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अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, पूछे ये 5 सवाल

#arvindkejriwalwrotelettermohan_bhagwat

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल ने इस चिट्ठी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी को लेकर आएसएस से सवाल पूछ रहे हैं। पहले उन्होंने जनता की अदालत में आरएसएस चीफ मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे थे।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमलावर नजर आ रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल किए और इस बार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को सीधा चिट्ठी लिखा है और जमकर निशाना साधा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप स्वस्थ होंगे। मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रहीं है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है।''

पूर्व सीएम ने कहा, ''अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाए‌गा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है। इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो में आपके समक्ष रख रहा हूं। मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है।''

अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल

1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है?

2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 ह‌ज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?

3. बीजेपी वो पार्टी थी जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका?

4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखे दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?

5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर ही जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले दस वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमिता महाजन जी आदि। अब अमित शाह जी का कहना है कि यो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?

आज इस्तीफा देंगे केजरीवाल, किसे मिलेगी दिल्ली सीएम की कुर्सी?

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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति पारा हाई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के लेकर राजनीति सरगर्मी आज दिन भर बनी रहेगी। केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि वो दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने शाम 4.30 बजे एलजी वीके सक्सेना से मिलने का वक्त मांगा है। उससे पहले सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक में नया सीएम चुना जाएगा। आप 12 बजे नए सीएम के नाम का ऐलान करेगी। विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम के नाम की घोषणा होगी।

आज सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक होगी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक की औपचारिक सूचना भेजी है। पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने के निर्देश दिए।

सोमवार को हुईं कई बैठकें

इससे पहले सोमवार को कई बैठकें कीं। केजरीवाल ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था-राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों से अपने आधिकारिक आवास पर ‘एक-एक करके’ बैठकें कीं और अगले मुख्यमंत्री को लेकर उनकी राय मांगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा सहित वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। 

सीएम की रेस में ये नेता

मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में मंत्री कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल है। सौरभ भारद्वाज दिल्ली मंत्रिमंडल के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके पास स्वास्थ्य और शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वह भी इस दौड़ में शामिल हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आप किसी दलित या मुस्लिम विधायक को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे ला सकती है। दिल्ली में 12 सीट आरक्षित हैं और लगभग आधा दर्जन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी काफी अधिक है। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में आतिशी को भी एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आतिशी के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और सेवाएं समेत अधिकतम संख्या में विभाग हैं। आतिशी को केजरीवाल का करीबी भी माना जाता है।

केजरीवाल ने किया था इस्तीफे का ऐलान

बता दें कि आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा था कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और पार्टी का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात

#saurabhbhardwajrevealsplanafterarvindkejriwal_resignation 

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। 

दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया।

केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज

आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं।

ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं।

आज शाम को पीएसी की बैठक

सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात
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अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। *दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया। *केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज* आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं। *ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं। *आज शाम को पीएसी की बैठक * सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: आप प्रमुख मनीष सिसोदिया के साथ आज अहम बैठक

#manish_sisodia_and_arvind_kejriwal_to_meet_prior_the_resignation

Manish Sisodia and Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात करेंगे। इससे एक दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, दोनों नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि केजरीवाल की जगह दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन हो सकता है।

पीटीआई के अनुसार, आप नेता ने कहा, "केजरीवाल और सिसोदिया आज मुलाकात करेंगे। उनके द्वारा लिए गए फैसले के बाद यह पहली बैठक होगी। बैठक में अगले मुख्यमंत्री पर भी चर्चा होने की संभावना है।" यह बैठक दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर होगी। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और उनकी पार्टी का कोई सहयोगी मुख्यमंत्री का पद संभालेगा।

केजरीवाल ने कहा था कि वह और मनीष सिसोदिया विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में वापस आएंगे। केजरीवाल ने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें "ईमानदारी का प्रमाणपत्र" नहीं दे देती, तब तक वह कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, "मैं दो दिन बाद इस्तीफा देने जा रहा हूं और लोगों से पूछूंगा कि क्या मैं ईमानदार हूं। मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं, तो मुझे वोट दें। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल दोषी हैं, तो मुझे वोट न दें। आपका हर वोट मेरी ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा।" केजरीवाल की इस आश्चर्यजनक घोषणा के बाद, उनकी पत्नी सुनीता और दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और गोपाल राय के नाम उनके संभावित प्रतिस्थापन के रूप में चर्चा में हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप सुप्रीमो के कदम को "नाटक" और "अपराध की स्वीकारोक्ति" बताया। पार्टी ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के कारण इस्तीफा दिया। अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिलने के बाद पिछले शुक्रवार को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 11 फरवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है। हालांकि, केजरीवाल ने नवंबर में चुनाव कराने की मांग की है। दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव 8 फरवरी, 2020 को हुआ था। 70 सदस्यीय विधानसभा में आप को 62 और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 8 सीटें मिली थीं।

