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प्रसूता की मौत का मामला: जांच में अस्पताल प्रभारी, डॉक्टर और मेल नर्स पाए गए दोषी, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

रायपुर- बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में अस्पताल की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है और तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

जिम्मेदार पाए गए ये अधिकारी और कर्मचारी

जांच में अस्पताल प्रभारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और मेल स्टाफ नर्स को दोषी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी की डिलीवरी के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, और देखभाल का जिम्मा मेल नर्स पर था, जिसने मृतका के परिजनों से अशोभनीय व्यवहार भी किया था।

जांच समिति में शामिल रहे ये विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति में डॉ. संजीव वोहरा – जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. निर्मला यादव – स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा राव – एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति नारायण – नोडल अधिकारी, मातृत्व शाखा शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

जानिए क्या था मामला ?

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी के करीब 12 घंटे बाद देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिजनों के अनुसार, वार्ड ब्वॉय द्वारा दिए गए इंजेक्शन और पानी पिलाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई, लेकिन समय पर कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। दर्द से कराहती साक्षी की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार भी किया गया।

रिपोर्ट मिलने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेगा। मृतका के पति दीपक निषाद पहले ही CMHO और थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट पर जल्द ही उच्चस्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

#cmdevendrafadnavisrajthackeray_meeting

महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

संकल्प से सिद्धि तक: मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को किया बयां, छत्तीसगढ़ सरकार के कामों का भी किया जिक्र

रायपुर- मुख्यमंत्री ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि” अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा मोदी सरकार के 11 साल शानदार और ऐतिहासिक रहे है।छत्तीसगढ़ से PM मोदी का गहरा लगाव है। मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था आज चौथे नंबर पर है।

संकल्प से सिद्धि तक: मोदी सरकार की उपलब्धियों को किया बयां

उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा पिछली सरकार ने गरीबों का आवास छीना था। हमारी सरकार 18 लाख आवास की स्वीकृति दी है।

छत्तीसगढ में महिलाओं से लेकर किसानों तक से किया वादा पूरा

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार भेज रहे है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि दे रहे है। रामलला योजना में हजारों लोग अयोध्या पहुंचे हैं। PM मोदी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। आदिवासी समाज का मान सम्मान बहुत बढ़ा है।

जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कुछ देशों ने पीएम मोदी को भगवान हनुमान का दर्ज दिया। जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। CM विष्णु देव साय ने कहा PSC गड़बड़ी की CBI जांच करायी गयी है। गड़बड़ी करने वाले लोग आज जेल में हैं। CM साय ने कहा कांग्रेस और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की कथनी और करनी में कोई तुलना नहीं है। कांग्रेस की PHD झूठ बोलने में है। झूठ बोलकर उनके चेहरे में सिकन नहीं होती।

नक्सल मोर्चे पर उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियोंको बयां करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल कार्रवाई पर बड़ी सफलता मिली। अब बस्तर नक्सलमुक्त होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावना है मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद खत्म हो। जवान उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में खत्म हो सकता है फाइव डे सिस्टम

छत्तीसगढ़ में फाइव डे वर्किंग सिस्टम खत्म हो सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फाइव डे वर्किंग को खत्म करने पर विचार करेंगे”, और यह भी बताया कि अधिकारी-कर्मचारी खुद 6 दिन कार्य दिवस करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।

राजधानी में कोरोना मामलों में आई कमी, 10 मरीज हुए ठीक, जानिए अब कितने एक्टिव…

रायपुर- राजधानी रायपुर से कोरोना को लेकर राहत की खबर सामने आई है. शहर में 10 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं. मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CHMO) डॉ. मिथलेश चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर में अब तक कुल 35 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, जिनमें से केवल 4 मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री रही है. शेष मामले स्थानीय संक्रमण के हैं.

फिलहाल रायपुर में कोरोना के 25 सक्रिय मरीज हैं. इनमें से 1 मरीज अस्पताल में भर्ती है, जबकि 24 मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है. राहत की बात यह है कि इस बार की लहर में अब तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.

CMHO डॉ. मिथलेश चौधरी के अनुसार, इस बार का कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है. संक्रमितों में सामान्य लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और स्वाद का चला जाना देखे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे और बुजुर्ग तेजी से संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए उनके प्रति विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.

स्वास्थ्य विभाग ने दी ये सलाह:

  • कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं.
  • जांच की सुविधा जिला अस्पताल पंडरी और डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में उपलब्ध है.
  • घर में इलाज ले रहे मरीजों को परिवार से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें और मास्क का उपयोग जरूर करें.

