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हेमंत कैबिनेट की बैठक में राज्य कर्मियों को नए साल के तोहफा के साथ 10 प्रस्तावों पर लगी मोहर


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड सरकार का साल 2024 का आज आखरी कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 10 प्रस्ताव पर लगी मोहर। 

झारखंड सरकार से इन प्रस्ताव को मिली मंजूरी

• राज्य सरकार के कर्मियों को दिनांक 01.01.2016 से प्रभावी पुनरीक्षित वेतनमान (सातवें केन्द्रीय वेतनमान) में दिनांक 01 जुलाई, 2024 के प्रभाव से महँगाई भत्ता की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई।

• राज्य सरकार के पेंशन/पारिवारिक पेंशनभोगियों को 01 जुलाई, 2024 के प्रभाव से महँगाई राहत की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई। जिनके मूल पेंशन का पुनरीक्षण (सप्तम वेतन पुनरीक्षण) वित्त विभाग के संकल्प संख्या 218/वि. दिनांक 18.01.2017 द्वारा दिनांक 01.01.2016 के प्रभाव से किया गया है, उन्हें दिनांक 01.07.2024 के प्रभाव से मूल पेंशन का 53% महँगाई राहत स्वीकृत किया गया है।

• भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण पर प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड विधान सभा का प्रथम सत्र में राज्यपाल द्वारा दिये गये अभिभाषण पर मंत्रिपरिषद की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

• प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के Project Approval Board (PAB) की प्रथम बैठक में अवयव 1- Multi-disciplinary Education and Research Universities के अंतर्गत विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग को 99,56,10,604 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड हाइकोर्ट में दर्ज याचिका WP(S) 6691/2019 Dr. Tulsi Mahto Vs. The State of Jharkhand and others एवं संबद्ध LPA 52/2021 The State of Jharkhand & others Vs. Dr. Tulsi Mahto and others में पारित आदेश के अनुपालन में वादी डॉ० तुलसी महतो, तत्कालीन प्राध्यापक, एफ.एम.टी. विभाग, रिम्स, राँची सम्प्रति सेवानिवृत को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

•  झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची में दायर W.P(S)-4018/2021 निशान्त अभिषेक व अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में न्यायालय द्वारा दिनांक 03.07.2024 को पारित आदेश से उद्भूत अवमाननावाद सं०- Cont. (Civil) No. 788/2024 में माननीय न्यायालय द्वारा 29.11.2024 को पारित आदेश के आलोक में वादीगणों / वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत सहायक खनन पदाधिकारियों को देय तिथि से सेवा संपुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य किये जाने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता के आवश्यक शर्त / अर्हता में छूट प्रदान करने के निमित्त अधिसूचित झारखण्ड खनन अभियंत्रण सेवा नियमावली के सम्बन्धित प्रावधान को, झारखण्ड उच्च न्यायालय में दिनांक- 21.10.2024 को दायर LPA के आदेश से प्रभावित होने तथा पूर्वोद्धारण नहीं समझे जाने की शर्त के साथ, क्षान्त/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड विधान सभा का प्रथम सत्र 9 से 12 दिसंबर तक के सत्रावसान हेतु मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई।

• वित्तीय वर्ष-2023-24 के लिये भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का वित्त लेखे भाग -1 एवं II तथा विनियोग लेखे से संबंधित लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

शेख हसीना के बेटे ने यूनुस सरकार पर 'जासूसी अभियान' का आरोप लगाते हुए मचाई हलचल

#yunus_acusses_bangladesh_of_witch_hunt

पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद ने देश की अंतरिम सरकार पर अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में न्यायपालिका को हथियार बनाने और अवामी लीग के नेताओं को सताने के लिए ‘जासूसी अभियान’ शुरू करने का आरोप लगाया है, क्योंकि ढाका ने उनकी मां के भारत से प्रत्यर्पण की मांग की थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पुष्टि की कि यूनुस के कार्यवाहक प्रशासन ने औपचारिक रूप से हसीना के प्रत्यर्पण के लिए कहा था, जो अगस्त में बांग्लादेश से भागने के बाद से भारत में रह रही हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच संबंध नए निम्न स्तर पर हैं। ढाका द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध किए जाने के बाद, हसीना के अमेरिका में रहने वाले बेटे वाजेद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अनिर्वाचित यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों और अभियोजकों ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के माध्यम से हास्यास्पद परीक्षण प्रक्रिया का संचालन किया है, जो इसे एक राजनीतिक डायन हंट बनाता है जो न्याय को त्याग देता है और अवामी लीग नेतृत्व को सताने के लिए एक ओर चल रहे हमले को दर्शाता है।" "हम अपनी स्थिति को दोहराते हैं कि जुलाई और अगस्त के बीच मानवाधिकार उल्लंघन की हर एक घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए, लेकिन यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने न्यायपालिका को हथियार बना दिया है, और हम न्याय प्रणाली पर कोई भरोसा नहीं जताते हैं," उन्होंने एक लंबी पोस्ट में कहा। 

सोमवार को बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने कहा कि उसने उन आरोपों की जांच शुरू की है कि वाजेद ने हसीना और उनकी भतीजी, ब्रिटेन के राजकोष मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक के साथ मिलकर रूस की सरकारी परमाणु एजेंसी द्वारा बांग्लादेश में बनाए जा रहे “अत्यधिक कीमत वाले 12.65 बिलियन डॉलर” के परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट से कथित तौर पर 5 बिलियन डॉलर का गबन किया है।

वाजेद ने बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को “कंगारू न्यायाधिकरण” बताया और कहा कि हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध ऐसे समय में आया है जब सैकड़ों अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की “न्यायिक तरीके से हत्या” की गई या उन पर “घृणित हत्या के आरोप” लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कानून प्रवर्तन द्वारा “हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया गया” और “लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी सहित हिंसक हमले हर दिन बिना किसी दंड के हो रहे हैं, जो शासन के इनकार से प्रेरित हैं”।

5 अगस्त को छात्र समूहों द्वारा किए गए देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना के पद से हटने और भारत में शरण लेने के बाद से, उनके और अवामी लीग पार्टी के नेताओं के खिलाफ दर्जनों आपराधिक और अन्य मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण भी शामिल है। वाजेद ने आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम, जिन्हें उन्होंने कहा कि कार्यवाहक प्रशासन द्वारा “युद्ध अपराधियों का बचाव करने के सिद्ध रिकॉर्ड के बावजूद” नियुक्त किया गया था, ने हसीना के खिलाफ “जानबूझकर गलत सूचना” फैलाई थी, यह दावा करके कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ “रेड नोटिस” जारी किया था।

वाजेद ने आगे आरोप लगाया कि यह यूनुस के हित में “उसे प्रत्यर्पित करने और [एक] हास्यास्पद मुकदमा चलाने की हताश कोशिश” थी। उन्होंने कहा, “लेकिन बाद में उसी अभियोजक ने मीडिया द्वारा सरासर झूठ को उजागर किए जाने के बाद अपने बयान को बदल दिया और अब आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण के लिए भारत को अनुरोध भेजा है।” 

प्रत्यर्पण अनुरोध से नई दिल्ली और ढाका के बीच तनाव बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने प्रत्यर्पण अनुरोध की पुष्टि के अलावा इस पर विस्तार से कुछ नहीं कहा, लेकिन यह संभावना नहीं है कि भारत सरकार हसीना को सौंपेगी, जिन्हें पड़ोस में नई दिल्ली के दृढ़ सहयोगियों में से एक माना जाता है।

मोहम्मद यूनुस सार्क को फिर जिंदा करना चाहते हैं, पाकिस्तान बना मददगार, लेकिन भारत क्यों नहीं चाहता?

