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कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

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हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

कांग्रेस में अनदेखी से कुमारी शैलजा खफा! प्रचार में नहीं दिख रहीं, कहीं बिगड़ न जाए खेल?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग के लिए मुश्किल से 15 दिन का वक्त बचा है। इस बार कांग्रेस हरियाणा में अपने सत्ता के वनवास को खत्म करने की हरसंभव कोशिश कर रही है। हालांकी, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में खेमेबाजी खुलकर सामने आ गई है। सांसद और कांग्रेस वर्किग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य कुमारी शैलजा फिलहाल कांग्रेस नेतृत्व से खफा बताई जा रहीं हैं। पहले तो कांग्रेस ने दलित नेता कुमारी शैलजा को पूरी तरह से विधानसभा चुनाव में दरकिनार कर दिया है। आलम यह है कि अब शैलजा ने भी खुद चुनाव से दूरी बना ली है और एक सप्ताह से वह चुनाव प्रचार से दूर हैं और दिल्ली में आराम फरमा रही हैं। टिकटों के आवंटन में अपेक्षित सम्मान नहीं मिलने से नाराज शैलजा ने जहां फील्ड से दूरी बना रखी है। वहीं, बुधवार को नई दिल्ली में शैलजा कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र जारी करने के दौरान मंच पर कहीं नजर नहीं आई। शैलजा के विधानसभा चुनाव से दूरी बनाए जाने के चलते मामला गड़बड़ता नजर आ रहा है। *पोस्टरों से भी गायब हुईं शैलजा* बता दें कि शैलजा विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अहम बात कि शैलजा सीएम पद पर भी दावा ठोक रही थी। अब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पोस्टरों से भी शैलजा गायब हो गईं हैं। पार्टी के नेताओं और प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। जानकारी के अनुसार, हिसार जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों के पोस्टरों से कुमारी शैलजा की फोटो नदारद है। हालांकि, हिसार विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राडा के पोस्टर में सैलजा जरूर दिख रही हैं। लेकिन हांसी, नारनौंद, बरवाला, उकलाना, आदमपुर, नलवा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों ने अपने पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। इन पोस्टरों में हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को भी जगह दी गई। *टिकटों के आवंटन में भी अनदेखी* हरियाणा में टिकटों के आवंटन से लेकर चुनाव घोषणापत्र जारी होने के दौरान कांग्रेस महासचिव शैलजा की अनदेखी से पार्टी में मतभेद ज्यादा गहरा गए हैं। विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में हुड्डा खेमे को ही तवज्जे मिली है और कुमारी सैलजा अपने 8 से 10 करीबी नेताओं को ही टिकट दिला सकी हैं। कांग्रेस में 72 टिकट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को मिले हैं, जबकि चार मौजूदा विधायकों समेत करीब 10 टिकटों पर कुमारी शैलजा को संतोष करना पड़ा है। *प्रदेश की 21 सीटों पर सैलजा का प्रभाव* कांग्रेस में अनदेखी के चलते शैलजा ने चुप्पी साधी हुई है। विधानसभा चुनाव में सैलजा की चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा हरियाणा में कांग्रेस की सबसे बड़ी दलित चेहरा हैं। हरियाणा में करीब 20 फीसदी दलित मतदाता हैं। कुल 90 में से दलित समुदाय के लिए 17 विधानसभा सीटें सुरक्षित हैं, लेकिन सियासी प्रभाव उससे कहीं ज्यादा है। हरियाणा में करीब 21 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां वह प्रभाव रखती हैं। न नहीं है। *दलित समुदाय में बढ़ सकती है नाराजगी* कुमारी शैलजा के चुनावी कैंपेन से दूरी बनाए रखने के चलते दलित समुदाय में भी नाराजगी बढ़ सकती है। दलित वोटर किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत राज्य में रखते हैं। 17 विधानसभा सीटें दलित समाज के लिए आरक्षित हैं, जहां पर दलित बहुल हैं। जबकि दलित समुदाय 35 विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। शैलजा कांग्रेस की सबसे बड़ी दलित चेहरा हैं और उनके खामोशी से दलित वोटों में मैसेज सही नहीं जाएगा।
खरगे के पीएम मोदी को लिखे खत पर जेपी नड्डा का जवाब, राहुल से लेकर पूरी कांग्रेस को लपेटा

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भाजपा और कांग्रेस के बीच चिट्ठी के जरिए आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख राहुल गांधी के खिलाफ की जा रहीं विवादित टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खरगे को पत्र के जरिए पलटवार किया है।

खरगे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पत्र लिखा है। अपने पत्र में नड्डा ने कहा है कि राहुल ने बार-बार पीएम मोदी का अपमान किया है। यहां तक सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने पिछले 10 सालों में पीएम मोदी को 110 से अधिक गालियां दी हैं।

नड्डा ने अपने जवाब में कहा, आपकी ओर से भेजे गए पत्र में जिस तरीके से राहुल गांधी को लेकर बात की गई है, इसीलिए मैं उसी से अपनी बात शुरू करूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के पीएम समेत पूरी ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, पीएम के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो। जिसने संसद में प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उन राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के तहत कर रहे हैं।

अपने जवाबी खत में जेपी नड्डा ने लिखा, मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।

जेपी नड्डा ने लिखा, 'ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थी न खरगे जी, जिन्होंने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे! क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे जी?

