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ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर की फैमिली के उड़ गए थे चीथड़े, जैश कमांडर मसूद इलियास ने कबूला

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में जैश के आतंकी मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म हो गया था। जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास ने ये बात कबूल की है। मसूद इलियास ने कहा है कि भारत के हमले में मसूद अजहर का पूरा परिवार मारा गया है। इलियास का कहना है कि 7 मई की रात को मसूद परिवार के लोग बहावलपुर में सो रहे थे। स्ट्राइक में परिवार टुकड़ों में बिखर गया।

भारत ने 6-7 मई की रात, जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, उसी के बाद कह दिया था कि मसूद अजहर का पूरा परिवार और दर्जनों आतंकवादी मारे गये हैं, लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर के कई महीने बाद अब आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर ने ये बात कबूली है।

7 मई को मौलाना मसूद के परिवार हुआ तबाह

जैश ए मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मसूद इलियास कश्मीरी ने बताया कि किस तरह से भारतीय सशस्त्र बलों ने उनके ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें तबाह कर दिया। वीडियो में मसूद इलियास कहते हुए सुनाई दे रहा है कि अपने देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए हम दिल्ली में लड़े, काबुल और कांधार में लड़े। सबकुछ कुर्बान करने के बाद 7 मई को मौलाना मसूद अजहर के परिवार को तबाह कर दिया गया। भारतीय सुरक्षा बलों ने बहावलपुर में उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर दिया।

भारतीय मिसाइल हमलों में 14 लोगों की मौतों

मसूद इलियास ने माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर के मार्काज सुब्हान अल्लाह कॉम्प्लेक्स जैश का मुख्यालय था। उस पर भारतीय मिसाइल हमलों में मसूद अजहर के 10 परिवारजन और 4 सहयोगी मारे गए। इनमें अजहर की बहन, उसका पति और कई बच्चे शामिल थे। पाकिस्तानी मीडिया ने शुरुआत में 14 मौतों की रिपोर्ट की थी, लेकिन अजहर ने खुद पुष्टि की कि उनका पूरा परिवार खत्म हो गया। यह कॉम्प्लेक्स 15 एकड़ में फैला था, जहां युवाओं को ट्रेनिंग और कट्टरपंथी शिक्षा दी जाती थी।

संजय राउत का बड़ा बयान, बोले- फिक्स था भारत-पाकिस्तान मैच, PCB को मिले 1000 करोड़

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शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सनसनीखेज दावा किया है। संजय राउत ने लगाया कि रविवार को खेले गए भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच में फिक्स था। इस पर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का सट्टा खेला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये मैच फिक्स था और 1.5 लाख करोड़ रुपये के जुए में से 50,000 करोड़ रुपये सीधे पाकिस्तान को चले गए। राउत ने सवाल उठाया कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद न मिलने की बात करता है तो फिर खुद क्यों उसे फायदा पहुंचा रहा है।

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, मैच होना सरकार की निर्लजता है। दुबई, अबूधाबी या ट्रंप के मैदान, कहीं भी मैच हुआ हो। अगर भारत-पाकिस्तान मैच खेला है तो ये हमारे फौज का, शहीदों का, महिलाओं का अपमान है। मैच खेलने से क्या सिंदूर वापस आएगा?

भारत की मदद से पाकिस्तान को पैसा मिला-संजय राउत

संजय राउत ने कहा, मैच होने से 1000 करोड़ रुपया पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मिला है। डेढ़ लाख करोड़ रुपये का सट्टा लगा। पूरा मैच फिक्स था। उसमें से 50 हजार करोड़ रुपया पाकिस्तान को गया। आईएमएफ और एशियन डेवलपमेंट बैंक से आपने कहा कि लोन नहीं दें। क्योंकि ये पैसा आतंकवादी गतिविधि में इस्तेमाल होगा। कल जो भारत की मदद से पाकिस्तान को पैसा मिला, उसका क्याष अमित शाह के बेटे जय शाह ने पैसे दिए। ये तो आतंकवाद में ही पैसे का इस्तेमाल होगा।

संजय राउत का सनसनीखेज आरोप

राउत का दावा है कि सरकार ने रणनीति के तहत पाकिस्तान को आर्थिक मदद पहुंचाई ताकि वहां की आतंकवादी गतिविधियां मजबूत हों और फिर इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। राउत ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर की सराहना की कि उन्होंने मैच का विरोध करने की बात कही थी, लेकिन भारत सरकार ने खुद परमिशन दी। राउत के मुताबिक, यह साफ करता है कि पाकिस्तान से मैच खेलने का फैसला सरकार की इच्छा से ही हुआ।

हाथ न मिलाने की को बताया 'नाटक'

पाकिस्तान के साथ हुए मुकाबले को भारत ने बड़ी ही आसानी से जीत लिया। हालांकि, मैच के बाद खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। राउत ने इस कदम को भी दिखावा करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कोई आकस्मिक फैसला नहीं था बल्कि बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट की सहमति से लिया गया निर्णय था।

शिवसेना समेत विपक्ष कर रहा था मैच का विरोध

बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) मैच के खिलाफ पहले ही आंदोलन का ऐलान कर चुकी थी। शिवसेना ने सिंदूर रक्षा आंदोलन चलाया। दरअसल, विपक्षी पार्टियों का कहना था कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच मैच नहीं होना चाहिए।

भारत ने एशिया कप के चर्चित मुकाबले में रविवार (14 सितंबर) को पाकिस्तान को सात विकेट से हरा दिया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 127 रन ही बना सकी। वहीं भारतीय टीम ने 15.5 ओवर में 3 विकेट पर 131 रन बनाकर मैच 7 विकेट से जीत लिया।

भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, सतलुज नदी को लेकर पाकिस्तान को किया सतर्क, जानें पूरा मामला

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देश के सभी राज्यों में मॉनसून में तेजी देखी जा रही है। पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हो रही है। हालांकि, कई राज्यों में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इसके बावजूद भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश के प्रति दरियादिली दिखाई है। भारत ने सतलुज नदी में बाढ़ आने की अधिक आशंका को लेकर पाकिस्तान को आगाह किया है।

मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भारत प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ रहा है। भारत ने पिछले सप्ताह तवी नदी में संभावित बाढ़ के लिए तीन अलर्ट जारी किए थे। मंगलवार को जारी की गई चेतावनी सतलुज नदी में आने वाली संभावित बाढ़ को लेकर थी।

सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद दिखाई मानवता

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे, के मारे जाने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के साथ जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के नियमित आदान-प्रदान को स्थगित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि निलंबन के बावजूद, जान-माल की हानि को रोकने के लिए मानवीय आधार पर पाकिस्तान को बाढ़ की ताजा चेतावनी से अवगत कराया गया।

सतलुज नदी में पहले ही बाढ़ ने मचाई है तबाही

सतलुज नदी में पहले ही आई भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के बहावलनगर जिले में कहर बरपाया है, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों निवासी विस्थापित हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, सतलुज नदी के खतरनाक स्तर तक उफान पर होने के कारण चिश्तियां शहर भी भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। नदी की तेज़ धाराओं ने तेज़ी से कटाव शुरू कर दिया है, जबकि मोतियांवाला पट्टन और मोज़ा अज़ीम में सुरक्षात्मक तटबंध टूट गए हैं। तटबंधों के टूटने से 100 से ज़्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं और सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं।

पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात

बता दें कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में लगाातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और व्यास नदियां और छोटी मौसमी नदियां अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा बरसाती नालों में उफान के कारण पंजाब राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सहित कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पंजाब में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

ट्रंप ने फिर अपना पुराना राग, बोले- 24 घंटे का दिया था अल्टीमेटम, मोदी ने 5 घंटे में ही कर डाला

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भारत-पाकिस्तान तनाव को खत्म करने में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपना पुराना राग अलापा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने टैरिफ़ लगाने और ट्रेड डील रद्द करने की धमकी देकर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवा दिया था। ट्रंप ने दावा किया कि उनके दखल ने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया। ट्रंप ने दावा किया कि इस बातचीत के पांच घंटे के भीतर दोनों पक्ष पीछे हट गए।

ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी थी कि अगर लड़ाई नहीं रुकी तो अमेरिका व्यापार समझौता नहीं करेगा और पाकिस्तान पर ऊंचे टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने यह दावा व्हाइट हाउस में हुई अपनी कैबिनेट बैठक के दौरान किया। उन्होंने कहा कि, ‘मैंने पीएम मोदी से कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ जंग नहीं रुकी तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा। फिर मैंने पाकिस्तान से कहा कि अगर लड़ाई बंद नहीं हुई तो इतने ऊंचे टैरिफ लगाऊंगा कि उनका सिर घूम जाएगा। इसके बाद पांच घंटे में ही सब खत्म हो गया।

भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लागू होने के ठीक पहले ट्रंप का बयान

कैबिनेट की एक बैठक में बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने यूक्रेन-रूस संघर्ष की शुरुआत में विश्वयुद्ध को टाल दिया था। उन्होंने कहा कि वे युद्ध के लिए तैयार थे और फिर मई में भारत-पाकिस्तान के चरम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया। यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के लागू होने से कुछ ही घंटे पहले आई है।

सात लडाकू विमान गिराए जाने का दावा भी दोहराया

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि दोनों देशों के साथ संघर्ष के दौरान कम से कम सात लड़ाकू विमान गिराए गए। उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि वे लड़ रहे हैं, फिर मुझे पता चला कि संघर्ष में सात विमानों को मार गिराया गया। यह अच्छा नहीं है। यह बहुत सारे जेट हैं। 150 मिलियन अमरीकी डॉलर के विमान मार गिराए गए। ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों ने वास्तविक संख्या की रिपोर्ट भी नहीं की। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान दोनों देशों में से किसी एक के गिरे थे या वह दोनों पक्षों के संयुक्त नुकसान की बात कर रहे थे।

लाल किले से पाक पर खूब बरसे पीएम मोदी, बोले-ऑपरेशन सिंदूर हमारी आक्रोश की अभिव्यक्ति

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आज जब पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराकर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के महान सेनानियों को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के लिए आहुति देने वाले पहले स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रकाश मुखर्जी को याद किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया। उन्होंने देश के वीर जवानों धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया है, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने पिता को मार दिया गया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था। मेरे प्यार देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें, समय वो चुने और हमारी सेना वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। हमने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, नई नई जानकारियां आ रही हैं।

“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा हमारा देश कई दशकों से आतंकवाद का सामना करता आया है और इसने देश के सीने को छलनी कर दिया है। अब हमने तय कर लिया है कि आतंकवादियों, उनके पनाह देने वालों और उन्हें ताकत देने वालों में कोई अंतर नहीं माना जाएगा वे सभी मानवता के दुश्मन हैं। भारत अब परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। लंबे समय से चल रहा यह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब दिया है।

आरएसएस शताब्दी समारोह में तीन देशों को न्योता नहीं, पाकिस्तान समेत इनसे बनाई दूरी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस साल विजयादशमी के मौके पर 100 वर्ष का होने वाला है। हालांकि, आरएसएस के शताब्दी समारोह से जुड़ी कार्यक्रमों की शुरुआत एक तरह से इसी महीने 26 अगस्त से ही हो रही है, जिसके तहत दिल्ली में तीन-दिवसीय संवाद का आयोजन हो रहा है, जिसकी अगुवाई सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे।

दिल्ली में तीन दिवसीय संवाद

संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चार प्रमुख आयोजनों की योजना है, जिनमें से पहला दिल्ली में 26 अगस्त से शुरू होगा। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत प्रत्येक दिन शाम 5:30 बजे से व्याख्यान देंगे। पहले दो दिन उनके व्याख्यान होंगे, जबकि तीसरा दिन पहले से जमा किए गए सवालों के जवाब के लिए समर्पित होगा। इस संवाद में ‘पंच परिवर्तन’ (पांच परिवर्तनों) के एजेंडे पर विशेष जोर होगा, जिसमें स्वदेशी ताकतों के आधार पर भारत के भविष्य को आकार देने, विभिन्न क्षेत्रों में अनछुई संभावनाओं और देश की उभरती वैश्विक भूमिका जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

पाकिस्तान और उसके दो दोस्तों को न्योता नहीं

आरएसएस की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए बड़ी तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर वह कई देशों के राजनयिकों को भी निमंत्रण देने जा रहा है और इसके लिए दूतावासों और उच्चायोगों से संपर्क भी किया जा रहा है। इसमें कई विपक्षी नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा है कि हम समाज के सभी वर्गों, समुदायों और विचारधाराओं के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। हम विपक्षी दलों से भी भागीदारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दुनिया के कई दूतावासों को भी न्योता भेजा जा रहा है लेकिन इसमें पाकिस्तान, तुर्किये और बांग्लादेश का नाम शामिल नहीं है।

पाक-तुर्किए और बांग्लादेश से दूरी की वजह

हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते पाकिस्तान, तुर्किए और बांग्लादेश के दूतावासों को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा. दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने हाल के वर्षों में कई बार भारत विरोधी रुख दिखाया है. उधर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. ऐसे में पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा बना हुआ है।

चार प्रमुख संवाद कार्यक्रम

भागवत का दिल्ली संबोधन 2 अक्टूबर को विजयादशमी शताब्दी समारोह से पहले चार प्रमुख कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा। इस संवाद कार्यक्रम में आरएसएस की 100 वर्ष की लंबी यात्रा, राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका और 'नए क्षितिज'पर इसके विजन की चर्चा होगी। इस साल 2 अक्टूबर को विजयादशमी है और शताब्दी समारोह इसके बाद भी चलता रहेगा और इस तरह के चार बड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। मसलन, नवंबर में इसी तरह का एक विशाल संवाद कार्यक्रम बेंगलुरु में होगा, फिर कोलकाता और मुंबई की बारी आएगी। प्रत्येक संवाद कार्यक्रम में पहले दो दिन भागवत का संबोधन होगा और तीसरे दिन सवाल-जवाब के लिए रखे जाएंगे।

अमेरिका के बाद बीजिंग पहुंचे असीम मुनीर, क्या भारत के लिए है टेंशन वाली बात?

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को हर तरह की मदद देने का वादा किया। लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, प्रोजेक्ट्स और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर न छोड़े।

चीन ने पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' बताया

चीन के विदेश मंत्री ने असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' और 'सदाबहार रणनीतिक साझेदार' बताया है। इसके अलावा वांग यी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान, चीन के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता वाला देश बना हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों की नेतृत्व के बीच बनी रणनीतिक सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मुनीर ने चीन से क्या कहा?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में जनरल असीम मुनीर ने चीन के दीर्घकालिक समर्थन के लिए आभार जताया है। असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान, चीनी नागरिकों और चीनी निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुनीर ने आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र में चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने की थी मदद

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीनी हथियार भारत के सामने फ्लॉप साबित हुए थे। भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को सैटेलाइट सर्विलांस मदद दे रहा था। चीन की वजह से पाकिस्तान की सेना को लगातार भारत के बारे में जानकारी मिल रही थी।

सीक्रेट रखा गया मुनीर का चीन दौरा

असीम मुनीर ने इसस पहले अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और अजरबैजान की यात्राएं की हैं। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों का कहना है कि असीम मुनीर के ये दौरे नियमित कूटनीति नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, रक्षा सौदों को सुरक्षित करने और बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के साथ जोड़ने के मकसद से हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ डिफेंस और इंडो-पैसिफिक को लेकर क्या बातचीत की गई है, इसे संवेदनशील होने की वजह से सीक्रेट रखा गया है।

आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को चुकानी होगी कीमत, UN में भारत ने फिर पाक को सबक सिखाया

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तानी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने एक डिबेट के दौरान पड़ोसी देश को आतंकवाद के मुद्दे पर आइना दिखाते हुए कहा कि कश्मीर राग अलापना और सिंधु जल संधि के मुद्दे को उठाना पाकिस्तान की आदतों में शुमार हो चुका है। पाकिस्तान के दुस्साहस का कड़ा विरोध करते हुए पी हरीश ने कहा, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय शांति के मुद्दों पर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र निंदनीय है।

आतंक पर पाकिस्तान की नीति दुनिया से छुपी नहीं

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार की तरफ से की गई टिप्पणियों का जवाब दिया। डार ने भारत पर आक्रामक रवैया अपनाने और कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन जैसे आरोप लगाए। इसका जवाब देते हुए हरीश ने कहा कि पाकिस्तानको अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए। आतंक को लेकर पाकिस्तान की जो नीति रही है, वह दुनिया में किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से इस पर ज्यादा बात करना ही अजीब है।

पाकिस्तान की घोर बेइज्जती

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेइज्जत करते हुए पर्वथानेनी हरीश ने कहा कि, मैं भी पाकिस्तान के प्रतिनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूं। एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी व समावेशी समाज है। दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा है। हम जब अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं तो यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों को सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। इनमें एक बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का है। परिषद के सदस्य (पाकिस्तान) के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे कार्यों में खुद लिप्त होकर उपदेश दे, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य हैं।

गंभीर कीमत चुकाने की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस उच्च स्तरीय खुली बहस में पी हरीश ने लगभग पांच मिनट के अपने वक्तव्य में भारीय कूटनीति को स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान को आइना दिखाया। हरीश ने कहा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि आतंक को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अच्छे पड़ोसी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करने वाले देशों को इसकी गंभीर कीमत चुकानी होगी।

अमेरिका ने टीआरएफ को घोषित किया आतंकी संगठन, पहलगाम हमले की ली थी जिम्मेदारी

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अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिका ने 22 अप्रैल के पहलगाम अटैक के लिए उस आतंकी संगठन को जिम्मेदार माना है। बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर पुरूषों को अपना निशाना बनाया था। पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।

लश्कर-ए-तैयबा का ‘प्रॉक्सी’ है टीआरएफ

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मार्क रूबियो ने कहा कि टीआरएफ एक पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का ‘प्रॉक्सी’ है, जो यूएन द्वारा पहले से आतंकी संगठन घोषित है। टीआरएफ और इससे जुड़े सभी नाम अब एलईटी की आतंकी सूची में शामिल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने एलईटी की आतंकी संगठन के रूप में पहले से मौजूद पहचान को भी बरकरार रखा है।

आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका ने दिखाई प्रतिबद्धता

अमेरिकी विदेशश मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के लिए न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता को दिखाती है। अमेरिकी विदेश मंत्री मर्को रुबियो ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और भारत के साथ सहयोग का प्रमाण है।

भारत की बड़ी जीत है

अमेरिका के इस कदम से साफ है कि भारत की कोशिश रंग लाई है। ऑपरेशन सिंदूर का डेलिगेशन जब अमेरिका गया था, तब सबूत के साथ भारत ने अमरिका समेत पूरी दुनिया को बताया था कि पहलगाम अटैक में कैसे टीआरएफ का हाथ है और उसे पाकिस्तानी हुकूमत और लश्कर का संरक्षण प्राप्त है।

22 अप्रैल को क्या हुआ था पहलगाम में

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टीआरएफ के आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया था। 22 अप्रैल को हुए इस कायराना आतंकी हमले में 26 बेगुनाहों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत छह-सात मई की दरम्यानी रात नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।

कौन है यह टीआरएफ?

टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट एक आतंकी संगठन है। यह 2019 में जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद उभरा। यह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है। भारत ने इसे 2023 में UAPA के तहत आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। टीआरएफ नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों, और सुरक्षा बलों पर हमले करता है, जैसे 2025 का पहलगाम हमला। इसे पाकिस्तान का पूरा संरक्षण प्राप्त है।

डोनाल्ड ट्रंप जा रहे पाकिस्तान? पाक मीडिया में किया जा रहा सितंबर में दौरा का दावा

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पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के दौरा पर जा सकते हैं। ट्रंप के सितंबर महीने में पाकिस्तान यात्रा पर जाने की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में ये दावा किया गया है। दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि ट्रंप 18 सितम्बर को पाकिस्तान का दौरा करने की योजना है। इस दौरान वे भारत भी जा सकते हैं। भारत सितम्बर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसके दौरान ट्रंप के नई दिल्ली आने की संभावना है।

20 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाक नहीं पहुंचा

अगर यह दावा सच हुआ, तो लगभग 20 साल बाद पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान पहुंचेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अगर ट्रंप का ये दौरा होता है, तो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियों में एक अहम मोड़ साबित होगा। अब सबकी नजरें आधिकारिक घोषणाओं और आगे की स्थिति पर हैं।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

इस तरह के दावे तक किए जा रहे हैं जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों मे बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आने के संकेत मिले हैं।

ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर की फैमिली के उड़ गए थे चीथड़े, जैश कमांडर मसूद इलियास ने कबूला

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में जैश के आतंकी मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म हो गया था। जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास ने ये बात कबूल की है। मसूद इलियास ने कहा है कि भारत के हमले में मसूद अजहर का पूरा परिवार मारा गया है। इलियास का कहना है कि 7 मई की रात को मसूद परिवार के लोग बहावलपुर में सो रहे थे। स्ट्राइक में परिवार टुकड़ों में बिखर गया।

भारत ने 6-7 मई की रात, जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, उसी के बाद कह दिया था कि मसूद अजहर का पूरा परिवार और दर्जनों आतंकवादी मारे गये हैं, लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर के कई महीने बाद अब आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर ने ये बात कबूली है।

7 मई को मौलाना मसूद के परिवार हुआ तबाह

जैश ए मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मसूद इलियास कश्मीरी ने बताया कि किस तरह से भारतीय सशस्त्र बलों ने उनके ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें तबाह कर दिया। वीडियो में मसूद इलियास कहते हुए सुनाई दे रहा है कि अपने देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए हम दिल्ली में लड़े, काबुल और कांधार में लड़े। सबकुछ कुर्बान करने के बाद 7 मई को मौलाना मसूद अजहर के परिवार को तबाह कर दिया गया। भारतीय सुरक्षा बलों ने बहावलपुर में उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर दिया।

भारतीय मिसाइल हमलों में 14 लोगों की मौतों

मसूद इलियास ने माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर के मार्काज सुब्हान अल्लाह कॉम्प्लेक्स जैश का मुख्यालय था। उस पर भारतीय मिसाइल हमलों में मसूद अजहर के 10 परिवारजन और 4 सहयोगी मारे गए। इनमें अजहर की बहन, उसका पति और कई बच्चे शामिल थे। पाकिस्तानी मीडिया ने शुरुआत में 14 मौतों की रिपोर्ट की थी, लेकिन अजहर ने खुद पुष्टि की कि उनका पूरा परिवार खत्म हो गया। यह कॉम्प्लेक्स 15 एकड़ में फैला था, जहां युवाओं को ट्रेनिंग और कट्टरपंथी शिक्षा दी जाती थी।

संजय राउत का बड़ा बयान, बोले- फिक्स था भारत-पाकिस्तान मैच, PCB को मिले 1000 करोड़

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शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सनसनीखेज दावा किया है। संजय राउत ने लगाया कि रविवार को खेले गए भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच में फिक्स था। इस पर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का सट्टा खेला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये मैच फिक्स था और 1.5 लाख करोड़ रुपये के जुए में से 50,000 करोड़ रुपये सीधे पाकिस्तान को चले गए। राउत ने सवाल उठाया कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद न मिलने की बात करता है तो फिर खुद क्यों उसे फायदा पहुंचा रहा है।

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, मैच होना सरकार की निर्लजता है। दुबई, अबूधाबी या ट्रंप के मैदान, कहीं भी मैच हुआ हो। अगर भारत-पाकिस्तान मैच खेला है तो ये हमारे फौज का, शहीदों का, महिलाओं का अपमान है। मैच खेलने से क्या सिंदूर वापस आएगा?

भारत की मदद से पाकिस्तान को पैसा मिला-संजय राउत

संजय राउत ने कहा, मैच होने से 1000 करोड़ रुपया पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मिला है। डेढ़ लाख करोड़ रुपये का सट्टा लगा। पूरा मैच फिक्स था। उसमें से 50 हजार करोड़ रुपया पाकिस्तान को गया। आईएमएफ और एशियन डेवलपमेंट बैंक से आपने कहा कि लोन नहीं दें। क्योंकि ये पैसा आतंकवादी गतिविधि में इस्तेमाल होगा। कल जो भारत की मदद से पाकिस्तान को पैसा मिला, उसका क्याष अमित शाह के बेटे जय शाह ने पैसे दिए। ये तो आतंकवाद में ही पैसे का इस्तेमाल होगा।

संजय राउत का सनसनीखेज आरोप

राउत का दावा है कि सरकार ने रणनीति के तहत पाकिस्तान को आर्थिक मदद पहुंचाई ताकि वहां की आतंकवादी गतिविधियां मजबूत हों और फिर इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। राउत ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर की सराहना की कि उन्होंने मैच का विरोध करने की बात कही थी, लेकिन भारत सरकार ने खुद परमिशन दी। राउत के मुताबिक, यह साफ करता है कि पाकिस्तान से मैच खेलने का फैसला सरकार की इच्छा से ही हुआ।

हाथ न मिलाने की को बताया 'नाटक'

पाकिस्तान के साथ हुए मुकाबले को भारत ने बड़ी ही आसानी से जीत लिया। हालांकि, मैच के बाद खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। राउत ने इस कदम को भी दिखावा करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कोई आकस्मिक फैसला नहीं था बल्कि बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट की सहमति से लिया गया निर्णय था।

शिवसेना समेत विपक्ष कर रहा था मैच का विरोध

बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) मैच के खिलाफ पहले ही आंदोलन का ऐलान कर चुकी थी। शिवसेना ने सिंदूर रक्षा आंदोलन चलाया। दरअसल, विपक्षी पार्टियों का कहना था कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच मैच नहीं होना चाहिए।

भारत ने एशिया कप के चर्चित मुकाबले में रविवार (14 सितंबर) को पाकिस्तान को सात विकेट से हरा दिया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 127 रन ही बना सकी। वहीं भारतीय टीम ने 15.5 ओवर में 3 विकेट पर 131 रन बनाकर मैच 7 विकेट से जीत लिया।

भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, सतलुज नदी को लेकर पाकिस्तान को किया सतर्क, जानें पूरा मामला

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देश के सभी राज्यों में मॉनसून में तेजी देखी जा रही है। पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हो रही है। हालांकि, कई राज्यों में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इसके बावजूद भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश के प्रति दरियादिली दिखाई है। भारत ने सतलुज नदी में बाढ़ आने की अधिक आशंका को लेकर पाकिस्तान को आगाह किया है।

मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भारत प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ रहा है। भारत ने पिछले सप्ताह तवी नदी में संभावित बाढ़ के लिए तीन अलर्ट जारी किए थे। मंगलवार को जारी की गई चेतावनी सतलुज नदी में आने वाली संभावित बाढ़ को लेकर थी।

सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद दिखाई मानवता

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे, के मारे जाने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के साथ जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के नियमित आदान-प्रदान को स्थगित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि निलंबन के बावजूद, जान-माल की हानि को रोकने के लिए मानवीय आधार पर पाकिस्तान को बाढ़ की ताजा चेतावनी से अवगत कराया गया।

सतलुज नदी में पहले ही बाढ़ ने मचाई है तबाही

सतलुज नदी में पहले ही आई भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के बहावलनगर जिले में कहर बरपाया है, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों निवासी विस्थापित हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, सतलुज नदी के खतरनाक स्तर तक उफान पर होने के कारण चिश्तियां शहर भी भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। नदी की तेज़ धाराओं ने तेज़ी से कटाव शुरू कर दिया है, जबकि मोतियांवाला पट्टन और मोज़ा अज़ीम में सुरक्षात्मक तटबंध टूट गए हैं। तटबंधों के टूटने से 100 से ज़्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं और सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं।

पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात

बता दें कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में लगाातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और व्यास नदियां और छोटी मौसमी नदियां अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा बरसाती नालों में उफान के कारण पंजाब राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सहित कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पंजाब में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

ट्रंप ने फिर अपना पुराना राग, बोले- 24 घंटे का दिया था अल्टीमेटम, मोदी ने 5 घंटे में ही कर डाला

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भारत-पाकिस्तान तनाव को खत्म करने में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपना पुराना राग अलापा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने टैरिफ़ लगाने और ट्रेड डील रद्द करने की धमकी देकर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवा दिया था। ट्रंप ने दावा किया कि उनके दखल ने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया। ट्रंप ने दावा किया कि इस बातचीत के पांच घंटे के भीतर दोनों पक्ष पीछे हट गए।

ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी थी कि अगर लड़ाई नहीं रुकी तो अमेरिका व्यापार समझौता नहीं करेगा और पाकिस्तान पर ऊंचे टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने यह दावा व्हाइट हाउस में हुई अपनी कैबिनेट बैठक के दौरान किया। उन्होंने कहा कि, ‘मैंने पीएम मोदी से कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ जंग नहीं रुकी तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा। फिर मैंने पाकिस्तान से कहा कि अगर लड़ाई बंद नहीं हुई तो इतने ऊंचे टैरिफ लगाऊंगा कि उनका सिर घूम जाएगा। इसके बाद पांच घंटे में ही सब खत्म हो गया।

भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लागू होने के ठीक पहले ट्रंप का बयान

कैबिनेट की एक बैठक में बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने यूक्रेन-रूस संघर्ष की शुरुआत में विश्वयुद्ध को टाल दिया था। उन्होंने कहा कि वे युद्ध के लिए तैयार थे और फिर मई में भारत-पाकिस्तान के चरम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया। यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के लागू होने से कुछ ही घंटे पहले आई है।

सात लडाकू विमान गिराए जाने का दावा भी दोहराया

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि दोनों देशों के साथ संघर्ष के दौरान कम से कम सात लड़ाकू विमान गिराए गए। उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि वे लड़ रहे हैं, फिर मुझे पता चला कि संघर्ष में सात विमानों को मार गिराया गया। यह अच्छा नहीं है। यह बहुत सारे जेट हैं। 150 मिलियन अमरीकी डॉलर के विमान मार गिराए गए। ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों ने वास्तविक संख्या की रिपोर्ट भी नहीं की। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान दोनों देशों में से किसी एक के गिरे थे या वह दोनों पक्षों के संयुक्त नुकसान की बात कर रहे थे।

लाल किले से पाक पर खूब बरसे पीएम मोदी, बोले-ऑपरेशन सिंदूर हमारी आक्रोश की अभिव्यक्ति

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आज जब पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराकर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के महान सेनानियों को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के लिए आहुति देने वाले पहले स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रकाश मुखर्जी को याद किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया। उन्होंने देश के वीर जवानों धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया है, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने पिता को मार दिया गया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था। मेरे प्यार देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें, समय वो चुने और हमारी सेना वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। हमने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, नई नई जानकारियां आ रही हैं।

“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा हमारा देश कई दशकों से आतंकवाद का सामना करता आया है और इसने देश के सीने को छलनी कर दिया है। अब हमने तय कर लिया है कि आतंकवादियों, उनके पनाह देने वालों और उन्हें ताकत देने वालों में कोई अंतर नहीं माना जाएगा वे सभी मानवता के दुश्मन हैं। भारत अब परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। लंबे समय से चल रहा यह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब दिया है।

आरएसएस शताब्दी समारोह में तीन देशों को न्योता नहीं, पाकिस्तान समेत इनसे बनाई दूरी

#sanghcentenaryeventnoinvitetopakistanturkeybangladesh

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस साल विजयादशमी के मौके पर 100 वर्ष का होने वाला है। हालांकि, आरएसएस के शताब्दी समारोह से जुड़ी कार्यक्रमों की शुरुआत एक तरह से इसी महीने 26 अगस्त से ही हो रही है, जिसके तहत दिल्ली में तीन-दिवसीय संवाद का आयोजन हो रहा है, जिसकी अगुवाई सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे।

दिल्ली में तीन दिवसीय संवाद

संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चार प्रमुख आयोजनों की योजना है, जिनमें से पहला दिल्ली में 26 अगस्त से शुरू होगा। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत प्रत्येक दिन शाम 5:30 बजे से व्याख्यान देंगे। पहले दो दिन उनके व्याख्यान होंगे, जबकि तीसरा दिन पहले से जमा किए गए सवालों के जवाब के लिए समर्पित होगा। इस संवाद में ‘पंच परिवर्तन’ (पांच परिवर्तनों) के एजेंडे पर विशेष जोर होगा, जिसमें स्वदेशी ताकतों के आधार पर भारत के भविष्य को आकार देने, विभिन्न क्षेत्रों में अनछुई संभावनाओं और देश की उभरती वैश्विक भूमिका जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

पाकिस्तान और उसके दो दोस्तों को न्योता नहीं

आरएसएस की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए बड़ी तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर वह कई देशों के राजनयिकों को भी निमंत्रण देने जा रहा है और इसके लिए दूतावासों और उच्चायोगों से संपर्क भी किया जा रहा है। इसमें कई विपक्षी नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा है कि हम समाज के सभी वर्गों, समुदायों और विचारधाराओं के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। हम विपक्षी दलों से भी भागीदारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दुनिया के कई दूतावासों को भी न्योता भेजा जा रहा है लेकिन इसमें पाकिस्तान, तुर्किये और बांग्लादेश का नाम शामिल नहीं है।

पाक-तुर्किए और बांग्लादेश से दूरी की वजह

हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते पाकिस्तान, तुर्किए और बांग्लादेश के दूतावासों को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा. दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने हाल के वर्षों में कई बार भारत विरोधी रुख दिखाया है. उधर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. ऐसे में पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा बना हुआ है।

चार प्रमुख संवाद कार्यक्रम

भागवत का दिल्ली संबोधन 2 अक्टूबर को विजयादशमी शताब्दी समारोह से पहले चार प्रमुख कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा। इस संवाद कार्यक्रम में आरएसएस की 100 वर्ष की लंबी यात्रा, राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका और 'नए क्षितिज'पर इसके विजन की चर्चा होगी। इस साल 2 अक्टूबर को विजयादशमी है और शताब्दी समारोह इसके बाद भी चलता रहेगा और इस तरह के चार बड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। मसलन, नवंबर में इसी तरह का एक विशाल संवाद कार्यक्रम बेंगलुरु में होगा, फिर कोलकाता और मुंबई की बारी आएगी। प्रत्येक संवाद कार्यक्रम में पहले दो दिन भागवत का संबोधन होगा और तीसरे दिन सवाल-जवाब के लिए रखे जाएंगे।

अमेरिका के बाद बीजिंग पहुंचे असीम मुनीर, क्या भारत के लिए है टेंशन वाली बात?

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को हर तरह की मदद देने का वादा किया। लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, प्रोजेक्ट्स और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर न छोड़े।

चीन ने पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' बताया

चीन के विदेश मंत्री ने असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' और 'सदाबहार रणनीतिक साझेदार' बताया है। इसके अलावा वांग यी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान, चीन के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता वाला देश बना हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों की नेतृत्व के बीच बनी रणनीतिक सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मुनीर ने चीन से क्या कहा?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में जनरल असीम मुनीर ने चीन के दीर्घकालिक समर्थन के लिए आभार जताया है। असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान, चीनी नागरिकों और चीनी निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुनीर ने आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र में चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने की थी मदद

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीनी हथियार भारत के सामने फ्लॉप साबित हुए थे। भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को सैटेलाइट सर्विलांस मदद दे रहा था। चीन की वजह से पाकिस्तान की सेना को लगातार भारत के बारे में जानकारी मिल रही थी।

सीक्रेट रखा गया मुनीर का चीन दौरा

असीम मुनीर ने इसस पहले अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और अजरबैजान की यात्राएं की हैं। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों का कहना है कि असीम मुनीर के ये दौरे नियमित कूटनीति नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, रक्षा सौदों को सुरक्षित करने और बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के साथ जोड़ने के मकसद से हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ डिफेंस और इंडो-पैसिफिक को लेकर क्या बातचीत की गई है, इसे संवेदनशील होने की वजह से सीक्रेट रखा गया है।

आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को चुकानी होगी कीमत, UN में भारत ने फिर पाक को सबक सिखाया

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तानी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने एक डिबेट के दौरान पड़ोसी देश को आतंकवाद के मुद्दे पर आइना दिखाते हुए कहा कि कश्मीर राग अलापना और सिंधु जल संधि के मुद्दे को उठाना पाकिस्तान की आदतों में शुमार हो चुका है। पाकिस्तान के दुस्साहस का कड़ा विरोध करते हुए पी हरीश ने कहा, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय शांति के मुद्दों पर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र निंदनीय है।

आतंक पर पाकिस्तान की नीति दुनिया से छुपी नहीं

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार की तरफ से की गई टिप्पणियों का जवाब दिया। डार ने भारत पर आक्रामक रवैया अपनाने और कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन जैसे आरोप लगाए। इसका जवाब देते हुए हरीश ने कहा कि पाकिस्तानको अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए। आतंक को लेकर पाकिस्तान की जो नीति रही है, वह दुनिया में किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से इस पर ज्यादा बात करना ही अजीब है।

पाकिस्तान की घोर बेइज्जती

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेइज्जत करते हुए पर्वथानेनी हरीश ने कहा कि, मैं भी पाकिस्तान के प्रतिनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूं। एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी व समावेशी समाज है। दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा है। हम जब अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं तो यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों को सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। इनमें एक बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का है। परिषद के सदस्य (पाकिस्तान) के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे कार्यों में खुद लिप्त होकर उपदेश दे, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य हैं।

गंभीर कीमत चुकाने की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस उच्च स्तरीय खुली बहस में पी हरीश ने लगभग पांच मिनट के अपने वक्तव्य में भारीय कूटनीति को स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान को आइना दिखाया। हरीश ने कहा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि आतंक को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अच्छे पड़ोसी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करने वाले देशों को इसकी गंभीर कीमत चुकानी होगी।

अमेरिका ने टीआरएफ को घोषित किया आतंकी संगठन, पहलगाम हमले की ली थी जिम्मेदारी

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अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिका ने 22 अप्रैल के पहलगाम अटैक के लिए उस आतंकी संगठन को जिम्मेदार माना है। बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर पुरूषों को अपना निशाना बनाया था। पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।

लश्कर-ए-तैयबा का ‘प्रॉक्सी’ है टीआरएफ

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मार्क रूबियो ने कहा कि टीआरएफ एक पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का ‘प्रॉक्सी’ है, जो यूएन द्वारा पहले से आतंकी संगठन घोषित है। टीआरएफ और इससे जुड़े सभी नाम अब एलईटी की आतंकी सूची में शामिल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने एलईटी की आतंकी संगठन के रूप में पहले से मौजूद पहचान को भी बरकरार रखा है।

आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका ने दिखाई प्रतिबद्धता

अमेरिकी विदेशश मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के लिए न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता को दिखाती है। अमेरिकी विदेश मंत्री मर्को रुबियो ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और भारत के साथ सहयोग का प्रमाण है।

भारत की बड़ी जीत है

अमेरिका के इस कदम से साफ है कि भारत की कोशिश रंग लाई है। ऑपरेशन सिंदूर का डेलिगेशन जब अमेरिका गया था, तब सबूत के साथ भारत ने अमरिका समेत पूरी दुनिया को बताया था कि पहलगाम अटैक में कैसे टीआरएफ का हाथ है और उसे पाकिस्तानी हुकूमत और लश्कर का संरक्षण प्राप्त है।

22 अप्रैल को क्या हुआ था पहलगाम में

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टीआरएफ के आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया था। 22 अप्रैल को हुए इस कायराना आतंकी हमले में 26 बेगुनाहों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत छह-सात मई की दरम्यानी रात नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।

कौन है यह टीआरएफ?

टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट एक आतंकी संगठन है। यह 2019 में जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद उभरा। यह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है। भारत ने इसे 2023 में UAPA के तहत आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। टीआरएफ नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों, और सुरक्षा बलों पर हमले करता है, जैसे 2025 का पहलगाम हमला। इसे पाकिस्तान का पूरा संरक्षण प्राप्त है।

डोनाल्ड ट्रंप जा रहे पाकिस्तान? पाक मीडिया में किया जा रहा सितंबर में दौरा का दावा

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पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के दौरा पर जा सकते हैं। ट्रंप के सितंबर महीने में पाकिस्तान यात्रा पर जाने की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में ये दावा किया गया है। दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि ट्रंप 18 सितम्बर को पाकिस्तान का दौरा करने की योजना है। इस दौरान वे भारत भी जा सकते हैं। भारत सितम्बर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसके दौरान ट्रंप के नई दिल्ली आने की संभावना है।

20 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाक नहीं पहुंचा

अगर यह दावा सच हुआ, तो लगभग 20 साल बाद पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान पहुंचेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अगर ट्रंप का ये दौरा होता है, तो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियों में एक अहम मोड़ साबित होगा। अब सबकी नजरें आधिकारिक घोषणाओं और आगे की स्थिति पर हैं।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

इस तरह के दावे तक किए जा रहे हैं जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों मे बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आने के संकेत मिले हैं।