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को पुनर्जीवित करने की जरूरत पर जोर दिया।संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में उन्होंने सार्क को पुनर्जीवित करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि दक्षिण एशिया के नेताओं को क्षेत्रीय लाभ के लिए सार्क को सक्रिय बनाना चाहिए, भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही शत्रुता जैसी चुनौतियां मौजूद हों।उन्होंने कहा है कि इन दोनों देशों के बीच की समस्याओं का असर दक्षिण एशिया के अन्य देशों पर नहीं पड़ना चाहिए और क्षेत्र में एकता और सहयोग का आह्वान किया।

सार्क संगठन की शिखर बैठक वर्ष 2016 में होने वाली थी लेकिन भारत समेत इसके अन्य सभी देशों ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ इसका विरोध किया और बैठक नहीं हो सकी। उसके बाद सार्क की बात भी कोई देश नहीं कर रहा था लेकिन पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसको हवा देने में जुटी है

19 दिसंबर को मिस्त्र में बांग्लादेश के सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई थी। इस बैठक में सार्क को फिर से सक्रिय करने की बात कही गई। पाकिस्तानी पीएम ने बांग्लादेश को सुझाव दिया कि वह सार्क सम्मेलन की मेजबानी करे। इस पर मोहम्मद यूनुस ने भी सहमति जताई और दोनों नेताओं ने इस योजना को आगे बढ़ाने की बात कही। पाकिस्तान की मंशा थी कि इस मंच के बहाने अलग थलग पड़े पाकिस्तान को दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अपनी भूमिका मजबूत करने का मौका मिल सके।

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया (मुख्य सलाहकार) प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की तरफ से दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को ठंडे बस्ते से निकालने की कोशिश पर भारत ने बेहद ठंडी प्रतिक्रिया जताई है।भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में सार्क को पुनर्जीवित करने का कोई औचित्य नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल से पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “जहां तक क्षेत्रीय सहयोग की बात है तो भारत इसके लिए लगातार कोशिश करता रहा है। इसके लिए हम कई प्लेटफॉर्म के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। इसमें बिम्सटेक (भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार और थाइलैंड का संगठन) है जिसमें कई हमारे पड़ोसी देश जुड़े हुए हैं। सार्क भी ऐसा ही एक संगठन है लेकिन यह लंबे समय से ठंडा पड़ा हुआ है और क्यों ठंडा पड़ा हुआ है, इसके बारे में सब जानते हैं।'

भारत ने इसलिए सार्क से बनाई दूरी

दक्षिण एशिया में सार्क का महत्व यूरोपीय संघ (EU), आसियान और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) जैसे वैश्विक संगठनों की सफलता के उदाहरणों से प्रेरित है। हालांकि पाकिस्तान के साथ तनाव के कारण भारत ने धीरे-धीरे इसमें दिलचस्पी कम कर दी। 2016 में पाकिस्तान में हुए शिखर सम्मेलन में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिए जाने पर चिंता जताई थी। उस हमले में उन्नीस भारतीय सैनिक मारे गए थे। हमले के बाद भारत ने शिखर सम्मेलन से अपना नाम वापस ले लिया। भारत जैसे बड़े देश की ओर से दूरी बनाने के बाद नेपाल, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव और शेख हसीना के नेतृत्व वाले बांग्लादेश ने भी सार्क में अपनी दिलचस्पी कम कर दी।

पाकिस्तान ने पहले भी सार्क को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है

यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने सार्क को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की है।डॉन के अनुसार, दिसंबर 2023 में तत्कालीन कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर ने भी सार्क के पुनरुद्धार की आशा व्यक्त की थी। काकर ने कहा, "मैं इस अवसर पर सार्क प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराना चाहूंगा। मुझे विश्वास है कि संगठन के सुचारू संचालन में मौजूदा बाधाएं दूर हो जाएंगी, जिससे सार्क सदस्य देश पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रीय सहयोग के मार्ग पर आगे बढ़ सकेंगे।" लेकिन भारत सार्क के पुनरुद्धार के खिलाफ रहा है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान सार्क को पुनर्जीवित क्यों करना चाहते हैं?

यह व्यापार और अर्थव्यवस्था ही है जिसके कारण बांग्लादेश और पाकिस्तान सार्क के पुनरुद्धार के पक्ष में हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है और वह अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज ले रहा है। उसने खाड़ी देशों से भी कर्ज लिया है।शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने अच्छी आर्थिक वृद्धि देखी थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह बुरी तरह से विफल हो गया है। इसकी आर्थिक दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार को दोषी ठहराया जाता है। अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस और शरीफ दोनों ही सार्क पर नज़र गड़ाए हुए हैं। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि सार्क की बात करते समय उनके दिमाग में व्यापार का मुद्दा था।इसमें कहा गया, "शरीफ ने बांग्लादेश के कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र में निवेश करने में पाकिस्तान की रुचि व्यक्त की।"

क्यों नहीं है भारत को सार्क की जरूरत?

हमें यह याद रखना होगा कि इस समूह में सबसे बड़ा खिलाड़ी भारत है, जो एक आर्थिक महाशक्ति है। भारत उन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो अभी भी उच्च दर से बढ़ रही है जबकि बड़ी अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा रही हैं। एसएंडपी का अनुमान है कि सालाना 7% से अधिक की दर से बढ़ते हुए भारत 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत जी-20 और ब्रिक्स सहित कई समूहों का भी हिस्सा है। व्यापार और व्यवसाय के मामले में, सार्क को भारत की जरूरत है, न कि इसके विपरीत। भारत को अपने सदस्यों के साथ संबंध बनाए रखने के लिए, यदि आवश्यक हो, तो समूह की जरूरत है। यह काम नई दिल्ली द्विपक्षीय रूप से भी कर सकता है, बिना किसी बहुपक्षीय मंच के।

पुष्पा 2 भगदड़ मामले में हैदराबाद पुलिस के सामने पेश हुए अल्लू अर्जुन: मामले से जुड़ी 10 अहम बातें

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तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन 4 दिसंबर को 'पुष्पा-2' की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ के सिलसिले में मंगलवार को हैदराबाद पुलिस के समक्ष पेश हुए। हैदराबाद के संध्या थिएटर में भगदड़ के दौरान 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई। पुलिस ने अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

मामले से जुड़ी 10 एहम बातें :

1. अल्लू अर्जुन को पुलिस ने 13 दिसंबर को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। वह आरोपी नंबर 11 हैं। बाद में, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दी। उन्हें 14 दिसंबर को जेल से रिहा कर दिया गया।

2. 22 दिसंबर को एक समूह ने पुष्पा अभिनेता के घर पर हमला किया। वे मृतक महिला, रेवती के परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

3. हैदराबाद के डीसीपी वेस्ट जोन के अनुसार, समूह अचानक अल्लू अर्जुन के आवास पर पहुंचा, हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए। उनमें से एक ने परिसर की दीवार पर चढ़कर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे सुरक्षा कर्मचारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद हुए विवाद में, प्रदर्शनकारियों ने रैंप के किनारे फूलों के गमलों को नुकसान पहुंचाया और सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई की।

4. उस्मानिया विश्वविद्यालय संयुक्त कार्रवाई समिति (OU-JAC) का हिस्सा होने का दावा करने वाले छह व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

5. कल जुबली हिल्स में अल्लू अर्जुन के घर पर वकीलों का एक समूह पहुंचा। बैठक के लिए घर में प्रवेश करते समय उन्हें फ़ोल्डर और बैग ले जाते हुए देखा गया। वकील देर रात लंबी चर्चा के बाद चले गए।

6. इस घटना ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस त्रासदी के लिए अल्लू अर्जुन को दोषी ठहराया। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि पुलिस ने संध्या थिएटर में कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

7. रेड्डी ने कहा, "2 दिसंबर को, सनाढ्य थिएटर मालिकों ने पुष्पा 2 के कलाकारों और क्रू के लिए 4 दिसंबर को संध्या थिएटर में प्रीमियर में शामिल होने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।" "हालांकि, 3 दिसंबर को, चिक्कड़पल्ली सर्किल इंस्पेक्टर ने लिखित रूप से अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया कि थिएटर एक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित है, जिसमें केवल एक प्रवेश और निकास बिंदु है, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद, अभिनेता ने कार्यक्रम में भाग लिया, अपनी कार की छत पर चढ़ गए और एक रोड शो किया, जिससे स्थिति और खराब हो गई," रेड्डी ने कहा।

 8. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलिस ने अभिनेता को जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। "एसीपी ने शुरू में अभिनेता से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जाने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह फिल्म देखने के बाद चले जाएंगे। बाद में डीसीपी को हस्तक्षेप करना पड़ा, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वह नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यहां तक ​​कि जाते समय भी, उन्होंने कार की छत पर चढ़ने और प्रशंसकों को हाथ हिलाने की हरकत दोहराई," उन्होंने कहा।

9. अल्लू अर्जुन ने दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें चरित्र हनन का प्रयास बताया। उन्होंने बाद में कहा, "यह एक दुखद दुर्घटना थी और मैं परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल बच्चे की स्थिति पर नज़र रख रहा हूं और मुझे यह सुनकर राहत मिली है कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है। बहुत सारी गलत सूचनाएँ और झूठे आरोप लगाए गए हैं। मैं किसी विभाग या राजनेता को दोष नहीं देना चाहता। यह मेरे लिए बहुत दुखद है।" उन्होंने कहा कि इस घटना में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।

10.इस बीच, ब्लॉकबस्टर फिल्म पुष्पा 2 के निर्माता नवीन यरनेनी और रविशंकर ने पीड़ित महिला के परिवार को 50 लाख रुपये का चेक सौंपा। चेक रेवती के पति ने प्राप्त किया। महिला का बेटा श्री तेज फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।

2 लाख का इनामी यह कुख्यात गिरफ्तार, एसटीएफ और कटिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोचा

डेस्क : दर्जन भर हत्या का आरोपी फरार 2 लाख के इनामी कुख्यात संजय ठाकुर गिरफ्तार कर लिया गया है। कुख्यात संजय ठाकुर को एसटीएफ और कटिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुंगेर से गिरफ्तार किया गया है।

संजय पर हत्या समेत 12 मामले दर्ज हैं। वह 2022 में हुई एक गोलीबारी घटना में शामिल था जिसमें पांच लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना के संबंध में पहले ही मोहन ठाकुर समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था। अब पुलिस ने दो लाख रुपये के इनामी अपराधी संजय ठाकुर को मुंगेर से गिरफ्तार किया है।

संजय ठाकुर, जो दो लाख रुपए का इनामी अपराधी है, को सोमवार की सुबह मुंगेर से गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई एसटीएफ और कटिहार पुलिस के संयुक्त प्रयास से की गई। संजय पर हत्या सहित 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह कुख्यात अपराधी मोहना ठाकुर का भाई है।

एसपी वैभव शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि 2 दिसंबर 2022 को भवानीपुर दियारा से बकिया दियारा तक मोहना ठाकुर गिरोह द्वारा की गई गोलीबारी में संजय के नेतृत्व में पांच लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के निर्देशन में एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया गया

बताया कि मोहन ठाकुर सहित 29 अभियुक्तों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, यह कार्रवाई लगातार छापेमारी के बाद की गई। इस मामले में शेष फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। रविवार को पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि मोहन ठाकुर गिरोह का notorious अपराधी संजय ठाकुर मुंगेर में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर एसटीएफ और कटिहार पुलिस की टीम मुंगेर पहुंची और छापेमारी कर संजय ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। संजय ठाकुर पर हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत 12 मामले दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी कटिहार पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।

अमेरिका ने घुमाया बांग्लादेश के यूनुस को फोन, जयशंकर के यूएस दौरे से पहले हिंदू हिंसा को लेकर लगाई फटकार

#usnsasullivanspeakswithbangladeshmuhammadyunusovervoilenceagainst_hinndu

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए अमेरिका ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को कड़ी फटकार लगाई है। अमेरिका ने मोहम्मद यूनुस को नसीहत दी है और अल्पसंख्यकों पर किसी तरह के अत्याचार न करने के लिए खबरदार किया है। ये सब तब हुआ है जब एक दिन पहले ही बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने यानी प्रत्यर्पण की मांग की है। इन दोनों घटनाक्रमों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज से 6 दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं। उनके अमेरिका पहुंचने से पहले ही भारत का ग्लोबल पावर देखने को मिला है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने सोमवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बातचीत की। अमेरिकी सरकार द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार सुलिवन ने चुनौतीपूर्ण समय में बांग्लादेश का नेतृत्व करने के लिए यूनुस को धन्यवाद भी दिया। प्रेस रिलीज में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

बाइडेन प्रशासन द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता हस्तांतरण के पहले बांग्लादेश में की गई इस कॉल के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सुलिवन की ये बातचीत बाइडेन प्रशासन के आखिरी महीने में हुई है, जिससे संदेश मिल रहे हैं कि व्हाइट हाउस में आने वाला नया प्रशासन यूनुस को मनमर्जी नहीं करने देगा।

भारत की बड़ी कूटनीतिक!

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी आज से 6 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा भारत ने जोर-शोर से उठाया है। माना जा रहा है कि जयशंकर अमेरिका में भी इस बात को रखेंगे। लेकिन इधर जयशंकर की फ्लाइट उड़ी, उधर पहले ही बांग्लादेश में फोन खनखनाने लगा। अमेरिका में यूनुस को डांट लगाई, तो उन्होंने सुरक्षा देने पर हामी भी भर दी। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक पारी का परिणाम माना जा रहा है

बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत का सख्त संदेश

जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा चिंता का मुख्य विषय बनी हुई है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों से भारत में गहरा असंतोष है। इन हालातों में भारत सरकार ने बांग्लादेश पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। माना जा रहा है कि जयशंकर अपनी इस यात्रा में अमेरिका के सहयोग से बांग्लादेश को कड़ा संदेश देंगे। इससे पहले अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी साफ कर चुके हैं क‍ि बांग्‍लादेश को ह‍िन्‍दुओं की सुरक्षा करनी ही होगी।

अमेरिकी संसद में उठा मुद्दा

सुलिवन और यूनुस के बीच बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में भारतीय मूल के सदस्य श्री थानेदार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा उठाया था। थानेदार ने कहा था कि अब समय आ गया है कि संसद इस मामले पर कार्रवाई करे। थानेदार ने अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में कहा था, बहुसंख्यक भीड़ ने हिंदू मंदिरों, हिंदू देवी-देवताओं और शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करने वाले हिंदुओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा था, अब समय आ गया है कि अमेरिकी कांग्रेस और अमेरिकी सरकार कार्रवाई करे।

*Bengal in record books, chases down mammoth total to enter semifinals of Senior Women’s One-Day Trophy*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: In one of most thrilling and successful run-chases in history of women’s cricket, Bengal Senior Women’s team has entered the record books, chasing down a mammoth target to stun Haryana by 5 wickets in the quarterfinal match to enter the semifinals of the domestic One-Day Trophy on Monday.

