*दो दिवसीय प्रशिक्षण में दी गयी विधिक जानकारी*
सुल्तानपुर,एडीजे प्रथम संतोष कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण के अवसर पर बहुत सारी बधाईयां,आपके भविष्य के लिए एक लिए बेहतर अवसर हैं। इसलिए यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप प्रशिक्षण दाताओं से जरूर पूछें। जिससे समाधान के प्रति आप जागरूक हो। एडीजे विजय कुमार गुप्ता ने सभी पीएलवी को बधाई देते हुए कहा कि आपका कार्य दायित्व क्या है, उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। पीएलवी की ड्यूटी जेल में, थाने पर, सैनिक कल्याण बोर्ड, अस्पताल में, लीगल हेड क्लिनिक, सखी सेंटर, सहित आपको कमजोर वर्ग की सहायता के लिए आपको कार्य करना हैं। कानून का उलंघन करने वालों की जानकारी आप विधिक प्राधिकरण ओर कानूनी एजेंसियों को दे सकते है। पीड़ित लोगों के प्रार्थना पत्र लिखकर उसकी मदद करेंगे, पीड़ित व्यक्ति को समुचित अधिकारियों से मिलवाने का कार्य करेंगे, आपके आचरण के साथ आपका कुछ दायित्व भी दिया हैं।
आप आपके दायित्वों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वाहन करेंगे और अपने पद का दुर्योपयोग नहीं करना है, अपने परिचय पत्र का गलत उपयोग कदापि न करें।
न्यायिक अधिकारी आरपी शुक्ला ने कहा कि नई भर्ती को हार्दिक बधाई एवं पुराने को शुभकामनाएं देता हूं, साथ ही भारतीय संविधान के तहत पीएलवी की उत्पति कहा से हुई, ओर यह संविधान की जानकारी दिया। मेरी उम्र 76 की हो गई है। जेल विजिटर ध्यान देंगे तो जेल में किसी महिला का बच्चा है तो उसको जानकारी बाल कल्याण विभाग को दी, भारत अनन्त कालीन है, प्राचीन भारत कभी अमिट नहीं हुआ हैं। वह मानव जाती के लिए कुछ न कुछ करती आ रही है। रविन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था कि भारत एक दिन विश्व गुरु बनकर रहेगा।
भारतीय संविधान में कई दायित्व दिया गया है। इसमें बिना किसी भेद भाव के अधिकार दिया गया हैं। जिसका उपयोग नागरिकों के लिए सुरक्षित है। जनहित में विभिन्न व्यवस्थाएं लागू की गई है। पीएलवी एक सामान्य नागरिक के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। पीएलवी द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता देना आपकी जिम्मेदारी है। सामान्य न्याय और पीएलवी की भूमिका में कोई विधिक सहायता से वंचित न हो।पीलीवी मुफ्त कानूनी सहायता पहुंचाने में मुख्य भूमिका अदा करता है। अनुच्छेद 14 व 21, अनुच्छेद 51 ए, 39 ए में कहा कि नागरिकों का दायित्व है कि संविधान का सम्मान करे और उसका अनुपालन करें।
मध्यस्त हरिराम सरोज बाबू ने कहा कि पीएलवी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रीढ़ है। हर तहसील में विधिक सेवा समिति का कोई कार्यालय है कि नहीं, हर तहसील में एक कार्यालय को स्थापित करना आवश्यक हैं। इससे लोग आपको ढूंढ कर आयेंगे न कि आपको लोगो को ढूंढना पड़े। अपने प्रभाव को अपने तैनाती स्थल पर बनाए, जिससे आपको कार्य करने में सुगम हो सके।प्राधिकरण के सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि नालसा एवं सालसा के अंतर्गत 357 सीआरपीसी के तहत धाराओं में कई प्रावधान दिया गया है। तीन प्रकार से सहायता दी जाती हैं। लीगल हेड डिफेंस काउंसिल कार्य कर रहे है। ऐसे अभियुक्त जो असहाय है। जिनकी सहायता करना बेल करना, उनका मुकदमा निःशुल्क लड़ना रहता है। मुकदमों की परवी करना और उच्च स्तर पर हुई बंदियों का मुकदमे की पैरवी करते है।चीफ लीगल हेड डिफेंस काउंसिल तारकेश्वर सिंह ने कहा कि मूल समस्या जहां होती है वहां पीएलवी कार्यकर्ता है। आपको समाज सेवा का एक माध्यम मिला हुआ है। निःशुल्क न्याय में जरूरी है कि निशुल्क न्याय के दायरे में शारीरिक रूप से दिव्यांग हो, असहाय महिला, एससी एसटी, अत्याधिक गरीब, को मदद करना है। कानूनी जागरूकता फैलाना पीएलवी का कार्य हैं। आप अपने अधिकारों का सकारात्मक उपयोग करें। 