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*भारत के शौर्य, स्वाभिमान और सांस्कृतिक वैभव का प्रेरणास्थल होगा छत्रपति शिवाजी संग्रहालय: योगी*

*मुख्यमंत्री ने की निर्माण कार्य की समीक्षा, जनवरी तक भवन निर्माण हर हाल में पूरा करने के दिए निर्देश*
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में आगरा में बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारत के स्वाभिमान, सांस्कृतिक वैभव और वीरता का प्रेरणास्थल बनेगा। मुख्यमंत्री ने अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए शेष कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि भवन का निर्माण कार्य जनवरी तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए, ताकि संग्रहालय का स्वरूप देने का काम तय समय पर पूरा हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय केवल इतिहास का स्थिर प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव होना चाहिए, जहाँ आगंतुक भारत की गौरवगाथा को महसूस कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि संग्रहालय की प्रत्येक गैलरी को ऐसी थीमैटिक और इंटरएक्टिव प्रस्तुति दी जाए, जिससे आगंतुक केवल दर्शक न रहकर सहभागी बनें।

मुख्यमंत्री ने ‘शिवाजी एवं द ग्रेट एस्केप गैलरी’ के संबंध में निर्देश दिए कि इसमें आगरा किले से छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक मुक्ति की घटना को 7D तकनीक, डिजिटल साउंड, लाइट और विजुअल इफेक्ट्स के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए ताकि आगंतुक उस क्षण की वीरता और रणनीति को सजीव रूप में अनुभव कर सकें। उन्होंने कहा कि यह अनुभाग शिवाजी महाराज के स्वराज्य संकल्प का प्रतीक बने।

मुख्यमंत्री ने ‘अग्रदूतों की गैलरी’ में प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 के अमर सेनानियों से जुड़ी वस्तुओं, स्मृतियों और दस्तावेजों को सुरक्षित प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह गैलरी उन अग्रदूतों की गाथा कहे जिन्होंने स्वतंत्रता की नींव रखी। यहाँ झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, तात्या टोपे और अनेक वीरों की स्मृतियाँ आधुनिक तकनीक के साथ प्रदर्शित हों।

मुख्यमंत्री ने ‘त्योहारों की गैलरी’ के संबंध में कहा कि इसमें काशी की महाशिवरात्रि और देव दीपावली, ब्रज का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और रंगोत्सव, तथा प्रयागराज का महाकुंभ जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्वों का जीवंत चित्रण हो। उन्होंने निर्देश दिया कि यहाँ केवल तस्वीरें न लगाई जाएं, बल्कि प्रत्येक पर्व को इंटरएक्टिव अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जहाँ प्रकाश, ध्वनि, संगीत और रंगों के माध्यम से आगंतुक उत्सव का अनुभव कर सकें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ‘नदियों की गैलरी’ में गंगा, यमुना, सरयू और घाघरा जैसी नदियों से जुड़ी आस्था, संस्कृति और लोकजीवन का सजीव चित्रण हो। साथ ही ‘देवासुर संग्राम’ जैसे अनुभाग के माध्यम से सृष्टि, धर्म और मानव मूल्यों की भारतीय व्याख्या को भी दर्शाया जाए।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय परिसर में स्थापित सभी कलाकृतियाँ, मूर्तियाँ और स्थापत्य तत्व उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतिनिधित्व करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय की प्रत्येक दीवार, आंगन और कलाकृति बोलती हुई कहानी बने, जिसमें लोककला, पारंपरिक शिल्प और आधुनिक कला का समन्वय झलके।

मुख्यमंत्री ने ‘आगरा गैलरी’ में शहर की स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए ताकि आगंतुकों को मुगलकालीन स्थापत्य, ब्रज संस्कृति और आधुनिक आगरा का समग्र परिदृश्य एक साथ देखने को मिले। उन्होंने ‘ओरिएंटेशन गैलरी’ को संग्रहालय की प्रस्तावना के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए, जहाँ आगंतुकों को संग्रहालय के उद्देश्य, छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उस कालखंड के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश का परिचय मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय का उद्देश्य केवल अतीत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा केंद्र बनना है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी गैलरियों और अनुभव क्षेत्रों में इंटरएक्टिव तकनीक, वर्चुअल रियलिटी, साउंड-लाइट शो और डिजिटल आर्काइव्स का प्रयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग और निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए सभी कार्य निर्धारित गुणवत्ता और समयसीमा में पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय आगरा की पहचान को नई ऊँचाई देगा और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव का जीवंत प्रतीक बनेगा।
स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ नें काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

