धान की फसल में अमोनियम सल्फेट का प्रयोग रामबाण की तरह कारगर-के.के.सिंह जिला कृषि अधिकारी।

किसान भाई पहले इसका उपयोग करें, प्रभाव देखें, फिर स्वयं विश्वास करें- जिला कृषि अधिकारी।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।जिला कृषि अधिकारी प्रयागराज के.के. सिंह ने किसानों से अपील की है कि फसलों की उत्पादकता और मिट्टी की सेहत बनाए रखने के लिए अब किसान यूरिया के स्थान पर अमोनियम सल्फेट का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि यूरिया का अंधाधुंध प्रयोग फसल की उपज घटाने के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषित करता है। श्री सिंह ने बताया कि धान की फसल में अमोनियम सल्फेट का प्रयोग रामबाण की तरह कारगर है।इससे धान को लंबे समय तक संतुलित पोषण मिलता है और पैदावार बढ़ती है। के.के.सिंह ने किसानों से कहा कि “किसान भाई पहले इसका उपयोग करे प्रभाव देखे फिर स्वयं विश्वास करें।यह न केवल सस्ता है बल्कि उपज भी अधिक देता है और मिट्टी की उर्वरता तथा पर्यावरण दोनों को सुरक्षित रखता है।
क्यों है अमोनियम सल्फेट अधिक लाभकारी?
1. नाइट्रोजन की मात्रा व उपयोगिता
एक बोरी यूरिया में लगभग 23 किलो नाइट्रोजन होता है, परंतु इसमें से केवल 20–25% ही फसल को उपलब्ध हो पाता है।
जबकि अमोनियम सल्फेट की एक बोरी में 10.5 किलो नाइट्रोजन और 11.5 किलो सल्फर होता है। इसमें से 80–90% नाइट्रोजन फसल को प्राप्त होता है।
2. नाइट्रोजन का स्वरूप
यूरिया में नाइट्रोजन नाइट्रेट रूप में होता है, जो तुरंत मिट्टी में रिसकर नीचे चला जाता है और हवा व धूप के संपर्क में आकर उड़ जाता है।
अमोनियम सल्फेट में नाइट्रोजन अमोनियम रूप में होता है, जो नमी युक्त मिट्टी में टिककर धीरे–धीरे पौधों को मिलता है।
3. सल्फर की उपलब्धता
यूरिया में सल्फर बिल्कुल नहीं होता।
अमोनियम सल्फेट में 11.5 किलो सल्फर होता है, जिससे अलग से सल्फर डालने की आवश्यकता नहीं रहती।
4. लागत की तुलना (प्रति एकड़)
25 किलो यूरिया + 5 किलो सल्फर डालने पर लागत लगभग ₹615 आती है।
वही 25 किलो अमोनियम सल्फेट डालने पर लागत केवल ₹475 आती है।
5. उत्पादकता व पर्यावरण पर असर
लगातार यूरिया प्रयोग से खेत की उत्पादकता घटती है और वातावरण प्रदूषित होता है।
अमोनियम सल्फेट न केवल वातावरण को सुरक्षित रखता है बल्कि उत्पादकता में 20–25% तक की बढ़ोतरी करता है।
प्रयागराज के नारीबारी चतुर्वेदी मार्केटिंग सहित विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं के पास यह उर्वरक ₹950 एमआरपी पर उपलब्ध है, जो लगभग दो एकड़ खेत में प्रयोग किया जा सकता है।
Sep 10 2025, 18:45