एस जयशंकर ने घर में घुसकर पाकिस्तान को धोया, बोले- आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते
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पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट की मेजबानी कर रहा है। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समिट में हिस्सा लेने इस्लामाबाद में हैं। उन्होंने अपनी स्पीच में पाकिस्तान को खूब सुनाया। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आतंकी घटनाएं जारी रहेंगी तो फिर व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। इस तरह जयशंकर ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को उसी के घर में लताड़ लगाई।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में जयशंकर ने एससीओ परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में एस जयशंकर ने कहा, ''सबसे पहले, मैं इस वर्ष एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद की अध्यक्षता के लिए पाकिस्तान को बधाई देना चाहता हूं। भारत ने सफल अध्यक्षता के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है।'
एस जयशंकर ने कहा कि हम विश्व मामलों में एक कठिन समय पर मिल रहे हैं। दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने वैश्विक परिणाम हैं। कोविड महामारी ने विकासशील दुनिया में कई लोगों को बुरी तरह तबाह कर दिया है। विभिन्न प्रकार के व्यवधान 'चरम जलवायु घटनाओं से लेकर आपूर्ति श्रृंखला अनिश्चितताओं और वित्तीय अस्थिरता तक' विकास को प्रभावित कर रहे हैं। ऋण एक गंभीर चिंता का विषय है, भले ही दुनिया एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने में पीछे रह गई हो। प्रौद्योगिकी बहुत आशाजनक है, साथ ही साथ कई नई चिंताएं भी पैदा कर रही है।
विदेश मंत्री ने एससीओ देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने, विश्वास, दोस्ती और अच्छे पड़ोसी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि एससीओ संगठन के सामने आतंकवाद, अलगावाद और कट्टरपंथ से लड़ने की साझा चुनौती है। पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अगर विश्वास की कमी है या सहयोग पर्याप्त नहीं है। दोस्ती कम हो गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना गायब है तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। साथ ही यह तभी संभव है जब हम पूरी ईमानदारी से चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें, तभी हम आपसी सहयोग और प्रतिबद्धता के फायदों को पूरी तरह से महसूस कर सकते हैं। यह सिर्फ हमारे फायदे के लिए नहीं है।
इससे पहले पाकिस्तान ने एक बार फिर यहां कश्मीर राग अलापा। हर बार की तरह पाकिस्तान को इस मुद्दे पर चीन का खुला साथ मिला। चीन ने कहा कि यह इतिहास का बचा हुआ मुद्दा है जिसे हल करने की जरूरत है।पाकिस्तान में हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ मीटिंग में पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और समृद्धि के लिए चीन के अटूट समर्थन की पुष्टि की। संयुक्त बयान में कहा गया, दोनों देशों ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व और सभी लंबित विवादों के समाधान की जरूरत पर जोर दिया और किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया।
बयान में आगे चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर का विवाद इतिहास से बचा हुआ है। इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए।
Oct 16 2024, 14:58