सारनाथ: मूलगंध कुटी विहार की 94वीं वर्षगांठ पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के होंगे दर्शन - जयवीर सिंह
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लखनऊ। सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी, विहार की 94वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के सार्वजनिक दर्शन हेतु विधिवत अनावरण किया जाएगा। आगामी 03 से 05 नवंबर तक भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेषों को बौद्ध श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। सारनाथ वही पुण्य भूमि है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश ’’धर्मचक्र प्रवर्तन’’ दिया था।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी अस्थि अवशेष दर्शन के लिए बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु आए थे। इस वर्ष पूर्व से भी बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं और आस्थावानों के पहुंचने का अनुमान है। बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियां विभिन्न देशों जैसे- श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, नेपाल तथा कोलकाता, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, लद्दाख और हिमालयी क्षेत्रों से सारनाथ पहुंच रहे हैं। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया, सारनाथ केंद्र और वियतनामी बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
भगवान बुद्ध के अवशेषों को साल में दो बार बुद्ध पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर सार्वजनिक दर्शन हेतु रखा जाता है। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों के दर्शन करते हैं। भगवान बुद्ध के अवशेषों और उससे जुड़े आस्था की यात्रा भी उतनी ही प्राचीन है। लगभग 2,600 वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के उपरांत उनके अवशेषों को श्रद्धापूर्वक आठ भागों में विभाजित कर सम्पूर्ण भारत में बने स्तूपों में रखा गया। कालांतर में सम्राट अशोक ने इन पवित्र अवशेषों को पुनः खोजकर अपने विशाल साम्राज्य के विविध स्थलों पर पुनर्स्थापित कराया।
मूलगंध कुटी बिहार में बुद्ध के दो अस्थि अवशेष सुरक्षित हैं। इनमें से एक अवशेष गांधार (तक्षशिला) क्षेत्र के एक प्राचीन स्तूप से प्राप्त हुआ था, जिसे भारत सरकार ने 1956 में भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के 2,500वें वर्ष पर महाबोधि सोसायटी को भेंट किया था। दूसरा अवशेष, दक्षिण भारत के नागार्जुनकोंडा से प्राप्त हुआ था, जो एक पात्र में सुरक्षित रखा गया। इन दोनों अवशेषों के दर्शन वर्ष में दो बार होते हैं। दर्शन के बाद अवशेषों को विधिवत बुद्ध प्रतिमा के नीचे स्थापित किया जाता है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सारनाथ भारत के आध्यात्मिक मानचित्र पर विशिष्ट स्थान रखता है। यही वह पावन भूमि है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना प्रथम उपदेश दिया था। आज भी यह स्थल विश्व भर से आने वाले श्रद्धालुओं और विद्वानों को आकर्षित करता है। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर लगभग 28 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2024 तक यह संख्या बढ़कर 84 लाख से अधिक हो गई, जो लगभग 200 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। वर्ष 2025 की पहली छमाही में केवल सारनाथ में ही लगभग 5 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ, जो इसे बौद्ध स्थलों में विशिष्टता प्रदान करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार लगातार बौद्ध सर्किट के विकास, सुविधाओं के विस्तार और बेहतर संपर्क व्यवस्था पर कार्य कर रही है।






लखनऊ। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रदेश भर के जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालयों में शुक्रवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी विद्यालयों में एकता, अखंडता और समरसता का संदेश देते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
लखनऊ । लोहे के कारोबार में चल रही संगठित टैक्स चोरी का जाल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है। जांच एजेंसियों को ऐसे ठोस प्रमाण मिले हैं जिनसे पता चला है कि एनसीआर के एक बड़े कर अपवंचक ने करीब एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी कर दुबई में ठिकाना बना लिया है। इस गिरोह के करीब 200 से अधिक सहयोगी यूपी के सात जिलों में सक्रिय हैं, जो फर्जी नामों से सैकड़ों फर्में चलाकर आयरन स्क्रैप की खेप भेजने का काम कर रहे हैं।विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस टैक्स चोरी सिंडीकेट की जड़ें दुबई, सिंगापुर और थाईलैंड तक फैली हुई हैं। दुबई में बैठे मुख्य सरगना के इशारे पर यहां 300 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से स्क्रैप की आपूर्ति की जा रही है। इसी तरह सेंट्रल यूपी से जुड़े दो अन्य कारोबारी भी टैक्स चोरी कर सिंगापुर और थाईलैंड में बस चुके हैं।
शामली/लखनऊ। सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए, सहारनपुर एंटी करप्शन थाने की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में एक बड़ी कार्रवाई की।
लखनऊ। वाराणसी में 05 नवंबर को आयोजित होने वाली देव दीपावली की संध्या पर जब पूरी काशी दीपों की अनगिनत रोशनी से नहाएगी, तब गंगा तट आस्था, संस्कृति और भव्यता का अनुपम संगम प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस बार देव दीपावली का आयोजन ‘क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी’ की भावना के साथ किया जा रहा है। पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन सहभागिता से घाटों से लेकर गलियों तक सुंदरता, सुरक्षा और सुव्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नमो घाट से लेकर अस्सी घाट तक स्मार्ट लाइटिंग, फ्लोरल डेकोरेशन, थीम-आधारित इंस्टालेशन, लेज़र शो और ग्रीन आतिशबाजी के माध्यम से काशी एक बार फिर दिव्यता और भक्ति का अद्भुत अनुभव कराएगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
Oct 31 2025, 17:34
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