चीन ने ताइवान को चौतरफा घेरा, क्या अटैक की है तैयारी?
#taiwan_siege_fighter_planes_in_action_is_china_preparing_to_attack
दुनिया युद्ध की चपेट में हैं। एक तरफ इजराइल-हमास के बीच जंग जारी है तो दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन के बीच। मिडिल ईस्ट और यूक्रेन-रूस के बाद जंग का तीसरा फ्रंट खुल रहा है। इस युद्ध का सेंटर ताइवान होगा। चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। चीन लगातार ताइवान में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। गुरुवार सुबह एक बार फिर चीन के 20 विमानों और आठ नौसैनिक जहाजों ने ताइवान में प्रवेश किया।
चीन ने ताइवान के पास ‘ज्वॉइंट स्वॉर्ड-2024 नाम से एक्सरसाइज’ की। कुल 9 जगहों पर चीन ने अपनी सेना तैनात की। इस मिलिट्री ड्रिल में चीन की नेवी और एयरफोर्स शामिल हुई। चीन के नेवी की जंगी वॉरशिप ‘लियाओनिंग’ भी इस युद्धाभ्यास में शामिल की गई। चीन की ज्यादातर कोशिश ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों पर नाकाबंदी करने की थी। इस एक्सरसाइज के बाद चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है। चीन इस मिलिट्री ड्रिल के बहाने ताइवान के आसपास बारूद बरसा रहा है। साथ ही तेजी के साथ ताइवान की सीमा के करीब आ रहा है। चीन के कई युद्धपोत और एयरक्राफ्ट कैरियर ताइवान को घेरे हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के 153 एयरक्राफ्ट ताइवान के पास देखे गए। इसमें 111 एयरक्राफ्ट ने मीडियन लाइन को पार किया. मीडियन लाइन को चीन सीमा रेखा नहीं मानता है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन के लड़ाकू विमान, वॉरशिप और जहाज ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। ताइवान ने भी चीन की हरकतों का माकूल जवाब दिया। चीन के खतरे को देखते हुए ताइवान ने अपने एयरफोर्स को रेडी-टू-अटैक मोड में रखा है और चीन को जवाबी हमले की चेतावनी भी दे दी है। ताइवान की सेना ने चीन के युद्धाभ्यास के बाद अपने ड्रोन और मिसाइलों तैनात कर दी हैं। ताइवान के ड्रोन और मिसाइलें समुद्री सीमा के पास चीन की सेना को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं। ताइवान स्ट्रेट में ताइवान के ड्रोन चीन की सेना के हर कदम पर बराबर निगाह रखे हुए हैं। इसके अलावा ताइवान ने अपने वॉरशिप, लड़ाकू विमान और एंटी-शिप मिलाइलें भी तैनात कर दी हैं।
ताइवान का क्या रहा है इतिहास ?
ली ने एक बयान में कहा, ‘यह उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं और हमारी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता की रक्षा के लिए हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।’ इसके साथ ही चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने सोमवार को घोषणा की कि वह ताइवान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के काम के लिए ताइवान के दो लोगों पूमा शेन और रॉबर्ट त्साओ पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में चीन के साथ एकीकृत होने से पहले ताइवान एक जापानी उपनिवेश था। 1949 में यह उससे अलग हो गया जब माओ त्से तुंग के कम्युनिस्टों के चीन में सत्ता में आने के बाद उनके विरोधी च्यांग काई-शेक के समर्थक भागकर ताइवान आ गए।
Oct 17 2024, 14:36