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अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल
#amit_shah_ambedkar_remarks_congress_protest_opposition
* संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं। अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..." वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।
अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल

#amit_shah_ambedkar_remarks_congress_protest_opposition

संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है।

गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं।

अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..."

वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।

कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे

#union_minister_amit_shah_press_conference

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह से इस्तीफा मांग रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। यह कांग्रेस ने इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने फैक्ट के साथ विषय रखे, इससे ये तय हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।

शाह ने कहा, विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि 'ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा, कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।

कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी-शाह

अमित शाह ने कहा, इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को हाशिये पर धकेलने का काम किया-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।

मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। राज्यसभा में मैंने जो कहा है कांग्रेस ने उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। कांग्रेस ने सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर भ्रांति फैलाई है। कांग्रेस आरक्षण का भी विरोध करती रही है। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण के विरोध में लंबा भाषण दिया था।

आंबेडकर का जिक्र कर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा, भड़क गई कांग्रेस, गृह मंत्री से माफी की मांग

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संविधान पर संसद में चल रही बहस के दौरान मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों पर कांग्रेस ने सख़्त एतराज़ जताया है। अमित शाह अपने भाषण के दौरान डॉ बीआर आंबेडकर की विरासत पर बोल रहे थे।कांग्रेस ने राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर के बारे में टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं में बी आर आंबेडकर के प्रति 'काफी नफरत' है।

अमित शाह के पूरे भाषण के एक छोटे हिस्से को लेकर काफ़ी विवाद हो रहा है। दरअसल, शाह ने कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है। उन्होंने कहा, अब ये एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

मनुस्मृति मानने वाले आंबेडकर से असहमत- राहुल गांधी

अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा, "मनुस्मृति मानने वालों को आंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।"

भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शाह पर निशाना साधते हुए कहा, गृहमंत्री ने जो आज भरे सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि 'भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे। उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया। संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति लागू करना चाहते थे।कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर कहा, बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है। खरगे ने कहा, मोदी सरकार के मंत्रीगण ये कान खोलकर समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब डॉ आंबेडकर जी भगवान से कम नहीं। वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक व ग़रीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे।

अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला-जयराम रमेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा भाषण पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 90 मिनट तक भाषण दिया और अन्य भाजपा नेताओं ने भी भाषण दिया। लोकसभा में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बात हुई लेकिन राज्यसभा में 'एक भाषण अनेक वक्ता' की स्थिति रही। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला, यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी पर हमला था, यह भाषण नहीं था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता का अपमान किया।

अमित शाह ने क्या कहा?

अपने भाषण में अमित शाह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट से आंबेडकर के इस्तीफ़ा का ज़िक्र कर रहे थे। कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार ज़्यादा लो लेकिन साथ में आंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये वह बताएंगे। अमित शाह ने कहा, आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफ़ा क्यों दे दिया? उन्होंने कई बार कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट हैं। उन्होंने सरकार की विदेश नीति से असहमति जताई थी अनुच्छेद 370 से भी सहमत नहीं थे। आंबेडकर को आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ, इसलिए कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया था। अमित शाह ने कहा, जिसका विरोध करते हो उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है?

अमित शाह से क्यों मिलीं प्रियंका गांधी, एमपी बनने के बाद मुलाकात के क्या हैं मायने?

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प्रियंका गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुनीं गई हैं। इसी चल रहे शीतकालीन सत्र में ही उन्होंने सांसद पद की शपथ ली है। सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका एक्शन में दिख रही हैं। बाढ़ से अस्त-व्यस्त हो चुके केरल के वायनाड को उबारने के लिए प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं। इसी क्रम में प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड के स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर संसद में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

