/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694757395964642.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694757395964642.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694757395964642.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:india
कल्पना सोरेन ने कथित सर्वे के को किया ख़ारिज,मीडिया से कहा लिख कर रख लीजिये एनडीए 36% वोट शेयर भी पार नहीं कर पायेगा

झारखंड डेस्क

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए अब 24 घंटे से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में दावों और वादों का जोर और तेज हो गया है। पिछले दिनों आये झारखंड चुनाव की सर्वे रिपोर्ट काफी चर्चा में रही।

दावा किया गया कि इस चुनाव में इंडी गठबंधन पर NDA भारी पड़ेगा। झारखंड में सत्ता का उलटफेर हो सकता है। हालांकि झामुमो ने दावा किया है कि सरकार तो इंडी गठबंधन की ही बन रही है। कल्पना सोरेन ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि लिख कर रख लीजिये एनडीए 36% वोट शेयर भी पार नहीं कर पा रहा है।

कल्पना सोरेन ने सर्वे रिपोर्ट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा आजसू को : 2014 लोकसभा में – 44.5% वोट 2014 विधानसभा में – 35.5% वोट मिले थे। 2019 लोकसभा में – 56% वोट मिले थे। वहीं 2019 विधानसभा में – 42 % मिला था।

2024 के लोकसभा में – 47.6% वोट मिला था, इससे साफ़ है की मोदी युग में भी लोकसभा और विधान सभा के बीच भाजपा को कम से कम 22 से 25% वोट प्रतिशत का नुकसान होता है।

लोकसभा में INDIA को झारखंड में 14 में 2 सीट देने वाला एग्जिट पोल कह रहा है भाजपा-आजसू को 53% वोट शेयर मिलेगा। सम्भाल कर रख लीजिए – लिख कर दे रही हूँ – भाजपा-आजसू – JDU- LJP गठबंधन – 36% वोट शेयर पार नहीं कर रहा है।

सर्वे में क्या किया गया था दावा

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक 18 से 25 सीट जीत सकता है. वहीं, अन्य के खाते में 2 से 5 सीट मिलने की उम्मीद है। इससे पहले साल 2019 के विधानसभा चुनावों में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 47 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को 25 सीटें मिली थी.

बीजेपी गठबंधन को 53 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है, जबकि, जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन का वोट शेयर 27.9 फीसदी रह सकता है। वहीं, अन्य को 18.9 प्रतिशत वोट शेयर का अनुमान जताया गया है।

मैटराइज सर्वे के अनुसार, कोल्हान (चाईबासा), दक्षिणी छोटानागपुर (रांची), पलामू (मेदिनीनगर) में जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दल की पकड़ मजबूत होती दिखाई दे रही है। जेएमएम गठबंधन को इन पांच क्षेत्रों में भारी सीटों का नुकसान होने का अनुमान है।

मैटराइज सर्वे के अनुसार संथाल परगना की 18 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 6 से 9 सीटें मिल सकती है, वहीं जेएमएम गठबंधन को 4 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है। उत्तरी छोटानागपुर (हजारीबाग) की 25 सीटों में भाजपा गठबंधन को 14 से 17 और जेएमएम गठबंधन को 0-4 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है।

क्या भारतीयों के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे ट्रंप? अमेरिका जाकर काम करने वालों की नजरें नए राष्ट्रपति की पॉलिसी पर*
#donald_trump_may_create_problems_for_india_on_these_fronts
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। हाल ही में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस को हराकर बड़ी जीत हासिल की है। ट्रंप जीत के साथ ही उनकी विदेश नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप का 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' नारे के साथ वापस सत्ता में आए हैं। इससे स्पष्ट है कि उनकी नीतियां इसी नारे के इर्द-गिर्द रहेंगी। चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रंप का प्रवासियों को लेकर सख्त रुख सबको टेंशन में डाल रहा है। यह सवाल सबको टेंशन दे रहा है कि क्या अमेरिका का ग्रीन कार्ड हासिल करना भारतीयों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा? डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारत की नजर उनकी वीजा पॉलिसी पर है। उनकी नीतियां प्रवासियों के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। वह पूरे चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। यही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप का बतौर राष्ट्रपति पहले कार्यकाल में H-1B पर काफी सख्त रुख रहा। ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी नौकरियां दूसरे देशों के नागरिकों को मिल रही हैं। उन्होंने H-1B वीजा के लिए योग्यता के पैमाने को सख्त कर दिया था। वीजा मिलने में लगाने वाला समय भी बढ़ गया था। साथ ही, वीजा एप्लिकेशन रिजेक्ट होने की दर भी बढ़ी थी। *भारतीयों के अमेरिका में नौकरियों पर होगा असर* ट्रंप की उस पॉलिसी का भारतीय पेशेवरों और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर काफी असर दिखा था। अगर ट्रंप अपनी पुरानी पॉलिसी पर अड़े रहे तो भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरियों के अवसर कम हो सकते है। *H-1B वीजाधारकों में सबसे ज्यादा भारतीय* बता दें कि बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका के टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करते हैं और वे वहां H-1B वीजा पर जाते हैं। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड चलते भारत के आईटी प्रोफेशनल को सबसे अधिक H-1B वीजा मिलता है। अमेरिकी सरकार का डेटा भी बताता है कि पिछले कुछ साल में H-1B वीजाधारकों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। वित्त वर्ष 2023 में कुल (3.86 लाख) H-1B स्वीकृत हुए। इसमें से 72.3 फीसदी यानी 2.79 लाख भारतीयों के पास थीं। चीनी कर्मचारी दूसरे स्थान पर थे, जिन्हें कुल H-1B वीजा का 11.7 फीसदी मिला था। *अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदकों पर भी होगा असर* हालांकि, राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने RAISE (मजबूत रोजगार के लिए अमेरिकी आप्रवासन में सुधार) अधिनियम, 2017 का समर्थन किया था, जिसका मकसद कानूनी आव्रजन को आधा करना था। इसका मतलब यह होगा कि ग्रीन कार्ड की संख्या 10 लाख से घटाकर लगभग 5 लाख सालाना करने का प्रावधान है। अगर ये कानून ट्रंप लागू करते हैं तो भारतीय कामगारों पर इसका बड़ा असर होगा, क्योंकि अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदकों और कुशल विदेशी कामगारों में बड़ा हिस्सा भारतीय हैं। *विदेशी स्नातकों के लिए ऑटोमेटिक ग्रीन कार्ड* यह नीति अमेरिका में डिग्री हासिल करने वाले भारतीय छात्रों को स्नातक होने के बाद ग्रीन कार्ड के लिए ऑटोमेटिक रास्ता देती है। कई भारतीय छात्र हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका जाते हैं और काम करने के लिए अमेरिका में ही रहने की उम्मीद करते हैं। ऐसे में ऑटोमेटिक ग्रीन कार्ड एच-1बी जैसी लंबी और अनिश्चित वीजा प्रक्रियाओं की जरूरतों को दूर कर सकता है और भारतीय स्नातकों को फौरन नौकरी और बसने की मंजूरी मिल सकती है। *परिवार के सदस्यों को लाने की उम्मीद करने वालों पर असर* हालांकि, ग्रीन कार्ड के लिए परिवार के सदस्यों को अमेरिका लाने की उम्मीद पाले बैठे भारतीयों को कुछ बंदिशों का सामना करना पड़ सकता हैं। कई भारतीय माता-पिता, भाई-बहन या वयस्क बच्चों को अमेरिका लाने के लिए परिवार आधारित कैटेगरी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, RAISE अधिनियम मॉडल के तहत पति-पत्नी और नाबालिग बच्चों तक सीमित हो जाएंगे, जिससे परिवार के पुनर्मिलन पर असर पड़ेगा।
*Mayor's Cup off to a colourful start at the Eden Gardens today*

Sports News

Khabar kolkata Sports Desk: The Mayor's Cup 2024-25, jointly organised by CAB & KMC in association with KKR, featuring students from 64 schools got off to a colourful start at the Eden Gardens on Tuesday, with CAB President Snehasish Ganguly sharing inspirational words and advice to all the participating teams in the tournament.