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने खरगे को याद दिलाया कि ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, नीच, ‘कमीना, कभी मौत का सौदागर’, ‘जहरीला सांप’, बिच्छू’, ‘चूहा’, ‘रावण’, ‘भस्मासुर’, ‘नालायक’, कुत्ते की मौत मरेगा’, ‘मोदी को जमीन में गाड़ देंगे, ‘राक्षस’, ‘दुष्ट’, ‘कातिल’, ‘हिंदू जिन्ना’, जनरल डायर, ‘मोतियाबिंद का मरीज’, ‘जेबकतरा’, ‘गंदी नाली’, ‘काला अंग्रेज’, ‘कायर’, ‘औरंगजेब का आधुनिक अवतार’, ‘दुर्योधन’, हिंदू आतंकवादी, गदहा, नामर्द’, ‘चौकीदार चोर है, ‘तुगलक’, ‘मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे, ‘साला मोदी’,नमक हराम’, ‘गंवार और ‘निकम्मा’ जैसे शब्द का इस्तेमाल हुए. नड्डा ने यह भी कहा पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया।

उन्होंने लिखा, कांग्रेस नेताओं ने तो पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा, उनका भी अपमान किया गया। आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया। इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?

अपने 3 पेज लंबे जवाब में नड्डा ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा। पत्र के अंत में राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ का जिक्र करते हुए कहा, “स्वार्थ सत्ता में डुबी कांग्रेस पार्टी की कथित ‘मोहब्बत की दुकान’ में जो प्रोडक्ट बेचा जा रहा है, वह जातिवाद का जहर है, वैमनस्यता का बीज है, राष्ट्रविरोध का मसाला है और देश को तोड़ने का हथौड़ा है। उम्मीद है कि आपको, आपकी पार्टी और आपके नेता को उनके प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे।

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने गिनाई विफलताएं, कश्मीर के आतंकी हमलों से रेल हादसों पर घेरा
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नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन पूरे हो गए हैं। ऐसे में मोदी सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हुए हैं। ये 100 दिन देश की अर्थव्यवस्था, किसानों, युवाओं, महिलाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और संस्थाओं पर बहुत भारी पड़े हैं। इन 100 दिनों में साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी के पास देश की समस्याओं से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, पीएम चुनाव प्रसार के दौरान अपनी सरकार के 100 दिन के प्लान का जो जिक्र करते थे, उनके सामने विफलताओं का एक पुलिंदा खड़ा है। साथ ही उन्होंने पूछा कि हमारा सवाल है कि उनका प्लान क्या है? उन्होंने बीजेपी को रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा, रेल ध्वस्त है, इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त है, महिला सुरक्षित नहीं हैं, बेरोजगारी चरम छू रही है।

*यू-टर्न सरकार बता कसा तंज*
सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार को यू-टर्न सरकार कहते हुए कहा, विपक्ष और लोगों ने इस सरकार को यू-टर्न लेने पर मजबूर किया। लेटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड बिल, ब्रॉडकास्ट बिल, इंडेक्सेशन बेनिफिट, NPS से UPS सब पर यू-टर्न लेना पड़ा। 100 दिन में 38 बड़े रेल हादसे हुए और 21 मौते हुईं। रेल मंत्री बेशर्मी से कहते हैं ये छोटी-छोटी घटनाएं हैं। एक दिन नहीं बीतता जब रेल पटरी से ना उतरी हो। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, बड़े-बड़े पुल गिर गए। देश की संसद में पानी टपक रहा था। अटल सेतु, सुदर्शन सेतु में दरारें आ गईं। सबसे शर्मनाक घटना तब हुई जब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति टूटकर गिर गई। आस्था का प्रतीक श्रीराम का मंदिर टूटने लगा।

*जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों का जिक्र*
जम्मू कश्मीर में पीएम बड़ी–बड़ी बातें करते हैं। पिछले 100 दिनों में जम्मू कश्मीर में 26 आतंकी हमले हुए हैं, 21 जवान शहीद हुए हैं, 15 नागरिकों की मौत हुई है। अब कश्मीर से ज्यादा आतंकी हमले जम्मू में हो रहे हैं। एक श्रद्धांजलि का शब्द नरेंद्र मोदी के मुंह से नहीं निकलता है।''

*महिला सुरक्षा पर घेरा*
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस देश की आधी आबादी के साथ जो आपके गुर्गों ने किया वो  क्षमा न देने वाले अपराध हैं। आप वही हैं ना जो देश की बेटियों का यौन शोषण करने वालों के साथ लगातार खड़े रहे। 100 दिनों में 157 पीड़िताएं सामने आई हैं। काशी में जघन्य गैंग रेप का मामला सामने आता है, जो बीजेपी IT सेल के हैं।

*पेपर लीक पर उठाया सवाल*
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इन 100 दिनों में लगातार पेपर लीक हुआ, परीक्षा रद्द हुई, नीट पेपर लीक हुआ, नीट पीजी का एग्जाम कैंसिल हुआ, UGC NET का पेपर लीक हुआ।

*अर्थव्यवस्था को लेकर दिखाई ‘आंख’*
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एफडीआई गिर रहा है, बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है। रुपया आपको 58 पर मिला था, आपने उसे 84 पर पहुंचा दिया। 100 दिन पहले 82 पर था, आपने इतनी कोशिश की, लेकिन 84 पर पहुंचने से रोक नहीं पाए। टोल टैक्स 15 फीसदी बढ़ा, CNG के दाम बढ़े।'

*मणिपुर पर कह दी ये बात*
वहीं, केंद्र सरकार को घेरते हुए श्रीनेत ने कहा, लद्दाख के पूर्व सांसद और कॉउन्सिलर, चरवाहों ने लगातार वहां घुसपैठ के मुद्दे को उठाया, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। 16 महीने से इस देश का एक राज्य जल रहा है, लेकिन आपमें ना इतना साहस है ना नीयत है कि आप मणिपुर जाएं। असलियत ये है कि आप लगातार कुर्सी से चिपकने के लिए लालायित हैं।
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

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हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं', केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर बीजेपी का वार, जानें कांग्रेस ने क्या कहा*
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया।तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने पर आज पहली बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो दो दिन सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे।सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं इस्तीफा इसलिए दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही हर तरफ उनके इस्तीफे की चर्चा हो रही है। केजरीवाल इस फैसले पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल ने अग्निपरीक्षा देने का फैसला किया है। वह जनता के बीच में जाएंगे।उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि आप देखिएगा दिल्ली की आम जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर मुहर लगाएगी और काम के नाम पर केजरीवाल को फिर चुनेगी। अब इस पर बीजेपी के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं, जो सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जहां बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह यह बात समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक कट्टर ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्टाचारी नेता की हो चुकी है। आज आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पूरे देशभर में जानी जाती है। अपने इस पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को वापस पाना चाहते हैं। *'केजरीवाल सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं'* इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा इससे दिल्ली की जनता के सामने तीन बातें साफ हो चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनका जीरो बैंक बैलेंस हैं, तो भाई इतना बड़ा शीशमहल आपने कैसे बना लिया। केजरीवाल जी कहते हैं कि मैं दिल्ली की जनता के बीच जाऊंगा। तब तक मैं कोई और मुख्यमंत्री बनाऊंगा, मतलब साफ है कि वह सोनिया गांधी वाले मॉडल को लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से सरकार चलाई। इसी तरह वह सरकार चलाना चाहते हैं और तीसरा यह कि उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह ऐसा करना चाहते हैं। वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। *पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं केजरीवाल- सिरसा* वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे मास्टर स्ट्रोक नहीं ओवर स्मार्ट कदम बताया है। सिरसा ने ये दावा भी किया- 'केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ये दांव चला है। *कांग्रेस ने कहा- महज एक नौटंकी* वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।
ఇంకెంతమంది రైతుల ప్రాణాలు బలిపెట్టాలి?

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్. రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు.

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై (Congress Govt) మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్ (Former Minister KTR) . రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకిపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు. రుణమాఫీ కాలేదని కొందరు-పెట్టుబడి సాయం రైతు భరోసా లేక కొందరు ప్రాణాలు వదులుకోవడం ఆందోళనకరమన్నారు. మాజీ ముఖ్యమంత్రి కేసీఆర్ రైతును రాజును చేస్తే ఈ కాంగ్రెస్ సర్కార్ ప్రాణాలు తీస్తోందని మండిపడ్డారు. రైతు రుణమాఫీ అంత బోగస్, రైతు భరోసా కూడా బోగస్ అంటూ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

నిన్న... రైతు సురేందర్ రెడ్డి అటు బ్యాంకులు, ఇటు ప్రభుత్వ కార్యాలయాల చుట్టూ కాళ్లరిగేలా తిరిగినా రుణమాఫీ కాకపోవడంతో మేడ్చల్‌లో వ్యవసాయ కార్యాలయం సాక్షిగా ఆత్మహత్య చేసుకున్నాడని తెలిపారు. తన తల్లికి, తనకు ఉన్న రుణం మాఫీ కాకపోవడంతో కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం చేసిన దగాకు బలైపోయాడన్నారు. నేడు... రైతు సాగర్ రెడ్డి భార్యాభర్తలిద్దరిలో ఒక్కరి కూడా రుణమాఫీ కాలేదన్న ఆవేదనతో జగిత్యాలలో పురుగుల మందు తాగి చావుబతుకుల మధ్య కొట్టుమిట్టాడుతున్నాడన్నారు. తన పేరిట ఉన్న లక్షన్నర రుణం, తన భార్య పేరిట ఉన్న లక్షా 60 వేల రుణంలో ఏ ఒక్కరి రుణం మాఫీ అయినా గట్టెక్కుతానని గంపెడాశలు పెట్టుకుని దారుణంగా మోసపోయాడని తెలిపారు.

ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డది చేసిన తీరని ద్రోహానికి ఇంకా ఎంతమంది రైతులు ప్రాణాలను బలిపెట్టాలని ప్రశ్నించారు. ఏకకాలంలో అందరికీ 2 లక్షల రుణమాఫీ అని ఇచ్చిన మాటతప్పిన సీఎంను ఏం చేయాలన్నారు. డిసెంబర్లో పెట్టిన డెడ్ లైన్ సెప్టెంబర్ దాటినా అమలుకాకపోతే దగాపడ్డ అన్నదాతలు ఇంకా ఎవరికి చెప్పుకోవాలని నిలదీశారు. 49,500 వేల కోట్ల రుణమాఫీలో పావుశాతం కూడా చేయకుండా చేతులెత్తేసినందుకు రైతన్నలకు క్షమాపణలు చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. ‘‘ ఇంకెంత మంది రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటే మీ కళ్ళు చల్లారుతాయి? ’’ అంటూ ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. రేవంత్ రెడ్డి ఢిల్లీ యాత్రలు చేయటం కాదు రాష్ట్రంలో ఏం జరుగుతుందో చూడాలన్నారు. రైతులు ఆత్మ హత్యలు చేసుకోవద్దని.. దైర్యంగా ఉండాలని కోరుతున్నాను అంటూ కేటీఆర్ ట్వీట్ చేశారు.

तेरा भी तेरी दादी वाला हाल होगा", कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो, जानें राहुल गांधी को किसने दी धमकी?

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'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर देश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। वहीं, देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल गांधी को मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला हाल होने की धमकी दे रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्रवाई करने को कहा है। कांग्रेस ने लिखा, "दिल्ली बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ। बीजेपी का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपकी पार्टी की नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।"

बता दें कि राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'

25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा से लेकर ब्याज मुक्त ऋण तक: जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले कांग्रेस की 5 गारंटी

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Mallikarjun Kharge

खड़गे ने दोहराया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेगी, साथ ही यूटी में द्विसदनीय विधायिका बहाल करने का वादा किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पांच प्रमुख गारंटियों की घोषणा की, यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आता है। इनमें से एक प्रमुख वादा जम्मू-कश्मीर में हर परिवार को 25 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है।

अनंतनाग में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, खड़गे ने कांग्रेस की एक पुरानी प्रतिबद्धता पर भी फिर से विचार किया, जिसमें कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करने की कसम खाई। उन्होंने कहा, "हम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करेंगे।" उन्होंने विस्थापित समुदायों की चिंताओं को दूर करने के गठबंधन के इरादे की पुष्टि करते हुए कहा।

खड़गे ने जम्मू-कश्मीर में परिवार की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक लाभ देने और महिलाओं को 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया। खड़गे ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और के सी वेणुगोपाल और सुबोध कांत सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में वादे पढ़े।

भाजपा पर निशाना साधते हुए खड़गे ने पार्टी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर है...भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और एनसी का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है...हम करेंगे।

भाजपा के रोजगार के वादे पर खड़गे

जम्मू-कश्मीर में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि यह सिर्फ एक "जुमला" या खोखला वादा है।

खड़गे ने कहा, "उन्होंने देश भर में सालाना 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी, लेकिन 10 साल बीत गए हैं और वे नौकरियां साकार नहीं हुई हैं।"

उन्होंने मतदाताओं से भाजपा के "झूठ" के झांसे में न आने का आग्रह किया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन उनके शब्दों और कामों में बहुत अंतर है। उन्होंने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, फिर भी वे यहां 1 लाख लोगों को भी भर्ती नहीं कर सके। अब वे 5 लाख नौकरियां कैसे देंगे?" उन्होंने लोगों से कांग्रेस-एनसी गठबंधन का समर्थन करने की अपील करते हुए सवाल किया, जो आजादी के बाद से हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहा है।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होने वाले हैं - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

विनेश फोगाट और पूनिया कांग्रेस के मोहरे थे’ बृजभूषण शरण सिंह के बयान में कितनी सच्चाई?

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ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पार्टी की तरफ से विनेश को जुलाना से टिकट भी दे दिया गया है। वहीं, पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।फोगट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया।

बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और बीजेपी की विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह बात सच साबित हुई कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की साजिश थी। राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है।’ अब सवाल है कि बृज भूषण शरण सिंह के बयान का आधार क्या? भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख की बातों में कितनी सच्चाई है?

वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, यह तो होना ही था। पूरे देश में सबको पता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और उसके पूरे कर्ता-धर्ता दीपेंद्र हुड्डा और पूरी हुड्डा फेमिली थी। इसकी चिंगारी हरियाणा से लगाई गई। इस धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की तारीफ़ की थी और कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। यह ओलंपिक का साल था और आंदोलन करके जो पांच छह मेडल आने वाले थे, उसे भी डिस्टर्ब किया गया।

विनेश के साथ ही बजरंग पुनिया ने हरियाणा के चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान व‍िनेश ने कांग्रेस में शाम‍िल होने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने और अन्य महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई, तो दुर्भाग्य की बात रही कि बीजेपी ने हमारा साथ देना जरूरी नहीं समझा। इस मुश्किल वक्त में किसी ने हमारा साथ दिया, तो वो कांग्रेस ही थी, इसलिए हमने कांग्रेस में शाम‍िल होने का फैसला किया।

अब सवाल है क्या कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए पहलवानों के प्रदर्शन को सियासी रंग दिया? विनेश फोगाट के कांग्रेस का दामन थामने और चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक परिस्थिति पर कितना असर पड़ेगा, ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा। लेकिन हरियाणा की राजनीति पर क़रीबी नज़र रखने वालों की मानों तो ओलंपिक खेलों के बाद विनेश के पक्ष में बने सेंटीमेंट का कांग्रेस को फायदा होगा। हरियाणा में किसान पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को किसानों ने समर्थन दिया था। विनेश की छवि एक किसान की बेटी की है। ऐसे में विनेश को टिकट देने से किसानों के बीच कांग्रेस की छवि और पुख़्ता होगी और इससे राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी उसे फायदा मिलेगा।

कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

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हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

कांग्रेस में अनदेखी से कुमारी शैलजा खफा! प्रचार में नहीं दिख रहीं, कहीं बिगड़ न जाए खेल?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग के लिए मुश्किल से 15 दिन का वक्त बचा है। इस बार कांग्रेस हरियाणा में अपने सत्ता के वनवास को खत्म करने की हरसंभव कोशिश कर रही है। हालांकी, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में खेमेबाजी खुलकर सामने आ गई है। सांसद और कांग्रेस वर्किग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य कुमारी शैलजा फिलहाल कांग्रेस नेतृत्व से खफा बताई जा रहीं हैं। पहले तो कांग्रेस ने दलित नेता कुमारी शैलजा को पूरी तरह से विधानसभा चुनाव में दरकिनार कर दिया है। आलम यह है कि अब शैलजा ने भी खुद चुनाव से दूरी बना ली है और एक सप्ताह से वह चुनाव प्रचार से दूर हैं और दिल्ली में आराम फरमा रही हैं। टिकटों के आवंटन में अपेक्षित सम्मान नहीं मिलने से नाराज शैलजा ने जहां फील्ड से दूरी बना रखी है। वहीं, बुधवार को नई दिल्ली में शैलजा कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र जारी करने के दौरान मंच पर कहीं नजर नहीं आई। शैलजा के विधानसभा चुनाव से दूरी बनाए जाने के चलते मामला गड़बड़ता नजर आ रहा है। *पोस्टरों से भी गायब हुईं शैलजा* बता दें कि शैलजा विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अहम बात कि शैलजा सीएम पद पर भी दावा ठोक रही थी। अब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पोस्टरों से भी शैलजा गायब हो गईं हैं। पार्टी के नेताओं और प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। जानकारी के अनुसार, हिसार जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों के पोस्टरों से कुमारी शैलजा की फोटो नदारद है। हालांकि, हिसार विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राडा के पोस्टर में सैलजा जरूर दिख रही हैं। लेकिन हांसी, नारनौंद, बरवाला, उकलाना, आदमपुर, नलवा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों ने अपने पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। इन पोस्टरों में हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को भी जगह दी गई। *टिकटों के आवंटन में भी अनदेखी* हरियाणा में टिकटों के आवंटन से लेकर चुनाव घोषणापत्र जारी होने के दौरान कांग्रेस महासचिव शैलजा की अनदेखी से पार्टी में मतभेद ज्यादा गहरा गए हैं। विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में हुड्डा खेमे को ही तवज्जे मिली है और कुमारी सैलजा अपने 8 से 10 करीबी नेताओं को ही टिकट दिला सकी हैं। कांग्रेस में 72 टिकट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को मिले हैं, जबकि चार मौजूदा विधायकों समेत करीब 10 टिकटों पर कुमारी शैलजा को संतोष करना पड़ा है। *प्रदेश की 21 सीटों पर सैलजा का प्रभाव* कांग्रेस में अनदेखी के चलते शैलजा ने चुप्पी साधी हुई है। विधानसभा चुनाव में सैलजा की चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा हरियाणा में कांग्रेस की सबसे बड़ी दलित चेहरा हैं। हरियाणा में करीब 20 फीसदी दलित मतदाता हैं। कुल 90 में से दलित समुदाय के लिए 17 विधानसभा सीटें सुरक्षित हैं, लेकिन सियासी प्रभाव उससे कहीं ज्यादा है। हरियाणा में करीब 21 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां वह प्रभाव रखती हैं। न नहीं है। *दलित समुदाय में बढ़ सकती है नाराजगी* कुमारी शैलजा के चुनावी कैंपेन से दूरी बनाए रखने के चलते दलित समुदाय में भी नाराजगी बढ़ सकती है। दलित वोटर किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत राज्य में रखते हैं। 17 विधानसभा सीटें दलित समाज के लिए आरक्षित हैं, जहां पर दलित बहुल हैं। जबकि दलित समुदाय 35 विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। शैलजा कांग्रेस की सबसे बड़ी दलित चेहरा हैं और उनके खामोशी से दलित वोटों में मैसेज सही नहीं जाएगा।
खरगे के पीएम मोदी को लिखे खत पर जेपी नड्डा का जवाब, राहुल से लेकर पूरी कांग्रेस को लपेटा

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भाजपा और कांग्रेस के बीच चिट्ठी के जरिए आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख राहुल गांधी के खिलाफ की जा रहीं विवादित टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खरगे को पत्र के जरिए पलटवार किया है।

खरगे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पत्र लिखा है। अपने पत्र में नड्डा ने कहा है कि राहुल ने बार-बार पीएम मोदी का अपमान किया है। यहां तक सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने पिछले 10 सालों में पीएम मोदी को 110 से अधिक गालियां दी हैं।

नड्डा ने अपने जवाब में कहा, आपकी ओर से भेजे गए पत्र में जिस तरीके से राहुल गांधी को लेकर बात की गई है, इसीलिए मैं उसी से अपनी बात शुरू करूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के पीएम समेत पूरी ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, पीएम के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो। जिसने संसद में प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उन राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के तहत कर रहे हैं।

अपने जवाबी खत में जेपी नड्डा ने लिखा, मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।

जेपी नड्डा ने लिखा, 'ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थी न खरगे जी, जिन्होंने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे! क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे जी?

