्रेन ने ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइल से रूस पर हमला किया है।यूक्रेन ने लंबी दूरी वाली अमेरिकी मिसाइलें दागने के एक दिन बाद रूसी इलाकों में सैन्य ठिकानों पर ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दागीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्ताह अपनी नीति में बदलाव करते हुए यूक्रेन को रूस में अंदर तक हमला करने के लिए अमेरिकी निर्मित हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। बाइडेन प्रशासन के इस फैसले के बाद रूस ने अपने न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अगर किसी परमाणु संपन्न देश के सहयोग से कोई देश रूस पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है। यही नहीं नए परमाणु सिद्धांतों के अनुसार, रूस पर अगर किसी सैन्य गठबंधन का देश हमला करता है तो रूस उसे पूरे ब्लॉक का हमला मानेगा। पुतिन के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के और भीषण होने की आशंका बढ़ गई है। *रूस की नई परमाणु नीति में क्या?* रूस की नई परमाणु नीति में कहा गया है कि कोई ऐसा देश जिसके पास खुद परमाणु हथियार न हों, लेकिन वो देश किसी परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ मिलकर हमला करता है, तो इसे रूस संयुक्त हमला मानेगा। यूक्रेन के पास तो परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन अमेरिका के पास हैं और इस युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन दोनों यूक्रेन के साथ हैं। साथ ही 32 देशों का सैन्य गठबंधन नेटो भी यूक्रेन को समर्थन दे रहा है। रूस की परमाणु नीति में ये भी कहा गया है कि अगर रूस को पता चला कि दूसरी तरफ़ से रूस पर मिसाइलों, ड्रोन और हवाई हमले हो रहे हैं तो वो परमाणु हथियारों से जवाब दे सकता है। यूक्रेन अब तक रूस पर कई बार हवाई हमले करते आया है जिसमें ड्रोन भी शामिल है, लेकिन अब उसने हमलों के लिए अमेरिकी मिसाइलों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कुछ और स्थितियों की बात रूस की परमाणु नीति में की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी ने नया सैन्य गठबंधन बनाया, पुराने गठबंधन को और बढ़ाया, रूस की सीमा के करीब कोई सैन्य बुनियादी ढांचे को लाया गया या रूस की सीमा के आस-पास कोई सैन्य गतिविधियां की, तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। *पहले भी परमाणु हमले को लेकर कर चुके हैं आगाह* रूस परमाणु हमले को लेकर पहले भी अमेरिका और बाक़ी देशों को आगाह कर चुका है। मार्च में रूस में चुनाव से पहले भी पुतिन ने कहा था कि रूस तो परमाणु हमले के लिए तैयार है। अगर अमेरिका ने अपनी सेना यूक्रेन में भेजी, तो मामला बहुत बढ़ सकता है। पुतिन की इन बातों को मीडिया और पश्चिम में रेटरिक कहा जाता है, यानी कि वे बस बोलने के लिए बोलते हैं। तो इस बात की कितनी आशंका है कि वे जो बोल रहे हैं वो वैसा कर भी सकते हैं। *क्या है पुतिन की मंशा?* कुछ विशेषज्ञों मानते हैं कि अगर रूस को बार-बार झटका लगता रहा या अपनी हार का डर हुआ, तो शायद टैक्टिकल हथियार का इस्तेमाल करे। कुछ जानकार इसे ऐसे देख रहे हैं कि पुतिन इस नई नीति से फिर से सबको चिंता में डालना चाहते हैं। उनका मानना है कि पुतिन इससे दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं। *कई बार तबाह हो सकती है दुनिया* रूस के पास दुनिया में परमाणु बमों का सबसे बड़ा भंडार है। रूस को ये परमाणु हथियार सोवियत संघ से विरासत में मिले हैं। दिलचस्प बात ये है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को भी हजारों परमाणु हथियार मिले थे, लेकिन वो सारे बाद में रूस के पास आ गए। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) के अनुसार पुतिन के नियंत्रण में वर्तमान में 5580 परमाणु हथियार हैं। एफएएस के अनुसार, इनमें से लगभग 1200 को लगभग हटा दिया गया है, लेकिन वे काफी हद तक बरकरार हैं। लगभग 4380 को ऑपरेशन फोर्सेज के लिए भंडार में रखा गया है। शस्त्रागार में रखे गए परमाणु हथियारों में से 1710 स्ट्रैटेजिक वारहेड्स हैं, जिसमें लगभग 870 जमीन से हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों, 640 पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैरिस्टिक मिसाइलों और संभवतः 200 भारी बमवर्षकों के ठिकानों पर हैं। इस मात्रा में परमाणु हथियारों का मतलब है कि रूस दुनिया को कई बार नष्ट कर सकता है।
'ट्रम्प और पुतिन की फ़ोन वार्ता है काल्पनिक ': रूस ने यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड - पुतिन की बातचीत की खबरों का किया खंडन

