/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:bangladesh
बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग, जानें क्यों मचा हड़कंप

#bangladesh_airlines_plane_emergency_landing_at_nagpur

ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के एक प्लेन की नागपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है।बताया जा रहा है कि विमान में 396 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह मामला बुधवार देर रात्रि का है।

विमान बांग्‍लादेश एयरलाइंस के इस एयरक्राफ्ट ने बतौर पैसेंजर फ्लाइट ढाका एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को करीब साढ़े पांच घंटे का सफर तय कर दुबई में लैंड होना था।जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश एयरलाइन के इस विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद इसको नागपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराना पड़ा।

नागपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर आबिद रूही ने आज तक को बताया है कि ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन में तकनीकी खराबी की सूचना मिली थी।इसके बाद इस प्लेन की बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। लैंडिंग के बाद प्लेन में सवार सभी यात्रियों को उतार लिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का यूनुस सरकार पर फूटा गुस्सा, आतंक के आरोपों पर बढ़ी रार

#bangladeshinterimgovtsayssheikhhasinaextraditiontoppriority

पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना अब भारत में रह रही हैं। उसके बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए। हसीना ने कहा कि यूनुस ने बांगलादेश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना दिया है। पांच अगस्त 2024 को छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और उन्हें बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने का आरोप

हसीना ने सोमवार को यूनुस सरकार पर हमला बोला। शेख हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए एक संदेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा, यूनुस ने खुद कहा था कि उसे देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है, फिर उसे सरकार चलाने से क्यों नहीं रोका गया? उनका आरोप था कि जब छात्रों के नेतृत्व में सरकार के कोटा सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और कई पुलिसकर्मी मारे गए थे, तब यूनुस ने चुप्पी साधी। हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस ने सभी जांच समितियों को खत्म कर दिया और आतंकवादियों को खुली छूट दे दी, जो देश को बर्बाद कर रहे हैं।

मैं वापस आउंगी और शहीदों का बदला लूंगी-हसीना

शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही सरकार को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। उन्होंने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके बच्चों से वर्चुअल बैठक के दौरान कहा, मैं लौटकर हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में कुछ आतंकवादी तत्वों ने जो अराजकता फैलाई है, उसे अब खत्म करना होगा।

“हसीना को भारत से वापस लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता”

अब शेख हसीना के पलटवार में यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, जिसे हम जरूर करेंगे।

मस्कट में जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार की मुलाकात, भारत के साथ संबंधों पर कही बड़ी बात

#jaishankar_discusses_with_bangladesh_foreign_affairs_advisor

भारत और बांग्लादेश के बीच कई मुद्दों पर टकराव के बावजूद बातचीत का सिलसिला जारी है। ओमान में रविवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक पर चर्चा हुई। बांग्लादेश अप्रैल में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार विदेश मामलों के सलाहकार तौहिद हुसैन से मुलाकात की। बातचीत में हमारे द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक पर फोकस किया गया।

बता दें कि बिम्सटेक सात देशों का एक समूह है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, भूटान और नेपाल शामिल हैं। बांग्लादेश आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक में आयोजित होगा।

वहीं, इस मुलाकात के बाद, अगले मंगलवार से भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के बीच तीन दिवसीय बैठक शुरू होगी। इस बैठक में सीमा से जुड़े तनावपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रभारी के साथ जयशंकर की यह दूसरी मुलाकात है।

हुसैन ने जयशंकर से ओमान में आठवें हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव को टाला जा सके। वहीं, विओन के साथ बात करते हुए हुसैन ने शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश की अंदरुनी राजनीति में उथलपुथल और विदेश नीति में आए बदलाव पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ढाका की ओर से भारत के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।

तौहीद हुसैन ने भारत से संबंधों पर हुए सवाल पर विओन से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध जरूरी हैं। एस जयशंकर के साथ मेरी अच्छी मुलाकात हुई है, हमें कई मुद्दों पर बातचीत की है। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। मुझे लगता है कि बांग्लादेश, भारत को पारस्परिक रूप से लाभकारी अच्छे संबंधों की आवश्यकता है। हम इस पर लगातार काम भी कर रहे हैं।

“बांग्लादेश को मैं पीएम मोदी पर छोड़ता हूं”,क्या है ट्रंप के इस बयान के मायने?


