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मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश, पहलगाम के पीड़ितों से मिलकर बोले राहुल

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को श्रीनगर में पहलगाम हमले में घायल लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना को अंजाम देकर आतंकवादियों ने भाइयों से भाइयों को लड़ाने के लिए किया है। आतंकी कितनी भी कोशिश कर लें, हम उन्हें हरा देंगे। हर भारतीय एकसाथ है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंल के नेता फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की।

नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा- राहुल गांधी

कांग्रेस के एक्स अकाउंट से राहुल गांधी की पीड़ितों से मुलाकात करते हुए तस्वीरें साझा कर लिखा गया कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना मानवता पर प्रहार है, मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश है। आतंक के खिलाफ हम सभी एकजुट हैं। हमें साथ मिलकर इन नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा।

सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एक मत से इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस वक्त एक साथ खड़ा है। ये वारदात भाई को भाई से लड़ाने के लिए हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ हैं।

मुख्यमंत्री और एलजी से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि सीएम उमर अब्दुल्लाह से मिलकर हालत की जानकारी ली है। एलजी से भी मुलाकात की और उन्होंने मुझे जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मेरी पार्टी और मैं उनका पूरा समर्थन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की।

स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसा बयान स्‍वीकार नहीं” सावरकर विवाद पर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने चेताया

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सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में टिप्पणी करने के खिलाफ चेतावनी दी है। शीर्ष अदालत ने वीर सावरकर के खिलाफ दिए कांग्रेस के बयान को गैरजिम्‍मेदार करार दिया और भविष्‍य में ऐसा न करने की नसीहत भी दे डाली। साथ ही कोर्ट ने वीडी सावरकर के बारे में टिप्पणी करने पर ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है। बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने सावरकर पर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर दर्ज मानहानि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी करने से आगाह किया। सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं कि किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के खिलाफ इस तरह का स्‍टेटमेंट दिया जाए।

“महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल”

कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है। अदालत ने कहा कि अगर गांधी इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। जब वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि इस मामले में धारा 196 लागू नहीं होती। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था। इस तरह आप कहेंगे कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे। क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को पत्र भेजा था। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।

भविष्य के लिए चेताया

अदालत ने कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास- भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते। मैंने भी हमारे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को इसी तरह लिखते देखा है। कानून के बारे में आपकी बात सही है और आपको स्थगन मिल जाएगा। लेकिन उनके द्वारा आगे दिए गए किसी भी बयान पर स्वतः संज्ञान लेकर विचार किया जाएगा। अदालत ने सख्त भरे लहजे में कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहें।

देशभर में दर्ज हुए थे राहल के खिलाफ केस

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में वीर सावरकर पर बयान दिया था, जिसे लेकर देशभर में उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए। लखनऊ में वकील नृपेंद्र पांडेय ने भी सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राहुल पर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस याचिका को पहले सत्र न्यायालय ने जून 2023 में खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ नृपेंद्र पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और राहुल गांधी को समन जारी कर दिया।

श्रीनगर पहुंचे सेना प्रमुख, करेंगे सुरक्षा स्थिति की समीक्षा, पहलगाम हमले के घायलों से मिलने राहुल भी पहुंच रहे अनंतनाग

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पड़ोसी देश पर कई प्रहार किए हैं। जिसमें सिंधु नदी समझौता स्थगित करना भी शामिल हैष इस मुद्दे पर शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह अपने आवास पर एक बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई सीनियर केंद्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं। इस बीच, भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है। वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी आज श्रीनगर पहुंच गए हैं। वह 15 कोर में सुरक्षा बैठक की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वह आतंकी हमले वाली जगह पर भी जाएंगे। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जम्मू-कश्मीर जाएंगे।

आर्मी चीफ पहुंचे श्रीनगर

पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबल एक्टिव हो गए हैं। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंच चुके हैं। वे घाटी में सुरक्षा की समीक्षा करने के साथ ही आतंकवादियों और उनके गढ़ को तबाह करने की रणनीति भी बनाएंगे। उनका कश्मीर घाटी में तैनात वरिष्ठ सैन्य कमांडरों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है। वह घाटी में चल रही सुरक्षा स्थिति और पाकिस्तान सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ़ कंट्रोल) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के प्रयासों की समीक्षा करेंगे।

