/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:congress
अपने बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा…”रूस-यूक्रेन जंग पर 3 साल बाद शशि थरूर को हुआ गलती का एहसास

#congressleadershashitharooradmitshismistake

कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीते कुछ समय से बदले-बदले नजर आ रहे हैं। बीते कुछ महीनों में शशि थरूर ने ऐसे कई बयान दिए हैं जो पार्टी लाइन से हटकर हैं। एक बार फिर शशि थरूर ने अपने बयान से चौंकाया है। दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था। अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है।

पीएम मोदी को लेकर क्या बोले थरूर?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा- आज की स्थिति को देखते हुए वे तीन साल पहले अपने दिए बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। 2022 में संसदीय बहस में मैं इकलौता सांसद था, जिसने यूक्रेन को लेकर भारत के रुख की आलोचना की थी।

शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है-थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था वो सही नहीं था। रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है। उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है।

शांति स्थापित करने में निभा सकते हैं भूमिका

थरूर ने आगे कहा,भारत दुनिया में अपनी खास स्थिति को देखते हुए शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होता है, तो भारत शांति सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर तब, जब रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था। जंग अब भी जारी है। जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे। तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। शशि थरूर ने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा।

जीएसटी पर गरमाई राजनीति, पॉपकॉर्न के बाद डोनट्स को लेकर कांग्रेस के निशाने पर सरकार

#jairamrameshcongressslamsgovtongst_policy

केंद्र सरकार की जीएसटी को लेकर कांग्रेस के निशाने पर है। कांग्रेस ने शनिवार को जीएसटी की अलग-अलग दरें लागू करने को लेकर केन्द्र पर एक बार फिर से तीखा प्रहार किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार (15 मार्च) को कहा कि पॉपकॉर्न के बाद अब ‘डोनट’ पर भी जीएसटी का असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश को अब ‘जीएसटी 2.0’ की जरूरत है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि सिंगापुर स्थित चेन मैड ओवर डोनट्स को अपने व्यवसाय को कथित रूप से गलत तरीके से वर्गीकृत करने और 5 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए 100 करोड़ रुपये का कर नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने दावा किया कि यह एक रेस्टोरेंट सेवा है, जबकि बेकरी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत कर का भुगतान किया जा रहा है। इस वजह से कंपनी पर भारी टैक्स बकाया हो गया। अब ये मामला मुंबई हाई कोर्ट में पहुंच चुका है जहां इस पर कानूनी लड़ाई जारी है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत यही- जयराम रमेश

जयराम रमेश ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये पूरा मामला बताता है कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की असलियत क्या है। सरकार इस नारे का इस्तेमाल तो करती है, लेकिन हकीकत में व्यापारियों को बेवजह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रमेश ने कहा कि टैक्स प्रणाली में कई विसंगतियां हैं और इसलिए अब जीएसटी 2.0 की जरूरत महसूस हो रही है ताकि सभी व्यापारियों को समान अवसर और राहत मिल सके।

जीएसटी को लेकर पहले भी सवाल उठा चुकी कांग्रेस

पिछले साल दिसंबर में, कांग्रेस ने कहा था कि जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब की "बेतुकी" व्यवस्था केवल सिस्टम की बढ़ती जटिलता को उजागर करती है और पूछा कि क्या मोदी सरकार जीएसटी 2.0 को लागू करने के लिए पूरी तरह से बदलाव करने का साहस दिखाएगी।

हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, और मजबूत हुआ भाजपा का गढ़, क्यों छूट रहा “हाथ” का साथ

#haryananagarnigamchunav2025congressdefeatbigreason

हरियाणा के निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। 10 नगर निगमों में से कांग्रेस एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी ने 10 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया है. कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकामयाब रही।

हरियान में मिली इस बड़ी शिकस्त के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी पहले भी जीत चुकी है। इसमें नया क्या है? हमने कभी नहीं कहा कि हमने ये चुनाव गंभीरता से लड़ा। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी मैंने कभी पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लिया। इन चुनावों में सिर्फ भाईचारा काम करता है। अगर हमारे पास (स्थानीय निकायों में) एक सीट होती और हम हार जाते तो नतीजा हमारे लिए नुकसानदेह होता। इन चुनावों में ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होते हैं।साथ ही हुड्डा ने कहा कि इन चुनाव नतीजों से कांग्रेस विधायक दल नेता के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भी हार मिली है।

सूबे के विधानसभा चुनाव में करारी मात खाने के साढ़े पांच महीने बाद निकाय चुनाव में भी कांग्रेस जीरो पर सिमट गई है जबकि बीजेपी ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने में सफल रही। सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त देकर नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका में ‘कमल’ खिलाने में कामयाब रही। वहीं, कांग्रेस के हाथ खाली रहे।

हरियाणा निकाय चुनाव में शहरी मतदाताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा उनकी सबसे पसंदीदा पार्टी है। इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले रोहतक और सोनीपत नगर निगम के मेयर पद पर भी हुड्डा गुट जीत हासिल नहीं कर सका। बिना संगठन के चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस का निगम चुनाव में इस बार सूपड़ा ही साफ हो गया। लचर प्रबंधन के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस कहीं भी एकजुट नजर नहीं आई। कांग्रेस का प्रचार भी बेहद कमजोर रहा।

