आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ रूस, पुतिन ने पीएम मोदी से की फोन पर बात

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भारत के सबसे करीबी दोस्त रूस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के समर्थन का ऐलान किया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया। पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इससे पहले भी पुतिन ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी दी। रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को फोन किया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की जान जाने पर गहरा दुख जताया। पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस घिनौने हमले के अपराधियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाना ही होगा।

प्रधानमंत्री ने विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। पुतिन का यह फोन ऐसे समय में आया है जब भारत में आतंकी हमले की वजह से तनाव है। रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। इस मुश्किल घड़ी में पुतिन का समर्थन भारत के लिए बहुत मायने रखता है।

इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई थी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है। इस बीच रूसी विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने और किसी भी तरह की बढ़त को रोकने की अपील की थी।

मुश्किल वक्त में भारत को मिला दोस्तों का साथ, ट्रंप-पुतिन ने दिया समर्थन

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। हमले की निंदा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया। वहीं दूसरी ओर, पीएम मोदी के मित्र और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, कश्मीर से आई खबर बेहद परेशान करने वाली है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अद्भुत लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी संवेदना है।

अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ

इस बारे में अपडेट देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।

पुतिन ने किया आतंकियों को कठोर सजा देने का समर्थन

वहीं दूसरी ओर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की और कहा, इस क्रूर अपराध को किसी भी मायने में सही ठहराया नहीं जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि हमला करने वालों को सख्त सजा मिलेगी। पुतिन ने रूस की ओर से भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जघन्य आतंकी हमले पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति गहरी संवेदना। रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

पुतिन को मारने की साजिश? रूसी राष्ट्रपति काफिले में शामिल लिमोजिन कार में धमाका

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मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले में शामिल कार में धमाके की खबर है। पुतिन के काफिले की लग्जरी कार लिमोजिन में जबरदस्त धमाका हुआ है। धमाका मॉस्को में रूसी सुरक्षा एजेंसी एफएसबी मुख्यालय के बाहर हुआ है। धमाके के बाद कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कार में धमाके का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कार में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने इस धमाके के बाद सीवर की तलाशी से लेकर अपने गार्डों की जांच का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉस्को के एफएसबी खुफिया विभाग के मुख्यालय के उत्तर में अचानक व्लादिमीर पुतिन के काफिले में शामिल लिमोजिन कार में विस्फोट हो गया। फुटेज के मुताबिक पहले कार के इंजन में आग लगी और बाद में यह अंदरुनी हिस्से तक फैल गई। कार में आग लगते ही आसपास के रेस्तरां और बार के कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि घटना के वक्त कार कौन चला रहा था। बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को 275000 पाउंड वाली लिमोजिन कार काफी पसंद है। उन्होंने यह कार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी उपहार में दी है।

पुतिन की हत्या की कोशिश?

इस घटना के बाद दावा किया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश की गई है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच क्रेमलिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हमले की आशंका जताई है। यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका और रूसी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हो रही है और इस दौरान सवाल उठ रहे हैं कि क्या व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की गई है?

जेलेंस्की ने की थी पुतिन के मरने की भविष्यवाणी

हाल ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन को लेकर भविष्यवाणी की थी। 2 दिन पहले जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन जल्द मर जाएंगे। कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, जेलेंस्की ने 26 मार्च को पेरिस में यूरोपीय पत्रकारों के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही थी।

हालांकि, पुतिन के खराब स्वास्थ्य के बारे में लगातार अटकलों के बीच जेलेंस्की ने यह टिप्पणी की थी। पुतिन 72 साल के हैं। उन्हें कई बीमारियां हैं। पिछले साल उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। इसके बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत दौरे पर आएंगे, यूक्रेन युद्ध के बीच पहला दौरा

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रूस-यूक्रेन जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत दौरा करने का न्योता कबूल कर लिया है। हालांकि, अभी पुतिन के दौरे की तारीख तय नहीं है। पुतिन के भारत दौरे का कार्यक्रम तय किय जा रहा है। यह जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को दी। पुतिन का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने में जुटे हैं।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की है। अब हमारी बारी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय सरकार का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रूसी विदेश मंत्री ने बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' समिट के दौरान दिया। इस बैठक का आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) ने किया था।

