भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, सतलुज नदी को लेकर पाकिस्तान को किया सतर्क, जानें पूरा मामला
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देश के सभी राज्यों में मॉनसून में तेजी देखी जा रही है। पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हो रही है। हालांकि, कई राज्यों में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इसके बावजूद भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश के प्रति दरियादिली दिखाई है। भारत ने सतलुज नदी में बाढ़ आने की अधिक आशंका को लेकर पाकिस्तान को आगाह किया है।
मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट किया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भारत प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ रहा है। भारत ने पिछले सप्ताह तवी नदी में संभावित बाढ़ के लिए तीन अलर्ट जारी किए थे। मंगलवार को जारी की गई चेतावनी सतलुज नदी में आने वाली संभावित बाढ़ को लेकर थी।
सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद दिखाई मानवता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे, के मारे जाने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के साथ जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के नियमित आदान-प्रदान को स्थगित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि निलंबन के बावजूद, जान-माल की हानि को रोकने के लिए मानवीय आधार पर पाकिस्तान को बाढ़ की ताजा चेतावनी से अवगत कराया गया।
सतलुज नदी में पहले ही बाढ़ ने मचाई है तबाही
सतलुज नदी में पहले ही आई भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के बहावलनगर जिले में कहर बरपाया है, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों निवासी विस्थापित हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, सतलुज नदी के खतरनाक स्तर तक उफान पर होने के कारण चिश्तियां शहर भी भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। नदी की तेज़ धाराओं ने तेज़ी से कटाव शुरू कर दिया है, जबकि मोतियांवाला पट्टन और मोज़ा अज़ीम में सुरक्षात्मक तटबंध टूट गए हैं। तटबंधों के टूटने से 100 से ज़्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं और सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं।
पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात
बता दें कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में लगाातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और व्यास नदियां और छोटी मौसमी नदियां अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा बरसाती नालों में उफान के कारण पंजाब राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सहित कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पंजाब में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
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