कांग्रेस की हार के ये हैं बड़े कारणः-

• इस हार की सबसे बड़ी वजह राज्य में कांग्रेस का संगठन न होना माना जा रहा है। हाईकमान भी अभी तक संगठन बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है।

• हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पूरी तरह से हावी है। एक ही पार्टी के नेता एक-दूसरे के उम्मीदवारों को हराने में जुटे थे। इस निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।

• पिछले एक साल से हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इसी में उलझा हुआ है।

• हरियाणा निकाय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार तो किया, लेकिन चुनाव प्रचार में वो धार नहीं दिखी, जो कांग्रेस को अपने कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाने में दिखाना चाहिए था।

• हरियाणा निकाय चुनाव में टिकटों के गलत वितरण का भी आरोप लगा है, जिससे कांग्रेसियों में नाराजगी नजर आई और हार का कारण भी बना।

अपने ही लोगों पर भड़के राहुल गांधी, बोले- कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं, बब्बर शेर लेकिन चेन से बंधे

#rahulgandhigetangryatcongressleaders

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों गर्त में गिरती जा रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया है। पार्टी के गिरते परफॉर्मेंस के बीच राहुल गांधी गुजरात में हैं। गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इससे पहले राहुल गांधी ने राज्य पर अपना फोकस लगाया है। राहुल दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। आज दूसरा दिन है। राहुल गांधी ने आज अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों लगे पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया। राहुल ने कई चौंकाने वाली टिप्पणियां कीं और अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया।

कांग्रेस के आधे नेता बीजेपी से मिले-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अहमदाबाद के जेड हॉल में प्रदेश के करीब 2 हजार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान तेवर दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस की लीडरशीप में दो तरह के लोग हैं। उनमें बंटवारा है। एक हैं जो जनता के साथ खड़े हैं उनके लिए लड़ते हैं, उनकी इज्जत करते हैं जिनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। दूसरे हैं, जो जनता से कटा हुआ है दूर बैठता है और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं।राहुल ने आगे कहा, मेरी जिम्मेदारी है कि जो ये दो ग्रुप हैं इनको छांटना है।

कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है-राहुल गांधी

कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है। बब्बर शेर हैं लेकिन पीछे से चेन लगी हुई है तो वे चेन से बंधे हैं। राहुर लांधी ने आगे कहा कि एक मेरी बैठक हो रही थी, जिसमें एक कार्यकर्ता ने कहा कि दो तरीके के घोड़े होते हैं, एक होता है रेस का और दूसरा होता है बारात का। कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है और रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है। अब गुजरात की जनता भी ये देख रही है कि रेस में बारात के घोड़े डाले हुए हैं।

लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पहला काम हमें ये करना है कि हमें पार्टी के भीतर जो गुटबाजी है, उसे अलग करना है और इसके लिए 20-30 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए। राहुल गांधी ने आगे कहा कि दिल में कांग्रेस होनी चाहिए। हाथ कटे तो खून कांग्रेस का निकलना चाहिए। मुझे गुजरात के चुनाव के बारे में बात नहीं करनी है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा गुजरात की विचार धारा हैं, जो गांधी ने सिखाया पटेल ने सिखाया है। नेताओं को जनता से जुड़ने की जरूरत है। हमने भारत जोड़ो यात्रा में ये कर दिखाया है। हमारे नेताओं को जनता के पास जाने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता की रोहित शर्मा पर ये कैसी टिप्पणी? बीजेपी बोली-चैंपियन का अपमान

#congress_leader_shama_mohammad_shames_rohit_sharma

कांग्रेस की एक नेता ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ऐसा बयान दिया है कि बवाल मच गया है। कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रोहित शर्मा के वजन को लेकर टिप्पणी की है। हालांकि, शमा मोहम्मद का ये बयान उन्ही पर भारी पड़ता दिख रहा है।बीजेपी ने कांग्रेस नेता को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा ने इसे एख चैंपियन (रोहित) का अपमान बताया है।

चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की शानदार जीत के बाद कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- एक खिलाड़ी के तौर पर रोहित शर्मा मोटे हैं, उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए। शमा मोहम्मद ने यह भी कहा कि रोहित भारत के सबसे निराश करने वाले कप्तान हैं।

कांग्रेस नेता यही नहीं मानी, उन्होंने रोहित शर्मा को एक औसत दर्जे का कप्तान बताया और कहा कि वे सिर्फ भाग्यशाली हैं कि वे भारतीय टीम के कप्तान हैं।

कांग्रेस की प्रवक्ता के बयान देने के बाद पार्टी ने खुद शमा मोहम्मद के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी पर जो टिप्पणियां की पार्टी के आधिकारिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

उन्हें एक्स से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है और भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों के योगदान को सर्वोच्च सम्मान देती है और उनकी विरासत को कम आंकने वाले किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती है।

कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तंज कसते हुए लिखा कि कांग्रेस अब चाहती है कि राहुल गांधी क्रिकेट खेलें। प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। अब वे भारतीय क्रिकेट टीम पर निशाना साध रहे हैं। क्या वे चाहते हैं कि राजनीति में असफल रहने के बाद अब राहुल गांधी क्रिकेट खेलें!'

