*जिला अस्पताल, पांच माह अल्ट्रासाउंड बंद, मरीज परेशान*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड पांच महीने से बंद है। अल्ट्रासाउंड बंद होने से प्रसूताओं को निजी सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराना होना है। जहां उन्हें 450 से 500 रुपये का भुगतान करना होता है। दो माह पहले अस्पताल प्रशासन ने नई अल्ट्रासाउंड की मांग की थी, लेकिन अब तक उसकी कोई व्यवस्था नहीं हुई है। अस्पताल में चिकित्सक हर दिन 15 से 20 अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा जाता है।महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय करीब दो से ढाई लाख की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराता है। अस्पताल में कुछ ऐसी खामियां है जिनसे मरीजों को परेशानी हो रही है। यहां पांच महीनों से खराब अल्ट्रासाउंड सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरी है। अस्पताल में हर दिन 700 से 800 मरीजों की ओपीडी होती है। इसमें रोजाना 100 के करीब महिलाओं की प्रसव संबंधी ओपीडी होती है। अस्पताल के लेबर कक्ष में महिलाओं की जांच-पड़ताल तो होती है, लेकिन समय-समय पर चिकित्सक उन्हें अल्ट्रासाउंड की भी सलाह देते हैं।चिकित्सक हर दिन 15 से 20 अल्ट्रासाउंड लिखते हैं। जिसमें प्रसूताओं के साथ अन्य मरीज भी होते हैं। अप्रैल महीने से ही खराब पड़े अल्ट्रासाउंड के कारण प्रसूताओं को निजी सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराने जाना होता है। निजी सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड का 450 से 500 रुपये खर्च आता है। दो माह पहले जिला अस्पताल की ओर से नई मशीन की मांग शासन से की गई थी, लेकिन इस पर अब तक पहल नहीं हो सकी है। सौ शय्या की अल्ट्रासाउंड मशीन भी नहीं चली जिला चिकित्सालय का अल्ट्रासाउंड सेंटर अप्रैल के पहले सप्ताह में खराब हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने संबंधित कंपनी से इंजीनियर को बुलवाया। इंजीनियर घंटों मशक्कत किया, कुछ पार्ट लेने का हवाला देकर वापस चला गया। अस्पताल प्रशासन ने दोबारा कंपनी के इंजीनियर को बुलाया। इंजीनियर मशीन नहीं ठीक कर पाया। इसके कुछ दिन बाद उच्चाधिकारियों के स्वीकृति पर सौ शय्या अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई गई। वहीं भी नहीं चल सकी। ज्ञानपुर। जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड बंद होने के कारण निजी सेंटरों को लाभ हो रहा। जिला अस्पताल औसतन हर दिन 20 अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा जाता है। मशीन न चलने के कारण वे निजी सेंटरों पर पहुंचते हैं। जहां अल्ट्रासाउंड का 500 रुपये शुल्क निर्धारित है। इस लिहाज से एक दिन में 10 हजार और पांच महीने में 15 लाख रुपये प्रसूताओं को खर्च करने पड़े, जबकि अस्पताल में मशीन होता है तो यह सुविधा निशुल्क मिलती।
पांच महीने पहले अल्ट्रासाउंड खराब होने के बाद लगातार नई मशीन के लिए प्रयास किया जा रहा है। दो माह पूर्व पत्राचार किया गया है। मशीन आने पर ही अस्पताल में प्रसूताओं का अल्ट्रासाउंड हो सकेगा। -- डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस जिला चिकित्सालय।
Sep 06 2024, 08:27