2024 में दो बार रूस गए थे मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली यात्रा थी। व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी की आखिरी मुलाकात 22 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में हुई थी। यह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की मुलाकात थी। इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की और व्यापार, रक्षा, ऊर्जा व लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और सहयोग की पेशकश की। उसी दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था।

इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। वहीं, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था।

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

फरवरी 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। वह सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था।

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, यूक्रेन संघर्ष सुलझाने की कोशिश के लिए दिया धन्यवाद

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रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर चर्चा जोरों पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार रूस और यूक्रेन से युद्धविराम समझौता करने की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार अमेरिका द्वारा यूक्रेन में 30 दिन के युद्धविराम के प्रस्ताव पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि वे यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि उनके पास अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी हैं।

अपने भाषण में, पुतिन ने तीन साल पुराने युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए वैश्विक नेताओं की ओर से किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की। पुतिन ने अपने आभार भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग का जिक्र किया।

पुतिन ने कहा, सबसे पहले, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रंप को यूक्रेन के समाधान पर इतना ध्यान देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हम सभी को अभी बहुत कुछ करना है, लेकिन कई देशों के लीडर्स, जैसे चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य के राष्ट्रपति। वे इस मुद्दे पर बहुत समय देते हैं, और हम उनके आभारी हैं, क्योंकि यह शत्रुता को रोकने और मानव हानि को रोकने के महान उद्देश्य के लिए है।

गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक जॉइंट में बोलते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस दुश्मनी खत्म करने के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन वह इस उम्मीद से आगे बढ़ता है कि इस समाप्ति से दीर्घकालिक शांति आएगी और संकट के मूल कारणों का उन्मूलन होगा।

भारत ने कई वैश्विक मंचों पर शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।पीएम मोदी ने फरवरी में व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की, तो उन्होंने दोहराया कि ‘भारत तटस्थ नहीं है। भारत शांति के पक्ष में है। पीएम मोदी ने कहा, मैंने पहले ही राष्ट्रपति पुतिन से कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से उठाए गए प्रयासों का समर्थन करता हूं।

जरूरत पड़ी तो जेलेंस्की से बात करेंगे पुतिन', सऊदी में अमेरिका के साथ बैठक के बीच रूस का ऐलान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका ने रूस के साथ सऊदी अरब में बैठक की है।बैठक में इन दोनों मुल्कों के प्रतिनिधियों के अलावा सऊदी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे, लेकिन यूक्रेन की तरफ से किसी को भई मीटिंग में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच रूस की सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस और अमेरिका के बीच वार्ता अब खत्म हो गई है। इसके साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। वहीं, कहा कि किसी भी समझौते का कानूनी आधार तय होना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि जेलेंस्की की वैधता पर सवाल हो सकता है।

राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज मंगलवारको सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के राजनयिकों की बैठक हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक समझौता करना है। बैठक के दौरान खास बात ये देखने को मिली कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई लेकिन यूक्रेन के राजनयिक को जगह नहीं दी गई।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

ट्रंप के सत्ता संभालते ही दुनियाभर में खलबली! जिनपिंग की पुतिन से वीडियो कॉल पर हुई बात
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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सत्ता में वापसी कर ली है। डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के एक दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग ने बातचीत की। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मीटिंग की है।इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।

क्रेमलिन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक वीडियो कॉल पर बातचीत की है। बातचीत के दौरान रूस और चीन के बीच के रिश्तों को पहले से और भी बेहतर करने पर जोर दिया गया।

शी के साथ फोन पर बातचीत को लेकर पुतिन ने कहा कि रूस-चीन संबंध साझा हितों, समानता और आपसी लाभों पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये संबंध अंदरूनी राजनीतिक कारकों और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय माहौल पर निर्भर नहीं हैं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, हम एक समान बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के विकास का समर्थन करते हैं और यूरेशिया व पूरी दुनिया में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा, रूस और चीन के साझा प्रयास वैश्विक मामलों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वहीं, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने भी मॉस्को और बीजिंग के बीच सहयोग की सराहना की और कहा कि यह वैश्विक प्रणाली के सुधार और विकास में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया। हालांकि,बातचीत का समय इस बात का संकेत हो सकता है कि पुतिन और शी दोनों ही नए अमेरिकी प्रशासन के साथ मिलकर काम करें और आपस में संवाद करें।

इससे पहले जिनपिंग ने शुक्रवार को ट्रंप से फोन पर बात की थी और अमेरिका के साथ सकारात्मक संबंधों की उम्मीद जताई थी। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विवादों और फेंटानल बनाने में उपयोग होने वाली वस्तुओं के निर्यात पर सहयोग के तरीकों पर भी चर्चा की थी। हालांकि, ट्रंप ने पहले अपने दूसरे कार्यकाल में चीन पर शुल्क और अन्य प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। वहीं, पुतिन ने अब तक ट्रंप से फोन पर बात नहीं की है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर जंग की आहट, तनाव के बीच पुतिन की एंट्री!*
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर विवाद बेहद गंभार स्थिति में पहुंच गया है। दोनों देश डूरंड लाइन को पार कर एक-दूसरे के इलाके में लगातार हमले कर रहे हैं।पाकिस्तान द्वारा दो दिन पूर्व अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करने के बाद अफगानिस्तान ने जवाब दिया है। अफगान तालिबान बल ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर गोलीबारी की। गोलीबारी में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल के एक सैनिक की मौत हो गई। जबकि 11 अन्य सैनिक घायल हो गए। यह गोलीबारी पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद की गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव में रूस की भी एंट्री हो गई है। अफगान मीडिया के मुताबिक रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मॉस्को ‘पाकिस्तान-अफगान सीमा’ पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है। ज़खारोवा ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने और रचनात्मक वार्ता करने की अपील करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है।” इससे पहले शनिवार को सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में शनिवार को 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई। अमू टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि तालिबान ने सीमा के पास उसकी चौकियों पर ‘बिना उकसावे के भारी हथियारों से गोलीबारी’ की है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसके बलों ने पिछले हफ्ते देश पर हुए घातक हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के अंदर कई स्थानों पर हमला किया। पाकिस्तान ने गत मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पाक्तिका प्रांत में एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट करने और विद्रोहियों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। पाकिस्तान के हवाई हमलों में कई लोग मारे गए जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट की गई टिप्पणियों में कहा गया कि उसकी सेनाओं ने पाकिस्तान के उन स्थानों को निशाना बनाया, जिन्हें अफगानिस्तान पर हमलों की योजना और समन्वय से जुड़े तत्वों एवं उनके समर्थकों के लिए ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारजामी ने हमलों के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। यह भी नहीं बताया गया कि हमलों को कैसे अंजाम दिया गया। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि दोनों तरफ से कोई हताहत हुआ है या नहीं।
भारत-रूस की दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची”, मॉस्को में पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ सिंह, एस-400 की डिलीवरी पर भी बात*
#rajnath_singh_met_putin_in_moscow


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस क दौरे पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के अवसर पर हुई।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, भारत-रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा। बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और मिलकर किए जाने वाले प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके खुशी हुई। *एस-400 मिसाइल की डिलीवर पर जोर* पुतिन से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम की दो बची हुई यूनिट की जल्द डिलीवर पर जोर दिया। भारत और रूस के बीच 2018 में एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हुई थी। इस डील के तहत, रूस भारत को अब तक 3 यूनिट एस -400 सौंप चुका है। ये चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। एस -400, रूस का एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने, और नष्ट करने के लिए बनाया गया है। *रूस ने भारत को सौंपा आईएनएस तुशिल* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस की यात्रा पर हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को कालिनिनग्राद का दौरा भी किया, जहां पर वह आईएनएस तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल हुए। यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है। जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। आईएनएस तुशिल जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) की डील हुई थी। इसमें से 2 युद्धपोत का निर्माण रूस (यंतर शिपयार्ड) में और 2 का निर्माण (गोवा शिपयार्ड) में होना है। तुशिल की डिलीवरी करने के बाद रूस भारत को जून-जुलाई 2025 में तमाल सौंपेगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ रूस, पुतिन ने पीएम मोदी से की फोन पर बात

