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30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

*Mohammedan Sporting Club secures victory over Southern Samity at the Kalyani A Stadium*

Sports News

Sports Desk: Mohammedan Sporting Club clinched their first victory in the ongoing Calcutta Football League with a hard-fought 2-1 victory over Southern Samity at the Kalyani A Stadium. This win marks the reserve team’s maiden win in the CFL and also earns them their first three points on the league table.

The squad got off to a dream start when jersey number 45, Maxion struck in the 6th minute, putting MSC in the lead early. Maintaining a composed and disciplined approach, the team held their advantage through the first half, heading into the break 1-0 ahead.

Southern Samity came out in the second half and managed to find the equalizer, bringing the contest back to level terms.

However, Suvendu Mallik stepped up in the 74th minute, netting the decisive goal that restored the lead.

The team’s defense stood firm in the closing stages, with the final whistle confirming a 2-1 victory and a crucial morale boost for the reserve squad in their CFL campaign.

With this result, Mohammedan Sporting Club’s reserve team will look to build on their winning performance and continue their push for higher standings in the league.

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

#sanjayrautwritestoamitshahaboutjagdeepdhankhar_missing

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

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ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न, सेवाप्रदाता शुल्क स्थगित, रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ। प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एम.के. शन्मुगा सुन्दरम की अध्यक्षता में आज लखनऊ स्थित नवीन भवन में सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सेवा मित्र व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में सबसे अहम फैसला सेवाप्रदाताओं से लिए जा रहे 10 प्रतिशत सेवा शुल्क को स्थगित करने का रहा। साथ ही, स्किल्ड वर्कर्स को भी सीधे सेवा मित्र प्लेटफॉर्म से जोड़े जाने पर सहमति बनी, जिससे नागरिकों को घर बैठे अधिक सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रमुख सचिव ने बताया कि सेवा मित्र पोर्टल (www.sevamitra.up.gov.in) और टोल-फ्री हेल्पलाइन 155330 के माध्यम से नागरिकों को घरेलू सेवाएं जैसे इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर आदि आसानी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह योजना न केवल नागरिकों को सुविधाएं देती है, बल्कि कुशल कामगारों को उनके क्षेत्र में रोजगार भी दिलाती है।

बैठक में यह भी प्रस्तावित हुआ कि जिन सरकारी कार्यों को जेम पोर्टल से नहीं कराया जा सकता, उन्हें सेवा मित्र के माध्यम से पूरा किया जाए। इसके अलावा, सेवा मित्र पोर्टल और रोजगार संगम पोर्टल के विलय पर भी चर्चा हुई।

विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू ने जानकारी दी कि जून 2025 तक सेवा मित्र पोर्टल पर 39,857 बुकिंग दर्ज हुई हैं और हेल्पलाइन पर 38 लाख से अधिक कॉल रिसीव की गईं। इस पोर्टल के माध्यम से ₹27.53 लाख की राशि सेवाप्रदाताओं के वॉलेट में जमा की गई।

बैठक में निदेशक सेवायोजन श्रीमती नेहा प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल असंगठित श्रमिकों को सशक्त करने की दिशा में प्रदेश सरकार का एक सराहनीय कदम है।
सीएम हेमन्त सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा पत्र, जानें क्या है वजह

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने झारखंड में प्रतिनियुक्त अर्द्धसैनिक बलों के एवज में झारखंड सरकार के यहां बकाया 13299 करोड़ रुपये की राशि को माफ करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तत्परता से काम कर रही है और अब तक राज्य में 400 लोग शहीद हो चुके हैं।

विकास योजनाएं प्रभावित होने का दिया हवाला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि उग्रवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी है। कोविड -19 महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान करने, आपदाओं से निपटने तथा अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है। अपने सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय भार अधिक बढ़ गया है, ऐसे में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के विरुद्ध लंबित राशि के भुगतान करने पर राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे फलस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।

नक्लल विरोधी अभियान में 400 से अधिक जवान शहीद

सीएम ने पत्र में यह भी कहा कि झारखंड राज्य गठन के समय से ही अति उग्रवाद से प्रभावित रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों एवं केंद्र द्वारा प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान संचालित किया गया है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। अब तक इस अभियान में 400 से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सीएम हेमंत ने जताया सहयोग का भरोसा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुरोध किया है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में संबंधित प्रतिधारण शुल्क को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत पूर्ण रूप से माफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री का सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग राज्य की जनता को अवश्य प्राप्त होगा तथा राज्य अपने आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा।

अब फोन करने पर “परेशान” नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज, हट जाएगी साइबर फ्रॉड कैंपेन वाली कॉलर ट्यून

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आज के दौर में हम अक्सर काम ऑनलाइन करते हैं। हालांकि, ऑनलाइन का चलन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान चलाया था। जब भी हम किसी को फोन करते थे तो एक कॉलर ट्यून तब बजती थी। इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करते सुने जाते थे। हालांकि, अब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने ये डिसाइड किया है कि साइबर क्राइम से बचने के लिए देशवासियों को जागरुक करने के लिए जो कॉलर ट्यून लगी हुई थी उसे अब हटा दिया जाएगा। 26 जून यानी आज से ही वो कॉलर ट्यून हटा दी जाएगी।आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस पर ब्रेक लगा दिया है।

