पशु पालन विभाग के बेड़े में शामिल कैटल कैचर वाहन बना शो-पीस
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही- छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए पशुपालन विभाग के बेड़े में करीब एक साल पूर्व शामिल कैटल कैचर वाहन शोपीस बनकर मंडलीय पॉली क्लीनिक में महीनों से खड़ा है। छुट्टा पशुओं को पकड़ने वाला वाहन अब किसी का नहीं है। विभाग का कहना है कि उसके लिए न तो अलग से डीजल का बजट है और न ही चालक की तैनाती है। जिससे उसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
जिले में शहर से लेकर गांव तक छुट्टा पशुओं टहल रहे हैं। इन्हें संरक्षित करने में पशुपालन विभाग, ग्राम पंचायत और निकाय प्रशासन पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। हाल ही मोढ़ में एक सांड के हमले से एक गोवंश की मौत हो गई थी। पूर्व में जनहानि भी हो चुकी है, लेकिन इन पर रोक नहीं लगाया जा रहा है। जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थायी सहित कुल 31 गोशाला है। इसमें आठ हजार गोवंश संरक्षित है।
पशु पालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कैटल कैचर वाहन के लिए अगल से बजट नहीं है। विभागीय मद से इधर - उधर करके डीजल की व्यवस्था की जाती है। इसे चलाने के लिए शासन स्तर से ड्राइवर की तैनाती भी नहीं की गई है। उच्चाधिकारियों का दबाव पड़ने पर वाहन रोड पर निकलता है। इसके बाद ज्ञानपुर जीआईसी मैदान पर खड़ा हो जाता है। सीवीओ डॉ डीपी सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर छुट्टा पशु पकड़े है। डीजल के लिए कोई अलग से मद नहीं है।






Nov 10 2024, 17:11
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