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भारत के सबसे करीबी दोस्त रूस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के समर्थन का ऐलान किया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया। पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इससे पहले भी पुतिन ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी दी। रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को फोन किया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की जान जाने पर गहरा दुख जताया। पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस घिनौने हमले के अपराधियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाना ही होगा।

प्रधानमंत्री ने विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। पुतिन का यह फोन ऐसे समय में आया है जब भारत में आतंकी हमले की वजह से तनाव है। रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। इस मुश्किल घड़ी में पुतिन का समर्थन भारत के लिए बहुत मायने रखता है।

इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई थी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है। इस बीच रूसी विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने और किसी भी तरह की बढ़त को रोकने की अपील की थी।

मुश्किल वक्त में भारत को मिला दोस्तों का साथ, ट्रंप-पुतिन ने दिया समर्थन

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। हमले की निंदा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया। वहीं दूसरी ओर, पीएम मोदी के मित्र और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, कश्मीर से आई खबर बेहद परेशान करने वाली है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अद्भुत लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी संवेदना है।

अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ

इस बारे में अपडेट देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।

पुतिन ने किया आतंकियों को कठोर सजा देने का समर्थन

वहीं दूसरी ओर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की और कहा, इस क्रूर अपराध को किसी भी मायने में सही ठहराया नहीं जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि हमला करने वालों को सख्त सजा मिलेगी। पुतिन ने रूस की ओर से भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जघन्य आतंकी हमले पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति गहरी संवेदना। रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

पुतिन को मारने की साजिश? रूसी राष्ट्रपति काफिले में शामिल लिमोजिन कार में धमाका

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मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले में शामिल कार में धमाके की खबर है। पुतिन के काफिले की लग्जरी कार लिमोजिन में जबरदस्त धमाका हुआ है। धमाका मॉस्को में रूसी सुरक्षा एजेंसी एफएसबी मुख्यालय के बाहर हुआ है। धमाके के बाद कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कार में धमाके का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कार में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने इस धमाके के बाद सीवर की तलाशी से लेकर अपने गार्डों की जांच का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉस्को के एफएसबी खुफिया विभाग के मुख्यालय के उत्तर में अचानक व्लादिमीर पुतिन के काफिले में शामिल लिमोजिन कार में विस्फोट हो गया। फुटेज के मुताबिक पहले कार के इंजन में आग लगी और बाद में यह अंदरुनी हिस्से तक फैल गई। कार में आग लगते ही आसपास के रेस्तरां और बार के कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि घटना के वक्त कार कौन चला रहा था। बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को 275000 पाउंड वाली लिमोजिन कार काफी पसंद है। उन्होंने यह कार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी उपहार में दी है।

पुतिन की हत्या की कोशिश?

इस घटना के बाद दावा किया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश की गई है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच क्रेमलिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हमले की आशंका जताई है। यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका और रूसी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हो रही है और इस दौरान सवाल उठ रहे हैं कि क्या व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की गई है?

जेलेंस्की ने की थी पुतिन के मरने की भविष्यवाणी

हाल ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन को लेकर भविष्यवाणी की थी। 2 दिन पहले जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन जल्द मर जाएंगे। कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, जेलेंस्की ने 26 मार्च को पेरिस में यूरोपीय पत्रकारों के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही थी।

हालांकि, पुतिन के खराब स्वास्थ्य के बारे में लगातार अटकलों के बीच जेलेंस्की ने यह टिप्पणी की थी। पुतिन 72 साल के हैं। उन्हें कई बीमारियां हैं। पिछले साल उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। इसके बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत दौरे पर आएंगे, यूक्रेन युद्ध के बीच पहला दौरा

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रूस-यूक्रेन जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत दौरा करने का न्योता कबूल कर लिया है। हालांकि, अभी पुतिन के दौरे की तारीख तय नहीं है। पुतिन के भारत दौरे का कार्यक्रम तय किय जा रहा है। यह जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को दी। पुतिन का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने में जुटे हैं।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की है। अब हमारी बारी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय सरकार का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रूसी विदेश मंत्री ने बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' समिट के दौरान दिया। इस बैठक का आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) ने किया था।

2024 में दो बार रूस गए थे मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली यात्रा थी। व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी की आखिरी मुलाकात 22 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में हुई थी। यह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की मुलाकात थी। इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की और व्यापार, रक्षा, ऊर्जा व लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और सहयोग की पेशकश की। उसी दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था।

इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। वहीं, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था।

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

फरवरी 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। वह सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था।

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, यूक्रेन संघर्ष सुलझाने की कोशिश के लिए दिया धन्यवाद

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रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर चर्चा जोरों पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार रूस और यूक्रेन से युद्धविराम समझौता करने की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार अमेरिका द्वारा यूक्रेन में 30 दिन के युद्धविराम के प्रस्ताव पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि वे यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि उनके पास अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी हैं।

अपने भाषण में, पुतिन ने तीन साल पुराने युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए वैश्विक नेताओं की ओर से किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की। पुतिन ने अपने आभार भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग का जिक्र किया।

पुतिन ने कहा, सबसे पहले, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रंप को यूक्रेन के समाधान पर इतना ध्यान देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हम सभी को अभी बहुत कुछ करना है, लेकिन कई देशों के लीडर्स, जैसे चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य के राष्ट्रपति। वे इस मुद्दे पर बहुत समय देते हैं, और हम उनके आभारी हैं, क्योंकि यह शत्रुता को रोकने और मानव हानि को रोकने के महान उद्देश्य के लिए है।

गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक जॉइंट में बोलते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस दुश्मनी खत्म करने के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन वह इस उम्मीद से आगे बढ़ता है कि इस समाप्ति से दीर्घकालिक शांति आएगी और संकट के मूल कारणों का उन्मूलन होगा।

भारत ने कई वैश्विक मंचों पर शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।पीएम मोदी ने फरवरी में व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की, तो उन्होंने दोहराया कि ‘भारत तटस्थ नहीं है। भारत शांति के पक्ष में है। पीएम मोदी ने कहा, मैंने पहले ही राष्ट्रपति पुतिन से कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से उठाए गए प्रयासों का समर्थन करता हूं।

जरूरत पड़ी तो जेलेंस्की से बात करेंगे पुतिन', सऊदी में अमेरिका के साथ बैठक के बीच रूस का ऐलान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका ने रूस के साथ सऊदी अरब में बैठक की है।बैठक में इन दोनों मुल्कों के प्रतिनिधियों के अलावा सऊदी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे, लेकिन यूक्रेन की तरफ से किसी को भई मीटिंग में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच रूस की सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस और अमेरिका के बीच वार्ता अब खत्म हो गई है। इसके साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। वहीं, कहा कि किसी भी समझौते का कानूनी आधार तय होना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि जेलेंस्की की वैधता पर सवाल हो सकता है।

राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज मंगलवारको सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के राजनयिकों की बैठक हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक समझौता करना है। बैठक के दौरान खास बात ये देखने को मिली कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई लेकिन यूक्रेन के राजनयिक को जगह नहीं दी गई।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

ट्रंप के सत्ता संभालते ही दुनियाभर में खलबली! जिनपिंग की पुतिन से वीडियो कॉल पर हुई बात
#russia_putin_discusses_with_china_s_xi
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सत्ता में वापसी कर ली है। डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के एक दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग ने बातचीत की। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मीटिंग की है।इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।

क्रेमलिन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक वीडियो कॉल पर बातचीत की है। बातचीत के दौरान रूस और चीन के बीच के रिश्तों को पहले से और भी बेहतर करने पर जोर दिया गया।

शी के साथ फोन पर बातचीत को लेकर पुतिन ने कहा कि रूस-चीन संबंध साझा हितों, समानता और आपसी लाभों पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये संबंध अंदरूनी राजनीतिक कारकों और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय माहौल पर निर्भर नहीं हैं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, हम एक समान बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के विकास का समर्थन करते हैं और यूरेशिया व पूरी दुनिया में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा, रूस और चीन के साझा प्रयास वैश्विक मामलों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वहीं, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने भी मॉस्को और बीजिंग के बीच सहयोग की सराहना की और कहा कि यह वैश्विक प्रणाली के सुधार और विकास में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया। हालांकि,बातचीत का समय इस बात का संकेत हो सकता है कि पुतिन और शी दोनों ही नए अमेरिकी प्रशासन के साथ मिलकर काम करें और आपस में संवाद करें।