#trump_dismisses_question_on_bangladesh_said_i_will_leave_this_to_pm_modi 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में चल रहे संकट में अमेरिकी सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन पर कहा कि इसमें हमारी भूमिका नहीं है। 

दरअसल, जब पीएम नरेंद्र मोदी के सामने ट्रंप से बांग्लादेश की यूनुस सरकार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इशारों में एक बड़ा संकेत दे दिया। जब उनसे पूछा गया कि बांग्लादेश में चल रहे संकट में क्या अमेरिकी 'डीप स्टेट' का हाथ है? ट्रंप ने इससे इनकार करते हुए कहा कि मैं बांग्लादेश (का मुद्दा) प्राइम मिनिस्टर मोदी पर छोड़ता हूं।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद भारत में लोगों की उम्मीद जगी थी कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वो बांग्लादेश में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में समझा जा रहा है कि ट्रंप का यह कहना कि बांग्लादेश का मुद्दा मोदी देखेंगे, एक तरह से भारत को खुली छूट देने का इशारा है।

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंध काफी खराब हो गये हैं। देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक के बाद एक भारत विरोधी फैसले ले रहे हैं। वहीं शेख हसीना भारत में हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार उनके प्रत्यर्पण के लिए प्रेशर बनाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक्सपर्ट्स मानना था कि बांग्लादेश को लेकर दोनों नेताओं में बातचीत हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

कौन हैं बांग्लादेश की एक्ट्रेस मेहर अफरोज शॉन, देशद्रोह के आरोप में किया गया गिरफ्तार?

#who_is_bangladeshi_actress_meher_afroz_shaun_arrested_on_charges_of_sedition

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार को खिलाफ बोलना देश की मशहूर अभिनेत्री मेहर अफरोज शॉन को भारी पड़ा है। अभिनेत्री मेहर अफरोज शॉन को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेहर अफरोज शॉन पर देशद्रोह और कथित तौर पर देश के खिलाफ साजिश रचने जैसे आरोप लगे हैं। उनकी गिरफ्तारी ढाका के धानमंडी इलाके से हुई है। मेहर बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के खिलाफ बोलती रही हैं। वह मोहम्मद यूनुस सरकार की खुले तौर पर आलोचना कर चुकी हैं।

उनकी गिरफ्तारी उनके परिवार के घर पर हमले और आगजनी के कुछ घंटे बाद हुई। मेहर की गिरफ्तारी से पहले उनके परिवार का घर जमालपुर में कुछ घंटे पहले ही जला दिया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जमालपुर सदर उपजिला के नोरुंडी रेलवे स्टेशन के पास छात्रों और स्थानीय निवासियों ने शाम 6 बजे के आसपास घर में आग लगा दी। यह घर उनके पिता, इंजीनियर मोहम्मद अली का था। बता दें कि शॉन और उनके परिवार के संबंध अवामी लीग से हैं।

मेहर की मां ताहुरा अली, शेख हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी से सांसद रह चुकी हैं। बेगम तहुरा अली ने पहले दो बार आरक्षित महिला सीट (1996-2001 और 2009-2014) से संसद सदस्य के रूप में काम किया था। पिछले आम चुनाव में शॉन ने भी अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में आरक्षित महिला कोटे से संसदीय सीट मांगी थी।

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है। बीते दिनों बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं और अब गुरुवार को कट्टरपंथी संगठनों ने बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के घर में तोड़फोड़ की गई। उन्मादी भीड़ ने शेख मुजीब के घर समेत दूसरे ऐतिहासिक स्मारकों को भी निशाना बनाया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भी हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं पर चिंता जाहिर की है।

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, जिस मुजीबुर्रहमान ने दिलाई थी आजादी उन्ही के घर पर तोड़फोड़-आगजनी

#bangladesh_violence_sheikh_mujib_residence_vandalised_and_set_on_fire

बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर पड़ोसी देश में अशांति फैली है। उपद्रवी इस दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं समेत निर्दोष हिंदुओं को हिंसा में निशाना बना रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद ढाका में उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बुधवार रात करीब 8 बजे दंगाइयों की भीड़ ढाका के धानमंडी एरिया में बने मकान नंबर-32 में घुस गए और वहां खूब तोड़फोड़ मचाई। मकान नंबर 32 के प्रवेश द्वार पर लगे शेख मुजीबुर रहमान के भित्ति चित्र को तोड़ दिया गया है। इस दौरान उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाए।

इस हिंसात्मक अभियान की अगुवाई 'स्टूडेंट मूवमेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' नाम के संगठन से जुड़े वही नेता कर रहे थे, जिन्होंने शेख हसीना को देश से बाहर भागने को मजबूर किया था। वे शेख हसीना की उस घोषणा से भड़के हुए थे कि वे अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि शेख हसीना ने कोई बयान दिया, तो धानमंडी के मकान नंबर 32 को बुलडोजर से उड़ा दिया जाएगा। यह मकान शेख हसीना की पारिवारिक संपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रात करीब आठ बजे हमला किया और नारेबाजी के दौरान शेख हसीना को फांसी देने की मांग भी की।

शेख हसीना की आवामी लीग ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के खिलाफ आवामी लीग ने ढाका बंद बुलाया है। शेख हसीना की पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला हुआ है वो कहीं से भी सही नहीं है। आवामी लीग ने कहा है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।