क्या कांग्रेस में नजर चल रहे हैं शशि थरूर? कहीं बढ़ा ने दें पार्टी की मुश्किलें

#shashi_tharoor_disappointed_over_role_in_congress

कांग्रेस मुश्किलों के दौरा से गुजर रही है। कभी देश की सियासत का सबसे मजबूत स्तम्भ रही कांग्रेस आज अपना जनाधार खोते-खोते बेहद कमजोर हो गई है। पिछले कुछ सालों से कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा, "कांग्रेस में मेरा क्या रोल है।"

शशि थरूर की ओर से किए गे इस सवाल के बाद सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। असल में कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी से दूरी बना रहे हैं या अपनी भूमिका को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल से उनकी मुलाकात भी हुई है।

शशि थरूर ने 18 फरवरी को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता और पार्टी में उन्हें इग्नोर किया जा रहा है। थरूर ने कहा कि वह पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी उन्हें उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने थरूर की शिकायतों का कोई खास जवाब नहीं दिया और न ही उनकी कोई गंभीर समस्याओं को सुलझाया। थरूर को यह महसूस हुआ कि राहुल गांधी इस मामले में कोई भी खास वादा करने को तैयार नहीं थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी कि केरल के कांग्रेस नेताओं में थरूर के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान भी अब थरूर के प्रति नरमी नहीं दिखाना चाहता।

दरअसल, शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर पार्टी के अंदर विवाद खड़ा कर दिया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल की वामपंथी विजयन सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की तारीफ की थी। इतना ही नहीं उन्होंने केरल में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। शशि थरूर के बयान से कांग्रेस कश्मकश में पड़ गई थी। इसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई के मुखपत्र ने शशि थरूर को नसीहत देते हुए लेख छापा था। मुखपत्र वीक्षणम डेली के द्वारा लिखा गया था कि थरूर को स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीद को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न दें।

थरूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा तो जवाब में थरूर ने कहा कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास भी विकल्प मौजूद है।

इंदिरा गांधी पर राजस्थान में “रार”, सदन में रातभर डटे कांग्रेसी, गद्दे-तकिए लगाकर भजन गाए

#rajasthan_assembly_congress_mlas_stage_sit_in_against_suspension

राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सदन में राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। जिसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 विपक्षी विधायकों को विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। दूसरी ओर निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए। विधायकों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने पूरी रात राजस्थान विधानसभा में बिताई। कंबल, गद्दे, चादर और तकिए के साथ उन्होंने विधानसभा को ही घर बना लिया।

विधानसभा में अपने 6 साथियों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायक रात भर से सदन में धरने पर हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित, विधायक जाकिर हुसैन गेसावत, संजय जाटव, रामकेश मीणा, अमीन कागजी और हाकम अली खान को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव पास होने के साथ ही शुक्रवार शाम 4 बजकर 2 मिनट पर सदन की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी, इसके बाद से कांग्रेस विधायक सदन में ही रहे।

निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन और बढ़ गया। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायक सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए। शाम को सरकार के साथ चर्चा का दौर चला, पर नतीजा सिफर रहा। कांग्रेस विधायकों ने धरना जारी रखा और सदन के भीतर ही रात में डेरा डाल दिया। कांग्रेस विधायकों के लिए गद्दे, कंबल और तकिए मंगाए गए। उनके लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था हुई। विधानसभा में ये कांग्रेस विधायक कभी एक जगह भजन-कीर्तन करते नजर आए तो कभी अलग-अलग सोते। आज भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

दरअसल, राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में एक ‘अनुचित’ शब्द का इस्तेमाल किया। गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, 2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था। इससे काग्रेस विधायक भड़क गए। कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। बात इतने पर ही खत्म नहीं हुई। कांग्रेस विधायकों पर सदन में कथित अशोभनीय व निंदनीय आचरण करने का आरोप लगा। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के छह विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

दिल्ली हार के बाद पंजाब के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, सबसे पुरानी पार्टी नए चेहरों पर लगाएगी दांव

#punjab_congress_will_bet_on_60_70_new_faces

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लगातार अपना आधार खोती जा रही है। हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रदर्शन से साफ जाहिर हुआ कि कांग्रेस का पुनरुत्थान इस बार भी नहीं हुआ। कांग्रेस के लिए दिल्ली में लगातार तीसरी बार कुछ भी हाथ नहीं लगा है। दरअसल, कांग्रेस के लिए ये नया नहीं है। पिछले कई चुनावों से लगातार कांग्रेस हार का सामना कर रही है। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को पार्टी को चुनावों में मिली करारी हार के बाद 13 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में नए महासचिवों और प्रभारियों की नियुक्ति करके संगठनात्मक फेरबदल किया। पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के कई सहयोगियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की नई टीम में जगह मिली है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का नया महासचिव नियुक्त किया गया है, जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद अब पंजाब के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। 2027 में होने वाले पंजाब चुनाव को लेकर अब खबर यह आ रही है कि पार्टी राज्य की 117 सीटों में से 60-70 पर नए चेहरों को आजमाएगी।कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने गुरुवार को कहा कि राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी कम से कम 60-70 नये चेहरों पर दांव लगाएगी।

