जी7 समिट में ट्रूडो से मिले पीएम मोदी, जानें भारत-कनाडा तनाव के बीच कैसी रही मुलाकात
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जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली दौरे से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। जी 7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कई देशों के बड़े नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा, जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की। इन सबके बीच इटली में कनाडा के समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से हुई उनकी मुलाकात काफी चर्चा में रही।
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दरअसल, आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत में पिछले साल से तनावपूर्ण संबंध देखे गए हैं। इस तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो पहली बार मिले। इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर यह मुलाकात हुई। मुलाकात की तस्वीरें पीएम मोदी ने एक्स पर शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा, 'जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।'
बता दें कि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के सामने हत्या हो गई थी। जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में संसद में खड़े होकर हत्या का आरोप भारतीय एजेंट्स पर लगाया। इसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। भारत ने ट्रूडों के आरोपों को बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया। हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की ओर से की जा रही है। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा कनाडा की ओर से अपनी जमीन पर खालिस्तान समर्थकों को छूट देना है।
जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को 'आउटरीच देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है। बता दें, जी7 में सात सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ की भागीदारी है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत कई वैश्विक नेताओं का जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए स्वागत किया।






दुनिया के 7 ताकतवर देशों (जी7) का सम्मेलन इटली में आयोजित हुआ। इस समिट में दुनिया के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन केंद्र में रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा युद्ध रहा।रूस और यूक्रेन का युद्ध जबसे शुरू हुआ था तभी से दुनियाभर के बड़े देश अपना-अपना स्टैंड ले रहे थे। भारत पर भी निगाहें बनी हुई थीं। भारत ने पहले ही बता दिया था कि युद्ध किसी भी तरह से सही नहीं है। भारत ने ये बाद रूस और यूक्रेन दोनों को बताई थी। अब जबकि इटली में जी सेवन समिट हो रहा है कि तो पीएम मोदी की मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति से हुई। यहां भी पीएम मोदी ने बताया कि शांति के लिए वे दो सूत्र क्या हैं जो जरूरी हैं। *भारत बातचीत और कूटनीतिक रास्ते के जरिए मामले के शांतिपूर्ण निपटारे का पक्षधर-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीतिक रास्ते के जरिए मामले के शांतिपूर्ण निपटारे का पक्षधर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान के लिए वो सब करेगा जो उसके हाथ में होगा। दोनों नेताओं में ये भी सहमति बनी कि दोनों आने वाले वक्त में बातचीत जारी रखेंगे। जेलेंस्की रूस के साथ शांति वार्ता में भारत को अहम सहयोगी के तौर पर देखते हैं। इसलिए जेलेंस्की ने स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन में भारत को खास तौर पर आमंत्रित किया है। *अपुलिया खाद्य प्रणाली पहल को दी गई मंजूरी* रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में पैदा हुए अनाज संकट को ध्यान में रखकर शुक्रवार को जी-7 देशों ने वैश्विक कुपोषण के खिलाफ खाद्य सुरक्षा पहल शुरू की है। इस पहल को जी-7 अपुलिया खाद्य प्रणाली पहल (एएफएसआई) नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए संरचनात्मक बाधाओं को दूर करना है। यह पहल निम्न आय वाले देशों पर ध्यान केंद्रित करेगी और अफ्रीका में खाद्य सुरक्षा परियोजनाओं का समर्थन करेगी, ताकि अफ्रीका से लोगों के विस्थापन और प्रवास में कमी आए। G-7 शिखर सम्मेलन पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला से मुलाकात की. जी-7 शिखर सम्मेलन में सात देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. हालांकि इटली के निमंत्रण पर अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात मेहमान के तौर शामिल हुए थे



Jun 15 2024, 12:00
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