ठंड से हृदय रोग मरीजों की सांसत, नहीं है एक भी कार्डियोलॉजिस्ट
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिलें में ठंड का सितम जारी है। ऐसे में हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन जिले में हार्ट के मरीजों को समय से उपचार मिलना कठिन है। 20 लाख की आबादी वाले जिले में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है। हार्ट के मरीजों को बेहतर उपचार के लिए अन्य जनपद का रुख करना पड़ता है। भदोही एमबीएस में कार्डियोलॉजिस्ट का एक पद सृजित जरुर है, लेकिन चिकित्सक न होने से मरीजों को निजी अस्पतालों रुख करना होता है।
बदलते जीवन शैली के बीच तेजी से हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे मरीज उपचार कराने के लिए अन्य जिले का रुख करते हैं या तो जनपद के सरकारी अस्पताल में एमडी से दवा लेते हैं। लेकिन एमडी ऐसे मरीजों को सलाह देते हैं कि किसी कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाए। सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य गंभीर को बेहतर उपचार के लिए जिले के बाहर जाना पड़ता है। भदोही के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय में कार्डियोलॉजिस्ट का एक पद सृजित है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय,सौ शैय्या अस्पताल के अलावा सुरियावां, भदोही, डीघ, औराई, दुर्गागंज, गोपीगंज सीएचसी पर हृदय रोग विशेषज्ञ का पद ही सृजित नहीं है।
इन स्वास्थ्य केंद्रों पर हर दिन 2500 से 3000 की ओपीडी होती है। इसमें से 20 से 25 मरीज हृदय संबंधी समस्या के होते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट न होने के कारण चिकित्सक उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद विशेषज्ञ को दिखाने का सलाह देते हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि 100 बेड में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट के पद सृजित नहीं है। बताया कि भदोही एमबीएस में एक पद सृजित है लेकिन किसी विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है।
Dec 23 2024, 17:50