बांग्लादेश में बढ़ता कट्टरपंथःमहिलाओं का फुटबॉल खेलना "इस्लाम विरोधी", हाथ पर हाथ धरे बैठे यूनुस

#taliban_rule_in_bangladesh

भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हिम्मत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां वो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो अब महिलाओं के साथ भी सौतेला व्यवहार शुरू हो गया है। सीधे शब्दों में कहें तो बांग्लादेश में तालिबान राज कायम हो गया है। बांग्लादेश में अब महिलाओं का फुटबॉल खेलना इस्लाम विरोधी हो गया है। कट्टरपंथियों ने महिला फुटबॉल मैच को रद्द करा दिया। यह सब तब हो रहा है, जब नोबेल पुरस्कार वाले यूनुस का बांग्लादेश में राज है।

दरअसल, बांग्लादेश के अकेलपुर उपजिला में 28 जनवरी को होने वाले एक महिला फुटबॉल मैच पर भारी विरोध हुआ, जिसमें स्थानीय लोगों ने इसे इस्लामिक विरोधी बताते हुए मैदान में तोड़फोड़ की। अकेलपुर उपजिला में टी-स्टार नाम का स्थानीय स्पोर्ट्स क्लब है, जिसने तिलकपुर हाई स्कूल के मैदान में दो महिला टीमों के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन किया था। इस मैच की तैयारियां पिछले एक महीने से चल रही थीं और टिकट भी बेचे जा रहे थे। मैच के लिए जॉयपुरहाट और रंगपुर की महिला टीमों के बीच मुकाबला होना था। लेकिन मैच से पहले ही मदरसा छात्रों और स्थानीय इस्लामवादी लोगों के एक वर्ग ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने मैदान में पहुंचकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। उनका कहना था कि महिलाओं का खेल खेलना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है। विरोध के कारण आयोजन रद्द करना पड़ा।

बांग्लादेश में पूरी तरह से कट्टरपंथियों का कब्जा हो चुका है। उनको पता है कि वे धर्म के नाम पर हिंसा कर यूनुस के राज में आसानी से बच सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों को जला दिया, धार्मिक स्थलों को तोड़-फोड़ दिया, शिक्षकों पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोपों पर लोगों की हत्या कर दी - फिर भी वे खुलेआम घूम रहे हैं। दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की सरकार चुपचाप बैठकर तमाशा देख रही है। जब कोई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देशद्रोही, गद्दार, इस्लाम विरोधी का तमगा देकर परेशान किया जाता है

बांग्लादेश में क्या कर रहा है जॉज सोरोस का बेटा? 'भारत के दुश्मन' के साथ दिखे मोहम्मद यूनुस

#george_soros_son_meeting_with_bangladesh_muhammad_yunus

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भारत के दुश्मनों के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। अब भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए कुख्यात जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को साथ देखा गया है। बुधवार को जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। एलेक्स सोरोस अपने पिता जॉर्ज सोरोस के एनजीओ द ओपन सोसायटी फाउंडेशन के चेयरमैन हैं। बता दें कि सेरोस ने यूनुस सरकार को आर्थिक मदद देने का वादा किया है।जॉर्ज सोरोस ने बांग्लादेश को तब मदद का भरोसा दिया है, जब अमेरिका ने अपने हाथ खींच लिए हैं।

ढाका में हुई मुलाकात के बाद मोहम्मद यूनुस ने कहा, कि सोरोस और ओपन सोसायटी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट बिनैफर नौरोजी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश में सुधार के लिए अंतरिम सरकार के एजेंडे को अपना समर्थन दिया है।

मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, कि "ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के नेतृत्व ने बुधवार को मुख्य अंतरिम सलाहकार से मुलाकात की और देश की इकोनॉमी के फिर से निर्माण, गबन की गई संपत्तियों का पता लगाने, गलत सूचनाओं से निपटने और महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू करने के बांग्लादेश की कोशिशों पर चर्चा की है।" वहीं, इस मुलाकात के बाद बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि बैठक में आर्थिक सुधार, मीडिया की आजादी, संपत्ति की वसूली, नये साइबर सुरक्षा कानून और रोहिंग्या संकट पर बात की गई है।

बांग्‍लादेश की सरकार के साथ जॉर्ज सोरोस का रिश्ता चिंता पैदा करता है। शेख हसीना ने इसी ओर इशारा क‍िया था, जब उन्‍होंने कहा था क‍ि कुछ गोरे लोगों के साथ वे तालमेल नहीं बिठा पाईं, जो बांग्‍लादेश को नोचना चाहते थे। इनमें से कई ऐसे थे, जिन्‍होंने बांग्‍लादेश को कमजोर क‍िया। हालांकि, तब शेख हसीना ने क‍िसी का नाम नहीं ल‍िया था।

जब पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें उन्हें देश से भागना पड़ा था, उसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी, कि इस प्रदर्शन के पीछे एक टूलकिट गैंग काम कर रही है। एक्‍सपर्ट ने तब माना था क‍ि अमेर‍िकी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी सदस्‍यों, जॉर्ज सोरोस और ढाका में बीआरएसी यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच एक साठगांठ बन गई है। सब जानते हैं क‍ि इस यूनिवर्सिटी को ओपन सोसाइटी का नेटवर्क फंड करता है। वही ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, जिसके चेयरमैन जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्‍स सोरोस हैं। पिछले साल जब ढाका में विरोध प्रदर्शन चरम पर थे, तब यह खुलकर सामने आ गया था। क्‍योंक‍ि तब 22 अमेर‍िकी सीनेटरों ने अमेर‍िकी विदेश मंत्री एंटनी ब्‍ल‍िंकन को पत्र लिखकर शेख हसीना सरकार के ख‍िलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन सीनेटरों में से एक इल्हान उमर भी थे, जो अमेरिकी कांग्रेस में सोरोस कैंप के कट्टर मेंबर थे।

वहीं, शेख हसीना के पतन के बाद सत्ता में आए जब मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल अक्टूबर में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा की थी, उस वक्त उन्होंने न्यूयॉर्क में जॉर्ज सोरोस से भी मुलाकात की थी। यानि, पिछले चार महीनों के बीच सोरोस परिवार के साथ मोहम्मद यूनुस की दूसरी मुलाकात है।

बांग्लादेश को ट्रंप ने दिया बड़ा झटका, आर्थिक मदद पर लगाई रोक, फिर भी क्यों खुश हो रहें यूनुस

#donald_trump_halts_all_us_aid_to_bangladesh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर तत्काल रोक लगा दी है। सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले उन्होंने यूक्रेन की विदेशी सहायता निलंबित की थी।

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपनी सभी सहायता और प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस फैसले को बांग्लादेश की यूनुस सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।हालांकि, अमेरिका ने रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए दी जाने वाली सहायता राश‍ि को जारी रखा है। अमेरिका के रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए जारी सहायता रखने से मोहम्‍मद यूनुस सरकार थोड़ा खुश है।

अमेरिका बांग्‍लादेश को जलवायु संकट, रोहिंग्‍या शरणार्थी, हेल्‍थ, मानवाधिकारों से लेकर शिक्षा तक के लिए पैसा देता था। ट्रंप प्रशासन का रोहिंग्याओं से जुड़ी समस्‍या के प्रति फोकस है। अमेरिका रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए मानवीय सहायता देने वाले देशों में अग्रणी है। साल 2017 में जब से रोहिंग्‍या संकट शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 2.4 अरब डॉलर की सहायता उसने दी है। यही नजह है कि दुनिया भर के देशों का हुक्‍का पानी बंद करने के बावजूद ट्रंप ने रोहिंग्‍याओं के लिए दी जा रही आर्थिक मदद को आगे भी जारी रखा है। ऐसे में मोहम्‍मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्‍यवाद कहा है।

शेख हसीना के जाने के बाद से ही बांग्‍लादेश आर्थिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। दुनियाभर की कंपनियों ने अपने ऑर्डर रद कर दिए हैं। यही नहीं बिजली का भी देश में संकट चल रहा है। अब ट्रंप के इस आदेश ने बांग्‍लादेश की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एक व्यापक आदेश में केवल इजरायल और मिस्र को छोड़कर, यूक्रेन सहित सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित करेगा। इसमें केवल आपातकालीन खाद्य सहायता और इजरायल, मिस्र के लिए सैन्य मदद को छूट दी गई है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकियों से सतर्क हुआ भारत, पड़ोसी देशों की हर हरकत पर है कड़ी नजर

#isi_active_with_bangladesh_indian_foreign_ministry_response

बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकियां बढ़ रही है। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही पाकिस्तान करीब आता दिख रहा है। बांग्लादेश के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद युनुस के फैसले संकेत दे रहे हैं कि भारत के साथ दूरी बनाने के क्रम में पाकिस्तान के साथ नजदीकियां काफी बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश-पाकिस्तान का करीब आना भारत के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात है। इस बीच पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों की हालिया बांग्लादेश यात्रा ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत को सतर्क जरूर कर दिया है। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने गोपनीय तरीके से अपने चार शीर्ष सदस्यों को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत अपने आस-पास के इलाकों में हो रही घटनाओं पर बहुत करीबी नजर रख रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य संबंधों पर सवाल पूछा गया। इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखता है। उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण और समावेशी संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के बीच समृद्धि और आपसी सहयोग बढ़ाना है।

दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश की आपत्तियों पर भी भारत ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम मानव और पशु तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया जा रहा है और यह मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के दायरे में है। भारत की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वह अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

बता दें कि आईएसआई के विश्लेषण महानिदेशक मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर समेत कई पाकिस्तानी अधिकारी इन दिनों बांग्लादेश में हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हाल ही में बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था और वहां की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की थी

बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग, जानें क्यों मचा हड़कंप

#bangladesh_airlines_plane_emergency_landing_at_nagpur

ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के एक प्लेन की नागपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है।बताया जा रहा है कि विमान में 396 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह मामला बुधवार देर रात्रि का है।

विमान बांग्‍लादेश एयरलाइंस के इस एयरक्राफ्ट ने बतौर पैसेंजर फ्लाइट ढाका एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को करीब साढ़े पांच घंटे का सफर तय कर दुबई में लैंड होना था।जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश एयरलाइन के इस विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद इसको नागपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराना पड़ा।

नागपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर आबिद रूही ने आज तक को बताया है कि ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन में तकनीकी खराबी की सूचना मिली थी।इसके बाद इस प्लेन की बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। लैंडिंग के बाद प्लेन में सवार सभी यात्रियों को उतार लिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का यूनुस सरकार पर फूटा गुस्सा, आतंक के आरोपों पर बढ़ी रार

#bangladeshinterimgovtsayssheikhhasinaextraditiontoppriority

पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना अब भारत में रह रही हैं। उसके बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए। हसीना ने कहा कि यूनुस ने बांगलादेश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना दिया है। पांच अगस्त 2024 को छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और उन्हें बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने का आरोप

हसीना ने सोमवार को यूनुस सरकार पर हमला बोला। शेख हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए एक संदेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा, यूनुस ने खुद कहा था कि उसे देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है, फिर उसे सरकार चलाने से क्यों नहीं रोका गया? उनका आरोप था कि जब छात्रों के नेतृत्व में सरकार के कोटा सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और कई पुलिसकर्मी मारे गए थे, तब यूनुस ने चुप्पी साधी। हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस ने सभी जांच समितियों को खत्म कर दिया और आतंकवादियों को खुली छूट दे दी, जो देश को बर्बाद कर रहे हैं।

मैं वापस आउंगी और शहीदों का बदला लूंगी-हसीना

शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही सरकार को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। उन्होंने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके बच्चों से वर्चुअल बैठक के दौरान कहा, मैं लौटकर हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में कुछ आतंकवादी तत्वों ने जो अराजकता फैलाई है, उसे अब खत्म करना होगा।

“हसीना को भारत से वापस लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता”

अब शेख हसीना के पलटवार में यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, जिसे हम जरूर करेंगे।

मस्कट में जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार की मुलाकात, भारत के साथ संबंधों पर कही बड़ी बात

#jaishankar_discusses_with_bangladesh_foreign_affairs_advisor

भारत और बांग्लादेश के बीच कई मुद्दों पर टकराव के बावजूद बातचीत का सिलसिला जारी है। ओमान में रविवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक पर चर्चा हुई। बांग्लादेश अप्रैल में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार विदेश मामलों के सलाहकार तौहिद हुसैन से मुलाकात की। बातचीत में हमारे द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक पर फोकस किया गया।

बता दें कि बिम्सटेक सात देशों का एक समूह है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, भूटान और नेपाल शामिल हैं। बांग्लादेश आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक में आयोजित होगा।

वहीं, इस मुलाकात के बाद, अगले मंगलवार से भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के बीच तीन दिवसीय बैठक शुरू होगी। इस बैठक में सीमा से जुड़े तनावपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रभारी के साथ जयशंकर की यह दूसरी मुलाकात है।

हुसैन ने जयशंकर से ओमान में आठवें हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव को टाला जा सके। वहीं, विओन के साथ बात करते हुए हुसैन ने शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश की अंदरुनी राजनीति में उथलपुथल और विदेश नीति में आए बदलाव पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ढाका की ओर से भारत के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।

तौहीद हुसैन ने भारत से संबंधों पर हुए सवाल पर विओन से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध जरूरी हैं। एस जयशंकर के साथ मेरी अच्छी मुलाकात हुई है, हमें कई मुद्दों पर बातचीत की है। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। मुझे लगता है कि बांग्लादेश, भारत को पारस्परिक रूप से लाभकारी अच्छे संबंधों की आवश्यकता है। हम इस पर लगातार काम भी कर रहे हैं।

“बांग्लादेश को मैं पीएम मोदी पर छोड़ता हूं”,क्या है ट्रंप के इस बयान के मायने?


