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केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी, विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?
#arvind_kejriwal_prosecution_implications_on_aap_in_delhi_chunav

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले के कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में केस चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। अब जाकर उपराज्यपाल ने ईडी को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की हरी झंडी दे दी है। केजरीवाल पर ये एक्शन अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही लिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आने वाले चुनाव पर इसका कितना असर होगा?

हालांकि, दिलचस्प बात ये है कि जैसे ही दिल्ली के एलजी की ओर से केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति की जानकारी सामने आई,आम आदमी पार्टी के शीर्ष से लेकर नीचे तक के नेताओं ने इन खबरों का खंडन करना शुरू कर दिया। आप की ओर से इन खबरों को 'आधारहीन और राजनीति से प्रेरित'होने का दावा किया जाने लगा। इसके ठीक उलट विपक्ष को तो लगा कि उसे आम आदमी पार्टी को घेरने का बहुत ही बड़ा हथियार हाथ लग गया है

पूर्व डिप्टी सीएम और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने सबसे पहले एक्स पर प्रतिक्रिया दी कि ईडी मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रहा है। उन्होंने लिखा, 'स्पष्ट है कि यह खबर झूठी और भ्रामक है। बाबासाहेब के अपमान के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बयानबाजी बंद करें और बताएं कि ईडी को मुकदमा चलाने की अनुमति कहां से मिली है।' पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि 'अगर ऐसी कोई चिट्ठी है तो उसे सार्वजनिक किया जाए।' दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक एक्स पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी को ऐसी साजिशें बंद कर देनी चाहिए।

वहीं, बीजेपी नेता और नई दिल्ली से पार्टी सांसद बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि एलजी की ओर से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद से आप घबराई हुई है। उन्होंने कहा, 'केजरीवाल की टीम मुकदमे की इस मंजूरी को मौजूदा राजनीतिक मुद्दों से जोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन, सच्चाई है कि उनके खिलाफ केस पहले से ही दर्ज है और उनकी टीम को पता है कि इस अनुमति से उनके खिलाफ चल रहे मामलों में तेजी आ सकती है, जिसके चलते निकट भविष्य में उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।'

*माहौल बनाने में जुटी बीजेपी*
आम आदमी पार्टी की नींव ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान से पड़ी है।उसमें केजरीवाल ने खुद को "स्वच्छ राजनेता" के रूप में पेश किया था। हालांकि, केजरीवाल समेत आप के कई बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप है।चुनाव से पहले आप के शीर्ष नेता के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने से सत्ताधारी दल के खिलाफ बहुत ही कारगर नैरेटिव मिल गया है। बीजेपी को लगता है कि अब आप की टॉप लीडरशिप के खिलाफ आबकारी नीति मामले में इतने पर्याप्त सबूत हैं, जिससे यह मामला बहुत ही ठोस बन चुका है और इनका बच पाना मुश्किल है। भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि अगर केजरीवाल सत्ता में वापस आते हैं तो दिल्ली में भ्रष्टाचार चरम पर होगा और आम लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा।

*आप का जांच एजेंसियों के दुरुपयोग वाला दांव*
वहीं, आप का विपक्ष के दावों की काट के लिए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों वाला हथियार तैयार है। केजरीवाल की पार्टी दिल्ली के मतदाताओं के बीच मुकदमा चलाने की अनुमति को सहानुभूति बटोरने के लिए भी इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकती है, कि यह बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की 'साजिशों' का नतीजा है।

*दिल्ली आबकारी घोटाला मामला क्या है?*
आबकारी घेटाला मामला दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसे अमल में लाने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। एल-जी सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद, ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। 55 वर्षीय अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को इस मामले में दायर पूरक आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है।
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
दिल्ली में फिर स्कूल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, पुलिस के लिए बनी चुनौती

#delhischoolbombthreatmail

दिल्ली सहित देशभर में लगातार स्कूलों, अस्पतालों और एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकियां में मिल रहा है। लगातार जारी इस तरह की हरकत के बीच शुक्रवार को तड़के भी दिल्ली के स्कूल को धमकी भरा मेल आया है। मेल में स्कूल तो बम से उड़ाने की धमकी मिली है। शुक्रवार तड़के 5.02 बजे द्वारका सेक्टर तीन स्थित डीपीएस स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम तुरंत मौके पर पहुंची। खबर मिलते हीं अलर्ट मिलने पर, अधिकारियों ने तुरंत पुलिस कर्मियों, दमकल टीमों और बम निरोधक दस्तों को खतरे वाले स्थानों पर भेजकर कार्रवाई की गई. हालांकि, जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।

स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के पेरेंट्स को इन्फॉर्म किया है कि सभी बच्चों की क्लास ऑनलाइन होगी. पुलिस को अभी तक स्कूल से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. पुलिस और दमकल विभाग के साथ फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, बम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. सभी टीमें स्कूल का चप्पा-चप्पा खंगाल रही हैं. पुलिस एक टीम मेल भेजने वाले आरोपियों का पता लगाने में जुट गई है।

लगातार मिल रही धमकियां

9 दिसंबर को दिल्ली के 44 स्कूलों को इसी तरह के ईमेल मिले थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सभी स्कूलों में सर्च अभियान चलाया था। हालांकि, पुलिस को किसी भी स्कूल में कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली थी। 13 दिसंबर को भी एक दिन के अंदर लगभग 30 स्कूलों को ईमेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद पुलिस समेत कई एजेंसियों ने इन स्कूलों की तलाशी ली थी। 14 दिसंबर को भी आरके पुरम के डीपीएस स्कूल सहित आठ स्कूलों को एक ईमेल भेजा गया था, जिसमें बम जैकेट के जरिए विस्फोट करने की धमकी दी गई थी।