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना को हल्के में न लें और लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल सलाह लें. जागरूकता और सावधानी से ही इस संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब, खोज में जुटी पुलिस

पिथौरा- शिक्षिका द्वारा हड़पे गए अपने घर को वापिस दिलाने की मांग को लेकर प्रशासन के आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब हो गई है. 70 वर्षीय महिला प्रतिभा मसीह ने कलेक्टर जनदर्शन में न्याय की गुहार लगाते हुए चेतावनी दी थी, कि अगर उसे उसका घर वापिस नहीं दिलाया गया तो वह 10 जून को CM हाउस के सामने आत्मदाह कर लेगी. रविवार की सुबह से वह अपनी बौद्धिक विकलांग बेटी और दो नातियों और के साथ अचानक कहीं चली गई है. उनके गायब होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. पुलिस बीते 24 घंटों से उनको ढूंढने में जुटी हुई है.

सूत्रों के अनुसार, 2 दिन पहले अधिकारीयों ने प्रतिभा मसीह को डाट-फटकार लगाई थी, जिससे प्रतिभा मसीह बेहद अपमानित महसूस कर रही थी. इसके बाद रविवार सुबह से गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.

जानकारी के मुताबिक, महिला महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के लहरौद गांव की रहने वाली है. महिला की शिकायत के अनुसार उन्होंने 2017 में लहरौद गांव के वार्ड क्रमांक 6 में स्थित मकान खरीदा था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते 2019 में उन्होंने गांव की ही शासकीय शिक्षिका गंगादेवी ध्रुव से 73 हजार रुपए उधार लिए और ये तय हुआ था कि छह माह में राशि लौटाकर मकान वापस ले लेगी, लेकिन तय समय से पहले ही जब उन्होंने पैसा लौटाने की कोशिश की तो शिक्षिका ने रकम लेने से इनकार कर दिया और दावा किया कि मकान अब उन्हीं का है.

अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने पर बिफरे अमित जोगी, दी आंदोलन की चेतावनी

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है । आज इस संबंध में अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। अमित जोगी ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही में कुछ लोगों ने अजीत जोगी की प्रतिमा उखाड़कर कचरे में फेंक दिया था । अब तक ना प्रतिमा पुनर्स्थापित हो पाई है और ना ही दोषी पकड़े गए।

उन्होंने कहा कि हमे इस सरकार से अब उम्मीद भी नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि ये प्रतिमा जोगी परिवार के निजी जमीन पर लगाई गई थी, तो उसे किस आधार से हटाया गया ? उन्होंने धमकी दी कि अगर एक महीने के अंदर प्रतिमा पुनर्स्थापित नहीं की गई, तो हम इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे । क्रेन से मूर्ति को लेकर रायपुर CM हाउस आएंगे। वहीं अजीत जोगी की पत्नी और पूर्व विधायक रेणु जोगी ने कहा कि साय सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए । गौरेला पेंड्रा मरवाही और प्रदेश की जनता की भावना के अनुरूप उनकी प्रतिमा वहीं लगाई जानी चाहिए।

इस पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। अगर जिला प्रशासन द्वारा इस पर आपत्ति की गई है, तो जरूर उसकी कोई बड़ी वजह होगी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

खात्मे की ओर नक्सलवाद : नेशनल पार्क इलाके में 7 माओवादी ढेर, 2 बड़े नक्सली लीडर भी मारे गए

बीजापुर- नेशनल पार्क इलाके में लगातार तीसरे दिन नक्सलियों के साथ जारी मुठभेड़ में जवानों ने कार्रवाई आक्रमक कर दी है. एंटी नक्सल ऑपरेशन में अबतक 2 टॉप लीडर समेत 7 नक्सली ढेर हो गए हैं. मौके से शव के साथ हथियार और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरमाद किया गया है. इसमें दो AK-47 राइफलें भी शामिल है. फिलहाल आस-पास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन और एरिया डॉमिनेशन जारी हैं.

मुठभेड़ में शनिवार सुबह दो और नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया. इससे पहले 1 करोड़ के इनामी नक्सली लीडर सुधाकर और 45 लाख के इनामी नक्सली भास्कर मारे गए थे. इनके अलावा ढेर अन्य नक्सलियों में दो महिला और 3 पुरुष शामिल हैं, जिनकी शिनाख्ती नहीं हो पाई है.  

3 दिन से ऑपरेशन जारी

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल पार्क एरिया में 5 जून को एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया गया था. पहले दिन मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सुधाकर उर्फ गौतम को जवानों ने मार गिराया. इसके अगले दिन 6 जून को सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सुधाकर उर्फ गौतम को ढेर कर दिया. 6 से 7 जून की दरमियानी शाम को मुठभेड़ में तीन नक्सली और मारे गए. आज भी जवानों को अभियान में सफलता मिली. सुबह 2 नक्सली को ढेर कर दिया गया.