यूएस दौरे रद्द कर देश लौटे राहुल गांधी

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर थे लेकिन यात्रा बीच में छोड़कर गुरुवार सुबह वे दिल्ली लौट आए थे। राहुल गांधी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी-अपनी विदेश यात्रा बीच में रद्द कर दी थी। पीएम मोदी सऊदी अरब तो सीतारमण अमेरिका के दौरे पर थीं।

गुस्से में देश

पहलगाम आतंकी हमले में हिंदुओं की बर्बर हत्या की गई। इससे लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को देशभर में प्रदर्शन हुए। शुक्रवार को भी देश भर में प्रदर्शन होगा। शुक्रवार को भी दिल्ली बंद का ऐलान किया गया है। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। करीब 300 लोगों ने उच्चायोग के समक्ष नारेबाजी की।

राहुल गांधी भारतीय नागरिक पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 10 दिन का समय दिया

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- 'राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं, इस पर 10 दिन में जवाब दें।इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया गया है, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसका जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला?

1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने सबूत होने का दावा किया

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते। राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

विदेशी जमीन से फिर राहुल ने देश के आतंरिक मुद्दों पर उठाए सवाल, बोले- चुनाव आयोग ने किया समझौता

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने भारत से नहीं बल्कि अमेरिका की धरती से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और सिस्टम में कुछ गड़बड़ है।

निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा किया

राहुल 2 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। राहुल गांधी शनिवार देर रात को अमेरिका के बॉस्टन एयरपोर्ट पर उतरे थे। माना जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश की मोदी सरकार और देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।

महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा मतदान-राहुल

राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान राहुल ने कहा कि मैंने यह कई बार कहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। राहुल गांधी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान कर दिया। ऐसा होना शारीरिक रूप से असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित लगाएं तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की लाइनें लगी रहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी देने के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें।

महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स जोड़े गए-राहुल

राहुल ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख वोटर्स जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए 39 लाख वोटर्स को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स कैसे जोड़े गए? विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स कैसे थे? राहुल ने कहा कि इसका एक उदाहरण कामठी विधानसभा है, जहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए।

पहले भी उठा चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पिछले महीने 10 मार्च को राहुल ने सदन में मतदाता सूची का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कई राज्यों में वोटर लिस्ट पर सवाल उठे हैं, इसलिए संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने दाखिल की पहली चार्जशीट, सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं।

कांग्रेस ने कहा बदले की राजनीति

ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा।

राज्यों के ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

पार्टी ने बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को राज्यों के ईडी हेडक्वॉर्टर के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्यों में कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताने को कहा गया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट सरकार का अन्यायपूर्ण और मनमाना कदम है। पार्टी ने भारत की आत्मा के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर से लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने की थी शिकायत

2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के ही दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नैशनल हेरल्ड अखबार और इसकी प्रकाशन कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। सोनिया और राहुल के पास यंग इंडियन के सबसे ज्यादा शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38% शेयर हैं।

2021 में शुरू हुई थी जांच

ईडी ने 2021 में जांच शुरू की और कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘आपराधिक साजिश’ को उजागर किया गया है। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल से घंटों पूछताछ की थी। कुछ दिन पहले ही ईडी ने इस मामले से जुड़ी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया था।

गुजरात का गढ़ जीतने की तैयारी में कांग्रेसः राहुल गांधी ने लगाया जोर, पार्टी नेताओं को दिया टारगेट

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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस गुजरात का लक्ष्य साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस तीन दशक से ज्यादा समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है। इसी क्रम में राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। राहुल का यह दौरा 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के बाद हो रहा है। तब से पहले राहुल ने मार्च में राज्य का दौरा किया था।

आज राहुल गांधी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज मोडासा जिले के अरावल्ली में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करेंगे। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में वे जिले के 1200 बूथ नेताओं को संबोधित कर उनसे सीधा संवाद भी करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करना है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार रात अपनी पार्टी की गुजरात इकाई की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बैठक में उन्होंने संगठन के भीतर नेताओं की पदोन्नति और चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर मानदंड तय कर दिए। बैठक में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी मुकुल वासनिक के अलावा राज्य में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। ये सभी पर्यवेक्षक एआईसीसी द्वारा 12 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे।

