बाल विवाह सामाजिक कुरीति: डीएम
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गोण्डा। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उनपर हिंसा, शोषण तथा यौन शोषण का खतरा बना रहता है। बाल विवाह से लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है। उक्त बातें जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कही। उन्होने कहा कि किसी लड़की की 18 वर्ष या लड़के की शादी 21 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें जेल व जुर्माना अथवा दोनो हो सकता है। उन्होने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह होने की संभावना अधिक होती है।
ऐसे में कहीं भी कोई भी बाल विवाह हो रहा है, तो उसकी सूचना पुलिस हेल्पलाइन-112, चाइल्ड हेल्पलाइन-1098, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर के मो0नं0-7518305491, नजदीकी थाना/पुलिस चौकी, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय/जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय पर दी जा सकती है। जिलाधिकारी ने आमजन से अपील किया है कि वे सभी इस अभियान में सहयोग प्रदान करें। सभी के सहयोग से ही जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होने कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में उनकी पूरी टीम बाल विवाह को मुक्त बनाने के लिए तैयार है। किसी भी सूचना पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी।










Apr 30 2025, 15:20
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