एचआरए लेने के बाद भी मुख्यालय पर नहीं रुकते 350 स्वास्थ्यकर्मी
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में 350 स्वास्थ्यकर्मी एचआरए लेने के बाद भी मुख्यालय पर नहीं रूक रहे। शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं। आला अधिकारियों की हिदायत के बाद भी वह मुख्यालय पर नहीं रूकते। बिना रात को ठहरे ही वह एचआरए का लाभ उठा रहे हैं। इसमें एएनएम, सीएचओ, डॉक्टर, एलटी, सीएचसी अधीक्षक और पीएचसी प्रभारी भी शामिल हैं। अब विभाग इन पर सख्ती की तैयारी कर रहा है।
जिले में दो राजकीय जिला अस्पताल, एमबीएस भदोही, 100 बेड का सरपतहां समेत छह सीएचसी और 18 पीएचसी सहित जिले के 213 स्वास्थ्य केंद्रों पर सरकारी और संविदाकर्मी दोनों मिलाकर करीब 1000 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती है। इसमें 500 से अधिक डॉक्टर, एएनएम, सीएचओ समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी सूबे के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। वाराणसी-प्रयागराज, मिर्जापुर और जौनपुर के रहने वाले स्वास्थ्यकर्मी मुख्यालय पर रूकने की बजाए प्रतिदिन आते-जाते हैं। पूर्व में डीएम विशाल सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने मुख्यालय पर रूकने की हिदायत भी दी थी, लेकिन उसका कोई असर इन पर नहीं पड़ रहा है।
मुख्यालय पर रहने के लिए इन्हें इनकी रैंक के आधार पर एचआरए मिलता है, लेकिन बिना रूके ही वह इसका लाभ भी उठा रहे हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो 350 स्वास्थ्यकर्मी जिले में नहीं रूकते।
एएनएम 90 तो 50 फीसदी सीएचओ का मुख्यालय पर ठिकाना
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 110 सीएचओ, 74 एएनएम की तैनाती है। इसकी तुलना में एएनएम 50 तो सीएचओ 90 फीसदी मुख्यालय पर रहते हैं। वहीं 30 फीसदी डाॅक्टर रहते हैं। सीएमओ कार्यालय की महिला लिपिक भी जिले के बाहर रहती हैं। लेकिन हर महीने सीएमओ सिर्फ एएनएम, सीएचओ पर सख्ती करते हैं। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर निवास स्थान न होने पर वेतन रोका जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और छह सीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों पर विभाग के आलाधिकारी मेहरबान हैं।
केस 1- भदोही स्टेशन पर करीब आठ महीने पहले ट्रेन की चपेट में आने से भदोही एमबीएस अस्पताल की एक महिला स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो चुकी है। महिला ड्यूटी करके प्रयागराज अपने निवास पर जा रही थी।
केस 2 - करीब एक साल पहले जिला चिकित्सालय के एक एलटी का वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन पर ट्रेन से उतरते समय पैर फिसलने से मौत हो गई थी। अगर वह मुख्यालय पर निवास करते तो शायद यह घटना नहीं होती, वह प्रतिदिन अप डाउन करते थे।
सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। कई स्वास्थ्यकर्मियों के न रुकने की शिकायतें मिल रही हैं। पूर्व में कुछ का वेतन भी रोका गया था। जल्द ही टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी। मुख्यालय पर न रुकने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई तय की जाएगी।
- डॉ. एसके चक, सीएमओ
Jan 28 2025, 16:53