Also present for the inauguration was MMIC KMC Mr Debasish Kumar. Before the inaugural match, CAB President Ganguly felicitated Mr Kumar.

It was followed by CAB School Committee Chairman Sanjay Das felicitating CAB President Mr Ganguly. CAB Vice President Amalendu Biswas was felicitated by CAB School Committee member Koushik Mukherjee. CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das was felicitated by CAB School Committee member Deep Chatterjee, while KKR representative Himanish Bhattacharjee was felicitated by CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey. The inauguration was well conducted by CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick. Also present were Chairman of different CAB committees.

As all the captains of the participating teams stood with placards of their school names, the toss took place between St Johns Public School and Patha Bhavan. It was followed by the national anthem in front of the CAB Club House and special KKR merchandise caps were handed over to all the players. St Johns Public School won the toss and elected to bat.

Talking about the meet, Mr Ganguly said: "First of all, I would like to thank Mr Debasish Kumar for his presence here. I also thank KKR and KMC for their support. Through this tournament, I feel the next generation cricketers of India and Bengal will come forward."

"From this tournament, we had shortlisted a group of U-13 players who took part in a Vision camp. A lot of talents have come forward because of this tournament. I hope this year, too, this will be a success," Mr Ganguly added.

Mr. Kumar said, "At first, I would like to thank CAB for organizing a cricket tournament at the school level. I hope this tournament can produce more and more cricketers for the future. I also congratulate KKR for their support. I wish all the matches a success."

A total of 111 matches will be played in the tournament at different venues across the city. A total of 16 groups comprising 4 teams in each group will fight it out for the title. A total of 96 matches will be played in the group stage with 15 knockout matches.

The semifinals and final will be a two-day affair.

Pic Sanjay Hazra

*Mayor's Cup off to a colourful start at the Eden Gardens today*

Sports News 

 Khabar kolkata Sports Desk: The Mayor's Cup 2024-25, jointly organised by CAB & KMC in association with KKR, featuring students from 64 schools got off to a colourful start at the Eden Gardens on Tuesday, with CAB President Snehasish Ganguly sharing inspirational words and advice to all the participating teams in the tournament.

Also present for the inauguration was MMIC KMC Mr Debasish Kumar. Before the inaugural match, CAB President Ganguly felicitated Mr Kumar. 

It was followed by CAB School Committee Chairman Sanjay Das felicitating CAB President Mr Ganguly. CAB Vice President Amalendu Biswas was felicitated by CAB School Committee member Koushik Mukherjee. CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das was felicitated by CAB School Committee member Deep Chatterjee, while KKR representative Himanish Bhattacharjee was felicitated by CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey. The inauguration was well conducted by CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick. Also present were Chairman of different CAB committees. 

As all the captains of the participating teams stood with placards of their school names, the toss took place between St Johns Public School and Patha Bhavan. It was followed by the national anthem in front of the CAB Club House and special KKR merchandise caps were handed over to all the players. St Johns Public School won the toss and elected to bat. 

Talking about the meet, Mr Ganguly said: "First of all, I would like to thank Mr Debasish Kumar for his presence here. I also thank KKR and KMC for their support. Through this tournament, I feel the next generation cricketers of India and Bengal will come forward."

"From this tournament, we had shortlisted a group of U-13 players who took part in a Vision camp. A lot of talents have come forward because of this tournament. I hope this year, too, this will be a success," Mr Ganguly added.

Mr. Kumar said, "At first, I would like to thank CAB for organizing a cricket tournament at the school level. I hope this tournament can produce more and more cricketers for the future. I also congratulate KKR for their support. I wish all the matches a success."

A total of 111 matches will be played in the tournament at different venues across the city. A total of 16 groups comprising 4 teams in each group will fight it out for the title. A total of 96 matches will be played in the group stage with 15 knockout matches. 

The semifinals and final will be a two-day affair.