वडिंग ने पंजाब युवा कांग्रेस की राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, पंजाब कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में विधायक के तौर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए कम से कम 60-70 नये चेहरों को मौका देने के लिए दृढ़ है। यह हमारे राजनीतिक नेतृत्व को पुनर्जीवित करने और यह यकीनी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

वडिंग ने आगे कहा कि पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व ऐसे नेताओं के ज़रिए किया जाए जो गतिशील, प्रतिबद्ध और राज्य की जरूरतों के मुताबिक हों। उन्होंने कहा,'ये नये चेहरे न सिर्फ बदलाव के प्रतीक होंगे बल्कि युवाओं और पंजाब के आम लोगों के विश्वास, उम्मीदों पर भी खरे उतरेंगे।

कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को बताया 'जॉर्ज सोरोस एजेंट', बीजेपी ने यूं दिया जवाब

#congress_cornered_smriti_irani_on_usaid

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) ने शनिवार को ये फैसला लिया। यूएस के इस फैसले के बाद भारत में सियासी रार मचा है। आरोप-प्कत्यारोप का दौरा जारी है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे तथा कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने देश में 'यूएसएड परियोजनाओं' को बढ़ावा देने के लिए स्मृति ईरानी की आलोचना की। उन्होंने स्मृति ईरानी पर ''जार्ज सोरोस के असली एजेंट'' होने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि स्मृति ईरानी ने भारत में यूएसएड सद्भावना राजदूत के रूप में काम किया है। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए जार्ज सोरोस को बदनाम करने का भी आरोप लगाया।

कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्मृति ईरानी की जीवनी में बताया गया है कि उन्होंने भारत में यूएसऐड की 'गुडविल एम्बेसडर' के रूप में काम किया है। क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा नेता जॉर्ज सोरोस के असली एजेंट हैं?' कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने खरगे की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह कमाल है। हमें आखिरकार भाजपा के पसंदीदा सवाल का जवाब मिल गया है - रसोई में कौन था? जॉर्ज सोरोस का असली एजेंट स्मृति ईरानी निकलीं।'

कांग्रेस के इन आरोपों का बीजेपी ने जोरदार खंडन किया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्मृति ईरानी को 2002 से 2005 तक ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ORS) का गुडविल ब्रैंड एम्बेसडर नियुक्त किया था। उस समय, वह टेलीविजन धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की अपार लोकप्रियता के कारण घर-घर में जानी जाती थीं। उन्होंने कहा, 'स्मृति ईरानी वाले डब्ल्यूएचओ के अभियान का दिल्ली परिवहन निगम ने समर्थन किया था, जिसने अपनी बसों पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने की अनुमति दी थी। उस समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं और पवन खेड़ा उनके निजी सहायक के रूप में काम करते थे। खेड़ा तब दीक्षित की चप्पल और सूटकेस ले जाने जैसे छोटे-मोटे काम करते थे। इस अभियान जैसे वास्तविक महत्व के मामले उस समय शायद उनके वेतन से ऊपर थे।'

आईआईएम इंदौर की डब्ल्यूएचओ कार्यक्रम की सफलता का दस्तावेजीकरण करने वाली एक कथित रिपोर्ट का एक अंश साझा करते हुए मालवीय ने कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, "क्या मुझे यह भी बताने की ज़रूरत है कि 2004 और 2005 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी?" खेरा की आलोचना करते हुए मालवीय ने कहा, "ऐसा तब होता है जब कोई उपलब्धि न रखने वाले लोग महत्वहीन संगठनों में कथित प्रासंगिकता के पदों पर खुद को पाते हैं।" उन्होंने कहा, "इसके अलावा, कांग्रेस को स्मृति ईरानी पर जुनूनी होना बंद कर देना चाहिए । यह तथ्य कि उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हराया, उनकी यादों में एक स्थायी दुःस्वप्न बना रहेगा।"

ज्ञानेश कुमार के सीईसी बनने पर कांग्रेस क्यों नाराज? राहुल गांधी ने उठाए सवाल

#congress_raised_questions_on_appoint_cec

ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली समिति की बैठक में सोमवार को यह फैसला किया गया। ज्ञानेश कुमार बुधवार यानी 19 फरवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदार संभालेंगे। दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले नए नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पहले इसकी घोषणा की गई है। जिसको लेकर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बैठक बुलाने में मोदी सरकार द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं।

सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का फैसला पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की तीन सदस्यीय कमेटी ने किया। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त का 2:1 के बहुमत से चयन हुआ है। राहुल गांधी ने नियुक्ति पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं किया जाता तब तक सीईसी की नियुक्ति को स्थगित करना चाहिए।

दरअसल नए कानून के तहत अब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नहीं होंगे। पहले इसमें सीजेआई भी शामिल होते थे। पिछले साल ही केंद्र सरकार की ओर से इस कानून में बदलाव किया गया था। कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने इसपर आपत्ति जताई थी और सुप्रीम कोर्ट का द्वार खटखटाया था। मामला अबतक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में राहुल गांधी इसी फैसले का इंतजार करने के लिए कह रहे थे।

कांग्रेस का कहना है कि सरकार को 19 फरवरी 2025 तक का इंतजार करना चाहिए था। 19 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। इसको लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार ने जल्दबाजी में आधी रात को नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। यह हमारे संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में दोहराया है कि चुनाव की प्रक्रिया की पवित्रता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए।