इससे पहले जिनपिंग ने शुक्रवार को ट्रंप से फोन पर बात की थी और अमेरिका के साथ सकारात्मक संबंधों की उम्मीद जताई थी। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विवादों और फेंटानल बनाने में उपयोग होने वाली वस्तुओं के निर्यात पर सहयोग के तरीकों पर भी चर्चा की थी। हालांकि, ट्रंप ने पहले अपने दूसरे कार्यकाल में चीन पर शुल्क और अन्य प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। वहीं, पुतिन ने अब तक ट्रंप से फोन पर बात नहीं की है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर जंग की आहट, तनाव के बीच पुतिन की एंट्री!*
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर विवाद बेहद गंभार स्थिति में पहुंच गया है। दोनों देश डूरंड लाइन को पार कर एक-दूसरे के इलाके में लगातार हमले कर रहे हैं।पाकिस्तान द्वारा दो दिन पूर्व अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करने के बाद अफगानिस्तान ने जवाब दिया है। अफगान तालिबान बल ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर गोलीबारी की। गोलीबारी में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल के एक सैनिक की मौत हो गई। जबकि 11 अन्य सैनिक घायल हो गए। यह गोलीबारी पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद की गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव में रूस की भी एंट्री हो गई है। अफगान मीडिया के मुताबिक रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मॉस्को ‘पाकिस्तान-अफगान सीमा’ पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है। ज़खारोवा ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने और रचनात्मक वार्ता करने की अपील करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है।” इससे पहले शनिवार को सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में शनिवार को 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई। अमू टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि तालिबान ने सीमा के पास उसकी चौकियों पर ‘बिना उकसावे के भारी हथियारों से गोलीबारी’ की है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसके बलों ने पिछले हफ्ते देश पर हुए घातक हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के अंदर कई स्थानों पर हमला किया। पाकिस्तान ने गत मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पाक्तिका प्रांत में एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट करने और विद्रोहियों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। पाकिस्तान के हवाई हमलों में कई लोग मारे गए जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट की गई टिप्पणियों में कहा गया कि उसकी सेनाओं ने पाकिस्तान के उन स्थानों को निशाना बनाया, जिन्हें अफगानिस्तान पर हमलों की योजना और समन्वय से जुड़े तत्वों एवं उनके समर्थकों के लिए ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारजामी ने हमलों के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। यह भी नहीं बताया गया कि हमलों को कैसे अंजाम दिया गया। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि दोनों तरफ से कोई हताहत हुआ है या नहीं।
भारत-रूस की दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची”, मॉस्को में पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ सिंह, एस-400 की डिलीवरी पर भी बात*
#rajnath_singh_met_putin_in_moscow


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस क दौरे पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के अवसर पर हुई।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, भारत-रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा। बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और मिलकर किए जाने वाले प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके खुशी हुई। *एस-400 मिसाइल की डिलीवर पर जोर* पुतिन से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम की दो बची हुई यूनिट की जल्द डिलीवर पर जोर दिया। भारत और रूस के बीच 2018 में एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हुई थी। इस डील के तहत, रूस भारत को अब तक 3 यूनिट एस -400 सौंप चुका है। ये चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। एस -400, रूस का एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने, और नष्ट करने के लिए बनाया गया है। *रूस ने भारत को सौंपा आईएनएस तुशिल* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस की यात्रा पर हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को कालिनिनग्राद का दौरा भी किया, जहां पर वह आईएनएस तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल हुए। यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है। जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। आईएनएस तुशिल जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) की डील हुई थी। इसमें से 2 युद्धपोत का निर्माण रूस (यंतर शिपयार्ड) में और 2 का निर्माण (गोवा शिपयार्ड) में होना है। तुशिल की डिलीवरी करने के बाद रूस भारत को जून-जुलाई 2025 में तमाल सौंपेगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।