अरविंद केजरीवाल ने चला इस्तीफे का दांव, हरियाणा विधानसभा चुनाव मे कितना होगा असर?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव को 1 महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया है। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। अब सवाल यह है कि केजरीवाल के ये इस्तीफे वाला दांव हरियाणा चुनाव पर कितना असर डालेगा? *हरियाणा चुनाव पर होगा पूरा फोकस* राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम केजरीवाल के इस्तीफे से हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का बड़ा फायदा मिल सकता है। कहा जा रहा है कि इस्तीफे के बाद केजरीवाल हरियाणा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो सकते हैं। चूंकी, हरियाणा आप के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद जाकर हरियाणा के अलग-अलग विधानसभाओं में पार्टी के कैंडिडेट्स के साथ प्रचार करेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीन बार और पंजाब में एक बार सरकार बना चुकी है। ऐसे में अब हरियाणा में भी बड़ा “खेल” कर सकती है। *केजरीवाल खेल रहे इमोशनल कार्ड!* माना ये भी जा रहा है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा की जनता के बीच में बड़ा इमोशनल कार्ड खेलेंगे। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है जबकि हिसार जिले में वो पले बड़े हैं। वो अक्सर खुद को हरियाणा के लाल भी कहते रहते हैं।इसलिए माना जा रहा है कि केजरीवाल अब हरियाणा की जनता के बीच में अपना इमोशनल कार्ड खेलने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी एक प्रमुख पार्टी है। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। केजरीवाल की रिहाई के बाद लग रहा है कि हरियाणा का चुनाव दंगल जोरदार होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, उस समय वोट शेयर महज 1 फीसदी के आसपास का रहा था और किसी भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी। इस चुनाव के बाद आप ने हरियाणा में खुद को मजबूत भी किया और जनता के बीच में अपनी पैठ भी मजबूत की है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का हरियाणा में वोट शेयर 3.94 फीसदी के आसपास पहुंच गया।
अरविंद केजरीवाल ने यूं ही नहीं किया इस्तीफे का ऐलान, जानें इस्तीफे के ऐलान की Inside Story

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।आबकारी नीति मामले में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।तिहाड़ जेल से छूटने के करीब 40 घंटे बाद ही आम आदमी पार्टी के संयोजक ने जिस तरह सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान किया उसने सभी को हैरत में डाल दिया है। सभी के मन में सवाल यही उठ रहा कि आखिर दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में जब वो तिहाड़ जेल में बंद थे तब इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब अचानक इस फैसले की वजह क्या है?

जानकारों को मनना है क‍ि असल में इसके पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला है। ज‍िसमें केजरीवाल को जमानत देते वक्‍त कई शर्ते रखी गई थीं। जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये फैसला लेने का दबाव बढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में उन्हें जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

कानूनी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तें अरविंद केजरीवाल को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की पूरी आजादी नहीं देती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि रिहाई के बाद भी वह सचिवालय या सीएम ऑफिस का दौरा नहीं कर सकते। साथ ही साथ उन फाइलों के अलावा वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी दी जानी है।

केजरीवाल सरकार को इससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता सकता था।वह बाहर आकर द‍िल्‍ली के क‍िसी भी कामकाज को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकते थे। जानकारों का मनना है क‍ि अगर वह यह फैसला इसी वजह से ल‍िया गया है। ताक‍ि द‍िल्‍ली की सीएम की कुर्सी पर कोई और बैठे और राजधानी में जो भी लटके हुए काम हैं उनको जल्‍द से जल्‍द पूरा करके चुनावी मैदान में उतरा जा सके।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। अपनी रिहाई के बाद रविवार को अरविंद केजरीवाल ने आम लोगों को संबोधित करते हुए दो दिन के बाद इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी से कोई दूसरा शख्स दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला होगा। वह और मनीष सिसोदिया जनता में जाएंगे और जनता से अपील करेंगे कि यदि वे ईमानदार नहीं हैं, तो उन्हें वोट नहीं दें।

सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं', केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर बीजेपी का वार, जानें कांग्रेस ने क्या कहा*
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया।तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने पर आज पहली बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो दो दिन सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे।सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं इस्तीफा इसलिए दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही हर तरफ उनके इस्तीफे की चर्चा हो रही है। केजरीवाल इस फैसले पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल ने अग्निपरीक्षा देने का फैसला किया है। वह जनता के बीच में जाएंगे।उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि आप देखिएगा दिल्ली की आम जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर मुहर लगाएगी और काम के नाम पर केजरीवाल को फिर चुनेगी। अब इस पर बीजेपी के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं, जो सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जहां बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह यह बात समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक कट्टर ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्टाचारी नेता की हो चुकी है। आज आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पूरे देशभर में जानी जाती है। अपने इस पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को वापस पाना चाहते हैं। *'केजरीवाल सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं'* इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा इससे दिल्ली की जनता के सामने तीन बातें साफ हो चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनका जीरो बैंक बैलेंस हैं, तो भाई इतना बड़ा शीशमहल आपने कैसे बना लिया। केजरीवाल जी कहते हैं कि मैं दिल्ली की जनता के बीच जाऊंगा। तब तक मैं कोई और मुख्यमंत्री बनाऊंगा, मतलब साफ है कि वह सोनिया गांधी वाले मॉडल को लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से सरकार चलाई। इसी तरह वह सरकार चलाना चाहते हैं और तीसरा यह कि उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह ऐसा करना चाहते हैं। वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। *पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं केजरीवाल- सिरसा* वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे मास्टर स्ट्रोक नहीं ओवर स्मार्ट कदम बताया है। सिरसा ने ये दावा भी किया- 'केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ये दांव चला है। *कांग्रेस ने कहा- महज एक नौटंकी* वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।
अरविंद केजरीवाल 2 दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से देंगे इस्तीफा, जनता पर छोड़ा न्याय का फैसला

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Arvind Kejriwal

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह अगले दो दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद तभी स्वीकार करेंगे जब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता उनकी ईमानदारी को प्रमाणित करेगी। उन्होंने कहा, "हम अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए जनता की अदालत में जाएंगे।"

उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव फरवरी 2025 के बजाय नवंबर 2024 में कराए जाएं।

“कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे। यहां तक ​​कि उन्होंने भी हम पर पाबंदियां लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें। मैं निर्वाचित होने के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा। चुनाव फरवरी में होने हैं। मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराए जाएं। चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले सीएम का चुनाव किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी को तोड़कर अपनी सरकार बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि वे उनका मनोबल भी तोड़ना चाहते थे, लेकिन वे इसमें विफल रहे। उन्होंने कहा, "वे पार्टी को तोड़ना चाहते थे, केजरीवाल का साहस और मनोबल तोड़ना चाहते थे। उन्होंने एक फॉर्मूला बनाया है-- पार्टियां तोड़ो, विधायक तोड़ो, नेताओं को जेल भेजो। उन्हें लगा कि केजरीवाल को जेल भेजकर वे दिल्ली में सरकार बना लेंगे। लेकिन वे हमारी पार्टी को नहीं तोड़ सके, वे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नहीं तोड़ सके।" 

अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में भी बात की कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था। उन्होंने एक नया फॉर्मूला बनाया है-- जहां भी वे हारते हैं, वे सीएम को जेल भेजते हैं और अपनी सरकार बनाते हैं।" 

अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों से अपील की कि अगर उन्हें झूठे आरोपों में जेल भेजा जाता है, तो वे इस्तीफा न दें। केजरीवाल को 11 मार्च को दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। पिछले सप्ताह उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। उन्हें जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने और किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया।

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तेरा भी तेरी दादी वाला हाल होगा", कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो, जानें राहुल गांधी को किसने दी धमकी?

