बिहार: 1997 में 2 की हत्या, 27 साल तक चला ट्रायल… अब कोर्ट ने 19 लोगों सुनाई उम्रकैद
बिहार के रोहसास में एक हत्याकांड़ के मामले में एक दो नहीं बल्कि 27 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जिसके तहत 19 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मामला रोहसास के शिवागर थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव का है. इस हत्याकांड के पांच आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं बाकी बचे 19 आरोपियों को जिला जज चतुर्थ अनिल कुमार की कोर्ट ने गुरुवार को सजा का ऐलान किया.
कोर्ट ने सभी आरोपियों पर 50 हजार का जुर्माना भाी लगाया है. साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर आरोपी जुर्माना अदा नहीं करते तो उन्हें अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतना पड़ेगा. जिन लोगों को सजा मिली है उनमें अभियुक्तों में उमाशंकर महतो, बलि महतो, संतन महतो, रमेंद्र महतो, अर्जुन महतो, हीरा राम महतो, दशरथ महतो और रामचंद्र महतो शामिल हैं.
कोर्ट ने घटना को बताया जघन्य
इसके अलावा सुनील महतो, राजेश्वर महतो, प्रेमचंद महतो, परमानन्द महतो और विश्वनाथ महतो, अशोक महतो, गुपूत महतो, रामनाथ महतो, अरुण महतो, रामाशीष महतो, उमेश महतो को भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने घटना को जघन्य बताया जो असहाय लोगों के साथ किया गया था. मामले की शिकायत आलमपुर के रहने वाले संजय माली ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी. सभी आरोपी ग्राम आलमपुर थाना शिवसागर के रहने वाले हैं.
अक्टूबर 1997 का है मामला
घटना अक्टूबर 1997 की है. शिकायतकर्ता संजय के मुताबिक घटना वाले दिन सुबह करीब 6 बजे हथियार से लैस कुछ लोग उसके घर आए और दरवाजे पर उसके चाचा जंगबहादुर माली की बेरहमी के साथ हत्या कर दी. इस दौरान उनके चाचा को बचाने के लिए आए मुनीर माली के साथ जमकर पिटाई की, हालांकि किसी तरह मुनीर अपनी जान बचाकर वहां से फरार हो गया. इस बीच आरोपियों ने विनोद माली को पकड़कर उसकी हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि विनोद के सिर को धड़ से अलग कर दिया था और घसीटते ले जाकर धड़ को जगजीवन कैनाल में फेंक दिया. वहीं सिर को जंगल लेकर चले गए.
ट्रायल के दौरान 5 आरोपियों की मौत
इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया था. 20 नामजद के सात अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की. पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. हालांकि ट्रायल पीरियड के दौरान 5 आरेपियों की मौत हो गई. मामले में 19 आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे थे. सुनवाई के दौरान 9 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया, बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई.
Feb 06 2025, 21:13