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कांग्रेस शासनकाल में जाति जनगणना न कराना मेरी गलती…राहुल गांधी ने जताया अफसोस

#rahulgandhisaysitwasmymistakenottoconductcaste_census

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर अहम बयान दिया है। राहुल गांधी ने माना कि अपनी पार्टी के शासनकाल में जाति जनगणना न कराना बड़ी गलती थी। इसके लिए उन्होंने खुद को दोषी ठहराया है।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं 2004 से राजनीति में हूं और मुझे 21 साल हो गए। जब मैं पीछे देखता हूं और अपना आत्म विश्लेषण करता हूं, मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही तो 2-3 बड़े मुद्दे मुझे दिखाई देते हैं। पीछे देखने पर मुझे एक बात बिल्कुल साफ दिखती है कि एक विषय पर मेरी कमी रही। कांग्रेस पार्टी और मैंने एक गलती की। OBC वर्ग का संरक्षण हमें जिस प्रकार से करना चाहिए था, हमने नहीं किया। इसका कारण था, उनके जो मुद्दे थे उस समय मुझे उसकी गहराई से समझ नहीं थी।

इन मुद्दों पर बताया अच्छे नबंर का हकदार

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस शुक्रवार को ओबीसी नेतृत्व भागीदारी न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा मैंने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया, मनरेगा लेकर आया और नियमगिरी की लड़ाई लड़ी। ये काम मैंने ठीक किए...चाहे वह आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो तो मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए, महिलाओं के मुद्दे पर सही नंबर मिले चाहिए।

ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर मैं अपनी कमी की बात करता हूं तो मैंने एक गलती की है, जो ओबीसी वर्ग है उसकी जिस तरह से मुझे रक्षा करनी चाहिए थी, वह मैंने नहीं की। इसका कारण था, आपके जो मुद्दे थे उस समय, मुझे गहराई से समझ नहीं आए। 10-15 साल पहले जो दिक्कतें दलितों के सामने थी वह मुझे समझ आ गई। आदिवासियों के मुद्दे भी आसानी से समझ आ जाते हैं, लेकिन ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते हैं, वह छुपे रहते हैं। अगर मुझे आपकी दिक्कतों के बारे में थोड़ा सा भी पता होता तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा देता। राहु गांधी ने आगे कहा कि मैं उस गलती को सुधारना चाहता हूं।

देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है-राहुल गांधी

'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी हैं। लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90 फीसदी की आबादी का कोई नहीं था। देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है। हलवा बनाने वाले लोग आप हैं, लेकिन हलवा वो खा रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं, लेकिन कम से कम आपको भी तो मिले।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, बोली- इनके पिता ने बनाया था कानून

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तगड़ा वार किया है। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि, 'राहुल गांधी को इस देश से कोई भी मतलब नहीं है। वे बिल्कुल भी सीरियस नेता नहीं है और नियम कानून को नहीं देखते हैं।

कई सत्रों में राहुल की उपस्थिति जीरो- निशिकांत दुबे

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया वह मुश्किल से दो मिनट के लिए मीडिया के सामने आते हैं। कई ऐसे सत्र हैं, जिसमें उनकी उपस्थिति जीरो है। उसके बाद उनकी अपेक्षा होती है कि वो जब खड़े हों तो उनकी बात सुनी जाए। संसद के कुछ नियम और आचार संहिता हैं। नियम 349 के अनुसार कोई सदस्य सदन में बोलने के तुरंत बाद सदन नहीं छोड़ सकता। अगर कोई सदस्य बोलना चाहता है, तो उसे सदन में बैठना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्होंने नियम नहीं पढ़े हैं। उन्हें सीखने की जरूरत है कि सरकार कैसे काम करती है, उन्हें यह मल्लिकार्जुन खड़गे से ही सीखना चाहिए। अगर किसी और से नहीं सीखना चाहते।

अपने पिता द्वारा पारित कानून के बारे में भी नहीं पता है-निशिकांत दुबे

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी बिहार में चल रहे एसआईआर का विरोध कर रहे हैं. जबकि उन्हें ये पता होना चाहिए कि युवा वोटरों को आकर्षित करने के लिए राजीव गांधी खुद ही ये कानून लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि एसआईआर पर राहुल गांधी का बयान दर्शाता है कि उन्हें अपने पिता द्वारा पारित कानून की भी जानकारी नहीं है. दुबे ने कहा कि इस एसआईआर का मतलब मतदाता सूची से उन वोटर्स को बाहर निकलना जो पात्र नहीं है, जिसमें बांग्लादेश के घुसपैठिए भी शामिल हैं और बांग्लादेशी घुसपैठिए से साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।

