बहराइच: उद्योग व्यापार मंडल ने जीएसटी विभाग पर लगाया बड़ा आरोप, सौंपा ज्ञापन
बहराइच। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने आरोप लगाया है कि जीएसटी के पुराने मामलों की देश भर में सबसे ज्यादा नोटिसें यूपी का जीएसटी विभाग जारी कर रहा है। जीएसटी विसंगतियों के समाधान व अमानवीय ढंग से पेनाल्टी व ब्याज लगाए जाने के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर बहराइच व्यापार मंडल ने उत्तर प्रदेश के राज्य कर कमिश्नर को ज्ञापन भेजा है।
उद्योग व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष गौरीशंकर भानीरामका के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने बहराइच जीएसटी उपायुक्त सीके गौतम के माध्यम से यूपी जीएसटी कमिश्नर को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि 2017-18 व 2018-19 के मामलों की सुनवाई 2020 में होनी थी। इसी बीच कोविड की त्रासदी से दो चार होना पड़ा तो विभाग ने समय भी बढ़ा दिया था।
लेकिन कोविड से व्यापारी संभलते तभी ये नोटिसें आने लगीं। ऐसे समय का ब्याज मांगना और पेनल्टी लगाना पूर्णतः अमानवीय है और ऐसा मात्र उत्तर प्रदेश राज्य के द्वारा ही किया जा रहा है जबकि उपरोक्त समय का ब्याज व पेनाल्टी पूर्णतः माफ होना चाहिए थी।
जिलाध्यक्ष गौरीशंकर भानीरामका ने कहा कि केसों में ब्याज की रकम मूल कर से भी ज्यादा हो जा रही है। जो कि पूर्णतः अनुचित है। अध्यक्ष कुलभूषण अरोरा ने बताया कि जीएसटी की धारा 73 व धारा 61 के तहत जारी नोटिसों में तमाम विसंगतियां हैं। तमाम व्यापारी इस धारा की जद से बाहर हैं लेकिन उन्हें भी नोटिसें जारी कर दी गयी हैं।
ज्ञापन में हमने ऐसी सभी नोटिसें वापस लेने की मांग रखी है। जिला महामंत्री शीतल अग्रवाल ने बताया कि विभाग 18 प्रतिशत की वार्षिक दर से कर व पेनाल्टी पर ब्याज लगाता है जो कि 6 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। महामंत्री दीपक सोनी दाऊजी ने बताया कि 16 अक्टूबर को राज्य कर आयुक्त कार्यालय से जारी आईटीसी रिवर्सल का परिपत्र जीएसटी प्रावधानों के प्रतिकूल है।
विभाग से इसे वापस लेने की मांग की गयी है। सोनी ने कहा कि जिस समय व्यापारी सरकार से जीएसटी माफी पैकेज की उम्मीद लगाए था उस समय काल पर पेनाल्टी व ब्याज लगाए जाने से व्यापारी अचंभे में है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजमोहन मातनहेलिया ने कहा कि 17-18 व 18-19 में व्यापारी ही नहीं, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, वकीलों और अधिकारियों तक को जीएसटी एक्ट की पूरी जानकारी नहीं थी।
सरकार आए दिन बदलाव कर रही थी। विसंगतियां तो होनी ही थीं! हमने मांग रखी है कि धारा 61 के अन्तर्गत जिन व्यापारियों की विसंगतियों का अंतर 5 हजार रूपये से कम हो उन्हें नोटिस जारी न किये जाएं साथ ही 5 हजार से कम डिमांड वाले कर नोटिस वापस लिए जाएं।
उपाध्यक्ष मनीष मल्होत्रा ने कहा कि 2-3 वर्षों से देश ही नहीं संपूर्ण विश्व कोरोना काल की विभीषिका झेल रहा है। कोविड के बाद जब व्यापार पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है तब मिल रही इन नोटिसों से व्यापारियों में हड़कम्प है। इन नोटिसों से खासतौर पर मध्यम वर्गीय व्यापारी परेशान है।
शनिवार को जीएसटी उपायुक्त बहराइच सीके गौतम को ज्ञापन सौंपने पहुंचे यूपी उद्योग व्यापार मंडल प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष गौरीशंकर भानीरामका, जिला महामंत्री शीतल अग्रवाल, अध्यक्ष कुलभूषण अरोरा, महामंत्री दीपक सोनी दाऊजी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजमोहन मातनहेलिया व उपाध्यक्ष मनीष मल्होत्रा शामिल रहे।
Nov 05 2023, 17:56