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Vladimir Putin & Donald Trump

रूस ने सोमवार को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच निजी बातचीत की खबरों का खंडन किया। क्रेमलिन ने इस रिपोर्ट को "पूरी तरह से काल्पनिक" और "झूठी जानकारी" बताया। यह अब प्रकाशित की जा रही जानकारी की गुणवत्ता का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। यह पूरी तरह से झूठ है। यह पूरी तरह से काल्पनिक है। यह सिर्फ झूठी जानकारी है," राज्य के स्वामित्व वाली स्पुतनिक न्यूज ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा।

रविवार को, द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि ट्रम्प ने गुरुवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट से पुतिन के साथ एक निजी टेलीफोन पर बातचीत की। इसने बिना विवरण के यह भी दावा किया कि ट्रम्प ने यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा की गई "भूमि के मुद्दे को संक्षेप में उठाया"। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने पुतिन को यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई और संघर्ष को हल करने के लिए आगे की बातचीत में रुचि व्यक्त की।

यूक्रेन पर ट्रंप का रुख

चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो वे कभी युद्ध शुरू नहीं होने देते और उन्होंने युद्ध को जल्द खत्म करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कीव के लिए वाशिंगटन के बहु-अरब डॉलर के समर्थन पर भी सवाल उठाया है, जो यूक्रेन के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। ट्रंप और उनके अभियान ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के लिए जारी अमेरिकी सहायता बिडेन प्रशासन में रक्षा कंपनियों और विदेश नीति के पक्षधरों के "भ्रष्ट" युद्ध समर्थक गठजोड़ को वित्तपोषित करने में मदद करती है।

यूक्रेन में युद्ध लगभग तीन साल से चल रहा है। पिछले सप्ताहांत, युद्ध के मोर्चे पर दोनों पक्षों की ओर से अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले हुए। रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 145 ड्रोन दागे, जबकि मॉस्को ने राजधानी शहर को निशाना बनाकर 34 यूक्रेनी ड्रोन गिराने का दावा किया। हमलों में हालिया वृद्धि को नए अमेरिकी प्रशासन के तहत संभावित वार्ता से पहले दोनों देशों द्वारा बढ़त हासिल करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।

चुनाव जीतते ही एक्शन में आए ट्रंप, पुतिन को लगाया फोन, क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध?

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपत ग्रहण से पहले ही एक्शन में दिख रहे हैं। पदभार संभालने से पहले ही वो काम पर लग गए हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने रविवार को रूस-युक्रेन युद्ध के बीच उन्‍होंने रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को फोन घुमाया। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को बात हुई जिसमें ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन में युद्ध को न बढ़ाने को कहा है। बता दें कि पीएम मोदी भी रूस-यूक्रेन संकट को हल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में वो रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों का दौरा कर चुके हैं। यही नहीं अपने दो विश्वासपात्रों विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को पीएम मोदी ने युद्ध रुकवाने की कोशिशें करने की विशेष जिम्‍मेदारी दी है।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक कॉल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर पुतिन को यूरोप में मजबूत अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध का हल तलाशने के लिए आगे भी चर्चा में रुचि जाहिर की। वॉशिंगटन पोस्ट ने मामले की जानकारी रखने वाले अज्ञात स्रोतों के हवाले से बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मुद्दे पर मॉस्को के साथ भविष्य की बातचीत में शामिल होने की इच्छा का संकेत दिया।

पुतिन से पहले जेलेंस्की से भी की बात

ट्रंप और पुतिन की बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी। इस बातचीत के दौरान एलन मस्क भी ट्रंप के साथ मौजूद थे। अमेरिका के एक्सियोस पोर्टल की न्यूज रिपोर्ट की मानें तो यूक्रेन के मुद्दे पर दो बड़ी घटनाएं हुईं, पहली यह कि एलन मस्क ने जेलेंस्की से बातचीत की है और दूसरी यह कि इस बातचीत के बाद जेलेंस्की संघर्ष को लेकर कुछ बातों पर समझाने के बाद राजी हुए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप, मस्क और जेलेंस्की के बीच फोन पर करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। जेलेंस्की की तरफ से बधाई मिलने के बाद ट्रंप ने उन्हें कहा कि वह यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे।

पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की

बता दें कि पिछले हफ्ते रूस के सोची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पुतिन ने कहा था, यह मत सोचिए कि ट्रम्प के साथ बातचीत करना गलत है। अगर दुनिया के कुछ नेता संपर्क बहाल करना चाहते हैं, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। हम ट्रंप से बात करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ संबंधों को बहाल करने की इच्छा के बारे में, यूक्रेनी संकट को खत्म करने में मदद करने के लिए, मेरी राय में, कम से कम ध्यान देने योग्य है। उन्होंने ट्रम्प को एक बहादुर आदमी भी बताया और कहा कि वह इस बात से प्रभावित हैं कि जुलाई में हत्या के प्रयास के बाद ट्रम्प ने खुद को कैसे संभाला।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।

कजान से आई डिनर टेबल की तस्वीरें, पुतिन-मोदी और जिनपिंग को साथ देख टिकी दुनिया की निगाहें

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रूस के कजान में ब्रिक्स का 16वीं समिट चल रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर कजान पहुंचे। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच मंगलवार रात मुलाकात हुई। वहीं, पुतिन ने ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए डिनर होस्ट किया। डिनर के दौरान पुतिन के साथ मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग म्यूजिकल कन्सर्ट का लुत्फ उठाते दिखे। इस दौरान बीच में पुतिन बैठे थे और दोनों तरफ कुर्सी पर पीएम मोदी और जिनपिंग थे।

बुधवार यानी 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर की गई अहम घोषणा के बाद ये पहली मुलाकात हो रही है। लेकिन द्विपक्षीय मुलाकात से पहले पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरें सामने आई है जो बहुत कुछ कहती है। 

डिनर कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग को अपने साथ ही लेकर चलते नजर आए। डिनर कार्यक्रम की एक और तस्वीर आई, जिसमें पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच पुतिन एक दूसरे को जोड़ने वाले पुल की तरह नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर बताती है कि पुतिन किस तरह दोनों नेताओं के बीच दोस्ती कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, जो भारत के साथ-साथ चीन से भी अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज होने वाली मुलाकात महत्वपूर्ण हो जाती है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी।20 में लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दो बार बहुत ही संक्षिप्त मुलाकात हुई है। इसके पहले साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मलेन और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ था। ऐसे में रूस में पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी

शांति से हो हर समस्या का समाधान', कजान में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बोले पीएम मोदी

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस पहुंच गए हैं। कजान पहुंचने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का औपचारिक तौर पर स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा कि हमारे संबंध बहुत पुराने हैं। उन्होंने भारत और रूस को ब्रिक्स के मूल सदस्य देश बताया।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आपकी (पुतिन) मित्रता और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। कजान में भारत के नए कांसुलेट खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे। पिछले 3 महीनों में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है।

शांति से हो रूस-यूक्रेन के संघर्ष का समाधान- पीएम मोदी

मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर लगातार आपके संपर्क में रहा हूं। जैसा कि मैंने पहले कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्द स्थापना का पूरा समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

पुतिन ने क्या कहा

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मुझे याद है कि जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हम कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं। कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और उसके बाद रात्रिभोज करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं के साथ मिलकर हमें कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली है। हमारी परियोजनाएं लगातार विकसित हो रही हैं। आपने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। भारत की नीतियों से हमारे सहयोग को फायदा होगा। हमें आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुशी हुई।

पुतिन बोले-अब ब्रिक्स देश चलाएंगे दुनिया की अर्थव्यवस्था, दुनिया में एक ही करेंसी का वर्चस्व नहीं रहा

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को बड़ी बात कही। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था को पश्चिमी देश नहीं, बल्कि ब्रिक्स देश चलाएंगे। पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स समूह पश्चिम विरोधी नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य वैश्विक आर्थिक विकास को गति देना है। उन्होंने ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन करते हुए कहा कि इसका दरवाजा सभी देशों के लिए खुला है।पुतिन ने ये बयान अगले हफ्ते आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले कही है।

