भारत-कनाडा विवादःजानें क्या है कनाडा के इन दोस्तों का रूख
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भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। कनाडा ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के अधिकारियों का हाथ है। इन आरोपों के बाद कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों ने एकदूसरे के कई टॉप राजनयिकों को निकाल दिया है।
भारत के साथ बढ़ते विवाद के बीच ट्रूडो ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें कहा कि निज्जर हत्याकांड में भारतीय एजेंट्स की संलिप्तता को लेकर कनाडा ने अपने फाइव आईज के सभी सहयोगियों के साथ जानकारी साझा की है।फाइव आईज अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का खुफिया संगठन है।
अमेरिका ने क्या कहा?
इस बीच,अमेरिका ने भारत और कनाडा के बीच विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।अमेरिका ने कहा है कि भारत को निज्जर हत्याकांड के मामले में कनाडा की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा कि भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं।मिलर ने कहा, हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा के साथ जांच में मदद करे। निश्चित तौर पर उन्होंने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने वैकल्पिक रास्ता चुना है।
भारत और कनाडा दोनों अमेरिका के अहम सहयोगी देश हैं। लेकिन इस मामले में फिलहाल अमेरिका कनाडा का साथ देता नज़र आ रहा है। पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने अपने देश की संसद में भारत के 'एजेंटों' पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उस समय भी अमेरिका ने भारत से इसकी जांच में सहयोग करने की अपील की थी।
न्यूजीलैंड ने बरती सतर्कता
फाइव आईज सहयोगी न्यूजीलैंड ने भारत-कनाडा राजनयिक तनाव के बीच कनाडा का समर्थन किया है लेकिन भारत के खिलाफ टिप्पणी नहीं की है। न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा है कि अगर आरोप सिद्ध हो जाए तो बहुत चिंताजनक होगा।हालांकि, मंत्री ने अपने बयान में भारत का नाम नहीं लिया है और बड़ी ही सतर्कता से न्यूजीलैंड का पक्ष रखा है।
विंस्टन पीटर्स ने एक्स पर लिखा, 'कनाडा ने न्यूजीलैंड को अपने दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा और उन्हें मिल रही धमकियों के संबंध में चल रही आपराधिक जांच के बारे में हमें जानकारी दी है। कनाडा के आरोप अगर सिद्ध होते हैं बहुत चिंताजनक होगा।साथ ही, हम न्यूजीलैंड या विदेश में चल रही आपराधिक जांच पर टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन हम कहना चाहेंगे कि यह महत्वपूर्ण है कि कानून के शासन और न्यायिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाए और उनका पालन किया जाए।
ब्रिटेन ने क्या कहा?
जस्टिन ट्रूडो ने इस मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए सोमवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर को फोन किया था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक़ इस बातचीत के दौरान स्टार्मर ने 'रूल ऑफ लॉ’ को अहमियत देने की बात की। हालांकि ब्रिटेन की ओर से जारी इस बयान में भारत का सीधा संदर्भ नहीं दिया गया था लेकिन इसमें भारत पर लगाए गए आरोपों की कनाडा में चल रही जांच का ज़िक्र है। दोनों ने निज्जर हत्याकांड की जांच का निष्कर्ष सामने आने तक एक दूसरे के संपर्क में रहने का वादा किया।
ऑस्ट्रेलिया ने साफ किया अपना रुख़
ऑस्ट्रेलिया ने भी इस मामले में अपना रुख़ साफ कर दिया है। फाइव आइज़ अलायंस के सदस्य देशों में शामिल ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने हालांकि मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत-कनाडा के बीच विवाद सवालों के जवाब नहीं दिए। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामले और व्यापार मंत्रालय ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया कनाडा में चल रही जांच से जुड़े आरोपों की जांच और वहां की न्यायिक प्रक्रिया पर अपना नजरिया बता दिया है। मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, "हमारा सिद्धांत ये है कि सभी देशों की संप्रभुता कानून के नियमों का सम्मान होना चाहिए।''
Oct 16 2024, 19:26