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उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पर बोले राहुल गांधी: 'राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, सामूहिक प्रतिक्रिया की है जरूरत '

#rahulgandhionairpollutioninnorth_india

Rahul Gandhi (ANI)

"उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है - एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है, और एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है जो अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रही है," गांधी ने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर लिखा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है जिसके लिए राजनीतिक दोषारोपण की बजाय सामूहिक प्रतिक्रिया की जरूरत है। उत्तर भारत के कई शहर, खासकर दिल्ली और उसके आसपास के शहर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा गरीब लोग पीड़ित हैं, जो अपने आसपास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते हैं, उन्होंने कहा कि जहरीली हवा पर्यटन और वैश्विक प्रतिष्ठा में भी गिरावट ला रही है। परिवार स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की जान जा रही है। पर्यटन में गिरावट आ रही है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा गिर रही है,” उन्होंने लिखा।

“प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए सरकारों, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों की ओर से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता होगी। हमें राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, बल्कि सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है,” गांधी ने कहा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि जैसे ही संसद कुछ दिनों में शीतकालीन सत्र के लिए बुलाई जाएगी, सांसदों को उनकी चिढ़ भरी आँखों और गले में खराश से संकट की याद आ जाएगी। गांधी ने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए कैसे समाप्त कर सकता है।”

दिल्ली वायु प्रदूषण

दिल्ली का AQI 16 नवंबर से गंभीर था, जो बुधवार तक लगातार पाँच दिन बना रहा। 15 नवंबर को औसत AQI 396 (बहुत खराब) था। दिसंबर 2021 (21-26) और नवंबर 2020 (5-10) में, दिल्ली में लगातार छह दिन गंभीर दर्ज किए गए। सात दिनों की सबसे लंबी अवधि नवंबर 2017 और नवंबर 2016 में थी।

"गंभीर प्लस" श्रेणी ने दिल्ली में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण IV प्रतिबंध लागू करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूल बंद करना और वाहनों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: जीत के दावों के बीच मतदाताओं का जताया हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने आभार,...? जानिए किसने क्या कहा...!

झारखंड डेस्क

रांची। चुनाव का परिणाम भले ही 23 नवंबर को आयेगा, लेकिन अभी से ही जीत के दावे दोनों पार्टियों की तरफ से होने लगे हैं। इस बार जिस तरह से बंपर वोटिंग हुई है, 

उसे राजनीतिक पंडित अलग-अलग अंदाज में व्याख्या कर रहा है। कोई इसे एंटी इनकंबेसी बता रहा है, तो कोई महतारी वंदन योजना का कमाल। इन सब के बीच भाजपा और झामुमो ने दोनों मतदाताओं को बधाई दी है।

हेमंत सोरेन ने क्या कहा..?


शानदार! झारखण्ड की पावन धरती पर लोकतंत्र का यह महापर्व अद्भुत रहा। दोनों चरणों में राज्य की जनता ने अपनी आकांक्षाओं और आशाओं को मतदान के माध्यम से अभिव्यक्त किया है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि एक नए, समृद्ध और सशक्त झारखण्ड के निर्माण का संकल्प है।

बुजुर्ग, युवा, श्रमिक , महिला, किसान – सभी ने उत्साह और उमंग के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में अपना अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया। 

सभी ने, खासकर, राज्य की आधी आबादी – हमारी मंईयां ने बढ़-चढ़कर अपने हक-अधिकार, मान और सम्मान के लिए ऐतिहासिक रूप से झामुमो और INDIA गठबंधन को अपना असीम आशीर्वाद दिया।

हम दृढ़ता से प्रण लेते हैं कि अमर वीर शहीदों के बलिदान को साकार करेंगे, महान क्रांतिकारियों के सपनों को पूरा करेंगे, आंदोलनकारियों की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देंगे और मिलकर बनाएंगे एक नया, सोना झारखण्ड! 

इस पावन अवसर पर मैं नतमस्तक हूं – प्रत्येक मतदाता के प्रति, कर्तव्यनिष्ठ मतदानकर्मियों के प्रति, झामुमो और INDIA गठबंधन के समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति, और सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के प्रति, जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूत किया है। जीत रहा है, जीतेगा झारखण्ड! जोहार! जय झारखण्ड! जय हिन्द!

बाबूलाल मरांडी ने भी कही अपनी बात


झारखंड विधानसभा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए मैं सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की।

साथ ही, मैं उन सभी मतदान कर्मियों का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक पालन करते हुए मतदान प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराया। समस्त मीडिया बंधुओं ने भी निष्पक्षता के साथ चुनाव सम्पन्न कराने में महती भूमिका निभाई, इसके लिए मीडियाकर्मियों का भी आभार! मैं, विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहता हूं, धनवार विधानसभा की महान जनता का जिन्होंने मुझे अथाह प्रेम और समर्थन दिया।

अंत में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ताओं का हृदयतल से आभार! आप सबने झारखंड की रोटी, बेटी और माटी बचाने का संकल्प लेकर तानाशाही सरकार के विरुद्ध जिस मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी, वह अत्यंत प्रशंसनीय और सराहनीय है। पुनः आप सबका हार्दिक आभार! धन्यवाद!

कहां थमेगा कनाडा? अब पीएम मोदी का नाम लेकर लेकर चली चाल, रिपोर्ट को भारत सरकार ने किया खारिज*
#nijjar_murder_case_india_strongly_rejects_new_canadian_media_report *
निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी बढ़ती ही जा रही है। वैसे कनाडा शायद यही चाहता भी है। तभी तो जस्टिन ट्रूडो आए दिन कोई ना कोई ऐसा धमाका कर रहें हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में दरार और गहती होती जाए। जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार लगातार भारत को बदनाम करने में लगी है।इस बीच कनाडा ने भारत के खिलाफ एक और जहर उगला है। एक कनाडाई अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत के शीर्ष नेतृत्व को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में पता था। अखबार ने आरोप लगाया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के प्लान के बारे में पहले से जानकारी थी। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई मीडिया का यह रिपोर्ट भारत को बदनाम करने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस तरह के बयान को खारिज करते हैं। यह एक तरह का हास्यास्पद बयान है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह का दुष्प्रचार अभियान पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के लिए और नुकसान देह साबित होगा। बता दें कि द ग्लोब एंड मेल नाम के कनाडा के अखबार ने मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र था कि निज्जर की हत्या से जुड़े कथित प्लॉट के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोवाल को जानकारी थी। और सेक्योरिटी एजेंसियों को लगता है कि इसकी जानकारी पीएम मोदी को भी हो सकती है। रिपोर्ट में ये दावे बिना नाम दिए कनाडा के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर के हवाले से किए गए हैं। निज्जर की हत्या के मामले में यह पहली बार है जब सीधे पीएम मोदी पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसे लेकर कानाडा सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। इससे पहले कनाडा की संसदीय समिति के सामने वहां के उप विदेशमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी ऐसी ही टिप्पणी कर चुके हैं। भारत ने इन पर भी कड़ी आपत्ति जताते हुए इन्हें बेतुका और निराधार बताया था। बीते दिनों विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को निराधार करार देते हुए कनाडा सरकार के समक्ष आधिकारिक तौर पर विरोध भी दर्ज करवाया था। 18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद कनाडा की ओर से लगातार इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के आपसी रिश्तों में तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई है।
झारखंड में दोनों चरणों के चुनाव हुए समाप्त, जाने जनता ने किसे दिया अपना जनादेश, किसकी बनेगी सरकार*

रिपोर्टर जयंत कुमार रांची : झारखंड में दोनों चरणों का मतदान हुआ समाप्त। मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। पहले चरण के लिए 13 नवंबर को मतदान हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान किया गया था। दूसरे चरण में झारखंड में शाम पांच बजे तक 67.59 प्रतिशत मतदान हुआ है। विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के चुनाव में 66.65% मतदान दर्ज हुआ था तो वही दूसरे चरण 68.45 फीसदी मतदान हुआ। झारखंड के 81 विधानसभा में, किसी भी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की आवश्यकता होगी। झारखंड चुनाव में झामुमो, राजद, कांग्रेस,और माले का महागठबंधन और बीजेपी, जेडीयू,आजसू और लोजपा का एनडीए गठबंधन आमने-सामने है। दोनों पार्टियां अपने - अपने गठबंधन के जीत के दावे कर रहे है। वही मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल के रिपोर्ट भी सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। वहीं, चौथे एग्जिट पोल में INDIA गठबंधन की मजबूत स्थिति बताई गई है। झारखंड में IANS- मैट्रिज ने एनडीए को 45-50 सीटें दी हैं। वहीं लोक पोल के अनुसार झारखंड में इंडिया गठबंधन की दोबारा सरकार बनने के साथ ही गंठबंधन को 41-44 सीटें दी है।पीपुल प्लस ने एनडीए को 44-53 सीटें दी है। वहीं इंडिया गठबंधन को 25-37 सीटों का अनुमान लगाया गया है। वहीं चाणक्य स्ट्रैटेजीज के एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को 35 से 38, एनडीए को 45 से 50 और अन्य को 3 से पांच सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। मतगणना की तारीख 23 नवंबर को उसी दिन पता चलेगा कि सरकार किसकी बनेगी। जनता ने अपना जनादेश किसे दिया है।
झारखंड विधान सभा में किसकी हार किसकी जीत फैसला 23 नवम्बर को*,

*लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार सरकार बन रही एनडीए की..देखिये क्या होता है जनता का फैसला...?* झारखंड डेस्क झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में सम्पन्न हो गया,81 विंधानसभा सीट पर अपने किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा ईवीएम मशीन में कैद हो गया।जो 23 को खुलेगा।इस पूरे चुनाव के दौरान पक्ष हो या विपक्ष अथवा कथित तीसरा मोर्चा सभी ने जम कर अपने अस्त्र शस्त्र का प्रयोग कर इस जंग को जीतने का प्रयास किया।सभी के अपने अपने दावे थे।एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला,अपने को बेहतर और जंग के मैदान में विरोधी को बुरा करने के दौर में लोग ये भी भूल गए की शब्दों की मर्यादा और तथ्यों की विश्वसनीयता को अब जनता समझने लगी है। सो इस मैराथन में फैसला अब जनता जनार्दन को लेना था सो लिया।और उसका परिणाम 23 को आएगा। अब बात करें मतदान के बाद जीत किसकी होगी इसकी तो उसके लिए जितनी जिज्ञासा चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को है उससे से कहीं ज्यादा आम जनता को भी है। इसीलिए लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया सटोरियों ने सटा लगाना शुरू कर दिया। क्या कहता है एग्जिट पोल एग्जिट पोल में अलग एजेंसियों के अलग अलग अनुमान है।अधिकतर एग्जिट पोल में NDA को जीतता हुआ दिखाया जा रहा है,कुछ कांटे का संघर्ष बता रहा है तो कुछ इस बार निर्दलीय को किंग मेकर की भूमिका में दिखा रहा है।इस बार जयराम महतो की पार्टी जिस तेबर और जिस तरह सभाओं में भीड़ जुटा कर सब की हवा निकाल रहा था उसे वोट में वे तब्दील कर पाएंगे या नही यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा लेकिन इतना तो है कि जयराम महतो ने इंडिया गठबंधन का खेल जरूर बिगाड़ दिया है ।अगर आज इंडिया गठबंधन पिछड़ता हुआ दिख रहा है तो उसका मूल कारण है जयराम महतो, उसने ही यहां सेंधमारी की है। आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) और एनडीए (NDA) के बीच टक्कर है। अगर एग्जिट पोल की बात करें तो इस प्रकार है। MATRIZE का एग्जिट पोल: MATRIZE के एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड में बीजेपी गठबंधन को 27-42 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस गठबंधन को 25-30 सीटें और अन्य के खाते में 1-4 सीटें जाती दिख रही हैं। CHANAKYA STRATEGIES का एग्जिट पोल: CHANAKYA STRATEGIES के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी+ को 45-50 सीटें, कांग्रेस+ को 35-38 सीटें और अन्य के खाते में 3 से 5 सीटें। AXIS MY INDIA का एग्जिट पोल: AXIS MY INDIA के एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड में आईएनडीआई गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है। एग्जिट पोल में आईएनडीआईए को 53 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए को 25 सीटें मिलने का अनुमान है। पीपुल्स पल्स का एग्जिट पोल: एनडीए को 44 से 53 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, आईएनडीआईए को 25 से 37 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 5 से 9 सीटें आ सकती हैं। जेवीसी का एग्जिट पोल: एनडीए के सीटों की संख्या 40 से 44 हो सकती है, जबकि आईएनडीआईए को 30 से 40 सीटे दी गई हैं। वहीं, अन्य के खाते में 1 सीट आ सकती है। C Voter का एग्जिट पोल: C Voter के एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 36 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, आईएनडीआईए को 26 सीटें मिलने का अनुमान है। पोल के अनुसार, 20 सीटों पर कांटे की टक्कर होगी। एनडीए गठबंधन में कौन-सी पार्टियां हैं? भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, आजसू पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)। आईएनडीआईए में कौन-सी पार्टियां हैं? झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा-माले। उल्लेखनीय है कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर कुल 1211 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद है। 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। *झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 का परिणाम* गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी। बीजेपी ने 25 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस 16 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही। लालू यादव की पार्टी राजद को महज 1 सीट से संतोष करना पड़ा। इनके अलावा, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक 3, ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन 2, भाकपा लेनिनवादी 1, एनसीपी 1 सीट पर सिमट गई। चुनाव में दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। *Streetbuzz का ओपेनियन* Streetbuzz news का मानना है कि इस बार मतदान के अंतिम समय में वोटों का धुर्वीकरण हुआ।इसलिए जयराम महतो की भीड़ इस बार वोट वैंक नही बन सका। चुनाव में जयराम महतो का खाता खुल सकता है लेकिन बहुत कम मर्ज़ीन से। जनता के वोट का धुर्वीकरणV इंडिया वर्सेज एनडीए हो गया अंतिम समय में भाजपा के अंदर की बगाबत भी भाजपा के वोटवेंक पर चोट नही कर सका और कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को यह कहते सुना गया कि हम वोट मोदी को दे रहे हैं।यानी मोदी का जलवा जारी रहा। सरकार एनडीए की बनती दिख रही है और इंडिया का भूमिका एक मज़बूत विपक्ष जे रूप में झारखंड में दिख रहा है।मइयां योजना की काट गोगो का जादू भी चल गया।वाकी फैसला जनता जनार्दन का है देखिये 23 को क्या होता है ।
भारत के प्रति अचानक क्यों प्रेम दिखाने लगा चीन, कहीं ट्रंप की वापसी का तो नहीं है असर?*
#india_china_relations_and_donald_trump_factor
अमेरिका में फिर से डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी का वैश्विक असर देखा जा रहा है। हर देश ट्रंप के साथ अपने हितों को साधने के लिए कोशिश कर रहा है। चीन को सबसे ज्यादा डर कारोबार को लेकर है। माना जा रहा है कि जनवरी में राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद ट्रंप चीन पर लगने वाला टैरिफ शुल्क बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पहले से ही धीमी आर्थिक गति की मार झेल रहे चीन के लिए यह बड़ा धक्का होगा। ऐसे में चीन की अकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। खासकर भारत के साथ ड्रैगन के तेवर में तेजी से बदलाव हुए हैं। *भारत-चीन के बीच कम हो रही कड़वाहट* भारत और चीन के बीच संबंधों की बात करें तो सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ अक्सर उसके संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे है, लेकिन अचनाक से भारत और चीन के बीच कड़वाहट कम होती दिख रही है। पहले दोनों देशों के बीच एलएसी पर सहमति बनी है। बीते माह दोनों देशों ने एलएसी के विवाद वाले हिस्से से अपनी-अपनी सेना वापस बुला ली। फिर रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई। अब दोनों देश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने पर जोर बढ़ रहा है। अब ब्राजील में जी20 देशों की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदियों के जल बंटवारे और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने के मुद्दों पर बात बढ़ी है। चीन की ओर से भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम हो रहा है। *चीन के ढीले पड़े तेवर की क्या है वजह?* चीन के ढीले पड़े तेवर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है। दरअसल, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, तब से चीन डरा हुआ है। अपने पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर नकेल कसने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यही वजह है कि अब चीन ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका के साथ मधुर संबंधों को बनाए रखने की बातें करने लगा है। इसके लिए वह भारत से भी तनाव कम करने के लिए तैयार है। अमेरिका में आगामी ट्रंप प्रशासन का दबाव कम करने के लिए चीन अब भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है।यह बात अमेरिका-भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कही। *ट्रंप का वापसी से डरा ड्रैगन* अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने सत्ता संभालने से पहले ही इसकी झलक दे दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति बनते ही वह चीन से होने वाले सभी आयात पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। उनका कहना है कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अमेरिका को चीनी माल के लिए डंपिंग स्थन नहीं बनने देंगे। *भारत के साथ संबंध सुधारने की ये है वजह* शी जिनपिंग समझ चुके हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले से हिली हुईं है। चीन का विकास दर घटता जा रहा है। 22 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चीन की विकास दर गिरावट के साथ 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारत का जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रह सकता है। अमेरिका की ओर से दवाब बढ़ने की आशंकाओं में चीन के पास भारत के साथ संबंधों को सुधराने के अलावा कोई बेहतर विकल्प नहीं बचता। भारत में चीनी निवेश के सख्त नियम है, और भारत जैसे बढ़ते बाजार में चीन अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। ऐसे में संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहा है। *यूएस से होने वाले नुकसान की यहां होगी भरपाई* इस वक्त भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। चीन के लिए भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है। वह इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है। वैसे चीन एक बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। बीते साल 2023 में उसका कुल निर्यात 3.38 ट्रिलियन डॉलर का रहा। भारत की कुल अर्थव्यवस्था ही करीब 3.5 ट्रिलिनय डॉलर की है। चीन और अमेरिका के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है। यूरोपीय संघ भी उसका एक सबसे बड़ा साझेदार है। लेकिन भारत दुनिया में एक उभरता हुआ बाजार है।चीन आने वाले दिनों में अमेरिका में होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई भारत को निर्यात बढ़ाकर कर सकता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और चीन के रिश्ते में नरमी का कहीं यही राज तो नहीं है।
भारत के प्रति अचानक क्यों प्रेम दिखाने लगा चीन, कहीं ट्रंप की वापसी का तो नहीं है असर?

#indiachinarelationsanddonaldtrumpfactor

अमेरिका में फिर से डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी का वैश्विक असर देखा जा रहा है। हर देश ट्रंप के साथ अपने हितों को साधने के लिए कोशिश कर रहा है। चीन को सबसे ज्यादा डर कारोबार को लेकर है। माना जा रहा है कि जनवरी में राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद ट्रंप चीन पर लगने वाला टैरिफ शुल्क बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पहले से ही धीमी आर्थिक गति की मार झेल रहे चीन के लिए यह बड़ा धक्का होगा। ऐसे में चीन की अकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। खासकर भारत के साथ ड्रैगन के तेवर में तेजी से बदलाव हुए हैं।

भारत-चीन के बीच कम हो रही कड़वाहट

भारत और चीन के बीच संबंधों की बात करें तो सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ अक्सर उसके संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे है, लेकिन अचनाक से भारत और चीन के बीच कड़वाहट कम होती दिख रही है। पहले दोनों देशों के बीच एलएसी पर सहमति बनी है। बीते माह दोनों देशों ने एलएसी के विवाद वाले हिस्से से अपनी-अपनी सेना वापस बुला ली। फिर रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई। अब दोनों देश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने पर जोर बढ़ रहा है। अब ब्राजील में जी20 देशों की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदियों के जल बंटवारे और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने के मुद्दों पर बात बढ़ी है। चीन की ओर से भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम हो रहा है।

चीन के ढीले पड़े तेवर की क्या है वजह?

चीन के ढीले पड़े तेवर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है। दरअसल, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, तब से चीन डरा हुआ है। अपने पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर नकेल कसने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यही वजह है कि अब चीन ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका के साथ मधुर संबंधों को बनाए रखने की बातें करने लगा है। इसके लिए वह भारत से भी तनाव कम करने के लिए तैयार है। अमेरिका में आगामी ट्रंप प्रशासन का दबाव कम करने के लिए चीन अब भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है।यह बात अमेरिका-भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कही।

ट्रंप का वापसी से डरा ड्रैगन

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने सत्ता संभालने से पहले ही इसकी झलक दे दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति बनते ही वह चीन से होने वाले सभी आयात पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। उनका कहना है कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अमेरिका को चीनी माल के लिए डंपिंग स्थन नहीं बनने देंगे।

भारत के साथ संबंध सुधारने की ये है वजह

शी जिनपिंग समझ चुके हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले से हिली हुईं है। चीन का विकास दर घटता जा रहा है। 22 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चीन की विकास दर गिरावट के साथ 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारत का जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रह सकता है। अमेरिका की ओर से दवाब बढ़ने की आशंकाओं में चीन के पास भारत के साथ संबंधों को सुधराने के अलावा कोई बेहतर विकल्प नहीं बचता। भारत में चीनी निवेश के सख्त नियम है, और भारत जैसे बढ़ते बाजार में चीन अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। ऐसे में संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहा है।

यूएस से होने वाले नुकसान की यहां होगी भरपाई

इस वक्त भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। चीन के लिए भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है। वह इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है। वैसे चीन एक बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। बीते साल 2023 में उसका कुल निर्यात 3.38 ट्रिलियन डॉलर का रहा। भारत की कुल अर्थव्यवस्था ही करीब 3.5 ट्रिलिनय डॉलर की है। चीन और अमेरिका के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है। यूरोपीय संघ भी उसका एक सबसे बड़ा साझेदार है। लेकिन भारत दुनिया में एक उभरता हुआ बाजार है।चीन आने वाले दिनों में अमेरिका में होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई भारत को निर्यात बढ़ाकर कर सकता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और चीन के रिश्ते में नरमी का कहीं यही राज तो नहीं है।

फिर से जल्द शुरू होगी भारत-चीन सीधी उड़ान और मानसरोवर यात्रा?चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर ने की मुलाकात

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भारत-चीन संबंध पटरी पर आते दिख रहे हैं। अब जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू हो सकती है। दरअसल, दोनों देश सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी सहमति के करीब पहुंच गए हैं। ब्राजील में संपन्न जी20 समिट में दुनिया के तमाम राष्‍ट्रध्‍यक्षों ने एक-दूसरे से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने सीमा तनाव कम करने में हालिया प्रगति पर चर्चा की। साथ ही भारत और चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट शुरू करने जैसे अहम मुद्दे पर भी बात की।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्रियों की चर्चा मतभेद दूर करने, संदेह मिटाने वाले और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हुए द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने वाले कदम उठाने पर केंद्रित थी। इस दौरान कैलास मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें शुरू करने, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करने और मीडिया आदान-प्रदान आदि पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक में बनी सहमतियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में कई प्रमुख कदमों पर चर्चा की गई, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल हैं। यह बैठक खास तौर से अहम थी, क्योंकि पिछले कुछ सालों से कोविड-19 महामारी की वजह दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर यात्रा निलंबित कर दी गई थीं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है। इस चर्चा का मुख्य विषय भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर था। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री स्तर की बैठक जल्द ही होगी।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर को सहमति बनने के कुछ दिनों बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली, जिससे दोनों टकराव बिंदुओं पर चार साल से अधिक समय से चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्षों के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी पुनः शुरू कीं।

Cortisol: The Stress Hormone and Its Impact on Your Health

 

by Harpreet Pasricha Nutritionist and dietitianCortisol, often referred to as the “stress hormone,” is produced by the adrenal glands and plays a vital role in managing stress, regulating metabolism, reducing inflammation, and controlling the sleep-wake cycle. While cortisol is essential for our body’s normal functioning, chronic high levels can lead to numerous health problems, including anxiety, depression, digestive issues, heart disease, and sleep disturbances.

 In this articke, we will explore cortisol’s functions, the potential harmful effects of chronically elevated levels, and natural ways to moderate cortisol. We will also discuss the importance of grounding, maintaining a healthy circadian rhythm, and gut health in cortisol regulation.

 

What Is Cortisol?

 Cortisol works with certain parts of the brain to control mood, motivation, and fear. It has several vital functions, including:

Managing Metabolism: Cortisol helps regulate how your body uses carbohydrates, fats, and proteins, ensuring that your energy needs are met.

Reducing Inflammation: It helps keep inflammation in check, reducing the risk of inflammatory diseases.

 

Regulating Blood Pressure: Cortisol plays a role in maintaining healthy blood pressure levels.

 

Increasing Blood Sugar: During stressful situations, cortisol increases blood sugar levels to provide energy for quick responses.

 

Controlling the Sleep-Wake Cycle: It plays a key role in regulating your circadian rhythm, helping you wake up in the morning and feel alert throughout the day.

 

Boosting Energy: Cortisol helps your body manage stressful situations by prioritizing immediate survival needs, such as energy production, while temporarily suppressing less essential functions like digestion and reproduction.

 

How Does Cortisol Work?

 

The hypothalamus and pituitary gland in the brain regulate cortisol levels. If cortisol levels are too low, these glands adjust hormone production, signaling the adrenal glands to release more cortisol. Cortisol receptors are present in most of your body’s cells and utilize cortisol in various ways depending on your needs.

 

For example, during a stressful event, cortisol helps prepare the body by suppressing non-essential functions, such as digestion, to allow the body to focus on responding to the stressor.

 

What Happens When Cortisol Levels Are High?

 

While short-term spikes in cortisol are beneficial for handling immediate stress, chronically elevated cortisol levels can have detrimental effects on your health. Some key health risks associated with high cortisol include:

 

Chronic Diseases: Prolonged high cortisol levels can increase the risk of high blood pressure, heart disease, type 2 diabetes, and osteoporosis.

 

Weight Gain: Cortisol can signal the body to store fat, particularly around the abdomen, leading to weight gain.

 

Sleep Disturbances: High cortisol levels can interfere with sleep, reducing both sleep quality and duration.

 

Cognitive Impairment: Elevated cortisol may contribute to “brain fog,” reducing mental clarity and making it difficult to concentrate.

 

Weakened Immune System: High cortisol can suppress the immune system, making you more vulnerable to infections.

 

Cushing Syndrome: Extremely high cortisol levels, typically caused by medication or a tumor, can lead to Cushing syndrome, characterized by rapid weight gain, skin changes, and muscle weakness.

 

Fatigue: Despite providing energy during stress, chronically elevated cortisol can eventually lead to feelings of fatigue and low energy.

 

Elevated cortisol levels are often the result of chronic stress, overuse of medications like corticosteroids, overactivity or dysfunction of the adrenal or pituitary glands, or certain medical conditions like obesity or Addison’s disease.

 

How to Naturally Lower Cortisol Levels?

 

Fortunately, there are several lifestyle changes and habits that can help regulate cortisol levels. Here are some natural ways to lower cortisol:

 

Healthy Diet

 

Anti-inflammatory Foods: Omega-3-rich foods like fatty fish, walnuts, and flaxseeds help reduce inflammation, which can in turn lower cortisol levels.

Magnesium-Rich Foods: Spinach, almonds, avocados, and other magnesium-rich foods can help reduce stress and regulate cortisol production.

Limit Sugar and Processed Foods: These can cause blood sugar spikes, leading to increased cortisol production. Reducing your intake of refined sugars and processed foods can help maintain stable cortisol levels.

 

Regular Exercise

 

Moderate Activity: Engaging in moderate exercise like walking, swimming, or yoga can help reduce cortisol levels and manage stress.

Avoid Overtraining: Intense, prolonged physical activity can actually raise cortisol levels, so balance is key.

 

Mindfulness and Relaxation

 

Meditation and Deep Breathing: These practices have been shown to lower cortisol levels by activating the parasympathetic nervous system, which counters the body’s stress response.

Progressive Muscle Relaxation and Visualization: Techniques like these can help reduce stress and cortisol production by promoting relaxation.

 

Adequate Sleep

 

Consistent Sleep Schedule: Aim for 7-9 hours of quality sleep per night to help maintain balanced cortisol levels.

Good Sleep Hygiene: Create a restful environment, avoid screens before bed, and establish a relaxing pre-sleep routine to promote better sleep.

 

Grounding: Connecting with the Earth

 

Grounding, or earthing, involves direct contact with the Earth’s surface, such as walking barefoot on grass or sand. Grounding is believed to allow free electrons from the Earth to enter the body, offering antioxidant effects.

Effects on Cortisol: Grounding has been shown to stabilize daily cortisol rhythms, improve sleep, reduce pain, and lower stress, making it a useful practice for regulating cortisol levels.

 

Circadian Rhythm: The Body’s Natural Clock

 

The circadian rhythm is the body’s internal clock that regulates the sleep-wake cycle and other physiological processes. Cortisol levels naturally peak in the early morning and decrease throughout the day.

 

Impact on Cortisol: Disruptions to your circadian rhythm, such as irregular sleep patterns or nighttime light exposure, can dysregulate cortisol production. Maintaining a regular sleep schedule and minimizing light exposure at night can help keep cortisol levels balanced.

 

Gut Health: The Microbiome Connection

 

The gut-brain axis links the gut and brain through a complex communication network, and your gut microbiome plays a significant role in this connection.

 

Impact on Cortisol: A healthy gut microbiome can influence stress responses and cortisol levels. Foods that support gut health, such as yogurt, kefir, sauerkraut, and fiber-rich vegetables, can promote a balanced microbiome and potentially lower cortisol levels.

 

Conclusion

 

Balancing cortisol levels is essential for overall health and well-being. Chronic high levels of cortisol can lead to a range of health problems, but by making simple lifestyle changes—such as improving your diet, engaging in regular exercise, practicing mindfulness, and maintaining healthy sleep habits—you can keep cortisol levels in check.

 

Additionally, grounding, supporting your circadian rhythm, and taking care of your gut health all play important roles in managing cortisol levels. By being mindful of these factors, you can reduce stress and enhance both your physical and mental health.

About the Author

This article is authored by Harpreet Pasricha, one of India’s most celebrated nutritionists and wellness experts, with over 22 years of experience in the field. Harpreet is the founder of Diet Dr Clinic, a leading wellness initiative renowned for its integrative approach to health and nutrition. Her lifelong dedication to natural and holistic living has inspired her to develop programs addressing the root causes of health challenges through :customized therapies and evidence-based healing methods.

With established clinics in Goa, Ludhiana, Amritsar, Kolhapur, and a robust online presence serving global clients, Harpreet has built a reputation for excellence in weight management and holistic wellness. At Diet Dr Clinic, we are committed to empowering individuals with knowledge and tools to embrace healthier lives, making wellness accessible, convenient, and sustainable.

Instagram : https://www.instagram.com/harpreetpasricha?igsh=MTY4M2dwZnB4cGExYw==

 

सेंट्रल बैंक में स्पेशलिस्ट ऑफिसर पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू, पात्रता सहित अन्य डिटेल यहां से करें चेक


नई दिल्ली:- बैंक में सरकारी नौकरी की तैयारियों में लगे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ओर से स्पेशलिस्ट ऑफिसर के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। अधिसूचना के मुताबिक इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 18 नवंबर से शुरू कर दी गई है जो 3 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगी। इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों ने अंदर ऑनलाइन माध्यम से बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट centralbankofindia.co.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर भी आवेदन का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवा दिया गया है।

आवेदन से पहले जान लें पात्रता

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का संबंधित स्ट्रीम या विषय में स्नातक या पीजी या प्रोफेशनल डिग्री (पदों के अनुसार अलग-अलग) उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके साथ ही अभ्यर्थियों के पास निर्धारित वर्ष का कार्यानुभव होना भी आवश्यक है। शैक्षिक योग्यता के साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु पदानुसार 23/ 27/ 30/ 34 एवं अधिकतम आयु 27/ 33/ 38/ 40 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पात्रता एवं मापदंड की विस्तृत जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

इन स्टेप्स को फॉलो कर स्वयं करें आवेदन

सेन्ट्रल बैंक एसओ भर्ती एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट centralbankofindia.co.in पर जाएं।

यहां रिक्रूटमेंट में जाकर भर्ती से संबंधित आवेदन लिंक पर क्लिक करें।

अब नए पेज पर पहले Click here for New Registration पर क्लिक करें और मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण कर लें।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, फोटोग्राफ एवं हस्ताक्षर अपलोड करें।

अंत में उम्मीदवार निर्धारित शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर दें।

इस भर्ती में आवेदन करने के साथ अन्य सभी वर्गों के उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस के रूप में 850 रुपये + GST शुल्क जमा करना होगा। इसके अलावा एससी, एसटी पीडब्ल्यूबीडी एवं महिला वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 175 रुपये + GST शुल्क तय किया गया है। आपको बता दें कि इस भर्ती के माध्यम से कुल कुल 253 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। 

उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पर बोले राहुल गांधी: 'राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, सामूहिक प्रतिक्रिया की है जरूरत '

#rahulgandhionairpollutioninnorth_india

Rahul Gandhi (ANI)

"उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है - एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है, और एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है जो अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रही है," गांधी ने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर लिखा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है जिसके लिए राजनीतिक दोषारोपण की बजाय सामूहिक प्रतिक्रिया की जरूरत है। उत्तर भारत के कई शहर, खासकर दिल्ली और उसके आसपास के शहर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा गरीब लोग पीड़ित हैं, जो अपने आसपास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते हैं, उन्होंने कहा कि जहरीली हवा पर्यटन और वैश्विक प्रतिष्ठा में भी गिरावट ला रही है। परिवार स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की जान जा रही है। पर्यटन में गिरावट आ रही है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा गिर रही है,” उन्होंने लिखा।

“प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए सरकारों, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों की ओर से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता होगी। हमें राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, बल्कि सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है,” गांधी ने कहा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि जैसे ही संसद कुछ दिनों में शीतकालीन सत्र के लिए बुलाई जाएगी, सांसदों को उनकी चिढ़ भरी आँखों और गले में खराश से संकट की याद आ जाएगी। गांधी ने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए कैसे समाप्त कर सकता है।”

दिल्ली वायु प्रदूषण

दिल्ली का AQI 16 नवंबर से गंभीर था, जो बुधवार तक लगातार पाँच दिन बना रहा। 15 नवंबर को औसत AQI 396 (बहुत खराब) था। दिसंबर 2021 (21-26) और नवंबर 2020 (5-10) में, दिल्ली में लगातार छह दिन गंभीर दर्ज किए गए। सात दिनों की सबसे लंबी अवधि नवंबर 2017 और नवंबर 2016 में थी।

"गंभीर प्लस" श्रेणी ने दिल्ली में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण IV प्रतिबंध लागू करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूल बंद करना और वाहनों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: जीत के दावों के बीच मतदाताओं का जताया हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने आभार,...? जानिए किसने क्या कहा...!

झारखंड डेस्क

रांची। चुनाव का परिणाम भले ही 23 नवंबर को आयेगा, लेकिन अभी से ही जीत के दावे दोनों पार्टियों की तरफ से होने लगे हैं। इस बार जिस तरह से बंपर वोटिंग हुई है, 

उसे राजनीतिक पंडित अलग-अलग अंदाज में व्याख्या कर रहा है। कोई इसे एंटी इनकंबेसी बता रहा है, तो कोई महतारी वंदन योजना का कमाल। इन सब के बीच भाजपा और झामुमो ने दोनों मतदाताओं को बधाई दी है।

हेमंत सोरेन ने क्या कहा..?


शानदार! झारखण्ड की पावन धरती पर लोकतंत्र का यह महापर्व अद्भुत रहा। दोनों चरणों में राज्य की जनता ने अपनी आकांक्षाओं और आशाओं को मतदान के माध्यम से अभिव्यक्त किया है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि एक नए, समृद्ध और सशक्त झारखण्ड के निर्माण का संकल्प है।

बुजुर्ग, युवा, श्रमिक , महिला, किसान – सभी ने उत्साह और उमंग के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में अपना अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया। 

सभी ने, खासकर, राज्य की आधी आबादी – हमारी मंईयां ने बढ़-चढ़कर अपने हक-अधिकार, मान और सम्मान के लिए ऐतिहासिक रूप से झामुमो और INDIA गठबंधन को अपना असीम आशीर्वाद दिया।

हम दृढ़ता से प्रण लेते हैं कि अमर वीर शहीदों के बलिदान को साकार करेंगे, महान क्रांतिकारियों के सपनों को पूरा करेंगे, आंदोलनकारियों की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देंगे और मिलकर बनाएंगे एक नया, सोना झारखण्ड! 

इस पावन अवसर पर मैं नतमस्तक हूं – प्रत्येक मतदाता के प्रति, कर्तव्यनिष्ठ मतदानकर्मियों के प्रति, झामुमो और INDIA गठबंधन के समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति, और सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के प्रति, जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूत किया है। जीत रहा है, जीतेगा झारखण्ड! जोहार! जय झारखण्ड! जय हिन्द!

बाबूलाल मरांडी ने भी कही अपनी बात


झारखंड विधानसभा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए मैं सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की।

साथ ही, मैं उन सभी मतदान कर्मियों का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक पालन करते हुए मतदान प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराया। समस्त मीडिया बंधुओं ने भी निष्पक्षता के साथ चुनाव सम्पन्न कराने में महती भूमिका निभाई, इसके लिए मीडियाकर्मियों का भी आभार! मैं, विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहता हूं, धनवार विधानसभा की महान जनता का जिन्होंने मुझे अथाह प्रेम और समर्थन दिया।

अंत में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ताओं का हृदयतल से आभार! आप सबने झारखंड की रोटी, बेटी और माटी बचाने का संकल्प लेकर तानाशाही सरकार के विरुद्ध जिस मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी, वह अत्यंत प्रशंसनीय और सराहनीय है। पुनः आप सबका हार्दिक आभार! धन्यवाद!

कहां थमेगा कनाडा? अब पीएम मोदी का नाम लेकर लेकर चली चाल, रिपोर्ट को भारत सरकार ने किया खारिज*
#nijjar_murder_case_india_strongly_rejects_new_canadian_media_report *
निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी बढ़ती ही जा रही है। वैसे कनाडा शायद यही चाहता भी है। तभी तो जस्टिन ट्रूडो आए दिन कोई ना कोई ऐसा धमाका कर रहें हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में दरार और गहती होती जाए। जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार लगातार भारत को बदनाम करने में लगी है।इस बीच कनाडा ने भारत के खिलाफ एक और जहर उगला है। एक कनाडाई अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत के शीर्ष नेतृत्व को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में पता था। अखबार ने आरोप लगाया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के प्लान के बारे में पहले से जानकारी थी। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई मीडिया का यह रिपोर्ट भारत को बदनाम करने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस तरह के बयान को खारिज करते हैं। यह एक तरह का हास्यास्पद बयान है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह का दुष्प्रचार अभियान पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के लिए और नुकसान देह साबित होगा। बता दें कि द ग्लोब एंड मेल नाम के कनाडा के अखबार ने मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र था कि निज्जर की हत्या से जुड़े कथित प्लॉट के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोवाल को जानकारी थी। और सेक्योरिटी एजेंसियों को लगता है कि इसकी जानकारी पीएम मोदी को भी हो सकती है। रिपोर्ट में ये दावे बिना नाम दिए कनाडा के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर के हवाले से किए गए हैं। निज्जर की हत्या के मामले में यह पहली बार है जब सीधे पीएम मोदी पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसे लेकर कानाडा सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। इससे पहले कनाडा की संसदीय समिति के सामने वहां के उप विदेशमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी ऐसी ही टिप्पणी कर चुके हैं। भारत ने इन पर भी कड़ी आपत्ति जताते हुए इन्हें बेतुका और निराधार बताया था। बीते दिनों विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को निराधार करार देते हुए कनाडा सरकार के समक्ष आधिकारिक तौर पर विरोध भी दर्ज करवाया था। 18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद कनाडा की ओर से लगातार इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के आपसी रिश्तों में तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई है।
झारखंड में दोनों चरणों के चुनाव हुए समाप्त, जाने जनता ने किसे दिया अपना जनादेश, किसकी बनेगी सरकार*

रिपोर्टर जयंत कुमार रांची : झारखंड में दोनों चरणों का मतदान हुआ समाप्त। मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। पहले चरण के लिए 13 नवंबर को मतदान हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान किया गया था। दूसरे चरण में झारखंड में शाम पांच बजे तक 67.59 प्रतिशत मतदान हुआ है। विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के चुनाव में 66.65% मतदान दर्ज हुआ था तो वही दूसरे चरण 68.45 फीसदी मतदान हुआ। झारखंड के 81 विधानसभा में, किसी भी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की आवश्यकता होगी। झारखंड चुनाव में झामुमो, राजद, कांग्रेस,और माले का महागठबंधन और बीजेपी, जेडीयू,आजसू और लोजपा का एनडीए गठबंधन आमने-सामने है। दोनों पार्टियां अपने - अपने गठबंधन के जीत के दावे कर रहे है। वही मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल के रिपोर्ट भी सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। वहीं, चौथे एग्जिट पोल में INDIA गठबंधन की मजबूत स्थिति बताई गई है। झारखंड में IANS- मैट्रिज ने एनडीए को 45-50 सीटें दी हैं। वहीं लोक पोल के अनुसार झारखंड में इंडिया गठबंधन की दोबारा सरकार बनने के साथ ही गंठबंधन को 41-44 सीटें दी है।पीपुल प्लस ने एनडीए को 44-53 सीटें दी है। वहीं इंडिया गठबंधन को 25-37 सीटों का अनुमान लगाया गया है। वहीं चाणक्य स्ट्रैटेजीज के एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को 35 से 38, एनडीए को 45 से 50 और अन्य को 3 से पांच सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। मतगणना की तारीख 23 नवंबर को उसी दिन पता चलेगा कि सरकार किसकी बनेगी। जनता ने अपना जनादेश किसे दिया है।
झारखंड विधान सभा में किसकी हार किसकी जीत फैसला 23 नवम्बर को*,

*लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार सरकार बन रही एनडीए की..देखिये क्या होता है जनता का फैसला...?* झारखंड डेस्क झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में सम्पन्न हो गया,81 विंधानसभा सीट पर अपने किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा ईवीएम मशीन में कैद हो गया।जो 23 को खुलेगा।इस पूरे चुनाव के दौरान पक्ष हो या विपक्ष अथवा कथित तीसरा मोर्चा सभी ने जम कर अपने अस्त्र शस्त्र का प्रयोग कर इस जंग को जीतने का प्रयास किया।सभी के अपने अपने दावे थे।एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला,अपने को बेहतर और जंग के मैदान में विरोधी को बुरा करने के दौर में लोग ये भी भूल गए की शब्दों की मर्यादा और तथ्यों की विश्वसनीयता को अब जनता समझने लगी है। सो इस मैराथन में फैसला अब जनता जनार्दन को लेना था सो लिया।और उसका परिणाम 23 को आएगा। अब बात करें मतदान के बाद जीत किसकी होगी इसकी तो उसके लिए जितनी जिज्ञासा चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को है उससे से कहीं ज्यादा आम जनता को भी है। इसीलिए लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया सटोरियों ने सटा लगाना शुरू कर दिया। क्या कहता है एग्जिट पोल एग्जिट पोल में अलग एजेंसियों के अलग अलग अनुमान है।अधिकतर एग्जिट पोल में NDA को जीतता हुआ दिखाया जा रहा है,कुछ कांटे का संघर्ष बता रहा है तो कुछ इस बार निर्दलीय को किंग मेकर की भूमिका में दिखा रहा है।इस बार जयराम महतो की पार्टी जिस तेबर और जिस तरह सभाओं में भीड़ जुटा कर सब की हवा निकाल रहा था उसे वोट में वे तब्दील कर पाएंगे या नही यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा लेकिन इतना तो है कि जयराम महतो ने इंडिया गठबंधन का खेल जरूर बिगाड़ दिया है ।अगर आज इंडिया गठबंधन पिछड़ता हुआ दिख रहा है तो उसका मूल कारण है जयराम महतो, उसने ही यहां सेंधमारी की है। आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) और एनडीए (NDA) के बीच टक्कर है। अगर एग्जिट पोल की बात करें तो इस प्रकार है। MATRIZE का एग्जिट पोल: MATRIZE के एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड में बीजेपी गठबंधन को 27-42 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस गठबंधन को 25-30 सीटें और अन्य के खाते में 1-4 सीटें जाती दिख रही हैं। CHANAKYA STRATEGIES का एग्जिट पोल: CHANAKYA STRATEGIES के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी+ को 45-50 सीटें, कांग्रेस+ को 35-38 सीटें और अन्य के खाते में 3 से 5 सीटें। AXIS MY INDIA का एग्जिट पोल: AXIS MY INDIA के एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड में आईएनडीआई गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है। एग्जिट पोल में आईएनडीआईए को 53 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए को 25 सीटें मिलने का अनुमान है। पीपुल्स पल्स का एग्जिट पोल: एनडीए को 44 से 53 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, आईएनडीआईए को 25 से 37 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 5 से 9 सीटें आ सकती हैं। जेवीसी का एग्जिट पोल: एनडीए के सीटों की संख्या 40 से 44 हो सकती है, जबकि आईएनडीआईए को 30 से 40 सीटे दी गई हैं। वहीं, अन्य के खाते में 1 सीट आ सकती है। C Voter का एग्जिट पोल: C Voter के एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 36 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, आईएनडीआईए को 26 सीटें मिलने का अनुमान है। पोल के अनुसार, 20 सीटों पर कांटे की टक्कर होगी। एनडीए गठबंधन में कौन-सी पार्टियां हैं? भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, आजसू पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)। आईएनडीआईए में कौन-सी पार्टियां हैं? झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा-माले। उल्लेखनीय है कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर कुल 1211 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद है। 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। *झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 का परिणाम* गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी। बीजेपी ने 25 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस 16 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही। लालू यादव की पार्टी राजद को महज 1 सीट से संतोष करना पड़ा। इनके अलावा, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक 3, ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन 2, भाकपा लेनिनवादी 1, एनसीपी 1 सीट पर सिमट गई। चुनाव में दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। *Streetbuzz का ओपेनियन* Streetbuzz news का मानना है कि इस बार मतदान के अंतिम समय में वोटों का धुर्वीकरण हुआ।इसलिए जयराम महतो की भीड़ इस बार वोट वैंक नही बन सका। चुनाव में जयराम महतो का खाता खुल सकता है लेकिन बहुत कम मर्ज़ीन से। जनता के वोट का धुर्वीकरणV इंडिया वर्सेज एनडीए हो गया अंतिम समय में भाजपा के अंदर की बगाबत भी भाजपा के वोटवेंक पर चोट नही कर सका और कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को यह कहते सुना गया कि हम वोट मोदी को दे रहे हैं।यानी मोदी का जलवा जारी रहा। सरकार एनडीए की बनती दिख रही है और इंडिया का भूमिका एक मज़बूत विपक्ष जे रूप में झारखंड में दिख रहा है।मइयां योजना की काट गोगो का जादू भी चल गया।वाकी फैसला जनता जनार्दन का है देखिये 23 को क्या होता है ।
भारत के प्रति अचानक क्यों प्रेम दिखाने लगा चीन, कहीं ट्रंप की वापसी का तो नहीं है असर?*
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अमेरिका में फिर से डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी का वैश्विक असर देखा जा रहा है। हर देश ट्रंप के साथ अपने हितों को साधने के लिए कोशिश कर रहा है। चीन को सबसे ज्यादा डर कारोबार को लेकर है। माना जा रहा है कि जनवरी में राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद ट्रंप चीन पर लगने वाला टैरिफ शुल्क बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पहले से ही धीमी आर्थिक गति की मार झेल रहे चीन के लिए यह बड़ा धक्का होगा। ऐसे में चीन की अकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। खासकर भारत के साथ ड्रैगन के तेवर में तेजी से बदलाव हुए हैं। *भारत-चीन के बीच कम हो रही कड़वाहट* भारत और चीन के बीच संबंधों की बात करें तो सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ अक्सर उसके संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे है, लेकिन अचनाक से भारत और चीन के बीच कड़वाहट कम होती दिख रही है। पहले दोनों देशों के बीच एलएसी पर सहमति बनी है। बीते माह दोनों देशों ने एलएसी के विवाद वाले हिस्से से अपनी-अपनी सेना वापस बुला ली। फिर रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई। अब दोनों देश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने पर जोर बढ़ रहा है। अब ब्राजील में जी20 देशों की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदियों के जल बंटवारे और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने के मुद्दों पर बात बढ़ी है। चीन की ओर से भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम हो रहा है। *चीन के ढीले पड़े तेवर की क्या है वजह?* चीन के ढीले पड़े तेवर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है। दरअसल, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, तब से चीन डरा हुआ है। अपने पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर नकेल कसने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यही वजह है कि अब चीन ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका के साथ मधुर संबंधों को बनाए रखने की बातें करने लगा है। इसके लिए वह भारत से भी तनाव कम करने के लिए तैयार है। अमेरिका में आगामी ट्रंप प्रशासन का दबाव कम करने के लिए चीन अब भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है।यह बात अमेरिका-भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कही। *ट्रंप का वापसी से डरा ड्रैगन* अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने सत्ता संभालने से पहले ही इसकी झलक दे दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति बनते ही वह चीन से होने वाले सभी आयात पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। उनका कहना है कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अमेरिका को चीनी माल के लिए डंपिंग स्थन नहीं बनने देंगे। *भारत के साथ संबंध सुधारने की ये है वजह* शी जिनपिंग समझ चुके हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले से हिली हुईं है। चीन का विकास दर घटता जा रहा है। 22 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चीन की विकास दर गिरावट के साथ 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारत का जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रह सकता है। अमेरिका की ओर से दवाब बढ़ने की आशंकाओं में चीन के पास भारत के साथ संबंधों को सुधराने के अलावा कोई बेहतर विकल्प नहीं बचता। भारत में चीनी निवेश के सख्त नियम है, और भारत जैसे बढ़ते बाजार में चीन अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। ऐसे में संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहा है। *यूएस से होने वाले नुकसान की यहां होगी भरपाई* इस वक्त भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। चीन के लिए भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है। वह इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है। वैसे चीन एक बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। बीते साल 2023 में उसका कुल निर्यात 3.38 ट्रिलियन डॉलर का रहा। भारत की कुल अर्थव्यवस्था ही करीब 3.5 ट्रिलिनय डॉलर की है। चीन और अमेरिका के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है। यूरोपीय संघ भी उसका एक सबसे बड़ा साझेदार है। लेकिन भारत दुनिया में एक उभरता हुआ बाजार है।चीन आने वाले दिनों में अमेरिका में होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई भारत को निर्यात बढ़ाकर कर सकता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और चीन के रिश्ते में नरमी का कहीं यही राज तो नहीं है।
भारत के प्रति अचानक क्यों प्रेम दिखाने लगा चीन, कहीं ट्रंप की वापसी का तो नहीं है असर?

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अमेरिका में फिर से डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी का वैश्विक असर देखा जा रहा है। हर देश ट्रंप के साथ अपने हितों को साधने के लिए कोशिश कर रहा है। चीन को सबसे ज्यादा डर कारोबार को लेकर है। माना जा रहा है कि जनवरी में राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद ट्रंप चीन पर लगने वाला टैरिफ शुल्क बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पहले से ही धीमी आर्थिक गति की मार झेल रहे चीन के लिए यह बड़ा धक्का होगा। ऐसे में चीन की अकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। खासकर भारत के साथ ड्रैगन के तेवर में तेजी से बदलाव हुए हैं।

भारत-चीन के बीच कम हो रही कड़वाहट

भारत और चीन के बीच संबंधों की बात करें तो सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ अक्सर उसके संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे है, लेकिन अचनाक से भारत और चीन के बीच कड़वाहट कम होती दिख रही है। पहले दोनों देशों के बीच एलएसी पर सहमति बनी है। बीते माह दोनों देशों ने एलएसी के विवाद वाले हिस्से से अपनी-अपनी सेना वापस बुला ली। फिर रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई। अब दोनों देश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने पर जोर बढ़ रहा है। अब ब्राजील में जी20 देशों की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदियों के जल बंटवारे और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने के मुद्दों पर बात बढ़ी है। चीन की ओर से भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम हो रहा है।

चीन के ढीले पड़े तेवर की क्या है वजह?

चीन के ढीले पड़े तेवर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है। दरअसल, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, तब से चीन डरा हुआ है। अपने पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर नकेल कसने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यही वजह है कि अब चीन ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका के साथ मधुर संबंधों को बनाए रखने की बातें करने लगा है। इसके लिए वह भारत से भी तनाव कम करने के लिए तैयार है। अमेरिका में आगामी ट्रंप प्रशासन का दबाव कम करने के लिए चीन अब भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है।यह बात अमेरिका-भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कही।

ट्रंप का वापसी से डरा ड्रैगन

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने सत्ता संभालने से पहले ही इसकी झलक दे दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति बनते ही वह चीन से होने वाले सभी आयात पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। उनका कहना है कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अमेरिका को चीनी माल के लिए डंपिंग स्थन नहीं बनने देंगे।

भारत के साथ संबंध सुधारने की ये है वजह

शी जिनपिंग समझ चुके हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले से हिली हुईं है। चीन का विकास दर घटता जा रहा है। 22 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चीन की विकास दर गिरावट के साथ 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारत का जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रह सकता है। अमेरिका की ओर से दवाब बढ़ने की आशंकाओं में चीन के पास भारत के साथ संबंधों को सुधराने के अलावा कोई बेहतर विकल्प नहीं बचता। भारत में चीनी निवेश के सख्त नियम है, और भारत जैसे बढ़ते बाजार में चीन अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। ऐसे में संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहा है।

यूएस से होने वाले नुकसान की यहां होगी भरपाई

इस वक्त भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। चीन के लिए भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है। वह इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है। वैसे चीन एक बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। बीते साल 2023 में उसका कुल निर्यात 3.38 ट्रिलियन डॉलर का रहा। भारत की कुल अर्थव्यवस्था ही करीब 3.5 ट्रिलिनय डॉलर की है। चीन और अमेरिका के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है। यूरोपीय संघ भी उसका एक सबसे बड़ा साझेदार है। लेकिन भारत दुनिया में एक उभरता हुआ बाजार है।चीन आने वाले दिनों में अमेरिका में होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई भारत को निर्यात बढ़ाकर कर सकता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और चीन के रिश्ते में नरमी का कहीं यही राज तो नहीं है।

फिर से जल्द शुरू होगी भारत-चीन सीधी उड़ान और मानसरोवर यात्रा?चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर ने की मुलाकात

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भारत-चीन संबंध पटरी पर आते दिख रहे हैं। अब जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू हो सकती है। दरअसल, दोनों देश सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी सहमति के करीब पहुंच गए हैं। ब्राजील में संपन्न जी20 समिट में दुनिया के तमाम राष्‍ट्रध्‍यक्षों ने एक-दूसरे से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने सीमा तनाव कम करने में हालिया प्रगति पर चर्चा की। साथ ही भारत और चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट शुरू करने जैसे अहम मुद्दे पर भी बात की।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्रियों की चर्चा मतभेद दूर करने, संदेह मिटाने वाले और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हुए द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने वाले कदम उठाने पर केंद्रित थी। इस दौरान कैलास मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें शुरू करने, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करने और मीडिया आदान-प्रदान आदि पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक में बनी सहमतियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में कई प्रमुख कदमों पर चर्चा की गई, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल हैं। यह बैठक खास तौर से अहम थी, क्योंकि पिछले कुछ सालों से कोविड-19 महामारी की वजह दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर यात्रा निलंबित कर दी गई थीं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है। इस चर्चा का मुख्य विषय भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर था। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री स्तर की बैठक जल्द ही होगी।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर को सहमति बनने के कुछ दिनों बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली, जिससे दोनों टकराव बिंदुओं पर चार साल से अधिक समय से चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्षों के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी पुनः शुरू कीं।

Cortisol: The Stress Hormone and Its Impact on Your Health

 

by Harpreet Pasricha Nutritionist and dietitianCortisol, often referred to as the “stress hormone,” is produced by the adrenal glands and plays a vital role in managing stress, regulating metabolism, reducing inflammation, and controlling the sleep-wake cycle. While cortisol is essential for our body’s normal functioning, chronic high levels can lead to numerous health problems, including anxiety, depression, digestive issues, heart disease, and sleep disturbances.

 In this articke, we will explore cortisol’s functions, the potential harmful effects of chronically elevated levels, and natural ways to moderate cortisol. We will also discuss the importance of grounding, maintaining a healthy circadian rhythm, and gut health in cortisol regulation.

 

What Is Cortisol?

 Cortisol works with certain parts of the brain to control mood, motivation, and fear. It has several vital functions, including:

Managing Metabolism: Cortisol helps regulate how your body uses carbohydrates, fats, and proteins, ensuring that your energy needs are met.

Reducing Inflammation: It helps keep inflammation in check, reducing the risk of inflammatory diseases.

 

Regulating Blood Pressure: Cortisol plays a role in maintaining healthy blood pressure levels.

 

Increasing Blood Sugar: During stressful situations, cortisol increases blood sugar levels to provide energy for quick responses.

 

Controlling the Sleep-Wake Cycle: It plays a key role in regulating your circadian rhythm, helping you wake up in the morning and feel alert throughout the day.

 

Boosting Energy: Cortisol helps your body manage stressful situations by prioritizing immediate survival needs, such as energy production, while temporarily suppressing less essential functions like digestion and reproduction.

 

How Does Cortisol Work?

 

The hypothalamus and pituitary gland in the brain regulate cortisol levels. If cortisol levels are too low, these glands adjust hormone production, signaling the adrenal glands to release more cortisol. Cortisol receptors are present in most of your body’s cells and utilize cortisol in various ways depending on your needs.

 

For example, during a stressful event, cortisol helps prepare the body by suppressing non-essential functions, such as digestion, to allow the body to focus on responding to the stressor.

 

What Happens When Cortisol Levels Are High?

 

While short-term spikes in cortisol are beneficial for handling immediate stress, chronically elevated cortisol levels can have detrimental effects on your health. Some key health risks associated with high cortisol include:

 

Chronic Diseases: Prolonged high cortisol levels can increase the risk of high blood pressure, heart disease, type 2 diabetes, and osteoporosis.

 

Weight Gain: Cortisol can signal the body to store fat, particularly around the abdomen, leading to weight gain.

 

Sleep Disturbances: High cortisol levels can interfere with sleep, reducing both sleep quality and duration.

 

Cognitive Impairment: Elevated cortisol may contribute to “brain fog,” reducing mental clarity and making it difficult to concentrate.

 

Weakened Immune System: High cortisol can suppress the immune system, making you more vulnerable to infections.

 

Cushing Syndrome: Extremely high cortisol levels, typically caused by medication or a tumor, can lead to Cushing syndrome, characterized by rapid weight gain, skin changes, and muscle weakness.

 

Fatigue: Despite providing energy during stress, chronically elevated cortisol can eventually lead to feelings of fatigue and low energy.

 

Elevated cortisol levels are often the result of chronic stress, overuse of medications like corticosteroids, overactivity or dysfunction of the adrenal or pituitary glands, or certain medical conditions like obesity or Addison’s disease.

 

How to Naturally Lower Cortisol Levels?

 

Fortunately, there are several lifestyle changes and habits that can help regulate cortisol levels. Here are some natural ways to lower cortisol:

 

Healthy Diet

 

Anti-inflammatory Foods: Omega-3-rich foods like fatty fish, walnuts, and flaxseeds help reduce inflammation, which can in turn lower cortisol levels.

Magnesium-Rich Foods: Spinach, almonds, avocados, and other magnesium-rich foods can help reduce stress and regulate cortisol production.

Limit Sugar and Processed Foods: These can cause blood sugar spikes, leading to increased cortisol production. Reducing your intake of refined sugars and processed foods can help maintain stable cortisol levels.

 

Regular Exercise

 

Moderate Activity: Engaging in moderate exercise like walking, swimming, or yoga can help reduce cortisol levels and manage stress.

Avoid Overtraining: Intense, prolonged physical activity can actually raise cortisol levels, so balance is key.

 

Mindfulness and Relaxation

 

Meditation and Deep Breathing: These practices have been shown to lower cortisol levels by activating the parasympathetic nervous system, which counters the body’s stress response.

Progressive Muscle Relaxation and Visualization: Techniques like these can help reduce stress and cortisol production by promoting relaxation.

 

Adequate Sleep

 

Consistent Sleep Schedule: Aim for 7-9 hours of quality sleep per night to help maintain balanced cortisol levels.

Good Sleep Hygiene: Create a restful environment, avoid screens before bed, and establish a relaxing pre-sleep routine to promote better sleep.

 

Grounding: Connecting with the Earth

 

Grounding, or earthing, involves direct contact with the Earth’s surface, such as walking barefoot on grass or sand. Grounding is believed to allow free electrons from the Earth to enter the body, offering antioxidant effects.

Effects on Cortisol: Grounding has been shown to stabilize daily cortisol rhythms, improve sleep, reduce pain, and lower stress, making it a useful practice for regulating cortisol levels.

 

Circadian Rhythm: The Body’s Natural Clock

 

The circadian rhythm is the body’s internal clock that regulates the sleep-wake cycle and other physiological processes. Cortisol levels naturally peak in the early morning and decrease throughout the day.

 

Impact on Cortisol: Disruptions to your circadian rhythm, such as irregular sleep patterns or nighttime light exposure, can dysregulate cortisol production. Maintaining a regular sleep schedule and minimizing light exposure at night can help keep cortisol levels balanced.

 

Gut Health: The Microbiome Connection

 

The gut-brain axis links the gut and brain through a complex communication network, and your gut microbiome plays a significant role in this connection.

 

Impact on Cortisol: A healthy gut microbiome can influence stress responses and cortisol levels. Foods that support gut health, such as yogurt, kefir, sauerkraut, and fiber-rich vegetables, can promote a balanced microbiome and potentially lower cortisol levels.

 

Conclusion

 

Balancing cortisol levels is essential for overall health and well-being. Chronic high levels of cortisol can lead to a range of health problems, but by making simple lifestyle changes—such as improving your diet, engaging in regular exercise, practicing mindfulness, and maintaining healthy sleep habits—you can keep cortisol levels in check.

 

Additionally, grounding, supporting your circadian rhythm, and taking care of your gut health all play important roles in managing cortisol levels. By being mindful of these factors, you can reduce stress and enhance both your physical and mental health.

About the Author

This article is authored by Harpreet Pasricha, one of India’s most celebrated nutritionists and wellness experts, with over 22 years of experience in the field. Harpreet is the founder of Diet Dr Clinic, a leading wellness initiative renowned for its integrative approach to health and nutrition. Her lifelong dedication to natural and holistic living has inspired her to develop programs addressing the root causes of health challenges through :customized therapies and evidence-based healing methods.

With established clinics in Goa, Ludhiana, Amritsar, Kolhapur, and a robust online presence serving global clients, Harpreet has built a reputation for excellence in weight management and holistic wellness. At Diet Dr Clinic, we are committed to empowering individuals with knowledge and tools to embrace healthier lives, making wellness accessible, convenient, and sustainable.

Instagram : https://www.instagram.com/harpreetpasricha?igsh=MTY4M2dwZnB4cGExYw==

 

सेंट्रल बैंक में स्पेशलिस्ट ऑफिसर पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू, पात्रता सहित अन्य डिटेल यहां से करें चेक


नई दिल्ली:- बैंक में सरकारी नौकरी की तैयारियों में लगे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ओर से स्पेशलिस्ट ऑफिसर के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। अधिसूचना के मुताबिक इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 18 नवंबर से शुरू कर दी गई है जो 3 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगी। इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों ने अंदर ऑनलाइन माध्यम से बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट centralbankofindia.co.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर भी आवेदन का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवा दिया गया है।

आवेदन से पहले जान लें पात्रता

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का संबंधित स्ट्रीम या विषय में स्नातक या पीजी या प्रोफेशनल डिग्री (पदों के अनुसार अलग-अलग) उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके साथ ही अभ्यर्थियों के पास निर्धारित वर्ष का कार्यानुभव होना भी आवश्यक है। शैक्षिक योग्यता के साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु पदानुसार 23/ 27/ 30/ 34 एवं अधिकतम आयु 27/ 33/ 38/ 40 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पात्रता एवं मापदंड की विस्तृत जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

इन स्टेप्स को फॉलो कर स्वयं करें आवेदन

सेन्ट्रल बैंक एसओ भर्ती एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट centralbankofindia.co.in पर जाएं।

यहां रिक्रूटमेंट में जाकर भर्ती से संबंधित आवेदन लिंक पर क्लिक करें।

अब नए पेज पर पहले Click here for New Registration पर क्लिक करें और मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण कर लें।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, फोटोग्राफ एवं हस्ताक्षर अपलोड करें।

अंत में उम्मीदवार निर्धारित शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर दें।

इस भर्ती में आवेदन करने के साथ अन्य सभी वर्गों के उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस के रूप में 850 रुपये + GST शुल्क जमा करना होगा। इसके अलावा एससी, एसटी पीडब्ल्यूबीडी एवं महिला वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 175 रुपये + GST शुल्क तय किया गया है। आपको बता दें कि इस भर्ती के माध्यम से कुल कुल 253 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।