महिला अधिकारियों ने सुनाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कहानी, दुनिया को बताया 25 मिनट चले पाकिस्तान पर प्रहार का सच
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पहलगाम हमले के 15 दिन बाद देश का इंतजार खत्म हो गया। भारत ने एक बार फिर दुश्मने के घर में घुसकर मारा। भारत की ओर से पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया गया। भारत ने पाकिस्तान और पीओके के अंदर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। भारत ने मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली और मुजफ्फराबाद में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया। देश की तीनों सेनाओं ने मिलकर इस मिशन को अंजाम दिया। भारत की इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर की कहानी
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुनिया के सामने रखी है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की कहानी सुनाने के लिए भारत ने अपनी दो महिला अधिकारियों को चुना। सोफिया कुरैशी इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, वहीं व्योमिका सिंह इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर।
25 मिनट और 9 आतंकी कैम्प तबाह
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया 7 मई की रात को 1.05 बजे भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और POK में घुस कर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और ये ऑपरेशन करीब 25 मिनट तक चला, उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय वायु सेना ने सिलसिलेवार तरीके से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैम्पों को तबाह किया।
आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद
कर्नल सोफिया कुरैशी ने ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए पीओके के आतंकी शिविरों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, 'मुजफ्फराबाद में शवाई नाला कैंप लश्कर-ए-तैयबा का कैंप है। 20 अक्तूबर, 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्तूबर, 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था।' उन्होंने मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप पर स्ट्राइक की भी जानकारी दी, यह जैश-ए-मोहम्मद का कैंप है, जो हथियार, विस्फोटक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करता है। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर कोटली में गुलपुर कैंप को भी टारगेट किया गया। यह 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ हमले और 9 जून, 2024 को तीर्थयात्रा बस हमले से जुड़े लश्कर आतंकियों का ठिकाना था। इसके अलावा भिमबेर में बरनाला कैंप को भी ध्वस्त किया गया, यह हथियारों और आईईडी की सप्लाई का केंद्र और ट्रेनिंग सेंटर था। ऐसे ही एलओसी से 13 किमी दूर एक अन्य कोटली कैंप में 15 आतंकवादियों की क्षमता वाले लश्कर के फिदायीन को प्रशिक्षित किया जाता था। इसे भी ध्वस्त किया गया।
May 07 2025, 15:19