कॉलर ट्यून को बंद करने हो रही थी मांग

साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून वाला 40 सेकंड का मैसेज हर कॉल से पहले बजता है।इस कॉलर ट्यून को लेकर लोगों का कहना था कि चाहे कितनी भी जरूरी कॉल हो, इसको सुनना मजबूरी बन गया है। इससे जुड़ी शिकायतें केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और TRAI तक पहुंच रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस कॉलर ट्यून को बंद करने की मांग उठ रही थी।

शिकायतों के बाद मंत्रालय का फैसला

इस कॉलर ट्यून की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। एक पोस्ट में कहा गया है कि साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून आपकी और आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून इमरजेंसी नंबर पर नहीं बनाए जाते हैं। अब सामान्य कॉल पर भी ये दिन में केवल दो बार चलाए जाते हैं। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि अब आम जनता को हर कॉल पर ये कॉलर ट्यून नहीं सुननी पड़ेगी।

इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ हो चुके हैं ट्रोल

बता दें कि इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ को कई बार ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ी थी. लोग उन्हें ये हटाने के लिए भी बोलते थे. हाल में एक यूजर ने अमिताभ से कहा था- फोन पर बोलना बंद करो तो इस पर अमिताभ ने जवाब भी दिया था। अमिताभ ने कहा था- सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा था सो किया।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दिलाई DGMO राजीव घई की याद

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बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर बार बार सवाल उठाने को लेकर मालवीय ने राहुल गांधी को घेरा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। वे यह क्यों नहीं पूछ रहे कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए। राहुल यह भी बताएं कि उन्होंने ऐसे सफल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई क्यों नहीं दी।

मुनीर और राहुल की फोटो मिलाकर बनाई

अमित मालवीय ने एक फोटो के साथ ट्वीट करते हुए यह बात कही। यह फोटो पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और राहुल गांधी की आधी-आधी फोटो को मिलाकर बनाई गई है। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सोमवार को किए गए ट्वीट के बाद यह सवाल किया है जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर कहा था कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है।

राहुल ने क्या कहा था?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी जोड़ पकड़ने लगी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर नए आरोप लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि हमारे हमले से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना एक अपराध था। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने सवाल किया है कि ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?

30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

*Mohammedan Sporting Club secures victory over Southern Samity at the Kalyani A Stadium*

Sports News

Sports Desk: Mohammedan Sporting Club clinched their first victory in the ongoing Calcutta Football League with a hard-fought 2-1 victory over Southern Samity at the Kalyani A Stadium. This win marks the reserve team’s maiden win in the CFL and also earns them their first three points on the league table.

The squad got off to a dream start when jersey number 45, Maxion struck in the 6th minute, putting MSC in the lead early. Maintaining a composed and disciplined approach, the team held their advantage through the first half, heading into the break 1-0 ahead.

Southern Samity came out in the second half and managed to find the equalizer, bringing the contest back to level terms.

However, Suvendu Mallik stepped up in the 74th minute, netting the decisive goal that restored the lead.

The team’s defense stood firm in the closing stages, with the final whistle confirming a 2-1 victory and a crucial morale boost for the reserve squad in their CFL campaign.

With this result, Mohammedan Sporting Club’s reserve team will look to build on their winning performance and continue their push for higher standings in the league.

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

#sanjayrautwritestoamitshahaboutjagdeepdhankhar_missing

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

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ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न, सेवाप्रदाता शुल्क स्थगित, रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ। प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एम.के. शन्मुगा सुन्दरम की अध्यक्षता में आज लखनऊ स्थित नवीन भवन में सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सेवा मित्र व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में सबसे अहम फैसला सेवाप्रदाताओं से लिए जा रहे 10 प्रतिशत सेवा शुल्क को स्थगित करने का रहा। साथ ही, स्किल्ड वर्कर्स को भी सीधे सेवा मित्र प्लेटफॉर्म से जोड़े जाने पर सहमति बनी, जिससे नागरिकों को घर बैठे अधिक सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रमुख सचिव ने बताया कि सेवा मित्र पोर्टल (www.sevamitra.up.gov.in) और टोल-फ्री हेल्पलाइन 155330 के माध्यम से नागरिकों को घरेलू सेवाएं जैसे इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर आदि आसानी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह योजना न केवल नागरिकों को सुविधाएं देती है, बल्कि कुशल कामगारों को उनके क्षेत्र में रोजगार भी दिलाती है।

बैठक में यह भी प्रस्तावित हुआ कि जिन सरकारी कार्यों को जेम पोर्टल से नहीं कराया जा सकता, उन्हें सेवा मित्र के माध्यम से पूरा किया जाए। इसके अलावा, सेवा मित्र पोर्टल और रोजगार संगम पोर्टल के विलय पर भी चर्चा हुई।

विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू ने जानकारी दी कि जून 2025 तक सेवा मित्र पोर्टल पर 39,857 बुकिंग दर्ज हुई हैं और हेल्पलाइन पर 38 लाख से अधिक कॉल रिसीव की गईं। इस पोर्टल के माध्यम से ₹27.53 लाख की राशि सेवाप्रदाताओं के वॉलेट में जमा की गई।

बैठक में निदेशक सेवायोजन श्रीमती नेहा प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल असंगठित श्रमिकों को सशक्त करने की दिशा में प्रदेश सरकार का एक सराहनीय कदम है।
सीएम हेमन्त सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा पत्र, जानें क्या है वजह

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने झारखंड में प्रतिनियुक्त अर्द्धसैनिक बलों के एवज में झारखंड सरकार के यहां बकाया 13299 करोड़ रुपये की राशि को माफ करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तत्परता से काम कर रही है और अब तक राज्य में 400 लोग शहीद हो चुके हैं।

विकास योजनाएं प्रभावित होने का दिया हवाला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि उग्रवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी है। कोविड -19 महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान करने, आपदाओं से निपटने तथा अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है। अपने सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय भार अधिक बढ़ गया है, ऐसे में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के विरुद्ध लंबित राशि के भुगतान करने पर राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे फलस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।

नक्लल विरोधी अभियान में 400 से अधिक जवान शहीद

सीएम ने पत्र में यह भी कहा कि झारखंड राज्य गठन के समय से ही अति उग्रवाद से प्रभावित रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों एवं केंद्र द्वारा प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान संचालित किया गया है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। अब तक इस अभियान में 400 से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सीएम हेमंत ने जताया सहयोग का भरोसा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुरोध किया है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में संबंधित प्रतिधारण शुल्क को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत पूर्ण रूप से माफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री का सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग राज्य की जनता को अवश्य प्राप्त होगा तथा राज्य अपने आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा।

अब फोन करने पर “परेशान” नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज, हट जाएगी साइबर फ्रॉड कैंपेन वाली कॉलर ट्यून

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आज के दौर में हम अक्सर काम ऑनलाइन करते हैं। हालांकि, ऑनलाइन का चलन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान चलाया था। जब भी हम किसी को फोन करते थे तो एक कॉलर ट्यून तब बजती थी। इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करते सुने जाते थे। हालांकि, अब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने ये डिसाइड किया है कि साइबर क्राइम से बचने के लिए देशवासियों को जागरुक करने के लिए जो कॉलर ट्यून लगी हुई थी उसे अब हटा दिया जाएगा। 26 जून यानी आज से ही वो कॉलर ट्यून हटा दी जाएगी।आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस पर ब्रेक लगा दिया है।

कॉलर ट्यून को बंद करने हो रही थी मांग

साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून वाला 40 सेकंड का मैसेज हर कॉल से पहले बजता है।इस कॉलर ट्यून को लेकर लोगों का कहना था कि चाहे कितनी भी जरूरी कॉल हो, इसको सुनना मजबूरी बन गया है। इससे जुड़ी शिकायतें केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और TRAI तक पहुंच रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस कॉलर ट्यून को बंद करने की मांग उठ रही थी।

शिकायतों के बाद मंत्रालय का फैसला

इस कॉलर ट्यून की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। एक पोस्ट में कहा गया है कि साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून आपकी और आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून इमरजेंसी नंबर पर नहीं बनाए जाते हैं। अब सामान्य कॉल पर भी ये दिन में केवल दो बार चलाए जाते हैं। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि अब आम जनता को हर कॉल पर ये कॉलर ट्यून नहीं सुननी पड़ेगी।

इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ हो चुके हैं ट्रोल

बता दें कि इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ को कई बार ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ी थी. लोग उन्हें ये हटाने के लिए भी बोलते थे. हाल में एक यूजर ने अमिताभ से कहा था- फोन पर बोलना बंद करो तो इस पर अमिताभ ने जवाब भी दिया था। अमिताभ ने कहा था- सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा था सो किया।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दिलाई DGMO राजीव घई की याद

#amitmalviyassharpattackrahul_gandhi

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर बार बार सवाल उठाने को लेकर मालवीय ने राहुल गांधी को घेरा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। वे यह क्यों नहीं पूछ रहे कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए। राहुल यह भी बताएं कि उन्होंने ऐसे सफल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई क्यों नहीं दी।

मुनीर और राहुल की फोटो मिलाकर बनाई

अमित मालवीय ने एक फोटो के साथ ट्वीट करते हुए यह बात कही। यह फोटो पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और राहुल गांधी की आधी-आधी फोटो को मिलाकर बनाई गई है। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सोमवार को किए गए ट्वीट के बाद यह सवाल किया है जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर कहा था कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है।

राहुल ने क्या कहा था?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी जोड़ पकड़ने लगी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर नए आरोप लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि हमारे हमले से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना एक अपराध था। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने सवाल किया है कि ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?