10 दिन मांगी रिपोर्ट

राहुल गांधी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षकों से अगले 10 दिन सौंपे गए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि संबंधित जिले के संगठन में बदलाव करते हुए नए जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जा सके। कांग्रेस ने हर एक जिले के केंद्रीय निरीक्षक के साथ 4 गुजरात निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट मे पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बनाएंगे। गुजरात में कुल 33 जिले हैं लेकिन आठ बड़े शहर हैं। ऐसे में यहां पर शहरी क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है और ग्रामीण क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है। ऐसे में पार्टी कुल 41 अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद संगठन की मजबूती पर काम शुरू करेगी।

हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी

बैठक में राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही पदोन्नति मिलेगी, हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन्हें उसी के अनुसार काम सौंपा जाएगा।

जनता के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा टिकट

राहुल गांधी ने कहा कि जो नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा और जो केवल चुनाव के दौरान सक्रिय होंगे, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं से कहा कि जनता के बीच रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुजरात में पार्टी के सत्ता में आने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को मंत्री बनाया जाएगा।

गुजरात का गढ़ जीतने की कोशिश

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में आयोजित इन बैठकों को पार्टी की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर ग्रासरूट स्तर पर आंदोलन और समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

आरजेडी-कांग्रेस में सीएम कैंडिडेड पर बनेगी बात? दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे से मिले तेजस्वी यादव


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इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजनीतिक दल सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाले महागठबंधन के साथ लड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, सीट शेयरिंग और सीएम चेहरे को लेकर गठबंधन के बीच कशमकश बनी हुई है। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को दिल्ली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव के अलावा राज्यसभा सांसद मनोज झा, संजय यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद उन से सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर तेजस्वी यादव ने कहा, आपलोग चिंतित मत होईए. हम लोग आपस में बैठ कर यह तय कर लेंगे।

तेजस्वी यादव ने जहां इस बात की जानकारी नहीं दी कि पार्टी मीटिंग में तेजस्वी यादव का चेहरा सीएम के लिए तय किया गया या नहीं। वहीं, उन्होंने इस बात को बार-बार कहा कि हम लोगों की पूरी तैयारी है। हम सब मिलकर बिहार को आगे लेकर जाएंगे। बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. हम लोग मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

दरअसल, बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान मची है। आरजेडी जहां लगातार तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री प्रत्याशी बता रहा है वहीं कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि सीएम का फेस चुनाव रिजल्ट आने के बाद तय होगा।  

हाल के दिनों को देखा जाए तो कांग्रेस के नेताओं की ओर से महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर टिप्पणी की जा रही है। चाहे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार हों, बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु हों या फिर कन्हैया कुमार, कोई खुलकर यह नहीं कह रहा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम फेस हैं। इतना ही नहीं जब हाल ही में सचिन पायलट आए तो उन्होंने भी सीधे तेजस्वी को सीएम फेस नहीं बताया। कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को ही सीएम बनाने की मांग कर दी।

बता दें कि लंबे समय बाद बिहार में कांग्रेस कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावरु के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में दिख रही है। कन्हैया कुमार ने जहां 27 दिनों की पलायन रोको यात्रा की है और कृष्णा भी लगातार संगठन के नेताओं से मिल रहे हैं। इसके अलावा दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर मायावती ने उठाया सवाल, पूछा- नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी कितनी उचित?

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वक्फ कानून पूरे देश में लागू कर दिया गया है। हालांकि, इस कानून का विरोध जारी है। वक्फ संशोधन विधेयक पिछले गुरुवार को लोकसभा और शुक्रवार को राज्यसभा से पास हुआ था। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की चुप्पी और प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर पहले ही सवाल उठ चुके हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि संसद में नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी कितनी उचित है? बिल पर मुस्लिम समुदाय का गुस्सा जायज है।

बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर सवाल पूछा हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित है? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इंडिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक है।’

धार्मिक अल्पसंख्यकों को छलावा से बचने की सलाह

मायावती ने आगे कहा, ‘वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, बीजेपी आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी।’

भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट-मायावती

बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त है, जबकि भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट है। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिन्तनीय हैं। सरकार जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही से निभाए।

बिल को जल्दबाजी में लाने का आरोप

इससे पहले मायावती ने कहा था कि संसद में वक्फ संशोधन बिल पर सत्ता व विपक्ष को सुनने के बाद निष्कार्ष यही निकलता है कि केन्द्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए कुछ और समय दे देती और उनके सभी संदेहों को भी दूर करके जब इस बिल को लाती तो यह बेहतर होता। दुख की बात यह है कि सरकार ने इस बिल को बहुत जल्दबाजी में लाकर जो इसे पास कराया है यह उचित नहीं और अब इस बिल के पास हो जाने पर यदि सरकारें इसका दुरुपयोग करती हैं तो फिर पार्टी मुस्लिम समाज का पूरा साथ देगी, ऐसे में इस बिल से पार्टी सहमत नहीं है

