जमीयत उलमा-ए-हिंउ के अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम व जिला उपाध्यक्ष मुफ्ती इंतजार कासमी बने
आशीष कुमार
मुजफ्फरनगर। जमीयत उलमा-ए-हिंद की जिला कार्यकारिणी के जिला इकाई का चुनाव सम्पन्न हो गया। नई कार्यकारिणी के चुनाव के बाद जिला अध्यक्ष व जिला महासचिव के साथ-साथ जिला उपाध्यक्षों तथा जिला सचिवों को सर्वसम्मति से चुना गया। चुनावी सभा का आगाज कारी हुजैफा की तिलावते कलाम से हुआ। चुनावी सभा का संचालन करते हुए मुफ्ती नवेद ने उद्देश्यो पर प्रकाश डाला। जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा मीडिया सेंटर के पत्रकारों के साथ कजारिया मस्जिद अंबा विहार पर आयोजित की गई।
इस दौरान चुनावी सभा का आयोजन प्रदेश जमीयत उलमा से आए प्रदेश पदाधिकारियों ने चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचकर अपनी देख रेख में कराया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्यवाही पर अंतरिम रोक का स्वागत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बुलडोजर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। चुनावी सभा को जमीयत उलमा-ए-हिंद के झंडा रोहन के साथ प्रारंभ किया गया। चुनावी सभा में जिले भर से लगभग 400 जमीयत उलमा के सक्रिय सदस्यों ने भाग लेकर सर्वसम्मति से जिला यूनिट का चुनाव किया ।
जिला अध्यक्ष के लिए मुफ्ती इंतजार ने मौलाना मुकर्रम का नाम रखा जिसे सभी लोगों ने हाथों को उठाकर अनुमति दी। जिला अध्यक्ष बनने के पश्चात मौलाना मुकर्रम अली कासमी, जिला उपाध्यक्ष के लिए मुफ्ती इंतजार कासमी, मौ. आसिफ कुरैशी बुढ़ाना, मौलाना सादिक, मौलाना बदर अख्तर, हाजी अजीजुर्रहमान, कारी फुरकान व जिला महासचिव के लिए मौलाना अब्दुल खालिक कासमी के अलावा जिला सचिव के रूप में मौलाना अब्दुल्लाह सांझक, मुफ्ती मुहम्मद उस्मान, मौलाना मुजफरुल्लाह, मौलाना इमरान, मौलाना नसीम, मौलाना अब्दुल्लाह सरवट, कारी खालिद व कोषाध्यक्ष मुफ्ती एनुद्दीन आदि के नामों के प्रस्ताव रखे जिसको सभी सदस्यों ने हाथो को उठाकर मंजूरी दी।
मौलाना मुकर्रम ने कहा कि नजमीयत उलमा-ए-हिंद एक ऐतिहासिक संगठन है जिसने देश की आजादी में विशेष भूमिका निभाते हुए बड़ी कुबार्नी दी है। उन्होंने सरकार द्वारा चलाये जा रहे बुलडोजर पर विचार रखते हुए कहा कि सरकार बुलडोकर चलाकर भय पैदा करना चाहती है जोकि गैर कानूनी है। मौलाना कासमी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक बुलडोजर चलाने पर अंतरिम रोक लगाई है, जोकि न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। वहीं मौलाना अब्दुल जलील कासमी ने कहा कि हमारे उलमा द्वारा दारूल उलूम देवबंद व दूसरे मदरसो की बुनियाद को रखा गया और स्वतंत्रता की लड़ाई को मजबूती से लड़ा। मौलाना ने कहा कि हम लोगो को जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे प्लेट फॉर्म मिला है जो अपने शानदार इतिहास के लिए जाना जाता है।
चुनावी सभा में मौलाना अब्दुल खालिक ने जिले की सेकेट्री रिपोर्ट को सुनाते हुए जिले भर में जमीयत उलमा द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मौलाना मुकर्रम ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिन्द का दो साल का टर्म होता हे तथा हर दो साल बाद टर्म पूरा होने पर सदस्यता अभियान चलाया जाता है। उन्होने कहा कि सदस्यता अभियान 15 अगस्त 2024 को पूर्ण हो गया है। सदस्यता अभियान समाप्ति के बाद देश भर में यूनिटों को ओर ज्यादा सक्रिय मजबूत करने के लिये नये पदाधिकारियों का गठन किया जाता है। आसिफ कुरैशी, मुफ्ती आजाद, हाफिज कामिल, मौलाना रिजवान, कारी खालिद, मुफ्ती निसात, हाफिज शेरदीन, हाफिज अल्लाह मेहर, मौलाना जुबैर रहमानी, मौलाना अब्सुर्रहमन, मौलाना शान मुहम्मद, मौलाना अब्दुल कय्यूम, मौलाना मुदस्सिर, हाफिज कामिल, मौलाना इसराइल, मौलाना उमर अशरफी, मौलाना हातिम, मौलाना जिया उल हक, हाफिज तहसीन, मौलाना मजहर, कारी मुहम्मद, हाफिज इरशाद, मुफ्ती दानिश एवं मुफ्ती मुजीबर्रहमान आदि के अलावा सेकडो लोग मौजूद रहे।
Sep 20 2024, 17:12