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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की राजनीतिक विफलता: एक विश्लेषण

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन खो दी, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी स्थिति मजबूत की। कांग्रेस, जो दिल्ली में एक समय प्रमुख राजनीतिक पार्टी थी, अब अपनी पहचान बनाने में नाकाम रही। इस लेख में हम कांग्रेस की विफलता के मुख्य कारणों पर चर्चा करेंगे और इसे भारतीय राजनीति के संदर्भ में समझेंगे।

1. नेतृत्व संकट और रणनीति की कमी

कांग्रेस के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के नेतृत्व का संकट था। अरविंद सिंह लवली जैसे नेताओं के बावजूद, कांग्रेस के पास कोई स्पष्ट और प्रभावशाली नेतृत्व नहीं था। AAP के अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मतदाताओं से गहरे स्तर पर जुड़कर प्रभावी नेतृत्व का उदाहरण पेश किया, जबकि कांग्रेस इससे पूरी तरह से चूक गई। पार्टी के भीतर कई आंतरिक मतभेद थे, जिससे न केवल एकजुटता की कमी महसूस हुई, बल्कि सही रणनीति भी लागू नहीं हो पाई।

2. स्थानीय मुद्दों पर ध्यान न देना

दिल्ली में मुद्दे स्थानीय स्तर पर अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे एयर पॉल्यूशन, जल संकट, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाएं। AAP ने इन मुद्दों को प्रमुखता दी और उन्हें चुनावी प्रचार का केंद्र बनाया। वहीं, कांग्रेस का अभियान राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक केंद्रित था, जैसे बीजेपी की नीतियों की आलोचना, जो दिल्ली के स्थानीय समस्याओं से मेल नहीं खाती थी। परिणामस्वरूप, कांग्रेस दिल्ली के मतदाताओं के साथ सही तरीके से जुड़ने में नाकाम रही।

3. आंतरिक मतभेद और संगठनात्मक कमजोरी

कांग्रेस पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रहे आंतरिक मतभेद और संगठनात्मक कमजोरी ने पार्टी की चुनावी ताकत को कमजोर कर दिया। पार्टी में कई बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ, और विभिन्न गुटों के बीच की लड़ाई ने कांग्रेस के प्रचार अभियान को प्रभावित किया। कांग्रेस का संगठन कमजोर था, जिससे पार्टी को अपने पुराने वोट बैंक को मजबूत करने में कठिनाई हुई। यह कमजोरी पार्टी के दिल्ली चुनाव परिणामों पर स्पष्ट रूप से प्रभाव डालने वाली थी।

4. AAP और BJP का मजबूत प्रभाव

AAP और BJP दोनों ने 2025 के दिल्ली चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया। AAP ने शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाओं को लेकर अपने वादों को महत्व दिया, जो दिल्ली के मतदाताओं के लिए आकर्षक थे। वहीं, बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दों को दिल्ली के चुनावी मैदान में प्रभावी ढंग से रखा। कांग्रेस इन दोनों पार्टी के मुकाबले कहीं पीछे रह गई, क्योंकि पार्टी न तो स्थानीय मुद्दों पर ध्यान दे पाई, और न ही प्रभावी प्रचार अभियान चला पाई।

5. कांग्रेस को पुनः समीक्षा और सुधार की आवश्यकता

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की विफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी को अपनी रणनीतियों और नेतृत्व में बदलाव की आवश्यकता है। कांग्रेस को एक स्पष्ट और प्रभावी नेतृत्व तैयार करना होगा, जो दिल्ली के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। इसके साथ ही, पार्टी को आंतरिक मतभेदों को समाप्त करके एकजुट होना होगा। यदि कांग्रेस इन बदलावों को स्वीकार कर सकती है, तो वह भविष्य में दिल्ली में अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत को फिर से पा सकती है। 

इस चुनाव ने यह भी दिखाया कि कांग्रेस को अपनी छवि और कार्यशैली को नए तरीके से प्रस्तुत करना होगा, ताकि वह दिल्ली के मतदाताओं के बीच फिर से विश्वास पैदा कर सके।

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

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दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।

लता मंगेशकर-देवानंद-बलराज साहनी तक का जिक्र, पीएम मोदी ने इमर्जेंसी के “काले” दिन को किया याद

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बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरा। बृहस्पतिवार को पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देने आए तो जमकर कांग्रेस को सुनाया। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पीएम मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने ओबीसी से लेकर आरक्षण तक कांग्रेस को जमकर घेरा। बलराज साहनी, देवानंद से लेकर किशोर कुमार के साथ हुई ज्यादतियों को याद दिलाया। इसके साथ ही कांग्रेस की रीति-नीति को लेकर भी पीएम मोदी ने करारे वार किए।

अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की पहली सरकार थी। नेहरू प्रधानमंत्री थे। मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई, उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था- कॉमनवेल्थ का दास है। ये कविता उन्होंने गाई थी। कविता गाने पर नेहरू ने देश के एक महान कवि को जेल में ठूंस दिया। मशहूर अभिनेता बलराज साहनी आंदोलन करने वालों के सिर्फ एक जुलूस में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता स्वरबद्ध करके आकाशवाणी पर प्रस्तुत करने की योजना बनाई, इतने मात्र से हृदयनाथ मंगेशकर को आकाशवाणी से हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया। इसके बाद देश ने आपातकाल का भी दौर देखा है। संविधान को किस प्रकार से कुचला गया। संविधान की भावना को किस प्रकार से रौंदा गया, वह भी सत्ता सुख के लिए किया गया।

इमर्जेंसी को लेकर किया गुस्से का इजहार

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इमर्जेंसी के उन दिनों को भूल नहीं सकता और शायद आज भी वो तस्वीरें मौजूद हैं। ये जो लोग लोकतंत्र की बातें करते हैं, मानव गरिमा की बातें करते हैं और बड़े-बड़े भाषण देने के शौकीन हैं।' इतना कहते ही प्रधानमंत्री का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा। उन्होंने बेहद गुस्से में कहा, 'आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेता, उनको हथकड़ियां और जंजीरों से बांधा गया था। इनके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता है।'

जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दौर को याद दिलाते हुए कहा, संविधान को किस प्रकार से कुचला गया, वो भी सत्ता सुख के लिए किया गया। ये भी देश जानता है। उस दौरान प्रसिद्ध सिने कलाकार देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वे इमरजेंसी का सार्वजनिक रूप से समर्थन करें। देवानंद ने इससे इनकार कर दिया और इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। ये लोग संविधान की बातें करते हैं, जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं। ये सब उसी का तो परिणाम था। मशहूर गायक किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया तो आकाशवाणी पर उनके सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया।

जिस तरह से हो मौसम बदलना चाहिए..,राज्यसभा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर शायराना कटाक्ष

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कांग्रेस पर जमकर बरसे। राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपत‍ि के अभ‍िभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आपातकाल से लेकर दूरदर्शन पर देवानंद की फिल्म तक सभी मुद्दों बारी-बारी से चर्चा कर विपक्ष को आड़े हाथ लिया।संसद में पीएम मोदी का शायराना अंदाज भी चर्चा का विषय रहा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए एक से बढ़कर एक पंक्तियां पढ़ी।

संसद में विपक्ष पर कटाक्ष करने के लिए पीएम मोदी ने गोपाल दास नीरज की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि...

है बहुत अंधियारा, अब सुरज निकलना चाहिए..

जिस तरह से भी हो बस ये मौसम बदलना चाहिए....।।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 1970 जब चारो ओर कांग्रेस ही कांग्रेक का राज चलता था तब फिर गोपाल दास नीरज का एक और कविता प्रकाशित हुआ था। 'फ़िर दीप जलेगा'.. पीएम मोदी ने उस पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि...'मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा'

इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि 'सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा'

कांग्रेस को बताया एक परिवार को समर्पित दल

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। ये हम सब का दायित्व है। इसीलिए देश ने हम सब को यहां बैठने का अवसर दिया है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास के संबंध में कुछ अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती है। ये उनकी सोच के बाहर है। उनके रोडमैप में सही नहीं बैठता। इतना बड़ा दल एक परिवार को समर्पित हो गया है, उनके लिए सबका साथ, सबका विकास संभव ही नहीं है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर तंज

पीएम मोदी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लेते हुए कहा कि सदन में वह पिछले कुछ समय से काफी कविताएं सुना रहे हैं। एक मैं भी सुनाता हूं- तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है। कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी के हालात देखकर दुखी हैं लेकिन वहां कुछ कह नहीं सकते। अपने दिल की बात यहां आकर कहते रहते हैं।

कांग्रेस कालखंड में अटकाना-भटकाना-लटकाना की संस्कृति

पीएम मोदी ने कहा कि विकासशील से विकसित की यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर से गुजरती है और हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को समझते हुए इस पर बल दिया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात होती है, तो ये भी जरूरी है कि वो समय से पूरे हों। कांग्रेस के कालखंड में अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति बन गई थी। कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और मैं स्वयं नियमित रूप से इस प्रगति प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की विस्तार से मॉनिटरिंग करता हूं।

50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाएंगे रिजर्वेशन, ‘जय संविधान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किया ऐलान

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मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी रैली की। महू में राहुल गांधी ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय बापू, जय भीम, जय संविधान से की। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से लेकर पेट्रोल की कीमतों तक को लेकर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच है। इसमें आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महापुरुषों की आवाज है। कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने लोकसभा से पहले भी संविधान को खत्म करने की बात कही थी, इन्होंने कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनके सामने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता और कार्यकर्ता खड़े हुए हैं। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी को संविधान के आगे माथा टेकना पड़ा।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो जाएगा, उस दिन देश के गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के लिए देश में कुछ नहीं बचेगा। इनका यही लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से पहले गरीबों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आजादी से पहले जो स्थिति थी, वैसा ही भारत वे लोग चाहते हैं। गरीब भूखे मर जाएं, वे लोग कोई सपना नहीं देखें। हिंदुस्तान को सिर्फ अरबपति चलाएं। सारे कॉन्ट्रैक्ट उनके हाथ में चले जाएं। संविधान की लड़ाई आरएसएस और बीजेपी के लोगों से है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ा प्रहार

राहुल गांधी ने संघ प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी, असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली थी। राहुल गांधी ने कहा कि ये सीधा संविधान पर आक्रमण है।

सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में

राहुल गांधी ने अंबानी की शादी पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि आज 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। यहां के अरबपति अरबों रुपये अपने बेटे की शादी में खर्चा कर देते हैं। कोई दस करोड़ की घड़ी पहनता है तो कोई 15 करोड़ की घड़ी पहनता है, मगर आपको अपने बच्चे की शादी करवानी हो तो कर्जा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा एक बात भूलिए मत, जितना धन अदाणी और अंबानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा।

जीएसटी अरबपति नहीं देते

राहुल ने कहा कि जो नोटबंदी इन्होंने की, जो जीएसटी लागू की, ये हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को खत्म करने के औजार है। ये योजना नहीं ये हथियार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौन देता है, जीएसटी अरबपति नहीं देते हैं। जीएसटी हिन्दुस्तान के गरीब लोग देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये आपके जेब से निकाला जाता है।

आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर में नहीं जाने दिया

इसके साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब को आपने देखा क्या। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इन्होंने मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने दिया। इसके साथ ही संसद भवन के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।गरीब, जनरल कास्ट और दलितों/पिछड़ों के हाथ में क्या आ रहा है? 90 फीसदी आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराने का वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट 90 अफसर बनाते हैं, उनमें से दलित, पिछड़ा, गरीब जनरल कास्ट, आदिवासी कितने है मैंने सोचा पता लगाते हैं। इनमें से 3 पिछड़े हैं, कहते हैं उनको की चुप बैठो वरना तुम्हारी एसीआर बिगाड़ देंगे। क्या ये अन्याय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि आप या तो मजदूरी करो या चिल्लाओगे तो जेल जाओ। ये बीजेपी का विजन है। हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कर देंगे। पिछड़ों को ये भी नहीं मालूम कि उनकी आबादी कितनी है, शर्म की बात है। मोदी जी कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आबादी का पता नहीं। आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे।

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, तो बीजेपी ने बाता डाला 'नई मुस्लिम लीग'

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कांग्रेस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर एक याचिका दायर की है।कांग्रेस ने याचिका में एक्ट 1991 का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है। भाजपा ने कांग्रेस के ज़रिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जाने को 'हिंदुओं के खिलाफ खुले युद्ध' का ऐलान करार दिया है। साथ ही यह भी कहा कि अब कांग्रेस "नई मुस्लिम लीग" बन चुकी है।

बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने इसे हिंदुओं के खिलाफ "खुला युद्ध" और कांग्रेस को "नई मुस्लिम लीग" करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इस कानून का समर्थन करके हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ कानूनी उपायों का अधिकार छीनने की कोशिश की है।भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा,'कांग्रेस ने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए कानूनी उपायों के हिंदुओं के मौलिक संवैधानिक अधिकार को अस्वीकार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालवीय ने आगे कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से 'धर्मनिरपेक्षता की रक्षा' के बहाने पूजा स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।

अमित मालवीय ने कहा,'कांग्रेस ने धार्मिक बुनियाद पर भारत के विभाजन को मंजूरी दी। इसके बाद, इसने वक्फ कानून पेश किया, जिससे मुसलमानों को अपनी मर्जी से संपत्तियों पर दावा करने और देश भर में मिनी-पाकिस्तान स्थापित करने का हक मिल गया। बाद में इसने पूजा स्थल अधिनियम लागू किया, जिससे हिंदुओं को अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को वापस लेने का अधिकार प्रभावी रूप से नकार दिया गया। अब, कांग्रेस ने हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है।

बीजेपी ने इस कानून का विरोध पहले भी किया था जब नरसिंह राव सरकार ने राम मंदिर निर्माण के आंदोलन के दौरान इसे लागू किया था. ये कानून यह सुनिश्चित करता था कि 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी पूजा स्थलों की स्थिति को जस का तस रखा जाए सिवाय अयोध्या के विवादित स्थल के इस कानून का उद्देश्य संघ परिवार की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाहि ईदगाह पर कब्जा करने के प्रयासों को रोकना था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 मेंबर वाली बेंच ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधानों) 1991 की कुछ धाराओं की वैधता पर दाखिल याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई की थी। बेंच ने कहा था, हम इस कानून के दायरे, उसकी शक्तियों और ढांचे को जांच रहे हैं। ऐसे में यही उचित होगा कि बाकी सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें। सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- हमारे सामने 2 मामले हैं, मथुरा की शाही ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद। तभी अदालत को बताया गया कि देश में ऐसे 18 से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें से 10 मस्जिदों से जुड़े हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिकाओं पर 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा। सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- जब तक केंद्र जवाब नहीं दाखिल करता है हम सुनवाई नहीं कर सकते। हमारे अगले आदेश तक ऐसा कोई नया केस दाखिल ना किया जाए।

'इंडियन स्टेट' वाले बयान पर घिरे राहुल गांधी, बीजेपी बोली- कांग्रेस का सच उजागर किया
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राहुल गांधी ने बुधवार को बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी सीधा हमला बोला। इस दौरान बीजेपी और आरएसएस पर बोलेते बोलते लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा बयान दे दिया की उसपर हल्ला मच गया है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी-आरएसएस के साथ इंडियन स्टेट के साथ भी है। कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कांग्रेस सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने ही पार्टी का घिनौना सच उजाकर कर दिया है। ये बयान सीधे तौर पर "जॉर्ज सोरोस की प्लेबुक" से निकला था।

राहुल गांधी का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट से घनिष्ठ संबंध-नड्डा
जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस का घिनौनी सच किसी से छिपा नहीं है। अब उनके अपने नेता ने ही इसका पर्दाफाश कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने वह बात साफ-साफ कही जो देश जानता है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट के साथ घनिष्ठ संबंध है। जो भारत को बदनाम करना चाहते हैं। उनके बार-बार के कार्यों ने भी इस विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने वाला है।

जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित- शहजाद पूनावाला
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान महज संयोग नहीं है बल्कि जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित है। आज कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और पीएम मोदी का विरोध करते-करते वे देश का विरोध करने लगे हैं। वे भारत और भारतीय राज्यों के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह संयोग नहीं बल्कि एक सोचा-समझा प्रयोग है। यह एक उद्योग बन गया है, जिसे सोरोस (जॉर्ज सोरोस) प्रायोजित करते हैं। राहुल गांधी 'भारत तोड़ो' के एजेंडे पर चलते हैं।

क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी कांग्रेस के नए ऑफिस के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे। पार्टी का ऑफिस 24 अकबर रोड से अब 9 कोटला मार्ग पर शिफ्ट हो गया है। इस दौरान राहुल गांधी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत का बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली। उन्होंने कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते।

राहुल मोहन भागवत के इसी बयान पर बोल रहे थे, इसी दौरान उन्होंने इंडियन स्टेट का भी जिक्र कर दिया। राहुल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम बीजेपी या आरएसएस नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाएंगे कि क्या हो रहा है। बीजेपी और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम बीजेपी, आरएसएस और स्वयं इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।
दिल्‍ली के दंगल में राहुल गांधी की एंट्री, सीलमपुर से आज फूंकेंगे चुनावी बिगुल