वक्फ बिल संविधान पर हमला’, कांग्रेस अधिवेशन में बोले राहुल बोले

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गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित हुआ। बुधवार को अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता पर हमला और संविधान विरोधी कदम है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।

दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी बनाया जाएगा निशाना

कांग्रेस के एआईसीसी अध‍िवेशन को संबोध‍ित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, वक्फ बिल पास हुआ, ये फ्रीडम ऑफ रिलीजन पर आक्रमण है। संविधान पर आक्रमण है। वे लोग ऑर्गनाइजर में क्रिश्चियन की जमीन के लिए लिखते हैं, बाद में सिख के लिए भी आएंगे। आप टीकाराम जुली को ही देख‍िए। राजस्‍थान में विपक्ष के नेता हैं। मंदिर गए, उसके बाद बीजेपी के नेताओं ने मंदिर को धुलवाया। साफ करवाया। वो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। एक दलित को मंदिर जाने का अधिकार नहीं देते। जब जाता है तो धुलवा दिया। ये हमारा धर्म नहीं। हम भी अपने आप को हिन्दू कहलाते हैं, मगर ये हमारा धर्म नहीं। हमारा धर्म सबको सम्मान देता है।

'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात-राहुल

राहुल गांधी ने दावा किया कि आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात की गई है और आगे सिख समुदाय के साथ भी ऐसा होगा। राहुल गांधी ने दावा किया देश भारतीय जनता पार्टी से तंग आ गया है और बिहार के विधानसभा चुनाव में यह दिखेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में बदलाव होने वाला है, लोगों का मूड दिख रहा है।

राहुल गांधी ने फिर उठाया जाति जनगणना का मामला

राहुल गांधी ने एक बार फिर से जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है। उनके द्वारा संसद में भी जाति जनगणना की मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाया गया है।राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए... मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे। जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।

राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42% तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है

मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश, पहलगाम के पीड़ितों से मिलकर बोले राहुल

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को श्रीनगर में पहलगाम हमले में घायल लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना को अंजाम देकर आतंकवादियों ने भाइयों से भाइयों को लड़ाने के लिए किया है। आतंकी कितनी भी कोशिश कर लें, हम उन्हें हरा देंगे। हर भारतीय एकसाथ है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंल के नेता फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की।

नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा- राहुल गांधी

कांग्रेस के एक्स अकाउंट से राहुल गांधी की पीड़ितों से मुलाकात करते हुए तस्वीरें साझा कर लिखा गया कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना मानवता पर प्रहार है, मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश है। आतंक के खिलाफ हम सभी एकजुट हैं। हमें साथ मिलकर इन नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा।

सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एक मत से इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस वक्त एक साथ खड़ा है। ये वारदात भाई को भाई से लड़ाने के लिए हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ हैं।

मुख्यमंत्री और एलजी से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि सीएम उमर अब्दुल्लाह से मिलकर हालत की जानकारी ली है। एलजी से भी मुलाकात की और उन्होंने मुझे जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मेरी पार्टी और मैं उनका पूरा समर्थन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की।

स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसा बयान स्‍वीकार नहीं” सावरकर विवाद पर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने चेताया

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सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में टिप्पणी करने के खिलाफ चेतावनी दी है। शीर्ष अदालत ने वीर सावरकर के खिलाफ दिए कांग्रेस के बयान को गैरजिम्‍मेदार करार दिया और भविष्‍य में ऐसा न करने की नसीहत भी दे डाली। साथ ही कोर्ट ने वीडी सावरकर के बारे में टिप्पणी करने पर ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है। बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने सावरकर पर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर दर्ज मानहानि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी करने से आगाह किया। सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं कि किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के खिलाफ इस तरह का स्‍टेटमेंट दिया जाए।

“महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल”

कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है। अदालत ने कहा कि अगर गांधी इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। जब वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि इस मामले में धारा 196 लागू नहीं होती। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था। इस तरह आप कहेंगे कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे। क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को पत्र भेजा था। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।