लखनऊ। महासंघ ने कहा कि यदि मांगो का 7 नवम्बर तक समाधान नहीं निकला तो 10 नवम्बर से प्रदेश स्तरीय कार्यबन्दी के लिए पूरे प्रदेश के निकाय कर्मचारी तैयार है। नगर विकास विभाग ने दि.16 अक्टूबर 25 को की गई बैठक की कार्यवृत जारी कर दी, लेकिन कार्यवृत में केवल आश्वासन ही है। महासंघ ने प्रमुख सचिव नगर विकास से कहा कि जब तक आदेश नही जारी होते तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। महासंघ की लम्बित प्रदेश स्तरीय सेवा सम्बंधी व अन्य मांगो के साथ साथ अकेन्द्रियत सेवानियमावली, दैनिक वेतन, संविदा तथा तदर्थ धारा 108 के कार्यरत कर्मचारियो का विनियमतीकरण,कैशलेस ईलाज व्यवस्था,पुरानी पेंशन बहाली आदि पर नगर विकास नही कर रहा आदेश,इन्ही लम्बित समस्याऔ के समाधान हेतु लखनऊ ईकाई पर प्रदेश स्तरीय आन्दोलन हो रहा। महासंघ के इस क्रमिक अनशन में क्रम वार प्रदेश ईकाइयो की भागेदारी हो रही परन्तु खेद है कि प्रदेश सरकार व शासन द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा जिससे प्रदेश के निकाय क्रमिको में भारी आक्रोश व्याप्त होने के साथ एक बडे आन्दोलन की ओर अग्रसर है। आज क्रमिक अनशन .30 अक्टूबर को नगर निगम मेरठ व नगर निगम जलकल के साथी वरिष्ठ उपाध्यक्ष महासंघ अनीस अहमद एवं अध्यक्ष नगर निगम कर्मचारी संघ मेरठ के नेतृत्व में सर्वश्री हंसराज सिंह तोमर,सुखबीर सिंह, फय्याज हसन,वैभव वैष्णव बैठे, कल दि.31 अक्टूबर को नगर निगम लखनऊ के महिला कर्मचारी साथी बैठेगी। इस अवसर पर लखनऊ ईकाई के सभी सहयोगी संगठन के साथी उपस्थित थे, जिसमें प्रमुख रूप से शशिकुमारमिश्र प्रदेश अध्यक्ष, आन्नद मिश्र, रामकुमार रावत,सै.कैसर रजा, संतोष श्रीवास्तव, कबीर दास,विजय यादव, शैलेन्द्र तिवारी,जितेन्द्र सि़द्धार्थ, नितिन त्रिवेदी,सुनीता भट्ट ,बिन्दू सिंह, अनिल दुबे,अनिल शुक्ल, राजेन्द्र कुमार,हरिशंकर पाण्डेय, राकेश तिवारी, श्रीधर,सुधाकर मिश्र,संजय श्रीवास्तव, अक्क्षतबंसल, विजेन्द्रश्रीवास्तव ,आकाश गुप्ता,शिवशंकर राय, शुभम शर्मा,कृष्ण मगन सिंह, संजय चन्द्रा आदि उपस्थित होकर समर्थन व्यक्त किया। यह क्रमिक अनशन महासंघ की लम्बित मांगो के समाधान होने तक अनवरत रुप से .7 नवम्बर तक चलेगा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष नगर निगम मेरठ आदि उपस्थित साथियो ने क्रमिक अनशन पर बैठे प्रदेश के कर्मचारियो का आवाहन करते हुए कहा कि प्रदेश के निकाय कर्मचारियो की अपनी मांगो के समाधान हेतु अगामी दि.10 नवम्बर से होने वाले बडे संघर्ष के लिए तैयार रहे,यदि प्रदेश सरकार व शासन द्वारा हमारी जायज समस्याऔ का समय रहते समाधान नही करती तो महासंघ पूर्व घोषित कार्य बन्दी करेगा, जिसमें प्रदेश की सभी सेवाएं बन्द होगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा: स्विफ्ट कार की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौत
लखनऊ । राजधानी के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौत हो गई। हादसा कबीरपुर कट के पास हुआ, जहां तेज रफ्तार स्विफ्ट कार (संख्या UP 32 EU 9389) ने सामने से जा रही मोटरसाइकिल को जोरदार टक्कर मार दी।

हादसे में बाइक सवार शिवराज (42) पुत्र अनंतु और मनोज कुमार (40) पुत्र राकेश, दोनों निवासी सिठौली कला (थाना गोसाईगंज), गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय पुलिस ने घायलों को तत्काल सीएचसी गोसाईगंज भेजा, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। इलाज के दौरान शिवराज ने दम तोड़ दिया, जबकि मनोज को परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

गोसाईगंज पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कार को कब्जे में लेकर चालक को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने दुर्घटना से संबंधित मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज प्राचार्य पर लोकायुक्त का शिकंजा,आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू, डीएम से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ । सुल्तानपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव लोकायुक्त के शिकंजे में आ गए हैं। पद ग्रहण करने के बाद आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने सहित कई गंभीर मामलों में उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है। सचिव डॉ. रीमा बंसल ने इस संबंध में सुल्तानपुर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर 18 नवंबर तक रिपोर्ट तलब की है।

