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“वो मेरे दोस्त और मार्गदर्शक थे, उनका जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति” मनमोहन सिंह के निधन पर सोनिया गांधी का शोक संदेश

#sonia_gandhi_condolence_on_former_pm_dr_manmohan_singh 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।केंद्रीय सरकार ने उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को शाम को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस की संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। 

कांग्रेस ने सोशल साइट एक्स पर सोनिय गांधी का शोक संदेश जारी किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था। उन्होंने पूरे दिल से देश की सेवा की। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों का जीवन बदल दिया। मेरे लिए डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वे बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे और अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ थे।

उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसे नेता को खो दिया है जो बुद्धिमता, कुलीनता और विनम्रता के प्रतीक थे, जिन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के लोग उन्हें उनके शुद्ध हृदय और उत्तम बुद्धि के लिए प्यार करते थे। उनकी सलाह, बुद्धिमानीपूर्ण सलाह और विचारों को हमारे देश के राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उत्सुकता से मांगा जाता था और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत अन्य नेताओं ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए कांग्रेस मुख्यालय में मुलाकात की। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के इवेंट 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे।

मेरी गड्डी तो यह है…”जब मारुति-800 को निहारे हुए कहते थे मनमोहन सिंह, 3 साल बॉडीगार्ड रहे यूपी के मंत्री ने शेयर की यादें

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनसे जुड़े तमाम किस्से और कहानियां लोग याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार में मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उनसे जुड़ी यादों को साझा किया है। अरुण असीम एक जमाने में मनमोहन सिंह की एसपीजी टीम में बॉडीगॉर्ड थे। असीम अरुण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सिक्योरिटी चीफ रह चुके हैं। वह 2004 से 2008 के बीच उनकी 22 लोगों की कमांडो टीम का हिस्सा थे। उन्होंने उस दौरान का एक किस्सा बताया है।

योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। उन्होंने बताया कि एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। अगर एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी मेरी थी।

उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।

बता दें कि असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो ट्रेनिंग पाने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने। वे अब योगी सरकार में मंत्री भी हैं।

पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी, सोनिया गांधी भी पहुंची पूर्व पीएम के आवास

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दो बार प्रधानमंत्री रहे और 1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के निर्माता डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराए जाने के कुछ ही देर बाद अस्पताल ने उनके निधन की खबर दी। कांग्रेस सूत्रो के अनुसार आज देर रात 1 बजे , मनमोहन सिंह की बेटी अमेरिका से लौटेगी। जिसके बाद कल यानी शनिवार को राजघाट के पास जहां प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार होते हैं वहीं डॉ मनमोहन सिंह का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पहुंचे। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली में दिवंगत पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचे।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचीं और उन्हें श्रद्धांजलि पेश की।

मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर जारी किया वीडियो संदेश

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मनमोहन जी के निधन से सभी के ह्रदय को गहरी पीड़ा पहुंचाया है। एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त करना सामान्य बात नहीं है। अभावों से ऊपर उठकर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है यह उनका जीवन नयी पीढ़ी को सिखाता रहेगा। एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अलग अलग स्तर पर योगदान दिया। जनता के प्रति देश के विकास के प्रति उनका जो कमिटमेंट था उसे हमेशा बहुत सम्मान से देखा जाएगा। मनमोहन सिंह जी का जीवन उनकी ईमानदारी और साधगी का प्रतिबिम्ब था। उनकी विनम्रता, सौम्यता, बौद्धिकता उनके संसदीय जीवन की पहचान बनी।”

भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

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Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

बांग्लादेश की जेल से आया बाहर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाला, युनूस सरकार ने दिखाई दया*

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बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद युनूस एक के बाद एक ऐसे काम कर रहे हैं, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। अब युनूस सरकार ने भारत पर हमले के लिए आतंकियों की मदद करने वाले और शेख हसीना की रैली में हमले करवाने वाले पर दया दिखाई है। बांग्लादेश की एक अदालत ने भारत विरोधी आतंकवाद में शामिल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के सदस्य और पूर्व जूनियर मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू को 17 सालों के बाद जेल से आजाद कर दिया है।पिंटू की गिनती खालिदा जिया के सबसे करीबी नेताओं में होती है। अब्दुस सलाम पिंटू का रिहा होना भारत और शेख हसीना दोनों के लिए चिंता की बात है।

अब्दुस सलाम पिंटू को 17 साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया। अब्दुस सलाम ने भारत के खिलाफ आतंकी हमले करने में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) की मदद की थी। उसे 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। अब्दुस सलाम ने पीओके में हूजी के हथियारों की खरीद, भर्ती और शिविरों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मदद करके भारत में आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाई थी। उस पर हूजी को मदरसा छात्रों को हथियारों और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने और कश्मीर में आतंकवादियों के लिए धन और हथियार जुटाने में मदद करने का आरोप है।

अब्दुस सलाम पिंटू बांग्लादेश का शिक्षा मंत्री रह चुका है। खालिदा जिया की सरकार में वो इस पद पर था। सरकार में रहते हुए उसने भारत और हसीना के खिलाफ कई साजिश रची। आतंकियों को फंडिंग करते इसे गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन को वह फंडिंग करता था, जिससे उसके आतंकी कश्मीर के रास्ते भारत को नुकसान पहुंचाएं। जब जांच हुई तब मालूम पड़ा कि वह ना सिर्फ फंडिंग करता था बल्कि आतंकियों को हथियार और सूचना भी देता था।

21 अगस्त, 2004 को हसीना की रैली में उसने हमला करवाया था, जिसमें 24 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में शेख हसीना भी घायल हुई थीं। 2008 में पिंटू को गिरफ्तार किया गया था। 2018 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।

पीटीआई की रिपोर्ट में मुताबिक, 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले के जांच अधिकारी ने 2021 में ढाका के एक कोर्ट में बताया था कि अब्दुस सलाम पिंटू ने हूजी को भारत के खिलाफ आतंकी हमला करने के लिए हथियार जुटाने में मदद की थी। जांच अधिकारी ने 2011 में अदालत को यह भी जानकारी दी थी कि अब्दुस सलाम और बाबर ने कई युवाओं को हथियार और बम चलाने का प्रशिक्षण दिया था, जिसमें विशेष रूप से मदरसा के छात्र शामिल थे।

डेली स्टार ने 2021 में रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी ने कहा था, "अब्दुस के भर्ती किए गए ज्यादातर लोग पीओके और बांग्लादेश से थे। उन्होंने भारत के कश्मीर में उग्रवादियों के लिए पैसा, हथियार और गोला-बारूद भी जुटाए थे।"

*Bengal in record books, chases down mammoth total to enter semifinals of Senior Women’s One-Day Trophy*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: In one of most thrilling and successful run-chases in history of women’s cricket, Bengal Senior Women’s team has entered the record books, chasing down a mammoth target to stun Haryana by 5 wickets in the quarterfinal match to enter the semifinals of the domestic One-Day Trophy on Monday.

Set a massive target of 390 in 50 overs, Bengal went over the line comfortably, scoring 390/5 in 49.1 overs.

This is by far the highest successful chase in women’s List A cricket. The previous record was 309 by Northern Districts against Canterbury in 2019.

Tanushree Sarkar was the player of the match for her superb all-round show, bagging 3 for 56 followed by a match-winning 113 off 83 balls as Bengal entered the last-four stage in style.

“Yesterday during the pre-match meeting, I told the girls that the pitch will be batting friendly and no one should panic at any point during the match. Today during the innings break, I told the batters, have faith and belief in yourselves and we can do it. It was an unbelievable victory. To chase down a massive total like this, is special,” Bengal head coach Probal Dutta said.

India legend and team mentor Jhulan Goswami heaped praise on the players saying, “It is a fantastic win. To have the mindset of chasing down this massive target is brilliant. The girls believed in themselves and the win is truly special.”

Priyanka Bala (88 not out off 81), Dhara Gujjar (69 off 49), Sasthi Mondal (52 off 29), Prativa Rana (28 off 26), Mita Paul (12, 1-63) and Hrishita Basu (11 not out) were the other star performers for Bengal.

Put into bat, skipper Shafali Verma smashed a brilliant 197 off 115 balls to help Haryana post a mammoth total.

In reply, Dhara and Sasthi gave Bengal a flying start. Despite losing both openers, Bengal batters never gave up, instead kept believing, as the team chased the target down with five balls to spare.

PIC Courtesy by: CAB

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

#haryana_former_cm_and_inld_chief_om_prakash_chautala_passes_away

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। गुरुग्राम मेदांता में उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था। मेदांता प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन की पुष्टि की और कहा कि हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उधर, ओमप्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को शनिवार सुबह 8:00 बजे से चौटाला गांव में उनके फार्म हाउस पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर 3:00 बजे चौटाला गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पूर्व सीएम ओपी चौटाला बीते कुछ समय से गुरुग्राम में रह रहे थे। इस दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे के करीब उन्हें गुरुरग्राम के मैंदाता अस्पताल लाया गया था और यहां पर उन्होंने 12 बजे बाद अंतिम सांस साल ली। सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।

ओम प्रकाश चौटाला सात बार के विधायक, पांच बार के सीएम रहे चुके हैं। दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला, लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला था और दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।

ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। उनके पिता चौधरी देवीलाल चौटाला ने हरियाणा राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बाद में देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उप प्रधानमंत्री भी रहे

*Bengal crowned champions of Women’s U-15 One-Day Trophy*

Sports News 

 

 Khabar kolkata sports Desk: The wait is finally over. Bengal’s wait for a title at the national level finally ended on Tuesday as the Women’s Under-15 team displayed a brilliant all-round performance to outclass Punjab by 47 runs in the summit clash to emerge champions in the One-Day Trophy. 

Adrija Sarkar (62 off 63 balls) was awarded the player of the final for her superb batting. Toriya Singha Roy (43 off 68), skipper Sandipta Patra (22 not out, 2-11), Debjani Das (2-23), Snigdha Bag (1-22) were the other star performers for Bengal in the final.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 157/8 in 35 overs, thanks to a superb 116-run opening stand between Adrija and Toriya.

In reply, Punjab lost wickets and succumbed under pressure, falling short of the target, scoring just 110/6 in 35 overs.

 Pic Courtesy by: CAB

అసెంబ్లీ నుంచి బీఆర్‌ఎస్ వాకౌట్

సర్పంచులకు బిల్లులు ఇవ్వకుండా గోస పెడుతున్నారని తెలంగాణ అసెంబ్లీలో మాజీ మంత్రి హరీష్ రావు అన్నారు. గవర్నర్‌ను వెళ్లి కలవాల్సిన పరిస్థితి వచ్చిందన్నారు. 19 గ్రామ పంచాయితీలకి అవార్డు తెచ్చిన ఘనత కేసీఆర్ ది అని తెలిపారు. అయితే హరీష్ రావు ప్రసంగానికి కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు అడ్డు తగిలే ప్రయత్నం చేశారు.

తెలంగాణ అసెంబ్లీ సమావేశాలు (Telangana Assembly session) సోమవారం ఉదయం ప్రారంభమయ్యాయి. సభ మొదలైన తర్వాత సర్పంచుల పెండింగ్ బిల్లుల అంశం సభలో చర్చకు వచ్చింది. ఈ అంశంపై సభలో అధికార, ప్రతిపక్షాల మధ్య మాటల యుద్ధం నడిచింది. అయితే మాజీ సర్పంచ్ లు, మాజీ ఎంపిటీసీలకు పెండింగ్ బిల్లులు చెలించడంపై ప్రభుత్వం నుంచి స్పష్టమైన హామీ రానందుకు నిరసనగా అసెంబ్లీ నుంచి బీఆర్ఎస్ ఎమ్మెల్యేల (BRS MLAs) వాకౌట్ చేశారు.

సర్పంచులకు బిల్లులు ఇవ్వకుండా గోస పెడుతున్నారని మాజీ మంత్రి హరీష్ రావు (Former Minister Harish Rao) అన్నారు. గవర్నర్‌ను వెళ్లి కలవాల్సిన పరిస్థితి వచ్చిందన్నారు. 19 గ్రామ పంచాయితీలకు అవార్డు తెచ్చిన ఘనత కేసీఆర్ ది అని తెలిపారు. అయితే హరీష్ రావు ప్రసంగానికి కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు అడ్డు తగిలే ప్రయత్నం చేశారు. దీంతో మాజీ మంత్రి ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. ఎమ్మెల్యేలకు ఇచ్చిన శిక్షణ ఇదేనా అధ్యక్ష అంటూ హరిష్ రావు సెటైర్ విసిరారు. ఆ తరువాత మాజీ మంత్రి తిరిగి మాట్లాడుతూ.. తెలంగాణకు వెళ్తే చికెన్ గున్యా వస్తుందని అమెరికా ఆ దేశ పౌరులను హెచ్చరించిందని.. ఆ పరిస్థితికి పల్లెలను తెచ్చారని మండిపడ్డారు. పంచాయతీ సిబ్బందికి వేతనాలు ఇవ్వడం లేదన్నారు. చేసిన పనులకు బిల్లులు చెల్లించడం లేదని.. ఎంపీటీసీ, జెడ్పీటీసీలకు పెన్షన్స్ ఇస్తామని మేనిఫెస్టోలో చెప్పారని తెలిపారు. పెన్షన్స్ ఏమో గాని అసలు వేతనాలే ఇవ్వడం లేదని హరీష్‌రావు విమర్శించారు.

ఎమ్మెల్యే పల్లా రాజేశ్వర్ రెడ్డి మాట్లాడుతూ.. బచ్చన్నపేట మండలం నాగిరెడ్డిపల్లి సర్పంచ్ బిల్లులు రాక ఇల్లును కుదువ పెట్టుకున్నారని తెలిపారు. బిల్లుల కోసం సర్పంచ్‌లు కలుద్దామని హైదరాబాద్‌కు వస్తే అరెస్టు చేస్తున్నారన్నారు. సర్పంచ్‌లు చేసిన పనుల బిల్లులను వెంటనే విడుదల చేయాలని డిమాండ్ చేశారు.

“वो मेरे दोस्त और मार्गदर्शक थे, उनका जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति” मनमोहन सिंह के निधन पर सोनिया गांधी का शोक संदेश

#sonia_gandhi_condolence_on_former_pm_dr_manmohan_singh 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।केंद्रीय सरकार ने उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को शाम को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस की संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। 

कांग्रेस ने सोशल साइट एक्स पर सोनिय गांधी का शोक संदेश जारी किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था। उन्होंने पूरे दिल से देश की सेवा की। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों का जीवन बदल दिया। मेरे लिए डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वे बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे और अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ थे।

उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसे नेता को खो दिया है जो बुद्धिमता, कुलीनता और विनम्रता के प्रतीक थे, जिन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के लोग उन्हें उनके शुद्ध हृदय और उत्तम बुद्धि के लिए प्यार करते थे। उनकी सलाह, बुद्धिमानीपूर्ण सलाह और विचारों को हमारे देश के राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उत्सुकता से मांगा जाता था और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत अन्य नेताओं ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए कांग्रेस मुख्यालय में मुलाकात की। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के इवेंट 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे।

मेरी गड्डी तो यह है…”जब मारुति-800 को निहारे हुए कहते थे मनमोहन सिंह, 3 साल बॉडीगार्ड रहे यूपी के मंत्री ने शेयर की यादें

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनसे जुड़े तमाम किस्से और कहानियां लोग याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार में मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उनसे जुड़ी यादों को साझा किया है। अरुण असीम एक जमाने में मनमोहन सिंह की एसपीजी टीम में बॉडीगॉर्ड थे। असीम अरुण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सिक्योरिटी चीफ रह चुके हैं। वह 2004 से 2008 के बीच उनकी 22 लोगों की कमांडो टीम का हिस्सा थे। उन्होंने उस दौरान का एक किस्सा बताया है।

योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। उन्होंने बताया कि एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। अगर एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी मेरी थी।

उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।

बता दें कि असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो ट्रेनिंग पाने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने। वे अब योगी सरकार में मंत्री भी हैं।

पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी, सोनिया गांधी भी पहुंची पूर्व पीएम के आवास

#formerpmmanmohansinghdeath

दो बार प्रधानमंत्री रहे और 1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के निर्माता डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराए जाने के कुछ ही देर बाद अस्पताल ने उनके निधन की खबर दी। कांग्रेस सूत्रो के अनुसार आज देर रात 1 बजे , मनमोहन सिंह की बेटी अमेरिका से लौटेगी। जिसके बाद कल यानी शनिवार को राजघाट के पास जहां प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार होते हैं वहीं डॉ मनमोहन सिंह का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पहुंचे। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली में दिवंगत पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचे।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचीं और उन्हें श्रद्धांजलि पेश की।

मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर जारी किया वीडियो संदेश

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मनमोहन जी के निधन से सभी के ह्रदय को गहरी पीड़ा पहुंचाया है। एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त करना सामान्य बात नहीं है। अभावों से ऊपर उठकर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है यह उनका जीवन नयी पीढ़ी को सिखाता रहेगा। एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अलग अलग स्तर पर योगदान दिया। जनता के प्रति देश के विकास के प्रति उनका जो कमिटमेंट था उसे हमेशा बहुत सम्मान से देखा जाएगा। मनमोहन सिंह जी का जीवन उनकी ईमानदारी और साधगी का प्रतिबिम्ब था। उनकी विनम्रता, सौम्यता, बौद्धिकता उनके संसदीय जीवन की पहचान बनी।”

भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

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Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

बांग्लादेश की जेल से आया बाहर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाला, युनूस सरकार ने दिखाई दया*

#bangladesh_released_former_bnp_minister_abdus_salam_accused_for_terror_funding_against_india

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद युनूस एक के बाद एक ऐसे काम कर रहे हैं, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। अब युनूस सरकार ने भारत पर हमले के लिए आतंकियों की मदद करने वाले और शेख हसीना की रैली में हमले करवाने वाले पर दया दिखाई है। बांग्लादेश की एक अदालत ने भारत विरोधी आतंकवाद में शामिल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के सदस्य और पूर्व जूनियर मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू को 17 सालों के बाद जेल से आजाद कर दिया है।पिंटू की गिनती खालिदा जिया के सबसे करीबी नेताओं में होती है। अब्दुस सलाम पिंटू का रिहा होना भारत और शेख हसीना दोनों के लिए चिंता की बात है।

अब्दुस सलाम पिंटू को 17 साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया। अब्दुस सलाम ने भारत के खिलाफ आतंकी हमले करने में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) की मदद की थी। उसे 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। अब्दुस सलाम ने पीओके में हूजी के हथियारों की खरीद, भर्ती और शिविरों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मदद करके भारत में आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाई थी। उस पर हूजी को मदरसा छात्रों को हथियारों और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने और कश्मीर में आतंकवादियों के लिए धन और हथियार जुटाने में मदद करने का आरोप है।

अब्दुस सलाम पिंटू बांग्लादेश का शिक्षा मंत्री रह चुका है। खालिदा जिया की सरकार में वो इस पद पर था। सरकार में रहते हुए उसने भारत और हसीना के खिलाफ कई साजिश रची। आतंकियों को फंडिंग करते इसे गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन को वह फंडिंग करता था, जिससे उसके आतंकी कश्मीर के रास्ते भारत को नुकसान पहुंचाएं। जब जांच हुई तब मालूम पड़ा कि वह ना सिर्फ फंडिंग करता था बल्कि आतंकियों को हथियार और सूचना भी देता था।

21 अगस्त, 2004 को हसीना की रैली में उसने हमला करवाया था, जिसमें 24 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में शेख हसीना भी घायल हुई थीं। 2008 में पिंटू को गिरफ्तार किया गया था। 2018 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।

पीटीआई की रिपोर्ट में मुताबिक, 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले के जांच अधिकारी ने 2021 में ढाका के एक कोर्ट में बताया था कि अब्दुस सलाम पिंटू ने हूजी को भारत के खिलाफ आतंकी हमला करने के लिए हथियार जुटाने में मदद की थी। जांच अधिकारी ने 2011 में अदालत को यह भी जानकारी दी थी कि अब्दुस सलाम और बाबर ने कई युवाओं को हथियार और बम चलाने का प्रशिक्षण दिया था, जिसमें विशेष रूप से मदरसा के छात्र शामिल थे।

डेली स्टार ने 2021 में रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी ने कहा था, "अब्दुस के भर्ती किए गए ज्यादातर लोग पीओके और बांग्लादेश से थे। उन्होंने भारत के कश्मीर में उग्रवादियों के लिए पैसा, हथियार और गोला-बारूद भी जुटाए थे।"

*Bengal in record books, chases down mammoth total to enter semifinals of Senior Women’s One-Day Trophy*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: In one of most thrilling and successful run-chases in history of women’s cricket, Bengal Senior Women’s team has entered the record books, chasing down a mammoth target to stun Haryana by 5 wickets in the quarterfinal match to enter the semifinals of the domestic One-Day Trophy on Monday.

Set a massive target of 390 in 50 overs, Bengal went over the line comfortably, scoring 390/5 in 49.1 overs.

This is by far the highest successful chase in women’s List A cricket. The previous record was 309 by Northern Districts against Canterbury in 2019.

Tanushree Sarkar was the player of the match for her superb all-round show, bagging 3 for 56 followed by a match-winning 113 off 83 balls as Bengal entered the last-four stage in style.

“Yesterday during the pre-match meeting, I told the girls that the pitch will be batting friendly and no one should panic at any point during the match. Today during the innings break, I told the batters, have faith and belief in yourselves and we can do it. It was an unbelievable victory. To chase down a massive total like this, is special,” Bengal head coach Probal Dutta said.

India legend and team mentor Jhulan Goswami heaped praise on the players saying, “It is a fantastic win. To have the mindset of chasing down this massive target is brilliant. The girls believed in themselves and the win is truly special.”

Priyanka Bala (88 not out off 81), Dhara Gujjar (69 off 49), Sasthi Mondal (52 off 29), Prativa Rana (28 off 26), Mita Paul (12, 1-63) and Hrishita Basu (11 not out) were the other star performers for Bengal.

Put into bat, skipper Shafali Verma smashed a brilliant 197 off 115 balls to help Haryana post a mammoth total.

In reply, Dhara and Sasthi gave Bengal a flying start. Despite losing both openers, Bengal batters never gave up, instead kept believing, as the team chased the target down with five balls to spare.

PIC Courtesy by: CAB

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

#haryana_former_cm_and_inld_chief_om_prakash_chautala_passes_away

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। गुरुग्राम मेदांता में उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था। मेदांता प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन की पुष्टि की और कहा कि हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उधर, ओमप्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को शनिवार सुबह 8:00 बजे से चौटाला गांव में उनके फार्म हाउस पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर 3:00 बजे चौटाला गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पूर्व सीएम ओपी चौटाला बीते कुछ समय से गुरुग्राम में रह रहे थे। इस दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे के करीब उन्हें गुरुरग्राम के मैंदाता अस्पताल लाया गया था और यहां पर उन्होंने 12 बजे बाद अंतिम सांस साल ली। सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।

ओम प्रकाश चौटाला सात बार के विधायक, पांच बार के सीएम रहे चुके हैं। दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला, लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला था और दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।

ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। उनके पिता चौधरी देवीलाल चौटाला ने हरियाणा राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बाद में देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उप प्रधानमंत्री भी रहे

*Bengal crowned champions of Women’s U-15 One-Day Trophy*

Sports News 

 

 Khabar kolkata sports Desk: The wait is finally over. Bengal’s wait for a title at the national level finally ended on Tuesday as the Women’s Under-15 team displayed a brilliant all-round performance to outclass Punjab by 47 runs in the summit clash to emerge champions in the One-Day Trophy. 

Adrija Sarkar (62 off 63 balls) was awarded the player of the final for her superb batting. Toriya Singha Roy (43 off 68), skipper Sandipta Patra (22 not out, 2-11), Debjani Das (2-23), Snigdha Bag (1-22) were the other star performers for Bengal in the final.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 157/8 in 35 overs, thanks to a superb 116-run opening stand between Adrija and Toriya.

In reply, Punjab lost wickets and succumbed under pressure, falling short of the target, scoring just 110/6 in 35 overs.

 Pic Courtesy by: CAB

అసెంబ్లీ నుంచి బీఆర్‌ఎస్ వాకౌట్

సర్పంచులకు బిల్లులు ఇవ్వకుండా గోస పెడుతున్నారని తెలంగాణ అసెంబ్లీలో మాజీ మంత్రి హరీష్ రావు అన్నారు. గవర్నర్‌ను వెళ్లి కలవాల్సిన పరిస్థితి వచ్చిందన్నారు. 19 గ్రామ పంచాయితీలకి అవార్డు తెచ్చిన ఘనత కేసీఆర్ ది అని తెలిపారు. అయితే హరీష్ రావు ప్రసంగానికి కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు అడ్డు తగిలే ప్రయత్నం చేశారు.

తెలంగాణ అసెంబ్లీ సమావేశాలు (Telangana Assembly session) సోమవారం ఉదయం ప్రారంభమయ్యాయి. సభ మొదలైన తర్వాత సర్పంచుల పెండింగ్ బిల్లుల అంశం సభలో చర్చకు వచ్చింది. ఈ అంశంపై సభలో అధికార, ప్రతిపక్షాల మధ్య మాటల యుద్ధం నడిచింది. అయితే మాజీ సర్పంచ్ లు, మాజీ ఎంపిటీసీలకు పెండింగ్ బిల్లులు చెలించడంపై ప్రభుత్వం నుంచి స్పష్టమైన హామీ రానందుకు నిరసనగా అసెంబ్లీ నుంచి బీఆర్ఎస్ ఎమ్మెల్యేల (BRS MLAs) వాకౌట్ చేశారు.

సర్పంచులకు బిల్లులు ఇవ్వకుండా గోస పెడుతున్నారని మాజీ మంత్రి హరీష్ రావు (Former Minister Harish Rao) అన్నారు. గవర్నర్‌ను వెళ్లి కలవాల్సిన పరిస్థితి వచ్చిందన్నారు. 19 గ్రామ పంచాయితీలకు అవార్డు తెచ్చిన ఘనత కేసీఆర్ ది అని తెలిపారు. అయితే హరీష్ రావు ప్రసంగానికి కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు అడ్డు తగిలే ప్రయత్నం చేశారు. దీంతో మాజీ మంత్రి ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. ఎమ్మెల్యేలకు ఇచ్చిన శిక్షణ ఇదేనా అధ్యక్ష అంటూ హరిష్ రావు సెటైర్ విసిరారు. ఆ తరువాత మాజీ మంత్రి తిరిగి మాట్లాడుతూ.. తెలంగాణకు వెళ్తే చికెన్ గున్యా వస్తుందని అమెరికా ఆ దేశ పౌరులను హెచ్చరించిందని.. ఆ పరిస్థితికి పల్లెలను తెచ్చారని మండిపడ్డారు. పంచాయతీ సిబ్బందికి వేతనాలు ఇవ్వడం లేదన్నారు. చేసిన పనులకు బిల్లులు చెల్లించడం లేదని.. ఎంపీటీసీ, జెడ్పీటీసీలకు పెన్షన్స్ ఇస్తామని మేనిఫెస్టోలో చెప్పారని తెలిపారు. పెన్షన్స్ ఏమో గాని అసలు వేతనాలే ఇవ్వడం లేదని హరీష్‌రావు విమర్శించారు.

ఎమ్మెల్యే పల్లా రాజేశ్వర్ రెడ్డి మాట్లాడుతూ.. బచ్చన్నపేట మండలం నాగిరెడ్డిపల్లి సర్పంచ్ బిల్లులు రాక ఇల్లును కుదువ పెట్టుకున్నారని తెలిపారు. బిల్లుల కోసం సర్పంచ్‌లు కలుద్దామని హైదరాబాద్‌కు వస్తే అరెస్టు చేస్తున్నారన్నారు. సర్పంచ్‌లు చేసిన పనుల బిల్లులను వెంటనే విడుదల చేయాలని డిమాండ్ చేశారు.