39 ए के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा का गठन किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के विधिक की जानकारी नहीं है। उन्हें कानून के प्रति जागरूक करना भी एक पुनीत कार्य है।पीएलवी सतीश पांडेय ने कहा कि कई शिकायतें ग्रामीण क्षेत्र से आती है। जिसके प्रति हम लोगों को निःशुल्क एवं निष्पक्षता के साथ कार्य करना है। जरूरत मंदो की मदद करना है। किसी की भी गलत पैरवी न की जाए, स्थलीय निरीक्षण करिए, निष्पक्षता को आंकिए, हमें कानून के दायरे में रह कर कार्य करना है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी बीपी वर्मा ने कहा कि योजनाओं की जानकारी को सीमित न रखें, आपको सरकारी योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना है। लोग समाज सेवा अपनी जेब से पैसा खर्च कर करते है। और हम लोगों को सरकार पैसा देकर समाज सेवा करवा रही है। सुदूर बैठे अंतिम लोगो को योजनाओं का लाभ दिलवाए। महिला कल्याण विभाग से निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन योजना के बारे ने विस्तृत जानकारी दी गई है। सरकार योजना इसलिए लाती है जिससे जरूरतमंदों के छोटी छोटी जरूरतों की पूर्ति हो सके, और योजनाओं को चलाया जा सके। सभी गांवों में मिनी सचिवालय बना हुआ है, जहां पंचायत सजायक है, उनके माध्यम से सरकारी योजनाओं को पात्रता अनुसार ऑन लाइन फॉर्म भरकर आवेदन कर सकते है। मुख्य मंत्री कोविड सेवा योजना के अंतर्गत कोविड कॉल के दौरान किसी के भी माता पिता के निधन पर जनपद के 128 में से 94 बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा, भरन पोषण के लिए चार हजार रुपया दिया जा रहा है। मौके पर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य चल रही है। सेक्स रेशियों को सामान्य रखने के लिए मुख्यमंत्री सुमंगला योजना चल रही है। इसमें छः चरणों में पैसा दिया जाता है। पहले 5 हजार दर्शन एक वर्ष पूरा होने और सभी टिका लगने पर दूसरा चारण पूरा होना तो 2 हजार, कक्षा 1 में तीन हजार, कक्षा दो में पांच हजार, इस प्रकार से अन्य चरणों की प्रक्रिया पूर्ण होने पर 25 हजार रुपए पारितोषक के रूप में मिलता रहता हैं। इस जिले में सेक्स रेशियों है एक हजार पुरुष पर 985 महिलाओं की संख्या पहुंच गई है। सखी वन स्टाफ सेंटर पीड़ित महिलाओं के लिए खोला गया है। 181 के द्वारा रेस्क्यू करके महिला को लाया जाता है। पांच दिनों तक रखा जाएगा और उनकी काउंसलिंग की जाती है। श्रीमती भाव्या श्रीवास्तव सिविल जज प्र.ख.एफटीसी जनपद न्यायाधीश सुलतानपुर ने कहा कि घरेरू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम पर बताया कि सन 2005 के तहत इस घरेरु हिंसा में महिलाओं न्याय जल्द मिल सके। घरेलू हिंसा के तहत दंड का प्रावधान है। घरेलू नाते दारी में मां, बहन, पति हो सकते है। महिलाओं के साथ की जा रही मानसिक, शारीरिक, व आर्थिक प्रताड़ना भी घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है। धारा 12 के तहत काउंसलिंग की जिक्र किया गया। साथ ही पति पत्नी के बीच मध्यस्थता की जाती है। घर परिवार के छोटी छोटी बातें होती रहती है, लेकिन विवाद इतना न बढ़े कि आगे चलकर आपराधिक वारदात का रूप ले लें। आज के बदलते परिवेश में जरूरी नहीं कि सभी मुकदमे सही हो या जरूरी नहीं कि सभी मुकदमे झूठ हो, यदि हम सुलह समझौता करवा कर अधिक से अधिक विवादों को सुलझा कर विवादों खत्म करवाया जा सकता है। प्रताड़ना के दौरान विवाहिता को घर से निकाल दिया जाता है।
ऐसे स्थिति में पति के संपति में पत्नी का अधिकार होता है। मानसिक रूप से न्यायालय द्वारा कार्यवाही की जाती है। महिला को मारने पीटने की घटना में तहरीर दे सकती है। धारा 23 के तहत व धारा 25 के तहत भी कई व्यवस्था दी गई है। धारा 32 व 34 के तहत कोई बात नहीं मानता है। तो उसपर कार्यवाही की जा सकती है।
Sep 19 2025, 15:54