गोसाईंगंज के हयातनगर निवासी बृजेश उपाध्याय ने 17 जून को एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसका संज्ञान लेते हुए सचिव डॉ. रीमा बंसल  ने जिलाधिकारी सुल्तानपुर को निर्देश दिए हैं कि वे किसी वरिष्ठ अधिकारी से मामले की जांच कराकर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

बृजेश उपाध्याय ने प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पद ग्रहण करने के बाद अपनी पत्नी डॉ. संगीता श्रीवास्तव और पुत्र अनमोल श्रीवास्तव के नाम पर बेशकीमती भूखंड खरीदे। आरोप है कि पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन के कागजात में पति के स्थान पर पिता का नाम दशार्या गया, जबकि पुत्र के जमीन के दस्तावेजों में व्यवसाय के स्थान पर कृषि दर्ज कराया गया। उस समय उनका पुत्र कृषि व्यवसाय न करके पढ़ाई कर रहा था।

इसके अतिरिक्त, प्राचार्य पर लीड रिसोर्स कंपनी के माध्यम से शासनादेशों का उल्लंघन कर आउटसोर्सिंग भर्ती करने का भी आरोप है। जांच में यह मामला भी सामने आएगा, जिसमें प्राचार्य के साथ कंपनी के जिम्मेदार और जिले के एक आईएएस स्तर के अधिकारी भी लोकायुक्त के दायरे में आ सकते हैं। आरोप है कि कंपनी तीन वर्ष से कम पुरानी थी और उसका टर्नओवर भी 15 करोड़ से कम था, फिर भी प्राचार्य ने व्यक्तिगत लाभ के लिए उसे ठेका दे दिया।

प्राचार्य की पत्नी डॉ. संगीता श्रीवास्तव के रजिस्ट्रेशन में भी पति के नाम के स्थान पर पिता का नाम दर्ज होने का आरोप है। इसके अलावा, प्राचार्य द्वारा संजीवनी हॉस्पिटल/अल्ट्रासाउंड और एक फर्म चलाई जा रही थी। यह तब हुआ जब वे अपने केंद्र पर पूर्णकालिक चिकित्सक थे और उन्होंने किसी अन्य स्थान पर कार्य करने की सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को नहीं दी थी। ऐसे में उनकी प्राचार्य पद पर नियुक्ति किस आधार पर की गई, यह एक बड़ा सवाल है।
उत्तर रेलवे अस्पताल में आग से मचा हड़कंप, 22 मरीजों को सकुशल बाहर निकाला गया

लखनऊ। आज सुबह उत्तर रेलवे मंडल चिकित्सालय, आलमबाग में अचानक आग लगने से अफरातफरी मच गई। सुबह करीब 5:39 बजे अस्पताल के भूतल पर स्थित सीसीटीवी और सर्वर रूम में आग भड़क उठी। घटना की सूचना मिलते ही फायर स्टेशन आलमबाग और हजरतगंज की दो यूनिटें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

क्रिटिकल केयर वार्ड तक पहुंच गया था धुआं

भारी धुएं के कारण प्रथम तल स्थित क्रिटिकल केयर वार्ड तक धुआं पहुंच गया, जहां 22 मरीज भर्ती थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फायर टीम ने तत्काल सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल के दूसरे वार्डों में शिफ्ट कराया। दमकल कर्मियों की तेजी, सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।

आग लगने के बाद इधर उधर भागने लगे मरीज व परिजन

अस्पताल में आग लगने के बाद अचानक से वार्डों में धुआं भरने लगा। यह देखकर मरीजों व परिजनों में चीख पुकार मच गई। आईसीयू में तो मरीजों का सांस लेने दूभर हो गया। एेसे में मरीज व परिजन डर के मारे इधर उधर भागने लगे। जैसे ही फायर बिग्रेड की टीम पहुंची तब जाकर मरीज व अस्पताल कर्मी राहत की सांस ली।

सुबह करीब 5:39 बजे आग लगने की दमकल विभाग को मिली सूचना

जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 5:39 बजे फायर स्टेशन आलमबाग को सूचना मिली कि अस्पताल के सीसीटीवी और सर्वर रूम में आग लग गई है। सूचना पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) लखनऊ के निर्देश पर प्रभारी अग्निशमन अधिकारी धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में एक फायर टैंकर मौके के लिए रवाना किया गया। साथ ही फायर स्टेशन हजरतगंज से भी एक यूनिट मौके पर पहुंची।