भविष्य के लिए चेताया

अदालत ने कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास- भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते। मैंने भी हमारे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को इसी तरह लिखते देखा है। कानून के बारे में आपकी बात सही है और आपको स्थगन मिल जाएगा। लेकिन उनके द्वारा आगे दिए गए किसी भी बयान पर स्वतः संज्ञान लेकर विचार किया जाएगा। अदालत ने सख्त भरे लहजे में कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहें।

देशभर में दर्ज हुए थे राहल के खिलाफ केस

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में वीर सावरकर पर बयान दिया था, जिसे लेकर देशभर में उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए। लखनऊ में वकील नृपेंद्र पांडेय ने भी सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राहुल पर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस याचिका को पहले सत्र न्यायालय ने जून 2023 में खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ नृपेंद्र पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और राहुल गांधी को समन जारी कर दिया।

श्रीनगर पहुंचे सेना प्रमुख, करेंगे सुरक्षा स्थिति की समीक्षा, पहलगाम हमले के घायलों से मिलने राहुल भी पहुंच रहे अनंतनाग

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पड़ोसी देश पर कई प्रहार किए हैं। जिसमें सिंधु नदी समझौता स्थगित करना भी शामिल हैष इस मुद्दे पर शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह अपने आवास पर एक बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई सीनियर केंद्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं। इस बीच, भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है। वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी आज श्रीनगर पहुंच गए हैं। वह 15 कोर में सुरक्षा बैठक की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वह आतंकी हमले वाली जगह पर भी जाएंगे। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जम्मू-कश्मीर जाएंगे।

आर्मी चीफ पहुंचे श्रीनगर

पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबल एक्टिव हो गए हैं। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंच चुके हैं। वे घाटी में सुरक्षा की समीक्षा करने के साथ ही आतंकवादियों और उनके गढ़ को तबाह करने की रणनीति भी बनाएंगे। उनका कश्मीर घाटी में तैनात वरिष्ठ सैन्य कमांडरों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है। वह घाटी में चल रही सुरक्षा स्थिति और पाकिस्तान सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ़ कंट्रोल) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के प्रयासों की समीक्षा करेंगे।

यूएस दौरे रद्द कर देश लौटे राहुल गांधी

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर थे लेकिन यात्रा बीच में छोड़कर गुरुवार सुबह वे दिल्ली लौट आए थे। राहुल गांधी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी-अपनी विदेश यात्रा बीच में रद्द कर दी थी। पीएम मोदी सऊदी अरब तो सीतारमण अमेरिका के दौरे पर थीं।

गुस्से में देश

पहलगाम आतंकी हमले में हिंदुओं की बर्बर हत्या की गई। इससे लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को देशभर में प्रदर्शन हुए। शुक्रवार को भी देश भर में प्रदर्शन होगा। शुक्रवार को भी दिल्ली बंद का ऐलान किया गया है। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। करीब 300 लोगों ने उच्चायोग के समक्ष नारेबाजी की।

राहुल गांधी भारतीय नागरिक पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 10 दिन का समय दिया

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- 'राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं, इस पर 10 दिन में जवाब दें।इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया गया है, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसका जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला?

1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने सबूत होने का दावा किया

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते। राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

विदेशी जमीन से फिर राहुल ने देश के आतंरिक मुद्दों पर उठाए सवाल, बोले- चुनाव आयोग ने किया समझौता

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने भारत से नहीं बल्कि अमेरिका की धरती से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और सिस्टम में कुछ गड़बड़ है।

निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा किया

राहुल 2 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। राहुल गांधी शनिवार देर रात को अमेरिका के बॉस्टन एयरपोर्ट पर उतरे थे। माना जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश की मोदी सरकार और देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।

महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा मतदान-राहुल

राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान राहुल ने कहा कि मैंने यह कई बार कहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। राहुल गांधी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान कर दिया। ऐसा होना शारीरिक रूप से असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित लगाएं तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की लाइनें लगी रहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी देने के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें।

महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स जोड़े गए-राहुल

राहुल ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख वोटर्स जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए 39 लाख वोटर्स को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स कैसे जोड़े गए? विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स कैसे थे? राहुल ने कहा कि इसका एक उदाहरण कामठी विधानसभा है, जहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए।

पहले भी उठा चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पिछले महीने 10 मार्च को राहुल ने सदन में मतदाता सूची का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कई राज्यों में वोटर लिस्ट पर सवाल उठे हैं, इसलिए संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने दाखिल की पहली चार्जशीट, सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं।

कांग्रेस ने कहा बदले की राजनीति

ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा।

राज्यों के ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

पार्टी ने बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को राज्यों के ईडी हेडक्वॉर्टर के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्यों में कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताने को कहा गया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट सरकार का अन्यायपूर्ण और मनमाना कदम है। पार्टी ने भारत की आत्मा के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर से लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने की थी शिकायत

2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के ही दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नैशनल हेरल्ड अखबार और इसकी प्रकाशन कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। सोनिया और राहुल के पास यंग इंडियन के सबसे ज्यादा शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38% शेयर हैं।

2021 में शुरू हुई थी जांच

ईडी ने 2021 में जांच शुरू की और कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘आपराधिक साजिश’ को उजागर किया गया है। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल से घंटों पूछताछ की थी। कुछ दिन पहले ही ईडी ने इस मामले से जुड़ी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया था।

गुजरात का गढ़ जीतने की तैयारी में कांग्रेसः राहुल गांधी ने लगाया जोर, पार्टी नेताओं को दिया टारगेट

#rahulgandhiin_gujarat

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस गुजरात का लक्ष्य साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस तीन दशक से ज्यादा समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है। इसी क्रम में राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। राहुल का यह दौरा 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के बाद हो रहा है। तब से पहले राहुल ने मार्च में राज्य का दौरा किया था।

आज राहुल गांधी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज मोडासा जिले के अरावल्ली में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करेंगे। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में वे जिले के 1200 बूथ नेताओं को संबोधित कर उनसे सीधा संवाद भी करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करना है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार रात अपनी पार्टी की गुजरात इकाई की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बैठक में उन्होंने संगठन के भीतर नेताओं की पदोन्नति और चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर मानदंड तय कर दिए। बैठक में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी मुकुल वासनिक के अलावा राज्य में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। ये सभी पर्यवेक्षक एआईसीसी द्वारा 12 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे।

10 दिन मांगी रिपोर्ट

राहुल गांधी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षकों से अगले 10 दिन सौंपे गए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि संबंधित जिले के संगठन में बदलाव करते हुए नए जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जा सके। कांग्रेस ने हर एक जिले के केंद्रीय निरीक्षक के साथ 4 गुजरात निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट मे पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बनाएंगे। गुजरात में कुल 33 जिले हैं लेकिन आठ बड़े शहर हैं। ऐसे में यहां पर शहरी क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है और ग्रामीण क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है। ऐसे में पार्टी कुल 41 अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद संगठन की मजबूती पर काम शुरू करेगी।

हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी

बैठक में राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही पदोन्नति मिलेगी, हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन्हें उसी के अनुसार काम सौंपा जाएगा।

जनता के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा टिकट

राहुल गांधी ने कहा कि जो नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा और जो केवल चुनाव के दौरान सक्रिय होंगे, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं से कहा कि जनता के बीच रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुजरात में पार्टी के सत्ता में आने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को मंत्री बनाया जाएगा।

गुजरात का गढ़ जीतने की कोशिश

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में आयोजित इन बैठकों को पार्टी की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर ग्रासरूट स्तर पर आंदोलन और समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

आरजेडी-कांग्रेस में सीएम कैंडिडेड पर बनेगी बात? दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे से मिले तेजस्वी यादव


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इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजनीतिक दल सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाले महागठबंधन के साथ लड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, सीट शेयरिंग और सीएम चेहरे को लेकर गठबंधन के बीच कशमकश बनी हुई है। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को दिल्ली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव के अलावा राज्यसभा सांसद मनोज झा, संजय यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद उन से सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर तेजस्वी यादव ने कहा, आपलोग चिंतित मत होईए. हम लोग आपस में बैठ कर यह तय कर लेंगे।

तेजस्वी यादव ने जहां इस बात की जानकारी नहीं दी कि पार्टी मीटिंग में तेजस्वी यादव का चेहरा सीएम के लिए तय किया गया या नहीं। वहीं, उन्होंने इस बात को बार-बार कहा कि हम लोगों की पूरी तैयारी है। हम सब मिलकर बिहार को आगे लेकर जाएंगे। बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. हम लोग मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

दरअसल, बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान मची है। आरजेडी जहां लगातार तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री प्रत्याशी बता रहा है वहीं कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि सीएम का फेस चुनाव रिजल्ट आने के बाद तय होगा।  

