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हर मन्नत पूरी होती है घोपइला देवी के दरबार में

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शारदीय नवरात्र 3 अक्तूबर से शुरू हो रहा है। इसके मद्देनजर जिले के सभी प्रमुख देवी मंदिरों में तैयारी जोरशोर से चल रही है। मंदिरों के रंग रोगन के साथ ही विद्युत झालर और फूलों से सजाने का कार्य शुरू हो गया है। देवी मंदिरों में नौ दिनों तक भक्तों का अंबार रहेगा और विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। जिले में लगभग 15 प्रमुख देवी मंदिर हैं, जहां पर पूरे नवरात्र भर मेले जैसा माहौल रहेगा।
देवी आराधना का पवित्र पर्व नवरात्र बृहस्पतिवार को आरंभ हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाली शक्ति स्वरूपा के विभिन्न रूपों की उपासन होती है।

नवरात्र में इस दुर्गा मंदिर का महात्म्य बढ़ जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं।घोपइला धाम के नाम से प्रसिद्ध दुर्गा धाम पर नवरात्र में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु हाजिरी लगाने पहुंचते हैँ। मंदिर की स्थापना करने वाले परिवार से जुड़े अवधेश चंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि मंदिर की स्थापना 1924 में उनके दादा जी ने कराई थी। इसके पीछे संतान न होना वजह बताई गई थी। कहते हैं कि एक पंडित जी उन्हें बताया कि तुम एक दुर्गा मंदिर बनवाओ। इसके बाद मंदिर बनवाया गया और उसके दो साल बाद 1926 में मेरे पिताजी का जन्म हुआ। मां दुर्गा के आशीर्वाद से उनका जन्म होने के कारण उनका नाम दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव रखा गया। मां की महिमा अपरंपार है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पूरी आस्था के साथ मां के दर्शन करने पहुंचता है, मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। बृहस्पतिवार से पूरे नौ दिन यहां देवी महिमा से वातावरण भक्तिमय रहेगा।
*भदोही में आकाशीय बिजली से महिला की मौत, 3 बच्चों के सिर से उठा मां का साया*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- चौरी थाना क्षेत्र के रबेली खास गांव में शनिवार की दोपहर बाद बारिश के साथ गिरी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गांव के सिवान में पशु चराने गई एक अधेड महिला की मौत हो गई जिससे परिवार में कोहराम मच गया।

बताया जाता है कि शांति देवी (42) पत्नी बसंत लाल पाल गांव के सिवान में पशु चराने गई थी। अचानक बरसात होने लगी पानी से बचने के लिए वह एक बगीचे में पेड़ के नीचे चली गई कि इसी बीच पेड़ के ऊपर से होते हुए आकाशीय बिजली उसके ऊपर गिरी और वह गंभीर रूप से झुलस कर वही तड़पने लगी। सूचना पर पहुंचे परिजन उसे भदोही के एक निजी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत्यु घोषित कर दिया।

मृतिका का पति काम के सिलसिले में मुंबई रहता है। उसके पास अनिकेत, ऋषिकेश, विवेक नाम के तीन बच्चे हैं। जिनका पालन पोषण करने वाली वहीं महिला थी।

परीक्षा केंद्रों के लिए 20 तक ली जाएगी आपत्तियां

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- यूपी बोर्ड की परीक्षा को लेकर कालीन नगरी में तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है। विद्यार्थियों का संपूर्ण डाटा अपलोड हो चुका है, उसकी जांच प्रकिया भी समाप्ति की ओर है। इसके साथ ही अब परीक्षा केंद्रों का निर्धारण शुरू कर दिया गया है। नवंबर माह में परीक्षा केंद्रों को भी फाइनल करने की उम्मीदें हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा शांतिपूर्ण नकलविहीन अगले साल भी कराई जाएगी। गत दिनों यूपी बोर्ड के सचिव का पत्र मिला था। उसके बाद से सभी प्रधानाचार्य को इसे लेकर अवगत करा दिया गया था। अब तक विभाग के पोर्टल पर करीब दो सौ से अधिक स्कूल संचालकों ने आवेदन करके परीक्षा केंद्र बनाने की बात कही है।

जिलाधिकारी स्तर से तहसील स्तरीय सीमित का गठन कल तक जियो लोकेशन अपलोड होगी। कहा कि आगामी माह 15 अक्टूबर तक विद्यालयों का भौतिक सत्यापन होगा। इसके बाद 20 अक्टूबर तक सत्यापन की रिपोर्ट अपलोड कर दी जाएगी। दो नवंबर तक छात्र संख्या के आधार पर केंद्रों का निर्धारण कर वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। छह नवंबर तक परीक्षा केंद्रों की सूची का प्रकाशन कर आपत्तियां मांगी जाएगी। 11 नवंबर तक निस्तारण है।

भदोही में क्रिकेट और बैडमिंटन जैसे खेलों में नहीं है प्रशिक्षण

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला स्टेडियम क?ई प्रमुख खेलों के कोच न होने से खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। स्टेडियम में क्रिकेट, बैडमिंटन और खो-खो जैसी प्रमुख खेलों में प्रशिक्षण नहीं होने से इनमें पंजीकृत खिलाड़ियों को अभ्यास करने में दिक्कत हो रही है। इन खेलों में 50 से 60 खिलाड़ी पंजीकृत हैं। इसके बाद भी कोच न होने से खिलाड़ियों के सामने खुद से अभ्यास करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। जिले के इकलौते स्टेडियम में कई प्रमुख खेलों में प्रशिक्षण न होने से खिलाड़ियों का ठीक से अभ्यास नहीं हो पा रहा है।

जिले से? शिवम दूबे और यशस्वी जायसवाल जैसे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने खिलाड़ी निकले हैं। इसके बाद भी क्रिकेट जैसे खेल में भी जिला स्टेडियम में प्रशिक्षण नहीं है?। बल्कि इस खेल में स्टेडियम में 55 खिलाड़ी पंजीकृत हैं। इसके अलावा बैडमिंटन में 17 खिलाड़ी हैं, लेकिन कोच न होने से उनको बेहतर प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। यही हाल खो-खो का भी है। इनमें 20 खिलाड़ी होने के बाद भी कोच न होने से खिलाड़ी खुद ही प्रशिक्षण लेने को मजबूर हैं। सवाल उठता है कि प्रमुख खेलों में भी कोच न होने से खिलाड़ी को किस तरह से बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा।

क्रिकेट प्रशिक्षण का बीते साल ही स्थानांतरण हो गया है और खो-खो प्रशिक्षण भी कुछ माह पहले ही अन्य जिले जिले में चले गए हैं। अगले सत्र में क्रिकेट, बैडमिंटन और खो-खो जैसे खेलों में प्रशिक्षण के लिए डिमांड की जाएगी। जिससे बच्चों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।

अभिज्ञान मालवीय उप क्रीड़ा अधिकारी

बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड और एक्स - रे मशीन से कैसे हो मरीजों की जांच

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल है। जिला अस्पताल का अल्ट्रासाउंड करीब छह महीने से बंद है तो सौ शैय्या का डिजिटल एक्स-रे मशीन तीन महीने पहले जवाब दे दिया और अभी तक नहीं बना।

वहीं सुरियावां सीएचसी पर आठ वर्षों से एक्स-रे मशीन इस्टाॅल नहीं किया जा सका है। जहां रोजना 250 से 300 लोग ओपीडी के लिए आते हैं। दुर्व्यवस्थाओं के बीच मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें निजी लैब संचालकों के पास अल्ट्रासाउंड एक्स-रे के लिए जाना जाता है। जिले में भले ही स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर किए जाने का दावा किया जाता हो , लेकिन जमीनी तौर पर अब भी मरीज चुनौतियों से जूझ रहे हैं। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधाएं भी संचालित नहीं हो पा रही है। दो से ढाई लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाले महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में छह माह से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद है। इससे प्रसव पीड़िताओं की समस्या बढ़ गई है।

