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झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का X अकाउंट हैक, सीएम हेमंत सोरेन ने दी जानकारी

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तकनीक के इस दौर में डिजिटल अपराधों का खतरा तेजी से बढ़ा है। आम हो या खास, यहां तक की पुलिस-प्रशासन भी साइबर फ्रॉड और डिजिटल अपराधों का शिकार हो रही है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के आधिकारिक एक्स हैंडल को हैक कर लिया गया है। झामुमो प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री ने झारखंड पुलिस से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए झारखंड पुलिस, एक्स कॉर्पोरेशन इंडिया और ग्लोबल अफेयर्स को संज्ञान लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, झामुमो का आधिकारिक एक्स हैंडल असामाजिक तत्वों द्वारा हैक किया गया है। झारखंड पुलिस संज्ञान लेकर इस मामले की जांच कर शीघ्र कार्रवाई करे। एक्सकॉर्पइंडिया कृपया इस मामले का संज्ञान लें।

हैक के बाद अनुचित और भ्रामक सामग्री पोस्ट की गई

सीएम सोरेन ग्लोबल अफेयर्स से इस घटना पर तुरंत ध्यान देने और हैंडल को पुनः सिक्योर करने में सहयोग करने की अपील की है। झामुमो का आधिकारिक एक्स हैंडल हैक होने के बाद उसमें अनुचित और भ्रामक सामग्री पोस्ट की गई, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। झामुमो का एक्स अकाउंट हैक होने के बाद एक चूहे का फोटो पोस्ट किया गया, जिसके कैप्शन में लिखा था, "लाइव ऑन बौंक।"

डीजीपी और आईएएस अधिकारी के नाम पर ठगी की कोशिश

बता दें कि इस से पहले साइबर अपराधियो के द्वारा झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मंजू नाथ भजंत्री का भी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर ठगी करने की कोशिश की गई थी।

झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

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झारखंड सरकार में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री रहे आलमगीर आलम को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। उन्हें टेंडर आवंटन से जुड़े कमीशन घोटाला मामले में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।

क्या है मामला?

आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर आवंटन के बाद कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जहां सरकारी ठेकों के आवंटन में भारी कमीशनखोरी का आरोप है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार, आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए टेंडर आवंटन में 1.5 प्रतिशत कमीशन के जरिये अवैध रूप से कमाई करने का आरोप है। जांच एजेंसी का दावा है कि यह कमीशन सीधे या सहयोगियों के माध्यम से पूर्व मंत्री तक पहुंचता था।

15 मई 2024 से जेल में हैं बंद

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वे जेल में हैं। इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब 6-7 मई 2024 को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के घरेलू सहायक के घर से लगभग 32 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। ईडी ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए थे, जिसके आधार पर आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई।

फरवरी 2023 में शुरू हुई थी जांच

इस मामले की जांच फरवरी 2023 में शुरू हुई थी, जब निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। इसके बाद मई 2024 में आलम के पीए संजीव लाल और सहयोगी जहांगीर आलम के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। अब तक ईडी ने इस टेंडर घोटाले में कुल 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र एक अगस्त से, कुल 5 बैठकें होंगी

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झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

मानसून सत्र में होगी कुल 5 सत्र

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार राज्य से जुड़ी आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं, रोजगार, भूमि सुधार और जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर चर्चा होगी। वहीं विपक्ष भी राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयार है।

कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर लगी है। योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जिला को आवंटित में बढ़ोतरी की गई है। पथ निर्माण विभाग को सिल्ली रंगा माटी रोड के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही रांची जिला अंतर्गत कुमारिया मोड से पिठौरिया रोड के पुनर्निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

डॉ अरविंद कुमार लाल तत्कालीन सिविल सर्जन जमशेदपुर की सेवा से बर्खास्ती को निरस्त करने के संबंध में फैसला लिया गया। दो चिकित्सा सेवा अधिकारी को सेवा समाप्त करने की स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल रांची ग्रामीण अंतर्गत दिल्ली हजम रंगमती पाठ कुल लंबाई 39 किलोमीटर सुधार के लिए 32 करोड़ 70 लाख 37,000 की स्वीकृति दी गई।

कुम्हारिया मोड़ से संग्रामपुर कुल लंबाई 633 किलोमीटर निर्माण का स्थानांतरित करते हुए सड़क को फिर से बनाने के लिए 38 करोड़ 89 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। गृह विभाग के सब इंस्पेक्टर शिव कुमार प्रसाद को 10 लाख 20,000 रुपये इलाज कराने के लिए भुगतान करने की स्वीकृति दी गई है।

महंगाई भत्ता दर को बढ़ाते हुए 246 प्रतिशत से बढ़कर 252 प्रतिशत किया गया है। संस्था निबंधन अधिनियम 1860 की धारा 24 के अंतर्गत निबंधन के संबंध में संशोधन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। कर्माटांड़ से जुडल पथ के लिए 121 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। स्वर्गीय जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट इलाज में कुल खर्च 44 लाख रुपए की स्वीकृति मिली।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

झारखंड में 'नशा मुक्त भारत' अभियान का समापन: ग्रामीण विकास मंत्री बोलीं- यह सिर्फ शुरुआत है; 27,000 एकड़ अफीम की खेती नष्ट

रांची- झारखंड में 10 जून से 26 जून तक आयोजित मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध राज्यव्यापी जागरूकता अभियान का समापन आज डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह की मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदृष्टि सोच और संवेदनशील नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान का समापन नहीं बल्कि राज्य को नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है।

नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आज झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में कदम से कदम मिला कर चल रहा है जहाँ सभी आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है वही दूसरी ओर झारखंड सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी मुखर होकर खड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज के ताने-बाने को नष्ट करने वाले तत्वों पर रोक लगाई जा सके।

अफीम की खेती के खिलाफ चलाया गया व्यापक अभियान “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता”

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि अफीम की खेती और नशे के कारोबार ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है। उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार ने तकनीक एवं बहु-विभागीय समन्वय के ज़रिए अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया है। अफीम की खेती के खिलाफ चलाए गए व्यापक अभियान को उन्होंने “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता” बताया।

इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को किया गया नष्ट

राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया। उन्होंने बताया कि खूंटी जैसे संवेदनशील जिलों में स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से इस अभियान में भागीदारी की। उन्होंने ब्राउन शुगर को युवाओं के लिए घातक बताते हुए कहा कि अब सप्लाई चेन तोड़ने की दिशा में पुलिस पैडलर्स, डीलर्स और सप्लायरों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक ड्रग्स के विरुद्ध कुल 350 मामले दर्ज किए गए हैं और 318 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में किया जाए शामिल

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में शामिल किया जाए एवं NSS वालंटियर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

अभियान के तहत 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम किए गए आयोजित

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल ने बताया कि अफ़ीम की अफ़ीम की खेती से राज्य के 238 पंचायत प्रभावित हैं, जहां जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बीते दो हफ्तों में 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान 3,000 से अधिक स्कूलों में 22 लाख बच्चों को शामिल करते हुए विशेष अभियान चलाया गया। साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार, मास्टर ट्रेनर्स की तैयारी और यूनिसेफ की तकनीकी सहायता इस अभियान की खास विशेषताएं रहीं।

समाज कल्याण सचिव श्री मनोज कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह अभियान सिर्फ दंडात्मक नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित रहा। ड्रग्स पीड़ितों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए उन्हें पुनर्वास की दिशा में बढ़ाया गया है।

समारोह के अंत में जागरूकता अभियान में विशेष भूमिका निभाने वाले विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही resistjharkhand.gov.in पोर्टल का लोकार्पण भी हुआ। इस पोर्टल पर नशामुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां, जागरूकता सामग्री और राज्य की उपलब्धियों को समाहित किया गया है।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री राहुल पुरवार ,स्कूली शिक्षा सचिव श्री उमाशंकर सिंह, पर्यटन सचिव श्री मनोज कुमार, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री, आईजी असीम विक्रांत मिंज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

*Asia’s oldest football tournament now in five states as Imphal makes a comeback*

Sports

134th IndianOil Durand Cup

Sports Desk: Asia’s oldest football tournament, the IndianOil Durand Cup, will be back with its 134th Edition and for the first time in its storied history, be hosted in as many as five states with Manipur’s capital Imphal, making a comeback after a two-year gap. The Durand Cup Organising Committee also announced the dates for this year’s tournament to be between July 22- August 23, 2025.

Kokrajhar in Assam will extend their status as Durand Cup hosts for the third consecutive year while Jamshedpur in Jharkhand and Shillong in Meghalaya were added as hosts last year. The century-old tournament shifted its home base to Kolkata – the Mecca of Indian Football, and the capital of West Bengal, from Delhi back in 2019, and, will also continue to hold that status for a sixth consecutive edition.

Since its transition to the East, the Durand Cup has reinstated itself as the country’s premiere competition, growing from 16 teams to 24 teams, including participation from all the Indian Super League (ISL) teams.

Organised by the Eastern Command of the Indian Army on behalf of the three Services, the tournament is unique in the sense that it pits Services teams against India’s best football clubs and over the past couple of editions, has also seen foreign participation with Army teams from neighbouring nations.

The Indian Army’s stated vision of expanding the reach of the historic tournament throughout the East and North-East is also now fully reflected with the choice of host cities this year.

A total of six venues, two in Kolkata (Vivekananda Yuba Bharati Krirangan and Kishore Bharti Krirangan) and one each in Imphal (Khuman Lampak stadium), Ranchi (Morhabadi Stadium) or Jamshedpur (JRD Tata Sports Complex), Shillong (Jawahar Lal Nehru Stadium) and Kokrajhar (SAI Stadium) have been earmarked for the 134th IndianOil Durand Cup edition.

North East United FC are the defending champions having overcome maximum title-holders Mohun Bagan, in a thrilling final last year to get their historic maiden title.

Pic Courtesy by: Durand football society

बिरजिया जनजाति के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान पर होगा शोध, CUJ प्रोफेसर को मिली 18 लाख की ग्रांट

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के मानवशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शमशेर आलम को झारखंड की विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बिरजिया जनजाति पर शोध करने के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। उन्हें भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की ओर से इस महत्वपूर्ण शोध परियोजना के लिए 18 लाख रुपये की अनुसंधान ग्रांट स्वीकृत हुई है। यह परियोजना अगले दो वर्षों तक चलेगी और इसका मुख्य ध्यान बिरजिया समुदाय के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान और चिकित्सा पद्धतियों का गहन अध्ययन करना होगा।

डॉ. शमशेर आलम की इस शोध परियोजना का शीर्षक “Continuity, Challenges and Confluence of Health Policies and Modernization on Indigenous Medicinal Knowledge and Health Practices of Birjias of Jharkhand” है। 

इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य झारखंड के इस अत्यंत संवेदनशील और कम आबादी वाले बिरजिया समुदाय से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझना है। शोध के निष्कर्षों से नीति निर्माताओं को इस विशिष्ट समुदाय की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह शोध बिरजिया समुदाय के सदियों पुराने पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को लिपिबद्ध और संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो आधुनिकता की दौड़ में कहीं खोता जा रहा है।

बिरजिया जनजाति, जो झारखंड की सबसे छोटी जनजातीय आबादी में से एक है, भारत सरकार द्वारा PVTG श्रेणी में शामिल की गई है। यह श्रेणी उन जनजातियों को दी जाती है जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से अत्यधिक पिछड़े हुए हैं। ऐसे में, इस समुदाय के स्वास्थ्य और चिकित्सा पद्धतियों पर शोध करना न केवल अकादमिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इस समुदाय के समग्र विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

इस शोध परियोजना के अंतर्गत, डॉ. आलम और उनकी शोध टीम बिरजिया समुदाय के पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत दस्तावेजीकरण करेंगे। इसमें उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ, पारंपरिक उपचार विधियाँ और स्वास्थ्य संबंधी मान्यताएँ शामिल होंगी। इसके साथ ही, शोध में बिरजिया समुदाय द्वारा वर्तमान में सामना की जा रही स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का भी विश्लेषण किया जाएगा। आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच समन्वय की संभावनाओं का भी गहन अध्ययन किया जाएगा। शोधकर्ता यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में बिरजिया समुदाय के पारंपरिक ज्ञान को शामिल किया जा सकता है, जिससे उन्हें बेहतर और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

डॉ. शमशेर आलम को मिली यह ग्रांट न केवल उनके व्यक्तिगत शोध करियर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के लिए भी एक गौरव का विषय है। यह शोध परियोजना विश्वविद्यालय को जनजातीय अध्ययन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।

इस शोध के संभावित परिणामों को लेकर शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष न केवल बिरजिया समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने में सहायक होंगे, बल्कि अन्य जनजातीय समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को समझने और संरक्षित करने के लिए भी एक मॉडल के रूप में काम करेंगे। यह शोध आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान के बीच एक सेतु बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: निजी शिक्षण शुल्क, शिक्षकों की नियुक्ति और जेल नियमावली में बदलाव

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इन फैसलों में निजी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण, सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों के भोजन भत्ते में वृद्धि और नई जेल नियमावली का गठन प्रमुख हैं।

कैबिनेट ने Jharkhand Professional Educational Institutions (Regulation of Fee) Bill, 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इस विधेयक के लागू होने से राज्य के निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण को विनियमित किया जा सकेगा, जिससे छात्रों और अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रिपरिषद ने झारखण्ड सरकारी माध्यमिक (Secondary, Class 9-12) आचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति एवं सेवाशर्त्त नियमावली, 2025 को भी मंजूरी दे दी है। इस नियमावली के आने से राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों को लेकर स्पष्ट नियम बन सकेंगे।

युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के कैडेटो के शिविरों के दौरान भोजन भत्ता में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया है। इससे एनसीसी कैडेटों को शिविरों में बेहतर भोजन सुविधा मिल सकेगी।

मंत्रिपरिषद ने एक महत्वपूर्ण अनुशासनात्मक मामले में श्री कानु राम नाग, झा०प्र०से० (द्वितीय बैच) के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में दिए गए दंड "सेवा से हटाया जाना, जो सरकार के अधीन आगामी नियोजन के लिए निरर्हता नहीं होगी," को यथावत रखने की स्वीकृति दी है।

आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में, कैबिनेट ने मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए कुल ₹ 76,63,95,178/- के पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त प्राक्कलन पर पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही, विश्व बैंक संपोषित झारखण्ड म्युनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (JMDP) के अंतर्गत राजस्व वृद्धि के लिए सलाहकार चयन योजना की लागत राशि ₹ 10,70,70,160/- (GST सहित) पर भी पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करते हुए, मंत्रिपरिषद ने माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के विभिन्न वादों में पारित न्यायादेश के अनुपालन में संबंधित छह (06) सेवानिवृत्त लिपिकों की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी है। इसी क्रम में, उच्च न्यायालय के अन्य मामलों में पारित आदेशों के अनुपालन में श्री सुनील कुमार (पिता श्री शिव शंकर प्रसाद) एवं श्री सुनील कुमार (पिता श्री हनुमान सिंह) की सेवा भी नियमित करने की स्वीकृति दी गई है।

राज्य के अति विशिष्ट व्यक्तियों (VIP/VVIPs) के सरकारी उड़ान कार्यक्रम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए, मंत्रिपरिषद ने वित्त नियमावली के नियम-235 को शिथिल करते हुए नियम-245 के तहत मनोनयन के आधार पर M/s Redbird Airways Pvt. Ltd, New Delhi से ली जा रही विमान सेवा को समान दर एवं शर्तों के साथ छह (06) माह तक विस्तारित करने की स्वीकृति दी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, गिरिडीह जिलान्तर्गत "बड़कीटांड-तीनपलली-डोकीडीह-गिरनिया मोड़ पथ (कुल लंबाई-11.065 कि०मी०)" को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए पुनर्निर्माण कार्य के लिए ₹ 55,20,63,400/- की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना योजना से आच्छादित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त, हजारीबाग, दुमका और पलामू के चिकित्सा महाविद्यालयों में लिफ्टों के वार्षिक रख-रखाव एवं संचालन (AMC) के लिए Schindler India Pvt. Ltd. के मनोनयन को स्वीकृति दी गई है।

राज्य में व्यापार की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिपरिषद ने कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन हेतु कारखाना (झारखण्ड) संशोधन विधेयक, 2025 को स्वीकृति दी है।

केन्द्र प्रायोजित मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को Take Home Ration (THR) के निर्बाध वितरण को सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की अवधि 31 मई 2025 तक विस्तारित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।

धनबाद में एक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना के तहत, NH-32 पर स्थित रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) के चौड़ीकरण कार्य की निविदा में निगोशिएटेड राशि को स्वीकृति प्रदान करने के लिए निविदा प्रक्रिया में छूट दी गई है।

शराब के खुदरा बिक्री को विनियमित करने के लिए, मंत्रिपरिषद ने "झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 " के गठन को स्वीकृति दी है।

एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार के तहत, संप्रति लागू बिहार कारा हस्तक (झारखण्ड सरकार द्वारा अंगीकृत) को निरस्त करते हुए नये झारखण्ड कारा हस्तक-2025 (Jharkhand Jail Manual-2025) के प्रारूप को मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई है। यह नई जेल नियमावली राज्य की जेलों के संचालन और कैदियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

आज की मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

फर्जी विज्ञापन द्वारा युवाओं सेकिया जा रहा है ठगी का प्रयास,NHM निदेशक ने की अपील, किसी फर्जी विज्ञापन से रहे सावधान


झारखंड में एक तो बेरोजगारी चरम पर है।युवकों की नौकरी नहीं लग रही , jpsc और jssc पर तरह तरह के आरोप लग रहे है। जो परीक्षा संचालित किए जाते है उनपर पर्चा लीक होने का आरोप लग रहे है ऐसे में बेरोजगार की ठगने का नया हथकंडा अपनाया जा रहा है।

क्या है मामला

बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए ठग अलग-अलग हथकंडे अपनाते रहते हैं. मामला झारखंड में एक फर्जी वेबसाइट की है. जिसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी की जा रही है. इस फर्जी वेबसाइट पर झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति के नाम पर विभिन्न पदों की नियुक्तियों के लिए आवेदन मांग रही है.

NHM निदेशक ने की अपील

फर्जी विज्ञापन निकाल कर बेरोजगार युवाओं से परीक्षा फीस के नाम पर पैसे ऐंठने की जानकारी झारखंड के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच चुकी है. इस दौरान NHM के अभियान निदेशक अबु इमरान ने युवा वर्ग से अपील कर कहा कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने वाले फर्जी विज्ञापनों से सावधान रहें.

अभियान निदेशक को विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली थी कि ‘ई-औषधि’ नाम के एक फर्जी विज्ञापन के माध्यम से प्रोजेक्ट मैनेजर और अन्य पदों पर भर्ती निकाली गई है.जबकि ये विज्ञापन के तरफ से नही निकाला गया है।

विज्ञापन से विभाग का कोई लेना देना नहीं

अबू इमरान ने कहा कि इस विज्ञापन से झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग और इसके अनुषंगी इकाइयों का कोई लेना देना नहीं है. यह विज्ञापन फर्जी है और राज्य के बेरोजगार युवा इस फर्जी विज्ञापन के झांसे में न आएं. अभियान निदेशक अबु इमरान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जांच और कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

विभाग की ये है प्रक्रिया

अबु इमरान ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और इसके अनुषंगी इकाइयों में भर्ती विज्ञापन आईपीआरडी द्वारा जारी की जाती है. विज्ञापन की जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड की अधिकृत वेबसाइट https://jrhms.jharkhand.gov.in/ पर भी दी जाती है.

इस वेबसाइट को बताया फर्जी

झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से बताया गया है कि e-aushadhijharkhand.online यह एक फर्जी वेबसाइट है. इस संदर्भ में आयुष निदेशालय की निदेशक सीमा उदयपुरी ने भी स्पष्ट किया है कि आयुष निदेशालय के द्वारा e-aushadhi के लिए कोई भी नियुक्तियां नहीं निकाली गई है।

परीक्षा और नियुक्ति के लिए न ही किसी तरह की राशि की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि e- aushadhijharkhand.online वेबसाइट पर दिए गए सभी नियुक्ति फर्जी हैं और आयुष निदेशालय द्वारा ऐसी कोई भर्ती नहीं की जा रही है. यह वेबसाइट पूर्ण रूप से फर्जी है.

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का X अकाउंट हैक, सीएम हेमंत सोरेन ने दी जानकारी

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तकनीक के इस दौर में डिजिटल अपराधों का खतरा तेजी से बढ़ा है। आम हो या खास, यहां तक की पुलिस-प्रशासन भी साइबर फ्रॉड और डिजिटल अपराधों का शिकार हो रही है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के आधिकारिक एक्स हैंडल को हैक कर लिया गया है। झामुमो प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री ने झारखंड पुलिस से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए झारखंड पुलिस, एक्स कॉर्पोरेशन इंडिया और ग्लोबल अफेयर्स को संज्ञान लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, झामुमो का आधिकारिक एक्स हैंडल असामाजिक तत्वों द्वारा हैक किया गया है। झारखंड पुलिस संज्ञान लेकर इस मामले की जांच कर शीघ्र कार्रवाई करे। एक्सकॉर्पइंडिया कृपया इस मामले का संज्ञान लें।

हैक के बाद अनुचित और भ्रामक सामग्री पोस्ट की गई

सीएम सोरेन ग्लोबल अफेयर्स से इस घटना पर तुरंत ध्यान देने और हैंडल को पुनः सिक्योर करने में सहयोग करने की अपील की है। झामुमो का आधिकारिक एक्स हैंडल हैक होने के बाद उसमें अनुचित और भ्रामक सामग्री पोस्ट की गई, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। झामुमो का एक्स अकाउंट हैक होने के बाद एक चूहे का फोटो पोस्ट किया गया, जिसके कैप्शन में लिखा था, "लाइव ऑन बौंक।"

डीजीपी और आईएएस अधिकारी के नाम पर ठगी की कोशिश

बता दें कि इस से पहले साइबर अपराधियो के द्वारा झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मंजू नाथ भजंत्री का भी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर ठगी करने की कोशिश की गई थी।

झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

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झारखंड सरकार में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री रहे आलमगीर आलम को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। उन्हें टेंडर आवंटन से जुड़े कमीशन घोटाला मामले में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।

क्या है मामला?

आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर आवंटन के बाद कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जहां सरकारी ठेकों के आवंटन में भारी कमीशनखोरी का आरोप है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार, आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए टेंडर आवंटन में 1.5 प्रतिशत कमीशन के जरिये अवैध रूप से कमाई करने का आरोप है। जांच एजेंसी का दावा है कि यह कमीशन सीधे या सहयोगियों के माध्यम से पूर्व मंत्री तक पहुंचता था।

15 मई 2024 से जेल में हैं बंद

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वे जेल में हैं। इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब 6-7 मई 2024 को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के घरेलू सहायक के घर से लगभग 32 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। ईडी ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए थे, जिसके आधार पर आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई।

फरवरी 2023 में शुरू हुई थी जांच

इस मामले की जांच फरवरी 2023 में शुरू हुई थी, जब निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। इसके बाद मई 2024 में आलम के पीए संजीव लाल और सहयोगी जहांगीर आलम के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। अब तक ईडी ने इस टेंडर घोटाले में कुल 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र एक अगस्त से, कुल 5 बैठकें होंगी

#monsoonsessionofjharkhandlegislative_assembly

झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

मानसून सत्र में होगी कुल 5 सत्र

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार राज्य से जुड़ी आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं, रोजगार, भूमि सुधार और जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर चर्चा होगी। वहीं विपक्ष भी राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयार है।

कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर लगी है। योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जिला को आवंटित में बढ़ोतरी की गई है। पथ निर्माण विभाग को सिल्ली रंगा माटी रोड के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही रांची जिला अंतर्गत कुमारिया मोड से पिठौरिया रोड के पुनर्निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

डॉ अरविंद कुमार लाल तत्कालीन सिविल सर्जन जमशेदपुर की सेवा से बर्खास्ती को निरस्त करने के संबंध में फैसला लिया गया। दो चिकित्सा सेवा अधिकारी को सेवा समाप्त करने की स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल रांची ग्रामीण अंतर्गत दिल्ली हजम रंगमती पाठ कुल लंबाई 39 किलोमीटर सुधार के लिए 32 करोड़ 70 लाख 37,000 की स्वीकृति दी गई।

कुम्हारिया मोड़ से संग्रामपुर कुल लंबाई 633 किलोमीटर निर्माण का स्थानांतरित करते हुए सड़क को फिर से बनाने के लिए 38 करोड़ 89 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। गृह विभाग के सब इंस्पेक्टर शिव कुमार प्रसाद को 10 लाख 20,000 रुपये इलाज कराने के लिए भुगतान करने की स्वीकृति दी गई है।

महंगाई भत्ता दर को बढ़ाते हुए 246 प्रतिशत से बढ़कर 252 प्रतिशत किया गया है। संस्था निबंधन अधिनियम 1860 की धारा 24 के अंतर्गत निबंधन के संबंध में संशोधन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। कर्माटांड़ से जुडल पथ के लिए 121 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। स्वर्गीय जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट इलाज में कुल खर्च 44 लाख रुपए की स्वीकृति मिली।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

झारखंड में 'नशा मुक्त भारत' अभियान का समापन: ग्रामीण विकास मंत्री बोलीं- यह सिर्फ शुरुआत है; 27,000 एकड़ अफीम की खेती नष्ट

रांची- झारखंड में 10 जून से 26 जून तक आयोजित मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध राज्यव्यापी जागरूकता अभियान का समापन आज डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह की मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदृष्टि सोच और संवेदनशील नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान का समापन नहीं बल्कि राज्य को नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है।

नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आज झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में कदम से कदम मिला कर चल रहा है जहाँ सभी आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है वही दूसरी ओर झारखंड सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी मुखर होकर खड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज के ताने-बाने को नष्ट करने वाले तत्वों पर रोक लगाई जा सके।

अफीम की खेती के खिलाफ चलाया गया व्यापक अभियान “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता”

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि अफीम की खेती और नशे के कारोबार ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है। उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार ने तकनीक एवं बहु-विभागीय समन्वय के ज़रिए अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया है। अफीम की खेती के खिलाफ चलाए गए व्यापक अभियान को उन्होंने “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता” बताया।

इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को किया गया नष्ट

राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया। उन्होंने बताया कि खूंटी जैसे संवेदनशील जिलों में स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से इस अभियान में भागीदारी की। उन्होंने ब्राउन शुगर को युवाओं के लिए घातक बताते हुए कहा कि अब सप्लाई चेन तोड़ने की दिशा में पुलिस पैडलर्स, डीलर्स और सप्लायरों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक ड्रग्स के विरुद्ध कुल 350 मामले दर्ज किए गए हैं और 318 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में किया जाए शामिल

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में शामिल किया जाए एवं NSS वालंटियर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

अभियान के तहत 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम किए गए आयोजित

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल ने बताया कि अफ़ीम की अफ़ीम की खेती से राज्य के 238 पंचायत प्रभावित हैं, जहां जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बीते दो हफ्तों में 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान 3,000 से अधिक स्कूलों में 22 लाख बच्चों को शामिल करते हुए विशेष अभियान चलाया गया। साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार, मास्टर ट्रेनर्स की तैयारी और यूनिसेफ की तकनीकी सहायता इस अभियान की खास विशेषताएं रहीं।

समाज कल्याण सचिव श्री मनोज कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह अभियान सिर्फ दंडात्मक नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित रहा। ड्रग्स पीड़ितों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए उन्हें पुनर्वास की दिशा में बढ़ाया गया है।

समारोह के अंत में जागरूकता अभियान में विशेष भूमिका निभाने वाले विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही resistjharkhand.gov.in पोर्टल का लोकार्पण भी हुआ। इस पोर्टल पर नशामुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां, जागरूकता सामग्री और राज्य की उपलब्धियों को समाहित किया गया है।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री राहुल पुरवार ,स्कूली शिक्षा सचिव श्री उमाशंकर सिंह, पर्यटन सचिव श्री मनोज कुमार, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री, आईजी असीम विक्रांत मिंज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

*Asia’s oldest football tournament now in five states as Imphal makes a comeback*

Sports

134th IndianOil Durand Cup

Sports Desk: Asia’s oldest football tournament, the IndianOil Durand Cup, will be back with its 134th Edition and for the first time in its storied history, be hosted in as many as five states with Manipur’s capital Imphal, making a comeback after a two-year gap. The Durand Cup Organising Committee also announced the dates for this year’s tournament to be between July 22- August 23, 2025.

Kokrajhar in Assam will extend their status as Durand Cup hosts for the third consecutive year while Jamshedpur in Jharkhand and Shillong in Meghalaya were added as hosts last year. The century-old tournament shifted its home base to Kolkata – the Mecca of Indian Football, and the capital of West Bengal, from Delhi back in 2019, and, will also continue to hold that status for a sixth consecutive edition.

Since its transition to the East, the Durand Cup has reinstated itself as the country’s premiere competition, growing from 16 teams to 24 teams, including participation from all the Indian Super League (ISL) teams.

Organised by the Eastern Command of the Indian Army on behalf of the three Services, the tournament is unique in the sense that it pits Services teams against India’s best football clubs and over the past couple of editions, has also seen foreign participation with Army teams from neighbouring nations.

The Indian Army’s stated vision of expanding the reach of the historic tournament throughout the East and North-East is also now fully reflected with the choice of host cities this year.

A total of six venues, two in Kolkata (Vivekananda Yuba Bharati Krirangan and Kishore Bharti Krirangan) and one each in Imphal (Khuman Lampak stadium), Ranchi (Morhabadi Stadium) or Jamshedpur (JRD Tata Sports Complex), Shillong (Jawahar Lal Nehru Stadium) and Kokrajhar (SAI Stadium) have been earmarked for the 134th IndianOil Durand Cup edition.

North East United FC are the defending champions having overcome maximum title-holders Mohun Bagan, in a thrilling final last year to get their historic maiden title.

Pic Courtesy by: Durand football society

बिरजिया जनजाति के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान पर होगा शोध, CUJ प्रोफेसर को मिली 18 लाख की ग्रांट

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के मानवशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शमशेर आलम को झारखंड की विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बिरजिया जनजाति पर शोध करने के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। उन्हें भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की ओर से इस महत्वपूर्ण शोध परियोजना के लिए 18 लाख रुपये की अनुसंधान ग्रांट स्वीकृत हुई है। यह परियोजना अगले दो वर्षों तक चलेगी और इसका मुख्य ध्यान बिरजिया समुदाय के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान और चिकित्सा पद्धतियों का गहन अध्ययन करना होगा।

डॉ. शमशेर आलम की इस शोध परियोजना का शीर्षक “Continuity, Challenges and Confluence of Health Policies and Modernization on Indigenous Medicinal Knowledge and Health Practices of Birjias of Jharkhand” है। 

इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य झारखंड के इस अत्यंत संवेदनशील और कम आबादी वाले बिरजिया समुदाय से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझना है। शोध के निष्कर्षों से नीति निर्माताओं को इस विशिष्ट समुदाय की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह शोध बिरजिया समुदाय के सदियों पुराने पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को लिपिबद्ध और संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो आधुनिकता की दौड़ में कहीं खोता जा रहा है।

बिरजिया जनजाति, जो झारखंड की सबसे छोटी जनजातीय आबादी में से एक है, भारत सरकार द्वारा PVTG श्रेणी में शामिल की गई है। यह श्रेणी उन जनजातियों को दी जाती है जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से अत्यधिक पिछड़े हुए हैं। ऐसे में, इस समुदाय के स्वास्थ्य और चिकित्सा पद्धतियों पर शोध करना न केवल अकादमिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इस समुदाय के समग्र विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

इस शोध परियोजना के अंतर्गत, डॉ. आलम और उनकी शोध टीम बिरजिया समुदाय के पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत दस्तावेजीकरण करेंगे। इसमें उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ, पारंपरिक उपचार विधियाँ और स्वास्थ्य संबंधी मान्यताएँ शामिल होंगी। इसके साथ ही, शोध में बिरजिया समुदाय द्वारा वर्तमान में सामना की जा रही स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का भी विश्लेषण किया जाएगा। आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच समन्वय की संभावनाओं का भी गहन अध्ययन किया जाएगा। शोधकर्ता यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में बिरजिया समुदाय के पारंपरिक ज्ञान को शामिल किया जा सकता है, जिससे उन्हें बेहतर और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

डॉ. शमशेर आलम को मिली यह ग्रांट न केवल उनके व्यक्तिगत शोध करियर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के लिए भी एक गौरव का विषय है। यह शोध परियोजना विश्वविद्यालय को जनजातीय अध्ययन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।

इस शोध के संभावित परिणामों को लेकर शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष न केवल बिरजिया समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने में सहायक होंगे, बल्कि अन्य जनजातीय समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को समझने और संरक्षित करने के लिए भी एक मॉडल के रूप में काम करेंगे। यह शोध आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान के बीच एक सेतु बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: निजी शिक्षण शुल्क, शिक्षकों की नियुक्ति और जेल नियमावली में बदलाव

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इन फैसलों में निजी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण, सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों के भोजन भत्ते में वृद्धि और नई जेल नियमावली का गठन प्रमुख हैं।

कैबिनेट ने Jharkhand Professional Educational Institutions (Regulation of Fee) Bill, 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इस विधेयक के लागू होने से राज्य के निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण को विनियमित किया जा सकेगा, जिससे छात्रों और अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रिपरिषद ने झारखण्ड सरकारी माध्यमिक (Secondary, Class 9-12) आचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति एवं सेवाशर्त्त नियमावली, 2025 को भी मंजूरी दे दी है। इस नियमावली के आने से राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों को लेकर स्पष्ट नियम बन सकेंगे।

युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के कैडेटो के शिविरों के दौरान भोजन भत्ता में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया है। इससे एनसीसी कैडेटों को शिविरों में बेहतर भोजन सुविधा मिल सकेगी।

मंत्रिपरिषद ने एक महत्वपूर्ण अनुशासनात्मक मामले में श्री कानु राम नाग, झा०प्र०से० (द्वितीय बैच) के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में दिए गए दंड "सेवा से हटाया जाना, जो सरकार के अधीन आगामी नियोजन के लिए निरर्हता नहीं होगी," को यथावत रखने की स्वीकृति दी है।

आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में, कैबिनेट ने मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए कुल ₹ 76,63,95,178/- के पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त प्राक्कलन पर पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही, विश्व बैंक संपोषित झारखण्ड म्युनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (JMDP) के अंतर्गत राजस्व वृद्धि के लिए सलाहकार चयन योजना की लागत राशि ₹ 10,70,70,160/- (GST सहित) पर भी पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करते हुए, मंत्रिपरिषद ने माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के विभिन्न वादों में पारित न्यायादेश के अनुपालन में संबंधित छह (06) सेवानिवृत्त लिपिकों की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी है। इसी क्रम में, उच्च न्यायालय के अन्य मामलों में पारित आदेशों के अनुपालन में श्री सुनील कुमार (पिता श्री शिव शंकर प्रसाद) एवं श्री सुनील कुमार (पिता श्री हनुमान सिंह) की सेवा भी नियमित करने की स्वीकृति दी गई है।

राज्य के अति विशिष्ट व्यक्तियों (VIP/VVIPs) के सरकारी उड़ान कार्यक्रम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए, मंत्रिपरिषद ने वित्त नियमावली के नियम-235 को शिथिल करते हुए नियम-245 के तहत मनोनयन के आधार पर M/s Redbird Airways Pvt. Ltd, New Delhi से ली जा रही विमान सेवा को समान दर एवं शर्तों के साथ छह (06) माह तक विस्तारित करने की स्वीकृति दी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, गिरिडीह जिलान्तर्गत "बड़कीटांड-तीनपलली-डोकीडीह-गिरनिया मोड़ पथ (कुल लंबाई-11.065 कि०मी०)" को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए पुनर्निर्माण कार्य के लिए ₹ 55,20,63,400/- की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना योजना से आच्छादित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त, हजारीबाग, दुमका और पलामू के चिकित्सा महाविद्यालयों में लिफ्टों के वार्षिक रख-रखाव एवं संचालन (AMC) के लिए Schindler India Pvt. Ltd. के मनोनयन को स्वीकृति दी गई है।

राज्य में व्यापार की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिपरिषद ने कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन हेतु कारखाना (झारखण्ड) संशोधन विधेयक, 2025 को स्वीकृति दी है।

केन्द्र प्रायोजित मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को Take Home Ration (THR) के निर्बाध वितरण को सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की अवधि 31 मई 2025 तक विस्तारित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।

धनबाद में एक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना के तहत, NH-32 पर स्थित रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) के चौड़ीकरण कार्य की निविदा में निगोशिएटेड राशि को स्वीकृति प्रदान करने के लिए निविदा प्रक्रिया में छूट दी गई है।

शराब के खुदरा बिक्री को विनियमित करने के लिए, मंत्रिपरिषद ने "झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 " के गठन को स्वीकृति दी है।

एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार के तहत, संप्रति लागू बिहार कारा हस्तक (झारखण्ड सरकार द्वारा अंगीकृत) को निरस्त करते हुए नये झारखण्ड कारा हस्तक-2025 (Jharkhand Jail Manual-2025) के प्रारूप को मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई है। यह नई जेल नियमावली राज्य की जेलों के संचालन और कैदियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

आज की मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

फर्जी विज्ञापन द्वारा युवाओं सेकिया जा रहा है ठगी का प्रयास,NHM निदेशक ने की अपील, किसी फर्जी विज्ञापन से रहे सावधान


झारखंड में एक तो बेरोजगारी चरम पर है।युवकों की नौकरी नहीं लग रही , jpsc और jssc पर तरह तरह के आरोप लग रहे है। जो परीक्षा संचालित किए जाते है उनपर पर्चा लीक होने का आरोप लग रहे है ऐसे में बेरोजगार की ठगने का नया हथकंडा अपनाया जा रहा है।

क्या है मामला

बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए ठग अलग-अलग हथकंडे अपनाते रहते हैं. मामला झारखंड में एक फर्जी वेबसाइट की है. जिसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी की जा रही है. इस फर्जी वेबसाइट पर झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति के नाम पर विभिन्न पदों की नियुक्तियों के लिए आवेदन मांग रही है.

NHM निदेशक ने की अपील

फर्जी विज्ञापन निकाल कर बेरोजगार युवाओं से परीक्षा फीस के नाम पर पैसे ऐंठने की जानकारी झारखंड के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच चुकी है. इस दौरान NHM के अभियान निदेशक अबु इमरान ने युवा वर्ग से अपील कर कहा कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने वाले फर्जी विज्ञापनों से सावधान रहें.

अभियान निदेशक को विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली थी कि ‘ई-औषधि’ नाम के एक फर्जी विज्ञापन के माध्यम से प्रोजेक्ट मैनेजर और अन्य पदों पर भर्ती निकाली गई है.जबकि ये विज्ञापन के तरफ से नही निकाला गया है।

विज्ञापन से विभाग का कोई लेना देना नहीं

अबू इमरान ने कहा कि इस विज्ञापन से झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग और इसके अनुषंगी इकाइयों का कोई लेना देना नहीं है. यह विज्ञापन फर्जी है और राज्य के बेरोजगार युवा इस फर्जी विज्ञापन के झांसे में न आएं. अभियान निदेशक अबु इमरान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जांच और कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

विभाग की ये है प्रक्रिया

अबु इमरान ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और इसके अनुषंगी इकाइयों में भर्ती विज्ञापन आईपीआरडी द्वारा जारी की जाती है. विज्ञापन की जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड की अधिकृत वेबसाइट https://jrhms.jharkhand.gov.in/ पर भी दी जाती है.

इस वेबसाइट को बताया फर्जी

झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से बताया गया है कि e-aushadhijharkhand.online यह एक फर्जी वेबसाइट है. इस संदर्भ में आयुष निदेशालय की निदेशक सीमा उदयपुरी ने भी स्पष्ट किया है कि आयुष निदेशालय के द्वारा e-aushadhi के लिए कोई भी नियुक्तियां नहीं निकाली गई है।

परीक्षा और नियुक्ति के लिए न ही किसी तरह की राशि की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि e- aushadhijharkhand.online वेबसाइट पर दिए गए सभी नियुक्ति फर्जी हैं और आयुष निदेशालय द्वारा ऐसी कोई भर्ती नहीं की जा रही है. यह वेबसाइट पूर्ण रूप से फर्जी है.