2221 करोड़ का रिलीफ फंड की मांग

केरल के वायनाड में 30 जुलाई को भारी बारिश के बीच भूस्खलन हुआ था, जिससे बड़े इलाके में तबाही मच गई थी। इस लैंडस्लाइड में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। उन्हीं पीड़ित लोगों के लिए वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने विशेष पैकेज के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान 21 और सांसद मौजूद थे। प्रियंका ने अमित शाह से वायनाड के लिए 2221 करोड़ का रिलीफ फंड जारी करने की मांग की है।

गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया

प्रियंका गांधी ने बताया कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर हमने ये अमित शाह से मुलाकात की है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां जो स्थिति है, उससे हमने उन्हें अवगत कराया है। उन्हें बताया है कि वहां क्या-क्या हुआ है और लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। लोगों के पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं बचा है। पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया है।

प्रियंका की अपील- राजनीति को परे रखते हुए मदद करें

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें। हमने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री भी वायनाड गए थे। उन्होंने वहां के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी। अब उन लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आए थे तो जरूर कुछ मदद मिलेगी।

केन्द्र ने ठुकरायी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

बता दें कि जुलाई-अगस्त के महीने में केरल के वायनाड को भयावह बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बाढ़ की वजह से करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है। केरल सरकार ने वायनाड के इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया था। केरल सरकार का कहना था कि बिना राष्ट्रीय आपदा घोषित किए यहां राहत और पुनर्वास का काम आसान नहीं है। केरल सरकार ने इसके लिए केंद्र से 2 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी।

यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
#mahayuti_leaders_eknath_shinde_devendra_fadnavis_ajit_pawar_meets_amit_shah
* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
Graceful Hands Trust E-1432 Hosts Heartwarming International Yoga Day for Balgram Orphanage

Panvel, June 21st, 2024: Graceful Hands Trust orchestrated a day filled with joy and camaraderie for the children of Balgram Orphanage in Khanda Colony, Panvel. The event, held at the Balgram Activity Hall, was a delightful blend of sportsmanship, celebration, and inclusivity.

The yoga day, organised under the guidance of Ms. Payal Madhok and supported by the guest's Mr Arvind More & Dr. Nilima More & Yoga Group Ms Jaya Trivedi , Ms Manisha Mane & Ms Sneha Gupta (certified by Patanjali Yog Samiti trainers ) & their team, Graceful Team members,  volunteers, and the dedicated staff of Balgram orphanage.

Kicking off with a warm welcome speech by Ms. Suma Lalit, a member of GHT, and a motivational address by Ms. Payal Madhok, the day commenced with invigorating warm-up exercises before the children enthusiastically delved into yoga and meditation sessions. 

A heartwarming highlight was the involvement of kids, who joyfully participated in yoga sessions. 

As a testament to their commitment to the children's happiness, the celebrations concluded with a vote of thanks by Ms. Latha Kurian , Treasurer in GHT.

Orphanage staff received essential groceries and vegetables for the upcoming month, provided by Graceful Hands Trust.

The day culminated in a delightful dinner arranged by the GHT team, with promises to reunite for more engaging and exciting activities in the future.

 

देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे...महाराष्ट्र सीएम पर सस्पेंस बरकरार, कब होगा पटाक्षेप?

#maharashtranewcmamitshahvinodtawde_meeting

महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने प्रचंड जीत हासिल की। 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम भी आ गया लेकिन आज 28 नवंबर तक मुख्यमंत्री के नाम का पटाक्षेप नहीं हो सका है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा? सस्पेंस अब भी बरकरार है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद के तहत गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के बीच अहम बैठक हुई। वहीं, आज महायुति के तीनों शीर्ष नेताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एलान हो सकता है।

महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और राकांपा के महायुति गठबंधन ने चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया और जीत हासिल की। हालांकि, इन सभी दलों में भाजपा का प्रदर्शन जबरदस्त रहा और वह अकेले ही बहुमत के करीब का आंकड़ा जुटाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद से ही भाजपा के कई नेताओं की तरफ से मुख्यमंत्री पद पार्टी के पास रखने की मांग उठने लगी।

वहीं दूसरी तरफ शिवसेना(शिंदे) के कुछ नेताओं ने भी एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाने की मांग तेज कर दी। कई बार शिवसेना की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर दबाव बनाया गया।हालांकि, एकनाथ शिंदे अब मुख्यमंत्री सीएम की रेस से हट गए हैं।

देवेंद्र फडणवीस के नाम पर पेच फंस

एकनाथ शिंदे के बयान के बाद ऐसा लगा जैसे देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की रेस में बाजी मार चुके हैं। मगर ताजा घटनाक्रम सामने आए हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि देवेंद्र फडणवीस पर फिर पेच फंस गया है। अमित शाह और विनोद तावड़े के बीच बुधवार की रात को लंबी बातचीत हुई। विनोद तावड़े ने महाराष्ट्र का जो फीडबैक दिया है, उससे ही फडणवीस के नाम पर पेच फंसता दिख रहा है। बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर चर्चा की गई। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री नहीं रहने पर सूबे के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा हुई. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र के मराठा वोटरों पर पड़ने वाले असर को लेकर लगातार मंथन कर रहा है। तावड़े से बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर फीडबैक लिया।

एकनाथ शिंदे बता चुके हैं अपनी राय

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सीएम पद को लेकर चल रही चर्चाओं को विराम दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरे मन में सीएम बनने की लालसा नहीं है। पीएम मोदी और अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे मुझे मंजूर होगा। सरकार बनाते समय मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं आएगी। मैं चट्टान की तरह साथ खड़ा हूं। भाजपा की बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, हमें मान्य होगा। भाजपा का सीएम मुझे मंजूर है।

शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल में पीएम मोदी और अमित शाह ने मेरा पूरा सहयोग किया। अमित शाह और पीएम मोदी ने बालासाहेब ठाकरे के एक आम शिवसैनिक को सीएम बनाने के सपने को पूरा किया है। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मुझे मुख्यमंत्री बनाया और बड़ी जिम्मेदारी दी। मैं रोने वालों और लड़ने वालों में से नहीं हूं। मैं भागने वाला नहीं समाधान करने वाला व्यक्ति हूं। हम मिलकर काम करने वाले लोग हैं। ढाई साल तक हमने खूब काम किया है। महाराष्ट्र में विकास की रफ्तार बढ़ी है। हमने हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया।

पिक्चर अभी बाकी है...

महाराष्ट्र की जनता नए मुख्यमंत्री के नाम का बेसब्री से इंतजार कर रही है। देखना होगा कि आखिरकार किसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजता है। क्या फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या शिंदे को यह जिम्मेदारी मिलेगी? या फिर कोई और चेहरा सामने आएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक्शन में सरकार, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग आज, क्या सुधरेंगे हालात?

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर फिर से हिंसा की आग में झुलसने लगा है। शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इससे पहले सुरक्षा बलों का कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था। जिसमें कम से कम 10 कुकी आतंकी के मारे गए थे। इसके बाद से ही हालत बिगड़ते चले जा रहे हैं।

मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे। मणिपुर को लेकर आज होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में मुख्य एजेंडा तय किए जाएंगे। इसमें गृह मंत्री ने रविवार को केंद्रीय बलों की बैठक बुलाई थी, इसमें कई दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्य संबधित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें मैतेयी और कुकी समुदाय के लोगों से एक साथ वार्ता का खांका भी तैयार किया जाएगा

गृह मंत्री की लगातार दूसरे दिन बैठक हो रही है। इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई।

फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश

वहीं, इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय सेना और स्पीयर कोर की असम राइफल्स इकाइयों ने सुरक्षाबलों के साथ इंफाल के संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कोइरेंगेई, कांगला वेस्टर्न गेट, केशमपट, चुंगथम, सलाम मयाई लीकाई, कोंथूजाम, मयांग इम्फाल, हियांगथांग, नाम्बोल, मंत्रिपुखरी, बाबूपारा, वांगजिंग, थौबल और लिलोंग के इंफाल पूर्व, इंफालल पश्चिम और थौबल जिलों में फ्लैगमार्च किया है। वहीं, तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई है, सुरक्षाकर्मियों जबरदस्त तैनाती। वहीं, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सात जिलों में इंटरनेट बंद, दो जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने रविवार को इंफाल के दोनों जिलों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया। प्रशासन ने यह फैसला छह लोगों की मौत के बाद लिया गया है। घटना के बाद मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी वक्फ अधिनियम में करेंगे संशोधन', अमित शाह का बड़ा दावा*
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं के विरोध के बावजूद वक्फ अधिनियम में संशोधन करेंगे। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के उमरखेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी जी वक्फ बोर्ड के कानून को बदलना चाहते हैं। लेकिन उद्धव जी, शरद पवार और सुप्रिया सुले इसका विरोध कर रहे हैं।अमित शाह ने कहा कि उद्धव जी कान खोलकर सुन लीजिए, आप सभी जितना विरोध करना चाहते हैं कर लीजिए, लेकिन मोदी जी वक्फ का कानून बदलकर रहेंगे। *'कौरव' एमवीए का प्रतिनिधित्व कर रही* शाह ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत 20 नवंबर को होने वाले मतदान में दो खेमे हैं। उन्होंने कहा कि एक ‘पांडवों’ का है।जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति कर रही है और दूसरा 'कौरव' जिसका प्रतिनिधित्व महा विकास अघाड़ी कर रही है। उद्धव ठाकरे का दावा है कि उनकी शिवसेना असली है। क्या असली शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के खिलाफ जा सकती है? क्या असली शिवसेना अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने के खिलाफ जा सकती है? असली शिवसेना भाजपा के साथ खड़ी है। *कांग्रेस अपने वादे पूरे नहीं करती-शाह* शाह ने आगे राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल बाबा कहते थे कि उनकी सरकार लोगों के खातों में तुरंत पैसे जमा करेगी। आप हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना में अपने वादे पूरे नहीं कर पाए। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने वादा किया है कि लड़की बहन योजना के तहत महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे नहीं छीन सकती।
अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल
#amit_shah_ambedkar_remarks_congress_protest_opposition
* संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं। अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..." वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।
अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल

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संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है।

गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं।

अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..."

वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।

कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे

#union_minister_amit_shah_press_conference

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह से इस्तीफा मांग रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। यह कांग्रेस ने इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने फैक्ट के साथ विषय रखे, इससे ये तय हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।

शाह ने कहा, विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि 'ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा, कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।

कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी-शाह

अमित शाह ने कहा, इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को हाशिये पर धकेलने का काम किया-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।

मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। राज्यसभा में मैंने जो कहा है कांग्रेस ने उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। कांग्रेस ने सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर भ्रांति फैलाई है। कांग्रेस आरक्षण का भी विरोध करती रही है। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण के विरोध में लंबा भाषण दिया था।

आंबेडकर का जिक्र कर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा, भड़क गई कांग्रेस, गृह मंत्री से माफी की मांग

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संविधान पर संसद में चल रही बहस के दौरान मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों पर कांग्रेस ने सख़्त एतराज़ जताया है। अमित शाह अपने भाषण के दौरान डॉ बीआर आंबेडकर की विरासत पर बोल रहे थे।कांग्रेस ने राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर के बारे में टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं में बी आर आंबेडकर के प्रति 'काफी नफरत' है।

अमित शाह के पूरे भाषण के एक छोटे हिस्से को लेकर काफ़ी विवाद हो रहा है। दरअसल, शाह ने कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है। उन्होंने कहा, अब ये एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

मनुस्मृति मानने वाले आंबेडकर से असहमत- राहुल गांधी

अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा, "मनुस्मृति मानने वालों को आंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।"

भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शाह पर निशाना साधते हुए कहा, गृहमंत्री ने जो आज भरे सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि 'भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे। उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया। संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति लागू करना चाहते थे।कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर कहा, बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है। खरगे ने कहा, मोदी सरकार के मंत्रीगण ये कान खोलकर समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब डॉ आंबेडकर जी भगवान से कम नहीं। वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक व ग़रीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे।

अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला-जयराम रमेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा भाषण पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 90 मिनट तक भाषण दिया और अन्य भाजपा नेताओं ने भी भाषण दिया। लोकसभा में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बात हुई लेकिन राज्यसभा में 'एक भाषण अनेक वक्ता' की स्थिति रही। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 90 मिनट तक झूठ बोला, यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी पर हमला था, यह भाषण नहीं था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता का अपमान किया।

अमित शाह ने क्या कहा?

अपने भाषण में अमित शाह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट से आंबेडकर के इस्तीफ़ा का ज़िक्र कर रहे थे। कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार ज़्यादा लो लेकिन साथ में आंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये वह बताएंगे। अमित शाह ने कहा, आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफ़ा क्यों दे दिया? उन्होंने कई बार कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट हैं। उन्होंने सरकार की विदेश नीति से असहमति जताई थी अनुच्छेद 370 से भी सहमत नहीं थे। आंबेडकर को आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ, इसलिए कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया था। अमित शाह ने कहा, जिसका विरोध करते हो उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है?

अमित शाह से क्यों मिलीं प्रियंका गांधी, एमपी बनने के बाद मुलाकात के क्या हैं मायने?

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प्रियंका गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुनीं गई हैं। इसी चल रहे शीतकालीन सत्र में ही उन्होंने सांसद पद की शपथ ली है। सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका एक्शन में दिख रही हैं। बाढ़ से अस्त-व्यस्त हो चुके केरल के वायनाड को उबारने के लिए प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं। इसी क्रम में प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड के स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर संसद में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

2221 करोड़ का रिलीफ फंड की मांग

केरल के वायनाड में 30 जुलाई को भारी बारिश के बीच भूस्खलन हुआ था, जिससे बड़े इलाके में तबाही मच गई थी। इस लैंडस्लाइड में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। उन्हीं पीड़ित लोगों के लिए वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने विशेष पैकेज के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान 21 और सांसद मौजूद थे। प्रियंका ने अमित शाह से वायनाड के लिए 2221 करोड़ का रिलीफ फंड जारी करने की मांग की है।

गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया

प्रियंका गांधी ने बताया कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर हमने ये अमित शाह से मुलाकात की है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां जो स्थिति है, उससे हमने उन्हें अवगत कराया है। उन्हें बताया है कि वहां क्या-क्या हुआ है और लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। लोगों के पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं बचा है। पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया है।

प्रियंका की अपील- राजनीति को परे रखते हुए मदद करें

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें। हमने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री भी वायनाड गए थे। उन्होंने वहां के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी। अब उन लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आए थे तो जरूर कुछ मदद मिलेगी।

केन्द्र ने ठुकरायी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

बता दें कि जुलाई-अगस्त के महीने में केरल के वायनाड को भयावह बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बाढ़ की वजह से करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है। केरल सरकार ने वायनाड के इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया था। केरल सरकार का कहना था कि बिना राष्ट्रीय आपदा घोषित किए यहां राहत और पुनर्वास का काम आसान नहीं है। केरल सरकार ने इसके लिए केंद्र से 2 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी।

यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
#mahayuti_leaders_eknath_shinde_devendra_fadnavis_ajit_pawar_meets_amit_shah
* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
Graceful Hands Trust E-1432 Hosts Heartwarming International Yoga Day for Balgram Orphanage

Panvel, June 21st, 2024: Graceful Hands Trust orchestrated a day filled with joy and camaraderie for the children of Balgram Orphanage in Khanda Colony, Panvel. The event, held at the Balgram Activity Hall, was a delightful blend of sportsmanship, celebration, and inclusivity.

The yoga day, organised under the guidance of Ms. Payal Madhok and supported by the guest's Mr Arvind More & Dr. Nilima More & Yoga Group Ms Jaya Trivedi , Ms Manisha Mane & Ms Sneha Gupta (certified by Patanjali Yog Samiti trainers ) & their team, Graceful Team members,  volunteers, and the dedicated staff of Balgram orphanage.

Kicking off with a warm welcome speech by Ms. Suma Lalit, a member of GHT, and a motivational address by Ms. Payal Madhok, the day commenced with invigorating warm-up exercises before the children enthusiastically delved into yoga and meditation sessions. 

A heartwarming highlight was the involvement of kids, who joyfully participated in yoga sessions. 

As a testament to their commitment to the children's happiness, the celebrations concluded with a vote of thanks by Ms. Latha Kurian , Treasurer in GHT.

Orphanage staff received essential groceries and vegetables for the upcoming month, provided by Graceful Hands Trust.

The day culminated in a delightful dinner arranged by the GHT team, with promises to reunite for more engaging and exciting activities in the future.

 

देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे...महाराष्ट्र सीएम पर सस्पेंस बरकरार, कब होगा पटाक्षेप?

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महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने प्रचंड जीत हासिल की। 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम भी आ गया लेकिन आज 28 नवंबर तक मुख्यमंत्री के नाम का पटाक्षेप नहीं हो सका है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा? सस्पेंस अब भी बरकरार है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद के तहत गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के बीच अहम बैठक हुई। वहीं, आज महायुति के तीनों शीर्ष नेताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एलान हो सकता है।

महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और राकांपा के महायुति गठबंधन ने चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया और जीत हासिल की। हालांकि, इन सभी दलों में भाजपा का प्रदर्शन जबरदस्त रहा और वह अकेले ही बहुमत के करीब का आंकड़ा जुटाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद से ही भाजपा के कई नेताओं की तरफ से मुख्यमंत्री पद पार्टी के पास रखने की मांग उठने लगी।

वहीं दूसरी तरफ शिवसेना(शिंदे) के कुछ नेताओं ने भी एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाने की मांग तेज कर दी। कई बार शिवसेना की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर दबाव बनाया गया।हालांकि, एकनाथ शिंदे अब मुख्यमंत्री सीएम की रेस से हट गए हैं।

देवेंद्र फडणवीस के नाम पर पेच फंस

एकनाथ शिंदे के बयान के बाद ऐसा लगा जैसे देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की रेस में बाजी मार चुके हैं। मगर ताजा घटनाक्रम सामने आए हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि देवेंद्र फडणवीस पर फिर पेच फंस गया है। अमित शाह और विनोद तावड़े के बीच बुधवार की रात को लंबी बातचीत हुई। विनोद तावड़े ने महाराष्ट्र का जो फीडबैक दिया है, उससे ही फडणवीस के नाम पर पेच फंसता दिख रहा है। बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर चर्चा की गई। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री नहीं रहने पर सूबे के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा हुई. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र के मराठा वोटरों पर पड़ने वाले असर को लेकर लगातार मंथन कर रहा है। तावड़े से बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर फीडबैक लिया।

एकनाथ शिंदे बता चुके हैं अपनी राय

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सीएम पद को लेकर चल रही चर्चाओं को विराम दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरे मन में सीएम बनने की लालसा नहीं है। पीएम मोदी और अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे मुझे मंजूर होगा। सरकार बनाते समय मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं आएगी। मैं चट्टान की तरह साथ खड़ा हूं। भाजपा की बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, हमें मान्य होगा। भाजपा का सीएम मुझे मंजूर है।

शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल में पीएम मोदी और अमित शाह ने मेरा पूरा सहयोग किया। अमित शाह और पीएम मोदी ने बालासाहेब ठाकरे के एक आम शिवसैनिक को सीएम बनाने के सपने को पूरा किया है। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मुझे मुख्यमंत्री बनाया और बड़ी जिम्मेदारी दी। मैं रोने वालों और लड़ने वालों में से नहीं हूं। मैं भागने वाला नहीं समाधान करने वाला व्यक्ति हूं। हम मिलकर काम करने वाले लोग हैं। ढाई साल तक हमने खूब काम किया है। महाराष्ट्र में विकास की रफ्तार बढ़ी है। हमने हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया।

पिक्चर अभी बाकी है...