पुलिस को चुनौती दे रहा ई-मेल भेजने वाला

स्कूलों में बम होने की धमकी भरा ई-मेल भेजने वाला दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है। इस मामले में पुलिस आईपी पते से यह पता तो कर लेती है कि ई-मेल किस देश के सर्वर आदि से भेजा गया है। लेकिन इससे आगे जांच नहीं बढ़ पाती हैं।

दिल्ली दंगा मामला में आरोपी उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, जानें कितने दिनों के लिए रहेंगे बाहर*

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दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बड़ी राहत मिली है, कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को उमर खालिद को अंतरिम जमानत दी है। उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के आरोप में शामिल आरोपी उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 7 दिन की अंतरिम जमानत दी है।कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है।

उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था। 2020 से ही वह जेल में बंद है। यह उमर खालिद की जमानत याचिका का दूसरा दौर है। निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में राहत देने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद उमर खालिद ने मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका पर कई बार सुनवाई टली। बाद में उमर ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। उमर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि हम परिस्थितियों में बदलाव के कारण याचिका वापस लेना चाहते हैं और उचित राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं।

2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में खालिद के अलावा ताहिर हुसैन, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद, सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल भी आरोपी हैं।

अरविंद केजरीवाल का एक और दांव,दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज का ऐलान

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है। संभवतः फरवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है।दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बड़ी घोषणा करते हुए संजीवनी योजना का ऐलान किया है।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा।

अरविंद केजरीवाल ने योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली वालों के लिए संजीवनी लेकर आया हूं। दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। ये केजरीवाल की गारंटी है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करेंगे। दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में फ्री इलाज होगा। कोई अपर लिमिट नहीं होगी। कोई एपीएल, बीपीएल कार्ड नहीं चाहिए। इसका रजिस्ट्रेशन दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा। हमारे कार्यकर्ता आपके घर में आएंगे, आपको एक कार्ड देंगे, उसे संभालकर रखना। चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर योजना बनाएगी और लागू करेगी।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं जो घोषणा कर रहा हूं वो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। हम बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं और उन्ही की वजह से हमारा देश आज यहां तक पहुंचा है। इस वजह से अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ध्यान रखें। अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आप लोगों ने मेहनत करके देश को आगे बढ़ाया है और अब हमारा फर्ज बतना है कि हम आपका ख्याल रखें। इस वजह से हम संजीवनी योजना की घोषणा कर रहे हैं। बुढ़ापे में एक चीज सबको तकलीफ देती है और वो है बढ़ती उम्र के साथ 10 बीमारियों की चिंता। इस वजह से यह संजीवनी योजना दिल्ली के बुजुर्गों के लिए है।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने 12 दिसंबर को महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान योजना‘ की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया था। बाद में उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को एक हजार की जगह 2100 रुपये दिए जाएंगे।

नई दिल्ली सीटःअरविंद केजरीवाल बनाम संदीप दीक्षित, कौन किसपर पड़ेगा भारी?

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नई दिल्ली विधानसभा सीट पिछले 6 विधानसभा चुनाव से दिल्ली को मुख्यमंत्री देती आ रही है। 1998 से लेकर 2020 तक के चुनाव में यहां से जीते विधायक ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। पहले तीन टर्म शीला दीक्षित ने यहां से जीत हासिल की थी। यह सीट उनकी विरासत बन गई थी। बाद में यह केजरीवाल की सीट बन गई। वह यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, इस बार लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है। यहां के वर्तमान विधायक और पूर्व सीएम केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के पूर्व सीएम के बेटे और दो पूर्व सांसदों ने ताल ठोक दी है।

अब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, हालांकि इसके फरवरी में आयोजित होने की संभावना है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्शन मोड में आ चुकी हैं। आम आदमी पार्टी ने अब तक विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है। वहीं, बीजेपी ने अब तक उम्मीदवारों की कोई सूची जारी नहीं की है। बीजेपी अब तक कछुए वाली फॉर्म में दिखाई दे रही है। हालंकि ये चाल उसे जीत की दहलीज तक लेकर जाएगी या नहीं ये आने वाला वक्त तय करेगा। बहरहाल सबका फोकस सबसे ज्यादा हॉट बन चुकी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर है।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल यहां से चुनावी मैदान में हैं।कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उनके सामने खड़ा किया है। अरविंद केजरीवाल इस सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं। वहीं संदीप दीक्षित की मां और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित भी इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि कौन किसपर भारी पड़ेगा? जनता का आशिर्वाद किसे मिलेगा?

आम आदमी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि संदीप दीक्षित केजरीवाल के सामने चुनौती नहीं हैं। उन्होंने कहा, संदीप दीक्षित केजरीवाल के सामने कोई चुनौती नहीं हैं। शीलाजी के बाद संदीप दीक्षित ने नई दिल्ली सीट से कोई लगाव नहीं रखा है, दिल्ली में कांग्रेस का कोई वजूद भी नहीं है।

भले ही आम आदमी पार्टी या दूसरे राजनीतिक दल ये माने की केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित का वजूद नहीं है। हालांकि, नई दिल्ली सीट पर संदीप दीक्षित के आ जाने पर कांग्रेस भी दौड़ में शामिल हो गई है, अन्यथा वो रेस से बाहर थी।

जहां तक नई दिल्ली विधानसभा सीट पर की बात है, वो इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। दरअसल केजरीवाल के प्रति जनता में भरोसा थोड़ा कम हुआ है। उनपर लगे आरोपों से पार्टी की साख के साथ-साथ उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं डीटीसी और जल विभाग के घाटे में जाने का मसला भी उनके गले की फांस बनता दिख रहा है।

वहीं बात संदीप दीक्षित की करें तो उनकी छवि जनता के बीच साफ है, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा ये कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। शीला दीक्षित के निधन के बाद अगर कांग्रेस उन्हें चुनाव लड़ने के लिए यहां से उतारती तो शायद उन्हें थोड़े सिम्पेथी वोट मिल जाते। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया और किरण वालिया को टिकट देकर रिस्क उठाया।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2013 में दिल्ली में पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी ने सबसे ज्यादा 31 सीटें जीतीं लेकिन स्थानीय स्तर पर सहमति नहीं बनने के कारण सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। उधर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के समर्थन से सत्ता पर काबिज हो गई। हालांकि, 49 दिन सरकार में रहने के बाद अचानक कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया।

इसके बाद साल 2015 में हुए चुनाव में ‘झाड़ू’ ने सब साफ कर दिया। 31 सीटों से बीजेपी तीन सीटों पर सिमटकर रह गई। कांग्रेस के तो ‘हाथ’ खाली रह गए।

दरअसल, 2013 में बीजेपी के पीछे हटने का फायदा कहीं ना कहीं आपको मिला। ये बात इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया। मतलब कांग्रेस का वोट ट्रांसफर होकर आप के साथ जुड़ गया। दिल्ली में कांग्रेस के कमज़ोर होने की सबसे बड़ी वजह यही है कि उसके वोट बैंक पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी ने कब्ज़ा कर लिया। शीला दीक्षित ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में दिल्ली में कांग्रेस के पक्ष में एक मज़बूत वोट बैंक तैयार कर दिया था, उन्होंने दिल्ली में रहने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को कांग्रेस के साथ मज़बूती से जोड़ दिया। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ-साथ मुसलमान भी कांग्रेस के साथ मज़बूती से जुड़ गए थे।

लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए आंदोलन से बने माहौल में कांग्रेस के वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से जुड़ गया और फिर जुड़ता ही चला गया। कांग्रेस अपने उसी वोट बैंक को आम आदमी पार्टी से नहीं छीन पा रही है। अब देखना ये है कि शीला दीक्षित के बेटे के जरिए कांग्रेस के ‘हाथ’ कुछ लगता भी है या नहीं?

फिर धुंधलाया दिल्ली-एनसीआर में आकाश, ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू, क्या फिर बंद होंगे स्कूल?*
#grap_3_has_been_reimplemented_in_delhi_ncr_air_pollution
राजधानी की हवा में एक बार फिर से प्रदूषण का जहर घुलने लगा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक बार फिर से वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। जिसके बाद आज दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 को फिर से लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की जीआरएपी उप-समिति ने आज ग्रैप-3 को तत्काल प्रभाव से पूरे दिल्ली एनसीआर में लागू करने का निर्णय लिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-2 नियम की पाबंदियों वाले आदेश को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ग्रेप 4 के प्रतिबंध पर जो राहत दी गई थी, वो जारी रहेगी। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल सीएक्यूएम की तरफ जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, शांत हवाओं सहित बेहद प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसे देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर पैनल की उप-समिति ने पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप शेड्यूल (शुक्रवार को जारी) के चरण 3 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला किया है। *5वीं तक के क्लास को लेकर क्या आदेश?* इस योजना के अनुसार, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूलों को अनिवार्य रूप से ग्रैप चरण III के तहत कक्षा V तक की क्लासेज हाइब्रिड मोड में चलानी होगी। इस दौरान स्कूलों में फिजिकल क्लासेज तो चलेंगी, लेकिन स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के पास ऑनलाइन क्लास चुनने का विकल्प होगा। *क्या लगाई गईं पाबंदियां* दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जीआरएपी III (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) फिर से लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदूषण रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं, जिनमें डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण और खुदाई कार्य पर रोक, और स्कूलों में हाइब्रिड मोड शामिल हैं।
दिल्ली आने पर अड़े किसान, रोकने के लिए पुलिस ने छोड़ा वाटर कैनन

#farmers_protest_shambhu_border_delhi_march

पंजाब के किसान फरवरी से अपनी मांगों को लेकर शंभू बाॅर्डर पर बैठे हैं। किसान दो बार दिल्ली कूच का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। आज फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। किसानों के आगे बढ़ते ही पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस की कार्रवाई से किसानों में भगदड़ मच गई है। कई किसानों के घायल होने की सूचना है।

शंभू बॉर्डर से आज 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर दोपहर 12 बजे रवाना हुआ था। किसान इसके पहले भी दो बार दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों से कहा-जब तक आप शांतिपूर्वक हो, हम आपसे दोगुना शांतिपूर्वक हैं। अगर आपको दिल्ली जाकर धरना देना है तो आप परमिशन के लिए अप्लाई कर दें और अगर परमिशन मिलती है तो हम आपको खुद वहाँ पर छोड़कर आएंगे।