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने खरगे को याद दिलाया कि ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, नीच, ‘कमीना, कभी मौत का सौदागर’, ‘जहरीला सांप’, बिच्छू’, ‘चूहा’, ‘रावण’, ‘भस्मासुर’, ‘नालायक’, कुत्ते की मौत मरेगा’, ‘मोदी को जमीन में गाड़ देंगे, ‘राक्षस’, ‘दुष्ट’, ‘कातिल’, ‘हिंदू जिन्ना’, जनरल डायर, ‘मोतियाबिंद का मरीज’, ‘जेबकतरा’, ‘गंदी नाली’, ‘काला अंग्रेज’, ‘कायर’, ‘औरंगजेब का आधुनिक अवतार’, ‘दुर्योधन’, हिंदू आतंकवादी, गदहा, नामर्द’, ‘चौकीदार चोर है, ‘तुगलक’, ‘मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे, ‘साला मोदी’,नमक हराम’, ‘गंवार और ‘निकम्मा’ जैसे शब्द का इस्तेमाल हुए. नड्डा ने यह भी कहा पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया।

उन्होंने लिखा, कांग्रेस नेताओं ने तो पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा, उनका भी अपमान किया गया। आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया। इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?

अपने 3 पेज लंबे जवाब में नड्डा ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा। पत्र के अंत में राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ का जिक्र करते हुए कहा, “स्वार्थ सत्ता में डुबी कांग्रेस पार्टी की कथित ‘मोहब्बत की दुकान’ में जो प्रोडक्ट बेचा जा रहा है, वह जातिवाद का जहर है, वैमनस्यता का बीज है, राष्ट्रविरोध का मसाला है और देश को तोड़ने का हथौड़ा है। उम्मीद है कि आपको, आपकी पार्टी और आपके नेता को उनके प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे।

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने गिनाई विफलताएं, कश्मीर के आतंकी हमलों से रेल हादसों पर घेरा
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नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन पूरे हो गए हैं। ऐसे में मोदी सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हुए हैं। ये 100 दिन देश की अर्थव्यवस्था, किसानों, युवाओं, महिलाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और संस्थाओं पर बहुत भारी पड़े हैं। इन 100 दिनों में साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी के पास देश की समस्याओं से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, पीएम चुनाव प्रसार के दौरान अपनी सरकार के 100 दिन के प्लान का जो जिक्र करते थे, उनके सामने विफलताओं का एक पुलिंदा खड़ा है। साथ ही उन्होंने पूछा कि हमारा सवाल है कि उनका प्लान क्या है? उन्होंने बीजेपी को रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा, रेल ध्वस्त है, इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त है, महिला सुरक्षित नहीं हैं, बेरोजगारी चरम छू रही है।

*यू-टर्न सरकार बता कसा तंज*
सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार को यू-टर्न सरकार कहते हुए कहा, विपक्ष और लोगों ने इस सरकार को यू-टर्न लेने पर मजबूर किया। लेटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड बिल, ब्रॉडकास्ट बिल, इंडेक्सेशन बेनिफिट, NPS से UPS सब पर यू-टर्न लेना पड़ा। 100 दिन में 38 बड़े रेल हादसे हुए और 21 मौते हुईं। रेल मंत्री बेशर्मी से कहते हैं ये छोटी-छोटी घटनाएं हैं। एक दिन नहीं बीतता जब रेल पटरी से ना उतरी हो। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, बड़े-बड़े पुल गिर गए। देश की संसद में पानी टपक रहा था। अटल सेतु, सुदर्शन सेतु में दरारें आ गईं। सबसे शर्मनाक घटना तब हुई जब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति टूटकर गिर गई। आस्था का प्रतीक श्रीराम का मंदिर टूटने लगा।

*जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों का जिक्र*
जम्मू कश्मीर में पीएम बड़ी–बड़ी बातें करते हैं। पिछले 100 दिनों में जम्मू कश्मीर में 26 आतंकी हमले हुए हैं, 21 जवान शहीद हुए हैं, 15 नागरिकों की मौत हुई है। अब कश्मीर से ज्यादा आतंकी हमले जम्मू में हो रहे हैं। एक श्रद्धांजलि का शब्द नरेंद्र मोदी के मुंह से नहीं निकलता है।''

*महिला सुरक्षा पर घेरा*
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस देश की आधी आबादी के साथ जो आपके गुर्गों ने किया वो  क्षमा न देने वाले अपराध हैं। आप वही हैं ना जो देश की बेटियों का यौन शोषण करने वालों के साथ लगातार खड़े रहे। 100 दिनों में 157 पीड़िताएं सामने आई हैं। काशी में जघन्य गैंग रेप का मामला सामने आता है, जो बीजेपी IT सेल के हैं।

*पेपर लीक पर उठाया सवाल*
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इन 100 दिनों में लगातार पेपर लीक हुआ, परीक्षा रद्द हुई, नीट पेपर लीक हुआ, नीट पीजी का एग्जाम कैंसिल हुआ, UGC NET का पेपर लीक हुआ।

*अर्थव्यवस्था को लेकर दिखाई ‘आंख’*
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एफडीआई गिर रहा है, बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है। रुपया आपको 58 पर मिला था, आपने उसे 84 पर पहुंचा दिया। 100 दिन पहले 82 पर था, आपने इतनी कोशिश की, लेकिन 84 पर पहुंचने से रोक नहीं पाए। टोल टैक्स 15 फीसदी बढ़ा, CNG के दाम बढ़े।'

*मणिपुर पर कह दी ये बात*
वहीं, केंद्र सरकार को घेरते हुए श्रीनेत ने कहा, लद्दाख के पूर्व सांसद और कॉउन्सिलर, चरवाहों ने लगातार वहां घुसपैठ के मुद्दे को उठाया, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। 16 महीने से इस देश का एक राज्य जल रहा है, लेकिन आपमें ना इतना साहस है ना नीयत है कि आप मणिपुर जाएं। असलियत ये है कि आप लगातार कुर्सी से चिपकने के लिए लालायित हैं।
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

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हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं', केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर बीजेपी का वार, जानें कांग्रेस ने क्या कहा*
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया।तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने पर आज पहली बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो दो दिन सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे।सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं इस्तीफा इसलिए दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही हर तरफ उनके इस्तीफे की चर्चा हो रही है। केजरीवाल इस फैसले पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल ने अग्निपरीक्षा देने का फैसला किया है। वह जनता के बीच में जाएंगे।उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि आप देखिएगा दिल्ली की आम जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर मुहर लगाएगी और काम के नाम पर केजरीवाल को फिर चुनेगी। अब इस पर बीजेपी के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं, जो सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जहां बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह यह बात समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक कट्टर ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्टाचारी नेता की हो चुकी है। आज आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पूरे देशभर में जानी जाती है। अपने इस पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को वापस पाना चाहते हैं। *'केजरीवाल सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं'* इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा इससे दिल्ली की जनता के सामने तीन बातें साफ हो चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनका जीरो बैंक बैलेंस हैं, तो भाई इतना बड़ा शीशमहल आपने कैसे बना लिया। केजरीवाल जी कहते हैं कि मैं दिल्ली की जनता के बीच जाऊंगा। तब तक मैं कोई और मुख्यमंत्री बनाऊंगा, मतलब साफ है कि वह सोनिया गांधी वाले मॉडल को लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से सरकार चलाई। इसी तरह वह सरकार चलाना चाहते हैं और तीसरा यह कि उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह ऐसा करना चाहते हैं। वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। *पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं केजरीवाल- सिरसा* वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे मास्टर स्ट्रोक नहीं ओवर स्मार्ट कदम बताया है। सिरसा ने ये दावा भी किया- 'केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ये दांव चला है। *कांग्रेस ने कहा- महज एक नौटंकी* वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।
ఇంకెంతమంది రైతుల ప్రాణాలు బలిపెట్టాలి?

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్. రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు.

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై (Congress Govt) మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్ (Former Minister KTR) . రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకిపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు. రుణమాఫీ కాలేదని కొందరు-పెట్టుబడి సాయం రైతు భరోసా లేక కొందరు ప్రాణాలు వదులుకోవడం ఆందోళనకరమన్నారు. మాజీ ముఖ్యమంత్రి కేసీఆర్ రైతును రాజును చేస్తే ఈ కాంగ్రెస్ సర్కార్ ప్రాణాలు తీస్తోందని మండిపడ్డారు. రైతు రుణమాఫీ అంత బోగస్, రైతు భరోసా కూడా బోగస్ అంటూ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

నిన్న... రైతు సురేందర్ రెడ్డి అటు బ్యాంకులు, ఇటు ప్రభుత్వ కార్యాలయాల చుట్టూ కాళ్లరిగేలా తిరిగినా రుణమాఫీ కాకపోవడంతో మేడ్చల్‌లో వ్యవసాయ కార్యాలయం సాక్షిగా ఆత్మహత్య చేసుకున్నాడని తెలిపారు. తన తల్లికి, తనకు ఉన్న రుణం మాఫీ కాకపోవడంతో కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం చేసిన దగాకు బలైపోయాడన్నారు. నేడు... రైతు సాగర్ రెడ్డి భార్యాభర్తలిద్దరిలో ఒక్కరి కూడా రుణమాఫీ కాలేదన్న ఆవేదనతో జగిత్యాలలో పురుగుల మందు తాగి చావుబతుకుల మధ్య కొట్టుమిట్టాడుతున్నాడన్నారు. తన పేరిట ఉన్న లక్షన్నర రుణం, తన భార్య పేరిట ఉన్న లక్షా 60 వేల రుణంలో ఏ ఒక్కరి రుణం మాఫీ అయినా గట్టెక్కుతానని గంపెడాశలు పెట్టుకుని దారుణంగా మోసపోయాడని తెలిపారు.

ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డది చేసిన తీరని ద్రోహానికి ఇంకా ఎంతమంది రైతులు ప్రాణాలను బలిపెట్టాలని ప్రశ్నించారు. ఏకకాలంలో అందరికీ 2 లక్షల రుణమాఫీ అని ఇచ్చిన మాటతప్పిన సీఎంను ఏం చేయాలన్నారు. డిసెంబర్లో పెట్టిన డెడ్ లైన్ సెప్టెంబర్ దాటినా అమలుకాకపోతే దగాపడ్డ అన్నదాతలు ఇంకా ఎవరికి చెప్పుకోవాలని నిలదీశారు. 49,500 వేల కోట్ల రుణమాఫీలో పావుశాతం కూడా చేయకుండా చేతులెత్తేసినందుకు రైతన్నలకు క్షమాపణలు చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. ‘‘ ఇంకెంత మంది రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటే మీ కళ్ళు చల్లారుతాయి? ’’ అంటూ ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. రేవంత్ రెడ్డి ఢిల్లీ యాత్రలు చేయటం కాదు రాష్ట్రంలో ఏం జరుగుతుందో చూడాలన్నారు. రైతులు ఆత్మ హత్యలు చేసుకోవద్దని.. దైర్యంగా ఉండాలని కోరుతున్నాను అంటూ కేటీఆర్ ట్వీట్ చేశారు.