रूस में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था को पश्चिमी देश नहीं, बल्कि ब्रिक्स के देश चलाएंगे।अपने संबोधन में पुतिन ने डॉलर का नाम लिए बिना कहा कि रूस की पहल से अब दुनिया में एक ही करेंसी का वर्चस्व नहीं रहा। आज सभी देश अपनी करेंसी में व्यापार कर रहे हैं। पुतिन ने ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक को वैश्विक दक्षिण के लिए एकमात्र बैंक बताया जो विकास के लिए काम कर रहा है।

रूसी राष्ट्रपति कहा कि ब्रिक्स समूह के देशों की साझा जीडीपी 60 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जो कि जी-7 देशों की जीडीपी से ज्यादा है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों की भूमिका वैश्विक अर्थव्यवस्था में भविष्य में और बढ़ेगी। पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देश वास्तव में वैश्विक आर्थिक विकास के मुख्य चालक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वैश्विक जीडीपी में बढ़ोतरी खासतौर पर ब्रिक्स समूह की वजह से ही होगी।

पुतिन ने यह भी कहा कि 1992 में जी-7 देशों की हिस्सेदारी 45.5 फीसदी थी, जबकि ब्रिक्स देशों की देशों की हिस्सेदारी 16.7 फीसदी थी। लेकिन 2023 में ब्रिक्स की हिस्सेदारी बढ़कर 37.4 फीसदी हो गई है, जबकि जी-7 देशों की हिस्सेदारी 29.3 फीसदी रह गई है। पुतिन ने कहा कि इसमें बढ़ती हुई खाई दिखाई दे रही है और यह बढ़ती ही रहेगी, यह जरूरी भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ब्रिक्स का केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान ही नहीं है। बल्कि समूह की ओर से किए कामों से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने और सतत विकास सुनिश्चित करने के ठोस नतीजे मिलते हैं, जो वास्तव में देशों के आम नागरिकों की भलाई और जीवन में स्तर में सुधार करता है।

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के संस्थान पश्चिमी देशों के संस्थानों के विकल्प के रूप में काम कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें पीछे छोड़ देंगे।पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों में शामिल होने के लिए कई देशों ने रुचि दिखाई है, जिसमें इथियोपिया, इजिप्ट, ईरान, और अर्जेंटीना सहित 30 देश शामिल हैं। सभी के लिए दरवाजे खुले हैं, हम किसी को मना नहीं कर रहे हैं। हम सबको लेकर आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं। जितने देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है।

फिर दिखा पुतिन का भारत प्रेम, पीएम मोदी की यूक्रेन युद्ध पर चिंता से लेकर भारतीय फिल्मों तक पर की बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर तक रूस का दौरा करेंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी और भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। पुतिन का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को लेकर फिक्रमंद रहते हैं।इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताने और समाधान निकालने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी का जताया आभार

रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन विवाद पर सवाल हुआ था। इस पर जवाब देते हुए रूसी प्रेसीडेंट ने कहा कि जब भी बातचीत होती है तो पीएम मोदी हर बार इस मुद्दे (यूक्रेन-रूस युद्ध) को उठाते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ संवाद व कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है। इसके लिए हम पीएम मोदी आभार भी व्यक्त करते हैं।

यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति की समयसीमा तय करना आसान नहीं-पुतिन

मॉस्को में विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन अमेरिका और पश्चिमी देश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी देशों का सैन्य गठबंधन नाटो यूक्रेन के लिए युद्ध लड़ रहा है, जो सही नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान कहा कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए समयसीमा तय करना आसान नहीं है। इसकी कोई समय सीमा तय करना मुश्किल और प्रतिकूल होगा। हालांकि उन्होंने रूस की जीत का दावा जरूर किया।

पुतिन ने की भारतीय फिल्मों की सराहना

इस दौरान पुतिन ने भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। साथ ही उन्होंने रूस में भारतीय फिल्मों के प्रसारण को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी जोर दिया। पुतिन ने कहा कि अगर हम ब्रिक्स देशों को देखें, तो मुझे लगता है कि हमारे यहां भारतीय फिल्में सबसे लोकप्रिय हैं। एक टीवी चैनल पर तो चौबीसों घंटे भारतीय फिल्में दिखाई जाती हैं। हमें भारतीय फिल्मों में बहुत रुचि है। हम इस साल मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बीआरसीआईएस देशों की फिल्में पेश करेंगे।

रूस में अगले हफ्ते होगा ब्रिक्स सम्मेलन

रूस के कजान में अगले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की 16वीं बैठक रूस के कजान में आयोजित की जाएगी। ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय 'वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है।ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है। मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे।