देव नागरी महाविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस विषय पर रोचक कार्यशाला आयोजित

मेरठ।19 नवम्बर 2025। देव नागरी महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र (Zoology) विभाग द्वारा आज “फॉरेंसिक साइंस एवं उसके प्रकार : डीएनए परीक्षण तथा नारकोटिक्स ड्रग्स” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के उपनिदेशक डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिनका प्रमुख कार्यक्षेत्र सेरोलॉजी, बायोलॉजी, नारकोटिक्स तथा क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन रहा है।

दीप प्रज्वलन एवं स्वागत समारोह

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन Zoology विभाग के डॉ. प्रवीण कुमार ने किया।

फॉरेंसिक साइंस के बहुआयामी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा

अपने व्याख्यान में डॉ. राजेन्द्र सिंह ने फॉरेंसिक साइंस के महत्व, कार्यप्रणाली एवं विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—

फॉरेंसिक साइंस अपराध स्थल की वैज्ञानिक जाँच का विज्ञान है।

फॉरेंसिक को अनेक भागों में विभाजित किया गया है—

केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, फायर एवं विस्फोट परीक्षण

बायोलॉजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें DNA एवं सेरोलॉजी के मामले शामिल होते हैं

फिजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें फिजिक्स, बैलिस्टिक रिपोर्ट व अन्य भौतिक जाँचें आती हैं

डॉक्यूमेंट एग्ज़ामिनेशन, जिसमें हस्ताक्षर मिलान, लिखावट जाँच, दस्तावेज़ों की सत्यता जाँच शामिल है

उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत लोकार्ड का सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपराधी अपराध स्थल पर कुछ न कुछ अवश्य छोड़ता है या वहाँ से कुछ लेकर जाता है।

DNA परीक्षण और साइबर फॉरेंसिक पर रोशनी

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि DNA परीक्षण उम्र से प्रभावित नहीं होता और यह हमेशा स्थायी रहता है। DNA जाँच के लिए वीर्य, रक्त, बाल, त्वचा, हड्डियाँ, दाँत, भ्रूण, मांसपेशियाँ आदि नमूने लिए जा सकते हैं।

साइबर फॉरेंसिक के अंतर्गत—

ऑडियो–वीडियो जांच

डेटा रिकवरी (चाहे 10 वर्ष पुराना और डिलीटेड ही क्यों न हो)

जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग एवं लाई डिटेक्टर जैसे बिहेवियर साइंस के आधुनिक परीक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया। फोटो व वीडियो एविडेंस के संदर्भ में स्केल फोटोग्राफी को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव, प्रो. हिमांशु अग्रवाल, प्रो. सविता रानी, महाविद्यालय के चीफ डॉक्टर डॉ. दीपक कुमार, प्रो. वंदना गर्ग, प्रो. शेफाली, प्रो. अंशु ढाका, डॉ. अंजू चौहान, डॉ. जिनेन्द्र बोध, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. विश्वत चौधरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. जयन्त तेवतिया, डॉ. शशांक बघेल, डॉ. अनीता चौधरी, डॉ. अनुज बावरा, शशिकांत, डॉ. भारती, डॉ. अनीता कौशल, हरेंद्र, विशाल सहित Zoology एवं Botany विभाग के सभी विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अंत में प्राणीशास्त्र विभाग ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती हैं।

आवास विकास की ‘खाना-पूर्ति’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल, शास्त्रीनगर में अवैध निर्माण बेलगाम

मेरठ।शास्त्रीनगर और आसपास के सेक्टरों में अवैध निर्माण पर आवास विकास की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नोटिस चस्पा करने तक तो विभाग सक्रिय दिखाई देता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग ‘खाना-पूर्ति’ कर रहा है — न तो अवैध निर्माण रुक रहे हैं, न ही बड़े मामलों पर कोई ठोस कार्यवाही हो रही है।

नोटिस भी कही कही चस्पा…लेकिन कार्रवाई गायब!

शास्त्रीनगर में कई ऐसे निर्माण तेजी से खड़े हो रहे हैं जिन्हें अवैध मानते हुए विभाग ने नोटिस तो जरूर जारी किए हैं।लेकिन— न निर्माण रोका गया,न सील की कार्रवाई आगे बढ़ी,और न ही विभाग की ओर से कोई सख्त निर्देश जारी किया गया इसी कारण लोग सवाल उठा रहे हैं कि नोटिसों का उद्देश्य सिर्फ “कागजी काम पूरा करना” तो नहीं?

कई सेक्टरों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी

शहर के कई सेक्टरों में अवैध निर्माण खुलेआम तेज़ी से चल रहा है—

सेक्टर 2 — प्लॉट 20/2

सेक्टर 6 — प्लॉट 533/6

सेक्टर 7,सेक्टर 9,सेक्टर 10

सेक्टर 11 इन जगहों पर नोटिस चस्पा होने के बावजूद निर्माणकर्ता धड़ल्ले से काम जारी रखे हुए हैं। यह संकेत देता है कि विभागीय स्तर पर कहीं न कहीं मिलीभगत, ढिलाई या लापरवाही मौजूद है।

सेक्टर 11 का सबसे बड़ा मामला — 14/11 प्लॉट पर सड़क तक अतिक्रमण:

सेक्टर 11 में आरटीओ पुल के पास स्थित प्लॉट 14/11 पर तो हालात और भी गंभीर हैं।यहां निर्माण सड़क तक फैल चुका है,अतिक्रमण से स्थानीय राहगीरों को परेशानी हो रही है, और इसके बावजूद विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस चस्पा करने तक सीमित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला आवास विकास की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ “दिखावा”?

लोगों का कहना है कि विभाग पहले नोटिस देकर “एक्शन मोड” दिखा देता है, जिससे यह महसूस हो कि काम हो रहा है,लेकिन हकीकत यह है कि निर्माण रुकता नहीं, अवैध कब्जे हटते नहीं, और निर्माणकर्ताओं को किसी भी तरह का डर नहीं दिखता। स्थानीय निवासियों की मांग ईमानदार कार्रवाई हो

क्षेत्रवासियों का कहना है कि विभाग को चाहिए—

जहां नोटिस जारी किए गए हैं, वहां समय से सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो, सड़क पर किए गए अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं, और जो अधिकारी लापरवाह हैं, उन पर भी जवाबदेही तय की जाए।

शास्त्रीनगर सहित कई सेक्टरों में अवैध निर्माण लगातार बढ़ रहा है और विभागीय कार्रवाई का ढांचा कमजोर पड़ता दिख रहा है। केवल नोटिस लगाने से अवैध निर्माण नहीं रुकेंगे। यदि आवास विकास ने समय रहते सख्ती नहीं दिखाई, तो यह अव्यवस्था और अधिक बढ़ती जाएगी।

मवाना पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी गिरोह का किया पर्दाफाश, पाँच अभियुक्त गिरफ्तार

 

मवाना/मेरठ। संवाददाता

मोनू भाटी

मेरठ जनपद की मवाना थाना पुलिस ने वाहनों के फर्जी बीमा तैयार करने वाले अंतरजनपदीय गिरोह का भंडाफोड़ कर पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी मवाना के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी निरीक्षक श्रीमती पूनम जादौन के नेतृत्व में यह बड़ी कार्रवाई की गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वादी अंकुर शर्मा निवासी ग्राम मीवा की तहरीर पर 8 अक्टूबर 2025 को थाना मवाना में मुकदमा संख्या 414/25 पंजीकृत किया गया था। इसी क्रम में व0उ0नि0 भूपेन्द्र कुमार व पुलिस टीम ने नामित अभियुक्त शिवकुमार पुत्र कालीचरण निवासी ग्राम मटौरा को गिरफ्तार किया। कठोर पूछताछ में शिवकुमार ने अपने साथियों का खुलासा किया, जिसके आधार पर पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों हितेश कालरा, जतिन राजवंशी, देवेन्द्र सोनी और हिमांशु छाबड़ा के नाम सामने आने की पुष्टि की।

गिरोह के कब्जे से पुलिस ने एक लैपटॉप, पाँच मोबाइल फोन, सात फर्जी मोहरें, चार बीमा कंपनियों के जाली दस्तावेज और तेरह फर्जी बीमा पॉलिसियाँ बरामद कीं। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे दुर्घटना के समय बीमा रहित वाहनों को निशाना बनाते थे। उसी मॉडल के किसी अन्य वाहन की एक्टिव पॉलिसी की जानकारी लेकर उसमें जालसाजी के जरिए एनडोर्समेंट कर वाहन की आरसी, चेसिस नंबर, इंजन नंबर आदि को एडिट कर देते थे। इसके बाद वाहन स्वामी से मोटी रकम वसूलकर फर्जी मेल आईडी बनाकर कुछ निजी बीमा कंपनियों को परिवर्तन हेतु मेल करते थे, जिससे फर्जी पॉलिसी पोर्टल पर दिखने लगती थी और वाहन मालिक अदालत से वाहन रिलीज करा लेते थे।

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में शिवकुमार और जतिन राजवंशी के खिलाफ पूर्व में भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह मेरठ से लेकर हरियाणा तक सक्रिय था और लंबे समय से फर्जी बीमा प्रपत्र तैयार कर वाहन स्वामियों से ठगी कर रहा था।

गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक पूनम जादौन, व0उ0नि0 भूपेन्द्र कुमार, उ0नि0 सत्येन्द्र कुमार, कांस्टेबल संजय लौर और कांस्टेबल सुधीर कुमार शामिल रहे। पुलिस ने बताया कि गिरोह के नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है और अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश जारी है।

मवाना पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में फर्जी बीमा कर धोखाधड़ी करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

सोनभद्र खनन हादसा: 7 शव बरामद, दर्जन भर फंसे! मजदूर नेता मंगल तिवारी ने सीएम योगी से की भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों जांच की मांग

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जिले के बिल्ली-मारकुण्डी घाटी में बीते शनिवार को हुए भयंकर खनन हादसे ने प्रदेश में श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हृदय विदारक दुर्घटना में बचाव दल द्वारा अब तक 7 मजदूर मृतकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी लगभग एक दर्जन मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार मंगल तिवारी ने इस मामले में गहन जांच की मांग उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खदानों में होने वाले श्रमिकों की मौत की गहराई से जांच कराने तथा खनन कारोबारियों से लगाए संबंधित विभाग एवं संलिप्त लोगों की संपत्तियों की जांच की मांग की है।

सीएम योगी को पत्र में मुख्य मांगें

मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू यूनियन) के महामंत्री मंगल तिवारी ने मुख्यमंत्री से निवेदन भरे शब्दों में कहा है कि यदि उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले मंत्रालय में भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार तथा अपने पद एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है, तो अन्य मंत्रालयों की स्थिति का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

माकू यूनियन ने उत्तर प्रदेश सरकार की शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए निम्नलिखित निष्पक्ष जांचों की मांग की है:

 दोषी अधिकारियों की जांच: खनन विभाग के संबंधित अधिकारी, स्थानीय पुलिस अधिकारी, सहायक निदेशक कारखाना (ADF) तथा श्रम विभाग के संबंधित मॉनिटरिंग अधिकारी (सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त) की भूमिका एवं दायित्वों की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

 संपत्ति की विस्तृत जांच: दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं लीज धारकों की संपत्ति की विस्तृत जांच की जाए।

 स्वतंत्र एजेंसी से जांच: इस घटना सहित विगत दो वर्षों में खनन क्षेत्र में मजदूरों के साथ हुई दुर्घटनाओं एवं मौतों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।एनजीटी मानकों पर जांच: मिर्जापुर-सोनभद्र के सभी खनन पट्टों की एनजीटी (NGT) के मानकों के तर्ज पर जांच कराई जाए।

 समान आर्थिक सहायता: सभी दिवंगत श्रमिक आश्रितों को एक समान आर्थिक सहायता मिले।

"यह परिस्थिति शासन-प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न उत्पन्न करती है।"

मंगल तिवारी, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार

भविष्य के लिए बड़े आंदोलन की चेतावनी

मंगल तिवारी ने बताया कि माकू यूनियन श्रमिकों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित संगठन है, जिसका एकमात्र लक्ष्य श्रमिकों और उनके परिवार का उत्थान, उनको मान सम्मान और अधिकार दिलाना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यूनियन का उद्देश्य केवल इतना है कि प्रदेश में कार्यरत श्रमिक भाइयों को सुरक्षा का अधिकार मिले तथा इस भीषण घटना में मारे गए श्रमिकों के परिजनों को शीघ्र न्याय मिल सके।

मंगल तिवारी ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही सोनभद्र जिले में श्रमिकों के हक अधिकारों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ताकि प्रति वर्ष खदानों में खाक होती मजदूरों की जिंदगी को बचाया जा सके और उन पूँजिपतियों से लेकर सफेदपोशों के कारनामों का भी खुलासा किया जा सके जो इन मजदूरों के कंधों का उपयोग कर अपने लिए सुख-सुविधाएं तो बना लेते हैं लेकिन मजदूरों की जिंदगी जस की तस ही बनी रह जाती है।

वेदांता पब्लिक स्कूल का अभिनव शैक्षिक भ्रमण: ज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ/सिखेड़ा -: वेदांता पब्लिक स्कूल, सिखेडा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, अनुभवात्मक अधिगम और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। कक्षा तीन से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने देहरादून स्थित विज्ञान केंद्र और चिड़ियाघर की यात्रा कर ज्ञान और प्रकृति के बीच एक अद्भुत संगम का अनुभव प्राप्त किया।

छात्रों ने देहरादून के विज्ञान केंद्र में पहुंचकर वैज्ञानिक सिद्धांतों को नज़दीकी से समझा। उन्हें विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोगों को देखने, वायुमंडल के रहस्यों को जानने, पैंडुलम की गति और विभिन्न प्रकार के दर्पणों (जैसे उत्तल, अवतल) के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य विवेक चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता, नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण गुणों का विकास करता है।

"विज्ञान केंद्र के बाद, विद्यार्थियों ने देहरादून चिड़ियाघर का भ्रमण किया, जो उनके लिए एक सीधा प्राकृतिक परिचय साबित हुआ। बच्चों ने यहाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवों को नज़दीक से देखा और उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने विभिन्न पक्षी, रंगीन मछलियां, सांप, कछुए, मगरमच्छ, हिरण, बारहसिंगा, गुलदार (तेंदुआ) और चीते को देखकर रोमांच का अनुभव किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने चिड़ियाघर परिसर में मौजूद भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और फूलों को भी देखा और उनकी पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी प्राप्त की। 

स्कूल की कोऑर्डिनेटर गुंजन तोमर व कीर्ति रानी ने बताया, "ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों की टीमवर्क क्षमता, नेतृत्व गुण, सहानुभूति और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। साथ ही, उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं वैज्ञानिक खोजों से सीधा परिचय मिलता है, जो उनकी समझ को व्यापक बनाता है।"वेदांता पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सुशील सिंह आर्य ने इस आयोजन की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव होता है।प्रबंधक सुशील सिंह आर्य "इससे विद्यार्थियों को नई सीख मिलती है ।

जानसठ में चुनावी तैयारी तेज जिलाधिकारी के निर्देश पर बी एल ए की महत्वपूर्ण बैठक ।

ब्रह्म प्रकाश शर्मा

मतदाता सूची पुनरीक्षण में फोटो अनिवार्य, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई की --एसडीएम राजकुमार भारती

जानसठ, । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में एसडीएम जानसठ राजकुमार भारती ने आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को गति देने हेतु जानसठ तहसील सभागार में आज बूथ लेवल एजेंटों (BLA) की एक महत्वपूर्ण और विस्तृत बैठक आयोजित की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए और BLA के सहयोग की अपील भी की।

बुधवार को जानसठ तहसील स्थित सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम राजकुमार भारती ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने पर जोर दिया। BLA को कहा की बीएलओ का सहयोग करें उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक मतदाता को गणना पत्रक की दो प्रतियाँ अनिवार्य रूप से प्रदान कराए।और

मतदाता एक प्रति भरकर बीएलओ को सौंपेगा, जबकि दूसरी प्रति मतदाता के पास रिकॉर्ड के रूप में रहेगी। इस प्रक्रिया से प्राप्त डेटा को बीएलओ मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से तुरंत अपलोड किया जाएगा, जिससे डेटा प्रविष्टि की त्रुटियाँ कम होंगी। मतदाता पहचान पत्र को अत्याधुनिक और प्रमाणिक बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक मतदाता को अपना वर्तमान पासपोर्ट साइज का फोटो उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। यह कदम डुप्लीकेसी रोकने और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस विशाल कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने हेतु, उपस्थित अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (BLA) से सक्रिय और निष्ठापूर्ण सहयोग की अपील की। इस अपील पर, सभी BLA ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूर्ण सहयोग का सर्वसम्मत आश्वासन प्रदान किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनावी कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के लिए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने साफ शब्दों में चेताया कि जो बूथ लेवल अधिकारी निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध तत्काल और नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जानसठ प्रशासन आगामी चुनावों के लिए एक त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने हेतु पूरी तरह गंभीर है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। इस दौरान मुख्य रूप से राजनीतिक पार्टियों से योगेंद्र चौधरी प्रेम सिंह कश्यप रामनिवास प्रजापति डॉक्टर अंकित शर्मा गौरव वाल्मीकि मोहम्मद नजर डॉक्टर अली शेर अहमद अंसारी रेशू दीन मोहम्मद दानिश राजेंद्र कुमार सुभाष कुमार इमरान खान रजनीश यादव वीरेंद्र नगर सादिक चौहान शाहनजर अहमद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

जानसठ की जल समस्या: लाखों का समरसेबल महीनों से बदहाल, जनता प्यासी, नगर पंचायत मौन

- ब्लॉक के समीप लगा 'शोपीस' बना लाखों का बोरिंग, उद्घाटन के बाद से ही धूल फांक रहा; शुद्ध पेयजल की आस में तरस रहे स्थानीय निवासी

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ l नगर पंचायत द्वारा शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखों रुपए की लागत से ब्लॉक कार्यालय के पास स्थापित कराया गया एक बोरिंग एवं समरसेबल पंप परियोजना अपनी शुरुआत से ही बदहाली का शिकार है। यह परियोजना, जिस पर जनता के लाखों रुपए खर्च किए गए, अब नगर पंचायत के लापरवाही भरे रवैये के कारण एक सफेद हाथी और मात्र 'शोपीस' बनकर रह गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जल संकट को देखते हुए नगर पंचायत ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दी थी। बोरिंग का कार्य जोर-शोर से कराया गया और समरसेबल पंप भी स्थापित किया गया। स्थानीय निवासियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। हालाँकि, यह खुशी अल्पकालिक रही। सूत्रों के मुताबिक, बोरिंग के सफल संचालन के लिए आवश्यक विद्युत कनेक्शन, सुरक्षात्मक घेरा या संचालन स्टाफ की व्यवस्था कभी पूरी तरह से नहीं की गई।

जब से बोरिंग लगा है, तभ ी से यह बंद पड़ा है।

लाखों रुपए खर्च हो गए, लेकिन पानी की एक बूँद भी लोगों को नहीं मिल पाई। यह जनता के पैसे की खुली बर्बादी है," एक स्थानीय दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। आज आलम यह है कि ब्लॉक के समीप लगा यह नया बोरिंग अपनी बदहाली के आँसू बहा रहा है। समरसेबल पंप उद्घाटन के कुछ समय बाद ही ठप पड़ी यह परियोजना नगर पंचायत के दूरदर्शिता के अभाव और कार्यों के प्रति उदासीनता को दर्शाती है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस गंभीर विषय पर नगर पंचायत के पदाधिकारी और संबंधित कर्मचारी पूरी तरह से मौन हैं। स्थानीय निवासियों द्वारा कई बार शिकायतें किए जाने के बावजूद, इस बदहाल बोरिंग की सुध लेने वाला कोई नहीं है। एक ओर जहाँ नगर पंचायत विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए लाखों खर्च करने के बाद भी जनता को तरसना पड़ रहा है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर परियोजना को संचालित ही नहीं करना था, तो लाखों रुपए क्यों खर्च किए गए? क्या यह धनराशि किसी अन्य जरूरी विकास कार्य में नहीं लगाई जा सकती थी? इस मामले ने नगर पंचायत के कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जनता अब जल्द से जल्द इस बोरिंग को चालू करवाने और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है। नगर पंचायत को इस मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए बोरिंग को युद्धस्तर पर ठीक कराकर चालू करवाना चाहिए, ताकि जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके और सरकारी धन की बर्बादी पर रोक लगे। इस सम्बन्ध में नगर पंचायत कार्यालय से जानसठ संवाददाता ने जानकारी करने का प्रयास किया तों पता चला की अध्यक्ष जी नहीं आएं हैं। उसके उपरांत नगर पंचायत अध्यक्ष से फोन पर संपर्क करना चाहा तो फोन नॉट रिचेबल आता रहा।

आजमगढ़: कूबां पी जी कॉलेज आजमगढ़ में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया स्थापना दिवस
आजमगढ़।  कूबां पी जी कॉलेज दरियापुर नेवादा आजमगढ़ के प्राचार्य प्रो०अभिमन्यु यादव सर्वप्रथम स्व० सूरज नाथ सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात महाविद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के स्थापना से लेकर अब तक हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महाविद्यालय नित नए आयाम लिख रहा है। यहां के बच्चे न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं।,चाहे वह खेल हो या अकादमी, सभी में अपना परचम लहरा रहे हैं। डॉ शैलेंद्र प्रताप रघुवंशी, रितेश वर्मा, पंकज कुमार सिंह, डॉ पंकज पाण्डेय, डॉ संतोष उपाध्याय, डॉ संगम डॉ दिनेश कुमार यादव महाविद्यालय में हो रहे अन्य क्रियाकलापों पर अपनी बात कही। सांस्कृतिक कार्यक्रम में अनेक छात्र/ छात्राएं एकल गीत, नृत्य गायन लोकगीत प्रस्तुति की गई तथा नशा मुक्ति हेतु शपथ दिलाई गई। मेहनाजपुर थाना अध्यक्ष मनीष पाल द्वारा नारी सशक्तिकरण हेतु मिशन पेज 5 के अंतर्गत छात्रों को जागरूक किया गया कार्यक्रम का संचालन डॉ० राणा प्रताप सिंह ने किया।
झारखंड विधानसभा की रजत जयंती: 22 नवंबर को होगा स्थापना दिवस समारोह; राज्यपाल, शहीद परिवारों, पूर्व विधायकों और खिलाड़ियों का होगा सम्मान


रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्रनाथ महतो ने आज अपने कार्यालय कक्ष में 22 नवंबर 2025 को होने वाले झारखंड विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) स्थापना दिवस समारोह के आयोजन के संबंध में विभागों के वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।

अध्यक्ष महोदय ने आगंतुकों के आगमन, आवास तथा यातायात से संबंधित व्यवस्थाओं को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रांची जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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स्थापना दिवस समारोह (22 नवंबर, सुबह 11:00 बजे)

स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर झारखंड विधानसभा परिसर में निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों और विभूतियों का सम्मान किया जाएगा

  • बहादुर कर्मियों का सम्मान: देश की सीमा पर एवं नक्सल अभियान में शहीद हुए तथा शांतिकाल में वीरता पदक प्राप्त झारखंड राज्य के बहादुर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों का सम्मान।

  • राज्य की हस्तियाँ: झारखंड राज्य के खिलाड़ियों का सम्मान एवं सामाजिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान देने वाले राष्ट्रपति पदक से सम्मानित व्यक्तियों का सम्मान।
  • पूर्व विधायकों का सम्मान: सभी माननीय पूर्व अध्यक्ष और सभी पूर्व विधायकों को सम्मानित किया जाएगा।

भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम (संध्या 06:00 बजे)

स्थापना दिवस की संध्या पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसके मुख्य आकर्षण ये कलाकार होंगे:

  • विशेष आकर्षण: पार्श्व गायक श्री रूप कुमार राठौर, हास्य कवि डॉ. दिनेश बावरा, एवं हास्य कलाकार श्री रविन्द्र जॉनी
  • स्थानीय प्रस्तुति: स्थानीय कलाकारों श्री प्रमान्द नन्दा, श्रीमती मृणालनी अखोरी, श्री टॉम मुर्मू एवं सुश्री सुमी श्रेया द्वारा लोकगीत/लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी।


Sambhal हसीना बेगम हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के मरीजों के लिए फ्री ऑपरेशन कैंप, आई ओपीडी की भी हुई शुरुआत

हसीना बेगम हॉस्पिटल में बुधवार को नेत्र रोग विभाग की ओर से मोतियाबिंद के मरीजों के लिए लगाया गया, जिसमें आयुष्मान कार्ड धारकों को निःशुल्क ऑपरेशन कैंप का सफल आयोजन किया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तनुज ने बताया कि कैंप में एक दर्जन से अधिक मरीजों का आधुनिक तकनीक टॉपिकल एनेस्थीसिया से ऑपरेशन किया गया। यह प्रक्रिया पूरी तरह बिना टांका, बिना इंजेक्शन और बिना पट्टी के की जाती है, जिससे मरीज को किसी प्रकार के दर्द का सामना नहीं करना पड़ता। ऑपरेशन के बाद मरीज अगले ही दिन से टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल और सामान्य कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है और हफ्ते में एक बार ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे। प्राइवेट मरीजों का भी इसी विधि से इलाज उपलब्ध रहेगा।

इसी के साथ आज हसीना बेगम हॉस्पिटल में आई ओपीडी की भी औपचारिक शुरुआत की गई।डॉ. गौरव ने बताया कि पहले ही दिन एक दर्जन से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। मरीज बिना इंजेक्शन, बिना पट्टी और बिना किसी बड़े चीरे के केवल कुछ मिनटों में ऑपरेशन करा सकेंगे। सभी सर्जरी एडवांस मशीनों और आधुनिक तकनीक के माध्यम से की जा रही हैं। डॉ. गौरव ने बताया कि हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत सभी प्रकार की नेत्र संबंधी सेवाएं उपलब्ध हैं। वहीं, डॉ. कुमार संभव कैंप में आने वाले मरीजों को अटेंड कर रहे हैं।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आगे भी जनता की सुविधा के लिए नियमित रूप से ऐसे विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ मिल सके। हसीना बेगम हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत अन्य तरह के मरीज का इलाज भी किया जाता है।

देव नागरी महाविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस विषय पर रोचक कार्यशाला आयोजित

मेरठ।19 नवम्बर 2025। देव नागरी महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र (Zoology) विभाग द्वारा आज “फॉरेंसिक साइंस एवं उसके प्रकार : डीएनए परीक्षण तथा नारकोटिक्स ड्रग्स” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के उपनिदेशक डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिनका प्रमुख कार्यक्षेत्र सेरोलॉजी, बायोलॉजी, नारकोटिक्स तथा क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन रहा है।

दीप प्रज्वलन एवं स्वागत समारोह

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन Zoology विभाग के डॉ. प्रवीण कुमार ने किया।

फॉरेंसिक साइंस के बहुआयामी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा

अपने व्याख्यान में डॉ. राजेन्द्र सिंह ने फॉरेंसिक साइंस के महत्व, कार्यप्रणाली एवं विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—

फॉरेंसिक साइंस अपराध स्थल की वैज्ञानिक जाँच का विज्ञान है।

फॉरेंसिक को अनेक भागों में विभाजित किया गया है—

केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, फायर एवं विस्फोट परीक्षण

बायोलॉजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें DNA एवं सेरोलॉजी के मामले शामिल होते हैं

फिजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें फिजिक्स, बैलिस्टिक रिपोर्ट व अन्य भौतिक जाँचें आती हैं

डॉक्यूमेंट एग्ज़ामिनेशन, जिसमें हस्ताक्षर मिलान, लिखावट जाँच, दस्तावेज़ों की सत्यता जाँच शामिल है

उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत लोकार्ड का सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपराधी अपराध स्थल पर कुछ न कुछ अवश्य छोड़ता है या वहाँ से कुछ लेकर जाता है।

DNA परीक्षण और साइबर फॉरेंसिक पर रोशनी

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि DNA परीक्षण उम्र से प्रभावित नहीं होता और यह हमेशा स्थायी रहता है। DNA जाँच के लिए वीर्य, रक्त, बाल, त्वचा, हड्डियाँ, दाँत, भ्रूण, मांसपेशियाँ आदि नमूने लिए जा सकते हैं।

साइबर फॉरेंसिक के अंतर्गत—

ऑडियो–वीडियो जांच

डेटा रिकवरी (चाहे 10 वर्ष पुराना और डिलीटेड ही क्यों न हो)

जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग एवं लाई डिटेक्टर जैसे बिहेवियर साइंस के आधुनिक परीक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया। फोटो व वीडियो एविडेंस के संदर्भ में स्केल फोटोग्राफी को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव, प्रो. हिमांशु अग्रवाल, प्रो. सविता रानी, महाविद्यालय के चीफ डॉक्टर डॉ. दीपक कुमार, प्रो. वंदना गर्ग, प्रो. शेफाली, प्रो. अंशु ढाका, डॉ. अंजू चौहान, डॉ. जिनेन्द्र बोध, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. विश्वत चौधरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. जयन्त तेवतिया, डॉ. शशांक बघेल, डॉ. अनीता चौधरी, डॉ. अनुज बावरा, शशिकांत, डॉ. भारती, डॉ. अनीता कौशल, हरेंद्र, विशाल सहित Zoology एवं Botany विभाग के सभी विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अंत में प्राणीशास्त्र विभाग ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती हैं।

आवास विकास की ‘खाना-पूर्ति’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल, शास्त्रीनगर में अवैध निर्माण बेलगाम

मेरठ।शास्त्रीनगर और आसपास के सेक्टरों में अवैध निर्माण पर आवास विकास की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नोटिस चस्पा करने तक तो विभाग सक्रिय दिखाई देता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग ‘खाना-पूर्ति’ कर रहा है — न तो अवैध निर्माण रुक रहे हैं, न ही बड़े मामलों पर कोई ठोस कार्यवाही हो रही है।

नोटिस भी कही कही चस्पा…लेकिन कार्रवाई गायब!

शास्त्रीनगर में कई ऐसे निर्माण तेजी से खड़े हो रहे हैं जिन्हें अवैध मानते हुए विभाग ने नोटिस तो जरूर जारी किए हैं।लेकिन— न निर्माण रोका गया,न सील की कार्रवाई आगे बढ़ी,और न ही विभाग की ओर से कोई सख्त निर्देश जारी किया गया इसी कारण लोग सवाल उठा रहे हैं कि नोटिसों का उद्देश्य सिर्फ “कागजी काम पूरा करना” तो नहीं?

कई सेक्टरों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी

शहर के कई सेक्टरों में अवैध निर्माण खुलेआम तेज़ी से चल रहा है—

सेक्टर 2 — प्लॉट 20/2

सेक्टर 6 — प्लॉट 533/6

सेक्टर 7,सेक्टर 9,सेक्टर 10

सेक्टर 11 इन जगहों पर नोटिस चस्पा होने के बावजूद निर्माणकर्ता धड़ल्ले से काम जारी रखे हुए हैं। यह संकेत देता है कि विभागीय स्तर पर कहीं न कहीं मिलीभगत, ढिलाई या लापरवाही मौजूद है।

सेक्टर 11 का सबसे बड़ा मामला — 14/11 प्लॉट पर सड़क तक अतिक्रमण:

सेक्टर 11 में आरटीओ पुल के पास स्थित प्लॉट 14/11 पर तो हालात और भी गंभीर हैं।यहां निर्माण सड़क तक फैल चुका है,अतिक्रमण से स्थानीय राहगीरों को परेशानी हो रही है, और इसके बावजूद विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस चस्पा करने तक सीमित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला आवास विकास की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ “दिखावा”?

लोगों का कहना है कि विभाग पहले नोटिस देकर “एक्शन मोड” दिखा देता है, जिससे यह महसूस हो कि काम हो रहा है,लेकिन हकीकत यह है कि निर्माण रुकता नहीं, अवैध कब्जे हटते नहीं, और निर्माणकर्ताओं को किसी भी तरह का डर नहीं दिखता। स्थानीय निवासियों की मांग ईमानदार कार्रवाई हो

क्षेत्रवासियों का कहना है कि विभाग को चाहिए—

जहां नोटिस जारी किए गए हैं, वहां समय से सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो, सड़क पर किए गए अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं, और जो अधिकारी लापरवाह हैं, उन पर भी जवाबदेही तय की जाए।

शास्त्रीनगर सहित कई सेक्टरों में अवैध निर्माण लगातार बढ़ रहा है और विभागीय कार्रवाई का ढांचा कमजोर पड़ता दिख रहा है। केवल नोटिस लगाने से अवैध निर्माण नहीं रुकेंगे। यदि आवास विकास ने समय रहते सख्ती नहीं दिखाई, तो यह अव्यवस्था और अधिक बढ़ती जाएगी।