Set a massive target of 390 in 50 overs, Bengal went over the line comfortably, scoring 390/5 in 49.1 overs.

This is by far the highest successful chase in women’s List A cricket. The previous record was 309 by Northern Districts against Canterbury in 2019.

Tanushree Sarkar was the player of the match for her superb all-round show, bagging 3 for 56 followed by a match-winning 113 off 83 balls as Bengal entered the last-four stage in style.

“Yesterday during the pre-match meeting, I told the girls that the pitch will be batting friendly and no one should panic at any point during the match. Today during the innings break, I told the batters, have faith and belief in yourselves and we can do it. It was an unbelievable victory. To chase down a massive total like this, is special,” Bengal head coach Probal Dutta said.

India legend and team mentor Jhulan Goswami heaped praise on the players saying, “It is a fantastic win. To have the mindset of chasing down this massive target is brilliant. The girls believed in themselves and the win is truly special.”

Priyanka Bala (88 not out off 81), Dhara Gujjar (69 off 49), Sasthi Mondal (52 off 29), Prativa Rana (28 off 26), Mita Paul (12, 1-63) and Hrishita Basu (11 not out) were the other star performers for Bengal.

Put into bat, skipper Shafali Verma smashed a brilliant 197 off 115 balls to help Haryana post a mammoth total.

In reply, Dhara and Sasthi gave Bengal a flying start. Despite losing both openers, Bengal batters never gave up, instead kept believing, as the team chased the target down with five balls to spare.

PIC Courtesy by: CAB

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
बुरे फंसे भारत विरोधी जस्टिन ट्रूडो, अमेरिका के बाद अब चीन ने सिखाया सबक
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भारत के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ने वाले जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। जस्टिन ट्रूडो इस वक्त घरेलू मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं और कूटनीतिक स्तर पर भी चारों ओर से चुनौतियों से घिर गए हैं। इस बार मामला चीन से जुड़ा हुआ है। अमेरिका के बाद अब चीन ने कनाडा के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। चीन उइगर मुस्लिम और तिब्बत से संबंधित मानवाधिकार के मुद्दों में शामिल कनाडा के 2 संस्थानों के करीब 20 लोगों पर बैन लगाने जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स बम के बाद अब चीन की ये घोषणा कनाडा के लिए बड़ी परेशानी पैदा करने वाली है।

चीन ने रविवार को कहा है कि वह उइगरों और तिब्बत से संबंधित मानवाधिकार के मुद्दों में शामिल दो कनाडाई संस्थानों सहित 20 लोगों के खिलाफ प्रतिबंध की कार्रवाई करने जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि शनिवार को प्रभावी हुए इन उपायों में संपत्ति जब्त करना और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है और इनके निशाने पर कनाडा का उइगर अधिकार वकालत परियोजना और कनाडा-तिब्बत समिति शामिल है। चीन ने कहा कि वह इन दोनों संस्थानों की चल संपत्ति, अचल संपत्ति और चीन के क्षेत्र में अन्य प्रकार की संपत्ति को फ्रीज कर रहा है।

दरअसल, कनाडा के मानवाधिकार संगठनों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था। मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि चीन में उइगर मुसलमानों का शोषण हो रहा है और सरकारी तंत्र उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहा है। इसके बाद चीन ने बड़ा एक्शन लिया है। कनाडा के 20 लोगों को चीन ने बैन कर दिया है। ये सभी लोग अलग-अलग मानवाधिकार संगठनों से जुड़े थे। इन सभी लोगों के चीन में प्रवेश के साथ ही हांगकांग और मकाऊ क्षेत्र में प्रवेश पर भी बैन लगा दिया गया है।

इस प्रतिबंध के तहत, उइगर संस्थान से जुड़े 15 और तिब्बत समिति के पांच सदस्यों की चीन में संपत्तियों को फ्रीज किया गया है। इसके अलावा, इन व्यक्तियों के हांगकांग और मकाऊ सहित पूरे चीन में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कनाडा के मानवाधिकार समूहों ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर शोषण किया है। लगभग एक करोड़ उइगर मुसलमानों को कथित रूप से नजरबंदी शिविरों में रखा गया है, जहां उनसे जबरन मजदूरी करवाया जाता है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये शिविर पुनर्वास और शिक्षा के लिए हैं। चीन ने 1950 में तिब्बत पर नियंत्रण किया था और इसे "शांतिपूर्ण मुक्ति" कहा था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और निर्वासित तिब्बती समुदायों ने इसे दमनकारी शासन करार दिया है और समय-समय पर इसकी निंदा की है।

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इन दिनों आंतरिक और बाहरी संकटों का सामना कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में कनाडा के अमेरिका, भारत और चीन जैसे प्रमुख देशों के साथ संबंध खराब हुए हैं। ये तीनों देश वैश्विक स्तर पर अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके अलावा, कनाडा में उनकी लोकप्रियता तेजी से घट रही है। उनके पूर्व सहयोगी और एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है, जिससे ट्रूडो की सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
पहले देश छूटा अब पत्नी ने भी छोड़ा साथ, बशर अल असद से मांगा तलाक
#bashar_al_assad_wife_files_for_divorce_and_leaving_russia सीरिया में तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद का परिवार रूस में है। वह खुद भी रूस भाग चुके हैं। लेकिन इस बीच उनके लिए बुरी खबर आई है।सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की। खबरों के मुताबिक असमा ने रूस की कोर्ट में असद से तलाक और रूस छोड़ने की अर्जी दायर की है। बशर अल-असद की पत्नी रूस में नहीं रहना चाहती हैं और वापस लंदन जाना चाहती हैं।

खबरों के मुताबिक अस्मा ने रूसी कोर्ट से तलाक और मॉस्को छोड़ने की परमिशन मांगी है। अस्मा की अर्जी को रूसी अधिकारी देख रहे हैं। अस्मा के पास सीरिया और ब्रिटेन दोनों देशों की नागरिकता है। अस्मा लंदन में ही अपनी पढ़ाई के दौरान असद से मिली थी और सन 2000 में दोनों ने शादी कर ली थी। तुर्की और अरब मीडिया की कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अस्मा रूस की राजधानी में खुश नहीं और ब्रिटेन जाना चाहती हैं।

बशर अल-असद 24 साल तक राष्ट्रपति रहे, उन्होंने 2000 में पदभार संभाला और अपने पिता हाफिज अल-असद की जगह ली, जिन्होंने 1971 से 2000 तक शासन किया। मगर इस महीने की शुरुआत में, सीरिया में तख्तापलट के बाद असद ने रूस से शरण मांगी और पुतिन ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट हैं कि असद को रूस में भारी प्रतिबंधों के तहत रखा गया है, जबकि रूसी अधिकारियों ने उनके शरण अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।

सऊदी और तुर्की की रिपोर्टों के अनुसार, बशर अल-असद के भाई माहेर अल-असद को रूस में शरण नहीं दी गई है और वह व उनका परिवार घर में नजरबंद हैं। माहेर के शरण अनुरोध की अभी भी समीक्षा की जा रही है। असद के परिवार ने करीब पांच दशक तक सीरिया में शासन किया था। अधिकारियों ने कथित तौर पर असद को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने और मास्को छोड़ने की इजाजत नहीं दी है। रूसी अधिकारियों ने उनकी संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। उनकी संपत्ति में 270 किग्रा सोना, 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
हेमंत कैबिनेट की बैठक में राज्य कर्मियों को नए साल के तोहफा के साथ 10 प्रस्तावों पर लगी मोहर