गांधी परिवार पर लगातार हमलावर हैं निशिकांत

निशिकांत दुबे लगातार गांधी परिवार पर हमलावर हैं। इससे पहले उन्होंने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया था कि इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन के लिए ब्रिटिश सैनिकों का सहयोग लिया और इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को पत्र लिखकर अपनी आंतरिक समस्याएं साझा कीं।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्र शेयर किया। उन्होंने लिखा, “1984 में ब्रिटिश सैनिकों के सहयोग से ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ करने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को यह पत्र भेजा। क्या कभी भी एक सार्वभौमिक राष्ट्र का प्रधानमंत्री दूसरे देश के साथ अपनी आंतरिक समस्या बताता है?”

दाल में कुछ तो काला है...जानें राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?*

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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के बार-बार दावे को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25वीं बार यह बयान दिया। पीएम मोदी इस पर मौन हैं। इससे लगता है दाल में कुछ काला है। 

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। सदन में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का वादा किया है। पीएम के लौटने पर चर्चा होगी। लेकिन पीएम का जवाब चल रहा है। एक ओर कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, हमारी जीत हो गई। वहीं दूसरी ओर ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि हमने ऑपरेशन सिंदूर को बंद करवा दिया है। भैया दाल में कुछ तो काला है न। 

ट्रंप ने फिर किया सीजफायर कराने का दावा

राहुल गांधी का यह बयान मंगलवार सुबह ट्रंप के नए दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने फिर से कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। वे शायद परमाणु जंग में उलझने वाले थे। ट्रंप ने कहा, उस समय दोनों देशों के बीच संघर्ष गंभीर हो गया था, 5 फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे। किसी भी वक्त परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता था। मैंने उन्हें फोन किया और व्यापार रोकने की धमकी दी।

बार-बार सीजफायर कराने का दावा कर रहे ट्रंप

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। भारत ने पाकिस्तान प्रशासित आजाद कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ जगहों पर मिसाइल और हवाई हमले शुरू किए थे। दोनों देशों के बीच 3 दिनों तक संघर्ष चला। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था। तब पहली बार ट्रंप ने सीजफायर कराने का दावा किया था। 

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि एक ओर मोदी सरकार संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बहस की निश्चित तारीखें देने से इनकार कर रही है और प्रधानमंत्री के जवाब देने को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दे रही है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर अपने दावों के साथ सिल्वर जुबली तक पहुंच चुके हैं। पिछले 73 दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर 25 बार ढिंढोरा पीट चुके हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक पूरी तरह मौन हैं। उन्हें केवल विदेश यात्राओं और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने के लिए ही समय मिल रहा है।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।

भाजपा के सिस्टम ने की ओडिशा में छात्रा की हत्या”, आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद राहुल का हमला

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ओडिशा के बालासोर में एक कॉलेज की छात्रा ने सीनियर प्रोफेसर से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। फकीर मोहन कॉलेज की इस छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद मंगलवार को राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखे वार किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिस्टम ने इस लड़की की हत्या की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इस विषय पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए, बल्कि जवाब देना चाहिए।

राहुल ने बालासोर की घटना को लेकर एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे बीजेपी के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई - लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।''

“देश की बेटियां जल रही हैं”

राहुल गांधी ने आगे लिखा, “हर बार की तरह बीजेपी का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा, और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया, ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं, और आप? खामोश बने बैठे हैं, देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए. भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ चाहिए।”

क्या है मामला

एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार रात दम तोड़ दिया।वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड सेकंड इयर की छात्रा थी। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।

दिल्ली में राहुल-खरगे के साथ झारखंड कांग्रेस के मंत्री-विधायकों की बैठक, परिवार की तरह मिलकर करने की मिली सलाह

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झारखंड में कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने दिल्ली दरबार में हाजरी लगाई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सभी मंत्री और विधायकों की क्लास ली। ये बैठक कई घंटों तक चली। बैठक में सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के कार्यों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि सरकार किस तरह जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से आगे बढ़ रही है। पिछले आठ महीनों में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

झारखंड कांग्रेस सांसद, झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री, कांग्रेस विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात कर बैठक की।

