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ट्रंप के टैरिफ पर “लाल-पीले” हो रहे राहुल, थरूर और मनीष तिवारी ने अलापा अगल राग

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भारत के साथ ट्रेड डील फाइनल नहीं होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्रंप ने रूस और भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मृत बताया। फिर क्या था भारत में ट्रंप के टैरिफ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद देश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के हां में हां मिलाया है और कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है।

शशि थरूर और मनीष तिवारी सरकार के समर्थन में

ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से तमाम सवाल किए। इस बीच कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने मोदी सरकार को जोरदार समर्थन दिया है। शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सब भारत की स्‍ट्रेटज‍िक ऑटोनॉमी का सबूत है, जो नेहरू की गुटन‍िरपेक्षता से शुरू हुई और अब पीएम मोदी की आत्‍मन‍िर्भर भारत वाली सोच का ह‍िस्‍सा है।

थरूर ने क्या कहा?

संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है, और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाजारों में विविधता लानी पड़ सकती है।

अगर अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो पीछे हटना पड़ता है-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अगर अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है; हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हमारे पास एक अच्छा और मजबूत घरेलू बाजार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए पूरा समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।

मनीष त‍िवारी ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष त‍िवारी ने इस मामले में एक्‍स पर लंबा चौड़ा पोस्‍ट ल‍िखा। मनीष त‍िवारी ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने शायद 1947 से चली आ रही भारत की स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति लागू की, जिसे आज मल्टी-अलाइनमेंट कहा जाता है। फ‍िर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसे आत्‍मन‍िर्भरता के साथ आगे बढ़ाया और आज भारत आत्‍मनिर्भर कहा जा रहा है। ये वे रणनीतिक सिलसिले हैं जो भारत को दुनिया से अपनी शर्तों पर और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में जुड़ने की फ्लैक्‍स‍िबिल‍िटी देते हैं। मनीष त‍िवारी ने लिखा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकी उस स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को कोई फर्क पहुंचाएगी, जिसे हमने दशकों से और अलग-अलग सरकारों के तहत बनाया है? बिल्कुल नहीं. क्या यह भारत-अमेरिका के व्यापक संबंधों के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है? जवाब है शायद!

कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग राग

बता दें कि शशि थरूर और मनीष त‍िवारी पहली बार सरकार के समर्थन में बातें नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार की नीत‍ियों की तारीफ करने को लेकर दोनों नेता कई बार कांग्रेस के न‍िशाने पर भी रहे हैं।

भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर फोड़ा 25% वाला टैरिफ बम, फिर बोले-नई दिल्ली से बातचीत जारी

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अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। हालांकि, भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर कुछ ही घंटे में ढीले पड़ गए। अब उन्होंने भारत के साथ बातचीत जारी रखने की बात कही है।

बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए वॉशिंगटन के व्यापार घाटे और नई दिल्ली की रूस के साथ ऊर्जा खरीद का हवाला दिया था। हालांकि, अमेरिका के टैरिफ पर भारत ने कोई भाव नहीं दिया। बल्कि नई दिल्ली ने तो कह दिया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। भारत के भाव न देने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का रुख नरम पड़ता दिखाई दे रहा है।

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल पर कि क्या वह टैरिफ पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं? ट्रंप ने कहा, हम अभी उनसे बात कर रहे हैं। हम देखेंगे कि क्या होता है? भारत दुनिया में सबसे अधिक या लगभग सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश था। हम देखेंगे। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के पीछे ब्रिक्स समूह और नई दिल्ली के साथ भारी व्यापार घाटे का हवाला दिया और यह भी कहा कि भारत के साथ बातचीत जारी है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया लेकिन कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार के मामले में ज्यादा कुछ नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 'भारत ब्रिक्स का सदस्य' है, जो 'अमेरिका विरोधी देशों का समूह' है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर अचानक 25% टैरिफ लगाने के फैसले ने हलचल मचा दी। इस कदम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बातचीत के बीच अचानक ट्रंप ने यह ‘टैरिफ बम’ क्यों फोड़ा? अब इसे लेकर व्हाइट हाउस के सलाहकार ने स्थिति साफ कर दी है। व्हाइट हाउस के सलाहकार का कहना है कि भारत के साथ व्यापार वार्ता में प्रगति की कमी से डोनाल्ड ट्रंप ‘फ्रस्ट्रेट यानी निराश’ हैं। उन्हें लगता है कि भारत पर लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ इस स्थिति का ‘समाधान और सुधार’ करेगा।

कान खोलकर सुन लें...' ट्रंप के दावों पर बिफरे विदेश मंत्री एस जयशंकर

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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में विपक्ष के तमाम सवालों और आरोपों का सिलसिलेवार और तीखा जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, मैं उनको कहना चाहता हूं, कान खोलके सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक भी फोन कॉल राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच में नहीं हुआ।

विपक्ष को जयशंकर की दो टूक

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति के संघर्ष विराम के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच एस जयशंकर ने कहा कि मैं उनको कहना चाहता हूं, वे कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच एक बार भी फोन पर बात नहीं हुई।जयशंकर ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय नीति है कि कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से संघर्ष विराम का अनुरोध किया गया था।

कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा-जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि 'जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तो कई देश यह जानना चाहते थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और ये हालात कब तक चलेंगे, लेकिन हमने सभी को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा। हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं, और देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को इसका अनुरोध करना होगा और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।

सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान-जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने नूर खान एयरबेस समेत कई आतंकी ठिकानों पर सफल हमले किए। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान है। भारतीय सेना ने अकेले दम पर आतंकियों का सफाया किया है।

दाल में कुछ तो काला है...जानें राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?*

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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के बार-बार दावे को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25वीं बार यह बयान दिया। पीएम मोदी इस पर मौन हैं। इससे लगता है दाल में कुछ काला है। 

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। सदन में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का वादा किया है। पीएम के लौटने पर चर्चा होगी। लेकिन पीएम का जवाब चल रहा है। एक ओर कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, हमारी जीत हो गई। वहीं दूसरी ओर ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि हमने ऑपरेशन सिंदूर को बंद करवा दिया है। भैया दाल में कुछ तो काला है न। 

ट्रंप ने फिर किया सीजफायर कराने का दावा

राहुल गांधी का यह बयान मंगलवार सुबह ट्रंप के नए दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने फिर से कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। वे शायद परमाणु जंग में उलझने वाले थे। ट्रंप ने कहा, उस समय दोनों देशों के बीच संघर्ष गंभीर हो गया था, 5 फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे। किसी भी वक्त परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता था। मैंने उन्हें फोन किया और व्यापार रोकने की धमकी दी।

बार-बार सीजफायर कराने का दावा कर रहे ट्रंप

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। भारत ने पाकिस्तान प्रशासित आजाद कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ जगहों पर मिसाइल और हवाई हमले शुरू किए थे। दोनों देशों के बीच 3 दिनों तक संघर्ष चला। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था। तब पहली बार ट्रंप ने सीजफायर कराने का दावा किया था। 

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि एक ओर मोदी सरकार संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बहस की निश्चित तारीखें देने से इनकार कर रही है और प्रधानमंत्री के जवाब देने को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दे रही है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर अपने दावों के साथ सिल्वर जुबली तक पहुंच चुके हैं। पिछले 73 दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर 25 बार ढिंढोरा पीट चुके हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक पूरी तरह मौन हैं। उन्हें केवल विदेश यात्राओं और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने के लिए ही समय मिल रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

डोनाल्ड ट्रंप जा रहे पाकिस्तान? पाक मीडिया में किया जा रहा सितंबर में दौरा का दावा

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पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के दौरा पर जा सकते हैं। ट्रंप के सितंबर महीने में पाकिस्तान यात्रा पर जाने की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में ये दावा किया गया है। दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि ट्रंप 18 सितम्बर को पाकिस्तान का दौरा करने की योजना है। इस दौरान वे भारत भी जा सकते हैं। भारत सितम्बर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसके दौरान ट्रंप के नई दिल्ली आने की संभावना है।

20 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाक नहीं पहुंचा

अगर यह दावा सच हुआ, तो लगभग 20 साल बाद पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान पहुंचेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अगर ट्रंप का ये दौरा होता है, तो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियों में एक अहम मोड़ साबित होगा। अब सबकी नजरें आधिकारिक घोषणाओं और आगे की स्थिति पर हैं।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

इस तरह के दावे तक किए जा रहे हैं जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों मे बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आने के संकेत मिले हैं।

अमेरिका ने कनाडा पर फिर फोड़ा टैरिफ बम, ट्रंप ने किया 35% टैरिफ लगाने का किया ऐलान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने टैरिफ का चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने गुरुवार 10 जुलाई को कनाडा से आने वाले सामान पर 35% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ अमेरिका में प्रवेश करने वाले कनाडाई उत्पादों पर 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। ट्रंप ने इसे कनाडा की जवाबी कार्रवाई और चल रही व्यापार बाधाओं के जवाब में उठाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (10 जुलाई) को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को एक पत्र लिखकर नई टैरिफ दरों की जानकारी दी। कनाडा के पीएम को लिखे पत्र में ट्रंप ने कहा, यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है कि मैं आपको यह पत्र भेज रहा हूँ, क्योंकि यह हमारे व्यापारिक संबंधों की मजबूती और प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और यह भी कि अमेरिका ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह कनाडा के साथ काम करता रहेगा, भले ही कनाडा ने अमेरिका से आर्थिक प्रतिशोध किया हो। जैसा कि आपको याद होगा, अमेरिका ने फेंटेनाइल संकट से निपटने के लिए कनाडा पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था, जो आंशिक रूप से इस वजह से है कि कनाडा इन नशीली दवाओं को हमारे देश में आने से रोकने में विफल रहा है। ट्रंप ने पत्र में लिखा कि अमेरिका के साथ सहयोग करने की बजाय, कनाडा ने जवाबी टैरिफ लगा दिए। 1 अगस्त 2025 से, हम कनाडा से अमेरिका भेजे जाने वाले उत्पादों पर 35% टैरिफ लगाएंगे, जो सभी सेक्टोरल टैरिफ से अलग होगा। 

टैरिफ के झटके के बाद धमकी भी

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाकर कनाडा को झटका तो दिया ही है, लेकिन साथ ही धमकी भी दी है। ट्रंप ने कहा है कि इस उच्चतर टैरिफ से बचने के लिए यदि किसी माल को अन्य देशों के रास्ते भेजा गया तो उस पर भी यही टैरिफ लागू होगा। जैसा कि आप जानते हैं, यदि कनाडा या आपके देश की कंपनियां अमेरिका में उत्पाद बनाना या निर्माण करना चुनती हैं, तो उस पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा, बल्कि हम आवश्यक मंजूरियां शीघ्र, पेशेवर और नियमित तरीके से देंगे...यानी कुछ ही हफ्तों में।

कनाडा यूएस का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

कनाडा अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (पहला मेक्सिको है)। जून में ट्रंप ने कनाडा से डिजिटल सेवा कर (डिजिटल सर्विस टैक्स) को लेकर व्यापार वार्ता रोक दी थी, जो अमेरिकी टेक कंपनियों को प्रभावित कर सकता था। हालांकि बाद में जब कार्नी ने यह कर वापस लिया, तब बातचीत फिर शुरू हो गई।

डोनाल्ड ट्रंप को मिले शांति का नोबेल…पाकिस्तान के बाद दोस्त नेतन्याहू ने की बड़ी डिमांड

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया था। इस मौके पर नेतन्याहू अपने दोस्त ट्रंप के लिए एक खास तोहफा लेकर पहुंचे। दरअसल, इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र सौंपा, जो उनकी सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया है। इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को बताते हुए उनको नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की गई है।

गाजा में संघर्ष विराम की कोशिशों के बीच इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को बताया कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित करने की सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया वही पत्र ट्रंप को भेंट भी किया।

ट्रंप को बताया नोबेल प्राइज का हकदार

इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र दिखाना चाहता हूं। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं। इस पर ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा- मुझे इस बारे में नहीं पता था, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यह बहुत सार्थक है।

पाकिस्तान भी कर चुका है ट्रंप के लिए नोबेल प्राइज की मांग

बता दें कि इस साल जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका की यह तीसरी यात्रा है। नेतन्याहू की इस यात्रा का मकसद गाजा में सीजफायर पर चर्चा करना है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की बात की गई थी। मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के दौरे के बाद ट्रंप के लिए नोबेल की मांग उठाई थी।

फिर भारत-पाक संघर्ष विराम का श्रेय लेने की कोशिश

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते दिखे। नेतन्याहू से उन्होंने कहा कि हमने बहुत सी लड़ाइयां रोकी हैं, इनमें सबसे बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। हमने व्यापार के मुद्दे पर इसे रोका है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। हमने कहा था कि अगर आप लड़ने वाले हैं तो हम आपके साथ बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे। वे शायद परमाणु स्तर पर जाकर जंग लड़ना चाहते थे। इसे रोकना वाकई महत्वपूर्ण था।

ट्रंप ने जापान-दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर लगाया नया टैरिफ, जवाबी कार्रवाई न करने की धमकी भी दी

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ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त दस फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान एवं दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर नए टैरिफ (व्यापारिक दरों) का ऐलान कर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने इन दोनों देशों के साथ लगातार व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए यह शुल्क लगाया है। ट्रंप ने एक अगस्त से लागू होने वाले शुल्क की सूचना सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ' पर पोस्ट करके दी। 

14 देशों पर टैरिफ का ऐलान

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर 14 देशों को भेजे गए लेटर शेयर किए हैं। इनमें थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, कजाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, लाओस, इंडोनेशिया, ट्यूनीशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया और कंबोडिया शामिल हैं।

नए टैरिफ के साथ चेतावनी भी जारी

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह अन्य क्षेत्रीय टैरिफ से अलग होगा। अगर कोई देश ऊंचे टैरिफ से बचने के लिए माल को दूसरी जगह से भेजता है, तो उस देश पर भी ऊंचा टैरिफ लागू होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह अपने आयात करों में वृद्धि करके जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर ट्रंप प्रशासन आयात करों में और वृद्धि कर देगा, जिससे जापान व द. कोरिया के ऑटो व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है, जो चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में अमेरिका के दो अहम साझेदार हैं।

म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक टैरिफ

ट्रंप ने म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया गया है। जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका के करीबी एशियाई सहयोगी हैं। ट्रंप ने उनके साथ लंबे समय से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को 25% टैरिफ लगाने का कारण बताया। वहीं मलेशिया और कजाकिस्तान अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा और औद्योगिक धातुओं का निर्यात करते हैं। उनपर भी 25% टैरिफ लगाया गया है। थाईलैंड और कंबोडिया पर 36% टैरिफ, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35%, इंडोनेशिया पर 32%, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया पर 30% शुल्क लगाने का ऐलान किया गया है।

ट्रंप के टैरिफ पर “लाल-पीले” हो रहे राहुल, थरूर और मनीष तिवारी ने अलापा अगल राग

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भारत के साथ ट्रेड डील फाइनल नहीं होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्रंप ने रूस और भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मृत बताया। फिर क्या था भारत में ट्रंप के टैरिफ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद देश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के हां में हां मिलाया है और कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है।

शशि थरूर और मनीष तिवारी सरकार के समर्थन में

ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से तमाम सवाल किए। इस बीच कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने मोदी सरकार को जोरदार समर्थन दिया है। शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सब भारत की स्‍ट्रेटज‍िक ऑटोनॉमी का सबूत है, जो नेहरू की गुटन‍िरपेक्षता से शुरू हुई और अब पीएम मोदी की आत्‍मन‍िर्भर भारत वाली सोच का ह‍िस्‍सा है।

थरूर ने क्या कहा?

संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है, और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाजारों में विविधता लानी पड़ सकती है।

अगर अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो पीछे हटना पड़ता है-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अगर अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है; हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हमारे पास एक अच्छा और मजबूत घरेलू बाजार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए पूरा समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।

मनीष त‍िवारी ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष त‍िवारी ने इस मामले में एक्‍स पर लंबा चौड़ा पोस्‍ट ल‍िखा। मनीष त‍िवारी ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने शायद 1947 से चली आ रही भारत की स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति लागू की, जिसे आज मल्टी-अलाइनमेंट कहा जाता है। फ‍िर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसे आत्‍मन‍िर्भरता के साथ आगे बढ़ाया और आज भारत आत्‍मनिर्भर कहा जा रहा है। ये वे रणनीतिक सिलसिले हैं जो भारत को दुनिया से अपनी शर्तों पर और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में जुड़ने की फ्लैक्‍स‍िबिल‍िटी देते हैं। मनीष त‍िवारी ने लिखा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकी उस स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को कोई फर्क पहुंचाएगी, जिसे हमने दशकों से और अलग-अलग सरकारों के तहत बनाया है? बिल्कुल नहीं. क्या यह भारत-अमेरिका के व्यापक संबंधों के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है? जवाब है शायद!

कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग राग

बता दें कि शशि थरूर और मनीष त‍िवारी पहली बार सरकार के समर्थन में बातें नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार की नीत‍ियों की तारीफ करने को लेकर दोनों नेता कई बार कांग्रेस के न‍िशाने पर भी रहे हैं।

भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर फोड़ा 25% वाला टैरिफ बम, फिर बोले-नई दिल्ली से बातचीत जारी

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अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। हालांकि, भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर कुछ ही घंटे में ढीले पड़ गए। अब उन्होंने भारत के साथ बातचीत जारी रखने की बात कही है।

बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए वॉशिंगटन के व्यापार घाटे और नई दिल्ली की रूस के साथ ऊर्जा खरीद का हवाला दिया था। हालांकि, अमेरिका के टैरिफ पर भारत ने कोई भाव नहीं दिया। बल्कि नई दिल्ली ने तो कह दिया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। भारत के भाव न देने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का रुख नरम पड़ता दिखाई दे रहा है।

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल पर कि क्या वह टैरिफ पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं? ट्रंप ने कहा, हम अभी उनसे बात कर रहे हैं। हम देखेंगे कि क्या होता है? भारत दुनिया में सबसे अधिक या लगभग सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश था। हम देखेंगे। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के पीछे ब्रिक्स समूह और नई दिल्ली के साथ भारी व्यापार घाटे का हवाला दिया और यह भी कहा कि भारत के साथ बातचीत जारी है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया लेकिन कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार के मामले में ज्यादा कुछ नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 'भारत ब्रिक्स का सदस्य' है, जो 'अमेरिका विरोधी देशों का समूह' है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर अचानक 25% टैरिफ लगाने के फैसले ने हलचल मचा दी। इस कदम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बातचीत के बीच अचानक ट्रंप ने यह ‘टैरिफ बम’ क्यों फोड़ा? अब इसे लेकर व्हाइट हाउस के सलाहकार ने स्थिति साफ कर दी है। व्हाइट हाउस के सलाहकार का कहना है कि भारत के साथ व्यापार वार्ता में प्रगति की कमी से डोनाल्ड ट्रंप ‘फ्रस्ट्रेट यानी निराश’ हैं। उन्हें लगता है कि भारत पर लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ इस स्थिति का ‘समाधान और सुधार’ करेगा।

कान खोलकर सुन लें...' ट्रंप के दावों पर बिफरे विदेश मंत्री एस जयशंकर

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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में विपक्ष के तमाम सवालों और आरोपों का सिलसिलेवार और तीखा जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, मैं उनको कहना चाहता हूं, कान खोलके सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक भी फोन कॉल राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच में नहीं हुआ।

विपक्ष को जयशंकर की दो टूक

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति के संघर्ष विराम के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच एस जयशंकर ने कहा कि मैं उनको कहना चाहता हूं, वे कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच एक बार भी फोन पर बात नहीं हुई।जयशंकर ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय नीति है कि कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से संघर्ष विराम का अनुरोध किया गया था।

कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा-जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि 'जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तो कई देश यह जानना चाहते थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और ये हालात कब तक चलेंगे, लेकिन हमने सभी को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा। हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं, और देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को इसका अनुरोध करना होगा और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।

सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान-जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने नूर खान एयरबेस समेत कई आतंकी ठिकानों पर सफल हमले किए। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान है। भारतीय सेना ने अकेले दम पर आतंकियों का सफाया किया है।

दाल में कुछ तो काला है...जानें राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?*

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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के बार-बार दावे को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25वीं बार यह बयान दिया। पीएम मोदी इस पर मौन हैं। इससे लगता है दाल में कुछ काला है। 

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। सदन में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का वादा किया है। पीएम के लौटने पर चर्चा होगी। लेकिन पीएम का जवाब चल रहा है। एक ओर कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, हमारी जीत हो गई। वहीं दूसरी ओर ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि हमने ऑपरेशन सिंदूर को बंद करवा दिया है। भैया दाल में कुछ तो काला है न। 

ट्रंप ने फिर किया सीजफायर कराने का दावा

राहुल गांधी का यह बयान मंगलवार सुबह ट्रंप के नए दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने फिर से कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। वे शायद परमाणु जंग में उलझने वाले थे। ट्रंप ने कहा, उस समय दोनों देशों के बीच संघर्ष गंभीर हो गया था, 5 फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे। किसी भी वक्त परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता था। मैंने उन्हें फोन किया और व्यापार रोकने की धमकी दी।

बार-बार सीजफायर कराने का दावा कर रहे ट्रंप

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। भारत ने पाकिस्तान प्रशासित आजाद कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ जगहों पर मिसाइल और हवाई हमले शुरू किए थे। दोनों देशों के बीच 3 दिनों तक संघर्ष चला। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था। तब पहली बार ट्रंप ने सीजफायर कराने का दावा किया था। 

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि एक ओर मोदी सरकार संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बहस की निश्चित तारीखें देने से इनकार कर रही है और प्रधानमंत्री के जवाब देने को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दे रही है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर अपने दावों के साथ सिल्वर जुबली तक पहुंच चुके हैं। पिछले 73 दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर 25 बार ढिंढोरा पीट चुके हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक पूरी तरह मौन हैं। उन्हें केवल विदेश यात्राओं और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने के लिए ही समय मिल रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

डोनाल्ड ट्रंप जा रहे पाकिस्तान? पाक मीडिया में किया जा रहा सितंबर में दौरा का दावा

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पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के दौरा पर जा सकते हैं। ट्रंप के सितंबर महीने में पाकिस्तान यात्रा पर जाने की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में ये दावा किया गया है। दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि ट्रंप 18 सितम्बर को पाकिस्तान का दौरा करने की योजना है। इस दौरान वे भारत भी जा सकते हैं। भारत सितम्बर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसके दौरान ट्रंप के नई दिल्ली आने की संभावना है।

20 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाक नहीं पहुंचा

अगर यह दावा सच हुआ, तो लगभग 20 साल बाद पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान पहुंचेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अगर ट्रंप का ये दौरा होता है, तो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियों में एक अहम मोड़ साबित होगा। अब सबकी नजरें आधिकारिक घोषणाओं और आगे की स्थिति पर हैं।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

इस तरह के दावे तक किए जा रहे हैं जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों मे बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आने के संकेत मिले हैं।

अमेरिका ने कनाडा पर फिर फोड़ा टैरिफ बम, ट्रंप ने किया 35% टैरिफ लगाने का किया ऐलान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने टैरिफ का चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने गुरुवार 10 जुलाई को कनाडा से आने वाले सामान पर 35% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ अमेरिका में प्रवेश करने वाले कनाडाई उत्पादों पर 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। ट्रंप ने इसे कनाडा की जवाबी कार्रवाई और चल रही व्यापार बाधाओं के जवाब में उठाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (10 जुलाई) को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को एक पत्र लिखकर नई टैरिफ दरों की जानकारी दी। कनाडा के पीएम को लिखे पत्र में ट्रंप ने कहा, यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है कि मैं आपको यह पत्र भेज रहा हूँ, क्योंकि यह हमारे व्यापारिक संबंधों की मजबूती और प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और यह भी कि अमेरिका ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह कनाडा के साथ काम करता रहेगा, भले ही कनाडा ने अमेरिका से आर्थिक प्रतिशोध किया हो। जैसा कि आपको याद होगा, अमेरिका ने फेंटेनाइल संकट से निपटने के लिए कनाडा पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था, जो आंशिक रूप से इस वजह से है कि कनाडा इन नशीली दवाओं को हमारे देश में आने से रोकने में विफल रहा है। ट्रंप ने पत्र में लिखा कि अमेरिका के साथ सहयोग करने की बजाय, कनाडा ने जवाबी टैरिफ लगा दिए। 1 अगस्त 2025 से, हम कनाडा से अमेरिका भेजे जाने वाले उत्पादों पर 35% टैरिफ लगाएंगे, जो सभी सेक्टोरल टैरिफ से अलग होगा। 

टैरिफ के झटके के बाद धमकी भी

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाकर कनाडा को झटका तो दिया ही है, लेकिन साथ ही धमकी भी दी है। ट्रंप ने कहा है कि इस उच्चतर टैरिफ से बचने के लिए यदि किसी माल को अन्य देशों के रास्ते भेजा गया तो उस पर भी यही टैरिफ लागू होगा। जैसा कि आप जानते हैं, यदि कनाडा या आपके देश की कंपनियां अमेरिका में उत्पाद बनाना या निर्माण करना चुनती हैं, तो उस पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा, बल्कि हम आवश्यक मंजूरियां शीघ्र, पेशेवर और नियमित तरीके से देंगे...यानी कुछ ही हफ्तों में।

कनाडा यूएस का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

कनाडा अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (पहला मेक्सिको है)। जून में ट्रंप ने कनाडा से डिजिटल सेवा कर (डिजिटल सर्विस टैक्स) को लेकर व्यापार वार्ता रोक दी थी, जो अमेरिकी टेक कंपनियों को प्रभावित कर सकता था। हालांकि बाद में जब कार्नी ने यह कर वापस लिया, तब बातचीत फिर शुरू हो गई।

डोनाल्ड ट्रंप को मिले शांति का नोबेल…पाकिस्तान के बाद दोस्त नेतन्याहू ने की बड़ी डिमांड

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया था। इस मौके पर नेतन्याहू अपने दोस्त ट्रंप के लिए एक खास तोहफा लेकर पहुंचे। दरअसल, इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र सौंपा, जो उनकी सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया है। इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को बताते हुए उनको नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की गई है।

गाजा में संघर्ष विराम की कोशिशों के बीच इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को बताया कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित करने की सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया वही पत्र ट्रंप को भेंट भी किया।

ट्रंप को बताया नोबेल प्राइज का हकदार

इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र दिखाना चाहता हूं। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं। इस पर ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा- मुझे इस बारे में नहीं पता था, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यह बहुत सार्थक है।

पाकिस्तान भी कर चुका है ट्रंप के लिए नोबेल प्राइज की मांग

बता दें कि इस साल जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका की यह तीसरी यात्रा है। नेतन्याहू की इस यात्रा का मकसद गाजा में सीजफायर पर चर्चा करना है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की बात की गई थी। मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के दौरे के बाद ट्रंप के लिए नोबेल की मांग उठाई थी।

फिर भारत-पाक संघर्ष विराम का श्रेय लेने की कोशिश

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते दिखे। नेतन्याहू से उन्होंने कहा कि हमने बहुत सी लड़ाइयां रोकी हैं, इनमें सबसे बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। हमने व्यापार के मुद्दे पर इसे रोका है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। हमने कहा था कि अगर आप लड़ने वाले हैं तो हम आपके साथ बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे। वे शायद परमाणु स्तर पर जाकर जंग लड़ना चाहते थे। इसे रोकना वाकई महत्वपूर्ण था।

ट्रंप ने जापान-दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर लगाया नया टैरिफ, जवाबी कार्रवाई न करने की धमकी भी दी

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ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त दस फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान एवं दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर नए टैरिफ (व्यापारिक दरों) का ऐलान कर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने इन दोनों देशों के साथ लगातार व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए यह शुल्क लगाया है। ट्रंप ने एक अगस्त से लागू होने वाले शुल्क की सूचना सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ' पर पोस्ट करके दी। 

14 देशों पर टैरिफ का ऐलान

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर 14 देशों को भेजे गए लेटर शेयर किए हैं। इनमें थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, कजाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, लाओस, इंडोनेशिया, ट्यूनीशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया और कंबोडिया शामिल हैं।

नए टैरिफ के साथ चेतावनी भी जारी

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह अन्य क्षेत्रीय टैरिफ से अलग होगा। अगर कोई देश ऊंचे टैरिफ से बचने के लिए माल को दूसरी जगह से भेजता है, तो उस देश पर भी ऊंचा टैरिफ लागू होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह अपने आयात करों में वृद्धि करके जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर ट्रंप प्रशासन आयात करों में और वृद्धि कर देगा, जिससे जापान व द. कोरिया के ऑटो व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है, जो चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में अमेरिका के दो अहम साझेदार हैं।

म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक टैरिफ

ट्रंप ने म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया गया है। जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका के करीबी एशियाई सहयोगी हैं। ट्रंप ने उनके साथ लंबे समय से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को 25% टैरिफ लगाने का कारण बताया। वहीं मलेशिया और कजाकिस्तान अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा और औद्योगिक धातुओं का निर्यात करते हैं। उनपर भी 25% टैरिफ लगाया गया है। थाईलैंड और कंबोडिया पर 36% टैरिफ, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35%, इंडोनेशिया पर 32%, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया पर 30% शुल्क लगाने का ऐलान किया गया है।