आतंक का हर संगठन जान चुका है हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है-पीएम मोदी
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, वैज्ञानिकों को हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन करता हूं। उनकी वीरता, साहस और पराक्रम को आज ये पराक्रम समर्पित करता हूं।
आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए सेनाओं को पूरी छूट दी-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई दी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की कोशिश भी थी।
छुट्टियां मना रहे निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवार, उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डाला यह आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। यह देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में आतंक के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी है। आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।
आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ नाम नहीं है ये देश के कोटि कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ऑपरेशन न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात 7 मई के मध्य में पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर उनके ट्रेनिंग सेंटर पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है राष्ट्र सर्वोपरि होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं। परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं। जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने एक प्रकार से ग्लोबल टेरिरिज्म की यूनिवर्सिटी रही। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे 9-11 हो या लंदन में बम हमला हो या भारत में दशकों से जो बड़े बड़े आतंकी हमले हुए हों उन सबके तार कहीं न कहीं इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।
May 12 2025, 20:44