*350 पंचायतों में लगे सीसी कैमरे, बैटरी रिचार्ज न होने से अधिकतर बंद*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गांव में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए ग्राम पंचायतों में 350 सीसी कैमरे लगे थे। एक डेढ़ साल से रिचार्ज नहीं होने से अधिकतर कैमरे बंद हो गए। कई गांव में तो छह से लेकर आठ माह से यह कैमरे शोपीस बने हुए हैं। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। भदोही जिले में 546 ग्राम पंचायतें हैं। अपराध एवं अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों में सीसी कैमरे लगाए जा रहे हैं। पंचायत राज विभाग की ओर से करीब एक से डेढ़ साल पूर्व तक 350 गांव में कैमरे लगाए गए थे। इस पर करीब 25 लाख से अधिक का खर्च आया था। शुरुआत में यह कैमरे सही रहे, लेकिन बाद में पंचायतों की तरफ से ध्यान न देने से तीन से छह महीने में कैमरे का रिचार्ज खत्म होने से वह बंद हो गए। सुरियावां के पट्टीबेजांव, महजूदा, बिहियापुर, अर्जुनपुर, अभोली ब्लॉक के अभोली, भदोही के संवरपुर, रोटहां, चौरी, ज्ञानपुर के मिल्की, देवाजितपुर, डीघ ब्लॉक के डीघ, इनारगांव समेत अन्य गांव में लगे कैमरे बंद हो चुके हैं। इससे मुख्य तिराहे, चौराहे एवं सार्वजनिक स्थलों के आसपास लगे कैमरे सिर्फ शोपीस बन कर रह गए हैं। इसका फायदा न तो पुलिस को मिल रहा है और न ही गांव के लोगों को। आपराधिक मामलों की जांच में पुलिस को सीसी फुटेज नहीं मिल पा रहा है। उनकी जांच बाधित रहती है। सीसी कैमरे खराब होने से चोर, उचक्के किसी भी वारदात को अंजाम देकर चले जाएंगे। पुलिस सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति तक सिमट कर रह जाएगी पुलिस की जांच में मिलता था सहयोग ग्राम पंचायतों मे सुरक्षा के दृष्टि से लगे कैमरों से पुलिस को जांच में काफी सहयोग मिलता है। चोरी के साथ अन्य अपराधिक घटनाओं में शामिल अपराधियों की पहचान करने में आसानी होती है। गांव से बाहर निकलते समय अपराधी कैमरे में कैद हो जाते हैं, लेकिन कैमरे बंद होने से वह बच कर निकल जा रहे हैं। सीसी कैमरा लगवाने का कोई फायदा नहीं मिलता। ग्राम पंचायतों में सुरक्षा के लिए लगे कैमरे को रिचार्ज करने का पत्र जारी किया है। दीपावली तक सभी कैमरे चालू कराने का निर्देश दिया है। जिन गांव में अभी तक कैमरे नहीं लगे हैं, उनकी सूची भी मांगी गई है। -संजय मिश्रा, डीपीआरओ
Oct 31 2024, 14:31