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सारनाथ: मूलगंध कुटी विहार की 94वीं वर्षगांठ पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के होंगे दर्शन - जयवीर सिंह

लखनऊ। सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी, विहार की 94वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के सार्वजनिक दर्शन हेतु विधिवत अनावरण किया जाएगा। आगामी 03 से 05 नवंबर तक भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेषों को बौद्ध श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। सारनाथ वही पुण्य भूमि है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश ’’धर्मचक्र प्रवर्तन’’ दिया था।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी अस्थि अवशेष दर्शन के लिए बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु आए थे। इस वर्ष पूर्व से भी बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं और आस्थावानों के पहुंचने का अनुमान है। बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियां विभिन्न देशों जैसे- श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, नेपाल तथा कोलकाता, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, लद्दाख और हिमालयी क्षेत्रों से सारनाथ पहुंच रहे हैं। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया, सारनाथ केंद्र और वियतनामी बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
भगवान बुद्ध के अवशेषों को साल में दो बार बुद्ध पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर सार्वजनिक दर्शन हेतु रखा जाता है। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों के दर्शन करते हैं। भगवान बुद्ध के अवशेषों और उससे जुड़े आस्था की यात्रा भी उतनी ही प्राचीन है। लगभग 2,600 वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के उपरांत उनके अवशेषों को श्रद्धापूर्वक आठ भागों में विभाजित कर सम्पूर्ण भारत में बने स्तूपों में रखा गया। कालांतर में सम्राट अशोक ने इन पवित्र अवशेषों को पुनः खोजकर अपने विशाल साम्राज्य के विविध स्थलों पर पुनर्स्थापित कराया।
मूलगंध कुटी बिहार में बुद्ध के दो अस्थि अवशेष सुरक्षित हैं। इनमें से एक अवशेष गांधार (तक्षशिला) क्षेत्र के एक प्राचीन स्तूप से प्राप्त हुआ था, जिसे भारत सरकार ने 1956 में भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के 2,500वें वर्ष पर महाबोधि सोसायटी को भेंट किया था। दूसरा अवशेष, दक्षिण भारत के नागार्जुनकोंडा से प्राप्त हुआ था, जो एक पात्र में सुरक्षित रखा गया। इन दोनों अवशेषों के दर्शन वर्ष में दो बार होते हैं। दर्शन के बाद अवशेषों को विधिवत बुद्ध प्रतिमा के नीचे स्थापित किया जाता है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सारनाथ भारत के आध्यात्मिक मानचित्र पर विशिष्ट स्थान रखता है। यही वह पावन भूमि है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना प्रथम उपदेश दिया था। आज भी यह स्थल विश्व भर से आने वाले श्रद्धालुओं और विद्वानों को आकर्षित करता है। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर लगभग 28 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2024 तक यह संख्या बढ़कर 84 लाख से अधिक हो गई, जो लगभग 200 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। वर्ष 2025 की पहली छमाही में केवल सारनाथ में ही लगभग 5 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ, जो इसे बौद्ध स्थलों में विशिष्टता प्रदान करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार लगातार बौद्ध सर्किट के विकास, सुविधाओं के विस्तार और बेहतर संपर्क व्यवस्था पर कार्य कर रही है।
लौह पुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने किया श्रद्धांजलि अर्पित*

*सरदार पटेल न होते तो अखंड भारत का यह स्वरूप नहीं होता: एके शर्मा

लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने मऊ प्रवास के दौरान शुक्रवार को बलिया मोड़ स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे।

इसके उपरांत मंत्री श्री शर्मा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम, मऊ में आयोजित सरदार पटेल की 150वीं जयंती समारोह में भाग लिया। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम का शुभारंभ किया।कार्यक्रम में भारी संख्या में विद्यार्थी, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य एवं नागरिक शामिल हुए। सभी ने एकता दौड़ में उत्साहपूर्वक भाग लेकर राष्ट्रीय एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश दिया।