अपने बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा…”रूस-यूक्रेन जंग पर 3 साल बाद शशि थरूर को हुआ गलती का एहसास

#congressleadershashitharooradmitshismistake

कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीते कुछ समय से बदले-बदले नजर आ रहे हैं। बीते कुछ महीनों में शशि थरूर ने ऐसे कई बयान दिए हैं जो पार्टी लाइन से हटकर हैं। एक बार फिर शशि थरूर ने अपने बयान से चौंकाया है। दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था। अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है।

पीएम मोदी को लेकर क्या बोले थरूर?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा- आज की स्थिति को देखते हुए वे तीन साल पहले अपने दिए बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। 2022 में संसदीय बहस में मैं इकलौता सांसद था, जिसने यूक्रेन को लेकर भारत के रुख की आलोचना की थी।

शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है-थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था वो सही नहीं था। रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है। उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है।

शांति स्थापित करने में निभा सकते हैं भूमिका

थरूर ने आगे कहा,भारत दुनिया में अपनी खास स्थिति को देखते हुए शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होता है, तो भारत शांति सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर तब, जब रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था। जंग अब भी जारी है। जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे। तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। शशि थरूर ने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा।

जीएसटी पर गरमाई राजनीति, पॉपकॉर्न के बाद डोनट्स को लेकर कांग्रेस के निशाने पर सरकार

#jairamrameshcongressslamsgovtongst_policy

केंद्र सरकार की जीएसटी को लेकर कांग्रेस के निशाने पर है। कांग्रेस ने शनिवार को जीएसटी की अलग-अलग दरें लागू करने को लेकर केन्द्र पर एक बार फिर से तीखा प्रहार किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार (15 मार्च) को कहा कि पॉपकॉर्न के बाद अब ‘डोनट’ पर भी जीएसटी का असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश को अब ‘जीएसटी 2.0’ की जरूरत है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि सिंगापुर स्थित चेन मैड ओवर डोनट्स को अपने व्यवसाय को कथित रूप से गलत तरीके से वर्गीकृत करने और 5 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए 100 करोड़ रुपये का कर नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने दावा किया कि यह एक रेस्टोरेंट सेवा है, जबकि बेकरी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत कर का भुगतान किया जा रहा है। इस वजह से कंपनी पर भारी टैक्स बकाया हो गया। अब ये मामला मुंबई हाई कोर्ट में पहुंच चुका है जहां इस पर कानूनी लड़ाई जारी है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत यही- जयराम रमेश

जयराम रमेश ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये पूरा मामला बताता है कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की असलियत क्या है। सरकार इस नारे का इस्तेमाल तो करती है, लेकिन हकीकत में व्यापारियों को बेवजह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रमेश ने कहा कि टैक्स प्रणाली में कई विसंगतियां हैं और इसलिए अब जीएसटी 2.0 की जरूरत महसूस हो रही है ताकि सभी व्यापारियों को समान अवसर और राहत मिल सके।

जीएसटी को लेकर पहले भी सवाल उठा चुकी कांग्रेस

पिछले साल दिसंबर में, कांग्रेस ने कहा था कि जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब की "बेतुकी" व्यवस्था केवल सिस्टम की बढ़ती जटिलता को उजागर करती है और पूछा कि क्या मोदी सरकार जीएसटी 2.0 को लागू करने के लिए पूरी तरह से बदलाव करने का साहस दिखाएगी।

हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, और मजबूत हुआ भाजपा का गढ़, क्यों छूट रहा “हाथ” का साथ

#haryananagarnigamchunav2025congressdefeatbigreason

हरियाणा के निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। 10 नगर निगमों में से कांग्रेस एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी ने 10 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया है. कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकामयाब रही।

हरियान में मिली इस बड़ी शिकस्त के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी पहले भी जीत चुकी है। इसमें नया क्या है? हमने कभी नहीं कहा कि हमने ये चुनाव गंभीरता से लड़ा। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी मैंने कभी पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लिया। इन चुनावों में सिर्फ भाईचारा काम करता है। अगर हमारे पास (स्थानीय निकायों में) एक सीट होती और हम हार जाते तो नतीजा हमारे लिए नुकसानदेह होता। इन चुनावों में ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होते हैं।साथ ही हुड्डा ने कहा कि इन चुनाव नतीजों से कांग्रेस विधायक दल नेता के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भी हार मिली है।

सूबे के विधानसभा चुनाव में करारी मात खाने के साढ़े पांच महीने बाद निकाय चुनाव में भी कांग्रेस जीरो पर सिमट गई है जबकि बीजेपी ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने में सफल रही। सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त देकर नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका में ‘कमल’ खिलाने में कामयाब रही। वहीं, कांग्रेस के हाथ खाली रहे।

हरियाणा निकाय चुनाव में शहरी मतदाताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा उनकी सबसे पसंदीदा पार्टी है। इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले रोहतक और सोनीपत नगर निगम के मेयर पद पर भी हुड्डा गुट जीत हासिल नहीं कर सका। बिना संगठन के चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस का निगम चुनाव में इस बार सूपड़ा ही साफ हो गया। लचर प्रबंधन के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस कहीं भी एकजुट नजर नहीं आई। कांग्रेस का प्रचार भी बेहद कमजोर रहा।