 Pic Sanjay Hazra

महाराष्ट्र चुनावः समर्थन के लिए ये कैसी शर्तें? एमवीए का साथ देने के लिए उलेमा बोर्ड ने रखी ये मांग
#all_india_ulema_board_writes_17_conditions_for_supporting_mva
* महाराष्ट्र में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक उठापटक भी तेज होती जा रही है। एक तरफ राजनीतिक दल जनता से समर्थ के लिए नई-नी चालें चल रहे हैं। तो दूसरी ओर समर्थन के नाम पर “ब्लैकमेलिंग” भी शुरू हो गया है। दरअसल, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को एक पत्र लिखकर समर्थन देने की पेशकश की है। हालांकि, इसके लिए 17 शर्तें भी रखी हैं। इनमें मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने, आरएसएस पर बैन लगाने जैसी मांगें रखी हैं। *उलेमा बोर्ड की कैसी शर्तें* उलेमा बोर्ड ने अपने 17 सूत्री प्रस्ताव में बताया है कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनी तो उसे क्या-क्या चाहिए। उलेमा बोर्ड ने एमवीए से वक्फ बिल का विरोध करने और मुस्लिमों को शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण देने की मांग की है। बोर्ड चाहता है कि राज्य के 48 जिलों में मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जब्त जमीनों का सर्वेक्षण किया जाए। इसके साथ ही महाराष्ट्र वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाए। बोर्ड ने 2012 से 2024 तक के दंगों के मामलों में बंद निर्दोष मुस्लिम कैदियों को रिहा करने की भी मांग की है। बोर्ड ने मस्जिदों के इमामों और मौलवियों को 15,000 रुपये मासिक सरकारी वेतन देने की मांग की है। *आरएसएस पर प्रतिबंध की भी शर्त* यही नहीं, बोर्ड चाहता है कि एमवीए की सरकार आने पर उलमा बोर्ड के मौलवियों और इमामों को सरकारी समितियों में शामिल किया जाए। 2024 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जाए। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए कानून पारित किया जाए। पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए। एमवीए की सरकार बनने पर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाए। *उलेमा बोर्ड की शर्ते ने दिलाई जिन्ना प्रस्ताव की याद* उलेमा बोर्ड की इन शर्तों ने 1929 के जिन्ना प्रस्ताव की याद दिला दी है। 1929 का जिन्ना का प्रस्ताव भारत में मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग का पहला कदम माना जाता है। जिन्ना के 14 सूत्रीय प्रस्ताव में संघीय ढांचे के साथ प्रांतों को अधिक स्वायत्तता देने, सभी निर्वाचित निकायों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने, केंद्र में मुस्लिमों को कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने, मुस्लिम हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक या प्रस्ताव का विरोध करने के लिए मुस्लिम सदस्यों को वीटो पावर देने जैसे मुद्दे शामिल थे। *जिन्ना के चौदह सूत्र* 1. संघीय संविधान जिसमें शेष शक्तियां प्रान्तों के पास होंगी। 2. प्रांतीय स्वायत्तता। 3. राज्यों की सहमति के बिना कोई संवैधानिक संशोधन नहीं। 4. सभी विधानमंडलों और निर्वाचित निकायों में पर्याप्त मुस्लिम प्रतिनिधित्व होगा, किसी प्रांत में मुस्लिम बहुमत को अल्पमत या समानता में बदले बिना। 5. सेवाओं और स्वशासी निकायों में मुसलमानों का पर्याप्त मुस्लिम प्रतिनिधित्व। 6. केन्द्रीय विधानमंडल में मुसलमानों का एक तिहाई प्रतिनिधित्व। 7. केन्द्रीय और राज्य मंत्रिमंडलों में एक तिहाई मुस्लिम सदस्य हैं। 8. पृथक निर्वाचक मंडल. 9. किसी भी विधानमंडल में कोई भी विधेयक पारित नहीं किया जाएगा यदि अल्पसंख्यक समुदाय का तीन चौथाई हिस्सा इसे अपने हितों के विरुद्ध मानता है। 10. बंगाल, पंजाब और उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत में मुस्लिम बहुसंख्यकों को प्रभावित न करने वाले क्षेत्रों का पुनर्गठन। 11. सिंध को बम्बई प्रेसीडेंसी से अलग करना। 12. उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत और बलूचिस्तान में संवैधानिक सुधार। 13. सभी समुदायों के लिए पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता। 14. मुसलमानों के धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और भाषाई अधिकारों का संरक्षण। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की शर्तें 1. वक्फ बिल का विरोध। 2. नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण। 3. महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिद,कब्रिस्तान और दरगाह की जब्त जमीन को आयुक्त के ज़रिए सर्वे कराने का आदेश दिया जाए। 4. महाराष्ट्र के वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ का फंड दिया जाए। 5. साल 2012 से 2024 के दंगे फैलाने के आरोपों में जेल में बंद निर्दोष मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग। 6. मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए एमवीए के 30 सांसद पीएम मोदी को खत लिखे। 7. महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमाम और मौलाना को सरकार हर महीने 15000 रुपये देने का वादा। 8. पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को भी प्राथमिकता दी जाए। 9. महाराष्ट्र में शिक्षित मुस्लिम समुदाय को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 10. इंडिया गठबंधन को रामगिरी महाराज और नितेश राणे को जेल में डालने के लिए विरोध करना चाहिए। 11. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के सत्ता में आने के बाद ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के मुफ्ती मौलाना, अलीम हाफिज मस्जिद के इमाम को सरकारी समिति में लिया जाना चाहिए। 12. महाराष्ट्र विधानसभा में 2024 के चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दिया जाना चाहिए। 13. महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए। 14. महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक कानून पारित किया जाना चाहिए। 15. हमारे पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वाले लोगों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। 16. जब महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगी सरकार बनाएंगे, तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। 17. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 भारत गठबंधन के लिए प्रचार करने के लिए अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड को 48 जिलों में आवश्यक मशीनरी प्रदान की जानी चाहिए।
भारत-रूस के बीच पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम के लिए समझौता, हवा में ही “दुश्मन” होगा तबाह*
#india_russia_advanced_pantsir_air_defense_missile_gun_system_deal
रूस बीते ढाई साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। इस युद्ध ने भारत के साथ रूस के कई प्रमुख रक्षा सौदों को भी प्रभावित किया है। रूस भारत को समय से हथियारों की डिलीवरी करने में नाकामयाब हो रहा है। जिन सौदों में देरी हुई है, उनमें बेहद अहम S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के अलावा युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। हालांकि इस बीच एक अहम खबर मिल रही है। भारत और रूस के बीच एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। भारत सरकार ने रूस से एडवांस पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का निर्णय लिया है। गोवा में आयोजित 5वें भारत-रूस इंटर गवर्नमेंटल कमिशन सबग्रुप मीटिंग के दौरान यह समझौता हुआ। यह सिस्टम ऑटोमेटिक लैंड से हवा में मार करने वाली एंटी मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट प्रणाली है। इसमें प्लेन हेलीकॉप्टर, सटीक मार करने वाले हथियारों और क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट करने की क्षमता है। पांत्सिर सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों से सैन्य, औद्योगिक और प्रशासनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है और ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है। इस सिस्टम में छोटी से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली 12 मिसाइलें लगी हैं। इसमें दोहरी 30 मिमी ऑटोमैटिक तोप लगी हैं, जो कई लेवल पर रक्षा करती है। *कितनी है रेंज?* पैंटसिर एक मोबाइल डिफेंस सिस्टम हैं जो ट्रक चेसिस पर लगाई जाती है। अलग-अलग इलाकों में यह बेहतर गतिशीलता देता है। यह सिस्टम उन्नत रडार सिस्टम से लैस है जो 36 किमी दूर और 15 किमी तक ऊंचे टार्गेट का पता लगा सकता है और उस पर हमला कर सकता है। लंबी दूरी तक ट्रैकिंग की क्षमता खतरों का पता लगाने और उन्हें समय रहते रोकने में सहायक है। पैंटसिर के मिसाइल की रेंज 1 से 12 किमी है। जबकि 30 मिमी वाली तोपें 0.2 से 4 किमी के बीच के टार्गेट को भेद सकती हैं। यह विशेषताएं इसे एक बहुमुखी प्रणाली बनाती हैं जो विभिन्न दूरी पर तेजी से बढ़ते हवाई टार्गेट जैसे ड्रोन, हेलीकॉप्टर और क्रूज मिसाइलों को बेअसर करने में सक्षम है। *भारत ने साइन की थी 5 अरब डॉलर की डील* भारत ने 2018 में रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की थी। इस डील के तहत अगले 5 सालों में भारत को ये सभी एयर डिफेंस सिस्टम मिलने थे। भारत को अभी तक रूस ने सिर्फ 3 ही एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दिए है। अभी भी 2 एस-400 भारत को मिलना बाकी हैं। इसके पीछे की एक बड़ी वजह यूक्रेन जंग को माना जा रहा है, जिसके चलते एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में देरी हो रही है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में नॉन एग्जीक्यूटिव पदों पर भर्ती का एलान, 24 नवंबर तक आवेदन का मौका


नई दिल्ली:- सरकारी नौकरी की तलाश में लगे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में नॉन एग्जीक्यूटिव के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। भर्ती के लिए आवेदन की लास्ट 24 नवंबर 2024 तय की गई है। 

ऐसे में अगर आप इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं तो तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से HAL की ऑफिशियल वेबसाइट hal-india.co.in पर जाकर फॉर्म भर लें। इसके साथ ही आप इस पेज पर दिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने पदानुसार संबंधित क्षेत्र में इंजीनियरिंग डिप्लोमा/ केमिस्ट्री में एमएससी/ दो वर्षीय आईटीआई आदि उत्तीर्ण किया हो।

इसके साथ ही आवेदन की लास्ट डेट को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 28 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी उम्र में छूट दी जाएगी।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 57 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें से डिप्लोमा तकनीशियन (मैकेनिकल) के 08 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (मैकेनिकल) के 02 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल) के 02 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल) FSR के 03 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रॉनिक्स) के 21 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रॉनिक्स)- एफएसआर के 14 पद, तकनीशियन (केमिकल) के 01 पद, ऑपरेटर (इलेक्ट्रॉनिक) मैकेनिक) के 02 पद, ऑपरेटर (फिटर) के 01 पद, ऑपरेटर (पेंटर) के 02 पद, ऑपरेटर (टर्नर) के 01 पद पर भर्ती की जाएगी।

इस भर्ती में आवेदन के साथ अनरिजर्व/ ओबीसी/ ईडब्ल्यूएस श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को 200 रुपये (+चार्जेज) जमा करना होगा। अन्य सभी वर्ग के अभ्यर्थी व एक्स अप्रेंटिस इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे करें आवेदन

एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर करियर बटन पर क्लिक करके भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।

अब अप्लाई लिंक पर क्लिक करके आगे बढ़ें।

अब अप्लाई ऑनलाइन पर क्लिक करके मांगी गई सभी डिटेल भरकर पहले रजिस्ट्रेशन कर लें।

इसके बाद अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें।

अंत में जिन उम्मीदवारों का शुल्क लगना है वे इसे जमा करें और फॉर्म को सबमिट कर दें।

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन विरोधी माइक वॉल्ट्ज को बनाया एनएसए, क्या संदेश देने की है कोशिश ?*
#india_caucus_head_mike_waltz_will_be_nsa_in_doanld_trump_government
अमेरिका के राष्‍ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप अब अपनी टीम बनाने में जुट गए हैं। अहम पदों पर नियुक्तियों की खबरें रोज आ रहीं हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए अहम नियुक्ति करते हुए फ्लोरिडा से सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बनाया है। ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। रिटायर कर्नल माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। वह अमेरिकी सेना की विशेष यूनिट ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं। माइक को चीन-ईरान के लिए सख्त और भारत के प्रति नरम रुख रखने वाला माना जाता है। *बाइडन की विदेश नीति के रहे हैं कट्टर आलोचक* माइक वाल्ट्ज साल 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है। माइक वाल्ज हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में भी बतौर सदस्य काम कर चुके हैं। वाल्ट्ज यूरोपीय देशों और अमेरिका से यूक्रेन का और मजबूती से समर्थन करने के समर्थक रहे हैं, लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, उसकी वाल्ट्ज ने तीखी आलोचना की थी। *चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता कम करने के हिमायती* माइक वाल्ट्ज भारत के साथ अमेरिकी रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर माइक वाल्ट्ज चीन के आलोचक रहे हैं। वह ऐसी नीतियों के हिमायती हैं, जो चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता को कम करें और अमेरिकी टेक्नॉलजी को सुरक्षित करें। वाल्ट्ज ने उइगर मुस्लिमों के साथ चीन के व्यवहार की आलोचना की थी। उन्होंने कोविड महामारी में चीन की भूमिका के विरोध में बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी बहिष्कार का भी समर्थन किया था। *भारत के लिए हो सकते हैं फायदेमंद* माइक वाल्ट्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी संसद में किसी देश पर केंद्रित सबसे बड़ा समूह है। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है। इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। वाल्ज का भारत के प्रति रुख नरम रहा है। ऐसे में अमेरिका की हिंद प्रशांत महासागर को लेकर बनने वाली रणनीति में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। वाल्ट्ज भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन का मुकाबला करने के मामले में मजबूत रणनीति बनाने के समर्थक रहे हैं। वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका-भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ना चाहिए।
370 का मुद्दा महाराष्ट्र-झारखंड के चुनाव को कितना करेगा प्रभावित? एनसी का प्रस्ताव बनेगी कांग्रेस की परेशानी

#article_370_maharashtra_jharkhand_assembly_election_main_issue

एक बार फिर अनुच्छेद 370 का मुद्दा गर्मा गया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। जिसको लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पिछले दिनों जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, अब ये मुद्दा जम्मू-कश्मीर से आगे बढ़कर महाराष्ट्र और झारखंड तक पहुंच गया है। दरअसल, महाराष्ट्र और झारखंड में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया है। भाजपा के दिग्गज नेताओं ने चुनावी प्रचार के दौरान इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है। अपनी चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा से विशेष दर्जे की बहाली के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 की वापसी के प्रस्ताव को मुद्दे को उठाया और उसे कांग्रेस की साजिश करार दिया। प्रधानमंत्री ने चुनावी रैली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की साजिशों को समझना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि देश की जनता कभी भी अनुच्छेद 370 पर इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जब तक मोदी है, कांग्रेस कश्मीर में कुछ नहीं कर पाएगी। जम्मू-कश्मीर में केवल भीम राव अंबेडकर का संविधान चलेगा, कोई भी ताकत 370 को फिर से वापस नहीं ला सकती है।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी महाराष्ट्र के सांगली और कराड की रैली में 370 के बहाने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने भी चुनौती दी कि चाहे कुछ भी हो जाए जम्मू-कश्मीर में 370 वापस नहीं हो सकता। अमित शाह ने कहा कि न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही उनकी आने वाली पीढ़ियां जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को वापस ला पाएंगी।

कुल मिलाकर कहें तो 370 के मुद्दे पर बीजेपी पूरी तरह से आक्रामक है। 370 पर विधानसभा के प्रस्ताव के ज़रिए वो महाराष्ट्र और यूपी में INDIA गठबंधन को घेर रही है। ऐसे में सवाल ये कि क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पास करके उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को फंसा दिया है? क्या ग़लत समय पर ये प्रस्ताव विधानसभा में लाया गया? इससे भी अहम सवाल क्या 370 का मुद्दा बीजेपी को चुनाव में फायदा पहुंचाएगा और कांग्रेस को नुकसान?

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति का प्रदर्शन बहुत आशाजनक नहीं रहा था, ऐसे में बीजेपी और महायुति की पार्टियां फिर से महाराष्ट्र में सत्ता में वापस पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इसी तरह से झारखंड में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्ता में बीजेपी उसे सत्ता से हाटने के लिए उस पर लगातार हमला बोल रही है। दोनों ही राज्यों में मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी बनाम कांग्रेस का है। एक राज्य में अगर महा विकास अघाड़ी है तो दूसरे में जेएमएम गठबंधन चुनौती दे रहा है। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी के लिए स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रवाद का मुद्दा भी जरूरी रहने वाला है।

बीजेपी के लिए तो जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी भावनाओं वाला ही रहा है, उसकी विचारधारा एक देश एक विधान और एक निशान वाली रही है। समाज का एक बड़ा वर्ग भी इसी सिद्धांत से सहमत नजर आता है। ये बात कांग्रेस भी बखूबी जानती है। शायद यही वजह है कि इस प्रस्ताव के बाद कांग्रेस का ना कोई स्टैंड देखने को मिला, ना कोई स्पष्ट बयान आया है।

उसे इस बात का भी अहसास है कि 370 का मुद्दा सिर्फ राष्ट्रवाद का ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। अगर बीजेपी को मौका लगा वो तुरंत कांग्रेस को देश विरोधी बता देगी जिसका सीधा नुकसान महाराष्ट्र और झारखंड में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में कांग्रेस ने ना अभी 370 पर कुछ बोलेगी और शायद आगे भी ऐसी ही सियासी चुप्पी साधे रखेगी।

अमेरिकी चुनाव के बाद कई देश चिंतित, लेकिन भारत नहीं” किया है एस. जयशंकर के कॉन्फिडेंस की वजह

#s_jaishankar_said_on_trump_victory_many_countries_are_worried_but_not_india

अमेरिका में राष्ट्रपति के बाद डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई है। ट्रंप की जीत के साथ ही कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। खासकर ट्रंप की विदेश नीति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई देश अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद आशंकित हैं। डोनाल्ड ट्रंप की संभावित कड़क नीतियों की वजह से चीन से लेकर कनाडा तक दुनिया के कई देश परेशान हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट की नीति अपनाई है। यानी वह हर एक चीज में अमेरिकी हित को सर्वोपरि रखते हैं। पहले कार्यकाल में भी ट्रंप का आक्रमक रूख देखा गया था। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद कई देशों में अमेरिकी नीति को लेकर चिंता है, लेकिन भारत ऐसा देश नहीं है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को मुंबई में आदित्य बिड़ला ग्रुप स्कॉलरशिप प्रोग्राम के सिल्वर जुबली समारोह में शामिल हुए।कार्यक्रम में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक चिंताओं के बावजूद वाशिंगटन के साथ भारत के संबंधों पर विश्वास जताया।जयशंकर ने अपने संबोधन में पीएम मोदी के कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी ने बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के साथ अपने कार्यकाल में अच्छे संबंध बनाए है।

जयशंकर से जब यह पूछा गया कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से कई देश आशंकित हैं तो उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को लेकर पूरी आश्वस्त है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 11 सालों में तीन-तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं। बतौर पीएम जब पहली बार मोदी अमेरिका गए थे तो उस वक्त वहां बराक ओबामा की सरकार थी। उसके 2016 में डोनाल्ड ट्रंप वहां के राष्ट्रपति बने। उनके साथ भी पीएम मोदी ने मिलकर काम किया है। फिर 2020 में जो बाइडन राष्ट्रपति बने। बाइडन के साथ भी पीएम मोदी का संबंध बहुत अच्छा था। ऐसे में भले ही दुनिया के तमाम देश डोनाल्ड ट्रंप की जीत से परेशान हैं लेकिन भारत खासकर पीएम मोदी पूरी तरह आश्वस्त हैं।

जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएम मोदी की यह क्षमता, वैश्विक नेताओं के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना, भारत के लिए फायदेमंद रहा है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि ट्रंप ने अपनी जीत के बाद पहली तीन कॉल्स में से एक पीएम मोदी को की, जो भारत-अमेरिका के रिश्तों के महत्व को दर्शाता है।

जयशंकर ने इतना ही नहीं भारत के आर्थिक विकास पर भी जोर दिया और बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इस दशक के आखिरी तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत के निर्यात और विदेशी निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। जयशंकर ने कहा कि विदेश नीति में आर्थिक कूटनीति पर जोर दिया जा रहा है, जिससे राष्ट्रीय विकास और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।

कल्पना सोरेन ने कथित सर्वे के को किया ख़ारिज,मीडिया से कहा लिख कर रख लीजिये एनडीए 36% वोट शेयर भी पार नहीं कर पायेगा

झारखंड डेस्क

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए अब 24 घंटे से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में दावों और वादों का जोर और तेज हो गया है। पिछले दिनों आये झारखंड चुनाव की सर्वे रिपोर्ट काफी चर्चा में रही।

दावा किया गया कि इस चुनाव में इंडी गठबंधन पर NDA भारी पड़ेगा। झारखंड में सत्ता का उलटफेर हो सकता है। हालांकि झामुमो ने दावा किया है कि सरकार तो इंडी गठबंधन की ही बन रही है। कल्पना सोरेन ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि लिख कर रख लीजिये एनडीए 36% वोट शेयर भी पार नहीं कर पा रहा है।

कल्पना सोरेन ने सर्वे रिपोर्ट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा आजसू को : 2014 लोकसभा में – 44.5% वोट 2014 विधानसभा में – 35.5% वोट मिले थे। 2019 लोकसभा में – 56% वोट मिले थे। वहीं 2019 विधानसभा में – 42 % मिला था।

2024 के लोकसभा में – 47.6% वोट मिला था, इससे साफ़ है की मोदी युग में भी लोकसभा और विधान सभा के बीच भाजपा को कम से कम 22 से 25% वोट प्रतिशत का नुकसान होता है।

लोकसभा में INDIA को झारखंड में 14 में 2 सीट देने वाला एग्जिट पोल कह रहा है भाजपा-आजसू को 53% वोट शेयर मिलेगा। सम्भाल कर रख लीजिए – लिख कर दे रही हूँ – भाजपा-आजसू – JDU- LJP गठबंधन – 36% वोट शेयर पार नहीं कर रहा है।

सर्वे में क्या किया गया था दावा

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक 18 से 25 सीट जीत सकता है. वहीं, अन्य के खाते में 2 से 5 सीट मिलने की उम्मीद है। इससे पहले साल 2019 के विधानसभा चुनावों में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 47 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को 25 सीटें मिली थी.

बीजेपी गठबंधन को 53 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है, जबकि, जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन का वोट शेयर 27.9 फीसदी रह सकता है। वहीं, अन्य को 18.9 प्रतिशत वोट शेयर का अनुमान जताया गया है।

मैटराइज सर्वे के अनुसार, कोल्हान (चाईबासा), दक्षिणी छोटानागपुर (रांची), पलामू (मेदिनीनगर) में जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दल की पकड़ मजबूत होती दिखाई दे रही है। जेएमएम गठबंधन को इन पांच क्षेत्रों में भारी सीटों का नुकसान होने का अनुमान है।

मैटराइज सर्वे के अनुसार संथाल परगना की 18 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 6 से 9 सीटें मिल सकती है, वहीं जेएमएम गठबंधन को 4 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है। उत्तरी छोटानागपुर (हजारीबाग) की 25 सीटों में भाजपा गठबंधन को 14 से 17 और जेएमएम गठबंधन को 0-4 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है।

क्या भारतीयों के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे ट्रंप? अमेरिका जाकर काम करने वालों की नजरें नए राष्ट्रपति की पॉलिसी पर*
#donald_trump_may_create_problems_for_india_on_these_fronts
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। हाल ही में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस को हराकर बड़ी जीत हासिल की है। ट्रंप जीत के साथ ही उनकी विदेश नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप का 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' नारे के साथ वापस सत्ता में आए हैं। इससे स्पष्ट है कि उनकी नीतियां इसी नारे के इर्द-गिर्द रहेंगी। चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रंप का प्रवासियों को लेकर सख्त रुख सबको टेंशन में डाल रहा है। यह सवाल सबको टेंशन दे रहा है कि क्या अमेरिका का ग्रीन कार्ड हासिल करना भारतीयों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा? डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारत की नजर उनकी वीजा पॉलिसी पर है। उनकी नीतियां प्रवासियों के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। वह पूरे चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। यही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप का बतौर राष्ट्रपति पहले कार्यकाल में H-1B पर काफी सख्त रुख रहा। ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी नौकरियां दूसरे देशों के नागरिकों को मिल रही हैं। उन्होंने H-1B वीजा के लिए योग्यता के पैमाने को सख्त कर दिया था। वीजा मिलने में लगाने वाला समय भी बढ़ गया था। साथ ही, वीजा एप्लिकेशन रिजेक्ट होने की दर भी बढ़ी थी। *भारतीयों के अमेरिका में नौकरियों पर होगा असर* ट्रंप की उस पॉलिसी का भारतीय पेशेवरों और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर काफी असर दिखा था। अगर ट्रंप अपनी पुरानी पॉलिसी पर अड़े रहे तो भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरियों के अवसर कम हो सकते है। *H-1B वीजाधारकों में सबसे ज्यादा भारतीय* बता दें कि बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका के टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करते हैं और वे वहां H-1B वीजा पर जाते हैं। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड चलते भारत के आईटी प्रोफेशनल को सबसे अधिक H-1B वीजा मिलता है। अमेरिकी सरकार का डेटा भी बताता है कि पिछले कुछ साल में H-1B वीजाधारकों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। वित्त वर्ष 2023 में कुल (3.86 लाख) H-1B स्वीकृत हुए। इसमें से 72.3 फीसदी यानी 2.79 लाख भारतीयों के पास थीं। चीनी कर्मचारी दूसरे स्थान पर थे, जिन्हें कुल H-1B वीजा का 11.7 फीसदी मिला था। *अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदकों पर भी होगा असर* हालांकि, राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने RAISE (मजबूत रोजगार के लिए अमेरिकी आप्रवासन में सुधार) अधिनियम, 2017 का समर्थन किया था, जिसका मकसद कानूनी आव्रजन को आधा करना था। इसका मतलब यह होगा कि ग्रीन कार्ड की संख्या 10 लाख से घटाकर लगभग 5 लाख सालाना करने का प्रावधान है। अगर ये कानून ट्रंप लागू करते हैं तो भारतीय कामगारों पर इसका बड़ा असर होगा, क्योंकि अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदकों और कुशल विदेशी कामगारों में बड़ा हिस्सा भारतीय हैं। *विदेशी स्नातकों के लिए ऑटोमेटिक ग्रीन कार्ड* यह नीति अमेरिका में डिग्री हासिल करने वाले भारतीय छात्रों को स्नातक होने के बाद ग्रीन कार्ड के लिए ऑटोमेटिक रास्ता देती है। कई भारतीय छात्र हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका जाते हैं और काम करने के लिए अमेरिका में ही रहने की उम्मीद करते हैं। ऐसे में ऑटोमेटिक ग्रीन कार्ड एच-1बी जैसी लंबी और अनिश्चित वीजा प्रक्रियाओं की जरूरतों को दूर कर सकता है और भारतीय स्नातकों को फौरन नौकरी और बसने की मंजूरी मिल सकती है। *परिवार के सदस्यों को लाने की उम्मीद करने वालों पर असर* हालांकि, ग्रीन कार्ड के लिए परिवार के सदस्यों को अमेरिका लाने की उम्मीद पाले बैठे भारतीयों को कुछ बंदिशों का सामना करना पड़ सकता हैं। कई भारतीय माता-पिता, भाई-बहन या वयस्क बच्चों को अमेरिका लाने के लिए परिवार आधारित कैटेगरी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, RAISE अधिनियम मॉडल के तहत पति-पत्नी और नाबालिग बच्चों तक सीमित हो जाएंगे, जिससे परिवार के पुनर्मिलन पर असर पड़ेगा।
*Mayor's Cup off to a colourful start at the Eden Gardens today*

Sports News

Khabar kolkata Sports Desk: The Mayor's Cup 2024-25, jointly organised by CAB & KMC in association with KKR, featuring students from 64 schools got off to a colourful start at the Eden Gardens on Tuesday, with CAB President Snehasish Ganguly sharing inspirational words and advice to all the participating teams in the tournament.

Also present for the inauguration was MMIC KMC Mr Debasish Kumar. Before the inaugural match, CAB President Ganguly felicitated Mr Kumar.

It was followed by CAB School Committee Chairman Sanjay Das felicitating CAB President Mr Ganguly. CAB Vice President Amalendu Biswas was felicitated by CAB School Committee member Koushik Mukherjee. CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das was felicitated by CAB School Committee member Deep Chatterjee, while KKR representative Himanish Bhattacharjee was felicitated by CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey. The inauguration was well conducted by CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick. Also present were Chairman of different CAB committees.

As all the captains of the participating teams stood with placards of their school names, the toss took place between St Johns Public School and Patha Bhavan. It was followed by the national anthem in front of the CAB Club House and special KKR merchandise caps were handed over to all the players. St Johns Public School won the toss and elected to bat.

Talking about the meet, Mr Ganguly said: "First of all, I would like to thank Mr Debasish Kumar for his presence here. I also thank KKR and KMC for their support. Through this tournament, I feel the next generation cricketers of India and Bengal will come forward."

"From this tournament, we had shortlisted a group of U-13 players who took part in a Vision camp. A lot of talents have come forward because of this tournament. I hope this year, too, this will be a success," Mr Ganguly added.

Mr. Kumar said, "At first, I would like to thank CAB for organizing a cricket tournament at the school level. I hope this tournament can produce more and more cricketers for the future. I also congratulate KKR for their support. I wish all the matches a success."

A total of 111 matches will be played in the tournament at different venues across the city. A total of 16 groups comprising 4 teams in each group will fight it out for the title. A total of 96 matches will be played in the group stage with 15 knockout matches.

The semifinals and final will be a two-day affair.

Pic Sanjay Hazra

*Mayor's Cup off to a colourful start at the Eden Gardens today*

Sports News 

 Khabar kolkata Sports Desk: The Mayor's Cup 2024-25, jointly organised by CAB & KMC in association with KKR, featuring students from 64 schools got off to a colourful start at the Eden Gardens on Tuesday, with CAB President Snehasish Ganguly sharing inspirational words and advice to all the participating teams in the tournament.

Also present for the inauguration was MMIC KMC Mr Debasish Kumar. Before the inaugural match, CAB President Ganguly felicitated Mr Kumar. 

It was followed by CAB School Committee Chairman Sanjay Das felicitating CAB President Mr Ganguly. CAB Vice President Amalendu Biswas was felicitated by CAB School Committee member Koushik Mukherjee. CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das was felicitated by CAB School Committee member Deep Chatterjee, while KKR representative Himanish Bhattacharjee was felicitated by CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey. The inauguration was well conducted by CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick. Also present were Chairman of different CAB committees. 

As all the captains of the participating teams stood with placards of their school names, the toss took place between St Johns Public School and Patha Bhavan. It was followed by the national anthem in front of the CAB Club House and special KKR merchandise caps were handed over to all the players. St Johns Public School won the toss and elected to bat. 

Talking about the meet, Mr Ganguly said: "First of all, I would like to thank Mr Debasish Kumar for his presence here. I also thank KKR and KMC for their support. Through this tournament, I feel the next generation cricketers of India and Bengal will come forward."

"From this tournament, we had shortlisted a group of U-13 players who took part in a Vision camp. A lot of talents have come forward because of this tournament. I hope this year, too, this will be a success," Mr Ganguly added.

Mr. Kumar said, "At first, I would like to thank CAB for organizing a cricket tournament at the school level. I hope this tournament can produce more and more cricketers for the future. I also congratulate KKR for their support. I wish all the matches a success."

A total of 111 matches will be played in the tournament at different venues across the city. A total of 16 groups comprising 4 teams in each group will fight it out for the title. A total of 96 matches will be played in the group stage with 15 knockout matches. 

The semifinals and final will be a two-day affair.