#trump_dismisses_question_on_bangladesh_said_i_will_leave_this_to_pm_modi 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में चल रहे संकट में अमेरिकी सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन पर कहा कि इसमें हमारी भूमिका नहीं है। 

दरअसल, जब पीएम नरेंद्र मोदी के सामने ट्रंप से बांग्लादेश की यूनुस सरकार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इशारों में एक बड़ा संकेत दे दिया। जब उनसे पूछा गया कि बांग्लादेश में चल रहे संकट में क्या अमेरिकी 'डीप स्टेट' का हाथ है? ट्रंप ने इससे इनकार करते हुए कहा कि मैं बांग्लादेश (का मुद्दा) प्राइम मिनिस्टर मोदी पर छोड़ता हूं।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद भारत में लोगों की उम्मीद जगी थी कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वो बांग्लादेश में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में समझा जा रहा है कि ट्रंप का यह कहना कि बांग्लादेश का मुद्दा मोदी देखेंगे, एक तरह से भारत को खुली छूट देने का इशारा है।

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंध काफी खराब हो गये हैं। देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक के बाद एक भारत विरोधी फैसले ले रहे हैं। वहीं शेख हसीना भारत में हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार उनके प्रत्यर्पण के लिए प्रेशर बनाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक्सपर्ट्स मानना था कि बांग्लादेश को लेकर दोनों नेताओं में बातचीत हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

कौन हैं बांग्लादेश की एक्ट्रेस मेहर अफरोज शॉन, देशद्रोह के आरोप में किया गया गिरफ्तार?

#who_is_bangladeshi_actress_meher_afroz_shaun_arrested_on_charges_of_sedition

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार को खिलाफ बोलना देश की मशहूर अभिनेत्री मेहर अफरोज शॉन को भारी पड़ा है। अभिनेत्री मेहर अफरोज शॉन को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेहर अफरोज शॉन पर देशद्रोह और कथित तौर पर देश के खिलाफ साजिश रचने जैसे आरोप लगे हैं। उनकी गिरफ्तारी ढाका के धानमंडी इलाके से हुई है। मेहर बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के खिलाफ बोलती रही हैं। वह मोहम्मद यूनुस सरकार की खुले तौर पर आलोचना कर चुकी हैं।

उनकी गिरफ्तारी उनके परिवार के घर पर हमले और आगजनी के कुछ घंटे बाद हुई। मेहर की गिरफ्तारी से पहले उनके परिवार का घर जमालपुर में कुछ घंटे पहले ही जला दिया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जमालपुर सदर उपजिला के नोरुंडी रेलवे स्टेशन के पास छात्रों और स्थानीय निवासियों ने शाम 6 बजे के आसपास घर में आग लगा दी। यह घर उनके पिता, इंजीनियर मोहम्मद अली का था। बता दें कि शॉन और उनके परिवार के संबंध अवामी लीग से हैं।

मेहर की मां ताहुरा अली, शेख हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी से सांसद रह चुकी हैं। बेगम तहुरा अली ने पहले दो बार आरक्षित महिला सीट (1996-2001 और 2009-2014) से संसद सदस्य के रूप में काम किया था। पिछले आम चुनाव में शॉन ने भी अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में आरक्षित महिला कोटे से संसदीय सीट मांगी थी।

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है। बीते दिनों बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं और अब गुरुवार को कट्टरपंथी संगठनों ने बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के घर में तोड़फोड़ की गई। उन्मादी भीड़ ने शेख मुजीब के घर समेत दूसरे ऐतिहासिक स्मारकों को भी निशाना बनाया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भी हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं पर चिंता जाहिर की है।

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, जिस मुजीबुर्रहमान ने दिलाई थी आजादी उन्ही के घर पर तोड़फोड़-आगजनी

#bangladesh_violence_sheikh_mujib_residence_vandalised_and_set_on_fire

बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर पड़ोसी देश में अशांति फैली है। उपद्रवी इस दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं समेत निर्दोष हिंदुओं को हिंसा में निशाना बना रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद ढाका में उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बुधवार रात करीब 8 बजे दंगाइयों की भीड़ ढाका के धानमंडी एरिया में बने मकान नंबर-32 में घुस गए और वहां खूब तोड़फोड़ मचाई। मकान नंबर 32 के प्रवेश द्वार पर लगे शेख मुजीबुर रहमान के भित्ति चित्र को तोड़ दिया गया है। इस दौरान उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाए।

इस हिंसात्मक अभियान की अगुवाई 'स्टूडेंट मूवमेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' नाम के संगठन से जुड़े वही नेता कर रहे थे, जिन्होंने शेख हसीना को देश से बाहर भागने को मजबूर किया था। वे शेख हसीना की उस घोषणा से भड़के हुए थे कि वे अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि शेख हसीना ने कोई बयान दिया, तो धानमंडी के मकान नंबर 32 को बुलडोजर से उड़ा दिया जाएगा। यह मकान शेख हसीना की पारिवारिक संपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रात करीब आठ बजे हमला किया और नारेबाजी के दौरान शेख हसीना को फांसी देने की मांग भी की।

शेख हसीना की आवामी लीग ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के खिलाफ आवामी लीग ने ढाका बंद बुलाया है। शेख हसीना की पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला हुआ है वो कहीं से भी सही नहीं है। आवामी लीग ने कहा है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।

बांग्लादेश में बढ़ता कट्टरपंथःमहिलाओं का फुटबॉल खेलना "इस्लाम विरोधी", हाथ पर हाथ धरे बैठे यूनुस

#taliban_rule_in_bangladesh

भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हिम्मत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां वो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो अब महिलाओं के साथ भी सौतेला व्यवहार शुरू हो गया है। सीधे शब्दों में कहें तो बांग्लादेश में तालिबान राज कायम हो गया है। बांग्लादेश में अब महिलाओं का फुटबॉल खेलना इस्लाम विरोधी हो गया है। कट्टरपंथियों ने महिला फुटबॉल मैच को रद्द करा दिया। यह सब तब हो रहा है, जब नोबेल पुरस्कार वाले यूनुस का बांग्लादेश में राज है।

दरअसल, बांग्लादेश के अकेलपुर उपजिला में 28 जनवरी को होने वाले एक महिला फुटबॉल मैच पर भारी विरोध हुआ, जिसमें स्थानीय लोगों ने इसे इस्लामिक विरोधी बताते हुए मैदान में तोड़फोड़ की। अकेलपुर उपजिला में टी-स्टार नाम का स्थानीय स्पोर्ट्स क्लब है, जिसने तिलकपुर हाई स्कूल के मैदान में दो महिला टीमों के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन किया था। इस मैच की तैयारियां पिछले एक महीने से चल रही थीं और टिकट भी बेचे जा रहे थे। मैच के लिए जॉयपुरहाट और रंगपुर की महिला टीमों के बीच मुकाबला होना था। लेकिन मैच से पहले ही मदरसा छात्रों और स्थानीय इस्लामवादी लोगों के एक वर्ग ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने मैदान में पहुंचकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। उनका कहना था कि महिलाओं का खेल खेलना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है। विरोध के कारण आयोजन रद्द करना पड़ा।

बांग्लादेश में पूरी तरह से कट्टरपंथियों का कब्जा हो चुका है। उनको पता है कि वे धर्म के नाम पर हिंसा कर यूनुस के राज में आसानी से बच सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों को जला दिया, धार्मिक स्थलों को तोड़-फोड़ दिया, शिक्षकों पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोपों पर लोगों की हत्या कर दी - फिर भी वे खुलेआम घूम रहे हैं। दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की सरकार चुपचाप बैठकर तमाशा देख रही है। जब कोई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देशद्रोही, गद्दार, इस्लाम विरोधी का तमगा देकर परेशान किया जाता है

बांग्लादेश में क्या कर रहा है जॉज सोरोस का बेटा? 'भारत के दुश्मन' के साथ दिखे मोहम्मद यूनुस

#george_soros_son_meeting_with_bangladesh_muhammad_yunus

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भारत के दुश्मनों के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। अब भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए कुख्यात जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को साथ देखा गया है। बुधवार को जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। एलेक्स सोरोस अपने पिता जॉर्ज सोरोस के एनजीओ द ओपन सोसायटी फाउंडेशन के चेयरमैन हैं। बता दें कि सेरोस ने यूनुस सरकार को आर्थिक मदद देने का वादा किया है।जॉर्ज सोरोस ने बांग्लादेश को तब मदद का भरोसा दिया है, जब अमेरिका ने अपने हाथ खींच लिए हैं।

ढाका में हुई मुलाकात के बाद मोहम्मद यूनुस ने कहा, कि सोरोस और ओपन सोसायटी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट बिनैफर नौरोजी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश में सुधार के लिए अंतरिम सरकार के एजेंडे को अपना समर्थन दिया है।

मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, कि "ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के नेतृत्व ने बुधवार को मुख्य अंतरिम सलाहकार से मुलाकात की और देश की इकोनॉमी के फिर से निर्माण, गबन की गई संपत्तियों का पता लगाने, गलत सूचनाओं से निपटने और महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू करने के बांग्लादेश की कोशिशों पर चर्चा की है।" वहीं, इस मुलाकात के बाद बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि बैठक में आर्थिक सुधार, मीडिया की आजादी, संपत्ति की वसूली, नये साइबर सुरक्षा कानून और रोहिंग्या संकट पर बात की गई है।

बांग्‍लादेश की सरकार के साथ जॉर्ज सोरोस का रिश्ता चिंता पैदा करता है। शेख हसीना ने इसी ओर इशारा क‍िया था, जब उन्‍होंने कहा था क‍ि कुछ गोरे लोगों के साथ वे तालमेल नहीं बिठा पाईं, जो बांग्‍लादेश को नोचना चाहते थे। इनमें से कई ऐसे थे, जिन्‍होंने बांग्‍लादेश को कमजोर क‍िया। हालांकि, तब शेख हसीना ने क‍िसी का नाम नहीं ल‍िया था।

जब पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें उन्हें देश से भागना पड़ा था, उसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी, कि इस प्रदर्शन के पीछे एक टूलकिट गैंग काम कर रही है। एक्‍सपर्ट ने तब माना था क‍ि अमेर‍िकी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी सदस्‍यों, जॉर्ज सोरोस और ढाका में बीआरएसी यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच एक साठगांठ बन गई है। सब जानते हैं क‍ि इस यूनिवर्सिटी को ओपन सोसाइटी का नेटवर्क फंड करता है। वही ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, जिसके चेयरमैन जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्‍स सोरोस हैं। पिछले साल जब ढाका में विरोध प्रदर्शन चरम पर थे, तब यह खुलकर सामने आ गया था। क्‍योंक‍ि तब 22 अमेर‍िकी सीनेटरों ने अमेर‍िकी विदेश मंत्री एंटनी ब्‍ल‍िंकन को पत्र लिखकर शेख हसीना सरकार के ख‍िलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन सीनेटरों में से एक इल्हान उमर भी थे, जो अमेरिकी कांग्रेस में सोरोस कैंप के कट्टर मेंबर थे।

वहीं, शेख हसीना के पतन के बाद सत्ता में आए जब मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल अक्टूबर में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा की थी, उस वक्त उन्होंने न्यूयॉर्क में जॉर्ज सोरोस से भी मुलाकात की थी। यानि, पिछले चार महीनों के बीच सोरोस परिवार के साथ मोहम्मद यूनुस की दूसरी मुलाकात है।

बांग्लादेश को ट्रंप ने दिया बड़ा झटका, आर्थिक मदद पर लगाई रोक, फिर भी क्यों खुश हो रहें यूनुस

#donald_trump_halts_all_us_aid_to_bangladesh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर तत्काल रोक लगा दी है। सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले उन्होंने यूक्रेन की विदेशी सहायता निलंबित की थी।

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपनी सभी सहायता और प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस फैसले को बांग्लादेश की यूनुस सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।हालांकि, अमेरिका ने रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए दी जाने वाली सहायता राश‍ि को जारी रखा है। अमेरिका के रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए जारी सहायता रखने से मोहम्‍मद यूनुस सरकार थोड़ा खुश है।

अमेरिका बांग्‍लादेश को जलवायु संकट, रोहिंग्‍या शरणार्थी, हेल्‍थ, मानवाधिकारों से लेकर शिक्षा तक के लिए पैसा देता था। ट्रंप प्रशासन का रोहिंग्याओं से जुड़ी समस्‍या के प्रति फोकस है। अमेरिका रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए मानवीय सहायता देने वाले देशों में अग्रणी है। साल 2017 में जब से रोहिंग्‍या संकट शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 2.4 अरब डॉलर की सहायता उसने दी है। यही नजह है कि दुनिया भर के देशों का हुक्‍का पानी बंद करने के बावजूद ट्रंप ने रोहिंग्‍याओं के लिए दी जा रही आर्थिक मदद को आगे भी जारी रखा है। ऐसे में मोहम्‍मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्‍यवाद कहा है।

शेख हसीना के जाने के बाद से ही बांग्‍लादेश आर्थिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। दुनियाभर की कंपनियों ने अपने ऑर्डर रद कर दिए हैं। यही नहीं बिजली का भी देश में संकट चल रहा है। अब ट्रंप के इस आदेश ने बांग्‍लादेश की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एक व्यापक आदेश में केवल इजरायल और मिस्र को छोड़कर, यूक्रेन सहित सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित करेगा। इसमें केवल आपातकालीन खाद्य सहायता और इजरायल, मिस्र के लिए सैन्य मदद को छूट दी गई है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकियों से सतर्क हुआ भारत, पड़ोसी देशों की हर हरकत पर है कड़ी नजर

#isi_active_with_bangladesh_indian_foreign_ministry_response

बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकियां बढ़ रही है। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही पाकिस्तान करीब आता दिख रहा है। बांग्लादेश के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद युनुस के फैसले संकेत दे रहे हैं कि भारत के साथ दूरी बनाने के क्रम में पाकिस्तान के साथ नजदीकियां काफी बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश-पाकिस्तान का करीब आना भारत के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात है। इस बीच पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों की हालिया बांग्लादेश यात्रा ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत को सतर्क जरूर कर दिया है। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने गोपनीय तरीके से अपने चार शीर्ष सदस्यों को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत अपने आस-पास के इलाकों में हो रही घटनाओं पर बहुत करीबी नजर रख रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य संबंधों पर सवाल पूछा गया। इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखता है। उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण और समावेशी संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के बीच समृद्धि और आपसी सहयोग बढ़ाना है।

दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश की आपत्तियों पर भी भारत ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम मानव और पशु तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया जा रहा है और यह मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के दायरे में है। भारत की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वह अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

बता दें कि आईएसआई के विश्लेषण महानिदेशक मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर समेत कई पाकिस्तानी अधिकारी इन दिनों बांग्लादेश में हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हाल ही में बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था और वहां की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की थी