आजमगढ़:-फूलपुर के मेले में रावण का बध होते ही लगे जय श्रीराम के जयकारे, राम रावण युद्ध देखने उमड़ी भीड़
वी कुमार यदुवंशीआजमगढ़। फूलपुर का ऐतिहासिक दशहरा हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। दशहरा कमेटी के तत्वाधान में विशाल पाण्डेय के नेतृत्व में स्थानीय भवानी मां मन्दिर से भगवान श्री राम जी की झाकी लक्ष्मणजी, हनुमानजी, जामवंत जी, अंगद जी नल नीलजी आदि वानरी सेना के साथ नगर पंचायत के मुख्य मार्गो से होती हुई दशहरा मैदान पहुंची। उसके बाद स्वर्ण रथ पर सवार अहंकारी लंकाधिपति रावण अठ्ठाहस करता हुआ घोड़े पर सवार कुंभकर्ण, मेघनाद, अक्षयकुमार,आदि के साथ भवानी मां मन्दिर से धर्मशाला रोड, पुरानी सब्जी मंडी, चूना चौक, शनिचर बाजार, श्री शंकर जी तिराहा, सब्जी मंडी, मेन रोड, बस स्टॉप, होते हुए दशहरा मैदान पहुंची। जहां दोनों सेनाओं के बारी बारी कुशल नेतृत्व में भीषण युद्ध होता है। मेघनाद द्वारा नागपाश शस्त्र से लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते हैं। श्री राम सेना में मायूसी छा जाती है। वीर हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी पर्वत सहित लाए जाने पर सुषेण जी के उपचार के बाद पुनः लक्ष्मण जी ठीक होते है। फिर युद्ध में मेघनाद का अन्त होता है। बारी बारी रावण सेना का अन्त होता है। अंततः रावण श्री राम युद्ध में महापराक्रमी रावण का अन्त श्री राम जी के हाथों होता है। पूरा खचाखच भरा मैदान श्री राम जी के जयकारों से गूंज उठता है। 40फुट रावण का पुतला दहन होता हैं।श्री राम की भूमिका विशाल प्रजापति,लक्ष्मण, अनुराग पाण्डेय,सीता बाबू पाण्डेय,रावण अमर सिंह, हनुमान शनि, काली जी अंश सोनी, बखूबी निभाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिन्स पाण्डेय,संचालन सुधीर रावत, ने किया। इस अवसर पर अजय जायसवाल, डिम्पल मनोज सेठ, प्रेम पाण्डेय, आदि थे।
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29 सितंबर को पूर्व प्रधान श्रीराम का बडा लड़का बृजभान घर पर नही दिखा तो मैने प्रधान श्रीराम चौहान से पूछा की आपका लड़का बृजभान नही दिख रहा है तो उन्होने बताया की कही रिस्तेदारी मे गया है तब मेरे दिमांग मे आया की परिवार के अन्य सदस्य गांव के मकान मे सोते है । आज रात्रि प्रधान और मै अकेले मे सोयेगे आज ही इनका काम खत्म कर दिया जाये। तब मैने शाम अंधेरा होते ही वर्तमान प्रधान रामसेवक व उनके लड़के सुरेन्द्र चौहान से मिलकर योजना बतायी तो सुरेन्द्र चौहान ने कहां की तुमको मै आज रात्रि मे ही कट्टा लाकर दुगां आज रात्रि 12 बजे के पास श्रीराम चौहान को सोते समय ही हत्या कर देना ताकि 12 रात्रि मे गांव वालो यह लगेगा की किसी ने बर्थडे मनाते समय पटखा फोरा होगा । इस योजना पर हम लोग राजी होकर अपने अपने घर चले गये मै रोज की भांती उसी रात को 8 बजे प्रधान श्रीराम चौहान के घर गांव के बाहर वाले मकान पर सोने आया जहां पर श्रीराम चौहान उनकी पत्नी चनौता देवी मौजूद मिली उसके बाद हम लोग बात-चीत किये कुछ समय बाद प्रधान श्रीराम चौहान व उनकी पत्नी खाने के लिये गांव वाले घर पर चले गये । प्रधान श्रीराम चौहान समय लगभग 9 बजे रात्रि को गांव वाले घर से गांव के बाहर वाले दुसरे मकान पर सोने के लिये आये हम लोग समान्य तरिके से रोज की भांती बरामदे मे अगल बगल सो गये मुझे योजना के मुताबिक नींद नही आ रही थी मै अपनी मोबाइल चला रहा था करीब 12 बजे रात्रि मे वर्तमान प्रधान राम सेवक चौहान का लड़का सुरेन्द्र चौहान पुर्व प्रधान श्रीराम चौहान के घर कट्टा लेकर आये और मुझे देकर दिवाल की आड़ मे खडे हो गये मै अपने चारपाई से उतर कर प्रधान श्रीराम चौहान के दाहिने तरफ जाकर चारो तरफ देखकर प्रधान श्रीराम चौहान के दाहिने कनपट्टी पर सटाकर गोली मार दिया और श्रीराम चौहान मौके पर ही मर गये । जिसपर सुरेन्द्र चौहान बिना कट्टा लिये ही वहा से भाग गया मै विकलांगता के कारण मजबूरन कुछ समय तक वही पर सो गया उसके बाद देखा की आस पास के लोग जब वहा पर नही आये तो मै उसी समय अपने घर जाकर कट्टा को अपने भूसवले मे छिपा कर पुनः वापस आकर अपनी चारपाई पर सो गया ।
Oct 14 2024, 07:23
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