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बुलंदशहर स्याना हिंसा मामला: 39 दोषी करार, 5 पर हत्या का आरोप तय, 1 अगस्त को होगा सजा का ऐलान

बुलंदशहर। बहुचर्चित स्याना हिंसा कांड और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में एडीजे-12 न्यायाधीश गोपाल जी की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने इस मामले में नामजद 39 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जिनमें 5 को इंस्पेक्टर की हत्या का दोषी माना गया है, जबकि अन्य 33 को बलवा, फायरिंग (धारा 307), शासकीय कार्य में बाधा, व अन्य गंभीर धाराओं में दोषी पाया गया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। अब 1 अगस्त को सजा का ऐलान किया जाएगा।

हत्या के दोषी घोषित हुए ये पांच आरोपी: प्रशांत नट, डेविड, जोनी, राहुल और लोकेंद्र उर्फ मामा है। मालूम हो कि इस हिंसक घटना के दौरान 3 दिसंबर 2018 को स्याना में कथित गोवंश हत्या को लेकर उपद्रव हुआ था। इसमें थाना प्रभारी सुबोध सिंह की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। भीड़ ने थाने पर हमला किया और आगजनी की थी।

चार्जशीट में थे कुल 44 नाम

इस केस में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में कुल 44 नाम शामिल थे, जिनमें से 5 की मौत हो चुकी है, जबकि एक बाल अपचारी को छोड़ बाकी सभी 39 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं।

कोर्ट का फैसला –

“यह मामला न केवल एक पुलिस अधिकारी की हत्या का है, बल्कि कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती देने का भी है। भीड़ द्वारा सुनियोजित हिंसा और हत्या लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।”

इस ऐतिहासिक फैसले से सुबोध सिंह के परिजन व सहयोगियों को आंशिक न्याय की उम्मीद जगी है। अब 1 अगस्त को कोर्ट यह तय करेगा कि दोषियों को कितनी सजा दी जाएगी।

कान खोलकर सुन लें...' ट्रंप के दावों पर बिफरे विदेश मंत्री एस जयशंकर

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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में विपक्ष के तमाम सवालों और आरोपों का सिलसिलेवार और तीखा जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, मैं उनको कहना चाहता हूं, कान खोलके सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक भी फोन कॉल राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच में नहीं हुआ।

विपक्ष को जयशंकर की दो टूक

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति के संघर्ष विराम के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच एस जयशंकर ने कहा कि मैं उनको कहना चाहता हूं, वे कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच एक बार भी फोन पर बात नहीं हुई।जयशंकर ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय नीति है कि कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से संघर्ष विराम का अनुरोध किया गया था।

कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा-जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि 'जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तो कई देश यह जानना चाहते थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और ये हालात कब तक चलेंगे, लेकिन हमने सभी को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा। हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं, और देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को इसका अनुरोध करना होगा और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।

सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान-जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने नूर खान एयरबेस समेत कई आतंकी ठिकानों पर सफल हमले किए। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उनका अपमान है। भारतीय सेना ने अकेले दम पर आतंकियों का सफाया किया है।

खून-पानी एक साथ नहीं बहेगा... सिंधु जल समझौते स्थगित करने पर राज्यसभा में जयशंकर की दो टूक

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संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर गरमा-गर्म बहस जारी है।संसद में मानसून सत्र का आज आंठवा दिन है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में बहस पूरी हो चुकी है, तो वहीं राज्यसभा में अभी भी बहस जारी है। बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चर्चा में शामिल होते हुए विपक्ष पर हमला बोला। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि हमने सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया। ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि पाकिस्तान आतंकी घटनाओं पर लगाम लगाता नहीं दिख रहा।

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सिंधु जल संधि पर कांग्रेस को जबरदस्त घेरा। उन्होंने कहा, सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनूठा समझौता है। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को उस नदी पर अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो। इसलिए यह एक असाधारण समझौता था और, जब हमने इसे स्थगित कर दिया है, तो इस घटना के इतिहास को याद करना महत्वपूर्ण है। कल मैंने लोगों को सुना, कुछ लोग इतिहास से असहज हैं। वे चाहते हैं कि ऐतिहासिक चीजों को भुला दिया जाए। शायद यह उन्हें शोभा नहीं देता, वे केवल कुछ चीजों को याद रखना पसंद करते हैं।

कांग्रेस पर करारा अटैक

जयशंकर ने विपक्ष पर करारा अटैक करते हुए कहा कि, उन्होंने कहा कि उनको फिक्र थी पाकिस्तानी किसानों की थी, हमें फिक्र हैं हिमाचल-राजस्थान के किसानों की। सिंधु जल समझौता शांति की कीमत थी नहीं ये तुष्टीकरण की कीमत थी। इसी के साथ जयशंकर ने तत्कालिन कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला किया।

मोदी सरकार का आतंकवाद पर सख्त एक्शन

विदेश मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद पर सख्त एक्शन का फैसला लिया। पहलगाम हमले के बाद हमने कहा कि खून और पानी साथ नहीं बह सकता। हमने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया। हमने ऑपरेशन सिंदूर में लक्ष्य को हासिल किया। आधे घंटे के एक्शन में हमने पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी संगठनों को निशाना बनाया। हमारे टारगेट में आम लोग नहीं थे।

हमने आतंकवादी को ग्लोबल एजेंडा बनाया-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले दशक से पीएम मोदी के सरकार ने आतंकवाद को लेकर कई सारी चीजें बदली हैं। हमलोगों ने आतंकवादी को ग्लोबल एजेंडा बनाया है। इस तरह से हम कहसकते हैं कि अगर आज आतंकवाद के बारे में विश्व के किसी भी मंच पर चर्चा करते हैं तो वह पीएम मोदी की वजह से मुमकिन हो सका है। हम लोगों ने मसूद अजहर और अब्दुल रहमान मक्की जैसे खतरनाक आतंकवादियों को यूनाईटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में रखने में कामयाब रहे हैं।

अंतरिक्ष में भारत रचने जा रहा एक और इतिहास, दुनिया के सबसे दमदार राडार निसार की लॉन्चिंग आज

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दुनिया की दो सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसी का ज्वाइंट प्रोजेक्ट है, नासा इसरो सेंथिटिक एपर्चर राडार यानी निसार। नासा और इसरो इस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे है। यह पहली बार है, जब भारतीय एजेंसी इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने साथ मिलकर संयुक्त रूप से इस सैटेलाइट का निर्माण किया है। अब तक का सबसे महंगा और सबसे पावरफुल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट निसार आज यानी, बुधवार 30 जुलाई को लॉन्च होगा। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 5:40 बजे जीएसएलवी-F16 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा।

इस मिशन की अवधि 5 साल

यह उपग्रह अंतरिक्ष की खोज की दिशा में भारत और अमेरिका के सहयोग से पूरा होने वाला एक महत्वपूर्ण स्पेस मिशन है। इसके लिए दोनों स्पेस एजेंसियों के बीच एक दशक से भी ज्यादा समय तक मानवीय तालमेल के अलावा सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जुगलबंदी हुई है, तब जाकर यह दिन देखने को मिला है। निसार उपग्रह का उद्देश्य सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट से संपूर्ण पृथ्वी का अध्ययन करना है। ये रॉकेट निसार को 743 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूरज के साथ तालमेल वाली सन-सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित करेगा, जिसका झुकाव 98.4 डिग्री होगा। इसमें करीब 18 मिनट लगेंगे। निसार 747 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। पोलर ऑर्बिट एक ऐसी कक्षा है जिसमें सैटेलाइट धरती के ध्रुवों (उत्तर और दक्षिण) के ऊपर से गुजरता है। इस मिशन की अवधि 5 साल है।

धरती पर होने वाली हर हलचल का पता चलेगा

स्पेस में ऑपरेशनल हो जाने के बाद ये उपग्रह अपने उन्नत राडार से इमेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए पूरी धरती की हाई क्वालिटी इमेंज लेगा। ये धरती पर होने वाली हर तरह की हलचल का पता लगा सकेगा। आर्कटिक और अंटार्कटिंक एरिया में जो बर्फ की चादरें पिघल रही है। अर्थ की सिसनिक प्लेटों में हो रही गतिविधि का पता चल सकेगा। जिससे भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा को रोका जा सकेगा। ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र और सागर की गहराई की हर जानकारी देगा। इसकी मदद से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम किए जा सकेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह उपग्रह वनों पर पड़ने वाले मौसमी प्रभाव, पहाड़ों में बदलाव, ग्लेशियर की गतिविधियों की जानकारी जुटाएगा। इसके तहत इसका ध्यान मूल रूप से हिमालय और अंटार्टिका के अलावा उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र में रहेगा