कांग्रेस की हार के ये हैं बड़े कारणः-

• इस हार की सबसे बड़ी वजह राज्य में कांग्रेस का संगठन न होना माना जा रहा है। हाईकमान भी अभी तक संगठन बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है।

• हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पूरी तरह से हावी है। एक ही पार्टी के नेता एक-दूसरे के उम्मीदवारों को हराने में जुटे थे। इस निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।

• पिछले एक साल से हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इसी में उलझा हुआ है।

• हरियाणा निकाय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार तो किया, लेकिन चुनाव प्रचार में वो धार नहीं दिखी, जो कांग्रेस को अपने कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाने में दिखाना चाहिए था।

• हरियाणा निकाय चुनाव में टिकटों के गलत वितरण का भी आरोप लगा है, जिससे कांग्रेसियों में नाराजगी नजर आई और हार का कारण भी बना।

अपने ही लोगों पर भड़के राहुल गांधी, बोले- कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं, बब्बर शेर लेकिन चेन से बंधे

#rahulgandhigetangryatcongressleaders

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों गर्त में गिरती जा रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया है। पार्टी के गिरते परफॉर्मेंस के बीच राहुल गांधी गुजरात में हैं। गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इससे पहले राहुल गांधी ने राज्य पर अपना फोकस लगाया है। राहुल दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। आज दूसरा दिन है। राहुल गांधी ने आज अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों लगे पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया। राहुल ने कई चौंकाने वाली टिप्पणियां कीं और अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया।

कांग्रेस के आधे नेता बीजेपी से मिले-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अहमदाबाद के जेड हॉल में प्रदेश के करीब 2 हजार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान तेवर दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस की लीडरशीप में दो तरह के लोग हैं। उनमें बंटवारा है। एक हैं जो जनता के साथ खड़े हैं उनके लिए लड़ते हैं, उनकी इज्जत करते हैं जिनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। दूसरे हैं, जो जनता से कटा हुआ है दूर बैठता है और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं।राहुल ने आगे कहा, मेरी जिम्मेदारी है कि जो ये दो ग्रुप हैं इनको छांटना है।

कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है-राहुल गांधी

कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है। बब्बर शेर हैं लेकिन पीछे से चेन लगी हुई है तो वे चेन से बंधे हैं। राहुर लांधी ने आगे कहा कि एक मेरी बैठक हो रही थी, जिसमें एक कार्यकर्ता ने कहा कि दो तरीके के घोड़े होते हैं, एक होता है रेस का और दूसरा होता है बारात का। कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है और रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है। अब गुजरात की जनता भी ये देख रही है कि रेस में बारात के घोड़े डाले हुए हैं।

लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पहला काम हमें ये करना है कि हमें पार्टी के भीतर जो गुटबाजी है, उसे अलग करना है और इसके लिए 20-30 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए। राहुल गांधी ने आगे कहा कि दिल में कांग्रेस होनी चाहिए। हाथ कटे तो खून कांग्रेस का निकलना चाहिए। मुझे गुजरात के चुनाव के बारे में बात नहीं करनी है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा गुजरात की विचार धारा हैं, जो गांधी ने सिखाया पटेल ने सिखाया है। नेताओं को जनता से जुड़ने की जरूरत है। हमने भारत जोड़ो यात्रा में ये कर दिखाया है। हमारे नेताओं को जनता के पास जाने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता की रोहित शर्मा पर ये कैसी टिप्पणी? बीजेपी बोली-चैंपियन का अपमान

#congress_leader_shama_mohammad_shames_rohit_sharma

कांग्रेस की एक नेता ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ऐसा बयान दिया है कि बवाल मच गया है। कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रोहित शर्मा के वजन को लेकर टिप्पणी की है। हालांकि, शमा मोहम्मद का ये बयान उन्ही पर भारी पड़ता दिख रहा है।बीजेपी ने कांग्रेस नेता को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा ने इसे एख चैंपियन (रोहित) का अपमान बताया है।

चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की शानदार जीत के बाद कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- एक खिलाड़ी के तौर पर रोहित शर्मा मोटे हैं, उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए। शमा मोहम्मद ने यह भी कहा कि रोहित भारत के सबसे निराश करने वाले कप्तान हैं।

कांग्रेस नेता यही नहीं मानी, उन्होंने रोहित शर्मा को एक औसत दर्जे का कप्तान बताया और कहा कि वे सिर्फ भाग्यशाली हैं कि वे भारतीय टीम के कप्तान हैं।

कांग्रेस की प्रवक्ता के बयान देने के बाद पार्टी ने खुद शमा मोहम्मद के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी पर जो टिप्पणियां की पार्टी के आधिकारिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

उन्हें एक्स से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है और भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों के योगदान को सर्वोच्च सम्मान देती है और उनकी विरासत को कम आंकने वाले किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती है।

कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तंज कसते हुए लिखा कि कांग्रेस अब चाहती है कि राहुल गांधी क्रिकेट खेलें। प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। अब वे भारतीय क्रिकेट टीम पर निशाना साध रहे हैं। क्या वे चाहते हैं कि राजनीति में असफल रहने के बाद अब राहुल गांधी क्रिकेट खेलें!'