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड सरकार का साल 2024 का आज आखरी कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 10 प्रस्ताव पर लगी मोहर। 

झारखंड सरकार से इन प्रस्ताव को मिली मंजूरी

• राज्य सरकार के कर्मियों को दिनांक 01.01.2016 से प्रभावी पुनरीक्षित वेतनमान (सातवें केन्द्रीय वेतनमान) में दिनांक 01 जुलाई, 2024 के प्रभाव से महँगाई भत्ता की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई।

• राज्य सरकार के पेंशन/पारिवारिक पेंशनभोगियों को 01 जुलाई, 2024 के प्रभाव से महँगाई राहत की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई। जिनके मूल पेंशन का पुनरीक्षण (सप्तम वेतन पुनरीक्षण) वित्त विभाग के संकल्प संख्या 218/वि. दिनांक 18.01.2017 द्वारा दिनांक 01.01.2016 के प्रभाव से किया गया है, उन्हें दिनांक 01.07.2024 के प्रभाव से मूल पेंशन का 53% महँगाई राहत स्वीकृत किया गया है।

• भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण पर प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड विधान सभा का प्रथम सत्र में राज्यपाल द्वारा दिये गये अभिभाषण पर मंत्रिपरिषद की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

• प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के Project Approval Board (PAB) की प्रथम बैठक में अवयव 1- Multi-disciplinary Education and Research Universities के अंतर्गत विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग को 99,56,10,604 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड हाइकोर्ट में दर्ज याचिका WP(S) 6691/2019 Dr. Tulsi Mahto Vs. The State of Jharkhand and others एवं संबद्ध LPA 52/2021 The State of Jharkhand & others Vs. Dr. Tulsi Mahto and others में पारित आदेश के अनुपालन में वादी डॉ० तुलसी महतो, तत्कालीन प्राध्यापक, एफ.एम.टी. विभाग, रिम्स, राँची सम्प्रति सेवानिवृत को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

•  झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची में दायर W.P(S)-4018/2021 निशान्त अभिषेक व अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में न्यायालय द्वारा दिनांक 03.07.2024 को पारित आदेश से उद्भूत अवमाननावाद सं०- Cont. (Civil) No. 788/2024 में माननीय न्यायालय द्वारा 29.11.2024 को पारित आदेश के आलोक में वादीगणों / वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत सहायक खनन पदाधिकारियों को देय तिथि से सेवा संपुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य किये जाने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता के आवश्यक शर्त / अर्हता में छूट प्रदान करने के निमित्त अधिसूचित झारखण्ड खनन अभियंत्रण सेवा नियमावली के सम्बन्धित प्रावधान को, झारखण्ड उच्च न्यायालय में दिनांक- 21.10.2024 को दायर LPA के आदेश से प्रभावित होने तथा पूर्वोद्धारण नहीं समझे जाने की शर्त के साथ, क्षान्त/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

• झारखण्ड विधान सभा का प्रथम सत्र 9 से 12 दिसंबर तक के सत्रावसान हेतु मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई।

• वित्तीय वर्ष-2023-24 के लिये भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का वित्त लेखे भाग -1 एवं II तथा विनियोग लेखे से संबंधित लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।

शेख हसीना के बेटे ने यूनुस सरकार पर 'जासूसी अभियान' का आरोप लगाते हुए मचाई हलचल

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पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद ने देश की अंतरिम सरकार पर अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में न्यायपालिका को हथियार बनाने और अवामी लीग के नेताओं को सताने के लिए ‘जासूसी अभियान’ शुरू करने का आरोप लगाया है, क्योंकि ढाका ने उनकी मां के भारत से प्रत्यर्पण की मांग की थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पुष्टि की कि यूनुस के कार्यवाहक प्रशासन ने औपचारिक रूप से हसीना के प्रत्यर्पण के लिए कहा था, जो अगस्त में बांग्लादेश से भागने के बाद से भारत में रह रही हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच संबंध नए निम्न स्तर पर हैं। ढाका द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध किए जाने के बाद, हसीना के अमेरिका में रहने वाले बेटे वाजेद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अनिर्वाचित यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों और अभियोजकों ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के माध्यम से हास्यास्पद परीक्षण प्रक्रिया का संचालन किया है, जो इसे एक राजनीतिक डायन हंट बनाता है जो न्याय को त्याग देता है और अवामी लीग नेतृत्व को सताने के लिए एक ओर चल रहे हमले को दर्शाता है।" "हम अपनी स्थिति को दोहराते हैं कि जुलाई और अगस्त के बीच मानवाधिकार उल्लंघन की हर एक घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए, लेकिन यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने न्यायपालिका को हथियार बना दिया है, और हम न्याय प्रणाली पर कोई भरोसा नहीं जताते हैं," उन्होंने एक लंबी पोस्ट में कहा। 

सोमवार को बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने कहा कि उसने उन आरोपों की जांच शुरू की है कि वाजेद ने हसीना और उनकी भतीजी, ब्रिटेन के राजकोष मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक के साथ मिलकर रूस की सरकारी परमाणु एजेंसी द्वारा बांग्लादेश में बनाए जा रहे “अत्यधिक कीमत वाले 12.65 बिलियन डॉलर” के परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट से कथित तौर पर 5 बिलियन डॉलर का गबन किया है।

वाजेद ने बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को “कंगारू न्यायाधिकरण” बताया और कहा कि हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध ऐसे समय में आया है जब सैकड़ों अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की “न्यायिक तरीके से हत्या” की गई या उन पर “घृणित हत्या के आरोप” लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कानून प्रवर्तन द्वारा “हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया गया” और “लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी सहित हिंसक हमले हर दिन बिना किसी दंड के हो रहे हैं, जो शासन के इनकार से प्रेरित हैं”।

5 अगस्त को छात्र समूहों द्वारा किए गए देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना के पद से हटने और भारत में शरण लेने के बाद से, उनके और अवामी लीग पार्टी के नेताओं के खिलाफ दर्जनों आपराधिक और अन्य मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण भी शामिल है। वाजेद ने आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम, जिन्हें उन्होंने कहा कि कार्यवाहक प्रशासन द्वारा “युद्ध अपराधियों का बचाव करने के सिद्ध रिकॉर्ड के बावजूद” नियुक्त किया गया था, ने हसीना के खिलाफ “जानबूझकर गलत सूचना” फैलाई थी, यह दावा करके कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ “रेड नोटिस” जारी किया था।

वाजेद ने आगे आरोप लगाया कि यह यूनुस के हित में “उसे प्रत्यर्पित करने और [एक] हास्यास्पद मुकदमा चलाने की हताश कोशिश” थी। उन्होंने कहा, “लेकिन बाद में उसी अभियोजक ने मीडिया द्वारा सरासर झूठ को उजागर किए जाने के बाद अपने बयान को बदल दिया और अब आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण के लिए भारत को अनुरोध भेजा है।” 

प्रत्यर्पण अनुरोध से नई दिल्ली और ढाका के बीच तनाव बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने प्रत्यर्पण अनुरोध की पुष्टि के अलावा इस पर विस्तार से कुछ नहीं कहा, लेकिन यह संभावना नहीं है कि भारत सरकार हसीना को सौंपेगी, जिन्हें पड़ोस में नई दिल्ली के दृढ़ सहयोगियों में से एक माना जाता है।

मोहम्मद यूनुस सार्क को फिर जिंदा करना चाहते हैं, पाकिस्तान बना मददगार, लेकिन भारत क्यों नहीं चाहता?

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को पुनर्जीवित करने की जरूरत पर जोर दिया।संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में उन्होंने सार्क को पुनर्जीवित करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि दक्षिण एशिया के नेताओं को क्षेत्रीय लाभ के लिए सार्क को सक्रिय बनाना चाहिए, भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही शत्रुता जैसी चुनौतियां मौजूद हों।उन्होंने कहा है कि इन दोनों देशों के बीच की समस्याओं का असर दक्षिण एशिया के अन्य देशों पर नहीं पड़ना चाहिए और क्षेत्र में एकता और सहयोग का आह्वान किया।

सार्क संगठन की शिखर बैठक वर्ष 2016 में होने वाली थी लेकिन भारत समेत इसके अन्य सभी देशों ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ इसका विरोध किया और बैठक नहीं हो सकी। उसके बाद सार्क की बात भी कोई देश नहीं कर रहा था लेकिन पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसको हवा देने में जुटी है

19 दिसंबर को मिस्त्र में बांग्लादेश के सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई थी। इस बैठक में सार्क को फिर से सक्रिय करने की बात कही गई। पाकिस्तानी पीएम ने बांग्लादेश को सुझाव दिया कि वह सार्क सम्मेलन की मेजबानी करे। इस पर मोहम्मद यूनुस ने भी सहमति जताई और दोनों नेताओं ने इस योजना को आगे बढ़ाने की बात कही। पाकिस्तान की मंशा थी कि इस मंच के बहाने अलग थलग पड़े पाकिस्तान को दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अपनी भूमिका मजबूत करने का मौका मिल सके।

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया (मुख्य सलाहकार) प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की तरफ से दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को ठंडे बस्ते से निकालने की कोशिश पर भारत ने बेहद ठंडी प्रतिक्रिया जताई है।भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में सार्क को पुनर्जीवित करने का कोई औचित्य नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल से पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “जहां तक क्षेत्रीय सहयोग की बात है तो भारत इसके लिए लगातार कोशिश करता रहा है। इसके लिए हम कई प्लेटफॉर्म के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। इसमें बिम्सटेक (भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार और थाइलैंड का संगठन) है जिसमें कई हमारे पड़ोसी देश जुड़े हुए हैं। सार्क भी ऐसा ही एक संगठन है लेकिन यह लंबे समय से ठंडा पड़ा हुआ है और क्यों ठंडा पड़ा हुआ है, इसके बारे में सब जानते हैं।'

भारत ने इसलिए सार्क से बनाई दूरी

दक्षिण एशिया में सार्क का महत्व यूरोपीय संघ (EU), आसियान और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) जैसे वैश्विक संगठनों की सफलता के उदाहरणों से प्रेरित है। हालांकि पाकिस्तान के साथ तनाव के कारण भारत ने धीरे-धीरे इसमें दिलचस्पी कम कर दी। 2016 में पाकिस्तान में हुए शिखर सम्मेलन में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिए जाने पर चिंता जताई थी। उस हमले में उन्नीस भारतीय सैनिक मारे गए थे। हमले के बाद भारत ने शिखर सम्मेलन से अपना नाम वापस ले लिया। भारत जैसे बड़े देश की ओर से दूरी बनाने के बाद नेपाल, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव और शेख हसीना के नेतृत्व वाले बांग्लादेश ने भी सार्क में अपनी दिलचस्पी कम कर दी।

पाकिस्तान ने पहले भी सार्क को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है

यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने सार्क को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की है।डॉन के अनुसार, दिसंबर 2023 में तत्कालीन कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर ने भी सार्क के पुनरुद्धार की आशा व्यक्त की थी। काकर ने कहा, "मैं इस अवसर पर सार्क प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराना चाहूंगा। मुझे विश्वास है कि संगठन के सुचारू संचालन में मौजूदा बाधाएं दूर हो जाएंगी, जिससे सार्क सदस्य देश पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रीय सहयोग के मार्ग पर आगे बढ़ सकेंगे।" लेकिन भारत सार्क के पुनरुद्धार के खिलाफ रहा है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान सार्क को पुनर्जीवित क्यों करना चाहते हैं?

यह व्यापार और अर्थव्यवस्था ही है जिसके कारण बांग्लादेश और पाकिस्तान सार्क के पुनरुद्धार के पक्ष में हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है और वह अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज ले रहा है। उसने खाड़ी देशों से भी कर्ज लिया है।शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने अच्छी आर्थिक वृद्धि देखी थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह बुरी तरह से विफल हो गया है। इसकी आर्थिक दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार को दोषी ठहराया जाता है। अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस और शरीफ दोनों ही सार्क पर नज़र गड़ाए हुए हैं। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि सार्क की बात करते समय उनके दिमाग में व्यापार का मुद्दा था।इसमें कहा गया, "शरीफ ने बांग्लादेश के कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र में निवेश करने में पाकिस्तान की रुचि व्यक्त की।"

क्यों नहीं है भारत को सार्क की जरूरत?

हमें यह याद रखना होगा कि इस समूह में सबसे बड़ा खिलाड़ी भारत है, जो एक आर्थिक महाशक्ति है। भारत उन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो अभी भी उच्च दर से बढ़ रही है जबकि बड़ी अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा रही हैं। एसएंडपी का अनुमान है कि सालाना 7% से अधिक की दर से बढ़ते हुए भारत 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत जी-20 और ब्रिक्स सहित कई समूहों का भी हिस्सा है। व्यापार और व्यवसाय के मामले में, सार्क को भारत की जरूरत है, न कि इसके विपरीत। भारत को अपने सदस्यों के साथ संबंध बनाए रखने के लिए, यदि आवश्यक हो, तो समूह की जरूरत है। यह काम नई दिल्ली द्विपक्षीय रूप से भी कर सकता है, बिना किसी बहुपक्षीय मंच के।

पुष्पा 2 भगदड़ मामले में हैदराबाद पुलिस के सामने पेश हुए अल्लू अर्जुन: मामले से जुड़ी 10 अहम बातें

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तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन 4 दिसंबर को 'पुष्पा-2' की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ के सिलसिले में मंगलवार को हैदराबाद पुलिस के समक्ष पेश हुए। हैदराबाद के संध्या थिएटर में भगदड़ के दौरान 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई। पुलिस ने अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

मामले से जुड़ी 10 एहम बातें :

1. अल्लू अर्जुन को पुलिस ने 13 दिसंबर को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। वह आरोपी नंबर 11 हैं। बाद में, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दी। उन्हें 14 दिसंबर को जेल से रिहा कर दिया गया।

2. 22 दिसंबर को एक समूह ने पुष्पा अभिनेता के घर पर हमला किया। वे मृतक महिला, रेवती के परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

3. हैदराबाद के डीसीपी वेस्ट जोन के अनुसार, समूह अचानक अल्लू अर्जुन के आवास पर पहुंचा, हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए। उनमें से एक ने परिसर की दीवार पर चढ़कर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे सुरक्षा कर्मचारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद हुए विवाद में, प्रदर्शनकारियों ने रैंप के किनारे फूलों के गमलों को नुकसान पहुंचाया और सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई की।

4. उस्मानिया विश्वविद्यालय संयुक्त कार्रवाई समिति (OU-JAC) का हिस्सा होने का दावा करने वाले छह व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

5. कल जुबली हिल्स में अल्लू अर्जुन के घर पर वकीलों का एक समूह पहुंचा। बैठक के लिए घर में प्रवेश करते समय उन्हें फ़ोल्डर और बैग ले जाते हुए देखा गया। वकील देर रात लंबी चर्चा के बाद चले गए।

6. इस घटना ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस त्रासदी के लिए अल्लू अर्जुन को दोषी ठहराया। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि पुलिस ने संध्या थिएटर में कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

7. रेड्डी ने कहा, "2 दिसंबर को, सनाढ्य थिएटर मालिकों ने पुष्पा 2 के कलाकारों और क्रू के लिए 4 दिसंबर को संध्या थिएटर में प्रीमियर में शामिल होने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।" "हालांकि, 3 दिसंबर को, चिक्कड़पल्ली सर्किल इंस्पेक्टर ने लिखित रूप से अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया कि थिएटर एक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित है, जिसमें केवल एक प्रवेश और निकास बिंदु है, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद, अभिनेता ने कार्यक्रम में भाग लिया, अपनी कार की छत पर चढ़ गए और एक रोड शो किया, जिससे स्थिति और खराब हो गई," रेड्डी ने कहा।

 8. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलिस ने अभिनेता को जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। "एसीपी ने शुरू में अभिनेता से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जाने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह फिल्म देखने के बाद चले जाएंगे। बाद में डीसीपी को हस्तक्षेप करना पड़ा, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वह नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यहां तक ​​कि जाते समय भी, उन्होंने कार की छत पर चढ़ने और प्रशंसकों को हाथ हिलाने की हरकत दोहराई," उन्होंने कहा।

9. अल्लू अर्जुन ने दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें चरित्र हनन का प्रयास बताया। उन्होंने बाद में कहा, "यह एक दुखद दुर्घटना थी और मैं परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल बच्चे की स्थिति पर नज़र रख रहा हूं और मुझे यह सुनकर राहत मिली है कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है। बहुत सारी गलत सूचनाएँ और झूठे आरोप लगाए गए हैं। मैं किसी विभाग या राजनेता को दोष नहीं देना चाहता। यह मेरे लिए बहुत दुखद है।" उन्होंने कहा कि इस घटना में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।

10.इस बीच, ब्लॉकबस्टर फिल्म पुष्पा 2 के निर्माता नवीन यरनेनी और रविशंकर ने पीड़ित महिला के परिवार को 50 लाख रुपये का चेक सौंपा। चेक रेवती के पति ने प्राप्त किया। महिला का बेटा श्री तेज फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।

2 लाख का इनामी यह कुख्यात गिरफ्तार, एसटीएफ और कटिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोचा

डेस्क : दर्जन भर हत्या का आरोपी फरार 2 लाख के इनामी कुख्यात संजय ठाकुर गिरफ्तार कर लिया गया है। कुख्यात संजय ठाकुर को एसटीएफ और कटिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुंगेर से गिरफ्तार किया गया है।

संजय पर हत्या समेत 12 मामले दर्ज हैं। वह 2022 में हुई एक गोलीबारी घटना में शामिल था जिसमें पांच लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना के संबंध में पहले ही मोहन ठाकुर समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था। अब पुलिस ने दो लाख रुपये के इनामी अपराधी संजय ठाकुर को मुंगेर से गिरफ्तार किया है।

संजय ठाकुर, जो दो लाख रुपए का इनामी अपराधी है, को सोमवार की सुबह मुंगेर से गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई एसटीएफ और कटिहार पुलिस के संयुक्त प्रयास से की गई। संजय पर हत्या सहित 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह कुख्यात अपराधी मोहना ठाकुर का भाई है।

एसपी वैभव शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि 2 दिसंबर 2022 को भवानीपुर दियारा से बकिया दियारा तक मोहना ठाकुर गिरोह द्वारा की गई गोलीबारी में संजय के नेतृत्व में पांच लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के निर्देशन में एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया गया

बताया कि मोहन ठाकुर सहित 29 अभियुक्तों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, यह कार्रवाई लगातार छापेमारी के बाद की गई। इस मामले में शेष फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। रविवार को पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि मोहन ठाकुर गिरोह का notorious अपराधी संजय ठाकुर मुंगेर में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर एसटीएफ और कटिहार पुलिस की टीम मुंगेर पहुंची और छापेमारी कर संजय ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। संजय ठाकुर पर हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत 12 मामले दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी कटिहार पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।

अमेरिका ने घुमाया बांग्लादेश के यूनुस को फोन, जयशंकर के यूएस दौरे से पहले हिंदू हिंसा को लेकर लगाई फटकार

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बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए अमेरिका ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को कड़ी फटकार लगाई है। अमेरिका ने मोहम्मद यूनुस को नसीहत दी है और अल्पसंख्यकों पर किसी तरह के अत्याचार न करने के लिए खबरदार किया है। ये सब तब हुआ है जब एक दिन पहले ही बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने यानी प्रत्यर्पण की मांग की है। इन दोनों घटनाक्रमों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज से 6 दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं। उनके अमेरिका पहुंचने से पहले ही भारत का ग्लोबल पावर देखने को मिला है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने सोमवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बातचीत की। अमेरिकी सरकार द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार सुलिवन ने चुनौतीपूर्ण समय में बांग्लादेश का नेतृत्व करने के लिए यूनुस को धन्यवाद भी दिया। प्रेस रिलीज में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

बाइडेन प्रशासन द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता हस्तांतरण के पहले बांग्लादेश में की गई इस कॉल के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सुलिवन की ये बातचीत बाइडेन प्रशासन के आखिरी महीने में हुई है, जिससे संदेश मिल रहे हैं कि व्हाइट हाउस में आने वाला नया प्रशासन यूनुस को मनमर्जी नहीं करने देगा।

भारत की बड़ी कूटनीतिक!

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी आज से 6 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा भारत ने जोर-शोर से उठाया है। माना जा रहा है कि जयशंकर अमेरिका में भी इस बात को रखेंगे। लेकिन इधर जयशंकर की फ्लाइट उड़ी, उधर पहले ही बांग्लादेश में फोन खनखनाने लगा। अमेरिका में यूनुस को डांट लगाई, तो उन्होंने सुरक्षा देने पर हामी भी भर दी। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक पारी का परिणाम माना जा रहा है

बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत का सख्त संदेश

जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा चिंता का मुख्य विषय बनी हुई है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों से भारत में गहरा असंतोष है। इन हालातों में भारत सरकार ने बांग्लादेश पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। माना जा रहा है कि जयशंकर अपनी इस यात्रा में अमेरिका के सहयोग से बांग्लादेश को कड़ा संदेश देंगे। इससे पहले अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी साफ कर चुके हैं क‍ि बांग्‍लादेश को ह‍िन्‍दुओं की सुरक्षा करनी ही होगी।

अमेरिकी संसद में उठा मुद्दा

सुलिवन और यूनुस के बीच बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में भारतीय मूल के सदस्य श्री थानेदार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा उठाया था। थानेदार ने कहा था कि अब समय आ गया है कि संसद इस मामले पर कार्रवाई करे। थानेदार ने अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में कहा था, बहुसंख्यक भीड़ ने हिंदू मंदिरों, हिंदू देवी-देवताओं और शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करने वाले हिंदुओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा था, अब समय आ गया है कि अमेरिकी कांग्रेस और अमेरिकी सरकार कार्रवाई करे।

*Bengal in record books, chases down mammoth total to enter semifinals of Senior Women’s One-Day Trophy*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: In one of most thrilling and successful run-chases in history of women’s cricket, Bengal Senior Women’s team has entered the record books, chasing down a mammoth target to stun Haryana by 5 wickets in the quarterfinal match to enter the semifinals of the domestic One-Day Trophy on Monday.

Set a massive target of 390 in 50 overs, Bengal went over the line comfortably, scoring 390/5 in 49.1 overs.

This is by far the highest successful chase in women’s List A cricket. The previous record was 309 by Northern Districts against Canterbury in 2019.

Tanushree Sarkar was the player of the match for her superb all-round show, bagging 3 for 56 followed by a match-winning 113 off 83 balls as Bengal entered the last-four stage in style.

“Yesterday during the pre-match meeting, I told the girls that the pitch will be batting friendly and no one should panic at any point during the match. Today during the innings break, I told the batters, have faith and belief in yourselves and we can do it. It was an unbelievable victory. To chase down a massive total like this, is special,” Bengal head coach Probal Dutta said.

India legend and team mentor Jhulan Goswami heaped praise on the players saying, “It is a fantastic win. To have the mindset of chasing down this massive target is brilliant. The girls believed in themselves and the win is truly special.”

Priyanka Bala (88 not out off 81), Dhara Gujjar (69 off 49), Sasthi Mondal (52 off 29), Prativa Rana (28 off 26), Mita Paul (12, 1-63) and Hrishita Basu (11 not out) were the other star performers for Bengal.

Put into bat, skipper Shafali Verma smashed a brilliant 197 off 115 balls to help Haryana post a mammoth total.

In reply, Dhara and Sasthi gave Bengal a flying start. Despite losing both openers, Bengal batters never gave up, instead kept believing, as the team chased the target down with five balls to spare.

PIC Courtesy by: CAB

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
बुरे फंसे भारत विरोधी जस्टिन ट्रूडो, अमेरिका के बाद अब चीन ने सिखाया सबक
#after_us_china_big_threat_to_canada_justin_trudeau
भारत के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ने वाले जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। जस्टिन ट्रूडो इस वक्त घरेलू मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं और कूटनीतिक स्तर पर भी चारों ओर से चुनौतियों से घिर गए हैं। इस बार मामला चीन से जुड़ा हुआ है। अमेरिका के बाद अब चीन ने कनाडा के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। चीन उइगर मुस्लिम और तिब्बत से संबंधित मानवाधिकार के मुद्दों में शामिल कनाडा के 2 संस्थानों के करीब 20 लोगों पर बैन लगाने जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स बम के बाद अब चीन की ये घोषणा कनाडा के लिए बड़ी परेशानी पैदा करने वाली है।

चीन ने रविवार को कहा है कि वह उइगरों और तिब्बत से संबंधित मानवाधिकार के मुद्दों में शामिल दो कनाडाई संस्थानों सहित 20 लोगों के खिलाफ प्रतिबंध की कार्रवाई करने जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि शनिवार को प्रभावी हुए इन उपायों में संपत्ति जब्त करना और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है और इनके निशाने पर कनाडा का उइगर अधिकार वकालत परियोजना और कनाडा-तिब्बत समिति शामिल है। चीन ने कहा कि वह इन दोनों संस्थानों की चल संपत्ति, अचल संपत्ति और चीन के क्षेत्र में अन्य प्रकार की संपत्ति को फ्रीज कर रहा है।

दरअसल, कनाडा के मानवाधिकार संगठनों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था। मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि चीन में उइगर मुसलमानों का शोषण हो रहा है और सरकारी तंत्र उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहा है। इसके बाद चीन ने बड़ा एक्शन लिया है। कनाडा के 20 लोगों को चीन ने बैन कर दिया है। ये सभी लोग अलग-अलग मानवाधिकार संगठनों से जुड़े थे। इन सभी लोगों के चीन में प्रवेश के साथ ही हांगकांग और मकाऊ क्षेत्र में प्रवेश पर भी बैन लगा दिया गया है।

इस प्रतिबंध के तहत, उइगर संस्थान से जुड़े 15 और तिब्बत समिति के पांच सदस्यों की चीन में संपत्तियों को फ्रीज किया गया है। इसके अलावा, इन व्यक्तियों के हांगकांग और मकाऊ सहित पूरे चीन में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कनाडा के मानवाधिकार समूहों ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर शोषण किया है। लगभग एक करोड़ उइगर मुसलमानों को कथित रूप से नजरबंदी शिविरों में रखा गया है, जहां उनसे जबरन मजदूरी करवाया जाता है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये शिविर पुनर्वास और शिक्षा के लिए हैं। चीन ने 1950 में तिब्बत पर नियंत्रण किया था और इसे "शांतिपूर्ण मुक्ति" कहा था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और निर्वासित तिब्बती समुदायों ने इसे दमनकारी शासन करार दिया है और समय-समय पर इसकी निंदा की है।

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इन दिनों आंतरिक और बाहरी संकटों का सामना कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में कनाडा के अमेरिका, भारत और चीन जैसे प्रमुख देशों के साथ संबंध खराब हुए हैं। ये तीनों देश वैश्विक स्तर पर अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके अलावा, कनाडा में उनकी लोकप्रियता तेजी से घट रही है। उनके पूर्व सहयोगी और एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है, जिससे ट्रूडो की सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
पहले देश छूटा अब पत्नी ने भी छोड़ा साथ, बशर अल असद से मांगा तलाक
#bashar_al_assad_wife_files_for_divorce_and_leaving_russia सीरिया में तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद का परिवार रूस में है। वह खुद भी रूस भाग चुके हैं। लेकिन इस बीच उनके लिए बुरी खबर आई है।सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की। खबरों के मुताबिक असमा ने रूस की कोर्ट में असद से तलाक और रूस छोड़ने की अर्जी दायर की है। बशर अल-असद की पत्नी रूस में नहीं रहना चाहती हैं और वापस लंदन जाना चाहती हैं।

खबरों के मुताबिक अस्मा ने रूसी कोर्ट से तलाक और मॉस्को छोड़ने की परमिशन मांगी है। अस्मा की अर्जी को रूसी अधिकारी देख रहे हैं। अस्मा के पास सीरिया और ब्रिटेन दोनों देशों की नागरिकता है। अस्मा लंदन में ही अपनी पढ़ाई के दौरान असद से मिली थी और सन 2000 में दोनों ने शादी कर ली थी। तुर्की और अरब मीडिया की कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अस्मा रूस की राजधानी में खुश नहीं और ब्रिटेन जाना चाहती हैं।

बशर अल-असद 24 साल तक राष्ट्रपति रहे, उन्होंने 2000 में पदभार संभाला और अपने पिता हाफिज अल-असद की जगह ली, जिन्होंने 1971 से 2000 तक शासन किया। मगर इस महीने की शुरुआत में, सीरिया में तख्तापलट के बाद असद ने रूस से शरण मांगी और पुतिन ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट हैं कि असद को रूस में भारी प्रतिबंधों के तहत रखा गया है, जबकि रूसी अधिकारियों ने उनके शरण अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।

सऊदी और तुर्की की रिपोर्टों के अनुसार, बशर अल-असद के भाई माहेर अल-असद को रूस में शरण नहीं दी गई है और वह व उनका परिवार घर में नजरबंद हैं। माहेर के शरण अनुरोध की अभी भी समीक्षा की जा रही है। असद के परिवार ने करीब पांच दशक तक सीरिया में शासन किया था। अधिकारियों ने कथित तौर पर असद को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने और मास्को छोड़ने की इजाजत नहीं दी है। रूसी अधिकारियों ने उनकी संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। उनकी संपत्ति में 270 किग्रा सोना, 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।