समाज के लिए अनुकरणीय है शिव परिवार: स्वामी चिदंबरानंद
लखनऊ। यहां जानकीपुरम विस्तार स्थित सूर्या लान में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन भूत-भावन भगवान शिव के परम पावन चरित्र को विस्तार देते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान शिव ही नहीं, उनके शिव परिवार का सदस्य समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। माता पार्वती 'श्रद्धा विश्वास रुपिणौ' की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। वह समाज में एक आदर्श नारी की भूमिका का प्रतिनिधित्व करती हैं। शिव वाहन नंदी का तो कहना ही क्या है। वह निस्पृह भाव से बिना किसी किन्तु परंतु के स्वामी की सेवा में सन्नद्ध रहते हैं।
शिव और शिवा की संतति के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी ने स्वामि कार्तिकेय व गणेश जी की उत्पत्ति की कथा सुनाई। उन्होंने गणेश जी के स्वरूप का आध्यात्मिक विवेचन तो किया ही उक्त प्रसंग का सूक्ष्म वैज्ञानिक विस्तार किया। स्वामी जी ने कहा कि भगवान गणेश की संपूर्ण देहयष्टि मानव मात्र को एक विशेष संदेश देती है।गज -शीष को ही ले लीजिए।हाथी जहां अति विशालकाय होता है वहीं उसे अत्यंत बुद्धिमान और गतिशील माना जाता है। बप्पा के बड़े कान बताते हैं कि मानव को अपने आसपास की हर गतिविधि को गम्भीरता से सुनकर विचार करना चाहिए।उनकी छोटी आंखें संदेश देती हैं कि हर बात को सूक्ष्म दृष्टि से भांप कर ही निर्णय लैना श्रेयस्कर है। लंबी सूंड का अर्थ है कि पूरे मामले में सूंघ कर पूरी तरह विचार करना आवश्यक है।कुल मिलाकर गणपति अपनी इन्हीं विशेषताओं से देवों में प्रथम पूज्य बन सके। शिव के पुत्र कार्त्तिकेय देव सेना के सेनापति हैं और उन्होंने संसार में देव तत्व की सतत् रक्षा का बीड़ा उठा रखा है।
कथा के मध्य गणेश जी की लीलाओं की झांकी ने पूरा समां बांध दिया।कल शिव बारात व विवाह से उमड़ा उत्साह आज भी पूरे कथा मंडप में पूरे सैलाब पर दिखा। श्रोता भावविभोर हो झूमते दिखे।
आज की कथा में भी अति विशिष्ट जनों, अन्यान्य संतों और उड़ीसा, मप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली आदि प्रदेशों से कथा प्रेमियों के साथ ही प्रदेश के तमाम जनपदों से श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण का लाभ उठाया। आरती व प्रसाद वितरण के उपरांत कथा विसर्जित हुई।
Sep 16 2024, 17:07