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दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने लकी कोशिश में है। कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कश्मकश में उलझी हुई है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी अबतक दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में सुस्‍त नजर आ रही थी। हालांकि आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उत्‍तरी-पूर्वी दिल्‍ली के सीलमपुर इलाके में बड़ी रैली करने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की दिल्ली में पहली जनसभा उस क्षेत्र में रखी गई है, जहां पर कांग्रेस के वोट बैंक का अपना सियासी आधार है और चुनावी मुकाबला सीधे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से है। ऐसे में दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि राहुल गांधी अपनी पहली जनसभा में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी 10 साल के शासन की विफलताओं को लेकर आक्रामक रुख अपनाएंगे।

राहुल गांधी के प्रचार अभियान की रणनीति और भागीदारी की इसमें सबसे निर्णायक भूमिका रहेगी, क्योंकि पार्टी के राजनीतिक फैसलों में उनकी राय ही अंतिम मानी जाती है। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में भले बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन सत्ता पर केजरीवाल की पार्टी का कब्जा है। इसीलिए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों का दावा है कि राहुल गांधी न केवल बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी के दस साल की विफलताओं पर हमला करने में कोई रियायत नहीं बरतेंगे।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के अब तक के आक्रामक तेवरों को पार्टी नेतृत्व ने अगले पायदान पर ले जाने का जज्बा दिखाया तो यह चुनाव बेहद रोचक मोड़ ले सकता है। दिल्ली के चुनावी मुकाबले में प्रासंगिक बने रहने के साथ ही कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं के मद्देनजर राहुल गांधी की सीलमपुर में सोमवार को हो रही पहली जनसभा बेहद महत्वपूर्ण है।

दिल्ली में पोस्टर वॉरःशाह-ओवैसी-माकन समेत अन्य नेताओं की तस्वीरें शेयर कर बताया निकम्मा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। इस बीच आम आदमी पार्टी द्वारा एक पोस्टर सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी किया गया है। इस पोस्टर में अरविंद केजरीवाल ने विरोधी पार्टियों के नेताओं की तस्वीर को लगाते हुए उन्हें निकम्मा बताया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर तेज होता जा रहा है।अब आम आदमी पार्टी ने अपने नए पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। आप ने पोस्टर में इन सभी पार्टियों को एक साथ दिखाया है। आप ने पोस्टर में अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, संदीप दीक्षित, अजय माकन को एक साथ दिखाया है। वहीं, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल है। पोस्टर में लिखा, 'एक तरफ निकम्मों की कतार, दूसरी ओर अकेला खड़ा ईमानदार।

इस तस्वीर पर एआईएमआईएम दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जमई ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। शोएब जमई ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'निकम्मों की कतार कौन है मैं बताता हूं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन ये सब तिहाड़ जेल की खिचड़ी खाकर आए हैं। किसी क्रांतिकारी काम के लिए ये अंदर नहीं गए। बल्कि भ्रष्टाचार, शराबखाने खोलने और करोड़ों रुपये डकारने के आरोप में अंदर गए। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी हैं, जिन्होंने हैदराबाद में विकास कार्य किए। उनके उपर कौन से भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ भी नहीं। कौन है निकम्मा, किसकी है निकम्मों की कतार। निकम्मों की कतार में आम आदमी पार्टी के आधे नेता तो लाइन में लगे हैं।

एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा, 'तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली का यह हाल है कि दिल्ली गैस चेंबर बन गया। अरविंद केजरीवाल तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली की बेटियां सुरक्षित नहीं है। आपके निकम्मेपन की वजह से दिल्ली के अंदर सड़के टूटी पड़ी हैं और अवसंरचना खत्म हो गया है। आपके निकम्मेपन की वजह से मुसलमान बस्तियों में गंदगी का ढेर पड़ा है। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से वक्फ बोर्ड की जमीनें दिल्ली के अंदर लूट ली गई। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से शाही ईदगाह की जमीनों को लूट ली गई। असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बोलने से पहले जुबान संभाल के रखिएगा। हैदराबाद जाकर देख लीजिए कि वहां कितना काम किया जाता है। इसलिए तुलना बिल्कुल भी नहीं हो सकता। जनता इस बार अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन का जवाब दिल्ली की जनता देगी।'

पीएम मोदी के पॉडकास्ट पर कांग्रेस का तंज, जयराम रमेश ने कहा-8 महीने पहले खुद को बताया था नॉन बायोलॉजिकल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपना पॉडकास्ट डेब्यू किया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया है। अपने पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने निखिल कामथ के कई सवालों का जवाब दिया है। प्रधानमंत्री के इस पॉडकास्ट पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए इसे 'डैमेज कंट्रोल' बताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर प्रधानमंत्री की इस बातचीत को लेकर निशाना साधा है।

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया था जिसमें मैंने कहा था, मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और अपने लिए मैं कुछ नहीं करूंगा और मैं इंसान हूं जो गलतियां कर सकता हूं, लेकिन मैं बुरे इरादों से कभी कुछ गलत नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है। हर कोई गलती करता है, जिसमें मैं भी शामिल हूं। आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रिएक्शन दिया है। राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'यह उसी व्यक्ति का बयान है जिसने 8 महीने पहले अपना 'नॉन-बायोलॉजिकल' स्टेटस घोषित किया था। यह स्पष्ट रूप से डैमेज कंट्रोल है।

बता दें कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें महसूस होता है कि वह जैविक नहीं बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए हैं। उनकी यह टिप्पणी सुर्खियों में रही। इस टिप्पणी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने कई बार कोट किया और उनका मजाक भी उड़ाया। कांग्रेस ने उन्हें “गैर जैविक” और “दिव्य” कहा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की राजनीतिक विफलता: एक विश्लेषण

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन खो दी, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी स्थिति मजबूत की। कांग्रेस, जो दिल्ली में एक समय प्रमुख राजनीतिक पार्टी थी, अब अपनी पहचान बनाने में नाकाम रही। इस लेख में हम कांग्रेस की विफलता के मुख्य कारणों पर चर्चा करेंगे और इसे भारतीय राजनीति के संदर्भ में समझेंगे।

1. नेतृत्व संकट और रणनीति की कमी

कांग्रेस के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के नेतृत्व का संकट था। अरविंद सिंह लवली जैसे नेताओं के बावजूद, कांग्रेस के पास कोई स्पष्ट और प्रभावशाली नेतृत्व नहीं था। AAP के अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मतदाताओं से गहरे स्तर पर जुड़कर प्रभावी नेतृत्व का उदाहरण पेश किया, जबकि कांग्रेस इससे पूरी तरह से चूक गई। पार्टी के भीतर कई आंतरिक मतभेद थे, जिससे न केवल एकजुटता की कमी महसूस हुई, बल्कि सही रणनीति भी लागू नहीं हो पाई।

2. स्थानीय मुद्दों पर ध्यान न देना

दिल्ली में मुद्दे स्थानीय स्तर पर अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे एयर पॉल्यूशन, जल संकट, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाएं। AAP ने इन मुद्दों को प्रमुखता दी और उन्हें चुनावी प्रचार का केंद्र बनाया। वहीं, कांग्रेस का अभियान राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक केंद्रित था, जैसे बीजेपी की नीतियों की आलोचना, जो दिल्ली के स्थानीय समस्याओं से मेल नहीं खाती थी। परिणामस्वरूप, कांग्रेस दिल्ली के मतदाताओं के साथ सही तरीके से जुड़ने में नाकाम रही।

3. आंतरिक मतभेद और संगठनात्मक कमजोरी

कांग्रेस पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रहे आंतरिक मतभेद और संगठनात्मक कमजोरी ने पार्टी की चुनावी ताकत को कमजोर कर दिया। पार्टी में कई बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ, और विभिन्न गुटों के बीच की लड़ाई ने कांग्रेस के प्रचार अभियान को प्रभावित किया। कांग्रेस का संगठन कमजोर था, जिससे पार्टी को अपने पुराने वोट बैंक को मजबूत करने में कठिनाई हुई। यह कमजोरी पार्टी के दिल्ली चुनाव परिणामों पर स्पष्ट रूप से प्रभाव डालने वाली थी।

4. AAP और BJP का मजबूत प्रभाव

AAP और BJP दोनों ने 2025 के दिल्ली चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया। AAP ने शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाओं को लेकर अपने वादों को महत्व दिया, जो दिल्ली के मतदाताओं के लिए आकर्षक थे। वहीं, बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दों को दिल्ली के चुनावी मैदान में प्रभावी ढंग से रखा। कांग्रेस इन दोनों पार्टी के मुकाबले कहीं पीछे रह गई, क्योंकि पार्टी न तो स्थानीय मुद्दों पर ध्यान दे पाई, और न ही प्रभावी प्रचार अभियान चला पाई।

5. कांग्रेस को पुनः समीक्षा और सुधार की आवश्यकता

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की विफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी को अपनी रणनीतियों और नेतृत्व में बदलाव की आवश्यकता है। कांग्रेस को एक स्पष्ट और प्रभावी नेतृत्व तैयार करना होगा, जो दिल्ली के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। इसके साथ ही, पार्टी को आंतरिक मतभेदों को समाप्त करके एकजुट होना होगा। यदि कांग्रेस इन बदलावों को स्वीकार कर सकती है, तो वह भविष्य में दिल्ली में अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत को फिर से पा सकती है। 

इस चुनाव ने यह भी दिखाया कि कांग्रेस को अपनी छवि और कार्यशैली को नए तरीके से प्रस्तुत करना होगा, ताकि वह दिल्ली के मतदाताओं के बीच फिर से विश्वास पैदा कर सके।

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

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दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।

लता मंगेशकर-देवानंद-बलराज साहनी तक का जिक्र, पीएम मोदी ने इमर्जेंसी के “काले” दिन को किया याद

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बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरा। बृहस्पतिवार को पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देने आए तो जमकर कांग्रेस को सुनाया। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पीएम मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने ओबीसी से लेकर आरक्षण तक कांग्रेस को जमकर घेरा। बलराज साहनी, देवानंद से लेकर किशोर कुमार के साथ हुई ज्यादतियों को याद दिलाया। इसके साथ ही कांग्रेस की रीति-नीति को लेकर भी पीएम मोदी ने करारे वार किए।

अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की पहली सरकार थी। नेहरू प्रधानमंत्री थे। मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई, उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था- कॉमनवेल्थ का दास है। ये कविता उन्होंने गाई थी। कविता गाने पर नेहरू ने देश के एक महान कवि को जेल में ठूंस दिया। मशहूर अभिनेता बलराज साहनी आंदोलन करने वालों के सिर्फ एक जुलूस में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता स्वरबद्ध करके आकाशवाणी पर प्रस्तुत करने की योजना बनाई, इतने मात्र से हृदयनाथ मंगेशकर को आकाशवाणी से हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया। इसके बाद देश ने आपातकाल का भी दौर देखा है। संविधान को किस प्रकार से कुचला गया। संविधान की भावना को किस प्रकार से रौंदा गया, वह भी सत्ता सुख के लिए किया गया।

इमर्जेंसी को लेकर किया गुस्से का इजहार

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इमर्जेंसी के उन दिनों को भूल नहीं सकता और शायद आज भी वो तस्वीरें मौजूद हैं। ये जो लोग लोकतंत्र की बातें करते हैं, मानव गरिमा की बातें करते हैं और बड़े-बड़े भाषण देने के शौकीन हैं।' इतना कहते ही प्रधानमंत्री का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा। उन्होंने बेहद गुस्से में कहा, 'आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेता, उनको हथकड़ियां और जंजीरों से बांधा गया था। इनके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता है।'

जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दौर को याद दिलाते हुए कहा, संविधान को किस प्रकार से कुचला गया, वो भी सत्ता सुख के लिए किया गया। ये भी देश जानता है। उस दौरान प्रसिद्ध सिने कलाकार देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वे इमरजेंसी का सार्वजनिक रूप से समर्थन करें। देवानंद ने इससे इनकार कर दिया और इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। ये लोग संविधान की बातें करते हैं, जो अपने जेब में संविधान को रखते हैं। ये सब उसी का तो परिणाम था। मशहूर गायक किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया तो आकाशवाणी पर उनके सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया।

जिस तरह से हो मौसम बदलना चाहिए..,राज्यसभा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर शायराना कटाक्ष

#pmmodiattackscongressinrajyasabha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कांग्रेस पर जमकर बरसे। राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपत‍ि के अभ‍िभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आपातकाल से लेकर दूरदर्शन पर देवानंद की फिल्म तक सभी मुद्दों बारी-बारी से चर्चा कर विपक्ष को आड़े हाथ लिया।संसद में पीएम मोदी का शायराना अंदाज भी चर्चा का विषय रहा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए एक से बढ़कर एक पंक्तियां पढ़ी।

संसद में विपक्ष पर कटाक्ष करने के लिए पीएम मोदी ने गोपाल दास नीरज की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि...

है बहुत अंधियारा, अब सुरज निकलना चाहिए..

जिस तरह से भी हो बस ये मौसम बदलना चाहिए....।।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 1970 जब चारो ओर कांग्रेस ही कांग्रेक का राज चलता था तब फिर गोपाल दास नीरज का एक और कविता प्रकाशित हुआ था। 'फ़िर दीप जलेगा'.. पीएम मोदी ने उस पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि...'मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा'

इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि 'सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा'

कांग्रेस को बताया एक परिवार को समर्पित दल

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। ये हम सब का दायित्व है। इसीलिए देश ने हम सब को यहां बैठने का अवसर दिया है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास के संबंध में कुछ अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती है। ये उनकी सोच के बाहर है। उनके रोडमैप में सही नहीं बैठता। इतना बड़ा दल एक परिवार को समर्पित हो गया है, उनके लिए सबका साथ, सबका विकास संभव ही नहीं है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर तंज

पीएम मोदी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लेते हुए कहा कि सदन में वह पिछले कुछ समय से काफी कविताएं सुना रहे हैं। एक मैं भी सुनाता हूं- तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है। कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी के हालात देखकर दुखी हैं लेकिन वहां कुछ कह नहीं सकते। अपने दिल की बात यहां आकर कहते रहते हैं।

कांग्रेस कालखंड में अटकाना-भटकाना-लटकाना की संस्कृति

पीएम मोदी ने कहा कि विकासशील से विकसित की यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर से गुजरती है और हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को समझते हुए इस पर बल दिया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात होती है, तो ये भी जरूरी है कि वो समय से पूरे हों। कांग्रेस के कालखंड में अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति बन गई थी। कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और मैं स्वयं नियमित रूप से इस प्रगति प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की विस्तार से मॉनिटरिंग करता हूं।

50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाएंगे रिजर्वेशन, ‘जय संविधान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किया ऐलान

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मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी रैली की। महू में राहुल गांधी ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय बापू, जय भीम, जय संविधान से की। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से लेकर पेट्रोल की कीमतों तक को लेकर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच है। इसमें आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महापुरुषों की आवाज है। कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने लोकसभा से पहले भी संविधान को खत्म करने की बात कही थी, इन्होंने कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनके सामने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता और कार्यकर्ता खड़े हुए हैं। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी को संविधान के आगे माथा टेकना पड़ा।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो जाएगा, उस दिन देश के गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के लिए देश में कुछ नहीं बचेगा। इनका यही लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से पहले गरीबों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आजादी से पहले जो स्थिति थी, वैसा ही भारत वे लोग चाहते हैं। गरीब भूखे मर जाएं, वे लोग कोई सपना नहीं देखें। हिंदुस्तान को सिर्फ अरबपति चलाएं। सारे कॉन्ट्रैक्ट उनके हाथ में चले जाएं। संविधान की लड़ाई आरएसएस और बीजेपी के लोगों से है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ा प्रहार

राहुल गांधी ने संघ प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी, असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली थी। राहुल गांधी ने कहा कि ये सीधा संविधान पर आक्रमण है।

सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में

राहुल गांधी ने अंबानी की शादी पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि आज 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। यहां के अरबपति अरबों रुपये अपने बेटे की शादी में खर्चा कर देते हैं। कोई दस करोड़ की घड़ी पहनता है तो कोई 15 करोड़ की घड़ी पहनता है, मगर आपको अपने बच्चे की शादी करवानी हो तो कर्जा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा एक बात भूलिए मत, जितना धन अदाणी और अंबानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा।

जीएसटी अरबपति नहीं देते

राहुल ने कहा कि जो नोटबंदी इन्होंने की, जो जीएसटी लागू की, ये हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को खत्म करने के औजार है। ये योजना नहीं ये हथियार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौन देता है, जीएसटी अरबपति नहीं देते हैं। जीएसटी हिन्दुस्तान के गरीब लोग देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये आपके जेब से निकाला जाता है।

आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर में नहीं जाने दिया

इसके साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब को आपने देखा क्या। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इन्होंने मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने दिया। इसके साथ ही संसद भवन के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।गरीब, जनरल कास्ट और दलितों/पिछड़ों के हाथ में क्या आ रहा है? 90 फीसदी आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराने का वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट 90 अफसर बनाते हैं, उनमें से दलित, पिछड़ा, गरीब जनरल कास्ट, आदिवासी कितने है मैंने सोचा पता लगाते हैं। इनमें से 3 पिछड़े हैं, कहते हैं उनको की चुप बैठो वरना तुम्हारी एसीआर बिगाड़ देंगे। क्या ये अन्याय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि आप या तो मजदूरी करो या चिल्लाओगे तो जेल जाओ। ये बीजेपी का विजन है। हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कर देंगे। पिछड़ों को ये भी नहीं मालूम कि उनकी आबादी कितनी है, शर्म की बात है। मोदी जी कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आबादी का पता नहीं। आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे।

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, तो बीजेपी ने बाता डाला 'नई मुस्लिम लीग'

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कांग्रेस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर एक याचिका दायर की है।कांग्रेस ने याचिका में एक्ट 1991 का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है। भाजपा ने कांग्रेस के ज़रिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जाने को 'हिंदुओं के खिलाफ खुले युद्ध' का ऐलान करार दिया है। साथ ही यह भी कहा कि अब कांग्रेस "नई मुस्लिम लीग" बन चुकी है।

बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने इसे हिंदुओं के खिलाफ "खुला युद्ध" और कांग्रेस को "नई मुस्लिम लीग" करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इस कानून का समर्थन करके हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ कानूनी उपायों का अधिकार छीनने की कोशिश की है।भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा,'कांग्रेस ने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए कानूनी उपायों के हिंदुओं के मौलिक संवैधानिक अधिकार को अस्वीकार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालवीय ने आगे कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से 'धर्मनिरपेक्षता की रक्षा' के बहाने पूजा स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।

अमित मालवीय ने कहा,'कांग्रेस ने धार्मिक बुनियाद पर भारत के विभाजन को मंजूरी दी। इसके बाद, इसने वक्फ कानून पेश किया, जिससे मुसलमानों को अपनी मर्जी से संपत्तियों पर दावा करने और देश भर में मिनी-पाकिस्तान स्थापित करने का हक मिल गया। बाद में इसने पूजा स्थल अधिनियम लागू किया, जिससे हिंदुओं को अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को वापस लेने का अधिकार प्रभावी रूप से नकार दिया गया। अब, कांग्रेस ने हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है।

बीजेपी ने इस कानून का विरोध पहले भी किया था जब नरसिंह राव सरकार ने राम मंदिर निर्माण के आंदोलन के दौरान इसे लागू किया था. ये कानून यह सुनिश्चित करता था कि 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी पूजा स्थलों की स्थिति को जस का तस रखा जाए सिवाय अयोध्या के विवादित स्थल के इस कानून का उद्देश्य संघ परिवार की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाहि ईदगाह पर कब्जा करने के प्रयासों को रोकना था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 मेंबर वाली बेंच ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधानों) 1991 की कुछ धाराओं की वैधता पर दाखिल याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई की थी। बेंच ने कहा था, हम इस कानून के दायरे, उसकी शक्तियों और ढांचे को जांच रहे हैं। ऐसे में यही उचित होगा कि बाकी सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें। सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- हमारे सामने 2 मामले हैं, मथुरा की शाही ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद। तभी अदालत को बताया गया कि देश में ऐसे 18 से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें से 10 मस्जिदों से जुड़े हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिकाओं पर 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा। सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- जब तक केंद्र जवाब नहीं दाखिल करता है हम सुनवाई नहीं कर सकते। हमारे अगले आदेश तक ऐसा कोई नया केस दाखिल ना किया जाए।

'इंडियन स्टेट' वाले बयान पर घिरे राहुल गांधी, बीजेपी बोली- कांग्रेस का सच उजागर किया
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राहुल गांधी ने बुधवार को बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी सीधा हमला बोला। इस दौरान बीजेपी और आरएसएस पर बोलेते बोलते लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा बयान दे दिया की उसपर हल्ला मच गया है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी-आरएसएस के साथ इंडियन स्टेट के साथ भी है। कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कांग्रेस सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने ही पार्टी का घिनौना सच उजाकर कर दिया है। ये बयान सीधे तौर पर "जॉर्ज सोरोस की प्लेबुक" से निकला था।

राहुल गांधी का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट से घनिष्ठ संबंध-नड्डा
जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस का घिनौनी सच किसी से छिपा नहीं है। अब उनके अपने नेता ने ही इसका पर्दाफाश कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने वह बात साफ-साफ कही जो देश जानता है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट के साथ घनिष्ठ संबंध है। जो भारत को बदनाम करना चाहते हैं। उनके बार-बार के कार्यों ने भी इस विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने वाला है।

जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित- शहजाद पूनावाला
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान महज संयोग नहीं है बल्कि जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित है। आज कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और पीएम मोदी का विरोध करते-करते वे देश का विरोध करने लगे हैं। वे भारत और भारतीय राज्यों के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह संयोग नहीं बल्कि एक सोचा-समझा प्रयोग है। यह एक उद्योग बन गया है, जिसे सोरोस (जॉर्ज सोरोस) प्रायोजित करते हैं। राहुल गांधी 'भारत तोड़ो' के एजेंडे पर चलते हैं।

क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी कांग्रेस के नए ऑफिस के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे। पार्टी का ऑफिस 24 अकबर रोड से अब 9 कोटला मार्ग पर शिफ्ट हो गया है। इस दौरान राहुल गांधी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत का बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली। उन्होंने कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते।

राहुल मोहन भागवत के इसी बयान पर बोल रहे थे, इसी दौरान उन्होंने इंडियन स्टेट का भी जिक्र कर दिया। राहुल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम बीजेपी या आरएसएस नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाएंगे कि क्या हो रहा है। बीजेपी और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम बीजेपी, आरएसएस और स्वयं इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।
दिल्‍ली के दंगल में राहुल गांधी की एंट्री, सीलमपुर से आज फूंकेंगे चुनावी बिगुल

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दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने लकी कोशिश में है। कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कश्मकश में उलझी हुई है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी अबतक दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में सुस्‍त नजर आ रही थी। हालांकि आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उत्‍तरी-पूर्वी दिल्‍ली के सीलमपुर इलाके में बड़ी रैली करने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की दिल्ली में पहली जनसभा उस क्षेत्र में रखी गई है, जहां पर कांग्रेस के वोट बैंक का अपना सियासी आधार है और चुनावी मुकाबला सीधे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से है। ऐसे में दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि राहुल गांधी अपनी पहली जनसभा में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी 10 साल के शासन की विफलताओं को लेकर आक्रामक रुख अपनाएंगे।

राहुल गांधी के प्रचार अभियान की रणनीति और भागीदारी की इसमें सबसे निर्णायक भूमिका रहेगी, क्योंकि पार्टी के राजनीतिक फैसलों में उनकी राय ही अंतिम मानी जाती है। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में भले बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन सत्ता पर केजरीवाल की पार्टी का कब्जा है। इसीलिए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों का दावा है कि राहुल गांधी न केवल बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी के दस साल की विफलताओं पर हमला करने में कोई रियायत नहीं बरतेंगे।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के अब तक के आक्रामक तेवरों को पार्टी नेतृत्व ने अगले पायदान पर ले जाने का जज्बा दिखाया तो यह चुनाव बेहद रोचक मोड़ ले सकता है। दिल्ली के चुनावी मुकाबले में प्रासंगिक बने रहने के साथ ही कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं के मद्देनजर राहुल गांधी की सीलमपुर में सोमवार को हो रही पहली जनसभा बेहद महत्वपूर्ण है।

दिल्ली में पोस्टर वॉरःशाह-ओवैसी-माकन समेत अन्य नेताओं की तस्वीरें शेयर कर बताया निकम्मा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। इस बीच आम आदमी पार्टी द्वारा एक पोस्टर सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी किया गया है। इस पोस्टर में अरविंद केजरीवाल ने विरोधी पार्टियों के नेताओं की तस्वीर को लगाते हुए उन्हें निकम्मा बताया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर तेज होता जा रहा है।अब आम आदमी पार्टी ने अपने नए पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। आप ने पोस्टर में इन सभी पार्टियों को एक साथ दिखाया है। आप ने पोस्टर में अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, संदीप दीक्षित, अजय माकन को एक साथ दिखाया है। वहीं, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल है। पोस्टर में लिखा, 'एक तरफ निकम्मों की कतार, दूसरी ओर अकेला खड़ा ईमानदार।

इस तस्वीर पर एआईएमआईएम दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जमई ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। शोएब जमई ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'निकम्मों की कतार कौन है मैं बताता हूं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन ये सब तिहाड़ जेल की खिचड़ी खाकर आए हैं। किसी क्रांतिकारी काम के लिए ये अंदर नहीं गए। बल्कि भ्रष्टाचार, शराबखाने खोलने और करोड़ों रुपये डकारने के आरोप में अंदर गए। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी हैं, जिन्होंने हैदराबाद में विकास कार्य किए। उनके उपर कौन से भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ भी नहीं। कौन है निकम्मा, किसकी है निकम्मों की कतार। निकम्मों की कतार में आम आदमी पार्टी के आधे नेता तो लाइन में लगे हैं।

एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा, 'तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली का यह हाल है कि दिल्ली गैस चेंबर बन गया। अरविंद केजरीवाल तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली की बेटियां सुरक्षित नहीं है। आपके निकम्मेपन की वजह से दिल्ली के अंदर सड़के टूटी पड़ी हैं और अवसंरचना खत्म हो गया है। आपके निकम्मेपन की वजह से मुसलमान बस्तियों में गंदगी का ढेर पड़ा है। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से वक्फ बोर्ड की जमीनें दिल्ली के अंदर लूट ली गई। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से शाही ईदगाह की जमीनों को लूट ली गई। असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बोलने से पहले जुबान संभाल के रखिएगा। हैदराबाद जाकर देख लीजिए कि वहां कितना काम किया जाता है। इसलिए तुलना बिल्कुल भी नहीं हो सकता। जनता इस बार अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन का जवाब दिल्ली की जनता देगी।'

पीएम मोदी के पॉडकास्ट पर कांग्रेस का तंज, जयराम रमेश ने कहा-8 महीने पहले खुद को बताया था नॉन बायोलॉजिकल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपना पॉडकास्ट डेब्यू किया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया है। अपने पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने निखिल कामथ के कई सवालों का जवाब दिया है। प्रधानमंत्री के इस पॉडकास्ट पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए इसे 'डैमेज कंट्रोल' बताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर प्रधानमंत्री की इस बातचीत को लेकर निशाना साधा है।

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया था जिसमें मैंने कहा था, मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और अपने लिए मैं कुछ नहीं करूंगा और मैं इंसान हूं जो गलतियां कर सकता हूं, लेकिन मैं बुरे इरादों से कभी कुछ गलत नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है। हर कोई गलती करता है, जिसमें मैं भी शामिल हूं। आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रिएक्शन दिया है। राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'यह उसी व्यक्ति का बयान है जिसने 8 महीने पहले अपना 'नॉन-बायोलॉजिकल' स्टेटस घोषित किया था। यह स्पष्ट रूप से डैमेज कंट्रोल है।

बता दें कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें महसूस होता है कि वह जैविक नहीं बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए हैं। उनकी यह टिप्पणी सुर्खियों में रही। इस टिप्पणी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने कई बार कोट किया और उनका मजाक भी उड़ाया। कांग्रेस ने उन्हें “गैर जैविक” और “दिव्य” कहा।