आपसी तालमेल बनाए रखने की सलाह

बैठक में सरकार और संगठन को लेकर कुछ विधायकों ने अपनी पीड़ा राहुल गांधी के समक्ष रखी। विधायकों ने कहा कि सरकार के मंत्री उन्हें तरजीह नहीं दे रहे हैं। सभी की बातें सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आपसी तालमेल से संगठन और सरकार के माध्यम से चल रहे विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने की अपील की।

मंत्रियों ने आगामी योजनाओं से कराया अवगत

बैठक में सभी मंत्रियों ने विभागवार अपने-अपने विभागों द्वारा जनहित के संपन्न हुए कार्यो और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। इसी क्रम में कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों एवं महागठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से जारी चुनावी घोषणा पत्र पर भी चर्चा करते हुए उस दिशा में झारखंड सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी खड़गे और राहुल गांधी को दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस नेताओं को अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक रूप से ना बोलने की सलाह दी।

नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

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नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का 5 सुनहरी बाग, जन्मदिन पर नए घर में गृह प्रवेश

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज अपने सरकारी आवास 5 सुनहरी बाग में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने आज सुबह अपने जन्मदिन पर इस घर में गृह प्रवेश किया। यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आवंटित किया गया है। इससे पहले वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में रह रहे थे। साल 2023 में राहुल ने 12, तुगलक लेन बंगला खाली कर दिया था, जहां वे 12 साल से रह रहे थे। सांसदी जाने के बाद बंगला खाली करना पड़ा।

राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे

संसदीय आवास समिति ने उन्हें 5 सुनहरी बाग रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग बंगले का ऑप्शन दिया था। इसमें से राहुल ने सुनहरी बाग को चुना। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

इस बंगले में क्या है खास?

राहुल को जो बंगला मिला है वह लुटियंस जोन में है। यहां देश के कई बड़े राजनेताओं, मंत्रियों और जजों के बंगले होते हैं। यह बंगला पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों या आयोग के प्रमुखों को आवंटित होता रहा है। यह हाई सिक्योरिटी एरिया है। बंगले का क्षेत्रफल 2000 से 3000 वर्ग मीटर के करीब है। बंगले में 4 से 5 बड़े बेडरूम और ऑफिस शामिल हैं। मीटिंग हॉल, प्राइवेट लॉन, सुरक्षा कर्मी कक्ष, स्टाफ क्वार्टर और कार पार्किंग भी है। इसमें बड़ी बैठकें, मीडिया कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है, जो विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी की जरूरतों के मुताबिक है।

लोकसभा सदस्यता जाने पर छोड़ा था तुगलक रोड वाला बंगला

23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। 27 मार्च 2023 को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

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इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रों की समस्याओं को लेकर की ये मांगे

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने छात्रों की समस्याओं को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र के जरिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने पत्र में देश के दलित, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों के हित में फैसले लेने की अपील की है। राहुल ने अपने पत्र में हॉस्टल में होने वाली असुविधाओं का जिक्र किया। राहुल ने बताया कि वे पिछले महीने बिहार में अंबेडकर हॉस्टल गए थे, जहां स्टूडेंट ने इन समस्याओं को जिक्र किया था।

छात्रवृत्ति और छात्रावास तत्काल ध्यान देने की अपील

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से छात्रों से जुड़े दो मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की अपील की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हाशिए पर पड़े समुदायों से आने वाले 90 प्रतिशत छात्रों की शिक्षा में छात्रवृत्ति और छात्रावास के कारण बाधा आती है। राहुल ने लिखा कि दलित, एसटी, इकोनॉमिक बैकवर्ड क्लास, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के स्टूडेंट को मिलने वाली स्कॉलरशिप में देरी न हो। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप पाने वाले दलित छात्रों की संख्या लगभग आधी हो गई है। 2023 में ये 1.36 लाख थी, जो 2024 में घटकर 0.69 लाख रह गई है।

बिहार दौरा का किया जिक्र

अपने बिहार दौरे का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, बिहार के दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास के हाल के दौरे के दौरान छात्रों ने शिकायत की। एक ही कमरे में 6-7 छात्रों को रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। शौचालय बदहाल हैं। पीने का पानी भी असुरक्षित है। भोजनालय की सुविधा नहीं मिलती। पुस्तकालयों या इंटरनेट जैसी बुनियादी सेवाएं भी नदारद हैं।

सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा है कि मैंने यहां सिर्फ बिहार का उदाहरण दिया है लेकिन यही हाल पूरे देश का है। मैं सरकार से इन विफलताओं को दूर करने के लिए तुरंत दो कदम उठाने का आग्रह करता हूं। मुझे यकीन है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि जब तक निचले तबके के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत प्रगति नहीं कर सकता। मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

कांग्रेस शासनकाल में जाति जनगणना न कराना मेरी गलती…राहुल गांधी ने जताया अफसोस

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर अहम बयान दिया है। राहुल गांधी ने माना कि अपनी पार्टी के शासनकाल में जाति जनगणना न कराना बड़ी गलती थी। इसके लिए उन्होंने खुद को दोषी ठहराया है।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं 2004 से राजनीति में हूं और मुझे 21 साल हो गए। जब मैं पीछे देखता हूं और अपना आत्म विश्लेषण करता हूं, मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही तो 2-3 बड़े मुद्दे मुझे दिखाई देते हैं। पीछे देखने पर मुझे एक बात बिल्कुल साफ दिखती है कि एक विषय पर मेरी कमी रही। कांग्रेस पार्टी और मैंने एक गलती की। OBC वर्ग का संरक्षण हमें जिस प्रकार से करना चाहिए था, हमने नहीं किया। इसका कारण था, उनके जो मुद्दे थे उस समय मुझे उसकी गहराई से समझ नहीं थी।

इन मुद्दों पर बताया अच्छे नबंर का हकदार

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस शुक्रवार को ओबीसी नेतृत्व भागीदारी न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा मैंने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया, मनरेगा लेकर आया और नियमगिरी की लड़ाई लड़ी। ये काम मैंने ठीक किए...चाहे वह आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो तो मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए, महिलाओं के मुद्दे पर सही नंबर मिले चाहिए।

ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर मैं अपनी कमी की बात करता हूं तो मैंने एक गलती की है, जो ओबीसी वर्ग है उसकी जिस तरह से मुझे रक्षा करनी चाहिए थी, वह मैंने नहीं की। इसका कारण था, आपके जो मुद्दे थे उस समय, मुझे गहराई से समझ नहीं आए। 10-15 साल पहले जो दिक्कतें दलितों के सामने थी वह मुझे समझ आ गई। आदिवासियों के मुद्दे भी आसानी से समझ आ जाते हैं, लेकिन ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते हैं, वह छुपे रहते हैं। अगर मुझे आपकी दिक्कतों के बारे में थोड़ा सा भी पता होता तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा देता। राहु गांधी ने आगे कहा कि मैं उस गलती को सुधारना चाहता हूं।

देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है-राहुल गांधी

'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी हैं। लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90 फीसदी की आबादी का कोई नहीं था। देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है। हलवा बनाने वाले लोग आप हैं, लेकिन हलवा वो खा रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं, लेकिन कम से कम आपको भी तो मिले।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, बोली- इनके पिता ने बनाया था कानून

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तगड़ा वार किया है। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि, 'राहुल गांधी को इस देश से कोई भी मतलब नहीं है। वे बिल्कुल भी सीरियस नेता नहीं है और नियम कानून को नहीं देखते हैं।

कई सत्रों में राहुल की उपस्थिति जीरो- निशिकांत दुबे

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया वह मुश्किल से दो मिनट के लिए मीडिया के सामने आते हैं। कई ऐसे सत्र हैं, जिसमें उनकी उपस्थिति जीरो है। उसके बाद उनकी अपेक्षा होती है कि वो जब खड़े हों तो उनकी बात सुनी जाए। संसद के कुछ नियम और आचार संहिता हैं। नियम 349 के अनुसार कोई सदस्य सदन में बोलने के तुरंत बाद सदन नहीं छोड़ सकता। अगर कोई सदस्य बोलना चाहता है, तो उसे सदन में बैठना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्होंने नियम नहीं पढ़े हैं। उन्हें सीखने की जरूरत है कि सरकार कैसे काम करती है, उन्हें यह मल्लिकार्जुन खड़गे से ही सीखना चाहिए। अगर किसी और से नहीं सीखना चाहते।

अपने पिता द्वारा पारित कानून के बारे में भी नहीं पता है-निशिकांत दुबे

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी बिहार में चल रहे एसआईआर का विरोध कर रहे हैं. जबकि उन्हें ये पता होना चाहिए कि युवा वोटरों को आकर्षित करने के लिए राजीव गांधी खुद ही ये कानून लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि एसआईआर पर राहुल गांधी का बयान दर्शाता है कि उन्हें अपने पिता द्वारा पारित कानून की भी जानकारी नहीं है. दुबे ने कहा कि इस एसआईआर का मतलब मतदाता सूची से उन वोटर्स को बाहर निकलना जो पात्र नहीं है, जिसमें बांग्लादेश के घुसपैठिए भी शामिल हैं और बांग्लादेशी घुसपैठिए से साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।

गांधी परिवार पर लगातार हमलावर हैं निशिकांत

निशिकांत दुबे लगातार गांधी परिवार पर हमलावर हैं। इससे पहले उन्होंने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया था कि इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन के लिए ब्रिटिश सैनिकों का सहयोग लिया और इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को पत्र लिखकर अपनी आंतरिक समस्याएं साझा कीं।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्र शेयर किया। उन्होंने लिखा, “1984 में ब्रिटिश सैनिकों के सहयोग से ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ करने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को यह पत्र भेजा। क्या कभी भी एक सार्वभौमिक राष्ट्र का प्रधानमंत्री दूसरे देश के साथ अपनी आंतरिक समस्या बताता है?”

दाल में कुछ तो काला है...जानें राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?*

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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के बार-बार दावे को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25वीं बार यह बयान दिया। पीएम मोदी इस पर मौन हैं। इससे लगता है दाल में कुछ काला है। 

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। सदन में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का वादा किया है। पीएम के लौटने पर चर्चा होगी। लेकिन पीएम का जवाब चल रहा है। एक ओर कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, हमारी जीत हो गई। वहीं दूसरी ओर ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि हमने ऑपरेशन सिंदूर को बंद करवा दिया है। भैया दाल में कुछ तो काला है न। 

ट्रंप ने फिर किया सीजफायर कराने का दावा

राहुल गांधी का यह बयान मंगलवार सुबह ट्रंप के नए दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने फिर से कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। वे शायद परमाणु जंग में उलझने वाले थे। ट्रंप ने कहा, उस समय दोनों देशों के बीच संघर्ष गंभीर हो गया था, 5 फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे। किसी भी वक्त परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता था। मैंने उन्हें फोन किया और व्यापार रोकने की धमकी दी।

बार-बार सीजफायर कराने का दावा कर रहे ट्रंप

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। भारत ने पाकिस्तान प्रशासित आजाद कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ जगहों पर मिसाइल और हवाई हमले शुरू किए थे। दोनों देशों के बीच 3 दिनों तक संघर्ष चला। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था। तब पहली बार ट्रंप ने सीजफायर कराने का दावा किया था। 

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि एक ओर मोदी सरकार संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बहस की निश्चित तारीखें देने से इनकार कर रही है और प्रधानमंत्री के जवाब देने को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दे रही है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर अपने दावों के साथ सिल्वर जुबली तक पहुंच चुके हैं। पिछले 73 दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर 25 बार ढिंढोरा पीट चुके हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक पूरी तरह मौन हैं। उन्हें केवल विदेश यात्राओं और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने के लिए ही समय मिल रहा है।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।

भाजपा के सिस्टम ने की ओडिशा में छात्रा की हत्या”, आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद राहुल का हमला

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ओडिशा के बालासोर में एक कॉलेज की छात्रा ने सीनियर प्रोफेसर से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। फकीर मोहन कॉलेज की इस छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद मंगलवार को राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखे वार किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिस्टम ने इस लड़की की हत्या की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इस विषय पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए, बल्कि जवाब देना चाहिए।

राहुल ने बालासोर की घटना को लेकर एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे बीजेपी के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई - लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।''

“देश की बेटियां जल रही हैं”

राहुल गांधी ने आगे लिखा, “हर बार की तरह बीजेपी का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा, और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया, ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं, और आप? खामोश बने बैठे हैं, देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए. भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ चाहिए।”

क्या है मामला

एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार रात दम तोड़ दिया।वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड सेकंड इयर की छात्रा थी। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।

दिल्ली में राहुल-खरगे के साथ झारखंड कांग्रेस के मंत्री-विधायकों की बैठक, परिवार की तरह मिलकर करने की मिली सलाह

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झारखंड में कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने दिल्ली दरबार में हाजरी लगाई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सभी मंत्री और विधायकों की क्लास ली। ये बैठक कई घंटों तक चली। बैठक में सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के कार्यों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि सरकार किस तरह जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से आगे बढ़ रही है। पिछले आठ महीनों में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

झारखंड कांग्रेस सांसद, झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री, कांग्रेस विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात कर बैठक की।

आपसी तालमेल बनाए रखने की सलाह

बैठक में सरकार और संगठन को लेकर कुछ विधायकों ने अपनी पीड़ा राहुल गांधी के समक्ष रखी। विधायकों ने कहा कि सरकार के मंत्री उन्हें तरजीह नहीं दे रहे हैं। सभी की बातें सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आपसी तालमेल से संगठन और सरकार के माध्यम से चल रहे विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने की अपील की।

मंत्रियों ने आगामी योजनाओं से कराया अवगत

बैठक में सभी मंत्रियों ने विभागवार अपने-अपने विभागों द्वारा जनहित के संपन्न हुए कार्यो और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। इसी क्रम में कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों एवं महागठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से जारी चुनावी घोषणा पत्र पर भी चर्चा करते हुए उस दिशा में झारखंड सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी खड़गे और राहुल गांधी को दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस नेताओं को अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक रूप से ना बोलने की सलाह दी।

नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

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नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का 5 सुनहरी बाग, जन्मदिन पर नए घर में गृह प्रवेश

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज अपने सरकारी आवास 5 सुनहरी बाग में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने आज सुबह अपने जन्मदिन पर इस घर में गृह प्रवेश किया। यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आवंटित किया गया है। इससे पहले वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में रह रहे थे। साल 2023 में राहुल ने 12, तुगलक लेन बंगला खाली कर दिया था, जहां वे 12 साल से रह रहे थे। सांसदी जाने के बाद बंगला खाली करना पड़ा।

राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे

संसदीय आवास समिति ने उन्हें 5 सुनहरी बाग रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग बंगले का ऑप्शन दिया था। इसमें से राहुल ने सुनहरी बाग को चुना। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

इस बंगले में क्या है खास?

राहुल को जो बंगला मिला है वह लुटियंस जोन में है। यहां देश के कई बड़े राजनेताओं, मंत्रियों और जजों के बंगले होते हैं। यह बंगला पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों या आयोग के प्रमुखों को आवंटित होता रहा है। यह हाई सिक्योरिटी एरिया है। बंगले का क्षेत्रफल 2000 से 3000 वर्ग मीटर के करीब है। बंगले में 4 से 5 बड़े बेडरूम और ऑफिस शामिल हैं। मीटिंग हॉल, प्राइवेट लॉन, सुरक्षा कर्मी कक्ष, स्टाफ क्वार्टर और कार पार्किंग भी है। इसमें बड़ी बैठकें, मीडिया कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है, जो विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी की जरूरतों के मुताबिक है।

लोकसभा सदस्यता जाने पर छोड़ा था तुगलक रोड वाला बंगला

23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। 27 मार्च 2023 को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

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इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रों की समस्याओं को लेकर की ये मांगे

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने छात्रों की समस्याओं को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र के जरिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने पत्र में देश के दलित, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों के हित में फैसले लेने की अपील की है। राहुल ने अपने पत्र में हॉस्टल में होने वाली असुविधाओं का जिक्र किया। राहुल ने बताया कि वे पिछले महीने बिहार में अंबेडकर हॉस्टल गए थे, जहां स्टूडेंट ने इन समस्याओं को जिक्र किया था।

छात्रवृत्ति और छात्रावास तत्काल ध्यान देने की अपील

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से छात्रों से जुड़े दो मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की अपील की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हाशिए पर पड़े समुदायों से आने वाले 90 प्रतिशत छात्रों की शिक्षा में छात्रवृत्ति और छात्रावास के कारण बाधा आती है। राहुल ने लिखा कि दलित, एसटी, इकोनॉमिक बैकवर्ड क्लास, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के स्टूडेंट को मिलने वाली स्कॉलरशिप में देरी न हो। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप पाने वाले दलित छात्रों की संख्या लगभग आधी हो गई है। 2023 में ये 1.36 लाख थी, जो 2024 में घटकर 0.69 लाख रह गई है।

बिहार दौरा का किया जिक्र

अपने बिहार दौरे का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, बिहार के दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास के हाल के दौरे के दौरान छात्रों ने शिकायत की। एक ही कमरे में 6-7 छात्रों को रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। शौचालय बदहाल हैं। पीने का पानी भी असुरक्षित है। भोजनालय की सुविधा नहीं मिलती। पुस्तकालयों या इंटरनेट जैसी बुनियादी सेवाएं भी नदारद हैं।

सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा है कि मैंने यहां सिर्फ बिहार का उदाहरण दिया है लेकिन यही हाल पूरे देश का है। मैं सरकार से इन विफलताओं को दूर करने के लिए तुरंत दो कदम उठाने का आग्रह करता हूं। मुझे यकीन है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि जब तक निचले तबके के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत प्रगति नहीं कर सकता। मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं।