ईरान पर बड़ा साइबर अटैक, निशाने पर रहे न्यूक्लियर ठिकानें, क्या इजराइल के बदले की शुरूआत?
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ईरान और इजरायल के बीच चल रहे मौजूदा तनाव के बीच शनिवार को ईरान के न्यूक्लियर साइट्स सहित कई प्रतिष्ठानों पर एक साथ साइबर अटैक हुए। साइबर हमले से सरकार की लगभग तीनों शाखाएं तबाह हुई। साथ ही न्यूक्लियर ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। वहां की न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका शाखा - भारी साइबर हमलों की चपेट में आ गई हैं और उनकी इंफॉर्मेशन को हैक कर लिया गया है।ये हमला ऐसे समय में हुआ है, जब इजरायल ने 1 अक्टूबर को ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले का करारा जवाब देने की कसम खाई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि ईरान पर यह इजरायल का जवाबी हमले की दिशा में पहला कदम है।
साइबर अटैक के बाद ईरानी सेना की नींद उड़ी हुई है।ईरान के सुप्रीम काउंसिल ऑफ साइबर स्पेस के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने कहा है कि साइबर अटैक की जद में ईरानी की तीनों सेनाएं हैं। दावा किया जा रहा है कि साइबर अटैक की चपेट में ईरान का न्यूक्लियर पावर प्लांट, ईंधन वितरण सिस्टम और बंदरगाह परिवहन नेटवर्क भी आया है।
इसके बाद अब सवाल उठ रहे है कि इजराइल बिना कोई जंग लड़े ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को तबाह करने की ठान चुका है? दरअसल, माना जा रहा है कि इजरायल ईरान को आर्थिक चोट पहुंचाने के मूड में हैं। इसलिए न्यूक्लियर प्लांट के साथ साथ इजरायल ईरान के तेल ठिकानों पर भी विस्फोट करने की तैयारी में है ताकि ईरानी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट किया जा सके
इजराइल के टारगेट पर ईरान के ये न्यूक्लियर प्लांट
• इजराइल के टारगेट पर ईरान के परमाणु संयंत्रों में सबसे पहले फार्दो है। जो कि एक न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्लांट है। 2009 से ऑपरेशनल है। ये चट्टानों के नीचे बना है। इसकी तेल अवीव से दूरी 1842 किमी है।
• इसी तरह अराक न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर भी टारगेट पर है, जो 2006 में बनकर तैयार हुआ था। यहां रेडियो आइसोटोप प्रोडक्शन होता है।
• इसके अलावा नतांज न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्लांट है जो 2004 से ऑपरेशनल है। ये एक अंडरग्राउंड प्लांट है। इसकी तेल अवीव से दूरी 2027 किमी है।
• इस्फहान न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर चीन के सहयोग से बना है। इसमें 3000 से ज्यादा साइंटिस्ट काम करते हैं। इजराइल यहां भी हमला कर सकता है।
• आगे बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट है जो रूस के सहयोग से बना है। 2010 से ऑपरेशनल है। इसकी तेल अवीव से दूरी 2072 किमी है।
ईरान की 7 बड़ी रिफाइनरी भी टारगेट पर
• पहले नंबर पर है अबादान रिफाइनरी.
• दूसरे नंबर पर है इस्फहान रिफाइनरी.
• तीसरे नंबर पर है अराक रिफाइनरी.
• चौथे नंबर पर है बंदर अब्बास रिफाइनरी.
• पांचवें नंबर पर है तेहरान रिफाइनरी.
• छठे नंबर पर है अरवांद रिफाइनरी.
• सातवें नंबर पर है लावन आइलैंड रिफाइनरी।
इजराइल के इस प्लान से पूरे अरब में खलबली मच गई है क्योंकि ईरानी परमाणु संयंत्रों और तेल ठिकानों पर हमले का मतलब पूरे अरब में जंग फैलना होगा और इसके साथ ही पूरी दुनिया में तेल के दामों भी आग लगना तय है। अरब के कई देशों ने अमेरिका से अपील की है कि इजराइल को इस तरह के हमले करने से रोका जाए, लेकिन इजरायल के इस प्लान में अमेरिका भी शामिल है और प्लान सिर्फ इतना ही नहीं है।
बता दें कि हाल ही में हिजबुल्लाह के सदस्यों पर पैजर अटैक हुआ, जिससे ये आतंकी संगठन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया सहम गई थी। पैजर में फिट किये गए बम फट रहे थे और लोग सड़कों पर मर रहे थे। ऐसा आरोप है कि हिजबुल्लाह पर ये पैजर अटैक इजरायल की सीक्रेट यूनिट 8200 ने अंजाम दिया था। इसके बाद कई वॉकी-टॉकी भी ब्लास्ट हुए थे।
Oct 15 2024, 10:22