निसार के लॉन्च के बाद का प्लान

लॉन्च के बाद पहले 90 दिन कमीशनिंग या ऑर्बिट में इसकी गतिविधियों की निगरानी होगी। इसरो के अनुसार ऑर्बिट में छानबीन से ऑब्जर्वेटरी को वैज्ञानिक कार्यों की तैयारी करने में सहायता मिलेगी। निसार मिशन को दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों के ग्राउंड स्टेशन की सहायता मिलेगी। यहीं पर इससे प्राप्त इमेज को डाउनलोड किया जा सकेगा, जिन्हें आवश्यक प्रोसेसिंग के बाद उपयोगकर्ता तक पहुंचाया जाएगा।

एअर इंडिया में 100 खामियां... DGCA की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, कितना गंभीर?

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अहमदाबाद प्‍लेन क्रैश के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया का डिटेल ऑडिट शुरू किया था। इस ऑडिट में डीजीसीए ने टाटा समूह की एयरलाइंस में कमियां ही कमियां पाईं है। रिपोर्ट में प्रशिक्षण, चालक दल के आराम और ड्यूटी अवधि के मानदंडों, और एयरफील्ड योग्यता सहित लगभग 100 खामियां पाई गई हैं। डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट में सात खामियों को ‘लेवल-1’ का पाया है। यानी ये खामियां न केवल बेहद गंभीर हैं, जिन्हें जल्द से जल्द ठीक करने को कहा गया है।

डीजीसीए की यह खुलासा हालिया ऑडिट के बाद किया है, जो पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता विषय है। डीजीसीए ने अपने ऑडिट में एयर इंडिया के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खामियां पाई हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई सूत्रों के मुताबिक इनमें पायलटों और केबिन क्रू की ट्रेनिंग, उनके आराम और ड्यूटी के नियम और उड़ान भरने-उतरने से जुड़े मानकों में करीब 100 तरह की गड़बड़ियां शामिल हैं। हालांकि, रॉयटर्स के मुताबिक, ये संख्या 51 है। इनमें से 7 गड़बड़ियां 'लेवल-1' की हैं। ये सबसे गंभीर सुरक्षा जोखिम हैं और एयरलाइन को इन्हें 30 जुलाई तक ठीक करना होगा। बाकी बाकी 44 खामियों को 23 अगस्त तक सुधारने को कहा गया है।

डीजीसीए ने एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस भेजा

यह ऑडिट 1 से 4 जुलाई के बीच गुरुग्राम में एयर इंडिया के मुख्‍यालय पर किया गया था। ऑडिट के दौरान, डीजीसीए ने एयरलाइंस के फ्लाइट शेड्यूलिंग, रोस्टरिंग (एयरलाइन स्‍टाफ की ड्यूटी तय करना) सहित ऑपरेशनल प्रॉसेस की गहन जांच की थी। डीजीसीए ने 23 जुलाई को एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस भेजे थे। ये केबिन क्रू के आराम और ड्यूटी नियमों, ट्रेनिंग रूल्स, और ऑपरेशनल प्रोसीजर के उल्लंघन को लेकर थे।

इससे पहले 21 जून को डीजीसीए ने चालक दल की शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग की जिम्मेदारी से जुड़े तीन अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए थे। डीजीसीए ने उनकी कार्यशैली में गंभीर लापरवाही पाई थी।

खामियों को जल्द ठीक करने का दिया भरोसा

एअर इंडिया ने एक बयान में इन ऑडिट नतीजों को स्वीकार किया है और कहा है कि वे तय समय के अंदर डीजीसीए को अपना जवाब देंगे। एअर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि हम इस तरह के ऑडिस से अन्य एयरलाइंस की तरह ही गुजरते हैं। ऐसा करने के पीछे की वजह है कि हम अपनी सुविधाओं और प्रक्रियाओं को और बेहतर कर सकें. जुलाई में हुई इस ऑडिट में हमने पूरी पारदर्शिता बरती है। इसके साथ ही एयरलाइन ने सभी खामियों को जल्द से जल्द ठीक करने की बात कही है।

रूस में 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी, जापान और अमेरिका तक दहशत

