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नासिक-सूरत हाईवे पर भीषण बस हादसा: 50 यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 7 की मौत और 15 घायल

नासिक-सूरत हाईवे पर सापूताड़ा घाट पर आज सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया. 50 श्रद्धालुओं से भरी लग्जरी प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर 200 फीट गहरी खाई में गिर गई. हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, 15 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हादसा इतनी भीषण था कि बस के गिरते ही उसके परखच्चे उड़ गए.

घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार, श्रद्धालुओं से भरी यह बस कुंभ से आ रही थी और गुजरात के धार्मिक स्थलों के दर्शन करने जा रही थी. इस बीच सापुतारा के मालेगांव घाट के पास यह हादसा हुआ.

सुबह करीब 5:30 बजे नासिक-सूरत हाईवे पर सापुतारा घाट के पास प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर 200 फीट गहरी खाई में गिर गई. हादसे के तुरंत बाद वहां चीख-पुकार मच गई. आस-पास के लोगों ने जब बस हादसा देखा तो तुरंत घायलों की मदद के लिए पहुंचे. पुलिस को भी सूचना दी गई. हादसे का शिकार हुए सभी यात्री मध्य प्रदेश के हैं. वो कुंभ मेले के बाद नासिक के त्रयंबकेश्वर मंदिर गए थे. इसके बाद गुजरात देव दर्शन के लिए जा रहे थे.

बसंत पंचमी पर बांके बिहारी मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

उत्तर प्रदेश के मथुरा में मौजूद विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के वीकेंड पर भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है. साथ ही ठाकुर बांके बिहारी मंदिर से लेकर मंदिर के बाहर मुख्य मार्ग चौराहा पर लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं. कई किलोमीटर लंबी लाइनों में लगकर भक्त ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं. अब 3 फरवरी यानी सोमवार से ब्रज की 40 दिन की होली की शुरुआत होगी.

वृंदावन की प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में 3 फरवरी, सोमवार के दिन अबीर और गुलाल उड़ाया जाएगा. ब्रज की 40 दिन की होली की शुरुआत हो जाएगी. इस होली को खेलने के लिए लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं और ब्रज में होली खेलते हैं. वहीं शनिवार और रविवार से ही ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है और तीर्थ नगरी में भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं.

मुख्य मार्ग पर बैरिकेडिंग

सोमवार को शुरू होने जा रही होली के चलते मंदिर प्रबंधक और जिला प्रशासन सतर्क दिखाई दे रहा है. इसको लेकर जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधक की ओर से तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. जिला प्रशासन ने ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए मुख्य मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी गई है, जिसमें एक तरफ मंदिर जाने के लिए रास्ता है. दूसरी तरफ उन लोगों के लिए रास्ता है, जिनके घर आसपास हैं. वह अपने घर से निकलकर रोज के काम को कर सकें.

बसंत पंचमी का पर्व

वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (डीआईजी) शैलेश कुमार ने बताया कि बसंत पंचमी का पर्व ब्रज में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. साथ ही इस दिन होली का आयोजन होता है. होली के इस महापर्व को ध्यान में रखते हुए पूरे जिले में पुलिस की व्यवस्था कर ली गई है और हर मंदिर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है. किसी भी तरह की श्रद्धालुओं को असुविधा न हो. इसको भी ध्यान में रखा गया है. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग कर भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं.

बसंत पंचमी पर संगम नगरी में ऐसा बंदोबस्त, 3 करोड़ श्रद्धालु कर सकते हैं अमृत स्नान

आज यानी रविवार को देशभर में बड़ी ही धूमधाम से बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. महाकुंभ में भी बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. अनुमान जताया जा रहा है कि बसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ में देश-दूनिया से आने वाले करीब 3 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान करेंगे. मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ से सिख लेते हुए प्रशासन ने यातायात, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था को बेहतर कर लिया है.

बसंत पंचमी के मौके पर अमृत स्नान के लोगों की भीड़ ने पहुंचना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान के मौके पर प्रयागराज पहुंच रहे हैं. देशभर में आज बड़ी ही धूमधाम से बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा. बसंत पंचमी का पर्व 2 को मनाया जाएगा. हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ का अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है. इसलिए बसंत पंचमी का अमृत स्नान 3 फरवरी का होगा.

बसंती पंचमी से पहले सीएम ने लिया जायजा

बसंती पंचमी के पहले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने यहां की तैयारियों का जायजा लिया. मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ को देखते हुए पुलिस ने घाटों की निगरानी शुरू कर दी है. पुलिस संगम नोज इलाके पर किसी को भी रुकने नहीं दे रही है. बसंत पंचमी को लेकर डीएम प्रयागराज रवींद्र कुमार ने बताया कि बसंत पंचमी के मौके पर 2 और 3 फरवरी को प्रयागराज में डायवर्जन स्कीम लागू की रहेगी. गाड़ियों की एंट्री पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा.

वीआईपी पास रद्द

सीएम योगी ने प्रशासन को बसंत पंचमी के मौके पर व्यवस्थाओं को जीरो एरर रखने के निर्देश दिए हैं. महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने सभी तरह के वीआईपी पासों को रद्द कर दिया है. साथ ही भीड़ को नियंत्रण करने के लिए ‘वन वे रूट’ लागू कर दिया गया है. रेलवे ने भी बसंती अमृत स्नान को लेकर कई विशेष ट्रेन चलाने की व्यवस्था की है. महाकुंभ में सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों शहर की सीमाओं के बाहर ही रोक देगा.

अयोध्या पहुंचेंगे 20 लाख भक्त!

अयोध्या में बसंती पंचमी के मौके पर 20 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. भक्त को सुविधा को देखते हुए प्रशासन ने अयोध्या में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया है. साथ ही बहारी जिलों से आने वाले गाडियों को जिले की सीमाओं पर ही रोक दिया जाएगा. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भक्तों को सरयू घाट, राम मंदिर व हनुमानगढ़ी में स्नान, दर्शन-पूजन करने के लिए पांच से आठ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है.

बसंत पंचमी 2025: जानें देश के अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाया जाता है यह त्योहार

आज यानि रविवार को बसंत पंचमी (Basant Panchmi 2025) का पावन त्योहार है. संगम नगरी प्रयागराज समेत पूरे देश में यह त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी का त्योहार देश भर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, और पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. साथ ही, इस दिन कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. प्रयागराज में इस समय महाकुंभ (Mahakumbh Shahi Snan) चल रहा है. ऐसे में वहां सुबह से ही लाखों लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. लोग अमृत स्नान के लिए यहां आ रहे हैं. लेकिन अमृत स्नान आज नहीं बल्कि महूर्त के हिसाब से कल यानि सोमवार को है. इसी क्रम में आज जानेंगे देश के अलग-अलग राज्यों में बसंत पंचमी कैसे मनाई जाती है.

देशभर में जहां बसंत पंचमी का त्योहार सरस्वती पूजा के साथ मनाया जाता है. वहीं, हिमाचल प्रदेश कुल्लू में हर त्योहार कुछ अनोखे ढंग से मनाया जाता है. कुल्लू में इस दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा निकलती है. इस दौरान यहां भरत मिलाप की प्रथा को भी निभाया जाता है. कुल्लू जिले में 40 दिन तक होली मनाई जाती है. मेला भी लगता है. 1651 को भगवान रघुनाथ को अयोध्या से कुल्लू लाया गया था. तब से लेकर इस परंपरा को बखूबी निभाया जाता है.

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में, बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा मुख्य स्थान रखती है. इस दिन छात्र और कलाकार विद्या की देवी सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हैं. छात्र उत्साहपूर्वक भाग इस पर्व में लेते हैं. लड़कियां पीली बसंती साड़ी पहनती हैं और लड़के धोती और कुर्ता पहनते हैं. भक्त सुबह देवी सरस्वती को बेल के पत्ते, गेंदा, पलाश और गुलदाउदी के फूलों का उपयोग करके अंजलि अर्पित करते हैं.

सरस्वती पूजा एक सामुदायिक उत्सव बन जाती है, जिसमें इलाकों में देवी के पंडाल और मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. ग्रामोफोन पर बजाए जाने वाले पारंपरिक संगीत से ज्ञान की देवी का आशीर्वाद मांगा जाता है. नैवेद्य में भक्तों के बीच वितरित किए जाने वाले कुल फल, सेब, खजूर और केले जैसे प्रसाद शामिल होते हैं. बंगाली वर्णमाला सीखने का समारोह, हाटे खोरी भी किया जाता है. शाम को जल निकायों में देवी सरस्वती की मूर्ति के विसर्जन के साथ एक भव्य जुलूस निकाला जाता है.

पंजाब और हरियाणा

इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में इस त्योहार को पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताओं द्वारा चिह्नित किया जाता है, जो इसे एक जीवंत और रंगीन आयाम प्रदान करता है. पतंगबाजी में में पुरुष और महिलाएं उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं. बसंत पंचमी से पहले पतंगों की मांग बढ़ जाती है और साफ नीला आसमान विभिन्न रंगों, आकृतियों और आकारों की पतंगों के लिए एक कैनवास बन जाता है. पारंपरिक पंजाबी परिधानों और बसंती रंग के कपड़े पहने स्कूली छात्राएं पतंग उड़ाने की गतिविधियों में शामिल होती हैं. इस त्योहार की खासियत यह है कि स्कूली छात्राएं वसंत के आगमन का जश्न मनाने के लिए लोकप्रिय लोक नृत्य गिद्दा भी करती हैं. इसके अलावा कुछ विशेष व्यंजनों को बनाया जाता है जैसे- खिचड़ी और मीठे चावल, सरसों का साग और मक्के की रोटी.

महाराष्ट्र और दक्षिण भारत

वहीं, महाराष्ट्र में, भक्त शिव और पार्वती की पूजा करते हैं, जो वसंत पंचमी उत्सव की धार्मिक विविधता पर जोर देता है. विद्यार्थी इस दिन अपनी पढ़ाई की शुरुआत करते हैं. लोग पीले रंग के वस्त्र पहनकर देवी की आराधना करते हैं. नवविवाहित जोड़े मंदिरों में जाकर स्पेशल पूजा करते हैं. ऐसे ही दक्षिण भारत में भी बसंत पंचमी का त्योहार, पीले रंग के कपड़े पहनकर, पतंग उड़ाकर और पारंपरिक मिठाइयां खाकर मनाया जाता है.

उत्तराखंड और बिहार

उत्तराखंड में बसंत पंचमी पर्व के दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को फूल, पत्ते और पलाश की लकड़ी अर्पित करते हैं. इसके अलावा कई लोग देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना भी करते हैं और नृत्य करते हैं. स्थानीय लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं. वहीं बिहार में बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और माथे पर हल्दी का तिलक लगाते हैं. मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. लोक गीत गाते और नृत्य करते हैं.

इंटरनेट के बिना चलेगा WhatsApp, ये ट्रिक आएगी काम

आप बिना इंटरनेट के किसी को भी वॉट्सऐप मैसेज भेज सकते हैं. आप ऑफलाइन वॉट्सऐप पर चैटिंग क बेनिफिट उठा सकते हैं. इसके लिए आपको वाईफाई या किसी और इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होगी. यहां पर हम आपको एक ऐसा जुगाड़ बताएंगे जिसके जरिए आप बिना डेटा के मैसेज सेंड और रिसीवर कर सकते हैं. ये फीचर आपको मेटा पर ही मिल जाएगा. इसके लिए किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर नहीं जाना पड़ेगा.

बिना इंटरनेट ऐसे चलेगा वॉट्सऐप

इंटरनेट के बिना इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप को चलान के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें. इसके लिए आप प्रॉक्सी फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा वॉट्सऐप को लैपटॉप और डेस्कटॉप पर वेब वाट्सऐप यूज कर सकते हैं.

प्रॉक्सी फीचर का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में प्रॉक्सी फीचर इनेबल करें. ऐप को प्रॉक्सी नेटवर्क से कनेक्ट करें लेकिन उस दौरान आपका फोन इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होना चाहिए.

प्रॉक्सी फीचर यूज करने से आपकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी पर असर नहीं पड़ता है. इसमें भी आपके मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहते हैं. अगर आप थर्ड-पार्टी प्रॉक्सी यूज करते हैं तो आपका IP एड्रेस प्रोवाइडर के साथ शेयर हो सकता है.

अगर आप लैपटॉप या डेस्कटॉप पर वॉट्सऐप चलाना चाहते हैं तो गूगल पर वेब वॉट्सऐप लिखकर सर्च करें. इसके बाद स्कैनर के जरिए फोन कनेक्ट करें. अब फोन का इंटरनेट बंद होने पर भी वॉट्सऐप चलता रहेगा.

ऐसे इनेबल करें Proxy फीचर

फोन में वॉट्सऐप ओपन करें. राइट साइट में आपको तीन डॉट्स पर क्लिक करें. सेटिंग में जाएं. ये करने के बाद Storage&Data को सेलेक्ट करें. यहां पर आपको Proxy का ऑप्शन शो होगा. Proxy Adress डालें और सेव करें. Proxy Adress सेव हो जाएगा ग्रीन डॉट शो होगा. ये दिखाता है कि आपका Proxy Adress कनेक्ट हो गया है.

कॉल या मैसेज रुक जाएं तो करें ये काम

Proxy फीचर ऑन होने के बाद भी आप कॉल या मैसेज सर्विस काम नहीं कर रही है तो परेशान ना हों. इन्हें वापिस से चलाने के लिए आपको लॉन्ग प्रेस करके प्रॉक्सी एड्रेस रिमूव करना होगा. इसके बाद नया प्रॉक्सी एड्रेस क्रिएट करना होगा. एक बात का ध्यान रखें कि भरोसेमंद सोर्स से ही प्रॉक्सी एड्रेस क्रिएट करें.

ओडिशा पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अंतर्राज्यीय डकैती गिरोह का पर्दाफाश, 8 गिरफ्तार, 3.51 करोड़ रुपये हुआ बरामद

ओडिशा के कालाहांडी में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने अंतर्राज्यीय डकैती गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 3.51 करोड़ रुपए नकद, हथियार, गोला-बारूद और वाहन जब्त किए हैं. यह गिरोह हाल ही में कालाहांडी जिले के धरमगढ़ में स्थित एक शराब भंडार से लूटपाट करने में शामिल था.

30 जनवरी 2025 को, गिरोह ने धरमगढ़ के एक स्थानीय शराब दुकान पर हमला कर भारी नकदी लूट ली थी. घटना के तुरंत बाद दुकान मालिक ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस से बचने के लिए आरोपी बोलेरो से झारखंड भाग गए. लेकिन पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उनकी पहचान कर ली.

जांच के दौरान कालाहांडी पुलिस ने पहले दो आरोपी सिराज अंसारी और कमेश्वर यादव को गिरफ्तार किया था, जबकि बाकी आरोपी झारखंड भागने में सफल रहे थे. इसके बाद कालाहांडी पुलिस ने झारखंड पुलिस के सहयोग से पूरे गिरोह को पकड़ लिया और उनके पास से 3.51 करोड़ रुपए नकद, हथियार और लूट में इस्तेमाल वाहन को बरामद किया है.

पुलिस ने 8 को किया अरेस्ट

गिरोह के सभी सदस्य झारखंड के रहने वाले हैं. गिरफ्तार किए गए अपराधियों में ताहिर अंसारी, हुसैन खान, जैसम खान, समीम अंसारी, बसुदेव गोपे, पिंटू अलीम, अनुज कुमार, को गिरफ्तार किया है. जबकि सिराज अंसारी और कमेश्वर यादव को पहले ही गिरफ्तार किया था. कालाहांडी पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने में सीसीटीवी फुटेज, फोन कॉल डिटेल्स और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की मदद से आरोपियों तक पहुंच सके.

3.51 करोड़ कैश बरामद

उन्होंने कहा कि हमने इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 3.51 करोड़ नकद, हथियार और अन्य सामान जब्त किया गया है. गिरोह पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. हमारी टीम अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

ओडिशा पुलिस के महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया ने इस सफल अभियान के लिए कालाहांडी पुलिस की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी अंतरराज्यीय अपराध नेटवर्क को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

हिमाचल प्रदेश के पूर्व बीजेपी विधायक विशाल नेहरिया ने की दूसरी शादी, स्वाति कपूर से लिए सात फेरे

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से पूर्व बीजेपी विधायक रहे विशाल नेहरिया दूसरी बार शादी के बंधन में बंध गए हैं. उन्होंने स्वाति कपूर से धर्मशाला में शादी की. स्वाति पेशे से वकील हैं. उधर विशाल नेहरिया की शादी हुई तो पूर्व पत्नी HAS ओशिन शर्मा (HAS Oshin Sharma) ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एक मैजेस शेयर किया है. हालांकि, इस ट्वीट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिखा है. लेकिन माना जा रहा है कि ये पोस्ट शायद विशाल की शादी को लेकर की है. बहरहाल, नवविवाहित जोड़े विशाल और स्वाति को जिंदगी की नई शुरुआत के लिए लोग बधाई दे रहे हैं.

विशाल की पहली शादी एचएएस अधिकारी ओशिन शर्मा से 6 अप्रैल 2021 को हुई थी. ये शादी ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई थी. दोनों के बीच घरेलू हिंसा को लेकर झगड़े हुए, जिन्हें लेकर ओशिन और विशाल दोनों ने ही सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी शेयर किए थे. ओशिन ने विशाल पर घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे. वहीं, विशाल ने भी ओशिन शर्मा पर कई आरोप लगाए थे. बाद में दोनों के बीच तलाक हो गया.

खनियारा निवासी विशाल ने 2019 में धर्मशाला से उपचुनाव जीता था, लेकिन 2022 में विवादों के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला. इसके पीछे की वजह ही यही मानी गई कि ओशिन शर्मा ने उनपर जो आरोप लगाए थे, उसी कारण विशाल को टिकट नहीं मिला.

कौन हैं स्वाति कपूर?

स्वाति धर्मशाला के नरघोटा की रहने वाली हैं और गद्दी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. उनके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. शादी के बाद, शनिवार को योल के नरवाना रिसॉर्ट में एक रिसेप्शन का आयोजन किया गया.

ओशिन ने शेयर किया पोस्ट

विशाल की दूसरी शादी के बाद ओशिन शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की. ओशिन ने लिखा कि जो बीत गई सो बात गई, जीवन में एक सितारा था, माना वह बेहद प्यारा था…वह डूब गया तो डूब गया. ओशिन वर्तमान में भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग में सहायक सचिव के पद पर तैनात हैं. उनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और X पर लाखों फॉलोअर्स हैं. वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहती हैं.

10 रुपये का सिक्का गटक गया 10 साल का बच्चा, गले में फंसा… डॉक्टर्स की टीम ने किया ये कमाल

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक बच्चे ने 10 रुपए का सिक्का निगल लिया. जिसके बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. परिजनों को जानकारी मिलने के बाद हड़कंप मच गया. वहीं आनन-फानन में परिजन बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां उसका अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज किया. डॉक्टरों ने देखा की सिक्का बच्चे के सीने के पास फंसा हुआ है.

शाजापुर जिला अस्पताल में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक 10 वर्षीय बालक ने गलती से 10 रुपए का सिक्का निगल लिया. घटना देर शाम के समय की है, जब वह दुकान से सामान खरीदकर घर लौट रहा था. बच्चे के परिजनों ने बताया कि जब उन्हें यह बात पता चली, तो वो बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल ले गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने पहले बच्चे का एक्स-रे कराया, जिसमें उसके सीने में सिक्का फंसा हुआ दिखाई दिया.

3 घंटे की मशक्कत के बाद निकला सिक्का

डॉ. सचिन नायक और डॉ. गोविंद पाटीदार सहित तीन डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का इलाज किया. डॉक्टरों की टीम ने काफी मशक्कत के बाद बच्चे के पेट से सिक्का निकाल लिया. यह पूरी प्रक्रिया लगभग तीन घंटे चली. डॉ. सचिन नायक ने बताया कि बच्चे को परिजन उपचार के लिए जिला अस्पताल में लेकर आए थे. एक्स-रे करवाने पर पता चला कि सिक्का सीने में फंसा हुआ है. तीन घंटे की मशक्कत के बाद सिक्का निकाल लिया गया. बच्चा स्वस्थ है, प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया.

सीने में हो रहा था दर्द

बच्चे कि परिजनों ने कहा कि सिक्का फंसने से उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी और सीने में दर्द भी हो रहा था. जिसके बाद हम उसे आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों की मदद से बच्चे की जान बचाई जा सकी. हम लोग तो घबरा गए थे. जानकारी मिलने के बाद घर में अपरातफरी मच गई थी. हालांकि तीन घंटे की मशक्कत के बाद सिक्का को निकाल लिया गया.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला का निधन, 79 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नवीन चावला का शनिवार को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने आज सुबह अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) एजीएमयूटी कैडर के 1969 बैच के अधिकारी थे. वह 2005 से 2009 के बीच चुनाव आयुक्त (ईसी) और फिर अप्रैल 2009 से जुलाई 2010 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग में कई सुधारों का नेतृत्व किया. वहीं, पक्षपात के आरोपों के कारण उनका कार्यकाल विवादों में भी घिरा रहा.

पूर्व सीईसी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने कई सुधारों का नेतृत्व किया, जिसमें तीसरे लिंग के मतदाताओं को ‘पुरुष’ या ‘महिला’ के रूप में मतदान करने के लिए मजबूर करने के बजाय ‘अन्य’ की नई श्रेणी में मतदान करने की प्राथमिकता देना शामिल है. चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘उनका नेतृत्व और चुनावी प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता हमें भारत के चुनाव आयोग में प्रेरित करती रहेगी.’

चुनाव आयुक्त नियुक्त होने से पहले बने केंद्रीय सचिव

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि 16वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चावला ने चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया को मुख्य चुनाव आयुक्त के समान बनाने की वकालत की थी. नवीन चावला का जन्म 30 जुलाई 1945 को हुआ था. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज जाने से पहले लॉरेंस स्कूल सनावर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की. अपने सिविल सेवा करियर के दौरान उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी गईं. उनका कार्य जीवन मुख्य रूप से दिल्ली में रहा.

चुनाव आयुक्त नियुक्त होने से पहले वे केंद्रीय सचिव बने. चावला को मदर टेरेसा की जीवनी लेखक के रूप में भी जाना जाता है. ‘मदर टेरेसा’ नामक जीवनी पहली बार 1992 में यूके में प्रकाशित हुई थी और तब से इसके कई अनुवाद और संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने रघु राय की तस्वीरों के साथ ‘फेथ एंड कम्पैशन: द लाइफ एंड वर्क ऑफ मदर टेरेसा’ का सह-लेखन भी किया, जिसे 1997 में यूके में प्रकाशित किया गया था.

EC को हटाने के लिए संशोधन की अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, चावला ने चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया को मुख्य चुनाव आयुक्त के समान बनाने के लिए कानून मंत्रालय को एक संवैधानिक संशोधन की सिफारिश की थी. उन्होंने उनके हटाने की मांग का हवाला देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भी लिखा था. साथ ही सरकार से चुनाव आयुक्तों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए संशोधन करने का आग्रह किया. हालांकि, सीईस और ईसी को हटाने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं हुआ.

बीजेपी ने लगाया था पक्षपात का आरोप

चुनाव निकाय में चावला का कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा. तत्कालीन विपक्षी बीजेपी ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. 2009 में सीईसी एन गोपालस्वामी ने सरकार से उस समय चुनाव आयुक्त रहे चावला को हटाने की सिफारिश की थी. हालांकि, सरकार ने उनकी सिफारिश पर कोई कार्रवाई नहीं की. यह सिफारिश बीजेपी की ओर से दायर याचिका पर आधारित थी.

इसमें चावला के खिलाफ पक्षपात करने की शिकायत की गई थी. यहां तक ​​कि उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. 2006 में लोकसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और 204 सांसदों ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को एक याचिका भी सौंपी थी. इसमें कथित पक्षपात के लिए नवीन चावला को चुनाव आयुक्त के पद से हटाने की मांग की गई थी

छत्तीसगढ़: गंगालूर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 8 नक्सली मारे गए

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से सुरक्षाबलों के जवानों ने सर्चिंग के दौरान 8 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस ने जारी की है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को गंगालूर में सुरक्षाबलों के जवान सर्चिंग पर निकले. इसी दौरान इलाके में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. गोलीबारी में अब तक 8 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई है. सुरक्षाबलों ने इस दौरान कई ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए हैं.

जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस के जवान और कोबरा डीआरजी एसटीएफ सीआरपीएफ 222 के जवान संयुक्त रूप से गंगालूर इलाके में सर्चिंग के लिए निकले. सुबह करीब 8.30 बजे सुरक्षाबलों की टीम पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी के जवाब में सुरक्षाबलों ने भी सुरक्षा घेरा बनाया और जवाबी फायरिंग की. इस मुठभेड़ में अभी तक 8 नक्सली मारे गए हैं. वहीं सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों से कई आधुनिक हथियार और नक्सली सामग्री भी जब्त की है.

रुक-रुक कर हो रही फायरिंग

सूत्रों की मानें तो इलाके में अभी भी नक्सलियों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच फायरिंग हो रही है. पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान फिलहाल जंगलों के अंदरूनी इलाकों में जा-जा कर संदिग्ध स्थानों पर जांच कर रहे हैं. इससे पहले भी क्षेत्र में नक्सलियों के मारे जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं.

14 नक्सली मारे थे

इससे पहले 21 जनवरी को छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर गरियाबंद में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लंबी मुठभेड़ चली थी. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने 14 नक्सलियों को ढेर कर दिया था. बता दें कि देश के गृहमंत्री अमित शाह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि मार्च 2026 से पहले देश और राज्य से नक्सल गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. इसी के तहत लगातार सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं और नक्सलियों के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं.