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पीएम मोदी ने जोहान्सबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात

#pmmodiholdsbilateralmeetingwithaustralianpmanthony_albanese

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जोहानिसबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की तथा दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अल्बनीज से मुलाकात की। 

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पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए तीन दिन की दक्षिण अफ्रीका यात्रा पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज से मिले। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स), व्यापार और निवेश, शिक्षा और जन–संपर्क जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति की समीक्षा की।

पीएम मोदी ने कहा- हमारा सहयोग और गहरा हुआ

मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बानीज के साथ मीटिंग बहुत अच्छी रही। इस साल, हमारे देशों के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के 5 साल पूरे हो रहे हैं और इन सालों में ऐसे बड़े बदलाव आए हैं जिनसे हमारा सहयोग और गहरा हुआ है। आज हमारी बातचीत में, तीन खास सेक्टर पर ज़ोर दिया गया, डिफेंस और सिक्योरिटी, न्यूक्लियर एनर्जी और ट्रेड, जहां रिश्तों को और बढ़ाने की बहुत ज़्यादा गुंजाइश है। जिन दूसरे सेक्टर पर बात हुई उनमें एजुकेशन, कल्चरल लेन-देन और भी बहुत कुछ शामिल था।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम बोले- भारत करीबी दोस्त और साझेदार

बैठक के दौरान अल्बनीज़ ने कहा, हमारे बीच गहरे संबंध हैं और आर्थिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। रक्षा व सुरक्षा सहयोग भी भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाद में सोशल मीडिया पर अल्बनीज ने लिखा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत करीबी दोस्त और साझेदार हैं, और व्यापार से लेकर रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छ ऊर्जा तक संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं।

पीके अपनी इनकम का 90 फीसदी हिस्सा पार्टी को करेंगे दान, बोले- अब सिर्फ पैसे देने वाले से करूंगा मुलाकात

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जनसुराज अभियान के संस्थापक नेता प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। बिहार के पश्चिम चंपारण के भितिहरवा में एक दिन के मौन उपवास के बाद प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए अपनी संपत्ति दान करने और लोगों से मिलने के लिए अपनी फीस तय करने का ऐलान किया है। प्रशांत किशोर ने चुनावी हार के बाद अब पूरी तरह मिशन मोड में लौटने का ऐलान करते हुए कहा कि उनके अभियान को आर्थिक परेशानी नहीं हो इसको लेकर उन्होंने जन सुराज से जुड़े लोगों को एक-एक हजार रुपये पार्टी फंड में मदद करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि जो लोग रुपया जमा नहीं करेंगे उससे हम नहीं मिलेंगे।

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एक घर को छोड़कर सब कुछ पार्टी को करेंगे दान

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मौनव्रत कर हार का प्रायश्चित करने के बाद पीके ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों तक वह अपनी आय का 90 प्रतिशत पार्टी को दान देंगे। उन्होंने कहा, पिछले 20 वर्षों में जो भी चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, दिल्ली में स्थित एक घर को छोड़कर, सब कुछ जन सुराज पार्टी को दान करूंगा।

अब पीके से मिलने के लिए देनें होंगे पैसे

मीडिया को संबोधित करते हुए पीके ने साफ कहा कि बिहार की गरीब जनता की आशा को आर्थिक बाधाएं नहीं रोक पाएंगी। पैसे की वजह से यह आंदोलन रुकने नहीं दूंगा। चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े। पीके ने आगे कहा कि अब आगे उन्हीं लोगों से मिलेंगे, जो जन सुराज पार्टी को कम से कम एक हजार रुपया दान देंगे। अगर एक करोड़ लोग भी 1-1 हजार रुपया दे तो काफी होगा। इस प्रकार अगर एक करोड़ लोग 1-1 हजार रुपया जन सुराज को देंगे तो कुल 10 अरब रुपये जमा हो जाएंगे।

15 जनवरी से बिहार संकल्प यात्रा की घोषणा

दरअसल, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन के बाद घोषणा की है कि वे 15 जनवरी से बिहार संकल्प यात्रा की शुरुआत करेंगे। इस यात्रा के दौरान वे राज्य के 1 लाख 18 हजार वार्डों में उन महिलाओं से मुलाकात करेंगे, जिन्हें सरकार द्वारा 10 हजार रूपये की राशि मिली है। इसके साथ ही उन्हें बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले 2 लाख के लाभ के लिए फॉर्म भरवाने का कार्य भी करेंगे।

दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर

#delhiredfortblastterrordoctorsbombmakingmachine 

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दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल शकील विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनों का इस्तेमाल किया था। एनआईए की टीम ने फरीदाबाद और धौज गांव से जो सामग्री बरामद की, उसने पूरे मॉड्यूल का सच सामने ला दिया। 

लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच में ये बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल शकील गनई फरीदाबाद में किराए के कमरे में आटा चक्की की मदद से यूरिया को बारीक पीसता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करके केमिकल तैयार करता था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी जगह से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था मुजम्मिल

पूछताछ के दौरान आरोपी गनई ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इसी तरीके से अमोनियम नाइट्रेट को यूरिया से अलग कर विस्फोटक तैयार कर रहा था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल इस पाउडर में मिलाए जाते थे। यही मिश्रण आगे चलकर घातक विस्फोटक बन जाता था। बता दें कि मुजम्मिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था।

टैक्सी ड्राइवर के घर में मिले उपकरण

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है, जिसके घर से यह उपकरण बरामद हुए। ड्राइवर ने बताया कि उसकी मुलाकात गनई से लगभग चार साल पहले हुई थी, जब वह अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था। यहीं से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे ड्राइवर उसके संपर्क में आने लगा। इसी बीच मुजम्मिल एक दिन आटा चक्की और मशीनें उसके घर रख गया। ड्राइवर को शक न हो, इसलिए उसने इसे ‘दहेज’ बताया।

बौद्ध धर्म मानने वाला हूं लेकिन सभी धर्मों में विश्वास, सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी दिन बोले सीजेआई गवई

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने गुरुवार को एक फेयरवेल प्रोग्राम में कहा, मैं बौद्ध धर्म को मानने वाला हूं, लेकिन वास्तव में एक सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) व्यक्ति हूं। हिंदू, सिख, इस्लाम समेत सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं।उन्होंने अपने पिता से ये चीजें सीखी हैं, जो खुद एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे।

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मैं धर्मनिरपेक्ष हूं-सीजेआई

सीजेआई सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्यदिवस होगा। इसी दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, बौद्ध पृष्ठभूमि के बावजूद मैं धर्मनिरपेक्ष हूं और सभी धर्मों हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म में विश्वास करता हूं। उन्होंने कहा-मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन किसी भी धार्मिक अध्ययन में मेरी गहरी रुचि नहीं है। मैं सचमुच धर्मनिरपेक्ष हूं और हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म... हर चीज में विश्वास करता हूं।

सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ-सीजेआई

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई बी आर गवई के रिटायरमेंट से पहले फेयरवेल का आयोजन किया था, जहां उन्होंने ये बातें कहीं। सीजेआई बी आर गवई ने कहा, मेरे पिता भी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। वह डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे और मैंने बचपन में हमेशा देखा है कि जब भी वह राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते थे और उनके दोस्त उनसे कहते थे- सर यहां चलो, यहां बहुत प्रसिद्ध दरगाह है, यहां का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। तो मैं इस तरह सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ हूं।

रविवार को पूरा हो रहा कार्यकाल

चीफ जस्टिस बीआर गवई का आज आखिरी वर्किंग डे है। हालांकि, उनका कार्यकाल रविवार 23 नवंबर को पूरा हो रहा है। यानी कि सीजेआई सुप्रीम कोर्ट से रविवार को रिटायर होंगे। चूंकि कोर्ट शनिवार और रविवार को बंद रहता तो आज उनका आखिरी वर्किंग डे रहेगा। इसलिए ही सुप्रीम कोर्ट परिसर में उनके फेयरवेल का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

धुंधला हुआ दिल्ली-एनसीआर, AQI 450 पार, सबसे 'जहरीला' फरीदाबाद

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दिल्ली और एनसीआर में गहरे वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। नवंबर के महीने में अभी तो सर्दी शुरुआती दौर में है, लेकिन अभी से ही राजधानी में प्रदूषण के चलते लोगों को परेशानी होने लगी है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है।

शुक्रवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर गहरे काले चादर से ढंकी हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीबीसीबी) की आज सुबह की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। रोहिणी, मुंडका, बवाना समेत कई स्थानों पर एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

राजधानी दिल्ली में कहां कितना एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज सुबह राजधानी दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 416, अशोक विहार में 412, आया नगर में 343, बवाना में 431, बुराड़ी में 404, डीटीयू में 417, द्वारका में 369, आईटीओ में 381, जहांगीरपुरी में 433, मुंडका 434, नजफगढ़ में 353, पंजाबी बाग में 381, रोहिणी 423, आरकेपुरम 402, वजीरपुर में 442 दर्ज किया गया है। आज सुबह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आस-पास के इलाके में जहरीले स्मॉग की एक परत छाई हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, इलाके के आस-पास एक्यूआई 331 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है।

देश के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर फरीदाबाद

भारत के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों के आंकड़े डराने वाले हैं। फरीदाबाद का एक्यूआई इस वक्त देश में सबसे ज्यादा (624) है। इसके बाद दूसरे नंबर पर गाजियाबाद (617) है। तीसरे नंबर पर रोहतक (587) तो वहीं चौथे नंबर पर नोएडा (560) है। पांचवे नंबर पर कैराना (542) है।

अगले 6 दिन ऐसा रह सकता है AQI

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि इससे पहले बुधवार को औसत एक्यूआई 392, मंगलवार को 374 और सोमवार को 351 था। आने वाले दिनों में दिल्ली का एक्यूआई और भी खराब होकर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। ये अगले छह दिनों तक ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहने की आशंका है। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार को 38 चालू केंद्रों में से 18 में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें चांदनी चौक, आनंद विहार, डीटीयू, बवाना, मुंडका, नरेला और वजीरपुर स्टेशन शामिल हैं। यहां एक्यूआई 400 से अधिक रहा।

पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना, ट्रंप नहीं होंगे शामिल

#pmmodisouthafricavisittoattendg20summit

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो 21-23 नवंबर के बीच अफ्रीका दौरे पर रहेंगे। इस समिट में कई कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 20वें G20 लीडर्स समिट के दौरान वो दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अपनी इस यात्रा के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ वाली सोच को आगे बढ़ाने वाले भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से सामने रखेंगे। पीएम ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है। जोहान्सबर्ग में आयोजित यह 20वां G20 समिट ऐतिहासिक भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार अफ्रीका इसकी मेजबानी कर रहा है।

पीएम मोदी ने बताया ये समिट क्यों है खास

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया था, इसलिए यह आयोजन भारत और अफ्रीका दोनों के लिए भावनात्मक रूप से खास है। उन्होंने कहा कि समिट में इस साल की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ रही है, जिस पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील के पिछले समिटों के नतीजों को आगे बढ़ाया है।

भारतीय प्रवासियों से भी करेंगे मुलाकात

समित के अलावा पीएम मोदी 6वें आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) समिट में भी हिस्सा लेंगे और कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से है।

डीआरडीओ और डीजीए, फ्रांस ने डिफेंस सहयोग बढ़ाने के लिए टेक्निकल एग्रीमेंट पर किए हस्‍ताक्षर

अमरेश द्विवेदी

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नई दिल्ली । डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ आर्मामेंट्स (डीजीए), फ्रांस के बीच डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट में सहयोग बढ़ाने के लिए एक टेक्निकल एग्रीमेंट पर साइन किए गए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस आर एण्‍ड डी के सेक्रेटरी और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत और नेशनल आर्मामेंट्स डायरेक्टर, डीजीए फ्रांस लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज डी तुएस्टा ने गुरुवार को नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन में इस एग्रीमेंट पर हस्‍ताक्षर किए। 

इस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का मकसद भविष्य की डिफेंस चुनौतियों के लिए नए सॉल्यूशन डेवलप करने के लिए दोनों देशों/एंटिटी की मिली-जुली एक्सपर्टीज और रिसोर्स का फायदा उठाना है। यह डिफेंस आर एण्‍ड डी में स्किल और नॉलेज बढ़ाने के लिए जॉइंट रिसर्च और ट्रेनिंग प्रोग्राम, टेस्टिंग एक्टिविटी, जानकारी के एक्सचेंज, वर्कशॉप, सेमिनार वगैरह के ऑर्गनाइजेशन के लिए एक फॉर्मल फ्रेमवर्क देता है। 

एग्रीमेंट के तहत, दोनों देशों को इक्विपमेंट, नो-हाउ और टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर मिलेगा। इस एग्रीमेंट में बताए गए सहयोग के मुख्य एरिया में एरोनॉटिकल प्लेटफॉर्म, बिना ड्राइवर वाली गाड़ियां, डिफेंस एप्लीकेशन के लिए एडवांस्ड मटीरियल, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस, नेविगेशन, एडवांस्ड प्रोपल्शन, एडवांस्ड सेंसर, क्वांटम टेक्नोलॉजी, अंडरवाटर टेक्नोलॉजी और आपसी फायदे के दूसरे एरिया शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने भरोसा जताया कि यह सहयोग नेशनल सिक्योरिटी और ग्लोबल डिफेंस टेक्नोलॉजी में तरक्की में काफी मदद करेगा।

गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य विभाग और रिजर्व बैंक के सदस्य मंत्रालयों के साथ वित्तीय सेवा विभाग सचिव ने की बैठक

अमरेश द्विवेदी

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नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचि टीवीव एम. नागराजू ने अंतर विभागीय समन्वय समिति बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य विभाग और रिजर्व बैंक के सदस्य मंत्रालय शामिल रहे।

अंतर विभागीय समन्वय समिति ने यह बैठक रिजर्व बैंक से मिले प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाई थी। ये प्रस्ताव भारत में विदेशी बैंकों की ब्रांच, प्रतिनिधि कार्यालय और सहयोगी शाखाएं खोलने से सम्बंधित थे। इसके साथ ही, समिति ने ऐसे ही प्रबंधों के माध्यम से विदेश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारतीय बैंकों के प्रस्तावों की भी समीक्षा की।

इसके अलावा, अंतर विभागीय समन्वय समिति ने भारत में अपनी मौजूदा शाखा को दूसरी जगह ले जाने के लिए विदेशी बैंकों की अनुमति मांग पत्र की जांच की। भलीभांति सोच-विचार के बाद, समिति ने प्राप्त प्रस्तावों की सिफारिश की।

अंतर विभागीय समन्वय समिति, वित्तीय सेवाएं विभाग के तहत काम करती है। यह विदेशी और घरेलू दोनों तरह के बैंकों से ऐसे प्रस्तावों की जांच करने के लिए नोडल प्राधिकरण के तौर पर काम करती है। अपनी सिफारिशों पर पहुंचने से पहले, समिति पूरी और आम सहमति पर आधारित तरीका सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और वाणिज्य विभाग समेत सदस्य मंत्रालयों से सलाह करती है।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत भारत ने छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों के साथ सफल रूफटॉप, कृषि और ग्रामीण सौर मॉडल साझा किए

नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में यूएनएफसीसीसी सीओपी 30 के दौरान आयोजित आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म के उच्च-स्तरीय मंत्रालयी लीडरशिप सत्र को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 'द्वीपों को एकजुट करने, कार्रवाई प्रेरित करने - ऊर्जा सुरक्षा के लिए नेतृत्व' विषय पर आधारित था । इसमें लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (एसआईडीएस), अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के सदस्य देशों और सहयोगी संगठनों के मंत्री तथा वरिष्ठ प्रतिनिधि ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और लचीलेपन के लिए सामूहिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने हेतु एक साथ आए।

सत्र की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि एसआईडीएस को विशिष्ट आयातित निर्बलताओं-जीवाश्म ईंधन पर अत्यधिक निर्भरता, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न व्यवधान और कमज़ोर अवसंरचना- का सामना करना पड़ रहा है। आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य मानकीकृत खरीद, मिश्रित वित्त, स्थानीय क्षमता निर्माण और सौर प्रौद्योगिकियों तक सुव्यवस्थित पहुंच के माध्यम से सौर ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाने के लिए एक परिवर्तनकारी डिजिटल और वित्तीय इको-सिस्टम का निर्माण करना है।

श्री यादव ने सत्र को संबोधित करते हुए, आईएसए के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के मार्ग को आगे बढ़ाने में एसआईडीएस की सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। अपने भाषण की शुरुआत आशावाद के साथ करते हुए, श्री यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की तेज प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा, "आज, भारत ने 500 गीगावाट की संस्थापित बिजली क्षमता को पार कर लिया है - और इसमें से आधे से अधिक स्वच्छ ऊर्जा है। भारत अपने एनडीसी लक्ष्य से पांच साल पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंच चुका है।"

श्री यादव ने बताया कि भारत अब वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक और सौर ऊर्जा में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और परिमाण, गति और आम लोगों की शक्ति में उनके विश्वास के कारण संभव हुआ है।" श्री यादव ने जमीनी स्तर की कहानियां साझा करते हुए, प्रधानमंत्री सूर्य घर रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के बारे में बताया और इस योजना से लाभान्वित एक स्कूल शिक्षक के अनुभव का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कोई लाभार्थी जो पहले हर महीने भय के साथ बिजली के बिल की प्रतीक्षा करता था, अब वह धूप का इंतजार करता है, जो अब उसकी आय का स्रोत बन गया है।

श्री यादव ने बल देकर कहा कि भारत में 20 लाख से अधिक परिवारों ने रूफटॉप सोलर को अपनाया है और इसे "हर घर के लिए आजादी" और "हर छत पर एक छोटा पावर प्लांट" बताया। कृषि के लिए सौर ऊर्जा के बारे में उन्होंने कहा, "कृषि के लिए सौर ऊर्जा हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई सुबह है। अब वे सूरज की रोशनी में काम करते हैं और चैन की नींद सोते हैं।" सौर पंप और सौर ऊर्जा से चलने वाले फीडर सभी कृषि आवश्यकताओं के लिए दिन के समय सौर ऊर्जा से चलने वाली स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करके खेती को अधिक विश्वसनीय और सम्मानजनक बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब न तो डीजल की प्रतीक्षा है और न कोई तनाव है।

उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से सुदूर और वन क्षेत्रों में प्रकाश फैलाने की पहलों और ऊर्जा भंडारण में भारत के प्रमुख प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया, "भारत विश्व की कुछ सबसे बड़ी 'सौर और बैटरी' परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, जिनमें लद्दाख में एक परियोजना भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा संग्रहीत करेगी।" उन्होंने कहा कि एसआईडीएस के लिए, ऐसे मॉडल डीजल आयात को कम करने, ऊर्जा लागत में कटौती करने और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

श्री यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "आईएसए एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में उभरा है। 124 से अधिक देश अब अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा हैं। आईएसए को- प्रशांत महासागर के द्वीपों से लेकर अफ़्रीका के सवाना और दक्षिण अमेरिका के पहाड़ों तक" एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि आईएसए सौर परियोजनाओं के डिज़ाइन में तेज़ी ला रहा है, वित्त जुटा रहा है, स्थानीय रोजगार पैदा कर रहा है और स्वच्छ, विश्वसनीय बिजली के लिए सौर ऊर्जा को पहली पसंद बना रहा है।

श्री यादव ने साझा वैश्विक कार्रवाई की अपील करते हुए अपने भाषण का समापन किया और कहा, "सौर ऊर्जा तकनीकी तरीकों से कहीं अधिक अपना प्रकाश फैला रही है। यह आशा और सशक्तिकरण है। यह स्वतंत्रता है। यह गरिमा है। यह शांति है।"

सभा को संबोधित करते हुए, छोटे द्वीपीय देशों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रतिभागियों ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति की सराहना की। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाओं को उजागर करने में एसआईडीएस मंच के समर्थन में भी अपने विचार व्यक्त किए। यह स्वीकार किया गया कि जलवायु-अनुकूल प्रणालियां न केवल जलवायु-सहिष्णु हैं बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्राथमिकता भी हैं। यह परिकल्पना की गई थी कि यह मंच दृश्यता अध्ययन संचालित करने, घरेलू कार्यबल को कुशल बनाने और जलवायु वित्त को जोखिम मुक्त करने के जरिए जलवायु अनुकूलता को बढ़ाने में मदद करेगा।

दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में नौसेना का स्वावलंबन-2025 समिनार 25 व 26 नवंबर को

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नई दिल्ली । इंडियन नेवी के नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन (एनआईआईओ) सेमिनार - स्वावलंबन 2025 के चौथे एडिशन के लिए कर्टेन रेज़र नई दिल्ली में वाइस चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ, वाइस एडमि‍रल संजय वात्स्यायन की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 25 से 26 नवंबर को होने वाले स्वावलंबन 2025 की खास बातों पर रोशनी डालते हुए, वाइस एडमि‍रल ने कहा कि यह आयोजन इंडियन नेवी के इनोवेशन और इंडिजिनाइजेशन की कोशिशों, और इंडियन इंडस्ट्री के योगदान को दिखाएगा, जिसमें उन टेक्नोलॉजिकल तरक्की पर फोकस होगा जो देश की डिफेंस क्षमताओं को काफी बढ़ा सकती हैं। उन्होंने बताया कि स्वावलंबन 2025 देश की बदलती सुरक्षा ज़रूरतों के साथ तालमेल बिठाने के लिए उभरती और डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी पर ज़्यादा फोकस करेगा।

उन्‍होंने बताया क‍ि डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की ओर नेवी के लगातार बढ़ते कदमों को बताया, जो स्वावलंबन 2025 की थीम, ‘इनोवेशन और इंडिजिनाइजेशन के ज़रिए ताकत और पावर’ से जुड़ा है, जो ऑपरेशनल चुनौतियों के लिए मिलकर काम करने वाले और कटिंग-एज समाधानों पर नेवी के फोकस को दिखाता है।

इस साल के सेमिनार में खास एग्ज़िबिट ज़ोन होंगे जो उन प्रोडक्ट्स को दिखाएंगे जो सफलता की कहानियों के तौर पर उभरे हैं, साथ ही वे भी जो ‘आइडिया से इंडक्शन’ साइकिल के ज़रिए बने हैं। सेमिनार में स्वदेशी टेक्नोलॉजी को तेज़ी से अपनाने के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क और प्रोसेस पर गहराई से विचार-विमर्श के सेशन भी होंगे। एक्सपर्ट के नेतृत्व वाले पैनल उभरती टेक्नोलॉजी, डिसरप्टिव ट्रेंड्स और समुद्री क्षेत्र में उनकी ज़रूरत के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा, वेंचर कैपिटलिस्ट के साथ एक खास इंटरैक्टिव सेशन में फंडिंग, स्केलिंग और नए आइडिया को बढ़ावा देने के तरीकों पर बात की जाएगी।

इस साल के एडिशन में कई तरह की एक्टिविटीज़ होंगी, जैसे ‘इनोवाथॉन’ का लॉन्च, टेक्नोलॉजी चैलेंजेस और प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स का कलेक्शन जारी करना, और स्वावलंबन 4.0 डॉक्यूमेंट और आर्मामेंट इंडिजिनाइजेशन कलेक्शन का अनावरण।

इस इवेंट का मकसद इनोवेटर्स, इंडस्ट्री पार्टनर्स, एकेडेमिया, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स को एक साथ लाना है, ताकि वे भविष्य में नेवल कैपेबिलिटी डेवलपमेंट को आकार देने में सहयोग कर सकें, विचार-विमर्श कर सकें और योगदान दे सकें।