अब तक इन नक्सलियों के शव बरामद :-

1. सुधाकर उर्फ गौतम – सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM).


2. भास्कर – तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य (TSC).


3. 2 अज्ञात महिला नक्सली कैडर.


4. 3 अज्ञात पुरुष नक्सली कैडर.

ऑपरेशन के दौरान जवानों को कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, फिर भी वे लगातार मोर्चे पर डटे रहे. सर्पदंश, मधुमक्खी के डंक, डिहाइड्रेशन और अन्य अभियान से जुड़ी वजहों से कुछ जवान घायल हुए हैं. सभी को तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की गई है. राहत की बात यह है कि सभी जवानों की स्थिति अब सामान्य है।

युक्तियुक्तकरण पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री का कटाक्ष, कहा- प्रदर्शन करना विपक्ष का काम

रायपुर- प्रदेश में युक्तियुक्तकरण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस के प्रदर्शन पर कड़ा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि “प्रदर्शन करना विपक्ष का काम है, लेकिन बच्चों के भविष्य के साथ राजनीति न की जाए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन करे ना करे यह उनका काम है। लेकिन युक्तियुक्तकरण शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का कदम है और बच्चों के हित में यह कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रदेशों से हमारे प्रदेश में शिक्षकों की संख्या अच्छी है। पिछले सरकार में ट्रांसफ़र की नीति अपनाए जिसकी वजह से 300 स्कूल शिक्षक विहीन है। 5 हज़ार स्कूल एकल शिक्षक है, कहीं स्टूडेंट से टीचर ज़्यादा है। युक्तियुक्तकरण बच्चों और शिक्षा गुणवत्ता के हित में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अफ़वाह फैलाई जा रही है कि स्कूल बंद किया जा रहा है। इस सबका विरोध कहां तक उचित है ?

मुख्यमंत्री ने कहा – “स्कूल नहीं बंद हो रहे, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ रही है”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य स्कूल बंद करना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने कहा:

“यह कदम बच्चों के हित में उठाया गया है। आज प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों से ज्यादा शिक्षक हैं और कई जगह ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षक ही नहीं हैं। पिछली सरकार की अव्यवस्थित ट्रांसफर नीति के चलते 300 स्कूल शिक्षक विहीन हो चुके हैं और 5 हज़ार से अधिक स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं।”

अफवाहों से बचें, बच्चों के भविष्य की चिंता करें: CM

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता को भ्रमित किया जा रहा है कि स्कूल बंद किए जा रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि शिक्षा व्यवस्था को संतुलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा:

“युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में संतुलन आएगा, संसाधनों का समुचित उपयोग होगा और बच्चों को बेहतर पढ़ाई का वातावरण मिलेगा। अफवाहों के ज़रिए विरोध करना कहां तक उचित है?”

कांग्रेस के आरोपों पर तंज

CM साय ने कांग्रेस के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“कांग्रेस क्या प्रदर्शन करे, यह उनका काम है, लेकिन उन्हें यह भी देखना चाहिए कि वे किस बात का विरोध कर रहे हैं – बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का या एक सुदृढ़ शिक्षा प्रणाली का?”


युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन 5 जून से : दीपक बैज की अगुवाई में प्रदर्शन, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। PCC अध्यक्ष दीपक बैज ने इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और कांग्रेस इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू होगा विरोध

कांग्रेस 5, 6 और 7 जून को प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार के फैसले का विरोध दर्ज कराएगी। इसके माध्यम से जनता को बताया जाएगा कि कैसे युक्तियुक्तकरण की आड़ में सरकार ने 10463 स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर ली है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच पर सीधा असर पड़ेगा।

BEO और DEO कार्यालयों का होगा घेराव

आंदोलन के अगले चरण में कांग्रेस 9, 10 और 11 जून को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालयों का घेराव करेगी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालयों तक यात्रा निकाल कर प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान 3 से 5 किलोमीटर की जन-जागरूकता यात्रा भी निकाली जाएगी जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और आमजन शामिल रहेंगे।

दीपक बैज होंगे आंदोलन की अगुवाई में

PCC चीफ दीपक बैज स्वयं इस आंदोलन की अगुवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई शिक्षा के अधिकार की है, और कांग्रेस बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि इस जन आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार की इस नीति से न केवल शिक्षक बेरोजगार होंगे, बल्कि दूर-दराज़ के गांवों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि स्कूलों का समापन नहीं बल्कि संसाधनों और शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी की आवश्यकता है।

डिप्टी CM विजय शर्मा का पलटवार – “स्कूल बंद नहीं, हो रहा है विलय”

दूसरी ओर, डिप्टी मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा:

“यह युक्तियुक्तकरण है, न कि स्कूल बंद करना।
दो स्कूलों को एक किया जा रहा है ताकि संसाधन और शिक्षक दोनों का समुचित उपयोग हो सके।
जहां शिक्षकों की अधिकता है, वहां से उन्हें कम स्टाफ वाले स्कूलों में भेजा जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, न कि गिरेगी।

सियासत गहराई

कांग्रेस जहां इसे ग्रामीण शिक्षा के खिलाफ साजिश बता रही है, वहीं सरकार इसे शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने की कोशिश बता रही है। अब देखना यह है कि जनता इस लड़ाई में किसके साथ खड़ी होती है।

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद : रेणु और अमित जोगी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, लगाए गंभीर आरोप

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उपजा विवाद अब और गहराता जा रहा है। सोमवार को पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने गौरेला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया कि जोगी की प्रतिमा का विधिवत अनावरण जल्द से जल्द हो।

रेणु जोगी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कही ये बात

पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा के लिए उन्होंने नगर पंचायत, कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से वैधानिक अनुमति मांगी थी ताकि युवाओं को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि आज पहली बार कलेक्टर को यह जानकारी हुई कि वह जमीन सरकारी नहीं बल्कि निजी है।

अमित जोगी ने इस दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह भूमि उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैं अपनी जमीन पर किसकी प्रतिमा लगाऊं या नहीं लगाऊं, यह कोई नगरपालिका तय नहीं कर सकती।” अमित ने 2020 में प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रतिमा पूरी तरह से कानूनी तरीके से स्थापित की गई थी।

CMO पर गंभीर आरोप

अमित जोगी ने गौरेला नगर पालिका के सीएमओ नारायण साहू पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सीएमओ ने “दारू पिलाकर गुंडों को भेजा” जिन्होंने प्रतिमा को चुराया। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और बनारस से बुलाए गए थे।

अमित ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को सीएमओ की शिकायत शासन स्तर पर हटाने के लिए दी है और कलेक्टर ने इस पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे प्रतिमा चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अमित ने कहा कि जब हम खुद CMO की लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकते है तो पुलिस क्यों नहीं कर सकती।

क्या है विवाद की जड़?

अमित जोगी का कहना है कि प्रतिमा को उनके अधिपत्य की भूमि पर वैधानिक रूप से स्थापित किया गया था और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना था। मगर इससे पहले ही प्रतिमा को कथित तौर पर रातों-रात चोरी कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी यह झूठा भ्रम फैला रहे हैं कि उस जगह पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगनी थी।

अमित जोगी ने दिया था अल्टीमेटम

अमित जोगी ने इससे पहले चेतावनी दी कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ शासन के 2003 और 2015 के शहरी विकास दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह नियम सिर्फ सार्वजनिक भूमि पर लागू होते हैं, जबकि उनका मामला निजी जमीन से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि स्थापित मूर्ति की ऊंचाई सिर्फ ढाई मीटर है, जो नियमानुसार है।

CMO नारायण साहू ने दी सफाई, कहा- “हमारी कोई भूमिका नहीं”

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर मचे बवाल के बीच गौरेला नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) नारायण साहू ने अपना पक्ष सामने रखा है। मूर्ति तोड़फोड़ के आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।

साहू ने कहा, “यह जो घटना हुई है, उसके बारे में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। किन व्यक्तियों ने इस कृत्य को किया है, वह अपने स्वयं के विवेक से किए होंगे। शासन जो भी कार्रवाई करेगा, उसमें हम साथ हैं। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है, ना ही नगर पालिका प्रशासन की कोई भूमिका है।”

CCTV फुटेज को लेकर प्रतिक्रिया

जब उनसे पूछा गया कि प्रतिमा को नगर पालिका कार्यालय के पास छोड़ दिया गया और CCTV कैमरों से कुछ फुटेज भी मिले हैं, तो उन्होंने कहा, “CCTV कैमरे में जो भी फुटेज आए हैं, वह जांच का विषय है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।”

आरोपों से किया इनकार

अमित जोगी द्वारा लगाए गए आरोपों जवाब देते हुए नारायण साहू ने स्पष्ट कहा, “हमारी कोई भूमिका नहीं है। ना ही हमने किसी को ऐसा करने के लिए कहा और ना ही हमारी मंशा ऐसी कोई कार्रवाई करने की रही है।”

प्रसूता की मौत का मामला: जांच में अस्पताल प्रभारी, डॉक्टर और मेल नर्स पाए गए दोषी, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

रायपुर- बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में अस्पताल की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है और तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

जिम्मेदार पाए गए ये अधिकारी और कर्मचारी

जांच में अस्पताल प्रभारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और मेल स्टाफ नर्स को दोषी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी की डिलीवरी के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, और देखभाल का जिम्मा मेल नर्स पर था, जिसने मृतका के परिजनों से अशोभनीय व्यवहार भी किया था।

जांच समिति में शामिल रहे ये विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति में डॉ. संजीव वोहरा – जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. निर्मला यादव – स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा राव – एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति नारायण – नोडल अधिकारी, मातृत्व शाखा शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

जानिए क्या था मामला ?

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी के करीब 12 घंटे बाद देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिजनों के अनुसार, वार्ड ब्वॉय द्वारा दिए गए इंजेक्शन और पानी पिलाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई, लेकिन समय पर कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। दर्द से कराहती साक्षी की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार भी किया गया।

रिपोर्ट मिलने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेगा। मृतका के पति दीपक निषाद पहले ही CMHO और थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट पर जल्द ही उच्चस्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

#cmdevendrafadnavisrajthackeray_meeting

महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

संकल्प से सिद्धि तक: मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को किया बयां, छत्तीसगढ़ सरकार के कामों का भी किया जिक्र

रायपुर- मुख्यमंत्री ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि” अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा मोदी सरकार के 11 साल शानदार और ऐतिहासिक रहे है।छत्तीसगढ़ से PM मोदी का गहरा लगाव है। मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था आज चौथे नंबर पर है।

संकल्प से सिद्धि तक: मोदी सरकार की उपलब्धियों को किया बयां

उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा पिछली सरकार ने गरीबों का आवास छीना था। हमारी सरकार 18 लाख आवास की स्वीकृति दी है।

छत्तीसगढ में महिलाओं से लेकर किसानों तक से किया वादा पूरा

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार भेज रहे है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि दे रहे है। रामलला योजना में हजारों लोग अयोध्या पहुंचे हैं। PM मोदी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। आदिवासी समाज का मान सम्मान बहुत बढ़ा है।

जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कुछ देशों ने पीएम मोदी को भगवान हनुमान का दर्ज दिया। जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। CM विष्णु देव साय ने कहा PSC गड़बड़ी की CBI जांच करायी गयी है। गड़बड़ी करने वाले लोग आज जेल में हैं। CM साय ने कहा कांग्रेस और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की कथनी और करनी में कोई तुलना नहीं है। कांग्रेस की PHD झूठ बोलने में है। झूठ बोलकर उनके चेहरे में सिकन नहीं होती।

नक्सल मोर्चे पर उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियोंको बयां करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल कार्रवाई पर बड़ी सफलता मिली। अब बस्तर नक्सलमुक्त होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावना है मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद खत्म हो। जवान उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में खत्म हो सकता है फाइव डे सिस्टम

छत्तीसगढ़ में फाइव डे वर्किंग सिस्टम खत्म हो सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फाइव डे वर्किंग को खत्म करने पर विचार करेंगे”, और यह भी बताया कि अधिकारी-कर्मचारी खुद 6 दिन कार्य दिवस करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।

राजधानी में कोरोना मामलों में आई कमी, 10 मरीज हुए ठीक, जानिए अब कितने एक्टिव…

रायपुर- राजधानी रायपुर से कोरोना को लेकर राहत की खबर सामने आई है. शहर में 10 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं. मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CHMO) डॉ. मिथलेश चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर में अब तक कुल 35 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, जिनमें से केवल 4 मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री रही है. शेष मामले स्थानीय संक्रमण के हैं.

फिलहाल रायपुर में कोरोना के 25 सक्रिय मरीज हैं. इनमें से 1 मरीज अस्पताल में भर्ती है, जबकि 24 मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है. राहत की बात यह है कि इस बार की लहर में अब तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.

CMHO डॉ. मिथलेश चौधरी के अनुसार, इस बार का कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है. संक्रमितों में सामान्य लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और स्वाद का चला जाना देखे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे और बुजुर्ग तेजी से संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए उनके प्रति विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.

स्वास्थ्य विभाग ने दी ये सलाह:

  • कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं.
  • जांच की सुविधा जिला अस्पताल पंडरी और डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में उपलब्ध है.
  • घर में इलाज ले रहे मरीजों को परिवार से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें और मास्क का उपयोग जरूर करें.

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना को हल्के में न लें और लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल सलाह लें. जागरूकता और सावधानी से ही इस संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब, खोज में जुटी पुलिस

पिथौरा- शिक्षिका द्वारा हड़पे गए अपने घर को वापिस दिलाने की मांग को लेकर प्रशासन के आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब हो गई है. 70 वर्षीय महिला प्रतिभा मसीह ने कलेक्टर जनदर्शन में न्याय की गुहार लगाते हुए चेतावनी दी थी, कि अगर उसे उसका घर वापिस नहीं दिलाया गया तो वह 10 जून को CM हाउस के सामने आत्मदाह कर लेगी. रविवार की सुबह से वह अपनी बौद्धिक विकलांग बेटी और दो नातियों और के साथ अचानक कहीं चली गई है. उनके गायब होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. पुलिस बीते 24 घंटों से उनको ढूंढने में जुटी हुई है.

सूत्रों के अनुसार, 2 दिन पहले अधिकारीयों ने प्रतिभा मसीह को डाट-फटकार लगाई थी, जिससे प्रतिभा मसीह बेहद अपमानित महसूस कर रही थी. इसके बाद रविवार सुबह से गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.

जानकारी के मुताबिक, महिला महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के लहरौद गांव की रहने वाली है. महिला की शिकायत के अनुसार उन्होंने 2017 में लहरौद गांव के वार्ड क्रमांक 6 में स्थित मकान खरीदा था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते 2019 में उन्होंने गांव की ही शासकीय शिक्षिका गंगादेवी ध्रुव से 73 हजार रुपए उधार लिए और ये तय हुआ था कि छह माह में राशि लौटाकर मकान वापस ले लेगी, लेकिन तय समय से पहले ही जब उन्होंने पैसा लौटाने की कोशिश की तो शिक्षिका ने रकम लेने से इनकार कर दिया और दावा किया कि मकान अब उन्हीं का है.

अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने पर बिफरे अमित जोगी, दी आंदोलन की चेतावनी

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है । आज इस संबंध में अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। अमित जोगी ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही में कुछ लोगों ने अजीत जोगी की प्रतिमा उखाड़कर कचरे में फेंक दिया था । अब तक ना प्रतिमा पुनर्स्थापित हो पाई है और ना ही दोषी पकड़े गए।

उन्होंने कहा कि हमे इस सरकार से अब उम्मीद भी नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि ये प्रतिमा जोगी परिवार के निजी जमीन पर लगाई गई थी, तो उसे किस आधार से हटाया गया ? उन्होंने धमकी दी कि अगर एक महीने के अंदर प्रतिमा पुनर्स्थापित नहीं की गई, तो हम इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे । क्रेन से मूर्ति को लेकर रायपुर CM हाउस आएंगे। वहीं अजीत जोगी की पत्नी और पूर्व विधायक रेणु जोगी ने कहा कि साय सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए । गौरेला पेंड्रा मरवाही और प्रदेश की जनता की भावना के अनुरूप उनकी प्रतिमा वहीं लगाई जानी चाहिए।

इस पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। अगर जिला प्रशासन द्वारा इस पर आपत्ति की गई है, तो जरूर उसकी कोई बड़ी वजह होगी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

खात्मे की ओर नक्सलवाद : नेशनल पार्क इलाके में 7 माओवादी ढेर, 2 बड़े नक्सली लीडर भी मारे गए

बीजापुर- नेशनल पार्क इलाके में लगातार तीसरे दिन नक्सलियों के साथ जारी मुठभेड़ में जवानों ने कार्रवाई आक्रमक कर दी है. एंटी नक्सल ऑपरेशन में अबतक 2 टॉप लीडर समेत 7 नक्सली ढेर हो गए हैं. मौके से शव के साथ हथियार और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरमाद किया गया है. इसमें दो AK-47 राइफलें भी शामिल है. फिलहाल आस-पास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन और एरिया डॉमिनेशन जारी हैं.

मुठभेड़ में शनिवार सुबह दो और नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया. इससे पहले 1 करोड़ के इनामी नक्सली लीडर सुधाकर और 45 लाख के इनामी नक्सली भास्कर मारे गए थे. इनके अलावा ढेर अन्य नक्सलियों में दो महिला और 3 पुरुष शामिल हैं, जिनकी शिनाख्ती नहीं हो पाई है.  

3 दिन से ऑपरेशन जारी

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल पार्क एरिया में 5 जून को एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया गया था. पहले दिन मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सुधाकर उर्फ गौतम को जवानों ने मार गिराया. इसके अगले दिन 6 जून को सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सुधाकर उर्फ गौतम को ढेर कर दिया. 6 से 7 जून की दरमियानी शाम को मुठभेड़ में तीन नक्सली और मारे गए. आज भी जवानों को अभियान में सफलता मिली. सुबह 2 नक्सली को ढेर कर दिया गया.

अब तक इन नक्सलियों के शव बरामद :-

1. सुधाकर उर्फ गौतम – सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM).


2. भास्कर – तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य (TSC).


3. 2 अज्ञात महिला नक्सली कैडर.


4. 3 अज्ञात पुरुष नक्सली कैडर.

ऑपरेशन के दौरान जवानों को कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, फिर भी वे लगातार मोर्चे पर डटे रहे. सर्पदंश, मधुमक्खी के डंक, डिहाइड्रेशन और अन्य अभियान से जुड़ी वजहों से कुछ जवान घायल हुए हैं. सभी को तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की गई है. राहत की बात यह है कि सभी जवानों की स्थिति अब सामान्य है।

युक्तियुक्तकरण पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री का कटाक्ष, कहा- प्रदर्शन करना विपक्ष का काम

रायपुर- प्रदेश में युक्तियुक्तकरण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस के प्रदर्शन पर कड़ा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि “प्रदर्शन करना विपक्ष का काम है, लेकिन बच्चों के भविष्य के साथ राजनीति न की जाए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन करे ना करे यह उनका काम है। लेकिन युक्तियुक्तकरण शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का कदम है और बच्चों के हित में यह कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रदेशों से हमारे प्रदेश में शिक्षकों की संख्या अच्छी है। पिछले सरकार में ट्रांसफ़र की नीति अपनाए जिसकी वजह से 300 स्कूल शिक्षक विहीन है। 5 हज़ार स्कूल एकल शिक्षक है, कहीं स्टूडेंट से टीचर ज़्यादा है। युक्तियुक्तकरण बच्चों और शिक्षा गुणवत्ता के हित में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अफ़वाह फैलाई जा रही है कि स्कूल बंद किया जा रहा है। इस सबका विरोध कहां तक उचित है ?

मुख्यमंत्री ने कहा – “स्कूल नहीं बंद हो रहे, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ रही है”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य स्कूल बंद करना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने कहा:

“यह कदम बच्चों के हित में उठाया गया है। आज प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों से ज्यादा शिक्षक हैं और कई जगह ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षक ही नहीं हैं। पिछली सरकार की अव्यवस्थित ट्रांसफर नीति के चलते 300 स्कूल शिक्षक विहीन हो चुके हैं और 5 हज़ार से अधिक स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं।”

अफवाहों से बचें, बच्चों के भविष्य की चिंता करें: CM

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता को भ्रमित किया जा रहा है कि स्कूल बंद किए जा रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि शिक्षा व्यवस्था को संतुलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा:

“युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में संतुलन आएगा, संसाधनों का समुचित उपयोग होगा और बच्चों को बेहतर पढ़ाई का वातावरण मिलेगा। अफवाहों के ज़रिए विरोध करना कहां तक उचित है?”

कांग्रेस के आरोपों पर तंज

CM साय ने कांग्रेस के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“कांग्रेस क्या प्रदर्शन करे, यह उनका काम है, लेकिन उन्हें यह भी देखना चाहिए कि वे किस बात का विरोध कर रहे हैं – बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का या एक सुदृढ़ शिक्षा प्रणाली का?”


युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन 5 जून से : दीपक बैज की अगुवाई में प्रदर्शन, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। PCC अध्यक्ष दीपक बैज ने इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और कांग्रेस इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू होगा विरोध

कांग्रेस 5, 6 और 7 जून को प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार के फैसले का विरोध दर्ज कराएगी। इसके माध्यम से जनता को बताया जाएगा कि कैसे युक्तियुक्तकरण की आड़ में सरकार ने 10463 स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर ली है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच पर सीधा असर पड़ेगा।

BEO और DEO कार्यालयों का होगा घेराव

आंदोलन के अगले चरण में कांग्रेस 9, 10 और 11 जून को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालयों का घेराव करेगी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालयों तक यात्रा निकाल कर प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान 3 से 5 किलोमीटर की जन-जागरूकता यात्रा भी निकाली जाएगी जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और आमजन शामिल रहेंगे।

दीपक बैज होंगे आंदोलन की अगुवाई में

PCC चीफ दीपक बैज स्वयं इस आंदोलन की अगुवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई शिक्षा के अधिकार की है, और कांग्रेस बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि इस जन आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार की इस नीति से न केवल शिक्षक बेरोजगार होंगे, बल्कि दूर-दराज़ के गांवों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि स्कूलों का समापन नहीं बल्कि संसाधनों और शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी की आवश्यकता है।

डिप्टी CM विजय शर्मा का पलटवार – “स्कूल बंद नहीं, हो रहा है विलय”

दूसरी ओर, डिप्टी मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा:

“यह युक्तियुक्तकरण है, न कि स्कूल बंद करना।
दो स्कूलों को एक किया जा रहा है ताकि संसाधन और शिक्षक दोनों का समुचित उपयोग हो सके।
जहां शिक्षकों की अधिकता है, वहां से उन्हें कम स्टाफ वाले स्कूलों में भेजा जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, न कि गिरेगी।

सियासत गहराई

कांग्रेस जहां इसे ग्रामीण शिक्षा के खिलाफ साजिश बता रही है, वहीं सरकार इसे शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने की कोशिश बता रही है। अब देखना यह है कि जनता इस लड़ाई में किसके साथ खड़ी होती है।

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद : रेणु और अमित जोगी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, लगाए गंभीर आरोप

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उपजा विवाद अब और गहराता जा रहा है। सोमवार को पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने गौरेला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया कि जोगी की प्रतिमा का विधिवत अनावरण जल्द से जल्द हो।

रेणु जोगी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कही ये बात

पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा के लिए उन्होंने नगर पंचायत, कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से वैधानिक अनुमति मांगी थी ताकि युवाओं को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि आज पहली बार कलेक्टर को यह जानकारी हुई कि वह जमीन सरकारी नहीं बल्कि निजी है।

अमित जोगी ने इस दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह भूमि उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैं अपनी जमीन पर किसकी प्रतिमा लगाऊं या नहीं लगाऊं, यह कोई नगरपालिका तय नहीं कर सकती।” अमित ने 2020 में प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रतिमा पूरी तरह से कानूनी तरीके से स्थापित की गई थी।

CMO पर गंभीर आरोप

अमित जोगी ने गौरेला नगर पालिका के सीएमओ नारायण साहू पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सीएमओ ने “दारू पिलाकर गुंडों को भेजा” जिन्होंने प्रतिमा को चुराया। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और बनारस से बुलाए गए थे।

अमित ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को सीएमओ की शिकायत शासन स्तर पर हटाने के लिए दी है और कलेक्टर ने इस पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे प्रतिमा चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अमित ने कहा कि जब हम खुद CMO की लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकते है तो पुलिस क्यों नहीं कर सकती।

क्या है विवाद की जड़?

अमित जोगी का कहना है कि प्रतिमा को उनके अधिपत्य की भूमि पर वैधानिक रूप से स्थापित किया गया था और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना था। मगर इससे पहले ही प्रतिमा को कथित तौर पर रातों-रात चोरी कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी यह झूठा भ्रम फैला रहे हैं कि उस जगह पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगनी थी।

अमित जोगी ने दिया था अल्टीमेटम

अमित जोगी ने इससे पहले चेतावनी दी कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ शासन के 2003 और 2015 के शहरी विकास दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह नियम सिर्फ सार्वजनिक भूमि पर लागू होते हैं, जबकि उनका मामला निजी जमीन से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि स्थापित मूर्ति की ऊंचाई सिर्फ ढाई मीटर है, जो नियमानुसार है।

CMO नारायण साहू ने दी सफाई, कहा- “हमारी कोई भूमिका नहीं”

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर मचे बवाल के बीच गौरेला नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) नारायण साहू ने अपना पक्ष सामने रखा है। मूर्ति तोड़फोड़ के आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।

साहू ने कहा, “यह जो घटना हुई है, उसके बारे में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। किन व्यक्तियों ने इस कृत्य को किया है, वह अपने स्वयं के विवेक से किए होंगे। शासन जो भी कार्रवाई करेगा, उसमें हम साथ हैं। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है, ना ही नगर पालिका प्रशासन की कोई भूमिका है।”

CCTV फुटेज को लेकर प्रतिक्रिया

जब उनसे पूछा गया कि प्रतिमा को नगर पालिका कार्यालय के पास छोड़ दिया गया और CCTV कैमरों से कुछ फुटेज भी मिले हैं, तो उन्होंने कहा, “CCTV कैमरे में जो भी फुटेज आए हैं, वह जांच का विषय है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।”

आरोपों से किया इनकार

अमित जोगी द्वारा लगाए गए आरोपों जवाब देते हुए नारायण साहू ने स्पष्ट कहा, “हमारी कोई भूमिका नहीं है। ना ही हमने किसी को ऐसा करने के लिए कहा और ना ही हमारी मंशा ऐसी कोई कार्रवाई करने की रही है।”