तेरा भी तेरी दादी वाला हाल होगा", कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो, जानें राहुल गांधी को किसने दी धमकी?

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'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर देश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। वहीं, देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल गांधी को मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला हाल होने की धमकी दे रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्रवाई करने को कहा है। कांग्रेस ने लिखा, "दिल्ली बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ। बीजेपी का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपकी पार्टी की नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।"

बता दें कि राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'

25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा से लेकर ब्याज मुक्त ऋण तक: जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले कांग्रेस की 5 गारंटी

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Mallikarjun Kharge

खड़गे ने दोहराया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेगी, साथ ही यूटी में द्विसदनीय विधायिका बहाल करने का वादा किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पांच प्रमुख गारंटियों की घोषणा की, यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आता है। इनमें से एक प्रमुख वादा जम्मू-कश्मीर में हर परिवार को 25 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है।

अनंतनाग में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, खड़गे ने कांग्रेस की एक पुरानी प्रतिबद्धता पर भी फिर से विचार किया, जिसमें कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करने की कसम खाई। उन्होंने कहा, "हम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करेंगे।" उन्होंने विस्थापित समुदायों की चिंताओं को दूर करने के गठबंधन के इरादे की पुष्टि करते हुए कहा।

खड़गे ने जम्मू-कश्मीर में परिवार की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक लाभ देने और महिलाओं को 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया। खड़गे ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और के सी वेणुगोपाल और सुबोध कांत सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में वादे पढ़े।

भाजपा पर निशाना साधते हुए खड़गे ने पार्टी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर है...भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और एनसी का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है...हम करेंगे।

भाजपा के रोजगार के वादे पर खड़गे

जम्मू-कश्मीर में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि यह सिर्फ एक "जुमला" या खोखला वादा है।

खड़गे ने कहा, "उन्होंने देश भर में सालाना 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी, लेकिन 10 साल बीत गए हैं और वे नौकरियां साकार नहीं हुई हैं।"

उन्होंने मतदाताओं से भाजपा के "झूठ" के झांसे में न आने का आग्रह किया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन उनके शब्दों और कामों में बहुत अंतर है। उन्होंने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, फिर भी वे यहां 1 लाख लोगों को भी भर्ती नहीं कर सके। अब वे 5 लाख नौकरियां कैसे देंगे?" उन्होंने लोगों से कांग्रेस-एनसी गठबंधन का समर्थन करने की अपील करते हुए सवाल किया, जो आजादी के बाद से हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहा है।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होने वाले हैं - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

विनेश फोगाट और पूनिया कांग्रेस के मोहरे थे’ बृजभूषण शरण सिंह के बयान में कितनी सच्चाई?

#vinesh_phogat_bajrang_poonia_were_pawns_of_congress  

ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पार्टी की तरफ से विनेश को जुलाना से टिकट भी दे दिया गया है। वहीं, पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।फोगट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया।

बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और बीजेपी की विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह बात सच साबित हुई कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की साजिश थी। राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है।’ अब सवाल है कि बृज भूषण शरण सिंह के बयान का आधार क्या? भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख की बातों में कितनी सच्चाई है?

वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, यह तो होना ही था। पूरे देश में सबको पता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और उसके पूरे कर्ता-धर्ता दीपेंद्र हुड्डा और पूरी हुड्डा फेमिली थी। इसकी चिंगारी हरियाणा से लगाई गई। इस धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की तारीफ़ की थी और कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। यह ओलंपिक का साल था और आंदोलन करके जो पांच छह मेडल आने वाले थे, उसे भी डिस्टर्ब किया गया।

विनेश के साथ ही बजरंग पुनिया ने हरियाणा के चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान व‍िनेश ने कांग्रेस में शाम‍िल होने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने और अन्य महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई, तो दुर्भाग्य की बात रही कि बीजेपी ने हमारा साथ देना जरूरी नहीं समझा। इस मुश्किल वक्त में किसी ने हमारा साथ दिया, तो वो कांग्रेस ही थी, इसलिए हमने कांग्रेस में शाम‍िल होने का फैसला किया।

अब सवाल है क्या कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए पहलवानों के प्रदर्शन को सियासी रंग दिया? विनेश फोगाट के कांग्रेस का दामन थामने और चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक परिस्थिति पर कितना असर पड़ेगा, ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा। लेकिन हरियाणा की राजनीति पर क़रीबी नज़र रखने वालों की मानों तो ओलंपिक खेलों के बाद विनेश के पक्ष में बने सेंटीमेंट का कांग्रेस को फायदा होगा। हरियाणा में किसान पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को किसानों ने समर्थन दिया था। विनेश की छवि एक किसान की बेटी की है। ऐसे में विनेश को टिकट देने से किसानों के बीच कांग्रेस की छवि और पुख़्ता होगी और इससे राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी उसे फायदा मिलेगा।