क्या कांग्रेस में नजर चल रहे हैं शशि थरूर? कहीं बढ़ा ने दें पार्टी की मुश्किलें

#shashi_tharoor_disappointed_over_role_in_congress

कांग्रेस मुश्किलों के दौरा से गुजर रही है। कभी देश की सियासत का सबसे मजबूत स्तम्भ रही कांग्रेस आज अपना जनाधार खोते-खोते बेहद कमजोर हो गई है। पिछले कुछ सालों से कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा, "कांग्रेस में मेरा क्या रोल है।"

शशि थरूर की ओर से किए गे इस सवाल के बाद सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। असल में कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी से दूरी बना रहे हैं या अपनी भूमिका को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल से उनकी मुलाकात भी हुई है।

शशि थरूर ने 18 फरवरी को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता और पार्टी में उन्हें इग्नोर किया जा रहा है। थरूर ने कहा कि वह पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी उन्हें उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने थरूर की शिकायतों का कोई खास जवाब नहीं दिया और न ही उनकी कोई गंभीर समस्याओं को सुलझाया। थरूर को यह महसूस हुआ कि राहुल गांधी इस मामले में कोई भी खास वादा करने को तैयार नहीं थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी कि केरल के कांग्रेस नेताओं में थरूर के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान भी अब थरूर के प्रति नरमी नहीं दिखाना चाहता।

दरअसल, शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर पार्टी के अंदर विवाद खड़ा कर दिया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल की वामपंथी विजयन सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की तारीफ की थी। इतना ही नहीं उन्होंने केरल में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। शशि थरूर के बयान से कांग्रेस कश्मकश में पड़ गई थी। इसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई के मुखपत्र ने शशि थरूर को नसीहत देते हुए लेख छापा था। मुखपत्र वीक्षणम डेली के द्वारा लिखा गया था कि थरूर को स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीद को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न दें।

थरूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा तो जवाब में थरूर ने कहा कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास भी विकल्प मौजूद है।

इंदिरा गांधी पर राजस्थान में “रार”, सदन में रातभर डटे कांग्रेसी, गद्दे-तकिए लगाकर भजन गाए

#rajasthan_assembly_congress_mlas_stage_sit_in_against_suspension

राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सदन में राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। जिसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 विपक्षी विधायकों को विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। दूसरी ओर निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए। विधायकों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने पूरी रात राजस्थान विधानसभा में बिताई। कंबल, गद्दे, चादर और तकिए के साथ उन्होंने विधानसभा को ही घर बना लिया।

विधानसभा में अपने 6 साथियों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायक रात भर से सदन में धरने पर हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित, विधायक जाकिर हुसैन गेसावत, संजय जाटव, रामकेश मीणा, अमीन कागजी और हाकम अली खान को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव पास होने के साथ ही शुक्रवार शाम 4 बजकर 2 मिनट पर सदन की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी, इसके बाद से कांग्रेस विधायक सदन में ही रहे।

निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन और बढ़ गया। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायक सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए। शाम को सरकार के साथ चर्चा का दौर चला, पर नतीजा सिफर रहा। कांग्रेस विधायकों ने धरना जारी रखा और सदन के भीतर ही रात में डेरा डाल दिया। कांग्रेस विधायकों के लिए गद्दे, कंबल और तकिए मंगाए गए। उनके लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था हुई। विधानसभा में ये कांग्रेस विधायक कभी एक जगह भजन-कीर्तन करते नजर आए तो कभी अलग-अलग सोते। आज भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

दरअसल, राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में एक ‘अनुचित’ शब्द का इस्तेमाल किया। गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, 2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था। इससे काग्रेस विधायक भड़क गए। कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। बात इतने पर ही खत्म नहीं हुई। कांग्रेस विधायकों पर सदन में कथित अशोभनीय व निंदनीय आचरण करने का आरोप लगा। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के छह विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

दिल्ली हार के बाद पंजाब के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, सबसे पुरानी पार्टी नए चेहरों पर लगाएगी दांव

#punjab_congress_will_bet_on_60_70_new_faces

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लगातार अपना आधार खोती जा रही है। हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रदर्शन से साफ जाहिर हुआ कि कांग्रेस का पुनरुत्थान इस बार भी नहीं हुआ। कांग्रेस के लिए दिल्ली में लगातार तीसरी बार कुछ भी हाथ नहीं लगा है। दरअसल, कांग्रेस के लिए ये नया नहीं है। पिछले कई चुनावों से लगातार कांग्रेस हार का सामना कर रही है। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को पार्टी को चुनावों में मिली करारी हार के बाद 13 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में नए महासचिवों और प्रभारियों की नियुक्ति करके संगठनात्मक फेरबदल किया। पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के कई सहयोगियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की नई टीम में जगह मिली है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का नया महासचिव नियुक्त किया गया है, जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद अब पंजाब के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। 2027 में होने वाले पंजाब चुनाव को लेकर अब खबर यह आ रही है कि पार्टी राज्य की 117 सीटों में से 60-70 पर नए चेहरों को आजमाएगी।कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने गुरुवार को कहा कि राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी कम से कम 60-70 नये चेहरों पर दांव लगाएगी।