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'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर देश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। वहीं, देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल गांधी को मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला हाल होने की धमकी दे रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्रवाई करने को कहा है। कांग्रेस ने लिखा, "दिल्ली बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ। बीजेपी का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपकी पार्टी की नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।"

बता दें कि राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'

अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, पूछे ये 5 सवाल

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल ने इस चिट्ठी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी को लेकर आएसएस से सवाल पूछ रहे हैं। पहले उन्होंने जनता की अदालत में आरएसएस चीफ मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे थे।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमलावर नजर आ रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल किए और इस बार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को सीधा चिट्ठी लिखा है और जमकर निशाना साधा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप स्वस्थ होंगे। मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रहीं है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है।''

पूर्व सीएम ने कहा, ''अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाए‌गा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है। इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो में आपके समक्ष रख रहा हूं। मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है।''

अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल

1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है?

2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 ह‌ज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?

3. बीजेपी वो पार्टी थी जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका?

4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखे दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?

5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर ही जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले दस वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमिता महाजन जी आदि। अब अमित शाह जी का कहना है कि यो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?

आज इस्तीफा देंगे केजरीवाल, किसे मिलेगी दिल्ली सीएम की कुर्सी?

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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति पारा हाई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के लेकर राजनीति सरगर्मी आज दिन भर बनी रहेगी। केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि वो दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने शाम 4.30 बजे एलजी वीके सक्सेना से मिलने का वक्त मांगा है। उससे पहले सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक में नया सीएम चुना जाएगा। आप 12 बजे नए सीएम के नाम का ऐलान करेगी। विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम के नाम की घोषणा होगी।

आज सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक होगी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक की औपचारिक सूचना भेजी है। पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने के निर्देश दिए।

सोमवार को हुईं कई बैठकें

इससे पहले सोमवार को कई बैठकें कीं। केजरीवाल ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था-राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों से अपने आधिकारिक आवास पर ‘एक-एक करके’ बैठकें कीं और अगले मुख्यमंत्री को लेकर उनकी राय मांगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा सहित वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। 

सीएम की रेस में ये नेता

मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में मंत्री कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल है। सौरभ भारद्वाज दिल्ली मंत्रिमंडल के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके पास स्वास्थ्य और शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वह भी इस दौड़ में शामिल हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आप किसी दलित या मुस्लिम विधायक को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे ला सकती है। दिल्ली में 12 सीट आरक्षित हैं और लगभग आधा दर्जन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी काफी अधिक है। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में आतिशी को भी एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आतिशी के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और सेवाएं समेत अधिकतम संख्या में विभाग हैं। आतिशी को केजरीवाल का करीबी भी माना जाता है।

केजरीवाल ने किया था इस्तीफे का ऐलान

बता दें कि आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा था कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और पार्टी का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात

#saurabhbhardwajrevealsplanafterarvindkejriwal_resignation 

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। 

दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया।

केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज

आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं।

ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं।

आज शाम को पीएसी की बैठक

सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात
#saurabh_bhardwaj_reveals_plan_after_arvind_kejriwal_resignation *”
अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। *दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया। *केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज* आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं। *ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं। *आज शाम को पीएसी की बैठक * सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: आप प्रमुख मनीष सिसोदिया के साथ आज अहम बैठक

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Manish Sisodia and Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात करेंगे। इससे एक दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, दोनों नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि केजरीवाल की जगह दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन हो सकता है।

पीटीआई के अनुसार, आप नेता ने कहा, "केजरीवाल और सिसोदिया आज मुलाकात करेंगे। उनके द्वारा लिए गए फैसले के बाद यह पहली बैठक होगी। बैठक में अगले मुख्यमंत्री पर भी चर्चा होने की संभावना है।" यह बैठक दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर होगी। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और उनकी पार्टी का कोई सहयोगी मुख्यमंत्री का पद संभालेगा।

केजरीवाल ने कहा था कि वह और मनीष सिसोदिया विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में वापस आएंगे। केजरीवाल ने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें "ईमानदारी का प्रमाणपत्र" नहीं दे देती, तब तक वह कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, "मैं दो दिन बाद इस्तीफा देने जा रहा हूं और लोगों से पूछूंगा कि क्या मैं ईमानदार हूं। मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं, तो मुझे वोट दें। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल दोषी हैं, तो मुझे वोट न दें। आपका हर वोट मेरी ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा।" केजरीवाल की इस आश्चर्यजनक घोषणा के बाद, उनकी पत्नी सुनीता और दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और गोपाल राय के नाम उनके संभावित प्रतिस्थापन के रूप में चर्चा में हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप सुप्रीमो के कदम को "नाटक" और "अपराध की स्वीकारोक्ति" बताया। पार्टी ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के कारण इस्तीफा दिया। अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिलने के बाद पिछले शुक्रवार को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 11 फरवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है। हालांकि, केजरीवाल ने नवंबर में चुनाव कराने की मांग की है। दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव 8 फरवरी, 2020 को हुआ था। 70 सदस्यीय विधानसभा में आप को 62 और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 8 सीटें मिली थीं।

अरविंद केजरीवाल ने चला इस्तीफे का दांव, हरियाणा विधानसभा चुनाव मे कितना होगा असर?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव को 1 महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया है। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। अब सवाल यह है कि केजरीवाल के ये इस्तीफे वाला दांव हरियाणा चुनाव पर कितना असर डालेगा? *हरियाणा चुनाव पर होगा पूरा फोकस* राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम केजरीवाल के इस्तीफे से हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का बड़ा फायदा मिल सकता है। कहा जा रहा है कि इस्तीफे के बाद केजरीवाल हरियाणा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो सकते हैं। चूंकी, हरियाणा आप के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद जाकर हरियाणा के अलग-अलग विधानसभाओं में पार्टी के कैंडिडेट्स के साथ प्रचार करेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीन बार और पंजाब में एक बार सरकार बना चुकी है। ऐसे में अब हरियाणा में भी बड़ा “खेल” कर सकती है। *केजरीवाल खेल रहे इमोशनल कार्ड!* माना ये भी जा रहा है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा की जनता के बीच में बड़ा इमोशनल कार्ड खेलेंगे। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है जबकि हिसार जिले में वो पले बड़े हैं। वो अक्सर खुद को हरियाणा के लाल भी कहते रहते हैं।इसलिए माना जा रहा है कि केजरीवाल अब हरियाणा की जनता के बीच में अपना इमोशनल कार्ड खेलने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी एक प्रमुख पार्टी है। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। केजरीवाल की रिहाई के बाद लग रहा है कि हरियाणा का चुनाव दंगल जोरदार होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, उस समय वोट शेयर महज 1 फीसदी के आसपास का रहा था और किसी भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी। इस चुनाव के बाद आप ने हरियाणा में खुद को मजबूत भी किया और जनता के बीच में अपनी पैठ भी मजबूत की है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का हरियाणा में वोट शेयर 3.94 फीसदी के आसपास पहुंच गया।
अरविंद केजरीवाल ने यूं ही नहीं किया इस्तीफे का ऐलान, जानें इस्तीफे के ऐलान की Inside Story

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।आबकारी नीति मामले में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।तिहाड़ जेल से छूटने के करीब 40 घंटे बाद ही आम आदमी पार्टी के संयोजक ने जिस तरह सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान किया उसने सभी को हैरत में डाल दिया है। सभी के मन में सवाल यही उठ रहा कि आखिर दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में जब वो तिहाड़ जेल में बंद थे तब इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब अचानक इस फैसले की वजह क्या है?

जानकारों को मनना है क‍ि असल में इसके पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला है। ज‍िसमें केजरीवाल को जमानत देते वक्‍त कई शर्ते रखी गई थीं। जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये फैसला लेने का दबाव बढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में उन्हें जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

कानूनी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तें अरविंद केजरीवाल को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की पूरी आजादी नहीं देती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि रिहाई के बाद भी वह सचिवालय या सीएम ऑफिस का दौरा नहीं कर सकते। साथ ही साथ उन फाइलों के अलावा वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी दी जानी है।

केजरीवाल सरकार को इससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता सकता था।वह बाहर आकर द‍िल्‍ली के क‍िसी भी कामकाज को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकते थे। जानकारों का मनना है क‍ि अगर वह यह फैसला इसी वजह से ल‍िया गया है। ताक‍ि द‍िल्‍ली की सीएम की कुर्सी पर कोई और बैठे और राजधानी में जो भी लटके हुए काम हैं उनको जल्‍द से जल्‍द पूरा करके चुनावी मैदान में उतरा जा सके।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। अपनी रिहाई के बाद रविवार को अरविंद केजरीवाल ने आम लोगों को संबोधित करते हुए दो दिन के बाद इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी से कोई दूसरा शख्स दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला होगा। वह और मनीष सिसोदिया जनता में जाएंगे और जनता से अपील करेंगे कि यदि वे ईमानदार नहीं हैं, तो उन्हें वोट नहीं दें।

सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं', केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर बीजेपी का वार, जानें कांग्रेस ने क्या कहा*
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया।तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने पर आज पहली बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो दो दिन सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे।सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं इस्तीफा इसलिए दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही हर तरफ उनके इस्तीफे की चर्चा हो रही है। केजरीवाल इस फैसले पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल ने अग्निपरीक्षा देने का फैसला किया है। वह जनता के बीच में जाएंगे।उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि आप देखिएगा दिल्ली की आम जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर मुहर लगाएगी और काम के नाम पर केजरीवाल को फिर चुनेगी। अब इस पर बीजेपी के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं, जो सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जहां बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह यह बात समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक कट्टर ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्टाचारी नेता की हो चुकी है। आज आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पूरे देशभर में जानी जाती है। अपने इस पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को वापस पाना चाहते हैं। *'केजरीवाल सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं'* इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा इससे दिल्ली की जनता के सामने तीन बातें साफ हो चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनका जीरो बैंक बैलेंस हैं, तो भाई इतना बड़ा शीशमहल आपने कैसे बना लिया। केजरीवाल जी कहते हैं कि मैं दिल्ली की जनता के बीच जाऊंगा। तब तक मैं कोई और मुख्यमंत्री बनाऊंगा, मतलब साफ है कि वह सोनिया गांधी वाले मॉडल को लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से सरकार चलाई। इसी तरह वह सरकार चलाना चाहते हैं और तीसरा यह कि उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह ऐसा करना चाहते हैं। वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। *पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं केजरीवाल- सिरसा* वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे मास्टर स्ट्रोक नहीं ओवर स्मार्ट कदम बताया है। सिरसा ने ये दावा भी किया- 'केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ये दांव चला है। *कांग्रेस ने कहा- महज एक नौटंकी* वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।
अरविंद केजरीवाल 2 दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से देंगे इस्तीफा, जनता पर छोड़ा न्याय का फैसला

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Arvind Kejriwal

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह अगले दो दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद तभी स्वीकार करेंगे जब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता उनकी ईमानदारी को प्रमाणित करेगी। उन्होंने कहा, "हम अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए जनता की अदालत में जाएंगे।"

उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव फरवरी 2025 के बजाय नवंबर 2024 में कराए जाएं।

“कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे। यहां तक ​​कि उन्होंने भी हम पर पाबंदियां लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें। मैं निर्वाचित होने के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा। चुनाव फरवरी में होने हैं। मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराए जाएं। चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले सीएम का चुनाव किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी को तोड़कर अपनी सरकार बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि वे उनका मनोबल भी तोड़ना चाहते थे, लेकिन वे इसमें विफल रहे। उन्होंने कहा, "वे पार्टी को तोड़ना चाहते थे, केजरीवाल का साहस और मनोबल तोड़ना चाहते थे। उन्होंने एक फॉर्मूला बनाया है-- पार्टियां तोड़ो, विधायक तोड़ो, नेताओं को जेल भेजो। उन्हें लगा कि केजरीवाल को जेल भेजकर वे दिल्ली में सरकार बना लेंगे। लेकिन वे हमारी पार्टी को नहीं तोड़ सके, वे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नहीं तोड़ सके।" 

अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में भी बात की कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था। उन्होंने एक नया फॉर्मूला बनाया है-- जहां भी वे हारते हैं, वे सीएम को जेल भेजते हैं और अपनी सरकार बनाते हैं।" 

अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों से अपील की कि अगर उन्हें झूठे आरोपों में जेल भेजा जाता है, तो वे इस्तीफा न दें। केजरीवाल को 11 मार्च को दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। पिछले सप्ताह उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। उन्हें जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने और किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया।

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तेरा भी तेरी दादी वाला हाल होगा", कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो, जानें राहुल गांधी को किसने दी धमकी?

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'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर देश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। वहीं, देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल गांधी को मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला हाल होने की धमकी दे रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्रवाई करने को कहा है। कांग्रेस ने लिखा, "दिल्ली बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ। बीजेपी का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपकी पार्टी की नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।"

बता दें कि राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'