जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।
सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है।
खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव
खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।
तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव
पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।
मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव
• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।
• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।
• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।
7 hours ago