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India

9 hours ago

लोकसभा में आपातकाल को लेकर हंगामा, जानें अध्यक्ष ओम बिरला ने इमरजेंसी पर क्या-क्या कहा?

#lok_sabha_speaker_om_birla_emergency_india_alliance_ruckus

18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है। आज बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया।लोकसभा अध्यक्ष का अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने साल 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की कड़े शब्दों में निंदा की और कांग्रेस पर जमकर बरसे. साथ ही साथ सदन में दो मिनट का मौन रखा गया। इस बीच विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी। 

आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई और बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था। भारत की पहचान पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के तौर पर है। भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी थीं और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर भी अंकुश लगा दिया था। इमरजेंसी का वो समय हमारे देश के इतिहास में एक अन्याय काल था, एक काला कालखंड था। आपातकाल लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया।

स्पीकर के आपातकाल पर दिए संबोधन और कल गुजरी आपातकाल की बरसीं पर मौन रखा गया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी।

santosht730

Jun 26 2024, 08:52

इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय पंचायत के सरपंच ने मोर्चा खोल दी है
#bihar #muzaffarpur #transportation #lpg #sarapancha #indian #oil #petrolium इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय पंचायत के सरपंच ने मोर्चा खोल दी है मुजफ्फरपुर के इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार क

India

Jun 25 2024, 19:57

स्पीकर को लेकर को लेकर विपक्षी गठबंधन में दरार? जानें टीएमसी ने क्या कहा

#lok_sabha_speaker_is_there_split_in_the_india_alliance

18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में इंडिया गठबंधन के भीतर फूट पड़ती नजर आ रही है।लोकसभा स्पीकर चुनाव में कांग्रेस के एकतरफा फैसले ने गठबंधन के दो बड़े दल एनसीपी और टीएमसी को नाराज कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने तो नाराजगी का खुलकर इजहार भी किया है।वहीं, टीएमसी की नाराजगी के बीच शरद पवार के एक बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है।

विपक्षी गठबंधन की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि के. सुरेश के नाम पर पार्टी के किसी भी नेता के साथ चर्चा नहीं की गई। जिस समय के.सुरेश ने लोकसभा स्पीकर के चुनाव के लिए नामांकन भरा, उस समय तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता वहां हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद नहीं था। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पीकर चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पीकर पद पर लिए गए फैसले को एकतरफा बताया है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''स्पीकर को लेकर कांग्रेस ने अभी तक कोई बातचीत नहीं की है, ये एकतरफा डिसिजन था। स्पीकर चुनाव पर फैसला ममता बनर्जी लेंगी।''

इधर, मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए सीनियर पवार ने के.सुरेश की दावेदारी से खुद को अनभिज्ञ बता दिया है। पवार ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. हमेशा से यह पद सत्ताधारी दल के पास ही रहा है।

बता दें कि ओम बिरला और के. सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को एनडीए की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। अगर वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे। 

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेन्द्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।

WestBengalBangla

Jun 25 2024, 17:09

Servotech Siliguri Strikers (SSS) won the match by 2 runs
*Sports News*

#Spoets # Bengal Pro T20 cricket # West Bengal # CAB# India # Street Buzz News



*Khabar kolkata News bureau:*  Sobisco Smashers (SSM) won the toss and elected to field first. Servotech Siliguri Strikers (SSS) posted a total of 128 for the loss of 4 wickets. Notable contributions included Priti Mondal with 38 runs and Samayita Adhikari with 35 runs. Shreya Karar and Koyel Sutradhar took 2 and 1 wickets respectively for SSM.

Chasing a target of 129 runs, SSM finished their innings at 126 for the loss of 6 wickets. Piyali Ghosh top-scored with 48 runs, while Hrishita Basu added 30 runs. For SSS, Pampa Sarkar and Samayita Adhikari each took 2 wickets.

SSS won by a narrow margin of 2 runs, with Piyali Ghosh being named the Player of the Match.