आग भूतल स्थित सर्वर रूम में लगी थी

घटनास्थल पर आग भूतल स्थित सर्वर रूम में लगी थी, जिससे घना धुआं पूरे परिसर में फैल गया और रैम्प के जरिए क्रिटिकल केयर वार्ड तक पहुंच गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फायर यूनिटों ने एक ओर आग बुझाने का काम शुरू किया, वहीं दूसरी ओर मरीजों को सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।

अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य हिस्सों को सुरक्षित बचा लिया

अग्निशमन टीमों ने समय रहते आग को फैलने से रोक लिया और अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य हिस्सों को सुरक्षित बचा लिया। मौके पर मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और तीमारदारों ने फायर विभाग के त्वरित और साहसी प्रयासों की खुले दिल से प्रशंसा की।अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घटना के दौरान सीएमएस डॉ. संगीता सागर, नाइट ड्यूटी इंचार्ज डॉ. सशांक द्विवेदी और फायर एंड सेफ्टी इंचार्ज डॉ. रौतेश मौके पर मौजूद थे और उन्होंने पूरी स्थिति पर नजर रखी।

अस्पताल प्रशासन ने जांच के दिए आदेश

शुरूआती जांच में आग लगने की वजह शाॅट सर्किट निकल कर आ रही है। चूंकि सीसीटीवी और सर्वर रूम में कई इलेक्ट्राॅनिक उपकरण और इलेक्ट्रिकल वायल साथ लगे । ओवरलोडिंग की वजह से शॉर्ट  सर्किट की आशंका जताई जा रही है। हालांकि मामले की सच्चाई जानने के लिए अस्पताल प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है। ताकि इस तरह की घटना की दोबारा से पुरावृत्ति न होने पाए।
हजरतगंज में युवक ने कार के अंदर खुद को गोली मारी, घटनास्थल पर मौत

लखनऊ । राजधानी के हजरतगंज इलाके में शनिवार देर रात एक युवक ने कार के भीतर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना डीएम कंपाउंड कॉलोनी के पास हुई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।थाना हजरतगंज पुलिस को देर रात करीब 11:40 बजे सूचना मिली कि एक व्यक्ति बंद कार के अंदर खून से लथपथ हालत में पड़ा है। सूचना पर पुलिस उपायुक्त मध्य, अपर डीसीपी, एसीपी हजरतगंज और फील्ड यूनिट की टीम मौके पर पहुंची।

युवक ने कनपटी पर रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी

मौके पर होंडा बीआर-वी कार (संख्या UP32 KE 8099) स्टार्ट हालत में खड़ी मिली, जिसके भीतर चालक सीट पर युवक मृत अवस्था में मिला। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि युवक ने कनपटी पर रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी।पुलिस को मृतक के दाहिने हाथ में रिवॉल्वर मिला, साथ ही कार में एक छोटी पन्नी से चार जिंदा कारतूस, रिवॉल्वर में एक खोखा व पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए। कुल मिलाकर नौ जिंदा व एक फायर कारतूस घटनास्थल से मिले हैं।

घटना के समय कार अंदर से लॉक थी और इंजन चालू था

पर्स की तलाशी में रिवॉल्वर का लाइसेंस और पहचान पत्र मिला, जिससे मृतक की पहचान ईशान गर्ग (38 वर्ष), पुत्र पराग गर्ग, निवासी एफ-ब्लॉक, राजाजीपुरम थाना तालकटोरा के रूप में हुई।पुलिस के अनुसार, कार उसी के नाम पर रजिस्टर्ड है। घटना के समय कार अंदर से लॉक थी और इंजन चालू था। स्थानीय लोगों ने बताया कि कार शाम लगभग 6 बजे से वहीं खड़ी थी। रात करीब 11:45 बजे किसी ने अंदर झांकने पर युवक को बेहोश देखा और पुलिस को सूचना दी।

पुलिस सीसीटीवी फुटेज की कर रही जांच

फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं। कार के भीतर खून के छींटे चारों ओर फैले हुए थे और पास में असलहा पड़ा था। पीछे की सीट व आसपास किसी अन्य व्यक्ति की मौजूदगी के साक्ष्य नहीं मिले।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि घटना से पहले की गतिविधियों का पता लगाया जा सके। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक रूप से इसे आत्महत्या माना जा रहा है, हालांकि पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
बीकेटी में युवक की गोली मारकर हत्या

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में संगीन वारदात होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ठाकुरगंज क्षेत्र में बुजुर्ग महिला की मौत का मामला शांत भी नहीं पड़ा था कि अब बीकेटी थाना क्षेत्र स्थित मामपुर गांव निवासी प्रदीप गौतम की हत्या कर बदमाशों ने पुलिस अफसरों को खुली चुनौती दे डाली। पुलिस इस मामले में संदिग्ध हालात में मौत होने की बात बताने में जुटी है, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो उसकी गोली मारकर जान ली गई है। पुलिस को घटनास्थल से शराब के पाउच मिले हैं। इससे आंशका जताई जा रही है युवक की गोली मारकर हत्या की गई है। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा कि मौत कैसे हुई है।