महाराष्ट्र की जनता नए मुख्यमंत्री के नाम का बेसब्री से इंतजार कर रही है। देखना होगा कि आखिरकार किसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजता है। क्या फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या शिंदे को यह जिम्मेदारी मिलेगी? या फिर कोई और चेहरा सामने आएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक्शन में सरकार, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग आज, क्या सुधरेंगे हालात?

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर फिर से हिंसा की आग में झुलसने लगा है। शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इससे पहले सुरक्षा बलों का कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था। जिसमें कम से कम 10 कुकी आतंकी के मारे गए थे। इसके बाद से ही हालत बिगड़ते चले जा रहे हैं।

मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे। मणिपुर को लेकर आज होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में मुख्य एजेंडा तय किए जाएंगे। इसमें गृह मंत्री ने रविवार को केंद्रीय बलों की बैठक बुलाई थी, इसमें कई दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्य संबधित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें मैतेयी और कुकी समुदाय के लोगों से एक साथ वार्ता का खांका भी तैयार किया जाएगा

गृह मंत्री की लगातार दूसरे दिन बैठक हो रही है। इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई।

फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश

वहीं, इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय सेना और स्पीयर कोर की असम राइफल्स इकाइयों ने सुरक्षाबलों के साथ इंफाल के संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कोइरेंगेई, कांगला वेस्टर्न गेट, केशमपट, चुंगथम, सलाम मयाई लीकाई, कोंथूजाम, मयांग इम्फाल, हियांगथांग, नाम्बोल, मंत्रिपुखरी, बाबूपारा, वांगजिंग, थौबल और लिलोंग के इंफाल पूर्व, इंफालल पश्चिम और थौबल जिलों में फ्लैगमार्च किया है। वहीं, तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई है, सुरक्षाकर्मियों जबरदस्त तैनाती। वहीं, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सात जिलों में इंटरनेट बंद, दो जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने रविवार को इंफाल के दोनों जिलों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया। प्रशासन ने यह फैसला छह लोगों की मौत के बाद लिया गया है। घटना के बाद मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी वक्फ अधिनियम में करेंगे संशोधन', अमित शाह का बड़ा दावा*
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं के विरोध के बावजूद वक्फ अधिनियम में संशोधन करेंगे। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के उमरखेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी जी वक्फ बोर्ड के कानून को बदलना चाहते हैं। लेकिन उद्धव जी, शरद पवार और सुप्रिया सुले इसका विरोध कर रहे हैं।अमित शाह ने कहा कि उद्धव जी कान खोलकर सुन लीजिए, आप सभी जितना विरोध करना चाहते हैं कर लीजिए, लेकिन मोदी जी वक्फ का कानून बदलकर रहेंगे। *'कौरव' एमवीए का प्रतिनिधित्व कर रही* शाह ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत 20 नवंबर को होने वाले मतदान में दो खेमे हैं। उन्होंने कहा कि एक ‘पांडवों’ का है।जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति कर रही है और दूसरा 'कौरव' जिसका प्रतिनिधित्व महा विकास अघाड़ी कर रही है। उद्धव ठाकरे का दावा है कि उनकी शिवसेना असली है। क्या असली शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के खिलाफ जा सकती है? क्या असली शिवसेना अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने के खिलाफ जा सकती है? असली शिवसेना भाजपा के साथ खड़ी है। *कांग्रेस अपने वादे पूरे नहीं करती-शाह* शाह ने आगे राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल बाबा कहते थे कि उनकी सरकार लोगों के खातों में तुरंत पैसे जमा करेगी। आप हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना में अपने वादे पूरे नहीं कर पाए। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने वादा किया है कि लड़की बहन योजना के तहत महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे नहीं छीन सकती।