वडिंग ने पंजाब युवा कांग्रेस की राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, पंजाब कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में विधायक के तौर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए कम से कम 60-70 नये चेहरों को मौका देने के लिए दृढ़ है। यह हमारे राजनीतिक नेतृत्व को पुनर्जीवित करने और यह यकीनी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

वडिंग ने आगे कहा कि पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व ऐसे नेताओं के ज़रिए किया जाए जो गतिशील, प्रतिबद्ध और राज्य की जरूरतों के मुताबिक हों। उन्होंने कहा,'ये नये चेहरे न सिर्फ बदलाव के प्रतीक होंगे बल्कि युवाओं और पंजाब के आम लोगों के विश्वास, उम्मीदों पर भी खरे उतरेंगे।

कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को बताया 'जॉर्ज सोरोस एजेंट', बीजेपी ने यूं दिया जवाब

#congress_cornered_smriti_irani_on_usaid

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) ने शनिवार को ये फैसला लिया। यूएस के इस फैसले के बाद भारत में सियासी रार मचा है। आरोप-प्कत्यारोप का दौरा जारी है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे तथा कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने देश में 'यूएसएड परियोजनाओं' को बढ़ावा देने के लिए स्मृति ईरानी की आलोचना की। उन्होंने स्मृति ईरानी पर ''जार्ज सोरोस के असली एजेंट'' होने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि स्मृति ईरानी ने भारत में यूएसएड सद्भावना राजदूत के रूप में काम किया है। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए जार्ज सोरोस को बदनाम करने का भी आरोप लगाया।

कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्मृति ईरानी की जीवनी में बताया गया है कि उन्होंने भारत में यूएसऐड की 'गुडविल एम्बेसडर' के रूप में काम किया है। क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा नेता जॉर्ज सोरोस के असली एजेंट हैं?' कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने खरगे की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह कमाल है। हमें आखिरकार भाजपा के पसंदीदा सवाल का जवाब मिल गया है - रसोई में कौन था? जॉर्ज सोरोस का असली एजेंट स्मृति ईरानी निकलीं।'

कांग्रेस के इन आरोपों का बीजेपी ने जोरदार खंडन किया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्मृति ईरानी को 2002 से 2005 तक ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ORS) का गुडविल ब्रैंड एम्बेसडर नियुक्त किया था। उस समय, वह टेलीविजन धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की अपार लोकप्रियता के कारण घर-घर में जानी जाती थीं। उन्होंने कहा, 'स्मृति ईरानी वाले डब्ल्यूएचओ के अभियान का दिल्ली परिवहन निगम ने समर्थन किया था, जिसने अपनी बसों पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने की अनुमति दी थी। उस समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं और पवन खेड़ा उनके निजी सहायक के रूप में काम करते थे। खेड़ा तब दीक्षित की चप्पल और सूटकेस ले जाने जैसे छोटे-मोटे काम करते थे। इस अभियान जैसे वास्तविक महत्व के मामले उस समय शायद उनके वेतन से ऊपर थे।'

आईआईएम इंदौर की डब्ल्यूएचओ कार्यक्रम की सफलता का दस्तावेजीकरण करने वाली एक कथित रिपोर्ट का एक अंश साझा करते हुए मालवीय ने कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, "क्या मुझे यह भी बताने की ज़रूरत है कि 2004 और 2005 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी?" खेरा की आलोचना करते हुए मालवीय ने कहा, "ऐसा तब होता है जब कोई उपलब्धि न रखने वाले लोग महत्वहीन संगठनों में कथित प्रासंगिकता के पदों पर खुद को पाते हैं।" उन्होंने कहा, "इसके अलावा, कांग्रेस को स्मृति ईरानी पर जुनूनी होना बंद कर देना चाहिए । यह तथ्य कि उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हराया, उनकी यादों में एक स्थायी दुःस्वप्न बना रहेगा।"

ज्ञानेश कुमार के सीईसी बनने पर कांग्रेस क्यों नाराज? राहुल गांधी ने उठाए सवाल

#congress_raised_questions_on_appoint_cec

ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली समिति की बैठक में सोमवार को यह फैसला किया गया। ज्ञानेश कुमार बुधवार यानी 19 फरवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदार संभालेंगे। दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले नए नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पहले इसकी घोषणा की गई है। जिसको लेकर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बैठक बुलाने में मोदी सरकार द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं।

सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का फैसला पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की तीन सदस्यीय कमेटी ने किया। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त का 2:1 के बहुमत से चयन हुआ है। राहुल गांधी ने नियुक्ति पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं किया जाता तब तक सीईसी की नियुक्ति को स्थगित करना चाहिए।

दरअसल नए कानून के तहत अब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नहीं होंगे। पहले इसमें सीजेआई भी शामिल होते थे। पिछले साल ही केंद्र सरकार की ओर से इस कानून में बदलाव किया गया था। कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने इसपर आपत्ति जताई थी और सुप्रीम कोर्ट का द्वार खटखटाया था। मामला अबतक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में राहुल गांधी इसी फैसले का इंतजार करने के लिए कह रहे थे।

कांग्रेस का कहना है कि सरकार को 19 फरवरी 2025 तक का इंतजार करना चाहिए था। 19 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। इसको लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार ने जल्दबाजी में आधी रात को नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। यह हमारे संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में दोहराया है कि चुनाव की प्रक्रिया की पवित्रता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए।