/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz ड्राई फ़्रूट में पिस्ता पोषक तत्वों से होता है भरपूर, वजन घटाने, आंत के स्वास्थ्य, शुगर नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य में भी है उसकी उपयोगिता Healthcare
ड्राई फ़्रूट में पिस्ता पोषक तत्वों से होता है भरपूर, वजन घटाने, आंत के स्वास्थ्य, शुगर नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य में भी है उसकी उपयोगिता


 पिस्ता विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है और वजन घटाने, आंत स्वास्थ्य, शुगर नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य में सहायता करता है। इसमें निहित अनेक लाभ इसको काफी बेहतर बनाते हैं। साथ ही इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है जिससे ये आपको पोषण के साथ-साथ स्वाद भी देगा। आइये जानते हैं कि पिस्ता हमारे लिए कितना उपयोगी है और हमे इसे क्यों अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

पिस्ता खाने के फायदे

पिस्ता न केवल खाने में स्वादिष्ट और मज़ेदार होता है, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक भी होता है। वास्तव में, पिस्ता वेरा पेड़ के इन खाद्य बीजों में स्वस्थ वसा होता है और ये प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत हैं। इसके अलावा, उनमें कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं और ये वजन घटाने से लेकर हृदय और आंत के स्वास्थ्य तक में भी सहायता करता है। फिलहाल ये आजकल, आइसक्रीम और डेसर्ट सहित कई व्यंजनों में बहुत लोकप्रिय हैं।

1 . कैलोरी में कम फिर भी प्रोटीन में उच्च

हालाँकि नट्स खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इनमें आमतौर पर कैलोरी अधिक होती है। पिस्ता सबसे कम कैलोरी वाले मेवों में से एक है। प्रत्येक औंस (28 ग्राम) पिस्ता में 159 कैलोरी होती है, जबकि अखरोट में 185 कैलोरी और पेकान में 196 कैलोरी होती है। उनकी कैलोरी सामग्री का लगभग 14% प्रोटीन युक्त होता है, जब प्रोटीन सामग्री की बात आती है तो पिस्ता बादाम के बाद दूसरे स्थान पर है। साथ ही, पिस्ता आवश्यक अमीनो एसिड से भरपूर होता है, अमीनो एसिड वो होते हैं जिन्हें आहार के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि आपका शरीर उनका उत्पादन करने में असमर्थ है।

2 . वजन घटाने में सहायक

ऊर्जा से भरपूर होने के बावजूद, नट्स वजन घटाने के लिए सबसे अनुकूल खाद्य पदार्थों में से एक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिस्ता फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, जो दोनों ही पेट भरे होने की भावना को बढ़ाते हैं और आपको कम खाने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों की एक समीक्षा के अनुसार, पिस्ता का नियमित सेवन बॉडी मास इंडेक्स में कमी से जुड़ा हो सकता है, जिसका उपयोग शरीर में वसा का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। हालाँकि, समीक्षा में ये भी कहा गया कि पिस्ता शरीर के वजन या पेट की चर्बी में बदलाव से जुड़ा नहीं था। अतिरिक्त वजन वाले व्यक्तियों पर 24 सप्ताह के एक अन्य पुराने अध्ययन से पता चला है कि जो लोग पिस्ता से 20% कैलोरी का सेवन करते हैं, उनकी कमर का वज़न उन लोगों की तुलना में 0.6 इंच (1.5 सेंटीमीटर) अधिक कम हो जाता है, जो पिस्ता नहीं खाते हैं।

3 . पाचन तंत्र के लिए उपयोगी

पिस्ता में फाइबर की मात्रा 

अधिक होती है, एक सर्विंग में 3 ग्राम फाइबर होता है। दरअसल फाइबर आपके पाचन तंत्र में अधिकतर बिना पचे ही घूमता रहता है, और कुछ प्रकार के फाइबर आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया द्वारा पच जाते हैं, जो प्रीबायोटिक्स के रूप में कार्य करते हैं।

4 . कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम कर ता है

पिस्ता विभिन्न तरीकों से हृदय रोग के खतरे को कम करता है। ये एंटीऑक्सिडेंट में उच्च होने के अलावा, रक्त कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर सकता है और रक्तचाप में भी सुधार करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। कई अध्ययनों ने पिस्ता के कोलेस्ट्रॉल-कम करने वाले प्रभावों का भी खुलासा किया है। कई अन्य अध्ययनों में ये भी पाया गया है कि इसके सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल में कमी और गुड कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि देखी गई है।

5 . रक्त शर्करा को कम करने में मददगार

अध्ययनों से पता चला है कि पिस्ता खाने से स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। साथ ही ये भी बात सामने आई है कि पिस्ता तेजी से रक्त शर्करा को कम कर सकता है और टाइप 2 मधुमेह, प्रीडायबिटीज या मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर सकता है।

हेल्थ टिप्स:आपके रसोईघर में उपयोग होने वाली हल्दी किसी औषधी से कम नहीं है,आइए जानते है हल्दी से होने वाले फायदे के बारे में...

हल्दी या हल्दी, जिसे करकुमा लोंगा के नाम से भी जाना जाता है, हल्दी को अक्सर "मसालों की रानी" कहा जाता है। यह वह मसाला है जो करी को उसका पीला रंग देता है और यह हर भारतीय रसोई की शेल्फ पर होना चाहिए। हल्दी हमारी रसोई का बेहद अहम हिस्सा मानी जाती है। इसका इस्तेमाल सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि स्किन केयर और कई मांगलिक कार्यों में भी होता आया है। 

आयुर्वेद में हल्दी को दवा की तरह भी उपयोग में लाया जाता है। ऐसा इसमें मौजूद कुछ खास तत्वों के कारण होता है। इसमें कर्क्यूमिन नाम का एक कंपाउंड पाया जाता है, जो इसे पीला रंग देता है और साथ ही, इसे हमारी सेहत के लिए फायदेमंद भी माना जाता है। इस लेख में हम हल्दी से जुड़े स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

सूजन कम करता है

हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जिससे शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है। सूजन धीरे-धीरे शरीर के टिश्यूज को प्रभावित करने लगती है, जिसके कारण दर्द बढ़ जाता है। कर्क्यूमिन सूजन को कम करता है और दर्द से आराम दिलाता है। यह आर्थराइटिस की वजह से होने वाली सूजन को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।

हल्दी दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करती है। कर्क्यूमिन ब्लड वेसल्स की लाइनिंग को स्वस्थ बनाता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है। साथ ही, हल्दी के सेवन से सूजन कम होती है और ऑक्सीडेटिव डैमेज कम होता है, जिसके कारण दिल से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है।

एजिंग धीरे होती है

हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जो ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करता है। ऑक्सीडेटिव डैमेज की वजह से एजिंग और कई बीमारियां, जैसे कैंसर का खतरा रहता है। कर्क्यूमिन फ्री रेडिकल्स को कम करता है, जिससे इन परेशानियों से बचाव होता है।

अल्जाइमर से बचाव

कर्क्यूमिन याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता को कमजोर होने से बचाता है। यह कॉग्नीटिव एबिलिटी यानी संज्ञानात्मक क्षमता के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए इससे अल्जाइमर डिजीज से बचाव होता है, जो कॉग्नीटिव फंक्शन को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है।

डिप्रेशन कम होता है

हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। डिप्रेशन यानी अवसाद एक प्रकार का मेंटल डिजीज है, जिसमें व्यक्ति के बर्ताव में और सोचने-समझने में बदलाव होने लगता है। ऐसे में कर्क्यूमिन डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है।

अगर आपके बच्चे भी अपनी उम्र के हिसाब से है अंडरवेट तो अपने बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए खिलाएं ये फूड,मेमोरी होगी तेज और वेट भी होगा गेन

बच्चे देश का भविष्य होते हैं इसलिए बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होना जरूरी हैं उम्र के हिसाब से बच्चे वजन होना चाहिए कम वजन होना फिजिकल हेल्थ के लिए हानिकारक है।

बच्चों की उम्र जैसे- जैसे बढ़ती है, वैसे-वैसे उनका शरीर तो बढ़ता ही है.हालांकि कई बार बढ़ती उम्र और बॉडी के साथ उनकी सेहत नहीं बनती है। ऐसे में मां-बाप अपने बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए कई कोशिशें करते हैं। लेकिन सफलता हासिल नहीं होती। तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे फूड आइटम बताएंगे जिससे आपके बच्चों का वजन बढ़ सकता है।

वजन बढ़ाने के लिए खाएं ये फूड्स

मूगंफली

एक रिसर्च के मुताबिक बच्चों को मूंगफली खिलाने के कई फायदे होते हैं. पीनट्स में सही मात्रा में ऊर्जा होती है, मूंगफली से आप अपने बच्चों के लिए मूंगफली से अच्छे स्नैक्स भी बना सकते हैं, जो खाने में टेस्टी होते हैं और सेहत के लिए हेल्दी भी और वजन बढ़ाने में भी मददगार मूंगफली साबित हो सकता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स है जरुरी

बढ़ते हुए बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स खाने को जरूर देना चाहिए. डेयरी प्रोडक्ट्स में प्रोटीन और कैल्शियम होता है अधिक मात्रा में होता है. बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए दूध, दही, पनीर, बटर, घी जैसी चीजें बच्चों को खिलाएं.

स्मूदी और हरी सब्जियां

सब्जियों में सभी ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो एक बच्चे के शारीरिक विकास के लिए जरूरी हैं. आप अपने बच्चे को आलू, शकरकंद, गोभी, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां खिला सकते हैं. आप बच्चों को फलों की स्मूदी बनाकर पिला सकते हैं. इससे बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्व मिलेंगे, साथ ही वजन भी बढ़ेगा.

ड्राय फ्रूट्स: 

ड्राय फ्रूट्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. अगर आपके बच्चों का वजन काफी कम है तो उन्हें ड्राय फ्रूट्स खिलाना शुरू कर दें. ड्राय फ्रूट्स शारीरिक हेल्थ के साथ साथ ब्रेन की हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. आप बच्चों को बादाम, काजू, अखरोट, किशमिश खाने के लिए दे सकते हैं. इसके अतिरिक्त बच्चों को मखाना दे सकते हैं. ड्राय फ्रूट्स के साथ साथ बच्चों को दूध भी दें।

देसी घी खिलाएं


देसी घी वजन भी तेजी से वजन बढ़ाने में मदद करता है. अगर आप कम वक्त में वजन बढ़ाना चाहते हैं तो बच्चों को खाने में सुबह शाम पर्याप्त मात्रा में घी खिलाएं. घी में विटामिन ए, विटामिन डी,, पोटैशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं जो कि मेंटल हेल्थ को भी इम्प्रूव करते हैं।

नॉनवेज दें

अगर आपको नॉनवेजिटेरियन खाने से कोई दिक्कत नहीं है तो आप अपने बच्चे को नॉनवेज दे सकते हैं. बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसे अंडा, मटन, चिकन या फिर मछली खाने में दे सकते हैं. सी फूड वजन बढ़ाने में काफी मददगार होते हैं.

"जड़ी-बूटियों की रानी कहे जाने वाले तुलसी का पत्ता आप के लिए है अमृत के समान,आइए जानते हैं कैसे करें इसका उपयोग और क्या है इसके फायदे


 तुलसी का पत्ता स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हेल्दी होता है। हिन्दू धर्म में तुलसी का काफी ज्यादा महत्व है। इसे "जड़ी-बूटियों की रानी" के रूप में भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इसकी देवी के रूप में पूजा होती है। 

हजारों वर्षों से आयुर्वेद में इसका प्रयोग किया जा रहा है, जो कई बीमारियों को दूर करने में उपयोगी हो सकता है। तुलसी की पत्तियां तनाव को संतुलित रखती हैं। इसकी मदद से तन, मन और आत्मा को सुरक्षित रखा जा सकता है। नियमित रूप से आप तुलसी की पत्तियों का प्रयोग कई तरह से कर सकते हैं। 

आइए जानते हैं रोजाना तुलसी की पत्तियों का कैसे करें सेवन?

तुलसी और शहद

बच्चों को सर्दी खांसी, जुकाम से लेकर गले में खराश की परेशानी को दूर करने में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद हो सकती है। इसका सेवन आप शहद के साथ कर सकते हैं। 

इसके लिए 1 चम्मच तुलसी की पत्तों का रस लें, इसमें 1 चम्मच करीब शहद को मिक्स करके इसका सेवन कर लें। इससे स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा।

तुलसी का पत्ता चबाएं

तुलसी की पत्तियों को खाली पेट चबाने से भी स्वास्थ्य को काफी लाभ हो सकता है। इसका सेवन करने के लिए तुलसी की कोमल पत्तियों को लें और खाली पेट इसे चबाएं। पूरे दिन में कम से कम 2 से 3 बार इसका सेवन करने से शरीर को लाभ मिल सकता है।

तुलसी की चाय

तुलसी का सेवन चाय के रूप में किया जा सकता है। आप इसकी पत्तियों को दूध वाली चाय से लेकर सिंपल हर्बल टी में भी एड कर सकते हैं। इसके लिए एक कप पानी में आधा चम्मच पत्ती डालें और इसमें थो 5 से 6 तुलसी की पत्तियों को डालकर इसे उबाल लें और छानकर पिएं।

तुलसी का काढ़ा

तुलसी का काढ़ा स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों को कम कर सकता है। इसका सेवन करने के लिए 1 कप पानी लें, इसमें 10 से 15 तुलसी की पत्तियां और 1 इंच अदरक को कद्दूकस करके डालें। अब इस पानी को करीब 5 मिनट के लिए उबाल लें। अब इस पानी को छानकर इसका सेवन करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।

तुलसी का जूस

तुलसी का जूस गले में खराश से लेकर पेट में होने वाले दर्द की परेशानी को कम कर सकता है। इसका सेवन करने के लिए 10 से 15 तुलसी की पत्तियां लें। इसे कुचलकर इसका रस निकाल लें। इसके बाद इस रस को 1 गिलास पानी में मिक्स करके पिएं। इससे पेट की परेशानी से लेकर शरीर का वजन कम होगा।

हेल्थ टिप्स:शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए खाएं ये सुपरफ़ूड जो आपके ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में करेंगे मदद


शरीर के लिए ऑक्सीजन कितना जरुरी है ये तो हम सभी जानते हैं, ऑक्सीजन के बिना मनुष्य का जिन्दा रहना मुश्किल है। मानव शरीर के समुचित कार्य के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है। इसके बिना आप जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

शरीर में हमेशा ऑक्सीजन का एक ऑप्टिमम लेवल जरुरी होता है। इसमें कमी आने पर शरीर को बहुत नुकसान हो सकती है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। मस्तिष्क ऑक्सीजन के स्तर में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है। 

ऑक्सीजन संज्ञानात्मक कार्य, एकाग्रता और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन की कमी से संज्ञानात्मक हानि और अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन का परिवहन किया जाता है, और इसकी उपलब्धता हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि अंगों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति मिले।

पत्तेदार साग

पालक, केल और अन्य पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। उनमें विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो प्रतिरक्षा कार्य का समर्थन करते हैं, और विटामिन के, जो रक्त के थक्के और हड्डियों के स्वास्थ्य में भूमिका निभाते हैं।

जामुन

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी जैसे जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हुए कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करते हैं।

फैटी मछली

सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट जैसी वसायुक्त मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड के उत्कृष्ट स्रोत हैं। ओमेगा-3एस में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह हृदय संबंधी स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है। अच्छा हृदय स्वास्थ्य रक्तप्रवाह में कुशल ऑक्सीजन परिवहन का समर्थन करता है।

दाने और बीज

बादाम, अखरोट और अलसी जैसे मेवे और बीज, विटामिन ई और मैग्नीशियम सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करते हैं। विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट है, जबकि मैग्नीशियम श्वसन मांसपेशियों सहित मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों का समर्थन करता है।

खट्टे फल

संतरे, अंगूर और नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। विटामिन सी अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और श्वसन प्रणाली के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उचित ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने में मुख्य रूप से समग्र जीवनशैली विकल्प शामिल हैं, जिसमें नियमित व्यायाम, उचित हाइड्रेशन और धूम्रपान से बचना या पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में आना शामिल है। इसके अतिरिक्त, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन से भरपूर आहार समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान देता है।

हेल्थ टिप्स:अगर आप भी सिगरेट और चाय के शौकीन है तो हो जाइए सावधान इसके कॉबिनेशन से हो सकते है सेहत के कई नुकसान


हर इंसान को चाय पीना बहुत ही पसंद होता है. किसी को बेड टी पसंद होता है तो किसी को दिन में कई बार चाय पीना पसंद होता है. हर नुक्कड़-चौराहे पर आपके चाय की दुकान मिल जाएगी और वहां ढेर सारे लोग भी मिल जाएंगे जो चाय पी रहे होंगे।ज्यादा मात्रा में चाय पीना आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

हमारी ऐसी कई आदतें होती हैं जो हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। जिसका हमें खुद भी नहीं पता चल पाता है। इसी में से एक खराब आदत है, चाय के साथ सिगरेट पीना। आज बहुत से लोगों को इस आदत ने घेर लिया है। ऐसे तो सिगरेट पीना हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है, लेकिन चाय के साथ सिगरेट पीना इसे बेहद जानलेवा बना देता है। यदि आप भी चाय के साथ सिगरेट आदत को आज ही बद कर दीजिए।

बढ़ता है कैंसर का खतरा 

हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चाय के साथ सिगरेट पीने से कैंसर होने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है। चाय में पाए जाने वाले टॉक्सिंस यदि सिगरेट के धुंए के साथ मिल जाते हैं तो वह कैंसर जैसी खरतनाक बीमारी का कारण बन जाते हैं। इसलिए आप भूलकर भी चाय के साथ सिगरेट का सेवन न करें।

बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा

दूध की चाय पीने से हमारे दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। कुछ रिपोर्ट की मानें तो चाय में पाया जाने वाला कैफीन हमारे शरीर में एक उत्प्रेरक की तरह काम करता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं चाय के साथ सिगरेट पीने से हार्ट अटैक और बीपी की समस्या और भी तेजी से बढ़ सकती है। जिसका कारण कैफीन और निकोटीन दो तत्वों का अक साथ मिल जाना है।

चाय और सिगरेट साथ में पीने के नुकसान 

हार्ट अटैक का खतरा

मैमोरी लॉस

फेंफड़ो(लंग्स) का कैंसर

पेट का अल्सर

गले का कैंसर

नपुंसकता और बांझपन

आहार नली का कैंसर

हाथ पैरों का अल्सर

चाय सिगरेट छोडने के उपाय

इच्छाशक्ति करें मजबूत परिवार के साथ बिताएं समय

तनाव से दूर रहें।

मादक पदार्थों पर टैक्स बढ़ाएँ

तंबाकू की ब्रिकी पर रोक लगाएं

निष्कर्ष- किसी भी खाद्य पदार्थ का अत्यधिक सेवन हमेशा ही सेहत के लिए नुसकानदायक होता है। इसलिए सभी चीजों का नियंत्रित इस्तेमाल जरूरी है। चाय और सिगरेट दोनों ही हमारी सेहत को केवल नुकसान पहुंचाती हैं। अतः हमें इनका सेवन हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए।

प्याज के रस के है कई फायदे बालों की जड़ों को बनाता मजबूत,घने और चमकदार बाल पाने के लिए प्याज का रस का इन 3 तरीकों से करें इस्तेमाल


दिल्ली:-प्याज़़ हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा माना जाता है। सब्जी में जायका लाना हो या गजब का तड़का लगाना हो, बिना प्याज़़ तो बात ही नहीं बनती! लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज आपके हेयर फॉल को भी कम कर सकता है। जी हां, प्याज में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण आपके बालों की जड़ों को मजबूत कर सकता है। साथ ही यह बालों को बाहरी वातावरण से सुरक्षित रखने में प्रभावी हो सकता है। 

इतना ही नहीं, प्याज में सल्फर मौजूद होता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। साथ ही इससे डैंड्रफ की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। यह रुट्स में पोषण प्रदान करते उसे मजबूती प्रदान कर सकता है। आइए जानते हैं झड़ते बालों की परेशानी को कम करने के लिए कैसे इस्तेमाल करें प्याज का रस?

एलोवेरा जेल और प्याज का रस का हेयर मास्क

प्याज और एलोवेरा का मिश्रण आपके बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान कर सकता है। इस हेयर मास्क को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक चम्मच प्याज का रस लें, इसमें 1 चम्मच करीब एलोवेरा जेल मिक्स कर लें। इसके बाद इस मिश्रण को अपने बालों पर लगाएं। करीब 10 से 15 मिनट के बाद अपने बालों को धो लें। इससे आपके बालों की चमक बेहतर हो सकती है। 

प्याज और नींबू के रस का करें इस्तेमाल

नींबू और प्याज के रस का मिश्रण आपके स्कैल्प के पीएच लेवल को मेंटेन करने में प्रभावी साबित हो सकता है। इससे डैंड्रफ की परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है। साथ ही यह स्कैल्प में जमा गंदगी को कम कर सकता है। प्याज और नींबू के रस का मिश्रण फॉलिक्स को ब्लॉक करने का कार्य करती है। 

नारियल तेल और प्याज के रस का मिश्रण

बालों का रूखापन कम करने के लिए नारियल तेल और प्याज के रसका मिश्रण बालों में लगाएं। इस मिश्रण को बालों में लगाने के लिए सबसे पहले एक चम्मच नारियल तेल लें, इसमें प्याज का रस मिक्स करके अपने बालों पर लगाएं और करीब 10 मिनट के लिए छोड़ दें। बाद में माइल्ड शैंपू की मदद से बालों को धो लें। 

प्याज का रस बालों की कई तरह की परेशानियों को कम करने में प्रभावी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपके बालों की परेशानी काफी ज्यादा हो रही है, तो ऐसी स्थिति में अपने एक्सपर्ट की मदद जरूर लें।

ब्यूटी टिप्स:अलसी का पानी बालों में लगाने से मिलते हैं कई जबरदस्त फायदे

अलसी, जिसे अंग्रेज़ी में फ्लैक्ससीड कहा जाता है, प्राकृतिक सुंदरता और स्वास्थ्य के लिए कई फायदों से भरी होती है। विशेषकर बालों के लिए, अलसी का पानी एक वरदान साबित हो सकता है। आइए जानते हैं अलसी का पानी बालों में लगाने से मिलने वाले जबरदस्त फायदों के बारे में।

1. बालों की वृद्धि में सहायता

अलसी का पानी बालों की वृद्धि को तेज़ करता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई बालों की जड़ों को मज़बूत बनाते हैं और नई बालों की कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करते हैं।

2. डैंड्रफ से छुटकारा

अलसी के पानी का नियमित उपयोग बालों की खुश्की और डैंड्रफ को कम करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिर की त्वचा की सूजन और खुजली को कम करने में मदद करते हैं।

3. बालों की चमक

अलसी का पानी बालों में प्राकृतिक चमक लाने में सहायक है। इसमें मौजूद प्रोटीन बालों को पोषण प्रदान करते हैं जिससे बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं।

4. बालों का टूटना कम करना

अलसी का पानी बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है, जिससे बालों का टूटना कम होता है। इसमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बालों को मज़बूत और स्वस्थ बनाते हैं।

5. कंडीशनर का काम

अलसी का पानी एक प्राकृतिक कंडीशनर की तरह काम करता है। इसका नियमित उपयोग बालों को मुलायम और घना बनाता है।

अलसी का पानी बनाने की विधि

1. सामग्री:

2 बड़े चम्मच अलसी के बीज और 2 कप पानी।

2.विधि: 

एक पैन में पानी गरम करें और उसमें अलसी के बीज डालें।

पानी को उबालें और 10-15 मिनट तक पकने दें।

जब पानी गाढ़ा हो जाए, तो इसे ठंडा होने दें।

ठंडा होने पर इसे छान लें और एक साफ़ बोतल में भर लें।

उपयोग करने का तरीका

बालों को शैंपू से धोने के बाद, अलसी के पानी को बालों की जड़ों और लंबाई पर लगाएं।

इसे 20-30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें।

इसके बाद बालों को सामान्य पानी से धो लें।

हफ्ते में 2-3 बार इसका उपयोग करें।

निष्कर्ष*

अलसी का पानी बालों के लिए एक प्राकृतिक और सस्ता उपाय है। इसके नियमित उपयोग से आप अपने बालों को स्वस्थ, मजबूत और खूबसूरत बना सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता को अपनाएं और अलसी के पानी के अद्भुत फायदों का आनंद लें।

स्वास्थ्य:किडनी डैमेज होने के पूर्व ना करें इन लक्षणों को इग्नोर,तुरंत लें चिकित्सको से परामर्श,आइये जानते हैं इन लक्षणों को...?


किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है । किडनी किसी कारण से शरीर में काम करना बंद कर देती है या फिर ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो इसके कारण शरीर के अन्य अंग भी काम करना बंद कर देता है। इसलिए किडनी को हेल्दी रखने की सलाह दी जाती है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। हालांकि, दिन में नहीं बल्कि किडनी डैमेज से जुड़े कुछ लक्षण रात के समय भी महसूस होते हैं और ये लक्षण बहुत कॉमन होने के कारण कई बार इग्नोर भी हो जाते हैं। 

चिकित्सकों का मानना है कि समय महसूस होने वाले किडनी डैमेज से जुड़े लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।

 रात के समय किडनी डैमेज सेजुड़े लक्षण विशेष रूप से महसूस होने लगते हैं, जबकि कई बार किडनी डैमेज के कारण दिन में महसूस हो रहे लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये संकेत किसी अन्य शारीरिक बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से सही जांच कराना बहुत महत्वपूर्ण है। किडनी डैमेज से जुड़े ऐसे लक्षण जो आमतौर पर रात के समय देखे जा सकते हैं, इस प्रकार हैं:

1. रात के समय अक्सर पेशाब आना 

रात के समय बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ना, यानी रात के समय बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता, किडनी के क्षति का संकेत हो सकता है। किडनी आपके खून से कचरा फिल्टर करने का काम करती है और तरल संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब वे प्रभावित होते हैं, तो वे पेशाब को सही ढंग से एकत्र करने में संघटन कर सकते हैं। 

इसके परिणामस्वरूप, आपको पेशाब करने के लिए कई बार जागने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे आपकी नींद बिगाड़ सकती है।

2. अंगों में सूजन 

किडनी डैमेज होने पर शरीर में जरूरत से ज्यादा द्रव जमानो होने लग सकता है, जिस कारण से शरीर के कई हिस्सों में सूजन होने लगती है जैसे टांग या पैरों में सूजन आना आदि। यह सूजन दिन में अधिक दिखाई देगी, लेकिन रात को जब आप लेटते हैं तो तरल शरीर में पुनः वितरित होता है, तो यह रात को अधिक भी हो सकता है। ऐसे में जब आप उठते हैं तो आपके शरीर के कुछ अंगों में सूजन दिख सकती है।

3. पीठ या बाईं ओर दर्द होना 

किडनी निचली पीठ क्षेत्र में स्थित होती हैं, बढ़ते रिब केज के नीचे। किडनी के क्षति को पीठ या बाएं ओर क्षेत्र में दर्द के रूप में प्रकट हो सकता है, जो रात को लेटते समय अधिक बढ़ सकता है। इस दौरान हो रहे दर्द की गंभीरता से यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि किडनी में डैमेज कितना हो चुका है। इस दौरान होने वाला दर्द आमतौर पर काफी तेज व चुभन जैसा होता है, जो किडनी की समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। किडनी डैमेज होने के पीछे कई कारक हो सकते हैं जिनमें आमतौर पर डायबिटीज, संक्रमण और अन्य कई कारक शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।