'युद्ध के लिए तैयार रहो..', आर्मी कमांडर्स को राजनाथ सिंह ने दिया निर्देश, जानिए, इसके पीछे क्या है वजह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत हमेशा से शांति का पुजारी रहा है और यह उसकी नीति का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन उन्होंने यह भी जोर दिया कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, भारतीय सेना को हर समय युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। यह बयान मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और सीमा स्थितियों के बीच आया है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' यानी पूरी दुनिया को एक परिवार मानने का संदेश दिया है। भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है और हमारी संस्कृति सदियों से शांति पर आधारित रही है। भारत सदैव शांति का पुजारी था, है और रहेगा। लेकिन, आज की वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, मैंने अपने सेना कमांडरों को कहा कि हमें युद्ध के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहना चाहिए। यह इसलिए जरूरी है ताकि हमारे देश की शांति भंग न हो सके।"
यह बयान सुनने में सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसके पीछे की गहराई पर विचार करने पर सवाल उठते हैं। आखिर राजनाथ सिंह ने यह बात इस समय क्यों कही? क्या सरकार के पास कुछ विशेष खुफिया इनपुट हैं जो चीन और पाकिस्तान से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों की ओर इशारा कर रहे हैं? दरअसल, पिछले कुछ समय से, चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों में तनाव बढ़ा हुआ है। एक ओर चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी सीमाओं पर उग्रवादी गतिविधियों का समर्थन करता नजर आ रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या राजनाथ सिंह के इस बयान के पीछे इन दोनों देशों से मिल रही संभावित खुफिया जानकारी का कोई संबंध है?
भारत का रक्षा मंत्रालय लगातार पाकिस्तान द्वारा सीमापार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। वहीं, चीन के साथ भी भारत की कई बार टकराव की स्थिति बनी है, जिसमें गलवान घाटी की झड़प ने तनाव को और बढ़ाया है। राजनाथ सिंह का यह बयान शायद इन्हीं घटनाओं के संदर्भ में आया हो, जहां भारतीय सेना को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है ताकि देश की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हालात तेजी से बदल रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध, सऊदी-ईरान टकराव, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव और दुनिया के अन्य हिस्सों में हो रहे सैन्य संघर्षों ने वैश्विक सुरक्षा तंत्र को प्रभावित किया है। इन हालातों को देखते हुए, भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, राजनाथ सिंह का यह बयान एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत शांति की अपनी नीति पर अडिग रहेगा, लेकिन अगर कोई इसे चुनौती देता है तो हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है। यह बयान न केवल देशवासियों के लिए, बल्कि हमारे पड़ोसी देशों के लिए भी एक मजबूत संदेश हो सकता है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन वह अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
तो क्या यह सिर्फ एक सामान्य बयान था या इसके पीछे सीमा पर हो रही घटनाओं और संभावित खतरे का इशारा है? यह समय ही बताएगा। लेकिन एक बात साफ है कि भारत अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

						

 

 

 
 हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। टिकट देने से पहले पार्टी ने काफी मंथन किया, तब जाकर नामों पर मुहर लग सकी। बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे। बीजेपी की इस लिस्ट में कई संदेश छिपे हुए हैं।बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। *सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दांव खेला* बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। बीजेपी ने मौजूदा 9 विधायकों का टिकट काट दिया है। इनमें पलवल से दीपक मंगला, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, बवानी खेड़ा से विशंभर वाल्मीकि, रनिया से कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला, अटेली से सीताराम यादव, पेहवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह शामिल हैं। सोनहा से राज्यमंत्री संजय सिंह, रतिया से लक्ष्मण नापा को भी टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी ने सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दाव खेला है। भाजपा ने जिन पांच पूर्व मंत्रियों को टिकट दिए हैं, वह पार्टी के सर्वे में बाकी दावेदारों से काफी आगे थे। *लिस्ट के बाद पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लगी* लिस्ट जारी होने के बाद टिकट से वंचित नेताओं और उनके समर्थकों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। पहली लिस्ट के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लग गई है। पार्टी छोड़ने वालों में कैबिनेट मंत्री से लेकर कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसमें हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है। उन्होंने रानिया विधानसभा से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई। यही नहीं रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। *टिकट बंटवारे के पीछे खास प्लानिंग* बीजेपी नेतृत्व ने जिस तरह से टिकट बंटवारा किया है उसके पीछे खास प्लानिंग मानी जा रही है। पार्टी ने इसी साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए टिकट बंटवारा किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 10 में से 5 सीट पर ही बीजेपी कब्जा जमाने में सफल रही। बाकी बची 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसके पीछे एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी अहम है।
 
 
  
Sep 06 2024, 15:11
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