 Pic Sanjay Hazra

महाराष्ट्र चुनावः समर्थन के लिए ये कैसी शर्तें? एमवीए का साथ देने के लिए उलेमा बोर्ड ने रखी ये मांग
#all_india_ulema_board_writes_17_conditions_for_supporting_mva
* महाराष्ट्र में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक उठापटक भी तेज होती जा रही है। एक तरफ राजनीतिक दल जनता से समर्थ के लिए नई-नी चालें चल रहे हैं। तो दूसरी ओर समर्थन के नाम पर “ब्लैकमेलिंग” भी शुरू हो गया है। दरअसल, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को एक पत्र लिखकर समर्थन देने की पेशकश की है। हालांकि, इसके लिए 17 शर्तें भी रखी हैं। इनमें मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने, आरएसएस पर बैन लगाने जैसी मांगें रखी हैं। *उलेमा बोर्ड की कैसी शर्तें* उलेमा बोर्ड ने अपने 17 सूत्री प्रस्ताव में बताया है कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनी तो उसे क्या-क्या चाहिए। उलेमा बोर्ड ने एमवीए से वक्फ बिल का विरोध करने और मुस्लिमों को शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण देने की मांग की है। बोर्ड चाहता है कि राज्य के 48 जिलों में मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जब्त जमीनों का सर्वेक्षण किया जाए। इसके साथ ही महाराष्ट्र वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाए। बोर्ड ने 2012 से 2024 तक के दंगों के मामलों में बंद निर्दोष मुस्लिम कैदियों को रिहा करने की भी मांग की है। बोर्ड ने मस्जिदों के इमामों और मौलवियों को 15,000 रुपये मासिक सरकारी वेतन देने की मांग की है। *आरएसएस पर प्रतिबंध की भी शर्त* यही नहीं, बोर्ड चाहता है कि एमवीए की सरकार आने पर उलमा बोर्ड के मौलवियों और इमामों को सरकारी समितियों में शामिल किया जाए। 2024 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जाए। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए कानून पारित किया जाए। पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए। एमवीए की सरकार बनने पर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाए। *उलेमा बोर्ड की शर्ते ने दिलाई जिन्ना प्रस्ताव की याद* उलेमा बोर्ड की इन शर्तों ने 1929 के जिन्ना प्रस्ताव की याद दिला दी है। 1929 का जिन्ना का प्रस्ताव भारत में मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग का पहला कदम माना जाता है। जिन्ना के 14 सूत्रीय प्रस्ताव में संघीय ढांचे के साथ प्रांतों को अधिक स्वायत्तता देने, सभी निर्वाचित निकायों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने, केंद्र में मुस्लिमों को कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने, मुस्लिम हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक या प्रस्ताव का विरोध करने के लिए मुस्लिम सदस्यों को वीटो पावर देने जैसे मुद्दे शामिल थे। *जिन्ना के चौदह सूत्र* 1. संघीय संविधान जिसमें शेष शक्तियां प्रान्तों के पास होंगी। 2. प्रांतीय स्वायत्तता। 3. राज्यों की सहमति के बिना कोई संवैधानिक संशोधन नहीं। 4. सभी विधानमंडलों और निर्वाचित निकायों में पर्याप्त मुस्लिम प्रतिनिधित्व होगा, किसी प्रांत में मुस्लिम बहुमत को अल्पमत या समानता में बदले बिना। 5. सेवाओं और स्वशासी निकायों में मुसलमानों का पर्याप्त मुस्लिम प्रतिनिधित्व। 6. केन्द्रीय विधानमंडल में मुसलमानों का एक तिहाई प्रतिनिधित्व। 7. केन्द्रीय और राज्य मंत्रिमंडलों में एक तिहाई मुस्लिम सदस्य हैं। 8. पृथक निर्वाचक मंडल. 9. किसी भी विधानमंडल में कोई भी विधेयक पारित नहीं किया जाएगा यदि अल्पसंख्यक समुदाय का तीन चौथाई हिस्सा इसे अपने हितों के विरुद्ध मानता है। 10. बंगाल, पंजाब और उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत में मुस्लिम बहुसंख्यकों को प्रभावित न करने वाले क्षेत्रों का पुनर्गठन। 11. सिंध को बम्बई प्रेसीडेंसी से अलग करना। 12. उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत और बलूचिस्तान में संवैधानिक सुधार। 13. सभी समुदायों के लिए पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता। 14. मुसलमानों के धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और भाषाई अधिकारों का संरक्षण। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की शर्तें 1. वक्फ बिल का विरोध। 2. नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण। 3. महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिद,कब्रिस्तान और दरगाह की जब्त जमीन को आयुक्त के ज़रिए सर्वे कराने का आदेश दिया जाए। 4. महाराष्ट्र के वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ का फंड दिया जाए। 5. साल 2012 से 2024 के दंगे फैलाने के आरोपों में जेल में बंद निर्दोष मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग। 6. मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए एमवीए के 30 सांसद पीएम मोदी को खत लिखे। 7. महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमाम और मौलाना को सरकार हर महीने 15000 रुपये देने का वादा। 8. पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को भी प्राथमिकता दी जाए। 9. महाराष्ट्र में शिक्षित मुस्लिम समुदाय को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 10. इंडिया गठबंधन को रामगिरी महाराज और नितेश राणे को जेल में डालने के लिए विरोध करना चाहिए। 11. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के सत्ता में आने के बाद ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के मुफ्ती मौलाना, अलीम हाफिज मस्जिद के इमाम को सरकारी समिति में लिया जाना चाहिए। 12. महाराष्ट्र विधानसभा में 2024 के चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दिया जाना चाहिए। 13. महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए। 14. महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक कानून पारित किया जाना चाहिए। 15. हमारे पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वाले लोगों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। 16. जब महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगी सरकार बनाएंगे, तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। 17. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 भारत गठबंधन के लिए प्रचार करने के लिए अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड को 48 जिलों में आवश्यक मशीनरी प्रदान की जानी चाहिए।
भारत-रूस के बीच पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम के लिए समझौता, हवा में ही “दुश्मन” होगा तबाह*
#india_russia_advanced_pantsir_air_defense_missile_gun_system_deal
रूस बीते ढाई साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। इस युद्ध ने भारत के साथ रूस के कई प्रमुख रक्षा सौदों को भी प्रभावित किया है। रूस भारत को समय से हथियारों की डिलीवरी करने में नाकामयाब हो रहा है। जिन सौदों में देरी हुई है, उनमें बेहद अहम S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के अलावा युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। हालांकि इस बीच एक अहम खबर मिल रही है। भारत और रूस के बीच एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। भारत सरकार ने रूस से एडवांस पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का निर्णय लिया है। गोवा में आयोजित 5वें भारत-रूस इंटर गवर्नमेंटल कमिशन सबग्रुप मीटिंग के दौरान यह समझौता हुआ। यह सिस्टम ऑटोमेटिक लैंड से हवा में मार करने वाली एंटी मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट प्रणाली है। इसमें प्लेन हेलीकॉप्टर, सटीक मार करने वाले हथियारों और क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट करने की क्षमता है। पांत्सिर सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों से सैन्य, औद्योगिक और प्रशासनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है और ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है। इस सिस्टम में छोटी से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली 12 मिसाइलें लगी हैं। इसमें दोहरी 30 मिमी ऑटोमैटिक तोप लगी हैं, जो कई लेवल पर रक्षा करती है। *कितनी है रेंज?* पैंटसिर एक मोबाइल डिफेंस सिस्टम हैं जो ट्रक चेसिस पर लगाई जाती है। अलग-अलग इलाकों में यह बेहतर गतिशीलता देता है। यह सिस्टम उन्नत रडार सिस्टम से लैस है जो 36 किमी दूर और 15 किमी तक ऊंचे टार्गेट का पता लगा सकता है और उस पर हमला कर सकता है। लंबी दूरी तक ट्रैकिंग की क्षमता खतरों का पता लगाने और उन्हें समय रहते रोकने में सहायक है। पैंटसिर के मिसाइल की रेंज 1 से 12 किमी है। जबकि 30 मिमी वाली तोपें 0.2 से 4 किमी के बीच के टार्गेट को भेद सकती हैं। यह विशेषताएं इसे एक बहुमुखी प्रणाली बनाती हैं जो विभिन्न दूरी पर तेजी से बढ़ते हवाई टार्गेट जैसे ड्रोन, हेलीकॉप्टर और क्रूज मिसाइलों को बेअसर करने में सक्षम है। *भारत ने साइन की थी 5 अरब डॉलर की डील* भारत ने 2018 में रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की थी। इस डील के तहत अगले 5 सालों में भारत को ये सभी एयर डिफेंस सिस्टम मिलने थे। भारत को अभी तक रूस ने सिर्फ 3 ही एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दिए है। अभी भी 2 एस-400 भारत को मिलना बाकी हैं। इसके पीछे की एक बड़ी वजह यूक्रेन जंग को माना जा रहा है, जिसके चलते एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में देरी हो रही है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में नॉन एग्जीक्यूटिव पदों पर भर्ती का एलान, 24 नवंबर तक आवेदन का मौका


नई दिल्ली:- सरकारी नौकरी की तलाश में लगे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में नॉन एग्जीक्यूटिव के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। भर्ती के लिए आवेदन की लास्ट 24 नवंबर 2024 तय की गई है। 

ऐसे में अगर आप इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं तो तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से HAL की ऑफिशियल वेबसाइट hal-india.co.in पर जाकर फॉर्म भर लें। इसके साथ ही आप इस पेज पर दिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने पदानुसार संबंधित क्षेत्र में इंजीनियरिंग डिप्लोमा/ केमिस्ट्री में एमएससी/ दो वर्षीय आईटीआई आदि उत्तीर्ण किया हो।

इसके साथ ही आवेदन की लास्ट डेट को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 28 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी उम्र में छूट दी जाएगी।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 57 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें से डिप्लोमा तकनीशियन (मैकेनिकल) के 08 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (मैकेनिकल) के 02 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल) के 02 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल) FSR के 03 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रॉनिक्स) के 21 पद, डिप्लोमा तकनीशियन (इलेक्ट्रॉनिक्स)- एफएसआर के 14 पद, तकनीशियन (केमिकल) के 01 पद, ऑपरेटर (इलेक्ट्रॉनिक) मैकेनिक) के 02 पद, ऑपरेटर (फिटर) के 01 पद, ऑपरेटर (पेंटर) के 02 पद, ऑपरेटर (टर्नर) के 01 पद पर भर्ती की जाएगी।

इस भर्ती में आवेदन के साथ अनरिजर्व/ ओबीसी/ ईडब्ल्यूएस श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को 200 रुपये (+चार्जेज) जमा करना होगा। अन्य सभी वर्ग के अभ्यर्थी व एक्स अप्रेंटिस इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे करें आवेदन

एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर करियर बटन पर क्लिक करके भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।

अब अप्लाई लिंक पर क्लिक करके आगे बढ़ें।

अब अप्लाई ऑनलाइन पर क्लिक करके मांगी गई सभी डिटेल भरकर पहले रजिस्ट्रेशन कर लें।

इसके बाद अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें।

अंत में जिन उम्मीदवारों का शुल्क लगना है वे इसे जमा करें और फॉर्म को सबमिट कर दें।

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन विरोधी माइक वॉल्ट्ज को बनाया एनएसए, क्या संदेश देने की है कोशिश ?*
#india_caucus_head_mike_waltz_will_be_nsa_in_doanld_trump_government
अमेरिका के राष्‍ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप अब अपनी टीम बनाने में जुट गए हैं। अहम पदों पर नियुक्तियों की खबरें रोज आ रहीं हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए अहम नियुक्ति करते हुए फ्लोरिडा से सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बनाया है। ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। रिटायर कर्नल माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। वह अमेरिकी सेना की विशेष यूनिट ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं। माइक को चीन-ईरान के लिए सख्त और भारत के प्रति नरम रुख रखने वाला माना जाता है। *बाइडन की विदेश नीति के रहे हैं कट्टर आलोचक* माइक वाल्ट्ज साल 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है। माइक वाल्ज हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में भी बतौर सदस्य काम कर चुके हैं। वाल्ट्ज यूरोपीय देशों और अमेरिका से यूक्रेन का और मजबूती से समर्थन करने के समर्थक रहे हैं, लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, उसकी वाल्ट्ज ने तीखी आलोचना की थी। *चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता कम करने के हिमायती* माइक वाल्ट्ज भारत के साथ अमेरिकी रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर माइक वाल्ट्ज चीन के आलोचक रहे हैं। वह ऐसी नीतियों के हिमायती हैं, जो चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता को कम करें और अमेरिकी टेक्नॉलजी को सुरक्षित करें। वाल्ट्ज ने उइगर मुस्लिमों के साथ चीन के व्यवहार की आलोचना की थी। उन्होंने कोविड महामारी में चीन की भूमिका के विरोध में बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी बहिष्कार का भी समर्थन किया था। *भारत के लिए हो सकते हैं फायदेमंद* माइक वाल्ट्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी संसद में किसी देश पर केंद्रित सबसे बड़ा समूह है। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है। इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। वाल्ज का भारत के प्रति रुख नरम रहा है। ऐसे में अमेरिका की हिंद प्रशांत महासागर को लेकर बनने वाली रणनीति में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। वाल्ट्ज भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन का मुकाबला करने के मामले में मजबूत रणनीति बनाने के समर्थक रहे हैं। वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका-भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ना चाहिए।
370 का मुद्दा महाराष्ट्र-झारखंड के चुनाव को कितना करेगा प्रभावित? एनसी का प्रस्ताव बनेगी कांग्रेस की परेशानी

#article_370_maharashtra_jharkhand_assembly_election_main_issue

एक बार फिर अनुच्छेद 370 का मुद्दा गर्मा गया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। जिसको लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पिछले दिनों जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, अब ये मुद्दा जम्मू-कश्मीर से आगे बढ़कर महाराष्ट्र और झारखंड तक पहुंच गया है। दरअसल, महाराष्ट्र और झारखंड में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया है। भाजपा के दिग्गज नेताओं ने चुनावी प्रचार के दौरान इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है। अपनी चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा से विशेष दर्जे की बहाली के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 की वापसी के प्रस्ताव को मुद्दे को उठाया और उसे कांग्रेस की साजिश करार दिया। प्रधानमंत्री ने चुनावी रैली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की साजिशों को समझना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि देश की जनता कभी भी अनुच्छेद 370 पर इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जब तक मोदी है, कांग्रेस कश्मीर में कुछ नहीं कर पाएगी। जम्मू-कश्मीर में केवल भीम राव अंबेडकर का संविधान चलेगा, कोई भी ताकत 370 को फिर से वापस नहीं ला सकती है।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी महाराष्ट्र के सांगली और कराड की रैली में 370 के बहाने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने भी चुनौती दी कि चाहे कुछ भी हो जाए जम्मू-कश्मीर में 370 वापस नहीं हो सकता। अमित शाह ने कहा कि न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही उनकी आने वाली पीढ़ियां जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को वापस ला पाएंगी।

कुल मिलाकर कहें तो 370 के मुद्दे पर बीजेपी पूरी तरह से आक्रामक है। 370 पर विधानसभा के प्रस्ताव के ज़रिए वो महाराष्ट्र और यूपी में INDIA गठबंधन को घेर रही है। ऐसे में सवाल ये कि क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पास करके उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को फंसा दिया है? क्या ग़लत समय पर ये प्रस्ताव विधानसभा में लाया गया? इससे भी अहम सवाल क्या 370 का मुद्दा बीजेपी को चुनाव में फायदा पहुंचाएगा और कांग्रेस को नुकसान?

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति का प्रदर्शन बहुत आशाजनक नहीं रहा था, ऐसे में बीजेपी और महायुति की पार्टियां फिर से महाराष्ट्र में सत्ता में वापस पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इसी तरह से झारखंड में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्ता में बीजेपी उसे सत्ता से हाटने के लिए उस पर लगातार हमला बोल रही है। दोनों ही राज्यों में मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी बनाम कांग्रेस का है। एक राज्य में अगर महा विकास अघाड़ी है तो दूसरे में जेएमएम गठबंधन चुनौती दे रहा है। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी के लिए स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रवाद का मुद्दा भी जरूरी रहने वाला है।

बीजेपी के लिए तो जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी भावनाओं वाला ही रहा है, उसकी विचारधारा एक देश एक विधान और एक निशान वाली रही है। समाज का एक बड़ा वर्ग भी इसी सिद्धांत से सहमत नजर आता है। ये बात कांग्रेस भी बखूबी जानती है। शायद यही वजह है कि इस प्रस्ताव के बाद कांग्रेस का ना कोई स्टैंड देखने को मिला, ना कोई स्पष्ट बयान आया है।

उसे इस बात का भी अहसास है कि 370 का मुद्दा सिर्फ राष्ट्रवाद का ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। अगर बीजेपी को मौका लगा वो तुरंत कांग्रेस को देश विरोधी बता देगी जिसका सीधा नुकसान महाराष्ट्र और झारखंड में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में कांग्रेस ने ना अभी 370 पर कुछ बोलेगी और शायद आगे भी ऐसी ही सियासी चुप्पी साधे रखेगी।

अमेरिकी चुनाव के बाद कई देश चिंतित, लेकिन भारत नहीं” किया है एस. जयशंकर के कॉन्फिडेंस की वजह

#s_jaishankar_said_on_trump_victory_many_countries_are_worried_but_not_india

अमेरिका में राष्ट्रपति के बाद डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई है। ट्रंप की जीत के साथ ही कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। खासकर ट्रंप की विदेश नीति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई देश अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद आशंकित हैं। डोनाल्ड ट्रंप की संभावित कड़क नीतियों की वजह से चीन से लेकर कनाडा तक दुनिया के कई देश परेशान हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट की नीति अपनाई है। यानी वह हर एक चीज में अमेरिकी हित को सर्वोपरि रखते हैं। पहले कार्यकाल में भी ट्रंप का आक्रमक रूख देखा गया था। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद कई देशों में अमेरिकी नीति को लेकर चिंता है, लेकिन भारत ऐसा देश नहीं है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को मुंबई में आदित्य बिड़ला ग्रुप स्कॉलरशिप प्रोग्राम के सिल्वर जुबली समारोह में शामिल हुए।कार्यक्रम में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक चिंताओं के बावजूद वाशिंगटन के साथ भारत के संबंधों पर विश्वास जताया।जयशंकर ने अपने संबोधन में पीएम मोदी के कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी ने बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के साथ अपने कार्यकाल में अच्छे संबंध बनाए है।

जयशंकर से जब यह पूछा गया कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से कई देश आशंकित हैं तो उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को लेकर पूरी आश्वस्त है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 11 सालों में तीन-तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं। बतौर पीएम जब पहली बार मोदी अमेरिका गए थे तो उस वक्त वहां बराक ओबामा की सरकार थी। उसके 2016 में डोनाल्ड ट्रंप वहां के राष्ट्रपति बने। उनके साथ भी पीएम मोदी ने मिलकर काम किया है। फिर 2020 में जो बाइडन राष्ट्रपति बने। बाइडन के साथ भी पीएम मोदी का संबंध बहुत अच्छा था। ऐसे में भले ही दुनिया के तमाम देश डोनाल्ड ट्रंप की जीत से परेशान हैं लेकिन भारत खासकर पीएम मोदी पूरी तरह आश्वस्त हैं।

जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएम मोदी की यह क्षमता, वैश्विक नेताओं के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना, भारत के लिए फायदेमंद रहा है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि ट्रंप ने अपनी जीत के बाद पहली तीन कॉल्स में से एक पीएम मोदी को की, जो भारत-अमेरिका के रिश्तों के महत्व को दर्शाता है।

जयशंकर ने इतना ही नहीं भारत के आर्थिक विकास पर भी जोर दिया और बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इस दशक के आखिरी तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत के निर्यात और विदेशी निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। जयशंकर ने कहा कि विदेश नीति में आर्थिक कूटनीति पर जोर दिया जा रहा है, जिससे राष्ट्रीय विकास और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।