बीकेटी क्षेत्र स्थित मामपुर गांव निवासी प्रदीप गौतम का खून से लथपथ शव शनिवार देर शाम गांव के बाहर सड़क किनारे पड़ा मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।डीसीपी उत्तरी के मुताबिक जांच पड़ताल के दौरान प्रथम दृष्टया प्रदीप गौतम की हत्या की गई है और इसकी सूचना घरवालों को दे दी गई है। डीसीपी उत्तरी का कहना है कि हत्यारों की तलाश में क्राइम ब्रांच, स्थानीय पुलिस और सर्विलांस टीम को लगाया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही हत्यारे पकड़ लिए जाएंगे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर शुरू की पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि प्रदीप को किसी परिचित ने शराब पीने के लिए बुलाया था। मौके से दो गिलास और शराब के पाउच मिलने से इस बात की पुष्टि होती है कि हत्या से पहले वहां पार्टी चल रही थी। आशंका है कि इसी दौरान किसी बात पर विवाद हुआ और गोली चला दी गई।पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अभी तक किसी ने औपचारिक तहरीर नहीं दी है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हत्या का राज जल्द ही उजागर किया जाएगा।
सवर्ण समाज भाजपा को छोड़ने को क्यों मजबूर हो रहा है :कविता तिवारी
लखनऊ । मै राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी राष्ट्रीय प्रचारक एवं प्रवक्ता कविता तिवारी वर्तमान परिवेश में राजनीतिक माहौल को देखते हुए आप सभी को बताना चाहती हूं कि सभी दलों के अपने अपने अपने वोटर हैं और सभी वोटरों के पास अपना अपना राजनैतिक दल है किंतु सवर्ण समाज एक ऐसा समाज जो मुख्यतया भारतीय जनता पार्टी को वोट करता है ऐसा नहीं है कि सवर्ण समाज अन्य दलों को या अन्य समाज के लोग भाजपा को वोट नहीं करते हैं किंतु सवर्ण समाज सबसे ज्यादा भाजपा को ही वोट करता है इस बात से झुठलाया नहीं जा सकता है
भाजपा की वर्तमान विचारधारा अब सवर्ण समाज को बहुत कम पसंद आ रही है कुछ मुद्दे ऐसे हैं सवर्ण समाज के जिस पर भाजपा भी काम नहीं कर रही है जैसे
ृ1.एससी /एसटीका दुरुपयोग जिससे सवर्ण समाज बहुत ही परेशान हो रहा है।
2. आरक्षण जो सवर्ण समाज के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है
3. लगातार खासकर उत्तर प्रदेश में सवर्ण समाज पर हो रहा अत्याचार जैसे ब्राह्मण हत्या
4. सनातन धर्म पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल एवं हिन्दू देवी देवताओं को अभद्र टिप्पणी
इन सभी विषयों पर भाजपा सरकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाना एवं अन्य दलों की तरह दलित प्रेम सवर्ण समाज को मजबूर कर रही है भाजपा से मुंह मोड़ने को।
अतएव मैं तो यही कहूंगी कि यदि भाजपा इन सब मुद्दों पर विचार नहीं करेगी तो शायद सवर्ण समाज भी भाजपा के लिए विचार करना बंद कर सकता है यह मेरी अपनी विचारधारा है आपकी क्या राय है या आप मुझसे कितना सहमत हैं।
लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन लक्ष्य माहेश्वरी की प्रस्तुति और 10 फिल्मों ने बांधा समां।


कलाकारों और महिलाओं को सशक्त बनाने में फेस्टिवल की भूमिका अहम : रीता बहुगुणा जोशी

कला को बढ़ावा देने के लिए अपनी क्षमता का उपयोग करें :धीरज सिंह

लखनऊ। एमरेन फाउंडेशन द्वारा आयोजित और उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा संचालित लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के छठे सीजन का उद्घाटन दिवस शांति और सदभाव की थीम को अपनाते हुए एक जीवंत शुरुआत का प्रतीक बना। यूपी संगीत नाटक अकादमी,गोमती नगर में आयोजित इस आयोजन ने युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़ को आकर्षित किया। सार्वजनिक इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध न होने वाली विशेष शॉर्ट फिल्में, जो एफटीआईआई छात्रों और स्वतंत्र रचनाकारों द्वारा बनाई गईं ने ताजा सिनेमाई आवाजों की दुर्लभ झलक प्रदान की। भारत और विश्व भर से सैकड़ों प्रविष्टियों में से, 20 फिल्मों को दो-दिवसीय प्रदर्शन के लिए चुना गया, जो तमिल, मलयालम, बंगाली, गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी में हैं, जो स्वतंत्र भारतीय सिनेमा की जीवंतता को रेखांकित करती हैं। इन चयनित फिल्मों ने सामाजिक चुनौतियों से निपटने के विषयों को बुना—पशु कल्याण और बाल श्रम से लेकर मानसिक स्वास्थ्य, पूर्वाग्रह, पर्यावरणीय सह-अस्तित्व और अनकहे विदाई तक—दर्शकों को विभाजन के बीच एकता पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करते हुए। शॉर्टलिस्टेड फिल्मों का मूल्यांकन एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा किया गया है और फेस्टिवल के दूसरे दिन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कारों और नकद इनामों से सम्मानित किया जाएगा। एमरेन फाउंडेशन की सदस्य वंदना अग्रवाल ने शो की शुरुआत में दर्शकों का स्वागत किया उन्होंने सभी अतिथियों और मुख्य अतिथियों को अभिवादन किया, छठे सीजन के रचनात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक बंधनों को बढ़ावा देने पर उत्सव मनाने के लिए सभी का धन्यवाद दिया। समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जिसका नेतृत्व मुख्य अतिथि प्रयागराज की पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, एफटीआईआई पुणे के कुलपति धीरज सिंह, एमरेन फाउंडेशन की संस्थापक रेणुका टंडन और एफटीआईआई में रणनीति एवं नवाचार प्रमुख संतोष ओझा ने किया। रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज की पूर्व सांसद ने उद्घाटन समारोह के दौरान कलाकारों और महिलाओं को सशक्त बनाने में फेस्टिवल की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। “ उन्होंने एमरेन फाउंडेशन की संस्थापक रेणुका टंडन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन हम सभी को प्रेरणा देते हैं। एफटीआईआई के कुलपति को यहां देखना अद्भुत है, जो हमारे युवाओं को उत्कृष्ट अभिनेता और फिल्म निर्माता बनने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है यह अपने आप में एक राष्ट्र जैसा है,एमरेन फाउंडेशन यूपी के कलाकारों और महिला उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है, जो उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाता है और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा करता है। स्वयं एक महिला के रूप में मैं कहती हूं कि हमें समाज को बदलने के लिए उन जैसी अधिक महिलाओं की आवश्यकता है। फिल्म निर्माण वास्तविक जीवन से समानताएं खींचता है, जो राजनीति, समाज और संबंधों में सूक्ष्मताओं को दिखाता है जो हमें गहराई से प्रभावित करती हैं।” एफटीआईआई पुणे के कुलपति धीरज सिंह ने फेस्टिवल की भूमिका की प्रशंसा की, जो शॉर्ट फिल्मों को सिनेमा की शुद्ध अभिव्यक्ति के रूप में पोषित करती है। “हमें रेणुका जी जैसे अधिक दूरदर्शियों की आवश्यकता है, जो कला को बढ़ावा देने के लिए अपनी क्षमता का उपयोग करें। शॉर्ट फिल्में सिनेमाई सार के करीब हैं, व्यावसायिक दबावों से मुक्त। एफटीआईआई में हम सालाना दर्जनों बनाते हैं, फिर भी बाजार अनोखा है। लखनऊ द्वारा शॉर्ट फिल्मों को अपनाना और बढ़ावा देना हृदयस्पर्शी है। यूपी सिनेमा का संभावित केंद्र बनेगा, और ऐसे आयोजन प्रतिभाओं को आगे लाते हैं।” एमरेन फाउंडेशन की संस्थापक रेणुका टंडन ने उभरते रचनाकारों के लिए प्रेरणादायक संदेश के साथ सभा का स्वागत किया। “लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल हमेशा दया और रचनात्मकता के परस्पर क्रिया वाले स्थान को बनाने के बारे में रहा है। इस वर्ष, हम कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और विचारकों को एक साथ लाने पर गर्व करते हैं जो मानते हैं कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं है—यह गतिशील सहानुभूति है। जितना हम याद रख सकते हैं, हमने हमेशा यह विश्वास किया है कि कहानियां चिकित्सा करने, जोड़ने और हमारी साझा मानवता की याद दिलाने की शक्ति रखती हैं।” कार्यक्रम निदेशक गौरव द्विवेदी ने कहा कि “लखनऊ का अपना शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल कुछ ऐसा है जिस पर सभी लखनऊवासी को गर्वान्वित और उत्साहित होना चाहिए, क्योंकि इसके छठे संस्करण में हम विश्व भर से कुछ शानदार फिल्में ला रहे हैं। ऐसी सुंदर कहानियां जो अधिकतम लोगों तक पहुंचनी चाहिए। इनमें से अधिकांश फिल्में सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल वह जगह है जहां आप इन्हें देख, महसूस और जी सकते हैं। एमरेन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष ऋचा वैश्य ने कहा, “यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि दर्शक हर फिल्म से इतनी गहराई से जुड़ गए। लखनऊ के लोगों के दिलों में सिनेमा के लिए एक खास जगह है, और वह प्रेम पूरे उत्सव के दौरान साफ दिखा।” फेस्टिवल का एक विशेष आकर्षण "स्किलिंग इनिशिएटर्स" का प्रदर्शन था, जो एमरेन फाउंडेशन की फिल्म है, जो दक्ष पीठ के माध्यम से हो रहे