मवाना पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी गिरोह का किया पर्दाफाश, पाँच अभियुक्त गिरफ्तार

 

मवाना/मेरठ। संवाददाता

मोनू भाटी

मेरठ जनपद की मवाना थाना पुलिस ने वाहनों के फर्जी बीमा तैयार करने वाले अंतरजनपदीय गिरोह का भंडाफोड़ कर पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी मवाना के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी निरीक्षक श्रीमती पूनम जादौन के नेतृत्व में यह बड़ी कार्रवाई की गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वादी अंकुर शर्मा निवासी ग्राम मीवा की तहरीर पर 8 अक्टूबर 2025 को थाना मवाना में मुकदमा संख्या 414/25 पंजीकृत किया गया था। इसी क्रम में व0उ0नि0 भूपेन्द्र कुमार व पुलिस टीम ने नामित अभियुक्त शिवकुमार पुत्र कालीचरण निवासी ग्राम मटौरा को गिरफ्तार किया। कठोर पूछताछ में शिवकुमार ने अपने साथियों का खुलासा किया, जिसके आधार पर पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों हितेश कालरा, जतिन राजवंशी, देवेन्द्र सोनी और हिमांशु छाबड़ा के नाम सामने आने की पुष्टि की।

गिरोह के कब्जे से पुलिस ने एक लैपटॉप, पाँच मोबाइल फोन, सात फर्जी मोहरें, चार बीमा कंपनियों के जाली दस्तावेज और तेरह फर्जी बीमा पॉलिसियाँ बरामद कीं। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे दुर्घटना के समय बीमा रहित वाहनों को निशाना बनाते थे। उसी मॉडल के किसी अन्य वाहन की एक्टिव पॉलिसी की जानकारी लेकर उसमें जालसाजी के जरिए एनडोर्समेंट कर वाहन की आरसी, चेसिस नंबर, इंजन नंबर आदि को एडिट कर देते थे। इसके बाद वाहन स्वामी से मोटी रकम वसूलकर फर्जी मेल आईडी बनाकर कुछ निजी बीमा कंपनियों को परिवर्तन हेतु मेल करते थे, जिससे फर्जी पॉलिसी पोर्टल पर दिखने लगती थी और वाहन मालिक अदालत से वाहन रिलीज करा लेते थे।

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में शिवकुमार और जतिन राजवंशी के खिलाफ पूर्व में भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह मेरठ से लेकर हरियाणा तक सक्रिय था और लंबे समय से फर्जी बीमा प्रपत्र तैयार कर वाहन स्वामियों से ठगी कर रहा था।

गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक पूनम जादौन, व0उ0नि0 भूपेन्द्र कुमार, उ0नि0 सत्येन्द्र कुमार, कांस्टेबल संजय लौर और कांस्टेबल सुधीर कुमार शामिल रहे। पुलिस ने बताया कि गिरोह के नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है और अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश जारी है।

मवाना पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में फर्जी बीमा कर धोखाधड़ी करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

सोनभद्र खनन हादसा: 7 शव बरामद, दर्जन भर फंसे! मजदूर नेता मंगल तिवारी ने सीएम योगी से की भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों जांच की मांग

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जिले के बिल्ली-मारकुण्डी घाटी में बीते शनिवार को हुए भयंकर खनन हादसे ने प्रदेश में श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हृदय विदारक दुर्घटना में बचाव दल द्वारा अब तक 7 मजदूर मृतकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी लगभग एक दर्जन मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार मंगल तिवारी ने इस मामले में गहन जांच की मांग उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खदानों में होने वाले श्रमिकों की मौत की गहराई से जांच कराने तथा खनन कारोबारियों से लगाए संबंधित विभाग एवं संलिप्त लोगों की संपत्तियों की जांच की मांग की है।

सीएम योगी को पत्र में मुख्य मांगें

मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू यूनियन) के महामंत्री मंगल तिवारी ने मुख्यमंत्री से निवेदन भरे शब्दों में कहा है कि यदि उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले मंत्रालय में भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार तथा अपने पद एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है, तो अन्य मंत्रालयों की स्थिति का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

माकू यूनियन ने उत्तर प्रदेश सरकार की शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए निम्नलिखित निष्पक्ष जांचों की मांग की है:

 दोषी अधिकारियों की जांच: खनन विभाग के संबंधित अधिकारी, स्थानीय पुलिस अधिकारी, सहायक निदेशक कारखाना (ADF) तथा श्रम विभाग के संबंधित मॉनिटरिंग अधिकारी (सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त) की भूमिका एवं दायित्वों की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

 संपत्ति की विस्तृत जांच: दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं लीज धारकों की संपत्ति की विस्तृत जांच की जाए।

 स्वतंत्र एजेंसी से जांच: इस घटना सहित विगत दो वर्षों में खनन क्षेत्र में मजदूरों के साथ हुई दुर्घटनाओं एवं मौतों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।एनजीटी मानकों पर जांच: मिर्जापुर-सोनभद्र के सभी खनन पट्टों की एनजीटी (NGT) के मानकों के तर्ज पर जांच कराई जाए।

 समान आर्थिक सहायता: सभी दिवंगत श्रमिक आश्रितों को एक समान आर्थिक सहायता मिले।

"यह परिस्थिति शासन-प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न उत्पन्न करती है।"

मंगल तिवारी, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार

भविष्य के लिए बड़े आंदोलन की चेतावनी

मंगल तिवारी ने बताया कि माकू यूनियन श्रमिकों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित संगठन है, जिसका एकमात्र लक्ष्य श्रमिकों और उनके परिवार का उत्थान, उनको मान सम्मान और अधिकार दिलाना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यूनियन का उद्देश्य केवल इतना है कि प्रदेश में कार्यरत श्रमिक भाइयों को सुरक्षा का अधिकार मिले तथा इस भीषण घटना में मारे गए श्रमिकों के परिजनों को शीघ्र न्याय मिल सके।

मंगल तिवारी ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही सोनभद्र जिले में श्रमिकों के हक अधिकारों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ताकि प्रति वर्ष खदानों में खाक होती मजदूरों की जिंदगी को बचाया जा सके और उन पूँजिपतियों से लेकर सफेदपोशों के कारनामों का भी खुलासा किया जा सके जो इन मजदूरों के कंधों का उपयोग कर अपने लिए सुख-सुविधाएं तो बना लेते हैं लेकिन मजदूरों की जिंदगी जस की तस ही बनी रह जाती है।

वेदांता पब्लिक स्कूल का अभिनव शैक्षिक भ्रमण: ज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ/सिखेड़ा -: वेदांता पब्लिक स्कूल, सिखेडा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, अनुभवात्मक अधिगम और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। कक्षा तीन से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने देहरादून स्थित विज्ञान केंद्र और चिड़ियाघर की यात्रा कर ज्ञान और प्रकृति के बीच एक अद्भुत संगम का अनुभव प्राप्त किया।

छात्रों ने देहरादून के विज्ञान केंद्र में पहुंचकर वैज्ञानिक सिद्धांतों को नज़दीकी से समझा। उन्हें विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोगों को देखने, वायुमंडल के रहस्यों को जानने, पैंडुलम की गति और विभिन्न प्रकार के दर्पणों (जैसे उत्तल, अवतल) के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य विवेक चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता, नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण गुणों का विकास करता है।

"विज्ञान केंद्र के बाद, विद्यार्थियों ने देहरादून चिड़ियाघर का भ्रमण किया, जो उनके लिए एक सीधा प्राकृतिक परिचय साबित हुआ। बच्चों ने यहाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवों को नज़दीक से देखा और उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने विभिन्न पक्षी, रंगीन मछलियां, सांप, कछुए, मगरमच्छ, हिरण, बारहसिंगा, गुलदार (तेंदुआ) और चीते को देखकर रोमांच का अनुभव किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने चिड़ियाघर परिसर में मौजूद भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और फूलों को भी देखा और उनकी पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी प्राप्त की। 

स्कूल की कोऑर्डिनेटर गुंजन तोमर व कीर्ति रानी ने बताया, "ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों की टीमवर्क क्षमता, नेतृत्व गुण, सहानुभूति और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। साथ ही, उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं वैज्ञानिक खोजों से सीधा परिचय मिलता है, जो उनकी समझ को व्यापक बनाता है।"वेदांता पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सुशील सिंह आर्य ने इस आयोजन की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव होता है।प्रबंधक सुशील सिंह आर्य "इससे विद्यार्थियों को नई सीख मिलती है ।

जानसठ में चुनावी तैयारी तेज जिलाधिकारी के निर्देश पर बी एल ए की महत्वपूर्ण बैठक ।

ब्रह्म प्रकाश शर्मा

मतदाता सूची पुनरीक्षण में फोटो अनिवार्य, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई की --एसडीएम राजकुमार भारती

जानसठ, । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में एसडीएम जानसठ राजकुमार भारती ने आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को गति देने हेतु जानसठ तहसील सभागार में आज बूथ लेवल एजेंटों (BLA) की एक महत्वपूर्ण और विस्तृत बैठक आयोजित की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए और BLA के सहयोग की अपील भी की।

बुधवार को जानसठ तहसील स्थित सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम राजकुमार भारती ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने पर जोर दिया। BLA को कहा की बीएलओ का सहयोग करें उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक मतदाता को गणना पत्रक की दो प्रतियाँ अनिवार्य रूप से प्रदान कराए।और

मतदाता एक प्रति भरकर बीएलओ को सौंपेगा, जबकि दूसरी प्रति मतदाता के पास रिकॉर्ड के रूप में रहेगी। इस प्रक्रिया से प्राप्त डेटा को बीएलओ मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से तुरंत अपलोड किया जाएगा, जिससे डेटा प्रविष्टि की त्रुटियाँ कम होंगी। मतदाता पहचान पत्र को अत्याधुनिक और प्रमाणिक बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक मतदाता को अपना वर्तमान पासपोर्ट साइज का फोटो उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। यह कदम डुप्लीकेसी रोकने और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस विशाल कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने हेतु, उपस्थित अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (BLA) से सक्रिय और निष्ठापूर्ण सहयोग की अपील की। इस अपील पर, सभी BLA ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूर्ण सहयोग का सर्वसम्मत आश्वासन प्रदान किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनावी कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के लिए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने साफ शब्दों में चेताया कि जो बूथ लेवल अधिकारी निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध तत्काल और नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जानसठ प्रशासन आगामी चुनावों के लिए एक त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने हेतु पूरी तरह गंभीर है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। इस दौरान मुख्य रूप से राजनीतिक पार्टियों से योगेंद्र चौधरी प्रेम सिंह कश्यप रामनिवास प्रजापति डॉक्टर अंकित शर्मा गौरव वाल्मीकि मोहम्मद नजर डॉक्टर अली शेर अहमद अंसारी रेशू दीन मोहम्मद दानिश राजेंद्र कुमार सुभाष कुमार इमरान खान रजनीश यादव वीरेंद्र नगर सादिक चौहान शाहनजर अहमद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

जानसठ की जल समस्या: लाखों का समरसेबल महीनों से बदहाल, जनता प्यासी, नगर पंचायत मौन

- ब्लॉक के समीप लगा 'शोपीस' बना लाखों का बोरिंग, उद्घाटन के बाद से ही धूल फांक रहा; शुद्ध पेयजल की आस में तरस रहे स्थानीय निवासी

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ l नगर पंचायत द्वारा शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखों रुपए की लागत से ब्लॉक कार्यालय के पास स्थापित कराया गया एक बोरिंग एवं समरसेबल पंप परियोजना अपनी शुरुआत से ही बदहाली का शिकार है। यह परियोजना, जिस पर जनता के लाखों रुपए खर्च किए गए, अब नगर पंचायत के लापरवाही भरे रवैये के कारण एक सफेद हाथी और मात्र 'शोपीस' बनकर रह गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जल संकट को देखते हुए नगर पंचायत ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दी थी। बोरिंग का कार्य जोर-शोर से कराया गया और समरसेबल पंप भी स्थापित किया गया। स्थानीय निवासियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। हालाँकि, यह खुशी अल्पकालिक रही। सूत्रों के मुताबिक, बोरिंग के सफल संचालन के लिए आवश्यक विद्युत कनेक्शन, सुरक्षात्मक घेरा या संचालन स्टाफ की व्यवस्था कभी पूरी तरह से नहीं की गई।

जब से बोरिंग लगा है, तभ ी से यह बंद पड़ा है।

लाखों रुपए खर्च हो गए, लेकिन पानी की एक बूँद भी लोगों को नहीं मिल पाई। यह जनता के पैसे की खुली बर्बादी है," एक स्थानीय दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। आज आलम यह है कि ब्लॉक के समीप लगा यह नया बोरिंग अपनी बदहाली के आँसू बहा रहा है। समरसेबल पंप उद्घाटन के कुछ समय बाद ही ठप पड़ी यह परियोजना नगर पंचायत के दूरदर्शिता के अभाव और कार्यों के प्रति उदासीनता को दर्शाती है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस गंभीर विषय पर नगर पंचायत के पदाधिकारी और संबंधित कर्मचारी पूरी तरह से मौन हैं। स्थानीय निवासियों द्वारा कई बार शिकायतें किए जाने के बावजूद, इस बदहाल बोरिंग की सुध लेने वाला कोई नहीं है। एक ओर जहाँ नगर पंचायत विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए लाखों खर्च करने के बाद भी जनता को तरसना पड़ रहा है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर परियोजना को संचालित ही नहीं करना था, तो लाखों रुपए क्यों खर्च किए गए? क्या यह धनराशि किसी अन्य जरूरी विकास कार्य में नहीं लगाई जा सकती थी? इस मामले ने नगर पंचायत के कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जनता अब जल्द से जल्द इस बोरिंग को चालू करवाने और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है। नगर पंचायत को इस मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए बोरिंग को युद्धस्तर पर ठीक कराकर चालू करवाना चाहिए, ताकि जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके और सरकारी धन की बर्बादी पर रोक लगे। इस सम्बन्ध में नगर पंचायत कार्यालय से जानसठ संवाददाता ने जानकारी करने का प्रयास किया तों पता चला की अध्यक्ष जी नहीं आएं हैं। उसके उपरांत नगर पंचायत अध्यक्ष से फोन पर संपर्क करना चाहा तो फोन नॉट रिचेबल आता रहा।

आजमगढ़: कूबां पी जी कॉलेज आजमगढ़ में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया स्थापना दिवस
आजमगढ़।  कूबां पी जी कॉलेज दरियापुर नेवादा आजमगढ़ के प्राचार्य प्रो०अभिमन्यु यादव सर्वप्रथम स्व० सूरज नाथ सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात महाविद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के स्थापना से लेकर अब तक हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महाविद्यालय नित नए आयाम लिख रहा है। यहां के बच्चे न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं।,चाहे वह खेल हो या अकादमी, सभी में अपना परचम लहरा रहे हैं। डॉ शैलेंद्र प्रताप रघुवंशी, रितेश वर्मा, पंकज कुमार सिंह, डॉ पंकज पाण्डेय, डॉ संतोष उपाध्याय, डॉ संगम डॉ दिनेश कुमार यादव महाविद्यालय में हो रहे अन्य क्रियाकलापों पर अपनी बात कही। सांस्कृतिक कार्यक्रम में अनेक छात्र/ छात्राएं एकल गीत, नृत्य गायन लोकगीत प्रस्तुति की गई तथा नशा मुक्ति हेतु शपथ दिलाई गई। मेहनाजपुर थाना अध्यक्ष मनीष पाल द्वारा नारी सशक्तिकरण हेतु मिशन पेज 5 के अंतर्गत छात्रों को जागरूक किया गया कार्यक्रम का संचालन डॉ० राणा प्रताप सिंह ने किया।
झारखंड विधानसभा की रजत जयंती: 22 नवंबर को होगा स्थापना दिवस समारोह; राज्यपाल, शहीद परिवारों, पूर्व विधायकों और खिलाड़ियों का होगा सम्मान


रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्रनाथ महतो ने आज अपने कार्यालय कक्ष में 22 नवंबर 2025 को होने वाले झारखंड विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) स्थापना दिवस समारोह के आयोजन के संबंध में विभागों के वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।

अध्यक्ष महोदय ने आगंतुकों के आगमन, आवास तथा यातायात से संबंधित व्यवस्थाओं को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रांची जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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स्थापना दिवस समारोह (22 नवंबर, सुबह 11:00 बजे)

स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर झारखंड विधानसभा परिसर में निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों और विभूतियों का सम्मान किया जाएगा

  • बहादुर कर्मियों का सम्मान: देश की सीमा पर एवं नक्सल अभियान में शहीद हुए तथा शांतिकाल में वीरता पदक प्राप्त झारखंड राज्य के बहादुर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों का सम्मान।

  • राज्य की हस्तियाँ: झारखंड राज्य के खिलाड़ियों का सम्मान एवं सामाजिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान देने वाले राष्ट्रपति पदक से सम्मानित व्यक्तियों का सम्मान।
  • पूर्व विधायकों का सम्मान: सभी माननीय पूर्व अध्यक्ष और सभी पूर्व विधायकों को सम्मानित किया जाएगा।

भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम (संध्या 06:00 बजे)

स्थापना दिवस की संध्या पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसके मुख्य आकर्षण ये कलाकार होंगे:

  • विशेष आकर्षण: पार्श्व गायक श्री रूप कुमार राठौर, हास्य कवि डॉ. दिनेश बावरा, एवं हास्य कलाकार श्री रविन्द्र जॉनी
  • स्थानीय प्रस्तुति: स्थानीय कलाकारों श्री प्रमान्द नन्दा, श्रीमती मृणालनी अखोरी, श्री टॉम मुर्मू एवं सुश्री सुमी श्रेया द्वारा लोकगीत/लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी।


Sambhal हसीना बेगम हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के मरीजों के लिए फ्री ऑपरेशन कैंप, आई ओपीडी की भी हुई शुरुआत

हसीना बेगम हॉस्पिटल में बुधवार को नेत्र रोग विभाग की ओर से मोतियाबिंद के मरीजों के लिए लगाया गया, जिसमें आयुष्मान कार्ड धारकों को निःशुल्क ऑपरेशन कैंप का सफल आयोजन किया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तनुज ने बताया कि कैंप में एक दर्जन से अधिक मरीजों का आधुनिक तकनीक टॉपिकल एनेस्थीसिया से ऑपरेशन किया गया। यह प्रक्रिया पूरी तरह बिना टांका, बिना इंजेक्शन और बिना पट्टी के की जाती है, जिससे मरीज को किसी प्रकार के दर्द का सामना नहीं करना पड़ता। ऑपरेशन के बाद मरीज अगले ही दिन से टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल और सामान्य कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है और हफ्ते में एक बार ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे। प्राइवेट मरीजों का भी इसी विधि से इलाज उपलब्ध रहेगा।

इसी के साथ आज हसीना बेगम हॉस्पिटल में आई ओपीडी की भी औपचारिक शुरुआत की गई।डॉ. गौरव ने बताया कि पहले ही दिन एक दर्जन से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। मरीज बिना इंजेक्शन, बिना पट्टी और बिना किसी बड़े चीरे के केवल कुछ मिनटों में ऑपरेशन करा सकेंगे। सभी सर्जरी एडवांस मशीनों और आधुनिक तकनीक के माध्यम से की जा रही हैं। डॉ. गौरव ने बताया कि हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत सभी प्रकार की नेत्र संबंधी सेवाएं उपलब्ध हैं। वहीं, डॉ. कुमार संभव कैंप में आने वाले मरीजों को अटेंड कर रहे हैं।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आगे भी जनता की सुविधा के लिए नियमित रूप से ऐसे विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ मिल सके। हसीना बेगम हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत अन्य तरह के मरीज का इलाज भी किया जाता है।