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रूस में एक जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। बुधवार को रूस के कमचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे स्थानीय प्रशासन ने दशकों में सबसे शक्तिशाली बताया है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समंदर में सुनामी की लहरें उठी हैं। रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी आ गई। होनोलूलू में मंगलवार को सुनामी चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।

भूकंप के बाद सुनामी

समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई है। यह घटना रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद हुई है। कुरिल आइसलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें टकराई हैं। कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन भी बजाय जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि तटीय क्षेत्रों में न जाएं। भूकंप की वजह से समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया।

जापान के तट पर 1.3 फीट ऊंची सुनामी

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडों के दक्षिणी तट पर स्थित टोकाची में 1.3 फीट ऊंची सुनामी की जानकारी दी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो पहुंची। भूकंप और सुनामी चेतावनी के बाद जापान के उत्तर-पूर्वी फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से सभी कर्मचारियों को एहतियातन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि सुबह 10 बजे से 11.30 बजे के बीच जापान के प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिका के हवाई राज्य में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई है।

मेक्सिको में भी सुनामी को लेकर अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के बाद मेक्सिको ने लोगों को प्रशांत महासागर के तटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। मेक्सिको के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोकने के लिए सभी सरकारी स्तरों पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है।

फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सुनामी चेतावनी

रूस भूकंप लाइव न्यूज: रूस के पूर्वी तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद फिलीपींस और इंडोनेशिया ने अपने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. फिलीपींस के ज्वालामुखी और भूकंपीय संस्थान के अनुसार, देश के प्रशांत महासागर से सटे तटवर्ती क्षेत्रों में 1 मीटर तक ऊंची लहरें दोपहर 1:20 बजे से 2:40 बजे के बीच पहुंच सकती हैं। वहीं, इंडोनेशिया की भू-भौतिकी एजेंसी ने भी चेताया है कि बुधवार दोपहर कुछ क्षेत्रों में 0.5 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: निर्वाचन आयोग ने प्रकाशित की विस्तृत मार्गदर्शिका पुस्तिका

नई दिल्ली, 29 जुलाई, 2025: भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी 'भारत के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव, 2025' को लेकर आम जनता में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पुस्तिका प्रकाशित की है। यह पुस्तिका उपराष्ट्रपति चुनाव के सभी उल्लेखनीय पहलुओं को सरल और सुबोध तरीके से स्पष्ट करती है।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत भारत निर्वाचन आयोग को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने का अधिकार प्राप्त है। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के प्रावधानों के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद में मृत्यु, इस्तीफे, पद से हटाए जाने या किसी अन्य कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव रिक्ति होने के बाद यथाशीघ्र आयोजित किया जाएगा। इस रिक्ति को भरने के लिए चुने गए व्यक्ति, अनुच्छेद 67 के प्रावधानों के अधीन, अपने पद ग्रहण करने की तारीख से पांच साल की पूरी अवधि के लिए पद धारण करने के हकदार होंगे।

उपराष्ट्रपति चुनाव, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 और उसके तहत बनाए गए नियमों, यानी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 द्वारा शासित होता है।

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के अधिक सामान्यतः ज्ञात चुनावों से कई मायनों में भिन्न होता है। इसमें मतदाताओं की संरचना, उम्मीदवारों की पात्रता, मतदान की प्रणाली, वोटों की गिनती और चुनाव को नियंत्रित करने वाले कानूनी प्रावधानों में महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।

प्रकाशित की गई यह पुस्तिका मोटे तौर पर उपराष्ट्रपति चुनाव से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों, निर्वाचक मंडल की संरचना, उम्मीदवारों के लिए पात्रता शर्तें, उम्मीदवारी पर महत्वपूर्ण प्रावधानों, चुनाव कार्यक्रम के निर्धारण, रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति, मतदान स्थल का निर्धारण, मतदान प्रणाली, मतों की गणना की विधि और चुनाव पर विवादों से संबंधित प्रावधानों को शामिल करती है।

विशेष रूप से, इस पुस्तिका में वर्ष 1952 से 2022 तक हुए पिछले सभी 16 उपराष्ट्रपति चुनावों पर संक्षिप्त नोट्स भी शामिल किए गए हैं, जो पाठकों को चुनाव के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समझने में मदद करेंगे।

यह पुस्तिका भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर https://t.co/5qoUmtcheO पर उपलब्ध है।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

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ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

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संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।