अपने प्रेरणादायक संबोधन में मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल ने भारत की स्वतंत्रता और एकीकरण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने आजादी के बाद 563 रियासतों का एकीकरण कर भारत को अखंड स्वरूप प्रदान किया। उन्होंने कहा, “अगर सरदार पटेल न होते, तो आज का भारत इस रूप में नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल न केवल भारत के लौह पुरुष थे बल्कि वे राष्ट्र की एकता, दृढ़ इच्छा शक्ति और राष्ट्र निष्ठा के प्रतीक थे। सरदार पटेल देश की एकता, साहस और संकल्प शक्ति के प्रतीक हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का संकल्प, सरदार पटेल के स्वप्नों को साकार करने का माध्यम है। प्रधानमंत्री द्वारा सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय, देश में एकता, अखंडता और राष्ट्रप्रेम की भावना को सशक्त करता है। मंत्री श्री शर्मा ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाए जाने के प्रधानमंत्री के निर्णय के प्रति आभार जताया।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री शर्मा ने वहां उपस्थित लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। उन्होंने सभी से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि वे जाति, धर्म, क्षेत्र या भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।इस अवसर पर आयोजित फ्लैग मार्च में अधिकारी, विद्यार्थी, स्वयंसेवक एवं नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरे कार्यक्रम में “जय एकता, जय भारत” के नारों से वातावरण गूंज उठा।मंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपनी ऊर्जा और उत्साह का योगदान दें। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति ही भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में सबसे बड़ी ताकत है।
सर्वाेदय विद्यालयों में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि, छात्रों ने ली राष्ट्रीय एकता की शपथ
लखनऊ। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रदेश भर के जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालयों में शुक्रवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी विद्यालयों में एकता, अखंडता और समरसता का संदेश देते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस बाद सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने एकता और अखंडता के संदेश को आत्मसात करते हुए राष्ट्रीय एकता की शपथ ली। विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा भाषण, निबंध और देशभक्ति गीतों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया गया। शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों को देश की एकता, सद्भाव और समरसता के महत्व पर प्रेरक विचार साझा किए। प्रधानाचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां साझा की।
एएनटीएफ की बड़ी सफलता: उड़ीसा से गांजा लेकर आ रहे सात अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार, दो कुंतल से अधिक माल बरामद, कीमत 1 करोड़ से ज्यादा


लखनऊ । उत्तर प्रदेश की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को एक बड़ी सफलता मिली है। एएनटीएफ थाना गाजीपुर की टीम ने उड़ीसा से अवैध मादक पदार्थ गांजा की तस्करी करने वाले सात अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में गांजा बरामद किया है। पकड़े गए अभियुक्तों के कब्जे से दो कुंतल दो किलो 500 ग्राम अवैध गांजा मिला है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग एक करोड़ एक लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा पुलिस ने दो चारपहिया वाहन, छह एंड्रॉइड मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड और नकदी भी जब्त की है।

ये लंबे समय से उड़ीसा ला रहे थे गांजा

यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) और अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) के निर्देशन तथा पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ लखनऊ के मार्गदर्शन में की गई। एएनटीएफ की गाजीपुर इकाई ने यह सफलता प्राप्त करते हुए तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान ललित कुमार (मथुरा), श्याम देशवाल (अलीगढ़), योगेश (अलीगढ़), हरेन्द्र कुमार (मथुरा), आदर्श चौधरी (अलीगढ़), रिशीपाल (अलीगढ़) और ब्रजलाल (अलीगढ़) के रूप में हुई है। ये सभी लंबे समय से उड़ीसा से अवैध रूप से गांजा लाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खपाने का काम कर रहे थे।