हाल के दिनों को देखा जाए तो कांग्रेस के नेताओं की ओर से महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर टिप्पणी की जा रही है। चाहे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार हों, बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु हों या फिर कन्हैया कुमार, कोई खुलकर यह नहीं कह रहा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम फेस हैं। इतना ही नहीं जब हाल ही में सचिन पायलट आए तो उन्होंने भी सीधे तेजस्वी को सीएम फेस नहीं बताया। कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को ही सीएम बनाने की मांग कर दी।

बता दें कि लंबे समय बाद बिहार में कांग्रेस कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावरु के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में दिख रही है। कन्हैया कुमार ने जहां 27 दिनों की पलायन रोको यात्रा की है और कृष्णा भी लगातार संगठन के नेताओं से मिल रहे हैं। इसके अलावा दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर मायावती ने उठाया सवाल, पूछा- नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी कितनी उचित?

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वक्फ कानून पूरे देश में लागू कर दिया गया है। हालांकि, इस कानून का विरोध जारी है। वक्फ संशोधन विधेयक पिछले गुरुवार को लोकसभा और शुक्रवार को राज्यसभा से पास हुआ था। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की चुप्पी और प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर पहले ही सवाल उठ चुके हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि संसद में नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी कितनी उचित है? बिल पर मुस्लिम समुदाय का गुस्सा जायज है।

बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर सवाल पूछा हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित है? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इंडिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक है।’

धार्मिक अल्पसंख्यकों को छलावा से बचने की सलाह

मायावती ने आगे कहा, ‘वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, बीजेपी आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी।’

भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट-मायावती

बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त है, जबकि भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट है। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिन्तनीय हैं। सरकार जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही से निभाए।

बिल को जल्दबाजी में लाने का आरोप

इससे पहले मायावती ने कहा था कि संसद में वक्फ संशोधन बिल पर सत्ता व विपक्ष को सुनने के बाद निष्कार्ष यही निकलता है कि केन्द्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए कुछ और समय दे देती और उनके सभी संदेहों को भी दूर करके जब इस बिल को लाती तो यह बेहतर होता। दुख की बात यह है कि सरकार ने इस बिल को बहुत जल्दबाजी में लाकर जो इसे पास कराया है यह उचित नहीं और अब इस बिल के पास हो जाने पर यदि सरकारें इसका दुरुपयोग करती हैं तो फिर पार्टी मुस्लिम समाज का पूरा साथ देगी, ऐसे में इस बिल से पार्टी सहमत नहीं है

वक्फ बिल संविधान पर हमला’, कांग्रेस अधिवेशन में बोले राहुल बोले

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गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित हुआ। बुधवार को अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता पर हमला और संविधान विरोधी कदम है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।

दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी बनाया जाएगा निशाना

कांग्रेस के एआईसीसी अध‍िवेशन को संबोध‍ित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, वक्फ बिल पास हुआ, ये फ्रीडम ऑफ रिलीजन पर आक्रमण है। संविधान पर आक्रमण है। वे लोग ऑर्गनाइजर में क्रिश्चियन की जमीन के लिए लिखते हैं, बाद में सिख के लिए भी आएंगे। आप टीकाराम जुली को ही देख‍िए। राजस्‍थान में विपक्ष के नेता हैं। मंदिर गए, उसके बाद बीजेपी के नेताओं ने मंदिर को धुलवाया। साफ करवाया। वो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। एक दलित को मंदिर जाने का अधिकार नहीं देते। जब जाता है तो धुलवा दिया। ये हमारा धर्म नहीं। हम भी अपने आप को हिन्दू कहलाते हैं, मगर ये हमारा धर्म नहीं। हमारा धर्म सबको सम्मान देता है।

'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात-राहुल

राहुल गांधी ने दावा किया कि आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात की गई है और आगे सिख समुदाय के साथ भी ऐसा होगा। राहुल गांधी ने दावा किया देश भारतीय जनता पार्टी से तंग आ गया है और बिहार के विधानसभा चुनाव में यह दिखेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में बदलाव होने वाला है, लोगों का मूड दिख रहा है।

राहुल गांधी ने फिर उठाया जाति जनगणना का मामला

राहुल गांधी ने एक बार फिर से जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है। उनके द्वारा संसद में भी जाति जनगणना की मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाया गया है।राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए... मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे। जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।

राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42% तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है