परिवर्तनकारी कार्य को दर्शाती है। फिल्म ने दिखाया कि फाउंडेशन लखनऊ के पड़ोसी शहरों और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण भागों में महिलाओं को कार्यशालाओं, जागरूकता निर्माण और व्यावहारिक संसाधनों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में कैसे सशक्त बना रहा है। एक अन्य विशेष खंड उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो राज्य भर में समुदायों को बांधने वाली सांस्कृतिक एकता और साझा विरासत पर केंद्रित था। फेस्टिवल में सिनेमाई किंवदंतियों राज कपूर और गुरु दत्त को भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी शामिल की गई, जो एमरेन फाउंडेशन द्वारा सुंदरतापूर्वक निर्मित शॉर्ट मॉन्टेज के माध्यम से इसे प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को सिनेमा की स्थायी शक्ति की याद दिलाई जो समाज को प्रतिबिंबित और प्रभावित करती है। इस भावपूर्ण श्रद्धांजलि ने सभागार को गहन श्रद्धा और चिंतन की भावना से भर दिया। अभिनेत्री और लेखिका रेनिता कपूर ने फेस्टिवल को अपनी गहन व्यक्तिगत पुस्तक "रूहानी के पुराने खत" के लॉन्च से सुशोभित किया, जो आध्यात्मिक चिंतन और हृदयस्पर्शी भावनाओं से भरी भावपूर्ण पत्रों का संग्रह है। सभागार तालियों से गूंज उठा जब उन्होंने दर्शकों के सामने पुस्तक का अनावरण किया। उन्होंने चर्चा के दौरान इसके अंतरंग कथाओं की झलकियां साझा कीं और इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा क्या थी। आज की अंतिम प्रस्तुति में कथावाचक लक्ष्य माहेश्वरी ने "चार सहायकों की कहानी" को खूबसूरती से सुनाया, जो फिल्मों के पीछे के अनसुने क्रू—ग्रिप्स, लाइट टेक्नीशियन और प्रोडक्शन हैंड्स—को काव्यात्मक श्रद्धांजलि है, जो कहानियों को स्क्रीन तक पहुंचाते हैं। हास्य, कमजोरी और स्पोकन-वर्ड शायरी के अपने हस्ताक्षर मिश्रण से, उन्होंने उनके शांत बलिदानों और अराजक सेटों में लाए सद्भाव को रोशन किया, सिनेमा की सहयोगी भावना के लिए दिल छू लेने वाली श्रद्धांजलि के लिए सभी दर्शकों ने इसे सराहा। कार्यक्रम में एमरेन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष ऋचा वैश्य, अम्बरीश टंडन, अनुष्का डालमिया, देव वर्मा, विपुल वी. गौर, उषा विश्वकर्मा,दीपक विश्वकर्मा और रेड ब्रिगेड टीम,रिया अग्रवाल, विभू कौशिक, वंदना अग्रवाल, रचना टंडन, विभा अग्रवाल, श्रेया रंजन, और नितीश गर्ग मौजूद थे। कल लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2025 का अंतिम दिन है, जहां प्रसिद्ध अभिनेता हूमा कुरैशी, जो गैंग्स ऑफ वासेपुर, मोनिका ओ माय डार्लिंग और जॉली एलएलबी 2 में अपनी शक्तिशाली भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं, और सनी सिंह, जो प्यार का पंचनामा 2 और सोनू के टिटू की स्वीटी में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, आयोजन को शोभायमान करेंगे। शाम को अंतरराष्ट्रीय कलाकार संजुक्ता सिन्हा का मंत्रमुग्ध करने वाला नृत्य प्रदर्शन भी होगा, जो फेस्टिवल के भव्य समापन में कलात्मक शालीनता का स्पर्श जोड़ेगा। पहले दिन 10 शॉर्ट फिल्में प्रदर्शित की गई। सामाजिक धागों को संबोधित करते हुए लॉस्ट इन टेलीपोर्टेशन (एफटीआईआई) एक महिला का अपने पति के लिए हताश खोज, जो भविष्यवादी टेलीपोर्ट में खो गया, नौकरशाही उदासीनता और व्यक्तिगत हानि का सामना करती है, जो तकनीक के मानवीय संबंधों को बाधित करने और सहानुभूतिपूर्ण प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रिजॉल्व? चाइल्ड लेबर चौदह वर्षीय निश्चय अपनी परिवार की आजीविका के लिए कार्यशाला में श्रम करता है, उसका बढ़ता निराशा बाल शोषण के निर्दोषता और भविष्य की क्षमता पर तरंग प्रभावों को रेखांकित करता है, जो असुरक्षित घरों में सुरक्षात्मक सद्भाव की पुकार करता है। घुसेपीठिया कौन? एक तेंदुए का अदालती दुर्घटना घुसपैठ और न्याय पर सूरियाली संवाद को जन्म देती है, पशु कल्याण और मानवीय अतिक्रमण को संबोधित करते हुए, प्रकृति और कानूनी स्थानों के बीच सह-अस्तित्व की वकालत करती है। वीवर वंडर्स गुजरात के गांवों में बाया विडर्स घोंसले बनाते हैं, जो मनुष्यों के साथ अहिंसक सद्भाव का प्रतीक है, गांधी के आदर्शों से प्रेरित—पर्यावरणीय संरक्षण और ग्रामीण पारिस्थितिक संतुलन को सलाम। आजादी एक परिवार के आंतरिक संघर्ष आस्था और भय को धुंधला करते हैं, पूर्वाग्रह की विनाशकारी शक्ति को उजागर करते हुए, और घरेलू दीवारों के भीतर कट्टरवाद से सच्ची स्वतंत्रता की जांच करते हुए। ग्लो वर्म इन ए जंगल (एफटीआईआई) अवकाश प्राप्त प्रोफेसर हेमा साने शहरी अराजकता में ग्रिड-ऑफ रहती हैं, उनकी बुद्धि प्रकृति के साथ सतत सद्भाव को बढ़ावा देती है, सरल, बिजली-रहित जीवन के माध्यम से आधुनिक विच्छेदन का मुकाबला करती हुई। नॉट डिलीवरड एक युवक का अनदेखे संदेश से बिखरना मानसिक स्वास्थ्य अलगाव में डूब जाता है, जो अनदेखी संचारों के व्यक्तिगत शांति और संबंधों को तोड़ने को चित्रित करता है। एलओ-वी एक कार की सीमाओं में, मित्र ईमानदार समर्थन के साथ जीवन संकट को नेविगेट करते हैं, भावनात्मक कमजोरी को मजबूत, सद्भावपूर्ण बंधनों के मार्ग के रूप में खोजते हुए। सनफ्लावर्स वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो (एफटीआईआई) एक गांव का अनुष्ठान एक मुर्गे की चोरी से बाधित होता है, जो निर्वासन और नवीकरण को आमंत्रित करता है, सामुदायिक मिथकों पर चिंतन करते हुए और क्षमा के माध्यम से सामाजिक व्यवस्था की पुनर्स्थापना को प्रतिबिंबित करता है। सोल कैचर बेल्जियन मूर्तिकार फ्रैंक वैनहूरन कला में मानवीय सार को कैद करतें है, सीमाओं के पार सांस्कृतिक संरक्षण और भावनात्मक चिकित्सा को रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से संबोधित करतें है।
प्रयागराज में पत्रकार की हत्या के विरोध में राजधानी में कैंडल मार्च



जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन के बैनर तले पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन

पत्रकारों की बुलंद आवाज बनेगा: जे पी ए

लखनऊ। प्रयागराज में पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह की नृशंस हत्या के विरोध में राजधानी लखनऊ के 1090 चौराहे पर जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन की ओर से कैंडल मार्च निकाला गया। इस मौके पर दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि देते हुए हत्यारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की शासन और प्रशासन से मांग की गई। साथ ही यूपी सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग हुई। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने पत्रकार की हत्या पर मामले की जांच कर, प्रदेश सरकार एवं प्रशासन से घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पत्रकारों की आवाज जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन हर स्तर पर उठाएगा। उन्हें न्याय दिलाने का कार्य करेगा। संगठन के प्रवक्ता देवकीनंदन पांडे ने पत्रकार की हत्या लोकतंत्र की हत्या तथा चौथे स्तंभ को कमजोर करने का षड्यंत्र बताया। कार्यक्रम में जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन के संरक्षक  जोगिंदर सिंह खालसा, शिव शंकर मिश्रा, विवेक विश्व पांडे, अशोक यादव, संगठन के उपाध्यक्ष रवि जायसवाल, कोषाध्यक्ष एवं विधि सलाहकार नरसिंह नारायण पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता देवकीनंदन पांडे, प्रदेश के पदाधिकारी एवं जिले के पदाधिकारी, संगठन के सदस्य तथा सैकड़ो की संख्या में विभिन्न संस्थानो के सम्मानित पत्रकार उपस्थित रहे।