दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

डॉ. रामविलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि डॉ. राम विलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अग्रणी नेता, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

उनका निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म, समाज और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा को समर्पित उनका त्यागपूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।-
अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।
गया शहर में पालतू डॉगी लापता, मालिक ने घोषित किया 5 हजार रुपये का इनाम

गया शहर के समीर तकिया स्थित पंजाबी धर्मशाला इलाके में रहने वाले उमेश प्रसाद का पालतू डॉगी बीते 10 दिसंबर से लापता है। डॉगी के अचानक गायब हो जाने से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। उमेश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने डॉगी को अपने परिवार के सदस्य की तरह पाला था और उसके लापता होने के बाद से घर का माहौल पूरी तरह बदल गया है।

उमेश प्रसाद के अनुसार, स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि 10 दिसंबर को एक व्यक्ति डॉगी को टोटो या ऑटो में बैठाकर जिला स्कूल की ओर ले जाता हुआ देखा गया था। इस सूचना के बाद उमेश प्रसाद स्वयं जिला स्कूल पहुंचे और आसपास काफी खोजबीन की। वहां मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि एक ऑटो चालक डॉगी को अपने साथ लेकर वहां से चला गया था। हालांकि, उस ऑटो चालक के बारे में कोई ठोस जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है।

डॉगी के लापता होने के बाद से उमेश प्रसाद और उनके परिवार ने शहर के कई इलाकों में खोजबीन की, लेकिन अब तक डॉगी का कोई सुराग नहीं मिला है। परिवार ने गुमशुदगी को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर पोस्टर भी लगवाए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बारे में जान सकें और यदि किसी को डॉगी के बारे में कोई जानकारी मिले तो वह तुरंत संपर्क कर सके।

डॉगी की सुरक्षित वापसी के लिए उमेश प्रसाद ने 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। उन्होंने अपील की है कि यदि किसी को भी डॉगी दिखाई दे या उसके बारे में कोई भी सूचना मिले, तो वे तुरंत उन्हें जानकारी दें। उमेश प्रसाद ने कहा कि डॉगी के गायब होने के बाद से पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है।

उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से डॉगी को पाल रहे थे। “वह सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं था, बल्कि हमारे परिवार का एक सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से हम लोग ठीक से खाना तक नहीं खा पा रहे हैं,” उमेश प्रसाद ने कहा। फिलहाल परिवार डॉगी की सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए हुए है और लोगों से सहयोग की अपील कर रहा है।

कांग्रेस की रैली में लगा ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ का नारा, बीजेपी ने सोनिया गांधी से की माफी की मांग

#hugeuproarinparliamentoversloganmodiyourgravewillbe_dug

रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए। 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैली आयोजित हुई। इस रैली में कांग्रेस की एक महिला नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी' नारा लगाया। नारेबाजी की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

किसी भी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य-नड्डा

पीएम मोदी के कथित अपमान को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि रैली में मोदी के खिलाफ नारे लगाना पार्टी की सोच और राजनीतिक संस्कृति को दर्शाता है। नड्डा ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

पार्टी नेतृत्व से माफी की मांग

लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित अपमान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2014 में एक भाजपा सांसद ने विरोधियों के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर सख्त एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा नेता को माफी मांगने के लिए कहा और भाजपा नेता ने माफी मांगी। रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की रैली में पीएम मोदी के कथित अपमान का जिक्र करते हुए कहा, 'कल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कब्र खोदे जाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि पूरा पार्टी नेतृत्व कार्यक्रम में मौजूद था। उसी दौरान पीएम मोदी की कब्र खोदे जाने जैसे नारे लगाए गए। इससे अधिक शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना इस देश के लिए नहीं हो सकती। कांग्रेस पार्टी ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है। पार्टी नेतृत्व को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।

सीएमओ ऑफिस का डीएम ने किया निरीक्षण, अनुपस्थित मिलने पर डिप्टी सीएमओ व लिपिक का काटा वेतन

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी डॉ0 राजागणपति आर0 ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने डाक डिस्पैच कक्ष, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष, नोडल अधिकारी कक्ष, जिला सर्विलांस कक्ष, लेखा अनुभाग, उप मुख्य चिकित्साधिकारी कक्ष, प्रशासनिक अधिकारी कक्ष, मेडिकल अनुभाग कक्ष आदि को देखा। उन्होंने डाक डिस्पैच कक्ष में पहुंचकर डिस्पैच रजिस्टर, डाक रजिस्टर का अवलोकन करते हुये रजिस्टर में त्रुटियां मिलने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को सुधार के निर्देश दिये तथा लिपिक कमल हसन के अनुपस्थित होने पर आज का वेतन काटने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष में निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी डा0 विकास को  अनुपस्थित पाये जाने पर आज का वेतन काटने एवं स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी ने संबंधित जेई को निर्देश दिये कि सप्ताह में एक दिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठें। मेडिकल अनुभाग कक्ष में रजिस्टर का अवलोकन किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मुख्यालय छोड़ने वाले चिकित्सकों को मुख्यालय पर ही निवास करने हेतु कार्यालय आदेश जारी करें, आदेश का पालन न करने वाले चिकित्सकों पर अनुशासनिक कार्यवाही करें। आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की जानकारी ली। लेखा अनुभाग के निरीक्षण के दौरान भुगतान संबंधी रजिस्टर एवं अन्य रजिस्टर का भी अवलोकन किया एवं वर्तमान बजट की जानकारी ली। कैशबुक रजिस्टर में त्रुटि होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि स्वयं भी रजिस्टरों का अवलोकन करें। रजिस्टर में त्रुटि मिलने पर लेखाकार मनीष कुमार को चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में लगी भीषण आग, कोयले के शोपीस से उठीं लपटें

पार्किंग एरिया में बने कोयले के स्टैचू में लगी आग; घंटों मशक्कत के बाद दमकल ने पाया काबू

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार के बाहर पार्किंग एरिया में रेलवे के एक शोपीस (कोयले के स्टैचू) के पास आज अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना से मौके पर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि घटना के समय स्टेशन के बाहर काफी भीड़ थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि आग की इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

आग की भयावहता और काबू पाने की चुनौती

स्टैचू में आग: स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग एरिया की तरफ एक कोयले का स्टैचू बनाया गया है, जिसे चारों तरफ ग्रिल से घेराबंदी की गई है। अचानक इसी स्टैचू में आग लग गई, जो इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते आग की लपटें ऊपर उठने लगीं।

मदद और संघर्ष: आग बुझाने के लिए रेलवे कर्मचारी, रेल पुलिस के जवान और पार्किंग एरिया में मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में आग बुझाने के लिए वहां पानी के इंतजाम नहीं थे। लोगों ने स्टेशन गेट के पास रखी बालू से भरी बाल्टी लाकर आग बुझाने की कोशिश की।

काबू: थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और घंटों मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण

थर्मोकोल का उपयोग: अग्निशमन पदाधिकारी ने प्रारंभिक जांच में बताया कि कोयले की अनुकृति (स्टैचू) बनाने में थर्मोकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो आग के संपर्क में आते ही तेजी से धधक उठी।

आशंका: आशंका जताई जा रही है कि सिगरेट या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ स्टैचू एरिया में फेंक दिया गया होगा, जिससे यह आग लगी।

दमकल कर्मी का बयान: दमकल कर्मी श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग कैसे लगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

रामराज डीमोनफोर अकादमी मैं रविवार को ग्रेड पेरेंट्स डे का आयोजन किया गया
बहसूमा/ मेरठ।डी मोनफोर अकादमी में रविवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साहपूर्ण माहौल में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया, वहीं कार्यक्रम में पहुंचे सभी दादा-दादियों का पुष्प भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसके बाद नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया। बच्चों की मासूम अदाएं और आत्मविश्वास देखकर दादा-दादियों के चेहरे खुशी से खिल उठे और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

कार्यक्रम की विशेष आकर्षण यह रहा कि दादा-दादी भी बच्चों के साथ मंच पर आकर नृत्य करते नजर आए। उनका उत्साह और मुस्कान देखकर उपस्थित लोगों ने जमकर तालियां बजाईं। बच्चों की प्रस्तुतियों ने दादा-दादी के महत्व और उनके अनुभवों को सुंदर ढंग से दर्शाया, जिसे देखकर कई दादा-दादी भावविभोर हो गए।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने कहा कि दादा-दादी परिवार की अमूल्य धरोहर होते हैं, जिनके संस्कार बच्चों के जीवन को दिशा देते हैं। विद्यालय की निर्देशिका डॉ. गरिमा वर्मा ने ऐसे आयोजनों को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बताया। उप-प्रधानाचार्या श्रीमती रितु चिकारा ने कहा कि दादा-दादी का अनुभव बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है।

अंत में सभी दादा-दादियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। ग्रैंड पेरेंट्स डे का यह आयोजन सभी के लिए यादगार और भावनात्मक अनुभव बनकर रहा। और आगे भी ऐसे ही कार्यक्रम होते रहेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इण्डिया चेयरमैन का किया गया स्वागत

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय कार्यालय से जानकारी देते हुए बताया कि दस दिसम्बर को  जनपद कौशाम्बी में धूम धाम से विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया गया इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया चेयरमैन चन्द्रेश दुबे का स्वागत सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उत्कर्ष श्रीवास्तव और प्रदेश उपाध्यक्ष अतहर अब्बास ने अपनी कमेटी के साथ चेयरमैन चन्द्रेश दुबे का स्वागत सम्मान किया इस मौके पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने कहा कि मानवाधिकार और अपने अधिकारो के बारे में  प्रत्येक ब्यक्तियो को जानकारी होना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों को पहचान और अपने हक की लड़ाई को ताकत देने के लिए पूरे  विश्व में दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है इस दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि मानव अधिकार के प्रति  लोगो को जागरूक करना और मानवाधिकार के हनन को रोकना चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने यह भी कहा कि मानव अधिकार केवल दस दिसम्बर को नहीं होना चाहिए बल्कि प्रति दिन मानव के अधिकारो की चर्चा होनी चाहिए  चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने उक्त कार्यक्रम में मिडिया कर्मियों से बात चीत के दौरान कहा कि हम पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियो से अपील करते है कि  प्रशासन के पास यदि कोई कमजोर वर्ग के लोग यदि अपनी फरियाद लेकर जाय तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में फरियादियो की समस्याओं का निस्तारण कर उन्हें उनके अधिकारों को दिलाते हुए उन्हें मजबूत बनाए जिससे कमजोर वर्ग के लोग भी अपने अधिकारों की जानकारी रखते हुए अपनी जिन्दगी को आराम से ब्यतीत कर सके  इस कार्यक्रम में  प्रमुख रूप से अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय सचिव रमेश तिवारी राष्ट्रीय महासचिव शशांक कनौजिया प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उत्कर्ष श्रीवास्तव  प्रदेश उपाध्यक्ष अतहर अब्बास सहित प्रदेश कमेटी और जनपद कौशाम्बी के जिला पदाधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

डॉ. रामविलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि डॉ. राम विलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अग्रणी नेता, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

उनका निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म, समाज और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा को समर्पित उनका त्यागपूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।-
अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।
गया शहर में पालतू डॉगी लापता, मालिक ने घोषित किया 5 हजार रुपये का इनाम

गया शहर के समीर तकिया स्थित पंजाबी धर्मशाला इलाके में रहने वाले उमेश प्रसाद का पालतू डॉगी बीते 10 दिसंबर से लापता है। डॉगी के अचानक गायब हो जाने से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। उमेश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने डॉगी को अपने परिवार के सदस्य की तरह पाला था और उसके लापता होने के बाद से घर का माहौल पूरी तरह बदल गया है।

उमेश प्रसाद के अनुसार, स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि 10 दिसंबर को एक व्यक्ति डॉगी को टोटो या ऑटो में बैठाकर जिला स्कूल की ओर ले जाता हुआ देखा गया था। इस सूचना के बाद उमेश प्रसाद स्वयं जिला स्कूल पहुंचे और आसपास काफी खोजबीन की। वहां मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि एक ऑटो चालक डॉगी को अपने साथ लेकर वहां से चला गया था। हालांकि, उस ऑटो चालक के बारे में कोई ठोस जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है।

डॉगी के लापता होने के बाद से उमेश प्रसाद और उनके परिवार ने शहर के कई इलाकों में खोजबीन की, लेकिन अब तक डॉगी का कोई सुराग नहीं मिला है। परिवार ने गुमशुदगी को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर पोस्टर भी लगवाए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बारे में जान सकें और यदि किसी को डॉगी के बारे में कोई जानकारी मिले तो वह तुरंत संपर्क कर सके।

डॉगी की सुरक्षित वापसी के लिए उमेश प्रसाद ने 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। उन्होंने अपील की है कि यदि किसी को भी डॉगी दिखाई दे या उसके बारे में कोई भी सूचना मिले, तो वे तुरंत उन्हें जानकारी दें। उमेश प्रसाद ने कहा कि डॉगी के गायब होने के बाद से पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है।

उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से डॉगी को पाल रहे थे। “वह सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं था, बल्कि हमारे परिवार का एक सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से हम लोग ठीक से खाना तक नहीं खा पा रहे हैं,” उमेश प्रसाद ने कहा। फिलहाल परिवार डॉगी की सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए हुए है और लोगों से सहयोग की अपील कर रहा है।

कांग्रेस की रैली में लगा ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ का नारा, बीजेपी ने सोनिया गांधी से की माफी की मांग

#hugeuproarinparliamentoversloganmodiyourgravewillbe_dug

रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए। 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैली आयोजित हुई। इस रैली में कांग्रेस की एक महिला नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी' नारा लगाया। नारेबाजी की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

किसी भी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य-नड्डा

पीएम मोदी के कथित अपमान को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि रैली में मोदी के खिलाफ नारे लगाना पार्टी की सोच और राजनीतिक संस्कृति को दर्शाता है। नड्डा ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

पार्टी नेतृत्व से माफी की मांग

लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित अपमान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2014 में एक भाजपा सांसद ने विरोधियों के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर सख्त एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा नेता को माफी मांगने के लिए कहा और भाजपा नेता ने माफी मांगी। रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की रैली में पीएम मोदी के कथित अपमान का जिक्र करते हुए कहा, 'कल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कब्र खोदे जाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि पूरा पार्टी नेतृत्व कार्यक्रम में मौजूद था। उसी दौरान पीएम मोदी की कब्र खोदे जाने जैसे नारे लगाए गए। इससे अधिक शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना इस देश के लिए नहीं हो सकती। कांग्रेस पार्टी ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है। पार्टी नेतृत्व को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।

सीएमओ ऑफिस का डीएम ने किया निरीक्षण, अनुपस्थित मिलने पर डिप्टी सीएमओ व लिपिक का काटा वेतन

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी डॉ0 राजागणपति आर0 ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने डाक डिस्पैच कक्ष, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष, नोडल अधिकारी कक्ष, जिला सर्विलांस कक्ष, लेखा अनुभाग, उप मुख्य चिकित्साधिकारी कक्ष, प्रशासनिक अधिकारी कक्ष, मेडिकल अनुभाग कक्ष आदि को देखा। उन्होंने डाक डिस्पैच कक्ष में पहुंचकर डिस्पैच रजिस्टर, डाक रजिस्टर का अवलोकन करते हुये रजिस्टर में त्रुटियां मिलने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को सुधार के निर्देश दिये तथा लिपिक कमल हसन के अनुपस्थित होने पर आज का वेतन काटने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष में निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी डा0 विकास को  अनुपस्थित पाये जाने पर आज का वेतन काटने एवं स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी ने संबंधित जेई को निर्देश दिये कि सप्ताह में एक दिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठें। मेडिकल अनुभाग कक्ष में रजिस्टर का अवलोकन किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मुख्यालय छोड़ने वाले चिकित्सकों को मुख्यालय पर ही निवास करने हेतु कार्यालय आदेश जारी करें, आदेश का पालन न करने वाले चिकित्सकों पर अनुशासनिक कार्यवाही करें। आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की जानकारी ली। लेखा अनुभाग के निरीक्षण के दौरान भुगतान संबंधी रजिस्टर एवं अन्य रजिस्टर का भी अवलोकन किया एवं वर्तमान बजट की जानकारी ली। कैशबुक रजिस्टर में त्रुटि होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि स्वयं भी रजिस्टरों का अवलोकन करें। रजिस्टर में त्रुटि मिलने पर लेखाकार मनीष कुमार को चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में लगी भीषण आग, कोयले के शोपीस से उठीं लपटें

पार्किंग एरिया में बने कोयले के स्टैचू में लगी आग; घंटों मशक्कत के बाद दमकल ने पाया काबू

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार के बाहर पार्किंग एरिया में रेलवे के एक शोपीस (कोयले के स्टैचू) के पास आज अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना से मौके पर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि घटना के समय स्टेशन के बाहर काफी भीड़ थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि आग की इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

आग की भयावहता और काबू पाने की चुनौती

स्टैचू में आग: स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग एरिया की तरफ एक कोयले का स्टैचू बनाया गया है, जिसे चारों तरफ ग्रिल से घेराबंदी की गई है। अचानक इसी स्टैचू में आग लग गई, जो इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते आग की लपटें ऊपर उठने लगीं।

मदद और संघर्ष: आग बुझाने के लिए रेलवे कर्मचारी, रेल पुलिस के जवान और पार्किंग एरिया में मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में आग बुझाने के लिए वहां पानी के इंतजाम नहीं थे। लोगों ने स्टेशन गेट के पास रखी बालू से भरी बाल्टी लाकर आग बुझाने की कोशिश की।