इसके अलावा अन्य मरीजों को भी परेशानी हो रही है। हर दिन 20 से 25 की संख्या में पहुंचने वाली प्रसुता महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए निजी जांच केंद्रों पर जाना पड़ता है। इससे उनका अतरिक्त पैसा खर्चा होता है। जिला अस्पताल में मार्च से ही मशीन में तकनीकी गड़बड़ी है। मशीन को बनाने के करीब चार बार इंजीनियरिंग आए, लेकिन उल्टे पांव लौट ग‌ए। जून में सौ शैय्या अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन आई, लेकिन तकनीकी खामी से यह भी नहीं चल सकी। जुलाई माह में अस्पताल प्रशासन और अगस्त में डीएम ने इसके लिए शासन को पत्र लिखा। अब तक इसे लेकर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है।

यहीं हाल 100 बेड के हास्पिटल का भी है। यहां तीन माह से डिजिटल एक्स-रे बंद पड़ा है। लेकिन जिम्मेदार इसे लेकर लापरवाह बने हुए हैं। यहां केवल ट्रांसफार्मर में खराबी है लेकिन वह भी दुरुस्त नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल वहां शिफ्ट किया जाता था, लेकिन अब वह भी बंद है। सुरियावां सीएचसी का डिजिटल एक्स-रे मशीन तो आठ वर्षों से सीएचसी पर धूल फांक रहा है। लेकिन मरीजों की सुविधा को देखते हुए अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं हो सके हैं।

अस्पताल में मरीज को समूचित व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। अल्ट्रासाउंड को लेकर शासन को पत्राचार कर दिया गया है। सुरियावां में न‌ई मशीन लगाने की तैयारी चल रही है। सौ शैय्या अस्पताल में एक्स-रे क्यों बंद है। इसे लेकर सीएमएस ने बात की जाएगी।

डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही

जिला अस्पताल में आयुष्मान पखवाड़ा का सीडीओ ने किया शुभारंभ, सरकारी व 29 प्राइवेट अस्पतालों में करा सकते हैं मुफ्त इलाज

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में मंगलवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान पखवाड़ा का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी डॉ शिवकांत त्रिवेदी ने फीता काटकर किया।आयुष्मान पखवाड़ा का शुभारंभ करने के पश्चात उपस्थित लोगों को मुख्य विकास अधिकारी ने आयुष्मान कार्ड की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को 5 लाख तक मुख्य इलाज किया जा सकता है ।

उन्होंने कहा कि जिले के सरकारी अस्पतालों समेत 29 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से 5 लाख का निशुल्क इलाज किया जाएगा । उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने योजना संचालित कर गरीब लोगों को इलाज में काफी सहायता प्रदान किया है। कहा कि आज आयुष्मान पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया है। जिसके तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष चक ,चिकित्सा अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद ,चिकित्सक प्रदीप यादव सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

कल मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका पर्व, बच्चों के लिए मां करती है ये कठिन व्रत

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका पर्व का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है। इस व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक अनवरत निर्जला उपवास रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती के बच्चे तेजस्वी ओजस्वी और मेधावी होते हैं। सनातन पंचांग के अनुसार इस बार 24 सितंबर को दिन बुधवार यानी कल है। यह जीवित्पुत्रिका व्रत है। पूर्वांचल की महिलाएं इसे जिउतिया भी कहती हैं। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

इस दिन विवाहित स्त्रियां व्रत रखती हैं।इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान दीर्घायु होता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि जितिया करने वाले व्रती के संतान की रक्षा स्वंय भगवान श्रीकृष्ण करते हैं। जिले में जिउतिया व्रत को लेकर महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी है। महिलाएं बाजारों में खरीदारी करने के साथ ही व्रत की तैयारियाें में जुटी हैं। 24 घंटे तक निर्जला उपवास का यह कठिन व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी और आरोग्य पूर्ण आयु के लिए रखती हैं।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा ने पिता की मौत से नाराज होकर पांच लोगों को पांडव समझकर मार डाला।

यह सभी द्रौपदी की पांच संतानें थी। जिसपर अर्जुन अश्वत्थाम को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छिन ली। जिस पर अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे को मार डाला। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने पुण्य प्रताप के बल पर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को देकर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को पुन: जीवित किया। भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से उत्पन्न बच्चे नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया। आगे चलकर यहीं राजा परीक्षित के नाम से प्रचलित हुए। तभी से इस व्रत को माताएं संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं।

मां दुर्गा की प्रतिमाओं को सजा रहे कलाकार ,बंगाल से आए कारीगर बना रहें आकर्षक मां की मूर्ति

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शारदीय नवरात्र को लेकर पूजनोत्सव सीमित की तैयारियां युद्ध स्तर से शुरू हो गई है। आकर्षक पंडाल बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में बंगाल से आए कारीगर मां दुर्गा की प्रतिमाएं तैयार कर सजावट का काम कर रहे हैं। पटेल नगर में छह माह पूर्व से ही आदि शक्ति की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू हो गया है। कोलकाता से आए मिलन पाल ने बताया कि छह माह से पटेल नगर में मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। भगवान श्री गणेश की मूर्तियां बनाई गई। आर्डर मिलने पर भगवान विश्वकर्मा की भी मूर्तियां बनकर तैयार कर दी गई थी।

मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमाओं को बनाने का काम चल रहा है। एक अक्टूबर से ही मूर्तियों की बिक्री शुरू हो जाएगी। पूजनोत्सव सीमित के लोग पूर्व में ही प्रतिमाएं बनाने का आर्डर दे चुके हैं। उसी अनुसार कारीगर द्वारा प्रतिमाओं को बनाया जा रहा है। बाहरी कारीगर छह माह पूर्व ही जिले में आ गए थे। विभिन्न स्थानों पर किराए पर भवन लेकर मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। पंडाल में स्थापित होने वाली मूर्तियां इस वर्ष दस से चालीस हजार रुपए तक की बनाई जा रही है। पटेल नगर में इन दिनों 70 से ज्यादा मूर्तियों बनाएं जा रहे हैं। नवरात्र शुरू होते ही मां दुर्गा जिले के विभिन्न स्थानों पर विराजमान हो जाएंगी। समय नजदीक आते ही मूर्ति कलाकार भी मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। विभिन्न आकर्षक रंगों से मां की प्रतिमाओं को सजानेका कार्य कर रहे हैं। पूजा समितियां भी जोर-शोर से प्रतिमाओं के स्थापना को लेकर तैयारियों में जुट गई है।

*दुर्गा पंडाल में दिखेगा न्यूजर्सी के अक्षरधाम मंदिर का स्वरुप. 70 लाख में तैयार हो रहा है भव्य पूजा पंडाल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- गोपीगंज नगर के काली महाल में ऐतिहासिक दुर्गापूजा की तैयारी हो गई है। मां सिंह वाहिनी श्रृंगार सीमित ( शिवम् क्लब) के नेतृत्व में 70 लाख रुपए की लागत से ऐतिहासिक पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। सीमित इस बार श्री अक्षरधाम मंदिर रॉबिंस बिले न्यू जर्सी अमेरिका के प्रतिरुप में दुर्गा पूजा पंडाल तैयार करवा रहा है। श्री अक्षरधाम मंदिर का माटडल तैयार करने के लिए 25 सहयोगियों के साथ नेपाल दादा, शिवकांत दादा, प्रशांत दादा करीब एक महीने से तैयारी में जुटे हैं।

पहले भी बन चुके हैं कई मॉडल

इसके पहले इसी स्थान पर पंडाल के रुप में अयोध्या में प्रस्तावित राम जन्मभूमि,महा कालेश्वर मंदिर उज्जैन, कोणार्क का सूर्य मंदिर, उड़ीसा स्वामी नारायण मंदिर इंग्लैंड,श्री रामेश्वर मंदिर तमिलनाडु, मां वैष्णो देवी गुफा जम्मू-कश्मीर, अक्षरधाम मंदिर गांधी नगर गुजरात, श्री सोमनाथ मंदिर, गुजरात, केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड, श्री पशुपति नाथ मंदिर काठमांडू नेपाल, दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता वेस्ट बंगाल, श्री बिरला मंदिर कोलकाता,श्री वेलूर मठ कलकत्ता आदि मंदिर का स्वरुप तैयार किया जा चुका है। प्रबंधन रामकृष्ण खट्टू ने बताया कि मां दुर्गा महा पूजनोत्सव समारोह आठ अक्टूबर से मंगलवार से 16 अक्टूबर बुधवार तक भव्यता के साथ मनाया जाएगा।

पंडाल निखारने में जुटे 10 कारीगर

मूर्तिकार सूर्या सरदार और सुजीत पाल 10 सहयोगियों को लेकर काम कर रहे हैं। शेर पर सवार होकर महिषासुर का मर्दन करती हुई मां दुर्गा की मूर्ति, साथ में कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती आदि देवी - देवताओं की मूर्ति का कार्य कर रहे हैं। अध्यक्ष डॉ उदयभान सिंह, संरक्षण प्रहलाद दास गुप्ता, उपाध्याय संदीप सिंह उर्फ पिंटू,लोहा सिंह, अजीत सिंह, बृजेश सिंह,कौशल,डबलू मौर्य सहित अन्य प्रमुख सहयोगी है।

न्यू जर्सी के अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

अमेरिका की न्यू जर्सी में सबसे बड़े हिंदू मंदिर अक्षरधाम का निर्माण हुआ है। मंदिर को तैयार होने में लगभग 12 साल का समय लगा था, जिसमें 12500 लोगों ने मंदिर निर्माण में श्रम किया, स्वयं सेवकों ने दिन रात काम किया था। मंदिर में जो पत्थर लगे हैं। वह 29 देशों से लाए गए हैं। इसे भारतीय संस्कृति कला और अध्यात्म का संगम कहा जा रहा है। यह मंदिर भगवान स्वामी नारायण को समर्पित है।

मनोरोगी को जिला अस्पताल के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले के मनो रोगियों को अब दवा के लिए जिला अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उनके घर के पास सीएचसी पर बेहतर उपचार के साथ दवाएं मिलेंगी। जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक को दिखाने के बाद फॉलोअप मरीज नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा प्राप्त कर सकते हैं। इससे मरीज और तीमारदारों का अतिरिक्त खर्च और समय दोनों बचेगा।

जिले में कुल 500 मानसिक मरीजों का उपचार चल रहा है।बदलते जीवन शैली के बीच लोग तेजी से मानसिक बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। मानसिक बीमारी को लेकर जिला चिकित्सालय में मानसिक प्रकोष्ठ टीम की ओर से सप्ताह में तीन दिन कैंप लगाकर मरीजों का जांच कर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ज्ञानपुर के महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में ओपीडी भवन के प्रथम मंजिला पर मनोचिकित्सक बैठते हैं।

वहां निरंतर 20 से 25 मरीजों को ओपीडी की जाती है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 500 मानसिक मरीजों का उपचार चल रहा है। मनोचिकित्सक डॉ. अभिनव पांडेय ने बताया कि बदलती दिनचर्या मानसिक बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। चिकित्सकीय परामर्श पर दवाओं का सेवन करें।