*Pic Courtesy by:  CAB*

Ranchi

Jun 25 2024, 16:23

लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज,पक्ष -विपक्ष के ओर से प्रत्याशी मैदान में, चुनाव से तय होगा अध्यक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुलडोजर लेकर संसद चलाना चाहते हैं - वृंदा करात

रांची : 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के चुनाव के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अब कल संसद में नए स्पीकर को लेकर चुनाव होना है। बता दें कि 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज दूसरा दिन भी लोकसभा में शपथ ग्रहण कार्यक्रम जारी रहा। 

वहीं लोकसभा स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। NDA प्रत्याशी ओम बिरला के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने भी अपना उम्मीदवार के. सुरेश को उतार दिया है। स्पीकर पद के लिए 26 जून को सुबह 11 बजे वोटिंग होगी।

इसी मुद्दे को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने मंगलवार को रांची में बड़ा बयान दिया। लोकसभा के विशेष सत्र के बीच उन्होंने कहा कि संसद में नरेंद्र मोदी सरकार का बुलडोजर नहीं चलने दिया जाएगा। वृंदा करात ने कहा कि संसद की परंपरा के मुताबिक, कौन स्पीकर बनेगा और कौन डिप्टी स्पीकर, इस पर पहले बातचीत होनी चाहिए। 

वैसे तो सरकार यह तय कर ले की स्पीकर सत्ता पक्ष का बनेगा, लेकिन, डिप्टी स्पीकर के पद पर विपक्ष का ही नेता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की जनता ने इन्हें सबक दिया, लेकिन उससे उन्होंने कोई सीख नहीं ली।आज भी वह बुलडोजर लेकर पार्लियामेंट चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमंत बिश्व सरमा कहते हैं कि यहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वर्तमान सरकार के पहले झारखंड में जो सरकारें थीं, बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया। केंद्र सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।

India

Jun 25 2024, 10:50

इमरजेंसी का “काला सच”, जब इंदिरा गांधी ने देश में लगा दिया था आपातकाल*
#50_years_of_emergency_in_india
25 जून 1975 की आधी रात जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। लोकतंत्र के इतिहास में इस दिन को काला दिन माना जाता है। यही वो दिन था जब तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की। देश में आपातकाल लग चुका है इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर किया। 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की। 26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो पर कहा, 'राष्ट्रपति ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है...'। इसके बाद से ही विपक्षी नेताओं में हलचल मच गई और गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया था। पौ फटने के पहले ही विपक्ष के कई बड़े नेता हिरासत में ले लिए गए। यहां तक कि कांग्रेस में अलग सुर अलापने वाले चंद्रशेखर भी हिरासत में लिए गए नेताओं की जमात में शामिल थे। ये इमरजेंसी 21 मार्च, 1977 तक देशभर में लागू रही। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये 21 महीने काफी विवादास्पद रहे। लोकतांत्रिक देश में भी ऐसा कुछ हो सकता है, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह भी कि लोकतांत्रिक देश की संसद में किसी दल की मजबूती का बेजा इस्तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इन 21 महीनों में जो कुछ भी हुआ। सत्ता दल अभी भी कांग्रेस को समय-समय पर कोसते रहते हैं। गांधी परिवार के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने इस इमरजेंसी को गलत बताया और खुले तौर पर माफी भी मांगी थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1971 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। तत्कालीन 521 सदस्यीय संसद में कांग्रेस ने 352 सीटें जीती थीं। उन दिनों इंदिरा गांधी की सरकार पर भारत अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। गुजरात में सरकार के खिलाफ छात्रों का नवनिर्माण आंदोलन चल रहा था। बिहार में जयप्रकाश नारायण (JP) का आंदोलन चल रहा था। 1974 में जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में रेलवे हड़ताल चल रही थी। आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। इसमें से मुख्य कारण था राजनीतिक अस्थिरता। इस राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत उस वक्त हुई, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनावी धांधली का दोषी पाया और उन्हें छह साल के लिए किसी भी चुने हुए पद पर आसीन होने से वंचित कर दिया। इस फैसले के बाद, देश भर में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक तनाव बढ़ गया। इन्ही सब को देखते हुए इंदिरा गांधी को देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ने दावा किया कि देश में गहरी अशांति और आंतरिक अस्थिरता है, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी कारण से उन्होंने आपातकाल की घोषणा की, जिससे वे बिना किसी विधायी और न्यायिक हस्तक्षेप के सरकार चला सकें। आपातकाल के जरीए इंदिराजी ने विपक्ष को कुचलने का रास्ता अपनाया। असहमति के हर स्वर का मुंह बंद किया। प्रेस पर सेंसरशिप थोपी। इमरजेंसी लागू होने के तुरंत बाद विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का सिलसिला शुरु हो गया। इनमें जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई समेत कई बड़े नेताओं का नाम था, जो कई महीनों और सालों तक जेल में पड़े रहे थे। आरएसएस समेत 24 संगठनों पर बैन लगा दिया गया। इसके अलावा, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में व्यापक सामाजिक और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसमें जबरन नसबंदी और स्लम क्लीयरेंस जैसे कठोर उपाय शामिल थे। कई इतिहासकारों का मानना है कि आपातकाल का उपयोग इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को मजबूत करने और विरोधी आवाजों को दबाने के लिए किया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा आघात थी और इसने देश के राजनीतिक इतिहास में एक गहरी छाप छोड़ी।

India

Jun 25 2024, 09:29

टी20 वर्ल्ड कपःभारत ने ऑस्ट्रेलिया से लिया हार का बदला, कंगारूओं को रौंदकर सेमीफाइनल में मारी एंट्री*
#india_beat_australia_t20_world_cup_2024
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम ने आईसीसी टी20 विश्व कप के सुपर 8 में दमदार जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की। टीम इंडिया ने वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की हार का बदला ऐसे लिया कि कंगारू टीम के टूर्नामेंट का सफर लगभग खत्म कर दिया।भारतीय टीम ने सेंट लूसिया के मैदान पर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 205 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई। ऑस्ट्रेलिया ने 181 रन बनाए और उसने 24 रनों से मैच गंवा दिया। टीम इंडिया ने इस जीत के साथ ही टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। अब भारतीय टीम 27 जून को सेमीफाइनल में इंग्लैंड की टीम से भिड़ेगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी टी20 विश्व कप मैच का इंतजार लंबे वक्त से किया जा रहा था। वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पिछले साल भारत को उसी के घर पर हराकर इस टीम ने ट्रॉफी जीतने का सपना तोड़ा था। रोहित शर्मा ने उस हार के बदला सूद समेत चुकता किया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 24 रनों से जीत दर्ज कर सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए अब सेमीफाइनल की राह कठिन हो गई है। अब उन्हें अफगानिस्तान बनाम बांग्लादेश मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा। भारत ने सुपर आठ चरण में अपने तीनों मैच जीते और वह छह अंकों के साथ ग्रुप एक में शीर्ष पर रही। ऑस्ट्रेलिया की टीम तीन मैचों के बाद दो हार और एक जीत के साथ दूसरे स्थान पर है। अफगानिस्तान के दो मैचों में एक जीत और एक हार के साथ दो अंक हैं और वह तीसरे स्थान पर है। अफगानिस्तान का मंगलवार सुबह बांग्लादेश से मुकाबला होना है और अगर टीम वो मैच जीतने में सफल रही तो सेमीफाइनल में जगह बना लेगी और ऑस्ट्रेलिया का सफर यहीं थम जाएगा। भारतीय टीम ने टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी। शुरुआत खराब रही, विराट कोहली शून्य पर आउट हो गए। लेकिन कप्तान रोहित शर्मा अलग ही मूड में थे। रोहित ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए मिचेल स्टार्क के ओवर में 4 छक्के लगा दिए। उन्होंने महज 19 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। अर्धशतक पूरा करने के बाद वो और ज्यादा खतरनाक हो गए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ 38 गेंदों में 87 रनों की साझेदारी की। ब़ड़ी बात ये है कि इसमें पंत का योगदान सिर्फ 15 रन था।रोहित की तूफानी हिटिंग के दम पर टीम इंडिया ने 10 ओवर में 114 रन बनाए और यही वजह है कि टीम इंडिया ने 200 से ज्यादा रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि रोहित शर्मा अपने शतक तक नहीं पहुंच पाए और वो शतक से 8 रन दूर रह गए। रोहित शर्मा के अलावा सूर्यकुमार यादव ने 16 गेंदों में 31 रन बनाए। शिवम दुबे ने 28 रन बनाए। हार्दिक पंड्या 27 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी खराब रही। डेविड वॉर्नर सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद कप्तान मिचेल मार्श और ट्रेविस हेड ने कमाल की साझेदारी कर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। ट्रेविस हेड ने 43 गेंदों में 76 रनों की पारी खेली और मिचेल मार्श ने 28 गेंदों में 37 रन बनाए। दोनों ने 81 रनों की साझेदारी की। हालांकि इस साझेदारी के टूटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम बिखर गई। ग्लेन मैक्सवेल 20 रन बना पाए। स्टोयनिस 2 ही रन बना सके। टिम डेविड ने 15 रनों का योगदान दिया।

WestBengalBangla

Jun 24 2024, 17:35

Murshidabad Kueens won by 8 wickets (D/L Method)
*Sports News*

#Sports# Bengal Pro T20 cricket # West Bengal #India# Street Buzz News




*SB News Bureau:* LSKT won the toss and elected to bat first, scoring a total of 104 runs for the loss of 6 wickets in 20 overs. Key contributions came from Aruna Barman and Mamata Kisku, each scoring 25 runs. Sitama Nandi and Sandipta Patra took 1 wicket each for MK.

Due to rain, the target was adjusted to 75 runs in 13 overs. MK chased the target efficiently, scoring 75 for the loss of 2 wickets in 12.4 overs. Sneha Gupta top-scored with 26 runs, supported by Prativa Rana who added 19 runs. Mita Paul and Ariktha Manna took one wicket each for LSKT.

Sneha Gupta was named Player of the Match.

*PIC Courtesy by: CAB*

India

Jun 24 2024, 14:46

18वीं लोकसभा का हंगामेदार आगाज, INDIA गठबंधन के सांसदों ने संविधान की प्रति लेकर किया विरोध प्रदर्शन
#18th_lok_sabha_session_india_alliance_protest_in_parliament

18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। जैसा की आशंका जताई जा रही थी, वैसे ही सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई है।विपक्ष का संसद भवन में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। उसने सरकार पर संविधान तोड़ने का आरोप लगाया।18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्रियों ने सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण की।

प्रोटेम स्पीकर की शपथ के बाद 10 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्रवाई शुरू हुई। सबसे पहले सांसदों की शपथ का कार्यक्रम शुरू हुआ। पीएम मोदी ने सदन के नेता के तौर पर सबसे पहले शपथ लेने पहुंचे। इसके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री एक-एक शपथ लेने पहुंचे। जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए पहुंचे तो विपक्ष ने नीट, नीट, नीट और शेम शेम शेम बोलते हुए नारेबाजी की। सभी विपक्षी सांसदों ने उनका जमकर विरोध किया।

इससे पहले विपक्ष के सभी सांसदों ने हाथों में संविधान की काॅपी लेकर विरोध किया। संसद सत्र शुरू होने से पहले इंडिया गठबंधन के सभी सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और उन्होंने संविधान की कॉपी लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी भी विरोध प्रदर्शन में मौजूद थीं और उन्होंने भी संविधान की कॉपी लहराई। उन्होंने कहा कि संसद में संविधान बोलेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा को खत्म किया जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी भी शामिल हुई।

वहीं, संसद सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कल आपातकाल के 50 साल पूरे हो जाएंगे। इस दिन लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा था। इमरजेंसी में देश को जेलखाना बना दिया था। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर कड़े प्रहार किए। पीएम मोदी ने कहा कि देश को अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है। उम्मीद है विपक्ष इस बार सार्थक चर्चा करेगा और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा। हम जनता का विश्वास और मजबूत करेंगे। हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है। लोग नहीं चाहते कि संसद में नखरे और ड्रामा हो। पीएम ने कहा कि माननीय सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. मैं उनसे अपील करूंगा कि वे जनहित के मुद्दे उठाएं।

India

Jun 24 2024, 13:30

BJP MP Sambit Patra says

The pro-tem Speaker is appointed through a convention, not a law... It is a long convention going on in India since independence. Now, Congress is trying to disturb this process.

Bhartruhari Mahtab is serving as an MP consecutively for the seventh time. The convention says that the MP having the longest period of unbroken service can be appointed as pro-tem Speaker. So, in this 18th Lok Sabha, Bhartruhari Mahtab qualifies to become the pro-tem Speaker.

As far as (Congress MP) K Suresh is concerned, he has served as an MP 8 times non-consecutively. It is the 4th consecutive term of K Suresh. However, it is the 7th consecutive term of Bhartruhari Mahtab. So, there has been no breach of convention."

India

9 hours ago

लोकसभा में आपातकाल को लेकर हंगामा, जानें अध्यक्ष ओम बिरला ने इमरजेंसी पर क्या-क्या कहा?

#lok_sabha_speaker_om_birla_emergency_india_alliance_ruckus

18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है। आज बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया।लोकसभा अध्यक्ष का अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने साल 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की कड़े शब्दों में निंदा की और कांग्रेस पर जमकर बरसे. साथ ही साथ सदन में दो मिनट का मौन रखा गया। इस बीच विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी। 

आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई और बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था। भारत की पहचान पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के तौर पर है। भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी थीं और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर भी अंकुश लगा दिया था। इमरजेंसी का वो समय हमारे देश के इतिहास में एक अन्याय काल था, एक काला कालखंड था। आपातकाल लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया।

स्पीकर के आपातकाल पर दिए संबोधन और कल गुजरी आपातकाल की बरसीं पर मौन रखा गया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी।

santosht730

Jun 26 2024, 08:52

इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय पंचायत के सरपंच ने मोर्चा खोल दी है
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India

Jun 25 2024, 19:57

स्पीकर को लेकर को लेकर विपक्षी गठबंधन में दरार? जानें टीएमसी ने क्या कहा

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18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में इंडिया गठबंधन के भीतर फूट पड़ती नजर आ रही है।लोकसभा स्पीकर चुनाव में कांग्रेस के एकतरफा फैसले ने गठबंधन के दो बड़े दल एनसीपी और टीएमसी को नाराज कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने तो नाराजगी का खुलकर इजहार भी किया है।वहीं, टीएमसी की नाराजगी के बीच शरद पवार के एक बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है।

विपक्षी गठबंधन की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि के. सुरेश के नाम पर पार्टी के किसी भी नेता के साथ चर्चा नहीं की गई। जिस समय के.सुरेश ने लोकसभा स्पीकर के चुनाव के लिए नामांकन भरा, उस समय तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता वहां हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद नहीं था। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पीकर चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पीकर पद पर लिए गए फैसले को एकतरफा बताया है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''स्पीकर को लेकर कांग्रेस ने अभी तक कोई बातचीत नहीं की है, ये एकतरफा डिसिजन था। स्पीकर चुनाव पर फैसला ममता बनर्जी लेंगी।''

इधर, मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए सीनियर पवार ने के.सुरेश की दावेदारी से खुद को अनभिज्ञ बता दिया है। पवार ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. हमेशा से यह पद सत्ताधारी दल के पास ही रहा है।

बता दें कि ओम बिरला और के. सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को एनडीए की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। अगर वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे। 

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेन्द्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।

WestBengalBangla

Jun 25 2024, 17:09

Servotech Siliguri Strikers (SSS) won the match by 2 runs
*Sports News*

#Spoets # Bengal Pro T20 cricket # West Bengal # CAB# India # Street Buzz News



*Khabar kolkata News bureau:*  Sobisco Smashers (SSM) won the toss and elected to field first. Servotech Siliguri Strikers (SSS) posted a total of 128 for the loss of 4 wickets. Notable contributions included Priti Mondal with 38 runs and Samayita Adhikari with 35 runs. Shreya Karar and Koyel Sutradhar took 2 and 1 wickets respectively for SSM.

Chasing a target of 129 runs, SSM finished their innings at 126 for the loss of 6 wickets. Piyali Ghosh top-scored with 48 runs, while Hrishita Basu added 30 runs. For SSS, Pampa Sarkar and Samayita Adhikari each took 2 wickets.

SSS won by a narrow margin of 2 runs, with Piyali Ghosh being named the Player of the Match.

*Pic Courtesy by:  CAB*

Ranchi

Jun 25 2024, 16:23

लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज,पक्ष -विपक्ष के ओर से प्रत्याशी मैदान में, चुनाव से तय होगा अध्यक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुलडोजर लेकर संसद चलाना चाहते हैं - वृंदा करात

रांची : 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के चुनाव के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अब कल संसद में नए स्पीकर को लेकर चुनाव होना है। बता दें कि 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज दूसरा दिन भी लोकसभा में शपथ ग्रहण कार्यक्रम जारी रहा। 

वहीं लोकसभा स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। NDA प्रत्याशी ओम बिरला के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने भी अपना उम्मीदवार के. सुरेश को उतार दिया है। स्पीकर पद के लिए 26 जून को सुबह 11 बजे वोटिंग होगी।

इसी मुद्दे को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने मंगलवार को रांची में बड़ा बयान दिया। लोकसभा के विशेष सत्र के बीच उन्होंने कहा कि संसद में नरेंद्र मोदी सरकार का बुलडोजर नहीं चलने दिया जाएगा। वृंदा करात ने कहा कि संसद की परंपरा के मुताबिक, कौन स्पीकर बनेगा और कौन डिप्टी स्पीकर, इस पर पहले बातचीत होनी चाहिए। 

वैसे तो सरकार यह तय कर ले की स्पीकर सत्ता पक्ष का बनेगा, लेकिन, डिप्टी स्पीकर के पद पर विपक्ष का ही नेता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की जनता ने इन्हें सबक दिया, लेकिन उससे उन्होंने कोई सीख नहीं ली।आज भी वह बुलडोजर लेकर पार्लियामेंट चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमंत बिश्व सरमा कहते हैं कि यहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वर्तमान सरकार के पहले झारखंड में जो सरकारें थीं, बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया। केंद्र सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।

India

Jun 25 2024, 10:50

इमरजेंसी का “काला सच”, जब इंदिरा गांधी ने देश में लगा दिया था आपातकाल*
#50_years_of_emergency_in_india
25 जून 1975 की आधी रात जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। लोकतंत्र के इतिहास में इस दिन को काला दिन माना जाता है। यही वो दिन था जब तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की। देश में आपातकाल लग चुका है इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर किया। 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की। 26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो पर कहा, 'राष्ट्रपति ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है...'। इसके बाद से ही विपक्षी नेताओं में हलचल मच गई और गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया था। पौ फटने के पहले ही विपक्ष के कई बड़े नेता हिरासत में ले लिए गए। यहां तक कि कांग्रेस में अलग सुर अलापने वाले चंद्रशेखर भी हिरासत में लिए गए नेताओं की जमात में शामिल थे। ये इमरजेंसी 21 मार्च, 1977 तक देशभर में लागू रही। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये 21 महीने काफी विवादास्पद रहे। लोकतांत्रिक देश में भी ऐसा कुछ हो सकता है, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह भी कि लोकतांत्रिक देश की संसद में किसी दल की मजबूती का बेजा इस्तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इन 21 महीनों में जो कुछ भी हुआ। सत्ता दल अभी भी कांग्रेस को समय-समय पर कोसते रहते हैं। गांधी परिवार के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने इस इमरजेंसी को गलत बताया और खुले तौर पर माफी भी मांगी थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1971 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। तत्कालीन 521 सदस्यीय संसद में कांग्रेस ने 352 सीटें जीती थीं। उन दिनों इंदिरा गांधी की सरकार पर भारत अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। गुजरात में सरकार के खिलाफ छात्रों का नवनिर्माण आंदोलन चल रहा था। बिहार में जयप्रकाश नारायण (JP) का आंदोलन चल रहा था। 1974 में जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में रेलवे हड़ताल चल रही थी। आपातकाल लागू करने के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। इसमें से मुख्य कारण था राजनीतिक अस्थिरता। इस राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत उस वक्त हुई, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनावी धांधली का दोषी पाया और उन्हें छह साल के लिए किसी भी चुने हुए पद पर आसीन होने से वंचित कर दिया। इस फैसले के बाद, देश भर में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक तनाव बढ़ गया। इन्ही सब को देखते हुए इंदिरा गांधी को देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ने दावा किया कि देश में गहरी अशांति और आंतरिक अस्थिरता है, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी कारण से उन्होंने आपातकाल की घोषणा की, जिससे वे बिना किसी विधायी और न्यायिक हस्तक्षेप के सरकार चला सकें। आपातकाल के जरीए इंदिराजी ने विपक्ष को कुचलने का रास्ता अपनाया। असहमति के हर स्वर का मुंह बंद किया। प्रेस पर सेंसरशिप थोपी। इमरजेंसी लागू होने के तुरंत बाद विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का सिलसिला शुरु हो गया। इनमें जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई समेत कई बड़े नेताओं का नाम था, जो कई महीनों और सालों तक जेल में पड़े रहे थे। आरएसएस समेत 24 संगठनों पर बैन लगा दिया गया। इसके अलावा, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में व्यापक सामाजिक और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसमें जबरन नसबंदी और स्लम क्लीयरेंस जैसे कठोर उपाय शामिल थे। कई इतिहासकारों का मानना है कि आपातकाल का उपयोग इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को मजबूत करने और विरोधी आवाजों को दबाने के लिए किया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा आघात थी और इसने देश के राजनीतिक इतिहास में एक गहरी छाप छोड़ी।

India

Jun 25 2024, 09:29

टी20 वर्ल्ड कपःभारत ने ऑस्ट्रेलिया से लिया हार का बदला, कंगारूओं को रौंदकर सेमीफाइनल में मारी एंट्री*
#india_beat_australia_t20_world_cup_2024
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम ने आईसीसी टी20 विश्व कप के सुपर 8 में दमदार जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की। टीम इंडिया ने वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की हार का बदला ऐसे लिया कि कंगारू टीम के टूर्नामेंट का सफर लगभग खत्म कर दिया।भारतीय टीम ने सेंट लूसिया के मैदान पर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 205 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई। ऑस्ट्रेलिया ने 181 रन बनाए और उसने 24 रनों से मैच गंवा दिया। टीम इंडिया ने इस जीत के साथ ही टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। अब भारतीय टीम 27 जून को सेमीफाइनल में इंग्लैंड की टीम से भिड़ेगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी टी20 विश्व कप मैच का इंतजार लंबे वक्त से किया जा रहा था। वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पिछले साल भारत को उसी के घर पर हराकर इस टीम ने ट्रॉफी जीतने का सपना तोड़ा था। रोहित शर्मा ने उस हार के बदला सूद समेत चुकता किया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 24 रनों से जीत दर्ज कर सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए अब सेमीफाइनल की राह कठिन हो गई है। अब उन्हें अफगानिस्तान बनाम बांग्लादेश मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा। भारत ने सुपर आठ चरण में अपने तीनों मैच जीते और वह छह अंकों के साथ ग्रुप एक में शीर्ष पर रही। ऑस्ट्रेलिया की टीम तीन मैचों के बाद दो हार और एक जीत के साथ दूसरे स्थान पर है। अफगानिस्तान के दो मैचों में एक जीत और एक हार के साथ दो अंक हैं और वह तीसरे स्थान पर है। अफगानिस्तान का मंगलवार सुबह बांग्लादेश से मुकाबला होना है और अगर टीम वो मैच जीतने में सफल रही तो सेमीफाइनल में जगह बना लेगी और ऑस्ट्रेलिया का सफर यहीं थम जाएगा। भारतीय टीम ने टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी। शुरुआत खराब रही, विराट कोहली शून्य पर आउट हो गए। लेकिन कप्तान रोहित शर्मा अलग ही मूड में थे। रोहित ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए मिचेल स्टार्क के ओवर में 4 छक्के लगा दिए। उन्होंने महज 19 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। अर्धशतक पूरा करने के बाद वो और ज्यादा खतरनाक हो गए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ 38 गेंदों में 87 रनों की साझेदारी की। ब़ड़ी बात ये है कि इसमें पंत का योगदान सिर्फ 15 रन था।रोहित की तूफानी हिटिंग के दम पर टीम इंडिया ने 10 ओवर में 114 रन बनाए और यही वजह है कि टीम इंडिया ने 200 से ज्यादा रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि रोहित शर्मा अपने शतक तक नहीं पहुंच पाए और वो शतक से 8 रन दूर रह गए। रोहित शर्मा के अलावा सूर्यकुमार यादव ने 16 गेंदों में 31 रन बनाए। शिवम दुबे ने 28 रन बनाए। हार्दिक पंड्या 27 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी खराब रही। डेविड वॉर्नर सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद कप्तान मिचेल मार्श और ट्रेविस हेड ने कमाल की साझेदारी कर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। ट्रेविस हेड ने 43 गेंदों में 76 रनों की पारी खेली और मिचेल मार्श ने 28 गेंदों में 37 रन बनाए। दोनों ने 81 रनों की साझेदारी की। हालांकि इस साझेदारी के टूटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम बिखर गई। ग्लेन मैक्सवेल 20 रन बना पाए। स्टोयनिस 2 ही रन बना सके। टिम डेविड ने 15 रनों का योगदान दिया।

WestBengalBangla

Jun 24 2024, 17:35

Murshidabad Kueens won by 8 wickets (D/L Method)
*Sports News*

#Sports# Bengal Pro T20 cricket # West Bengal #India# Street Buzz News




*SB News Bureau:* LSKT won the toss and elected to bat first, scoring a total of 104 runs for the loss of 6 wickets in 20 overs. Key contributions came from Aruna Barman and Mamata Kisku, each scoring 25 runs. Sitama Nandi and Sandipta Patra took 1 wicket each for MK.

Due to rain, the target was adjusted to 75 runs in 13 overs. MK chased the target efficiently, scoring 75 for the loss of 2 wickets in 12.4 overs. Sneha Gupta top-scored with 26 runs, supported by Prativa Rana who added 19 runs. Mita Paul and Ariktha Manna took one wicket each for LSKT.

Sneha Gupta was named Player of the Match.

*PIC Courtesy by: CAB*

India

Jun 24 2024, 14:46

18वीं लोकसभा का हंगामेदार आगाज, INDIA गठबंधन के सांसदों ने संविधान की प्रति लेकर किया विरोध प्रदर्शन
#18th_lok_sabha_session_india_alliance_protest_in_parliament

18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। जैसा की आशंका जताई जा रही थी, वैसे ही सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई है।विपक्ष का संसद भवन में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। उसने सरकार पर संविधान तोड़ने का आरोप लगाया।18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्रियों ने सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण की।

प्रोटेम स्पीकर की शपथ के बाद 10 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्रवाई शुरू हुई। सबसे पहले सांसदों की शपथ का कार्यक्रम शुरू हुआ। पीएम मोदी ने सदन के नेता के तौर पर सबसे पहले शपथ लेने पहुंचे। इसके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री एक-एक शपथ लेने पहुंचे। जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ के लिए पहुंचे तो विपक्ष ने नीट, नीट, नीट और शेम शेम शेम बोलते हुए नारेबाजी की। सभी विपक्षी सांसदों ने उनका जमकर विरोध किया।

इससे पहले विपक्ष के सभी सांसदों ने हाथों में संविधान की काॅपी लेकर विरोध किया। संसद सत्र शुरू होने से पहले इंडिया गठबंधन के सभी सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और उन्होंने संविधान की कॉपी लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी भी विरोध प्रदर्शन में मौजूद थीं और उन्होंने भी संविधान की कॉपी लहराई। उन्होंने कहा कि संसद में संविधान बोलेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा को खत्म किया जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी भी शामिल हुई।

वहीं, संसद सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कल आपातकाल के 50 साल पूरे हो जाएंगे। इस दिन लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा था। इमरजेंसी में देश को जेलखाना बना दिया था। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर कड़े प्रहार किए। पीएम मोदी ने कहा कि देश को अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है। उम्मीद है विपक्ष इस बार सार्थक चर्चा करेगा और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा। हम जनता का विश्वास और मजबूत करेंगे। हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है। लोग नहीं चाहते कि संसद में नखरे और ड्रामा हो। पीएम ने कहा कि माननीय सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. मैं उनसे अपील करूंगा कि वे जनहित के मुद्दे उठाएं।

India

Jun 24 2024, 13:30

BJP MP Sambit Patra says

The pro-tem Speaker is appointed through a convention, not a law... It is a long convention going on in India since independence. Now, Congress is trying to disturb this process.

Bhartruhari Mahtab is serving as an MP consecutively for the seventh time. The convention says that the MP having the longest period of unbroken service can be appointed as pro-tem Speaker. So, in this 18th Lok Sabha, Bhartruhari Mahtab qualifies to become the pro-tem Speaker.

As far as (Congress MP) K Suresh is concerned, he has served as an MP 8 times non-consecutively. It is the 4th consecutive term of K Suresh. However, it is the 7th consecutive term of Bhartruhari Mahtab. So, there has been no breach of convention."