/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:china
चीन में सरकारी अधिकारियों को फिजूल खर्चों को कम करने का फरमान, कर्ज के बोझ में दबे ड्रैगन की नई चाल

#chinacutluxury_expenditure

चीन में सरकार ने अपने अधिकारियों को फिजूल खर्चों को कम करने के लिए कहा है। अधिकारियों को शराब और सिगरेट पर खर्च कम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ट्रैवल, फूड और ऑफिस की जगहों पर भी खर्च में कटौती करने को कहा गया है। यह निर्णय राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से सरकारी खर्च को कम करने के लिए लिया गया है।

दूसरे देशों को फांसने के लिए ड्रैगन ने पानी की तरह पैसा बहाया है। यही वजह है कि चीन की आर्थिक हालत टाइट हो गई है। यही वजह है कि वहां अधिकारियों को अपने खाने-पीने और घूमने में भी कटौती के लिए कहा जा रहा है।सरकारी समाचार एजेंसी शिन्‍हुआ के अनुसार, इस निर्देश में 'कड़ी मेहनत और बचत' करने की बात कही गई है। इसमें 'फिजूलखर्ची और बर्बादी' का विरोध किया गया है। ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में कहा गया है, 'बर्बादी शर्मनाक है और अर्थव्यवस्था गौरवशाली है।' इसका मतलब है कि पैसे बर्बाद करना गलत है और पैसे बचाना अच्छी बात है।

बजट पर दबाव बढ़ा

शिन्‍हुआ के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्य चाई की ने हेबेई प्रांत के अधिकारियों से भी खाने-पीने पर होने वाले फिजूल खर्च को कम करने का आग्रह किया। आर्थिक चुनौतियों के कारण सरकार के बजट पर दबाव बढ़ा है। इसलिए यह फैसला लिया गया है। सरकार चाहती है कि अधिकारी फिजूलखर्ची न करें और पैसे बचाएं।

लोकल गवर्नमेंट पर भारी कर्ज

हाल के समय में, चीन में जमीन की बिक्री से होने वाली प्रॉफिट में कमी आई है और लोकल गवर्नमेंट पर भारी कर्ज हो गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की स्थानीय सरकारों पर करीब 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 770 लाख करोड़ रुपए) का कर्ज है।

इससे पहले 2023 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करप्शन और अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले दिखावे के खिलाफ मुहिम चलाई थी। जिसमें सरकार ने अधिकारियों को खर्च में कटौती की आदत डालने का निर्देश दिया था।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 2024 में बीजिंग ने स्थानीय सरकारों के कर्ज से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। जिससे डिफॉल्ट का खतरा कम हो और स्थानीय सरकारें आर्थिक विकास में मदद कर सकें।

शेयर बाज़ार पर दिख रहा है असर

जिनपिंग की इस अपील का असर शेयर बाजार पर भी दिखा। चीन के मशहूर शराब ब्रांड्स जैसे क्वेचो माओताई और लूझो लाओजियाओ के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को कंज्यूमर स्टैपल्स स्टॉक का बेंचमार्क इंडेक्स 1.4 फीसदी तक नीचे गिर गया। क्वेइचो मुताई कंपनी का 2.2% नीचे आया, जो पिछले डेढ़ महीने की सबसे बड़ी गिरावट है।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन ने बदली “चाल”, भारत को दिया ये ऑफर*

#chinareadytoreducetradedeficitwith_india

भारत-चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। भारत की कोशिश है कि इसे कैसे कम किया जाए। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से परेशान चीन ने ही भारत के सामने एक बड़ा ऑफर पेश किया है। चीन ने कहा है कि वह भारत के प्रीमियम उत्पादों के आयात के लिए तैयार है ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके।

बदले में रखी ये शर्त

चीन में भारत के राजदूत शू फेहोंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया से एक विशेष बातचीत में कहा कि चीन भारतीय कंपनियों को अपने बाजार में बेहतर प्रवेश दिलाने को तैयार है। लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों को निष्पक्ष पारदर्शी और भेदभाव रहित कारोबारी माहौल देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को टकराव में नहीं बदलना चाहिए।

संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करने की सलाह

पद संभालने के बाद उनका किसी भारतीय मीडिया के साथ यह पहला इंटरव्यू है।टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि दोनों देशों को संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा तनाव कम करने के लिए लगातार संवाद हो रहे हैं और अब रिश्तों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। उनका मानना है कि अगर दोनों देश एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक नजर से देखें और सीमित विवादों को व्यापक रिश्तों पर हावी न होने दें तो बड़ी प्रगति संभव है।

भारतीय कंपनियों को चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों आने की अपील

व्यापार असंतुलन को लेकर उन्होंने कहा कि चीन कभी भी जानबूझकर व्यापार में अधिशेष नहीं चाहता। उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन की बड़ी उपभोक्ता ताकत का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने मिर्च लौह अयस्क और सूती धागे जैसे उत्पादों के उदाहरण दिए जो बीते वर्ष चीन को निर्यात में बड़ी वृद्धि के साथ गए। साथ ही उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने को भी कहा।

ट्रंप के टैरिफ पर शी जिनपिंग ने तोड़ी चुप्पी, बोले-चीन डरता नहीं है

#xijinpingfirststatementuschinatariff_war

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आने वाले सामानों पर लगने वाले टैरिफ को 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। वहीं, बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच आखिरकार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने पहले ऑफिशियल बयान में कहा कि चीन किसी से नहीं डरता'

बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच इस समय टैरिफ वॉर चल रही है। दोनों देश एक दूसरे पर लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीन के ऊपर 145% का टैरिफ लगा दिया है। इस वॉर को आगे बढ़ाते हुए चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पहली बार इस मसले पर बयान दिया। जिनपिंग ने कहा, एक ट्रेड वार में कोई भी विजेता नहीं होता है और दुनिया के खिलाफ जाने से केवल अकेलापन मिलेगा। शुक्रवार को स्‍पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मुलाकात के बाद चीन के राष्‍ट्रपति ने यह बयान दिया।

आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर विश्वास- शी

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने शी के हवाले से कहा, पिछले 70 साल से चीन का विकास आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर आधारित है। यह किसी का दिया हुआ नहीं है। चीन किसी भी अन्‍यायपूर्ण दमन से डरता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि बाहरी माहौल में बदलाव के अनुसार ही चीन आत्‍मविश्‍वास से लबरेज रहेगा और अपने मामलों को पूरा फोकस बनाए रखेगा और उनका प्रबंधन करेगा।

यूएस के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास

बता दें कि अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद चीन भारत समेत अन्य देशों से संपर्क साध रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि बीजिंग अमेरिका को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर करने के वास्ते संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहा है। शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ से “एकतरफा डराना-धमकाना” का विरोध करने में बीजिंग के साथ शामिल होने का आग्रह किया

अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर टैरिफ 145% बढ़ा कर चीन के साथ ट्रेड वॉर को शुरू किया है। जनवरी में सत्ता संभालने के बाद से ट्रंप अब तक चीनी सामानों पर पांच बार टैरिफ बढ़ा चुके हैं। चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ जोड़ दिया और कहा कि बातचीत समाप्त हो गई है। इससे पहले टैरिफ 104% तक। फिलहाल चीन ने अमेरिका के सामान पर 84% टैरिफ लगाया हुआ था, लेकिन शुक्रवार को चीन ने यह टैरिफ बढ़ा कर 125% कर दिया है।

ट्रंप-जिनपिंग के बीच वार-पलटवार जारी, अब चीन ने अमेरिका पर लगाया 125% शुल्क

#chinaimposesadditionaltariffsonusgoods

दुनिया की दो सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था वाले देश आमने-सामने हैं। चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर और गहरा होता जा रहा है। अब चीन ने अमेरिका से आने वाले सामान पर टैरिफ 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। यह 12 अप्रैल से लागू होगा। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की छूट दी थी। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए टैरिफ में 20 फीसदी का इजाफा करते हुए उसे 145 प्रतिशत कर दिया था।

चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। प्रवक्ता ने कहा, 'अमरीका की तरफ चीन पर लगातार बहुत ज्यादा टैक्स लगाना सिर्फ एक नंबर का खेल बन गया है। इसका कोई असली आर्थिक मतलब नहीं है। इससे सिर्फ अमरीका का ये तरीका दिखता है कि वो टैक्स को डराने-धमकाने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इससे वो खुद ही दुनिया में मजाक बन गया है। गर अमरीका टैक्स के साथ ये नंबर का खेल जारी रखता है, तो चीन इसमें शामिल नहीं होगा। लेकिन, अगर अमरीका चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता रहा, तो चीन जवाबी कार्रवाई करेगा और अंत तक लड़ेगा।'

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को टैरिफ की टेंशन दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अब अमेरिका अपने अधिक्तर व्यापारिक साझेदार देशों पर कम से कम 10 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाएगा। इसके साथ ही उन देशों पर भी टैरिफ लगेगा जो अमेरिका को ज्यादा सामान बेचते हैं लेकिन उससे कम खरीदते हैं। हालांकि, चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। चीन ने पहले 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ अमेरिकी कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

चीन-अमेरिका का वार-पलटवार

बुधवार को वॉशिंगटन ने सभी चीनी वस्तुओं के आयात पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की। चीन पर पहले ही 20% का टैरिफ लगा हुआ था। पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने अतिरिक्त 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। यह 9 अप्रैल को लागू होना था लेकिन इसके चंद घंटे पहले ट्रंप ने इसमें 50% टैरिफ और बढ़ाने की घोषणा कर दी।चीन ने इसके जवाब में बुधवार को अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 50% बढ़ाते हुए 84% कर दिया। इसके बाद बुधवार को अचानक ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को 125% करने का एलान कर दिया। इसी के साथ बड़ी घोषणा करते हुए अमेरिका ने बाकी देशों को 90 दिन की छूट देते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ घटाकर एक समान 10 फ़ीसदी कर दिया।

डब्ल्यूटीओ में दर्ज कराई शिकायत

एक तरफ चीन अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका की शिकायत भी कर रहा है। विश्व व्यापार संगठन में चीन के मिशन ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी टैरिफ को लेकर व्यापार निकाय में एक अतिरिक्त शिकायत दर्ज कराई है।

वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से चीन के मिशन के बयान में कहा गया कि '10 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें चीनी उत्पादों पर तथाकथित रेसीप्रोकल में और वृद्धि की घोषणा की गई। चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के नवीनतम टैरिफ उपायों के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज कराई है।'

अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के तेज होने पर चीन ने 'टैरिफ 104' का उल्लेख करने वाले हैशटैग को किया सेंसर

#china_sensors_the_hashtags_of_tariff_104_after_trade_wars_with_america

Img source: Stabroeknews

जैसे-जैसे अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज होता जा रहा है, बीजिंग ने सोशल मीडिया पर टैरिफ से संबंधित कुछ सामग्री को सेंसर करना शुरू कर दिया है, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर "टैरिफ" या "104" (प्रतिशत में टैरिफ राशि) के लिए हैशटैग और खोजों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिसके पेज पर एक त्रुटि संदेश दिखाई दे रहा है। हैशटैग ने एक त्रुटि संदेश लौटाया जिसमें कहा गया था: "क्षमा करें, इस विषय की सामग्री प्रदर्शित नहीं की जा रही है," न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया।

सेंसरशिप वीचैट तक भी फैली हुई है, जहां ट्रम्प के टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को उजागर करने वाली चीनी कंपनियों की कई पोस्ट को हटा दिया गया था, रॉयटर्स द्वारा की गई समीक्षा में पाया गया।

सेंसर किए गए पोस्ट पर एक ही लेबल लगा था, जिसमें लिखा था कि "सामग्री पर संबंधित कानूनों, विनियमों और नीतियों का उल्लंघन करने का संदेह है"। दूसरी ओर, रॉयटर्स के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका का मज़ाक उड़ाने वाले और उत्तरी अमेरिकी देश में अंडों की कमी का सुझाव देने वाले हैशटैग वीबो पर सबसे ज़्यादा देखे गए।

चीनी सरकारी प्रसारक CCTV ने भी इसी तर्ज पर एक हैशटैग शुरू किया: "#UShastradewarandaneggshortage।"

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध

जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ में पाँच बार वृद्धि की है।

10% की पहली दो बढ़ोतरी को विश्लेषकों ने चीन की ओर से एक संतुलित प्रतिक्रिया के रूप में वर्णित किया, जिसने बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। लेकिन ट्रम्प द्वारा पिछले सप्ताह अपने "मुक्ति दिवस" ​​पर अन्य देशों पर टैरिफ के साथ-साथ चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 34% शुल्क की घोषणा करने के बाद, चीन ने अमेरिका से आयात पर 34% टैरिफ के साथ इसकी बराबरी की।

चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, ट्रम्प ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ जोड़ दिया, और कहा कि बातचीत समाप्त हो गई है, और संचयी अमेरिकी टैरिफ को 104% तक ले आया।

चीन ने फिर से अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ को उसी राशि से बढ़ाकर जवाब दिया, जिससे इसकी कुल दर 84% हो गई।

फिर ट्रम्प ने व्यापार भागीदारों पर उच्च टैरिफ पर 90-दिवसीय रोक की घोषणा की, लेकिन चीन पर शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिया।

इस बीच, दोनों देशों के बीच तनाव के बीच, चीन ने अपने नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने से पहले "जोखिमों का आकलन" करने की चेतावनी दी है।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 125% टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन का अगला कदम क्या हो सकता है?

#chinasnextbigstepaftertrumpincreasedtariffto125percent

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को लागू हुए चीनी आयात पर टैरिफ को 104% से बढ़ाकर 125% करने के बाद चीन के साथ व्यापार युद्ध को और तेज कर दिया है।

सोशल मीडिया पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कई अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अपने तथाकथित "पारस्परिक टैरिफ" को रोक रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जवाबी कार्रवाई करने के बजाय बातचीत के लिए आगे आकर जवाब दिया था। उन्होंने चीन पर "सम्मान की कमी" का आरोप लगाया। बीजिंग ने भी उसी तरह जवाब दिया, बुधवार को ट्रंप के पिछले टैरिफ की तरह ही अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगा दिया। जनवरी में पदभार संभालने के बाद से ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को पांच बार बढ़ाया है।

चीन आगे क्या कर सकता है, यहां बताया गया है

चीन ने दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध में "अंत तक लड़ने" की बार-बार कसम खाई है। इसने यह भी कहा कि इसने ट्रम्प प्रशासन द्वारा "धमकाने" की रणनीति का हवाला देते हुए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है। पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के मुख्य अर्थशास्त्री झिवेई झांग ने AFP को बताया कि चीन ने "स्पष्ट संकेत" दिया है कि वह पीछे नहीं हटेगा, साथ ही कहा कि संघर्ष से "(कोई) त्वरित और आसान रास्ता नहीं है"। 

स्काई न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात को और नियंत्रित कर सकता है। इन खनिजों का उपयोग कंप्यूटर चिप्स और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी जैसे उच्च तकनीक वाले उत्पादों में किया जाता है। चीन दुनिया की दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की आपूर्ति के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है। यह कृषि वस्तुओं जैसे उच्च प्रभाव वाले उत्पादों पर टैरिफ भी बढ़ा सकता है और Apple और Tesla जैसी हाई-प्रोफाइल अमेरिकी कंपनियों को निशाना बना सकता है। हालाँकि, बाद वाला मुश्किल है क्योंकि चीन अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग अमेरिकी फिल्मों के आयात पर प्रतिबंध लगाने या सभी अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करने पर भी विचार कर सकता है।

 इससे पहले, कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित पीपुल्स डेली के सप्ताहांत संपादकीय में टैरिफ को चीन के लिए आर्थिक विकास के मुख्य चालक के रूप में उपभोग को मजबूत करने के लिए एक "रणनीतिक अवसर" के रूप में वर्णित किया गया था, एएफपी के अनुसार। हमें "दबाव को प्रेरणा में बदलना चाहिए"। 

चीन-अमेरिका में गहराया टैरिफ वॉर, अब ड्रैगन ने यूएस प्रोडक्ट्स पर लगाया 84% एक्स्ट्रा टैरिफ

#china_has_imposed_84_percent_extra_tariff_on_america

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर गहरा गया है। अमेरिका के “एक्शन” पर ड्रैगन ने “रिएक्शन” दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी सामान पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अब चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ 34% से बढ़ाकर 84% कर दिया है।

टैरिफ आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का टैक्स है। टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप के 104 प्रतिशत वाले टैरिफ के जवाब में चीन ने भी करारा जवाब दिया है। चीन ने अब अमेरिकी सामानों पर 84 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। चीन के कॉमर्स मंत्रालय ने इस बात की घोषणा की। चीनी मंत्री के अनुसार यह टैरिफ कल से लागू होगा।

चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने भी अमेरिका को जवाब देते हुए 12 अमेरिकी संस्थाओं को अपनी एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया है। साथ ही, 6 अमेरिकी कंपनियों को "अविश्वसनीय संस्थाओं" (Unreliable Entity) की लिस्ट में शामिल किया गया है।

टैरिफ के कारण अब चीन में अमेरिका का सामान महंगा हो जाएगा। इसके कारण चीन में अमेरिकी वस्तुओं का निर्यात कम हो सकता है और वो अधिक महंगे हो सकते हैं।

इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने कहा था कि चीन की जवाबी कार्रवाई एक भारी गलती थी। मंगलवार को उन्होंने कहा, "जब अमेरिका पर कोई वार करता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप और जोर से पलटवार करते हैं। यही वजह है कि अब चीन पर मंगलवार रात 12 बजे से 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। हालांकि, अगर चीन बातचीत करना चाहता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप बेहद उदारता से उसका स्वागत करेंगे।"

ट्रंप की नीतियों से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। पूरी दुनिया में लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और इसे एक गलत फैसला करार दे रहे हैं। लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। ट्रंप ने वाशिंगटन में रिपब्लिकन डिनर में कहा, ‘मुझे पता है मैं क्या कर रहा हूं।’ यही नहीं, ट्रंप ने अब दवा आयात पर भी ‘बड़ा’ टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, अब तक इसकी तारीख तय नहीं की है।

ट्रंप के टैरिफ ने दिया टेंशन तो छटपटाया ड्रैगन, भारत से लगाई गुहार, जानें क्या कहा