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने किसानों के दिल्ली कूच करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि किसानों की चर्चा सुप्रीम कोर्ट से चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसानों के साथ जो चर्चा चल रही है वह ठीक ट्रैक पर है। उसके लिए हमें थोड़ा समय चाहिए और किसानों को थोड़े समय के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए। विज ने कहा कि मुझे भी लगता है कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट की राय मान लेनी चाहिए।

शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया सुबह 10 बजे करनाल पहुंचे। उन्होंने किसान को समर्थन देने का एक दिन पहले ही ऐलान कर दिया था। करनाल पहुंचे बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें जात-पात से ऊपर उठ कर किसानों का साथ देना चाहिए। क्योंकि किसान देश का अन्नदाता है और हम लोग जो अनाज खाते है। उस अनाज को किसान खेतों में कड़ी मेहनत कर के उगाता है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों का न्यूनतम दाम मांग रहे है। हरियाणा के किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि नोएडा व गाजीपुर बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर बैठे है। हरियाणा सरकार को लेकर कहा कि हर साल 12000 किसान आत्महत्या करते है । क्योंकि कि किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा। जितनी उनकी लागत होती है वो भी उनको नहीं मिल रहा है। सरकार को यह आंकड़े देख कर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए ताकि किसान आज के समय में आत्महत्या करने पर मजबूर न हो।

सर्दी का सितमःदिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठिठुरन, पारा गिरकर 3.2 डिग्री तक पहुंचा, शीतलहर को लेकर अलर्ट
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* दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलने लगा हैं। भीषण ठंड के प्रकोप में लोग ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जिसका असर देश की राजधानी दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में 2 दिनों से ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को पिछले तीन सालों में सबसे ठंडा दिसंबर का दिन रहा। नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार (12 दिसंबर) को दिल्ली के पूसा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस और अयंगर में 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। साथ ही इलाकों में शीत लहर की भी स्थिति देखी गई। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 और 2022 में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया। पिछले साल दिसंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 15 तारीख को 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि 2022 में सबसे कम तापमान 26 तारीख को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक आने वाले आज राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलेगी, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग ने कोल्ड वेव के दौरान लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने 15 दिसंबर तक अलग-अलग स्थानों पर शीतलहर की स्थिति रहने का अनुमान जताया है. शुक्रवार सुबह धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है तथा दिन में आसमान साफ रहेगा. शाम और रात में फिर से धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है. तापमान न्यूनतम 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है.
दिल्ली में फिर स्कूलों में बम की धमकी, जानें कौन से स्कूल हैं शामिल?

#mails_threatening_to_blow_up_bombs_sent_to_four_schools_in_delhi

दिल्ली के कई स्कूलों को एक बार फिर बम की धमकी मिली है। राजधानी के की प्राइवेट स्कूलों में शुक्रवार की सुबह एक बार फिर धमकी भरा ईमेल आया है। ईमेल की जानकारी दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी गई, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू हुई। जांच में अब तक कुछ संदिग्ध नहीं पाया गया है।दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों को पहले भी इस तरह से धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। जांच-पड़ताल में मेल में दी गईं सूचनाएं झूठी निकली थीं।

अभी तक छह निजी स्कूलों में बम की धमकी मिली है। बमों की धमकी साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल सफदरजंग, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी, भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल और डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल को मिली है। डीपीएस स्कूल में सभी अभिभावकों को छुट्टी का मैसेज किया गया है।

इस बार भी बम की धमकी ईमेल से मिली है। देर रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये ईमेल भेजी गई है।ईमेल में लिखा गया है कि यह ईमेल आपको यह सूचित करने के लिए है कि आपके स्कूल परिसर में कई विस्फोटक हैं और मुझे यकीन है कि आप सभी अपने छात्रों के स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर बार-बार उनके बैग की जांच नहीं करते हैं। इस गतिविधि में एक गुप्त डार्क वेब समूह शामिल है और कई लाल कमरे भी हैं।

ईमेल में आगे कहा गया है कि बम इमारतों को नष्ट करने और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं। आज से 14 दिसंबर तक, मतलब कल, दोनों दिनों में, एक अपेक्षित पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होने वाली है। हमारे स्रोतों के माध्यम से, यह भी पुष्टि हुई है कि सभी ईमेल में शामिल स्कूलों में से एक वर्तमान में अपने खेल दिवस के लिए मार्चिंग कर रहा है, जिसमें छात्र एक सामूहिक मैदान में इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ होती है।

दमकल विभाग ने ईमेल से धमकी मिलने की पुष्टि की है। दमकल विभाग के मुताबिक सुबह 4.21 बजे भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, 6.21 बजे कैम्ब्रिज स्कूल, 6.35 बजे डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल से सूचना मिली है। सूचना मिलते ही सभी स्कूलों में दमकल की गाड़ियां भेजी गई है। अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों से अभी भी कई कॉल मिल रहे हैं। सभी स्कूल में पुलिस और दमकल की गाड़ियां के साथ साथ बम निरोधक दस्ता पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है।

29 नवंबर को भी मिली थी धमकी

इससे पहले बीते 29 नवंबर को दिल्ली के रोहिणी में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सुबह 10.57 बजे स्कूल में बम रखने की खबर फैलाई गई थी। जिसके बाद स्कूल की तलाशी ली गई थी। पुलिस को जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद खबर को झूठा करार दिया था।

केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी, विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?
#arvind_kejriwal_prosecution_implications_on_aap_in_delhi_chunav

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले के कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में केस चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। अब जाकर उपराज्यपाल ने ईडी को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की हरी झंडी दे दी है। केजरीवाल पर ये एक्शन अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही लिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आने वाले चुनाव पर इसका कितना असर होगा?

हालांकि, दिलचस्प बात ये है कि जैसे ही दिल्ली के एलजी की ओर से केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति की जानकारी सामने आई,आम आदमी पार्टी के शीर्ष से लेकर नीचे तक के नेताओं ने इन खबरों का खंडन करना शुरू कर दिया। आप की ओर से इन खबरों को 'आधारहीन और राजनीति से प्रेरित'होने का दावा किया जाने लगा। इसके ठीक उलट विपक्ष को तो लगा कि उसे आम आदमी पार्टी को घेरने का बहुत ही बड़ा हथियार हाथ लग गया है

पूर्व डिप्टी सीएम और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने सबसे पहले एक्स पर प्रतिक्रिया दी कि ईडी मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रहा है। उन्होंने लिखा, 'स्पष्ट है कि यह खबर झूठी और भ्रामक है। बाबासाहेब के अपमान के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बयानबाजी बंद करें और बताएं कि ईडी को मुकदमा चलाने की अनुमति कहां से मिली है।' पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि 'अगर ऐसी कोई चिट्ठी है तो उसे सार्वजनिक किया जाए।' दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक एक्स पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी को ऐसी साजिशें बंद कर देनी चाहिए।

वहीं, बीजेपी नेता और नई दिल्ली से पार्टी सांसद बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि एलजी की ओर से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद से आप घबराई हुई है। उन्होंने कहा, 'केजरीवाल की टीम मुकदमे की इस मंजूरी को मौजूदा राजनीतिक मुद्दों से जोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन, सच्चाई है कि उनके खिलाफ केस पहले से ही दर्ज है और उनकी टीम को पता है कि इस अनुमति से उनके खिलाफ चल रहे मामलों में तेजी आ सकती है, जिसके चलते निकट भविष्य में उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।'

*माहौल बनाने में जुटी बीजेपी*
आम आदमी पार्टी की नींव ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान से पड़ी है।उसमें केजरीवाल ने खुद को "स्वच्छ राजनेता" के रूप में पेश किया था। हालांकि, केजरीवाल समेत आप के कई बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप है।चुनाव से पहले आप के शीर्ष नेता के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने से सत्ताधारी दल के खिलाफ बहुत ही कारगर नैरेटिव मिल गया है। बीजेपी को लगता है कि अब आप की टॉप लीडरशिप के खिलाफ आबकारी नीति मामले में इतने पर्याप्त सबूत हैं, जिससे यह मामला बहुत ही ठोस बन चुका है और इनका बच पाना मुश्किल है। भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि अगर केजरीवाल सत्ता में वापस आते हैं तो दिल्ली में भ्रष्टाचार चरम पर होगा और आम लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा।

*आप का जांच एजेंसियों के दुरुपयोग वाला दांव*
वहीं, आप का विपक्ष के दावों की काट के लिए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों वाला हथियार तैयार है। केजरीवाल की पार्टी दिल्ली के मतदाताओं के बीच मुकदमा चलाने की अनुमति को सहानुभूति बटोरने के लिए भी इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकती है, कि यह बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की 'साजिशों' का नतीजा है।

*दिल्ली आबकारी घोटाला मामला क्या है?*
आबकारी घेटाला मामला दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसे अमल में लाने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। एल-जी सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद, ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। 55 वर्षीय अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को इस मामले में दायर पूरक आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है।
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
दिल्ली में फिर स्कूल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, पुलिस के लिए बनी चुनौती

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दिल्ली सहित देशभर में लगातार स्कूलों, अस्पतालों और एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकियां में मिल रहा है। लगातार जारी इस तरह की हरकत के बीच शुक्रवार को तड़के भी दिल्ली के स्कूल को धमकी भरा मेल आया है। मेल में स्कूल तो बम से उड़ाने की धमकी मिली है। शुक्रवार तड़के 5.02 बजे द्वारका सेक्टर तीन स्थित डीपीएस स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम तुरंत मौके पर पहुंची। खबर मिलते हीं अलर्ट मिलने पर, अधिकारियों ने तुरंत पुलिस कर्मियों, दमकल टीमों और बम निरोधक दस्तों को खतरे वाले स्थानों पर भेजकर कार्रवाई की गई. हालांकि, जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।

स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के पेरेंट्स को इन्फॉर्म किया है कि सभी बच्चों की क्लास ऑनलाइन होगी. पुलिस को अभी तक स्कूल से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. पुलिस और दमकल विभाग के साथ फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, बम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. सभी टीमें स्कूल का चप्पा-चप्पा खंगाल रही हैं. पुलिस एक टीम मेल भेजने वाले आरोपियों का पता लगाने में जुट गई है।

लगातार मिल रही धमकियां

9 दिसंबर को दिल्ली के 44 स्कूलों को इसी तरह के ईमेल मिले थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सभी स्कूलों में सर्च अभियान चलाया था। हालांकि, पुलिस को किसी भी स्कूल में कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली थी। 13 दिसंबर को भी एक दिन के अंदर लगभग 30 स्कूलों को ईमेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद पुलिस समेत कई एजेंसियों ने इन स्कूलों की तलाशी ली थी। 14 दिसंबर को भी आरके पुरम के डीपीएस स्कूल सहित आठ स्कूलों को एक ईमेल भेजा गया था, जिसमें बम जैकेट के जरिए विस्फोट करने की धमकी दी गई थी।

पुलिस को चुनौती दे रहा ई-मेल भेजने वाला

स्कूलों में बम होने की धमकी भरा ई-मेल भेजने वाला दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है। इस मामले में पुलिस आईपी पते से यह पता तो कर लेती है कि ई-मेल किस देश के सर्वर आदि से भेजा गया है। लेकिन इससे आगे जांच नहीं बढ़ पाती हैं।

दिल्ली दंगा मामला में आरोपी उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, जानें कितने दिनों के लिए रहेंगे बाहर*

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दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बड़ी राहत मिली है, कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को उमर खालिद को अंतरिम जमानत दी है। उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के आरोप में शामिल आरोपी उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 7 दिन की अंतरिम जमानत दी है।कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है।

उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था। 2020 से ही वह जेल में बंद है। यह उमर खालिद की जमानत याचिका का दूसरा दौर है। निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में राहत देने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद उमर खालिद ने मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका पर कई बार सुनवाई टली। बाद में उमर ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। उमर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि हम परिस्थितियों में बदलाव के कारण याचिका वापस लेना चाहते हैं और उचित राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं।

2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में खालिद के अलावा ताहिर हुसैन, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद, सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल भी आरोपी हैं।

अरविंद केजरीवाल का एक और दांव,दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज का ऐलान

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है। संभवतः फरवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है।दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बड़ी घोषणा करते हुए संजीवनी योजना का ऐलान किया है।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा।

अरविंद केजरीवाल ने योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली वालों के लिए संजीवनी लेकर आया हूं। दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। ये केजरीवाल की गारंटी है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करेंगे। दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में फ्री इलाज होगा। कोई अपर लिमिट नहीं होगी। कोई एपीएल, बीपीएल कार्ड नहीं चाहिए। इसका रजिस्ट्रेशन दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा। हमारे कार्यकर्ता आपके घर में आएंगे, आपको एक कार्ड देंगे, उसे संभालकर रखना। चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर योजना बनाएगी और लागू करेगी।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं जो घोषणा कर रहा हूं वो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। हम बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं और उन्ही की वजह से हमारा देश आज यहां तक पहुंचा है। इस वजह से अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ध्यान रखें। अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आप लोगों ने मेहनत करके देश को आगे बढ़ाया है और अब हमारा फर्ज बतना है कि हम आपका ख्याल रखें। इस वजह से हम संजीवनी योजना की घोषणा कर रहे हैं। बुढ़ापे में एक चीज सबको तकलीफ देती है और वो है बढ़ती उम्र के साथ 10 बीमारियों की चिंता। इस वजह से यह संजीवनी योजना दिल्ली के बुजुर्गों के लिए है।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने 12 दिसंबर को महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान योजना‘ की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया था। बाद में उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को एक हजार की जगह 2100 रुपये दिए जाएंगे।

नई दिल्ली सीटःअरविंद केजरीवाल बनाम संदीप दीक्षित, कौन किसपर पड़ेगा भारी?

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नई दिल्ली विधानसभा सीट पिछले 6 विधानसभा चुनाव से दिल्ली को मुख्यमंत्री देती आ रही है। 1998 से लेकर 2020 तक के चुनाव में यहां से जीते विधायक ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। पहले तीन टर्म शीला दीक्षित ने यहां से जीत हासिल की थी। यह सीट उनकी विरासत बन गई थी। बाद में यह केजरीवाल की सीट बन गई। वह यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, इस बार लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है। यहां के वर्तमान विधायक और पूर्व सीएम केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के पूर्व सीएम के बेटे और दो पूर्व सांसदों ने ताल ठोक दी है।

अब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, हालांकि इसके फरवरी में आयोजित होने की संभावना है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्शन मोड में आ चुकी हैं। आम आदमी पार्टी ने अब तक विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है। वहीं, बीजेपी ने अब तक उम्मीदवारों की कोई सूची जारी नहीं की है। बीजेपी अब तक कछुए वाली फॉर्म में दिखाई दे रही है। हालंकि ये चाल उसे जीत की दहलीज तक लेकर जाएगी या नहीं ये आने वाला वक्त तय करेगा। बहरहाल सबका फोकस सबसे ज्यादा हॉट बन चुकी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर है।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल यहां से चुनावी मैदान में हैं।कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उनके सामने खड़ा किया है। अरविंद केजरीवाल इस सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं। वहीं संदीप दीक्षित की मां और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित भी इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि कौन किसपर भारी पड़ेगा? जनता का आशिर्वाद किसे मिलेगा?

आम आदमी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि संदीप दीक्षित केजरीवाल के सामने चुनौती नहीं हैं। उन्होंने कहा, संदीप दीक्षित केजरीवाल के सामने कोई चुनौती नहीं हैं। शीलाजी के बाद संदीप दीक्षित ने नई दिल्ली सीट से कोई लगाव नहीं रखा है, दिल्ली में कांग्रेस का कोई वजूद भी नहीं है।

भले ही आम आदमी पार्टी या दूसरे राजनीतिक दल ये माने की केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित का वजूद नहीं है। हालांकि, नई दिल्ली सीट पर संदीप दीक्षित के आ जाने पर कांग्रेस भी दौड़ में शामिल हो गई है, अन्यथा वो रेस से बाहर थी।

जहां तक नई दिल्ली विधानसभा सीट पर की बात है, वो इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। दरअसल केजरीवाल के प्रति जनता में भरोसा थोड़ा कम हुआ है। उनपर लगे आरोपों से पार्टी की साख के साथ-साथ उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं डीटीसी और जल विभाग के घाटे में जाने का मसला भी उनके गले की फांस बनता दिख रहा है।

वहीं बात संदीप दीक्षित की करें तो उनकी छवि जनता के बीच साफ है, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा ये कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। शीला दीक्षित के निधन के बाद अगर कांग्रेस उन्हें चुनाव लड़ने के लिए यहां से उतारती तो शायद उन्हें थोड़े सिम्पेथी वोट मिल जाते। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया और किरण वालिया को टिकट देकर रिस्क उठाया।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2013 में दिल्ली में पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी ने सबसे ज्यादा 31 सीटें जीतीं लेकिन स्थानीय स्तर पर सहमति नहीं बनने के कारण सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। उधर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के समर्थन से सत्ता पर काबिज हो गई। हालांकि, 49 दिन सरकार में रहने के बाद अचानक कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया।

इसके बाद साल 2015 में हुए चुनाव में ‘झाड़ू’ ने सब साफ कर दिया। 31 सीटों से बीजेपी तीन सीटों पर सिमटकर रह गई। कांग्रेस के तो ‘हाथ’ खाली रह गए।

दरअसल, 2013 में बीजेपी के पीछे हटने का फायदा कहीं ना कहीं आपको मिला। ये बात इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया। मतलब कांग्रेस का वोट ट्रांसफर होकर आप के साथ जुड़ गया। दिल्ली में कांग्रेस के कमज़ोर होने की सबसे बड़ी वजह यही है कि उसके वोट बैंक पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी ने कब्ज़ा कर लिया। शीला दीक्षित ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में दिल्ली में कांग्रेस के पक्ष में एक मज़बूत वोट बैंक तैयार कर दिया था, उन्होंने दिल्ली में रहने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को कांग्रेस के साथ मज़बूती से जोड़ दिया। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ-साथ मुसलमान भी कांग्रेस के साथ मज़बूती से जुड़ गए थे।

लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए आंदोलन से बने माहौल में कांग्रेस के वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से जुड़ गया और फिर जुड़ता ही चला गया। कांग्रेस अपने उसी वोट बैंक को आम आदमी पार्टी से नहीं छीन पा रही है। अब देखना ये है कि शीला दीक्षित के बेटे के जरिए कांग्रेस के ‘हाथ’ कुछ लगता भी है या नहीं?

फिर धुंधलाया दिल्ली-एनसीआर में आकाश, ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू, क्या फिर बंद होंगे स्कूल?*
#grap_3_has_been_reimplemented_in_delhi_ncr_air_pollution
राजधानी की हवा में एक बार फिर से प्रदूषण का जहर घुलने लगा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक बार फिर से वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। जिसके बाद आज दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 को फिर से लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की जीआरएपी उप-समिति ने आज ग्रैप-3 को तत्काल प्रभाव से पूरे दिल्ली एनसीआर में लागू करने का निर्णय लिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-2 नियम की पाबंदियों वाले आदेश को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ग्रेप 4 के प्रतिबंध पर जो राहत दी गई थी, वो जारी रहेगी। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल सीएक्यूएम की तरफ जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, शांत हवाओं सहित बेहद प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसे देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर पैनल की उप-समिति ने पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप शेड्यूल (शुक्रवार को जारी) के चरण 3 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला किया है। *5वीं तक के क्लास को लेकर क्या आदेश?* इस योजना के अनुसार, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूलों को अनिवार्य रूप से ग्रैप चरण III के तहत कक्षा V तक की क्लासेज हाइब्रिड मोड में चलानी होगी। इस दौरान स्कूलों में फिजिकल क्लासेज तो चलेंगी, लेकिन स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के पास ऑनलाइन क्लास चुनने का विकल्प होगा। *क्या लगाई गईं पाबंदियां* दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जीआरएपी III (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) फिर से लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदूषण रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं, जिनमें डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण और खुदाई कार्य पर रोक, और स्कूलों में हाइब्रिड मोड शामिल हैं।
दिल्ली आने पर अड़े किसान, रोकने के लिए पुलिस ने छोड़ा वाटर कैनन

#farmers_protest_shambhu_border_delhi_march

पंजाब के किसान फरवरी से अपनी मांगों को लेकर शंभू बाॅर्डर पर बैठे हैं। किसान दो बार दिल्ली कूच का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। आज फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। किसानों के आगे बढ़ते ही पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस की कार्रवाई से किसानों में भगदड़ मच गई है। कई किसानों के घायल होने की सूचना है।

शंभू बॉर्डर से आज 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर दोपहर 12 बजे रवाना हुआ था। किसान इसके पहले भी दो बार दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों से कहा-जब तक आप शांतिपूर्वक हो, हम आपसे दोगुना शांतिपूर्वक हैं। अगर आपको दिल्ली जाकर धरना देना है तो आप परमिशन के लिए अप्लाई कर दें और अगर परमिशन मिलती है तो हम आपको खुद वहाँ पर छोड़कर आएंगे।

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने किसानों के दिल्ली कूच करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि किसानों की चर्चा सुप्रीम कोर्ट से चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसानों के साथ जो चर्चा चल रही है वह ठीक ट्रैक पर है। उसके लिए हमें थोड़ा समय चाहिए और किसानों को थोड़े समय के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए। विज ने कहा कि मुझे भी लगता है कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट की राय मान लेनी चाहिए।

शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया सुबह 10 बजे करनाल पहुंचे। उन्होंने किसान को समर्थन देने का एक दिन पहले ही ऐलान कर दिया था। करनाल पहुंचे बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें जात-पात से ऊपर उठ कर किसानों का साथ देना चाहिए। क्योंकि किसान देश का अन्नदाता है और हम लोग जो अनाज खाते है। उस अनाज को किसान खेतों में कड़ी मेहनत कर के उगाता है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों का न्यूनतम दाम मांग रहे है। हरियाणा के किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि नोएडा व गाजीपुर बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर बैठे है। हरियाणा सरकार को लेकर कहा कि हर साल 12000 किसान आत्महत्या करते है । क्योंकि कि किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा। जितनी उनकी लागत होती है वो भी उनको नहीं मिल रहा है। सरकार को यह आंकड़े देख कर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए ताकि किसान आज के समय में आत्महत्या करने पर मजबूर न हो।

सर्दी का सितमःदिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठिठुरन, पारा गिरकर 3.2 डिग्री तक पहुंचा, शीतलहर को लेकर अलर्ट
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* दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलने लगा हैं। भीषण ठंड के प्रकोप में लोग ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जिसका असर देश की राजधानी दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में 2 दिनों से ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को पिछले तीन सालों में सबसे ठंडा दिसंबर का दिन रहा। नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार (12 दिसंबर) को दिल्ली के पूसा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस और अयंगर में 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। साथ ही इलाकों में शीत लहर की भी स्थिति देखी गई। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 और 2022 में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया। पिछले साल दिसंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 15 तारीख को 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि 2022 में सबसे कम तापमान 26 तारीख को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक आने वाले आज राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलेगी, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग ने कोल्ड वेव के दौरान लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने 15 दिसंबर तक अलग-अलग स्थानों पर शीतलहर की स्थिति रहने का अनुमान जताया है. शुक्रवार सुबह धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है तथा दिन में आसमान साफ रहेगा. शाम और रात में फिर से धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है. तापमान न्यूनतम 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है.
दिल्ली में फिर स्कूलों में बम की धमकी, जानें कौन से स्कूल हैं शामिल?

#mails_threatening_to_blow_up_bombs_sent_to_four_schools_in_delhi

दिल्ली के कई स्कूलों को एक बार फिर बम की धमकी मिली है। राजधानी के की प्राइवेट स्कूलों में शुक्रवार की सुबह एक बार फिर धमकी भरा ईमेल आया है। ईमेल की जानकारी दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी गई, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू हुई। जांच में अब तक कुछ संदिग्ध नहीं पाया गया है।दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों को पहले भी इस तरह से धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। जांच-पड़ताल में मेल में दी गईं सूचनाएं झूठी निकली थीं।

अभी तक छह निजी स्कूलों में बम की धमकी मिली है। बमों की धमकी साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल सफदरजंग, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी, भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल और डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल को मिली है। डीपीएस स्कूल में सभी अभिभावकों को छुट्टी का मैसेज किया गया है।

इस बार भी बम की धमकी ईमेल से मिली है। देर रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये ईमेल भेजी गई है।ईमेल में लिखा गया है कि यह ईमेल आपको यह सूचित करने के लिए है कि आपके स्कूल परिसर में कई विस्फोटक हैं और मुझे यकीन है कि आप सभी अपने छात्रों के स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर बार-बार उनके बैग की जांच नहीं करते हैं। इस गतिविधि में एक गुप्त डार्क वेब समूह शामिल है और कई लाल कमरे भी हैं।

ईमेल में आगे कहा गया है कि बम इमारतों को नष्ट करने और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं। आज से 14 दिसंबर तक, मतलब कल, दोनों दिनों में, एक अपेक्षित पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होने वाली है। हमारे स्रोतों के माध्यम से, यह भी पुष्टि हुई है कि सभी ईमेल में शामिल स्कूलों में से एक वर्तमान में अपने खेल दिवस के लिए मार्चिंग कर रहा है, जिसमें छात्र एक सामूहिक मैदान में इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ होती है।

दमकल विभाग ने ईमेल से धमकी मिलने की पुष्टि की है। दमकल विभाग के मुताबिक सुबह 4.21 बजे भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, 6.21 बजे कैम्ब्रिज स्कूल, 6.35 बजे डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल से सूचना मिली है। सूचना मिलते ही सभी स्कूलों में दमकल की गाड़ियां भेजी गई है। अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों से अभी भी कई कॉल मिल रहे हैं। सभी स्कूल में पुलिस और दमकल की गाड़ियां के साथ साथ बम निरोधक दस्ता पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है।

29 नवंबर को भी मिली थी धमकी

इससे पहले बीते 29 नवंबर को दिल्ली के रोहिणी में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सुबह 10.57 बजे स्कूल में बम रखने की खबर फैलाई गई थी। जिसके बाद स्कूल की तलाशी ली गई थी। पुलिस को जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद खबर को झूठा करार दिया था।