काबू: थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और घंटों मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण

थर्मोकोल का उपयोग: अग्निशमन पदाधिकारी ने प्रारंभिक जांच में बताया कि कोयले की अनुकृति (स्टैचू) बनाने में थर्मोकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो आग के संपर्क में आते ही तेजी से धधक उठी।

आशंका: आशंका जताई जा रही है कि सिगरेट या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ स्टैचू एरिया में फेंक दिया गया होगा, जिससे यह आग लगी।

दमकल कर्मी का बयान: दमकल कर्मी श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग कैसे लगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

रामराज डीमोनफोर अकादमी मैं रविवार को ग्रेड पेरेंट्स डे का आयोजन किया गया
बहसूमा/ मेरठ।डी मोनफोर अकादमी में रविवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साहपूर्ण माहौल में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया, वहीं कार्यक्रम में पहुंचे सभी दादा-दादियों का पुष्प भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसके बाद नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया। बच्चों की मासूम अदाएं और आत्मविश्वास देखकर दादा-दादियों के चेहरे खुशी से खिल उठे और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

कार्यक्रम की विशेष आकर्षण यह रहा कि दादा-दादी भी बच्चों के साथ मंच पर आकर नृत्य करते नजर आए। उनका उत्साह और मुस्कान देखकर उपस्थित लोगों ने जमकर तालियां बजाईं। बच्चों की प्रस्तुतियों ने दादा-दादी के महत्व और उनके अनुभवों को सुंदर ढंग से दर्शाया, जिसे देखकर कई दादा-दादी भावविभोर हो गए।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने कहा कि दादा-दादी परिवार की अमूल्य धरोहर होते हैं, जिनके संस्कार बच्चों के जीवन को दिशा देते हैं। विद्यालय की निर्देशिका डॉ. गरिमा वर्मा ने ऐसे आयोजनों को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बताया। उप-प्रधानाचार्या श्रीमती रितु चिकारा ने कहा कि दादा-दादी का अनुभव बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है।

अंत में सभी दादा-दादियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। ग्रैंड पेरेंट्स डे का यह आयोजन सभी के लिए यादगार और भावनात्मक अनुभव बनकर रहा। और आगे भी ऐसे ही कार्यक्रम होते रहेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इण्डिया चेयरमैन का किया गया स्वागत

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय कार्यालय से जानकारी देते हुए बताया कि दस दिसम्बर को  जनपद कौशाम्बी में धूम धाम से विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया गया इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया चेयरमैन चन्द्रेश दुबे का स्वागत सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उत्कर्ष श्रीवास्तव और प्रदेश उपाध्यक्ष अतहर अब्बास ने अपनी कमेटी के साथ चेयरमैन चन्द्रेश दुबे का स्वागत सम्मान किया इस मौके पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने कहा कि मानवाधिकार और अपने अधिकारो के बारे में  प्रत्येक ब्यक्तियो को जानकारी होना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों को पहचान और अपने हक की लड़ाई को ताकत देने के लिए पूरे  विश्व में दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है इस दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि मानव अधिकार के प्रति  लोगो को जागरूक करना और मानवाधिकार के हनन को रोकना चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने यह भी कहा कि मानव अधिकार केवल दस दिसम्बर को नहीं होना चाहिए बल्कि प्रति दिन मानव के अधिकारो की चर्चा होनी चाहिए  चेयरमैन चन्द्रेश दुबे ने उक्त कार्यक्रम में मिडिया कर्मियों से बात चीत के दौरान कहा कि हम पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियो से अपील करते है कि  प्रशासन के पास यदि कोई कमजोर वर्ग के लोग यदि अपनी फरियाद लेकर जाय तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में फरियादियो की समस्याओं का निस्तारण कर उन्हें उनके अधिकारों को दिलाते हुए उन्हें मजबूत बनाए जिससे कमजोर वर्ग के लोग भी अपने अधिकारों की जानकारी रखते हुए अपनी जिन्दगी को आराम से ब्यतीत कर सके  इस कार्यक्रम में  प्रमुख रूप से अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी आफ इंडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय सचिव रमेश तिवारी राष्ट्रीय महासचिव शशांक कनौजिया प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उत्कर्ष श्रीवास्तव  प्रदेश उपाध्यक्ष अतहर अब्बास सहित प्रदेश कमेटी और जनपद कौशाम्बी के जिला पदाधिकारी मौजूद रहे।