यूपी के विभिन्न शहरों में करते हैं सप्लाई

पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे एक व्यक्ति के कहने पर यह माल उड़ीसा से लेकर आ रहे थे। उस व्यक्ति ने उन्हें चार लाख रुपये अग्रिम भुगतान किया था और बाकी रकम माल बिकने के बाद देने का वादा किया था। तस्करों ने स्वीकार किया कि वे कम कीमत में गांजा खरीदकर यूपी के शहरों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं और उससे होने वाले मुनाफे को आपस में बांट लेते हैं।गिरफ्तारी 30 अक्तूबर 2025 को कुकुडीपुर दरवेशपुर मोड़, थाना जलालपुर, जनपद जौनपुर से की गई। उस समय अभियुक्त अपनी गाड़ियों में माल लेकर आगे बढ़ रहे थे और रास्ते में आराम करने के लिए रुके थे, तभी एएनटीएफ टीम ने उन्हें घेर लिया।

इनके अन्य नेटवर्क की जुटाई जा रही जानकारी

पुलिस ने इस प्रकरण में थाना जलालपुर, जनपद जौनपुर में मु.अ.सं. 401/25, धारा 8/20/29/60 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। टीम में एएनटीएफ थाना गाजीपुर प्रभारी निरीक्षक सुरेन्द्र नाथ सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मी शामिल रहे।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार अभियुक्तों से जुड़े नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में एएनटीएफ की कई टीमें सक्रिय हैं। आगामी दिनों में इस नेटवर्क के और तार खुलने की संभावना जताई जा रही है।
लोहे के कारोबार में संगठित टैक्स फ्रॉड का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, दुबई-सिंगापुर तक फैला सिंडीकेट, यूपी के सात जिलों में सक्रिय जाल
लखनऊ । लोहे के कारोबार में चल रही संगठित टैक्स चोरी का जाल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है। जांच एजेंसियों को ऐसे ठोस प्रमाण मिले हैं जिनसे पता चला है कि एनसीआर के एक बड़े कर अपवंचक ने करीब एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी कर दुबई में ठिकाना बना लिया है। इस गिरोह के करीब 200 से अधिक सहयोगी यूपी के सात जिलों में सक्रिय हैं, जो फर्जी नामों से सैकड़ों फर्में चलाकर आयरन स्क्रैप की खेप भेजने का काम कर रहे हैं।विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस टैक्स चोरी सिंडीकेट की जड़ें दुबई, सिंगापुर और थाईलैंड तक फैली हुई हैं। दुबई में बैठे मुख्य सरगना के इशारे पर यहां 300 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से स्क्रैप की आपूर्ति की जा रही है। इसी तरह सेंट्रल यूपी से जुड़े दो अन्य कारोबारी भी टैक्स चोरी कर सिंगापुर और थाईलैंड में बस चुके हैं।

अकेले बुंदेलखंड क्षेत्र में 23.5 करोड़ रुपये का ITC फ्रॉड पकड़ा

सिंडीकेट के एजेंट बिहार और झारखंड से कबाड़ लाकर यूपी के वाराणसी, अलीगढ़, सहारनपुर और अन्य जिलों के रास्ते पंजाब तक भेज रहे हैं। वहां इसे बड़ी कंपनियां खरीदती हैं और इनवॉयस के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फर्जी दावा किया जाता है। अकेले बुंदेलखंड क्षेत्र में 23.5 करोड़ रुपये का ITC फ्रॉड पकड़ा गया है, जबकि कानपुर और आसपास के जिलों में 300 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का खुलासा हो चुका है।विभागीय जांच में यह भी सामने आया है कि कबाड़ के ट्रक बिहार-झारखंड से पंजाब तक यूपी के रास्ते में सुरक्षित गुजरें, इसके लिए एजेंटों का एक अलग नेटवर्क काम कर रहा है। हाल में सहारनपुर में ढाई दर्जन वाहनों की जब्ती के बाद इस नेटवर्क की सक्रियता और गहराई सामने आई।

सभी संदिग्ध फर्मों के भौतिक सत्यापन के आदेश जारी

शासन ने ऐसे मामलों पर सख्ती दिखाते हुए सभी संदिग्ध फर्मों के भौतिक सत्यापन के आदेश जारी किए हैं, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि एक दिन में 30 फर्मों का सत्यापन करना संभव नहीं है, जिसके चलते अधिकांश जांच कागजी औपचारिकता तक सीमित है। विभाग का मानना है कि यदि इस बड़े पैमाने की टैक्स चोरी को रोकना है तो नई पंजीकृत फर्मों का सत्यापन राज्य कर विभाग से अनिवार्य रूप से कराया जाए, चाहे वे केंद्रीय जीएसटी में पंजीकृत क्यों न हों।फिलहाल विभाग को आशंका है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश टैक्स चोरी के नए केंद्र बन चुके हैं, जहां कबाड़ी और स्क्रैप कारोबारी नेटवर्क के जरिये अरबों की जीएसटी चोरी को अंजाम दे रहे हैं।
बिहार विस चुनाव: यूपी में काम करने वाले बिहार के मतदाताओं को मिलेगा मतदान अवकाश


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र एक अहम फैसला लिया है। यूपी के सीमावर्ती जिलों में कार्यरत बिहार के मतदाताओं को 6 और 11 नवंबर 2025 को वेतन सहित अवकाश प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने गृह जिले जाकर मतदान कर सकें।

सामान्य प्रशासन विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यह सुविधा उन कर्मचारियों को दी जाएगी जो उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं, लेकिन उनका नाम बिहार की मतदाता सूची में दर्ज है।

सरकार का यह कदम मतदाता भागीदारी बढ़ाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने की दिशा में सराहा जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में बिहार के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे।
प्रतापगढ़ में मत्स्य पालन अधिकारी घूस लेते गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ा


प्रतापगढ़/लखनऊ। जिले के विकास भवन में उस समय हड़कंप मच गया जब विजिलेंस टीम प्रयागराज ने मत्स्य पालन विकास अभिकरण अधिकारी विकास कुमार दीपांकर को 14 हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, अधिकारी फाइल पास करने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत के बाद विजिलेंस टीम प्रयागराज ने जाल बिछाकर कार्रवाई की। गिरफ्तारी के बाद टीम आरोपी अधिकारी को पूछताछ के लिए प्रयागराज ले गई है। अधिकारी की गिरफ्तारी से विकास भवन में अफसरों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। विजिलेंस टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
सीएमओ दफ्तर में रिश्वतखोर बाबू ₹25 हजार लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
शामली/लखनऊ। सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए, सहारनपुर एंटी करप्शन थाने की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में एक बड़ी कार्रवाई की।

टीम ने स्टोरकीपर और चिकित्सा प्रतिपूर्ति पटल पर तैनात बाबू राकेश कुमार को ₹25 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी सीएमओ कार्यालय के अंदर ही एक सुनियोजित ट्रैप ऑपरेशन के दौरान की गई।
देव दीपावली को ‘क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी’ के भाव से सजाया जा रहा है : जयवीर सिंह
लखनऊ। वाराणसी में 05 नवंबर को आयोजित होने वाली देव दीपावली की संध्या पर जब पूरी काशी दीपों की अनगिनत रोशनी से नहाएगी, तब गंगा तट आस्था, संस्कृति और भव्यता का अनुपम संगम प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस बार देव दीपावली का आयोजन ‘क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी’ की भावना के साथ किया जा रहा है। पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन सहभागिता से घाटों से लेकर गलियों तक सुंदरता, सुरक्षा और सुव्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नमो घाट से लेकर अस्सी घाट तक स्मार्ट लाइटिंग, फ्लोरल डेकोरेशन, थीम-आधारित इंस्टालेशन, लेज़र शो और ग्रीन आतिशबाजी के माध्यम से काशी एक बार फिर दिव्यता और भक्ति का अद्भुत अनुभव कराएगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि देव दीपावली अब सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं रह गया है, यह काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन गया है। पर्यटन विभाग देव दीपावली को आकर्षक बनाने में कोई कोई-कसर नहीं छोड़ रहा। गंगा घाटों पर स्मार्ट लाइटिंग, आकर्षक फ्लोरल डेकोरेशन, थीम-आधारित इंस्टालेशन तथा ड्रोन और सीसीटीवी मॉनिटरिंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है। घाटों, गलियों और प्रमुख मार्गों की सफाई और सजावट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा प्रत्येक घाट पर पर्याप्त सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा कि, कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहेंगे और कमांड सेंटर से सीसीटीवी फीड की निगरानी निरंतर की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त शौचालय, पेयजल व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और प्राथमिक उपचार केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। घाटों के समीप आपातकालीन नौका एवं एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध रहें। नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें लाइफ जैकेट, पंजीकरण टैग और निर्धारित रूट की जानकारी दी जा रही है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि चेत सिंह घाट पर 25 मिनट की प्रोजेक्शन सहित प्रतिदिन 03 बार लेजर शो का आयोजन करने की योजना है। इसी तरह, काशी विश्वनाथ घाट और चेत सिंह घाट के बीच रेत की सैंड आर्ट इंस्टॉलेशन लगाई जाएगी। ग्रीन आतिशबाजी, लेजर शो और संगीत कार्यक्रम के साथ काशी विश्वनाथ धाम घाट के सामने 10 मिनट का ग्रीन फायर क्रैकर शो आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य काशी की प्राचीन धरोहर और समृद्ध विरासत तथा आस्था को श्रद्धालुओं से जोड़ना है।
ISRO के राष्ट्रीय आउटरीच प्रोग्राम नेटवर्क से जुड़ा इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला लखनऊ

*ISRO–IIRS  आउटरीच नोडल संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त*

*उत्तर प्रदेश में अंतरिक्ष आधारित शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा*

*राज्य सरकार की पहल से युवाओं को मिलेगा अत्याधुनिक अंतरिक्ष तकनीक प्रशिक्षण*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अंतर्गत संचालित इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), देहरादून के आउटरीच नोडल नेटवर्क संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इस मान्यता के साथ नक्षत्रशाला अब ISRO के राष्ट्रीय आउटरीच प्रोग्राम नेटवर्क से औपचारिक रूप से जुड़ गया है। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश में विज्ञान, तकनीक एवं अंतरिक्ष शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। नक्षत्रशाला अब एस्ट्रोफिजिक्स, रिमोट सेंसिंग, जीआईएस, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम, फोटोमेट्री तथा अन्य अनुप्रयोगों पर आधारित पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करेगी।

प्रमुख सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) और महानिदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश आईएएस पंधारी यादव ने इस उपलब्धि पर कहा कि इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ को यह मान्यता उत्तर प्रदेश के बढ़ते वैज्ञानिक वातावरण का प्रमाण है। इससे विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के प्रति रुचि बढ़ेगी तथा राज्य में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

विशेष सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) आईएएस शीलधर सिंह यादव ने कहा कि इंदिरा गांधी तारामंडल का ISRO–IIRS  आउटरीच नेटवर्क में शामिल होना परिषद के उस उद्देश्य के अनुरूप है, जिसके तहत राज्य में विज्ञान, नवाचार और वैज्ञानिक चेतना का प्रसार किया जा रहा है।

डॉ. सुमित कुमार श्रीवास्तव वैज्ञानिक एवं मीडिया प्रभारी ने बताया कि यह इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ के लिए गौरव का विषय है कि हमें ISRO के प्रतिष्ठित IIRS नेटवर्क से जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थी और शोधार्थी उन्नत तकनीकों से परिचित होंगे और भारत के अंतरिक्ष अभियानों में योगदान दे सकेंगे। इच्छुक विद्यार्थी एवं जनसामान्य नक्षत्रशाला से संपर्क कर निःशुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं।

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला ने IIRS–ISRO  के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु पंजीकरण प्रारंभ कर दिया है, जिसके सफल समापन पर प्रतिभागियों को IIRS–ISRO  द्वारा प्रमाणपत्र (E-Certificate) प्रदान किया जाएगा। यह सहयोग उत्तर प्रदेश में अंतरिक्ष आधारित शिक्षा, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस अनुप्रयोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।