#china_asked_india_to_stand_together

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘टैरिफ वॉर’ से दुनियाभर के देश हलकान हैं। इन सबमें अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, तो वो है चीन। ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 104% तक का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।यह आज यानी 9 अप्रैल से लागू हो गया है। इन सबके बीच बीजिंग ने भारत ने दोस्ती की गुहार लगाई है और मुश्किल हालात पर काबू पाने के लिए भारत से साथ खड़े होने का भी आग्रह किया है।

भारत में चीन की एंबेसी की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों विकासशील राष्ट्र हैं और ऐसे में अमेरिका के टैरिफ जैसे कदम ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के विकास के अधिकार को छीनने की कोशिश हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एकजुट होकर इन चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिए।

यू जिंग ने यह भी कहा कि वैश्विक व्यापार और विकास के लिए सभी देशों को बहुपक्षीयता का समर्थन करना चाहिए और एकतरफा फैसलों और संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। उनके अनुसार, इस तरह के टैरिफ युद्ध का कोई विजेता नहीं होता।

इससे पहले अमेरिका ने चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ को प्रभावी करने का फैसला लिया है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है और अतिरिक्त शुल्क मंगलवार आधी रात यानी 9 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। फॉक्स बिजनेस के अनुसार, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन ने अमेरिका पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ को नहीं हटाया है। ऐसे में अमेरिका कल, 9 अप्रैल से चीनी आयात पर कुल 104% टैरिफ लगाना शुरू कर देगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 34% टैरिफ को वापस नहीं लिया, तो अमेरिका भी उस पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। अब व्हाइट हाउस की ओर से इस धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए कुल 104% टैरिफ की घोषणा कर दी गई है।

बता दें कि ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद ये चेतावनी दी थी।

लागू हो गया ट्रंप का नया टैरिफ: चीन पर फिर चला अमेरिकी “चाबुक”

#tradewartrumpamericaimposed104tariffonchina

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ बुधवार आधी रात के बाद पूरी तरह से लागू हो गए।अमेरिका के स्थानीय समयानुसार मंगलवार आधी रात से भारत समेत दर्जनों देशों पर ट्रंप का जवाबी टैरिफ लागू हो गया है।इसके तहत भारत पर अब 26 फीसदी टैरिफ प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही उन लगभग 60 देशों पर भी टैरिफ लग गए, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका पर 'सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले सबसे खराब देश' बताया था। ट्रंप ने 2 अप्रैल को जवाबी टैरिफ का एलान किया था।

नया टैरिफ लागू होने से पहले अमेरिका ने चीन पर एक बार फिर “चाबुक” चलाया है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ को प्रभावी करने का फैसला लिया है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है और अतिरिक्त शुल्क मंगलवार आधी रात यानी 9 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। यह वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच जारी ट्रेड वॉर में अब तक उठाए गए सबसे आक्रामक कदमों में से एक है। फॉक्स बिजनेस के अनुसार, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन ने अमेरिका पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ को नहीं हटाया है। ऐसे में अमेरिका कल, 9 अप्रैल से चीनी आयात पर कुल 104% टैरिफ लगाना शुरू कर देगा।

चीन की धमकी के बाद यूएस का एक्शन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 34% टैरिफ को वापस नहीं लिया, तो अमेरिका भी उस पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। अब व्हाइट हाउस की ओर से इस धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए कुल 104% टैरिफ की घोषणा कर दी गई है।

बता दें कि ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद ये चेतावनी दी थी।

चीन ने कहा था- अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला रवैया

ट्रंप के बयान पर कल चीन ने कहा था कि हमारे ऊपर लगे टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी देकर अमेरिका गलती के ऊपर गलती कर रहा है। इस धमकी से अमेरिका का ब्लैकमेलिंग करने वाला रवैया सामने आ रहा है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने हिसाब से चलने की जिद करेगा तो चीन भी आखिर तक लड़ेगा।

रविवार को चीन ने दुनिया के लिए साफ संदेश भेजा था- ‘अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है- और इससे और मजबूत होकर निकलेगा।‘ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपल्स डेली ने रविवार को एक टिप्पणी में लिखा: 'अमेरिकी टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन 'आसमान नहीं गिरेगा।'

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर” टैफिक को लेकर भड़के चीन ने चेताया, ट्रेड वॉर की बढ़ी आशंका


#americaisblackmailingchinathreatens

दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है। मंगलवार को चीन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका में आयातित सभी चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 34% टैरिफ की घोषणा की। मौजूदा टैरिफ लागू होने पर अमेरिका में सभी चीनी आयातों पर शुल्क 54% से अधिक हो जाएगा। जवाब में शुक्रवार को बीजिंग ने सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ का एलान कर दिया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका का चीन पर तथाकथित पारस्परिक टैरिफ लगाना पूरी तरह से गलत है। यह एकतरफा दादागीरी है। चीन ने पहले भी जवाबी टैरिफ लगाए हैं। मंत्रालय ने संकेत दिया कि और भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर”

मंत्रालय के मुताबिक, चीन के प्रतिक्रियात्मक उपाय उसकी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने के लिए हैं। यह सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य उठाए गए पूरी तरह से वैध उपाय हैं। इसके अलावा चीन पर टैरिफ बढ़ाने की अमेरिकी धमकी एक गलती के ऊपर की गई एक और गलती है। इससे एक बार फिर अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर हो गया है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने तरीके पर अड़ा रहा, तो चीन अंत तक लड़ेगा।

ट्रेड वॉर गहराने की आशंका की चिंता

चीन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब ट्रंप द्वारा चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की सोमवार को धमकी दिए जाने के बाद से यह चिंता बढ़ गई है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्संतुलित करने का उनका प्रयास आर्थिक रूप से विनाशकारी व्यापार युद्ध के खतरे को और बढ़ा सकता है।

ट्रंप ने दी धमकी

इससे पहले, ट्रंप ने सोमवार को चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रंप की धमकी तब आई जब चीन ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह घोषित टैरिफ का जवाब देगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘अगर चीन आठ अप्रैल 2025 तक अपने पहले से ही दीर्घकालिक व्यापार दुरुपयोगों से ऊपर 34 प्रतिशत की वृद्धि को वापस नहीं लेता है तो हम चीन पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे जो नौ अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा।

चीन में सरकारी अधिकारियों को फिजूल खर्चों को कम करने का फरमान, कर्ज के बोझ में दबे ड्रैगन की नई चाल

#chinacutluxury_expenditure

चीन में सरकार ने अपने अधिकारियों को फिजूल खर्चों को कम करने के लिए कहा है। अधिकारियों को शराब और सिगरेट पर खर्च कम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ट्रैवल, फूड और ऑफिस की जगहों पर भी खर्च में कटौती करने को कहा गया है। यह निर्णय राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से सरकारी खर्च को कम करने के लिए लिया गया है।

दूसरे देशों को फांसने के लिए ड्रैगन ने पानी की तरह पैसा बहाया है। यही वजह है कि चीन की आर्थिक हालत टाइट हो गई है। यही वजह है कि वहां अधिकारियों को अपने खाने-पीने और घूमने में भी कटौती के लिए कहा जा रहा है।सरकारी समाचार एजेंसी शिन्‍हुआ के अनुसार, इस निर्देश में 'कड़ी मेहनत और बचत' करने की बात कही गई है। इसमें 'फिजूलखर्ची और बर्बादी' का विरोध किया गया है। ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में कहा गया है, 'बर्बादी शर्मनाक है और अर्थव्यवस्था गौरवशाली है।' इसका मतलब है कि पैसे बर्बाद करना गलत है और पैसे बचाना अच्छी बात है।

बजट पर दबाव बढ़ा

शिन्‍हुआ के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्य चाई की ने हेबेई प्रांत के अधिकारियों से भी खाने-पीने पर होने वाले फिजूल खर्च को कम करने का आग्रह किया। आर्थिक चुनौतियों के कारण सरकार के बजट पर दबाव बढ़ा है। इसलिए यह फैसला लिया गया है। सरकार चाहती है कि अधिकारी फिजूलखर्ची न करें और पैसे बचाएं।

लोकल गवर्नमेंट पर भारी कर्ज

हाल के समय में, चीन में जमीन की बिक्री से होने वाली प्रॉफिट में कमी आई है और लोकल गवर्नमेंट पर भारी कर्ज हो गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की स्थानीय सरकारों पर करीब 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 770 लाख करोड़ रुपए) का कर्ज है।

इससे पहले 2023 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करप्शन और अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले दिखावे के खिलाफ मुहिम चलाई थी। जिसमें सरकार ने अधिकारियों को खर्च में कटौती की आदत डालने का निर्देश दिया था।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 2024 में बीजिंग ने स्थानीय सरकारों के कर्ज से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। जिससे डिफॉल्ट का खतरा कम हो और स्थानीय सरकारें आर्थिक विकास में मदद कर सकें।

शेयर बाज़ार पर दिख रहा है असर

जिनपिंग की इस अपील का असर शेयर बाजार पर भी दिखा। चीन के मशहूर शराब ब्रांड्स जैसे क्वेचो माओताई और लूझो लाओजियाओ के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को कंज्यूमर स्टैपल्स स्टॉक का बेंचमार्क इंडेक्स 1.4 फीसदी तक नीचे गिर गया। क्वेइचो मुताई कंपनी का 2.2% नीचे आया, जो पिछले डेढ़ महीने की सबसे बड़ी गिरावट है।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन ने बदली “चाल”, भारत को दिया ये ऑफर*

#chinareadytoreducetradedeficitwith_india

भारत-चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। भारत की कोशिश है कि इसे कैसे कम किया जाए। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से परेशान चीन ने ही भारत के सामने एक बड़ा ऑफर पेश किया है। चीन ने कहा है कि वह भारत के प्रीमियम उत्पादों के आयात के लिए तैयार है ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके।

बदले में रखी ये शर्त

चीन में भारत के राजदूत शू फेहोंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया से एक विशेष बातचीत में कहा कि चीन भारतीय कंपनियों को अपने बाजार में बेहतर प्रवेश दिलाने को तैयार है। लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों को निष्पक्ष पारदर्शी और भेदभाव रहित कारोबारी माहौल देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को टकराव में नहीं बदलना चाहिए।

संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करने की सलाह

पद संभालने के बाद उनका किसी भारतीय मीडिया के साथ यह पहला इंटरव्यू है।टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि दोनों देशों को संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा तनाव कम करने के लिए लगातार संवाद हो रहे हैं और अब रिश्तों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। उनका मानना है कि अगर दोनों देश एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक नजर से देखें और सीमित विवादों को व्यापक रिश्तों पर हावी न होने दें तो बड़ी प्रगति संभव है।

भारतीय कंपनियों को चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों आने की अपील

व्यापार असंतुलन को लेकर उन्होंने कहा कि चीन कभी भी जानबूझकर व्यापार में अधिशेष नहीं चाहता। उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन की बड़ी उपभोक्ता ताकत का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने मिर्च लौह अयस्क और सूती धागे जैसे उत्पादों के उदाहरण दिए जो बीते वर्ष चीन को निर्यात में बड़ी वृद्धि के साथ गए। साथ ही उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने को भी कहा।

ट्रंप के टैरिफ पर शी जिनपिंग ने तोड़ी चुप्पी, बोले-चीन डरता नहीं है

#xijinpingfirststatementuschinatariff_war

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आने वाले सामानों पर लगने वाले टैरिफ को 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। वहीं, बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच आखिरकार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने पहले ऑफिशियल बयान में कहा कि चीन किसी से नहीं डरता'

बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच इस समय टैरिफ वॉर चल रही है। दोनों देश एक दूसरे पर लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीन के ऊपर 145% का टैरिफ लगा दिया है। इस वॉर को आगे बढ़ाते हुए चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पहली बार इस मसले पर बयान दिया। जिनपिंग ने कहा, एक ट्रेड वार में कोई भी विजेता नहीं होता है और दुनिया के खिलाफ जाने से केवल अकेलापन मिलेगा। शुक्रवार को स्‍पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मुलाकात के बाद चीन के राष्‍ट्रपति ने यह बयान दिया।

आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर विश्वास- शी

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने शी के हवाले से कहा, पिछले 70 साल से चीन का विकास आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर आधारित है। यह किसी का दिया हुआ नहीं है। चीन किसी भी अन्‍यायपूर्ण दमन से डरता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि बाहरी माहौल में बदलाव के अनुसार ही चीन आत्‍मविश्‍वास से लबरेज रहेगा और अपने मामलों को पूरा फोकस बनाए रखेगा और उनका प्रबंधन करेगा।

यूएस के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास

बता दें कि अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद चीन भारत समेत अन्य देशों से संपर्क साध रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि बीजिंग अमेरिका को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर करने के वास्ते संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहा है। शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ से “एकतरफा डराना-धमकाना” का विरोध करने में बीजिंग के साथ शामिल होने का आग्रह किया

अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर टैरिफ 145% बढ़ा कर चीन के साथ ट्रेड वॉर को शुरू किया है। जनवरी में सत्ता संभालने के बाद से ट्रंप अब तक चीनी सामानों पर पांच बार टैरिफ बढ़ा चुके हैं। चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ जोड़ दिया और कहा कि बातचीत समाप्त हो गई है। इससे पहले टैरिफ 104% तक। फिलहाल चीन ने अमेरिका के सामान पर 84% टैरिफ लगाया हुआ था, लेकिन शुक्रवार को चीन ने यह टैरिफ बढ़ा कर 125% कर दिया है।

ट्रंप-जिनपिंग के बीच वार-पलटवार जारी, अब चीन ने अमेरिका पर लगाया 125% शुल्क

#chinaimposesadditionaltariffsonusgoods

दुनिया की दो सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था वाले देश आमने-सामने हैं। चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर और गहरा होता जा रहा है। अब चीन ने अमेरिका से आने वाले सामान पर टैरिफ 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। यह 12 अप्रैल से लागू होगा। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की छूट दी थी। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए टैरिफ में 20 फीसदी का इजाफा करते हुए उसे 145 प्रतिशत कर दिया था।

चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। प्रवक्ता ने कहा, 'अमरीका की तरफ चीन पर लगातार बहुत ज्यादा टैक्स लगाना सिर्फ एक नंबर का खेल बन गया है। इसका कोई असली आर्थिक मतलब नहीं है। इससे सिर्फ अमरीका का ये तरीका दिखता है कि वो टैक्स को डराने-धमकाने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इससे वो खुद ही दुनिया में मजाक बन गया है। गर अमरीका टैक्स के साथ ये नंबर का खेल जारी रखता है, तो चीन इसमें शामिल नहीं होगा। लेकिन, अगर अमरीका चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता रहा, तो चीन जवाबी कार्रवाई करेगा और अंत तक लड़ेगा।'

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को टैरिफ की टेंशन दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अब अमेरिका अपने अधिक्तर व्यापारिक साझेदार देशों पर कम से कम 10 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाएगा। इसके साथ ही उन देशों पर भी टैरिफ लगेगा जो अमेरिका को ज्यादा सामान बेचते हैं लेकिन उससे कम खरीदते हैं। हालांकि, चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। चीन ने पहले 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ अमेरिकी कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

चीन-अमेरिका का वार-पलटवार

बुधवार को वॉशिंगटन ने सभी चीनी वस्तुओं के आयात पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की। चीन पर पहले ही 20% का टैरिफ लगा हुआ था। पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने अतिरिक्त 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। यह 9 अप्रैल को लागू होना था लेकिन इसके चंद घंटे पहले ट्रंप ने इसमें 50% टैरिफ और बढ़ाने की घोषणा कर दी।चीन ने इसके जवाब में बुधवार को अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 50% बढ़ाते हुए 84% कर दिया। इसके बाद बुधवार को अचानक ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को 125% करने का एलान कर दिया। इसी के साथ बड़ी घोषणा करते हुए अमेरिका ने बाकी देशों को 90 दिन की छूट देते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ घटाकर एक समान 10 फ़ीसदी कर दिया।

डब्ल्यूटीओ में दर्ज कराई शिकायत

एक तरफ चीन अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका की शिकायत भी कर रहा है। विश्व व्यापार संगठन में चीन के मिशन ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी टैरिफ को लेकर व्यापार निकाय में एक अतिरिक्त शिकायत दर्ज कराई है।

वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से चीन के मिशन के बयान में कहा गया कि '10 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें चीनी उत्पादों पर तथाकथित रेसीप्रोकल में और वृद्धि की घोषणा की गई। चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के नवीनतम टैरिफ उपायों के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज कराई है।'

अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के तेज होने पर चीन ने 'टैरिफ 104' का उल्लेख करने वाले हैशटैग को किया सेंसर

#china_sensors_the_hashtags_of_tariff_104_after_trade_wars_with_america

Img source: Stabroeknews

जैसे-जैसे अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज होता जा रहा है, बीजिंग ने सोशल मीडिया पर टैरिफ से संबंधित कुछ सामग्री को सेंसर करना शुरू कर दिया है, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर "टैरिफ" या "104" (प्रतिशत में टैरिफ राशि) के लिए हैशटैग और खोजों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिसके पेज पर एक त्रुटि संदेश दिखाई दे रहा है। हैशटैग ने एक त्रुटि संदेश लौटाया जिसमें कहा गया था: "क्षमा करें, इस विषय की सामग्री प्रदर्शित नहीं की जा रही है," न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया।

सेंसरशिप वीचैट तक भी फैली हुई है, जहां ट्रम्प के टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को उजागर करने वाली चीनी कंपनियों की कई पोस्ट को हटा दिया गया था, रॉयटर्स द्वारा की गई समीक्षा में पाया गया।

सेंसर किए गए पोस्ट पर एक ही लेबल लगा था, जिसमें लिखा था कि "सामग्री पर संबंधित कानूनों, विनियमों और नीतियों का उल्लंघन करने का संदेह है"। दूसरी ओर, रॉयटर्स के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका का मज़ाक उड़ाने वाले और उत्तरी अमेरिकी देश में अंडों की कमी का सुझाव देने वाले हैशटैग वीबो पर सबसे ज़्यादा देखे गए।

चीनी सरकारी प्रसारक CCTV ने भी इसी तर्ज पर एक हैशटैग शुरू किया: "#UShastradewarandaneggshortage।"

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध

जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ में पाँच बार वृद्धि की है।

10% की पहली दो बढ़ोतरी को विश्लेषकों ने चीन की ओर से एक संतुलित प्रतिक्रिया के रूप में वर्णित किया, जिसने बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। लेकिन ट्रम्प द्वारा पिछले सप्ताह अपने "मुक्ति दिवस" ​​पर अन्य देशों पर टैरिफ के साथ-साथ चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 34% शुल्क की घोषणा करने के बाद, चीन ने अमेरिका से आयात पर 34% टैरिफ के साथ इसकी बराबरी की।

चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, ट्रम्प ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ जोड़ दिया, और कहा कि बातचीत समाप्त हो गई है, और संचयी अमेरिकी टैरिफ को 104% तक ले आया।

चीन ने फिर से अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ को उसी राशि से बढ़ाकर जवाब दिया, जिससे इसकी कुल दर 84% हो गई।

फिर ट्रम्प ने व्यापार भागीदारों पर उच्च टैरिफ पर 90-दिवसीय रोक की घोषणा की, लेकिन चीन पर शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिया।

इस बीच, दोनों देशों के बीच तनाव के बीच, चीन ने अपने नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने से पहले "जोखिमों का आकलन" करने की चेतावनी दी है।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 125% टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन का अगला कदम क्या हो सकता है?

#chinasnextbigstepaftertrumpincreasedtariffto125percent

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को लागू हुए चीनी आयात पर टैरिफ को 104% से बढ़ाकर 125% करने के बाद चीन के साथ व्यापार युद्ध को और तेज कर दिया है।

सोशल मीडिया पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कई अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अपने तथाकथित "पारस्परिक टैरिफ" को रोक रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जवाबी कार्रवाई करने के बजाय बातचीत के लिए आगे आकर जवाब दिया था। उन्होंने चीन पर "सम्मान की कमी" का आरोप लगाया। बीजिंग ने भी उसी तरह जवाब दिया, बुधवार को ट्रंप के पिछले टैरिफ की तरह ही अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगा दिया। जनवरी में पदभार संभालने के बाद से ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को पांच बार बढ़ाया है।

चीन आगे क्या कर सकता है, यहां बताया गया है

चीन ने दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध में "अंत तक लड़ने" की बार-बार कसम खाई है। इसने यह भी कहा कि इसने ट्रम्प प्रशासन द्वारा "धमकाने" की रणनीति का हवाला देते हुए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है। पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के मुख्य अर्थशास्त्री झिवेई झांग ने AFP को बताया कि चीन ने "स्पष्ट संकेत" दिया है कि वह पीछे नहीं हटेगा, साथ ही कहा कि संघर्ष से "(कोई) त्वरित और आसान रास्ता नहीं है"। 

स्काई न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात को और नियंत्रित कर सकता है। इन खनिजों का उपयोग कंप्यूटर चिप्स और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी जैसे उच्च तकनीक वाले उत्पादों में किया जाता है। चीन दुनिया की दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की आपूर्ति के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है। यह कृषि वस्तुओं जैसे उच्च प्रभाव वाले उत्पादों पर टैरिफ भी बढ़ा सकता है और Apple और Tesla जैसी हाई-प्रोफाइल अमेरिकी कंपनियों को निशाना बना सकता है। हालाँकि, बाद वाला मुश्किल है क्योंकि चीन अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग अमेरिकी फिल्मों के आयात पर प्रतिबंध लगाने या सभी अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करने पर भी विचार कर सकता है।

 इससे पहले, कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित पीपुल्स डेली के सप्ताहांत संपादकीय में टैरिफ को चीन के लिए आर्थिक विकास के मुख्य चालक के रूप में उपभोग को मजबूत करने के लिए एक "रणनीतिक अवसर" के रूप में वर्णित किया गया था, एएफपी के अनुसार। हमें "दबाव को प्रेरणा में बदलना चाहिए"। 

चीन-अमेरिका में गहराया टैरिफ वॉर, अब ड्रैगन ने यूएस प्रोडक्ट्स पर लगाया 84% एक्स्ट्रा टैरिफ

#china_has_imposed_84_percent_extra_tariff_on_america

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर गहरा गया है। अमेरिका के “एक्शन” पर ड्रैगन ने “रिएक्शन” दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी सामान पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अब चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ 34% से बढ़ाकर 84% कर दिया है।

टैरिफ आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का टैक्स है। टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप के 104 प्रतिशत वाले टैरिफ के जवाब में चीन ने भी करारा जवाब दिया है। चीन ने अब अमेरिकी सामानों पर 84 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। चीन के कॉमर्स मंत्रालय ने इस बात की घोषणा की। चीनी मंत्री के अनुसार यह टैरिफ कल से लागू होगा।

चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने भी अमेरिका को जवाब देते हुए 12 अमेरिकी संस्थाओं को अपनी एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया है। साथ ही, 6 अमेरिकी कंपनियों को "अविश्वसनीय संस्थाओं" (Unreliable Entity) की लिस्ट में शामिल किया गया है।

टैरिफ के कारण अब चीन में अमेरिका का सामान महंगा हो जाएगा। इसके कारण चीन में अमेरिकी वस्तुओं का निर्यात कम हो सकता है और वो अधिक महंगे हो सकते हैं।

इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने कहा था कि चीन की जवाबी कार्रवाई एक भारी गलती थी। मंगलवार को उन्होंने कहा, "जब अमेरिका पर कोई वार करता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप और जोर से पलटवार करते हैं। यही वजह है कि अब चीन पर मंगलवार रात 12 बजे से 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। हालांकि, अगर चीन बातचीत करना चाहता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप बेहद उदारता से उसका स्वागत करेंगे।"

ट्रंप की नीतियों से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। पूरी दुनिया में लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और इसे एक गलत फैसला करार दे रहे हैं। लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। ट्रंप ने वाशिंगटन में रिपब्लिकन डिनर में कहा, ‘मुझे पता है मैं क्या कर रहा हूं।’ यही नहीं, ट्रंप ने अब दवा आयात पर भी ‘बड़ा’ टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, अब तक इसकी तारीख तय नहीं की है।

ट्रंप के टैरिफ ने दिया टेंशन तो छटपटाया ड्रैगन, भारत से लगाई गुहार, जानें क्या कहा

#china_asked_india_to_stand_together

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘टैरिफ वॉर’ से दुनियाभर के देश हलकान हैं। इन सबमें अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, तो वो है चीन। ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 104% तक का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।यह आज यानी 9 अप्रैल से लागू हो गया है। इन सबके बीच बीजिंग ने भारत ने दोस्ती की गुहार लगाई है और मुश्किल हालात पर काबू पाने के लिए भारत से साथ खड़े होने का भी आग्रह किया है।

भारत में चीन की एंबेसी की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों विकासशील राष्ट्र हैं और ऐसे में अमेरिका के टैरिफ जैसे कदम ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के विकास के अधिकार को छीनने की कोशिश हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एकजुट होकर इन चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिए।

यू जिंग ने यह भी कहा कि वैश्विक व्यापार और विकास के लिए सभी देशों को बहुपक्षीयता का समर्थन करना चाहिए और एकतरफा फैसलों और संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। उनके अनुसार, इस तरह के टैरिफ युद्ध का कोई विजेता नहीं होता।

इससे पहले अमेरिका ने चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ को प्रभावी करने का फैसला लिया है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है और अतिरिक्त शुल्क मंगलवार आधी रात यानी 9 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। फॉक्स बिजनेस के अनुसार, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन ने अमेरिका पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ को नहीं हटाया है। ऐसे में अमेरिका कल, 9 अप्रैल से चीनी आयात पर कुल 104% टैरिफ लगाना शुरू कर देगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 34% टैरिफ को वापस नहीं लिया, तो अमेरिका भी उस पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। अब व्हाइट हाउस की ओर से इस धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए कुल 104% टैरिफ की घोषणा कर दी गई है।

बता दें कि ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद ये चेतावनी दी थी।

लागू हो गया ट्रंप का नया टैरिफ: चीन पर फिर चला अमेरिकी “चाबुक”

#tradewartrumpamericaimposed104tariffonchina

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ बुधवार आधी रात के बाद पूरी तरह से लागू हो गए।अमेरिका के स्थानीय समयानुसार मंगलवार आधी रात से भारत समेत दर्जनों देशों पर ट्रंप का जवाबी टैरिफ लागू हो गया है।इसके तहत भारत पर अब 26 फीसदी टैरिफ प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही उन लगभग 60 देशों पर भी टैरिफ लग गए, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका पर 'सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले सबसे खराब देश' बताया था। ट्रंप ने 2 अप्रैल को जवाबी टैरिफ का एलान किया था।

नया टैरिफ लागू होने से पहले अमेरिका ने चीन पर एक बार फिर “चाबुक” चलाया है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ को प्रभावी करने का फैसला लिया है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है और अतिरिक्त शुल्क मंगलवार आधी रात यानी 9 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। यह वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच जारी ट्रेड वॉर में अब तक उठाए गए सबसे आक्रामक कदमों में से एक है। फॉक्स बिजनेस के अनुसार, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन ने अमेरिका पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ को नहीं हटाया है। ऐसे में अमेरिका कल, 9 अप्रैल से चीनी आयात पर कुल 104% टैरिफ लगाना शुरू कर देगा।

चीन की धमकी के बाद यूएस का एक्शन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 34% टैरिफ को वापस नहीं लिया, तो अमेरिका भी उस पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। अब व्हाइट हाउस की ओर से इस धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए कुल 104% टैरिफ की घोषणा कर दी गई है।

बता दें कि ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद ये चेतावनी दी थी।

चीन ने कहा था- अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला रवैया

ट्रंप के बयान पर कल चीन ने कहा था कि हमारे ऊपर लगे टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी देकर अमेरिका गलती के ऊपर गलती कर रहा है। इस धमकी से अमेरिका का ब्लैकमेलिंग करने वाला रवैया सामने आ रहा है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने हिसाब से चलने की जिद करेगा तो चीन भी आखिर तक लड़ेगा।

रविवार को चीन ने दुनिया के लिए साफ संदेश भेजा था- ‘अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है- और इससे और मजबूत होकर निकलेगा।‘ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपल्स डेली ने रविवार को एक टिप्पणी में लिखा: 'अमेरिकी टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन 'आसमान नहीं गिरेगा।'

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर” टैफिक को लेकर भड़के चीन ने चेताया, ट्रेड वॉर की बढ़ी आशंका


#americaisblackmailingchinathreatens

दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है। मंगलवार को चीन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका में आयातित सभी चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 34% टैरिफ की घोषणा की। मौजूदा टैरिफ लागू होने पर अमेरिका में सभी चीनी आयातों पर शुल्क 54% से अधिक हो जाएगा। जवाब में शुक्रवार को बीजिंग ने सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ का एलान कर दिया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका का चीन पर तथाकथित पारस्परिक टैरिफ लगाना पूरी तरह से गलत है। यह एकतरफा दादागीरी है। चीन ने पहले भी जवाबी टैरिफ लगाए हैं। मंत्रालय ने संकेत दिया कि और भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर”

मंत्रालय के मुताबिक, चीन के प्रतिक्रियात्मक उपाय उसकी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने के लिए हैं। यह सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य उठाए गए पूरी तरह से वैध उपाय हैं। इसके अलावा चीन पर टैरिफ बढ़ाने की अमेरिकी धमकी एक गलती के ऊपर की गई एक और गलती है। इससे एक बार फिर अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर हो गया है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने तरीके पर अड़ा रहा, तो चीन अंत तक लड़ेगा।

ट्रेड वॉर गहराने की आशंका की चिंता

चीन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब ट्रंप द्वारा चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की सोमवार को धमकी दिए जाने के बाद से यह चिंता बढ़ गई है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्संतुलित करने का उनका प्रयास आर्थिक रूप से विनाशकारी व्यापार युद्ध के खतरे को और बढ़ा सकता है।

ट्रंप ने दी धमकी

इससे पहले, ट्रंप ने सोमवार को चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रंप की धमकी तब आई जब चीन ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह घोषित टैरिफ का जवाब देगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘अगर चीन आठ अप्रैल 2025 तक अपने पहले से ही दीर्घकालिक व्यापार दुरुपयोगों से ऊपर 34 प्रतिशत की वृद्धि को वापस नहीं लेता है तो हम चीन पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे जो नौ अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा।